Tuesday, January 28

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 23 अगस्त, 22 आज दिनांक 23-08-2022 को संस्कृत विभाग द्वारा संस्कृत दिवस का आयोजन किया गया। इस समारोह में मुख्य तीन कार्यक्रम काव्यपाठ, शास्त्रचर्चा, एवं नृत्यकला हुए।कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो. वीरेन्द्र कुमार अलंकार द्वारा की गई। कार्यक्रम का शुभारम्भ वैदिक मंगलाचरण से किया गया। विभाग के सदस्य डॉ. शिवाजी पाण्डेय ने अपने विचार रखते हुए संस्कृत के विभिन्न पक्षों का दिग्दर्शन कराया। संकाय सदस्य सत्यन् ने संस्कृत भाषा के व्यावहारिक पक्ष के महत्त्व को दर्शाते हुए संस्कृत की सार्वभौमिकता से अवगत कराया। विभाग के अध्यापक विजय भारद्वाज ने संस्कृत को आधुनिक परिप्रेक्ष्य से जोडते हुए उसकी मौलिकता और अपरिहार्यता के वर्तमानयुगीन महत्त्व से छात्रों को प्रेरित किया। विभागाध्यक्ष प्रो. वीरेन्द्र कुमार अलंकार ने संस्कृत के गौरव को प्रस्तुत करते हुए संस्कृत में शब्दभण्डार, काव्यसृजन शक्ति, संस्कार, नैतिकता एवं शुद्ध उच्चारण की अपार सम्भावनाओं को बताया तथा सरल विधि से संस्कृत में नूतन कविता की सर्जना भी सिखायी। समारोह की विभिन्न प्रस्तुतियाँ यथा काव्यपाठ में नरेश, रजनीकान्त, कार्तिक, अभिषेक, सीमा, अञ्जलि तथा शास्त्रचर्चा में अंशुल, नीलम, पिंकु, रोहित एवं नृत्यकला में मैना, सीमा, अञ्जलि आदि ने भाग लिया। कार्यक्रम के अन्त में प्रो. अलंकार ने उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद करते हुए संस्कृत के संरक्षण में सतत प्रयत्नशील होने की प्रेरणा दी।

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जेपी नड्‌डा ने कॉलेज के दिनों को किया यादपुरानी यादें को लेकर विश्वविद्यालय को गौरवान्वित करने पहुंचे पूर्व छात्रविश्व विद्यालय के पूर्व…

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Koral ‘Purnoor’, Demokretic Front, Chandigarh August 17, 2022 आज दिनांक 17.04.2022 को संस्कृत तथा उर्दू विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ द्वारा ‘भाषा संवाद’ कार्यक्रम के अन्तर्गत “भारतीय स्वाधीनता में भारतीय भाषाओं का योगदान, (उर्दू के विशेष सन्दर्भ में)” विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन संस्कृत विभाग में किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में उर्दू विभाग के अध्यक्ष डॉ. अली अब्बास ने उर्दू साहित्यकारों की कविताओं के माध्यम से स्वतन्त्रता आन्दोलन में किये गये योगदान के महत्त्व पर विशेष चर्चा की। डॉ. अब्बास ने प्रसिद्ध शायर गालिब से लेकर इकबाल तक के सभी कवियों का परिचय देते हुए उनके भाषाशास्त्रीय योगदान तथा भाषाओं के अन्तःसम्बन्ध की सुन्दर व्याख्या की। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. वीरेन्द्र कुमार अलंकार ने भारतीय भाषाओं के योगदान पर जानकारी देते हुए कहा कि स्वतन्त्रता आन्दोलन के समय लाहौर से एक पत्रिका प्रकाशित होती थी, जिसका संस्कृत शीर्षक वन्दे मातरम् होते हुए भी भाषा उर्दू होती थी। प्रो. अलंकार ने भारत की उन्नति और विकास के लिए सभी भाषाओं के साहित्य को एक साथ मिलकर आगे बढने की ओर प्रेरित किया। कार्यक्रम के अन्त में उपस्थित उर्दू व संस्कृत विभाग के अध्यापक, शोधच्छात्र एवं स्नातकोत्तर छात्रों का धन्यवाद करते हुए भारतीय साहित्य संरक्षण में विशेष ध्यान देने की चर्चा की।  

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डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता चंडीगढ़  – 16 अगस्त, 22 :   संगीत विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय ने 76वें स्वतंत्रता दिवस पर “आजादी का अमृत महोत्सव”…

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डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता चंडीगढ़  – 16 अगस्त, 22 : उर्दू विभाग ने रूसी विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के सहयोग से 75वें स्वतंत्रता दिवस…

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डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता चंडीगढ़  – 16 अगस्त, 22 :  स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ ने पंजाब विश्वविद्यालय…

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