हजारों विद्यार्थियों का तुरंत नतीजे ऐलान करे एमआरएस-पीटीयू – हरपाल सिंह चीमा
- पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप की सरकार की ओर बकाया खड़ी 1,850 करोड़ रुपए की राशि ने विद्यार्थियों का भविष्य किया अंधकारमय –आआपा
- 1 हजार से अधिक कालेजों के परीक्षा फीसें न भुगतान करने पर यूनिवर्सिटी ने रोके नतीजे
राकेश शाह, चण्डीगढ़ – 7 मई 2020
आम आदमी पार्टी (आआपा) पंजाब के सीनियर और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने महाराजा रणजीत सिंह पंजाब टैकनिकल यूनिवर्सिटी (एमआरएस-पीटीयू) बठिंडा की ओर से अपने मान्यता प्राप्त कालेजों के हजारों विद्यार्थियों के नतीजे रोकने का सख्त नोटिस लिया है। यूनिवर्सिटी के इस फैसले से करीब 2000 विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। ऐसे फैसलों के कारण कोरोना-वायरस के इस नाजुक हलातों में विद्यार्थियों और उनके परिवारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान में हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि उनके साथ कुछ प्रभावित विद्यार्थियों ने संपर्क कर जानकारी दी है कि करीब 1,012 कालेजों ने यूनिवर्सिटी को परीक्षा फीसों का भुगतान नहीं किया। जिस कारण यूनिवर्सिटी ने नतीजा ऐलान करने पर रोक लगा दी है।
चीमा ने कहा कि दूसरी तरफ इन कालेजों की पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप (पीएमएस) स्कीम के अधीन लगभग 1850 करोड़ रुपए की राशि सरकार की तरफ बकाया है और जब तक सरकार बकाया रकम का भुगतान नहीं करती, उस समय तक कालेज यूनिवर्सिटी को फीस अदा नहीं कर रहे, विद्यार्थी इस चक्की में बेवज़्हा पीस रहे हैं। इस लिए मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को इस मामले में तुरंत दखल देना चाहिए।
चीमा ने कहा कि सरकारों की गलत नीतियों और नियतों से हजारों छात्रों और शिक्षा संस्थाएं अनावश्यक समस्याओं का सामना कर रही हैं। इस की मिसाल यह है कि साल 2015 में तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार ने इन्द्र कुमार गुजराल पंजाब टैकनिकल यूनिवर्सिटी जालंधर को दो हिस्सों में बांटा था। जिस में कुछ कालेज आईकेजी-पीटीयू के अधीन थे और कुछ कालेज नई बनी एमआरएस-पीटीयू बठिंडा के अधीन थे। तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार ने आईकेजी-पीटीयू को नई बनी यूनिवर्सिटी के साथ कुछ फंड सांझे करने के लिए कहा था, परंतु आईकेजी-पीटीयू ने अपने फंड़ को सांझा करने से इन्कार कर दिया, जिस कारण एमआरएस-पीटीयू पहले से ही बड़े वित्तीय संकट में से गुजर रही है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि एक तरफ एआईसीटीई और देश की ओर चोटी की शैक्षिक संस्थाओं विद्यार्थियों से कोई फीस न लेने का सुझाव दे रही हैं और कालेजों को स्टाफ की तनख्वाह अदा करने के निर्देश दे रही हैं जबकि दूसरी तरफ एमआरएस-पीटीयू ने इन विद्यार्थियों के नतीजों को रोका हुआ है।
विपक्ष के नेता चीमा ने कहा कि यदि कालजिस यूनिवर्सिटी को भुगतान करन में असफल रहती है तो इस में विद्यार्थियों का क्या कसूर है और लॉकडाउन के कारण उन की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है और साथ ही यूनिवर्सिटी अब पिछले समैस्टर के नतीजों का ऐलान भी नहीं कर रही है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि एक तरफ पंजाब सरकार बड़ी वित्तीय संकट का सामना कर रही है, जबकि दूसरी तरफ पंजाब सरकार एक ही काम पर दोगुनी रकम खर्च रही है।