राजियासर में राजकीय महाविद्यालय खोलो, महापंचायत का सिंहनाद : बजट में घोषणा हो

            महापंचायत में सभी राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों के लोग काफी संख्या में एकत्रित हुए। मंच पर जोशीले भाषण हुए। सभी ने कहा कि समिति जो भी कार्यक्रम करेगी उसमें उपस्थित रहेंगे।वक्ताओं की ओर से यह भी कहा गया कि आगामी चुनाव में भी यह महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।

  करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, राजियासर/ सूरतगढ़ – 6 दिसम्बर :

            सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र राजियासर में राजकीय महाविद्यालय खोलने की मांग को लेकर राम मंदिर क्षेत्र में महापंचायत जुड़ी। महापंचायत में राजियासर क्षेत्र के और सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र के संघर्षशील लोग जुटे जो विभिन्न राजनीतिक दलों एवं समाजसेवा से जुड़े हैं।

            राजियासर के आसपास के गांवों में पिछले करीब 25 दिनों से लोगों को जगाने का कार्य करते हुए इस महापंचायत में उपस्थित होने की अपील की गई। यह अपील राजियासर में राजकीय महाविद्यालय खुलवाने की मांग कर रही समिति की ओर से की गई। इस समिति के अध्यक्ष सुमित चौधरी और अन्य कार्यकर्ताओं ने दिनरात एक कर महापंचायत बुलाई थी। इलाके के बुजुर्ग काफी संख्या में आए। छात्राओं की संख्या भी काफी थी। महाविद्यालय खोलने की मांग के नारे लगाते हुए छात्रों की तीन टोलियां महापंचायत में पहुंची जिससे माहौल उत्साह से भर उठा।

            महापंचायत में सभी राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों के लोग काफी संख्या में एकत्रित हुए। मंच पर जोशीले भाषण हुए। सभी ने कहा कि समिति जो भी कार्यक्रम करेगी उसमें उपस्थित रहेंगे।वक्ताओं की ओर से यह भी कहा गया कि आगामी चुनाव में भी यह महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।

            सभी वक्ताओं का एक ही कथन था कि सन् 2023 के विधानसभा  चुनाव से पहले यह मांग राज्य सरकार तक पहुंचाई जाए और यह मुद्दा बनाया जाए कि सरकार अगले बजट 2023 में मांग की पूर्ति के लिए राजकीय महाविद्यालय राजियासर में खोलने की घोषणा करे और बजट में प्रस्ताव रखें। 

            महापंचायत के बाद एक ज्ञापन राज्य सरकार को भिजवाने के लिए नायब तहसीलदार को सौंपा गया। सभा स्थल से उप तहसील तक लोग और छात्र पैदल नारे लगाते हुए पहुंचे।

महापंचायत को छात्र नेता रहे नरेंद्र घिंटाला, बलराम वर्मा, राकेश बिश्नोई, मोहन पूनिया, गगनदीप सिंह विरिंग,अमित कड़वासरा,अमित कल्याणा,महेंद्र सिंह भादू, पूर्व विधायक गंगाजल मील, पत्रकार भानीराम गोदारा, पत्रकार करणी दान सिंह राजपूत, एडवोकेट सखी मोहम्मद, राजस्थानी भाषा के साहित्यकार पत्रकार मनोज कुमार स्वामी, जिला परिषद सदस्य राजेश भादू, अंकुश गाबा, समिति अध्यक्ष सुमित चौधरी, सुभाष सिहाग,संदीप कासनिया आदि ने संबोधित किया।

            नरेन्द्र घिंटाला ने सबसे पहले संघर्ष की सहायता के लिए 11 हजार रूपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि संघर्ष करने के लिए आर्थिक सहायता जरूरी है। इसके बाद में राकेश बिश्नोई और सुभाष सिहाग ने भी अपने वक्तव्यों में 11,11 हजार रूपये देने की घोषणा की। 

             सभा में पंचायत समिति डायरेक्टर पेपसिंह राठौड़,द्वारका प्रसाद  लखोटिया, एडवोकेट हितेंद्र सारस्वत,पूर्व सरपंच बलदेव गोदारा,नत्थूराम गोदारा, राधेश्याम ओझा, पेमाराम सहारण,भागीरथ स्वामी और अनेक बुजुर्ग नेता उपस्थित थे।

राजियासर में राजकीय महाविद्यालय की मांग को समर्थन: वृतांत सूरतगढ़ में मिली सफलता का

करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ – 5 दिसंबर :

            सूरतगढ़ तहसील की उप तहसील राजियासर अधिकांश क्षेत्र टिब्बा क्षेत्र है शिक्षा की बहुत कमी है क्योंकि जितने स्कूल होने चाहिए उतने नहीं है। जो स्कूल है उनमें बहुत सी सुविधाएं नहीं है। ऐसे समाचार समय-समय पर क्षेत्र के 2 बड़े अखबारों राजस्थान पत्रिका और दैनिक भास्कर में छपते रहे हैं और हमारे जैसे लोग पढ़ते रहे हैं। राजियासर में  राजकीय महाविद्यालय खोलने की मांग को लेकर छात्र आगे आए हैं। यह देश जिसमें शिक्षा भी दी नहीं जाती पढ़ने वाले लोग शिक्षा मांगते हैं, बस यही सबसे बड़ा दुर्भाग्य है।

             कोई समय था श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर केवल एक ही राजकीय महाविद्यालय होता था। उस समय हनुमानगढ़ जिला बना नहीं था। आप सभी कल्पना कर सकते हैं कि इतने बड़े विशाल जिले में केवल एक राजकीय महाविद्यालय श्रीगंगानगर में था। एक महाविद्यालय में कितने छात्र जिनके पास बहुत कम पैसा हो परिवार के पास बहुत कम पैसा हो कितने पढ़ सकते हैं? राजकीय महाविद्यालयों में सीटों की हमेशा कमी और हर साल आंदोलन होते रहते हैं?

            ये सभी परिस्थितियां और स्थितियां राजनीतिक दल इलाके के राजनीतिक नेता जानते हैं समझते हैं। उस पर कितना काम करते हैं यह मैं बोलूं या बताऊं अच्छा नहीं लगेगा।

आज से 50 वर्ष पहले मैं सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय खोलने की मांग से जुड़ा हुआ एक व्यक्ति हूं।

            सेठ राम रामदयाल राठी राजकीय उच्च मा माध्यमिक विद्यालय में हायर सेकेंडरी यानि कि 11 कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद केवल इसलिए उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाया कि सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय नहीं था।  उस समय तो कोई प्राइवेट भी नहीं था। यदि हमारे परिवार के पास में पूंजी होती तो मैं निश्चित रूप से 1963 के बाद उच्च शिक्षा के लिए बीकानेर या बड़ी जरूर पहुंचता लेकिन पहुंच नहीं पाया।

             सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय खोलने की मांग को लेकर विद्यार्थियों ने बीड़ा उठाया। यह सन 1972 की बात है। 50 वर्ष पहले की बात है। आप सभी आश्चर्यचकित होंगे कि विद्यार्थियों में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए संघर्ष का बीड़ा उठाने का जोश उस समय भी था और आज भी वैसा ही जोश चल रहा है।

            सन 1972 में विद्यार्थियों ने जो आंदोलन चलाया था। उससे उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा था इसलिए गुरुशरण छाबड़ा और हमारे जैसे सूरतगढ़ के और भी जोशीले लोगों ने मांग का समर्थन किया। विद्यार्थियों के उस आंदोलन को गुरुशरण छाबड़ा मेरे जैसे लोगों ने ले लिया।  विद्यार्थियों को कहा कि आप पढ़ें।इस आंदोलन को हम चलाएंगे।

            रेलवे स्टेशन सूरतगढ़ के आगे हमारा टेंट लगा जहां प्रतिदिन दो व्यक्ति क्रमिक अनशन पर बैठते थे। उस समय पत्रकारिता के साथ में आजीविका के लिए पुस्तक पत्र पत्रिकाएं आदि विक्रय करने की दुकान भी चलाया करता था। खुद पढता और समाचार भी भेजता भी था। जो जो दुकान पुस्तकों की हम चला रहे थे उसमें एक बार सुबह अगरबत्ती जला कर पूजा करके और फिर से बंद करके और उस टेंट में आ जाया करते थे। एक जोश था दुकान बंद हो जाती थी उसका अफसोस नहीं था।

            आंदोलन चलाते 3 महीने बीते। हमारे गले में आ गई थी। आगवानी करने में गुरुशरण छाबड़ा और मेरे जैसे लोग थे। पत्र लिखने का कार्य समाचार भेजने का कार्य मांग पत्र आदि भेजने का कार्य सुंदर हस्तलिपि के कारण मैं ही किया करता था। 3 महीने बीतने के बाद में ऐसा महसूस हुआ कि इस आंदोलन को और ज्यादा खींचा नहीं जा सकता।

            गुरुशरण छाबड़ा जी जयपुर गए, शिक्षा मंत्री से मिले। शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया और वह आश्वासन तार के मार्फत करीब  4:30 बजे मुझे मिला और शाम को 5:00 बजे बिना भीड़भाड़ वाली एक सभा हुई। मैंने मंच से घोषणा की कि आंदोलन को स्थगित किया जाता है हमें आश्वासन मिल गया है। आप क्या कहेंगे? स्पष्ट शब्दों में टेंट उठाने की कार्रवाई थी। यही एक सच था। उस सच्च को छिपा करके भी मैं क्या करूं। संघर्ष करने वाले आगे बढ़ते हैं पीछे हटते हैं बीच में रुकते हैं अलग अलग परिस्थितियां होती है लेकिन संघर्ष जारी रहता है और कामयाबी भी दिलाता है।

*             सन 1977 आया। आपातकाल के बाद चुनाव हुए। जनता पार्टी का राज आया। सूरतगढ़ से गुरुशरण छाबड़ा विधायक चुने गए।

 * माननीय भैरों सिंह शेखावत राजस्थान के मुख्यमंत्री चुने गए। उस दिन मैं जयपुर में ही था।   भैरों सिंह जी शेखावत का परिणाम शाम को घोषित हुआ।

** तब हमने यह तय किया कि रात को ही मुख्यमंत्री जी से मिला जाए रात के करीब 10:00 बजे बाद विधायक गुरुशरण छाबड़ा मैं करणी दान सिंह राजपूत और जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष राजा राम कड़वासरा निवासी मानकसर भैरोंसिंह जी के निवास पर पहुंचे। राजस्थान का शेर भैरोसिंह और कल्याण सिंह कालवी उस समय भोजन कर रहे थे।     

            हमने उसी समय यह बात की।सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र में हमने जो चुनाव लड़ा है वह कॉलेज की मांग को लेकर लड़ा है। जनता को विश्वास दिलाया कि हमारी जीत होने पर हम कॉलेज यहां खुलवा देंगे इसलिए आज हम आपको बधाई के साथ यह मांग भी प्रस्तुत कर रहे हैं कि हमें सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय चाहिए।

            भैरों सिंह शेखावत हमेशा तुरंत जवाब देने वाले मजाकिया मूड में थे। उन्होंने कहा कि कोई और मांग तो नहीं है,बाद में कुछ और भी मांगोगे। हमने कहा कि नहीं हमें राजकीय महाविद्यालय ही चाहिए। हमारी ओर कोई मांग नहीं है।गुरुशरण जी छाबड़ा को और कोई पद नहीं चाहिए। माननीय भैरों सिंहजी ने कहा कि जब राजकीय महाविद्यालय खोलने की बात आएगी तो सूरतगढ़ के अंदर राजकीय महाविद्यालय खोलने को प्राथमिकता दी जाएगी।

            भैरों सिंह शेखावत से जब हम बात कर रहे थे उस समय जयपुर से विधायक चुनी हुई डॉक्टर उजला अरोड़ा भी मौजूद थी। उन्होंने 6 दिन से आमरण अनशन कर रहे एक ग्रुप को जूस पिलाकर उठाने का निवेदन माननीय मुख्यमंत्री से किया। शेखावत जी ने कहा कि जब 6-7 दिन में कुछ नहीं हुआ तो रात भर और निकाले।  अगले दिन             उनको ढोल धमाके के साथ में उठाएंगे तो लोगों को पता लगेगा और जो अनशन कारी बैठे हैं उनको भी आनंद आएगा। ऐसा ही हुआ। यह घटना इसलिए यह बता रहा हूं कि भैरो सिंह कितने उच्च सोच के व्यक्ति थे।

            शेखावत जी जब सूरतगढ़ आए तब भी हमारी मांग फिर राजकीय महाविद्यालय की थी और उस मांग में एक और मांग हमने जोड़ी कि हम 1970 से जिले की मांग कर रहे हैं। सूरतगढ़ को जिला बनाया जाए। शेखावत जी का भोजन गुरु शरण जी छाबड़ा विधायक के निवास पर ही था। वहां पर फिर एक लिखित मांग पत्र राजकीय महाविद्यालय का दिया गया।

             हमारी वर्षों की मांग पूरी हुई। राजकीय महाविद्यालय सूरतगढ़ में स्थापित करने के लिए हमने और बहुत सी कार्यवाहियां पूरी की।  मांग सरकार पूरी करती है लेकिन उसमें बहुत सी खाना पूर्ति भी बहुत से उद्देश्य पूरे करने होते हैं। उस समय माननीय ललित किशोर जी चतुर्वेदी उच्च शिक्षा मंत्री थे। गुरुशरण छाबड़ा के और मेरे अनन्य मित्र जो आज नोटरी और वकील का कार्य कर रहे हैं, एनडी सेतिया जी उस समय जयपुर पढ़ रहे थे।छाबड़ा जी के साथ थे।

             उनका एक फोन मैसेज आया। उस दिन रविवार था। एक उपनिदेशक आ रहे हैं जयपुर एक्सप्रेस से हनुमानगढ़ उतरेंगे 9:30 बजे सूरतगढ़ के अंदर एक बैठक करें और वे एक प्रोफॉर्मा लेकर आ रहे हैं उसकी पूर्ति करवाएं तभी कॉलेज खोला जा सकेगा। मुझे 9:00 बजे यह संदेश मिला केवल आधा घंटा बाकी था और इसी अवधि के अंदर लोगों को एकत्रित किया गया। हमारी बैठक सेठ रामदयाल राठी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में हुई। उसमें बड़ा महत्वपूर्ण प्रश्न आया जिसका लिखित विश्वास समय देना था ,जितने छात्र प्रवेश लें 20% छात्राएं होनी आवश्यक है। यह गारंटी उस समय दी थी। हमें सफलता प्राप्त हुई। सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय खोलने की स्वीकृति मिली। प्रोफेसर केदारनाथ जी के हाथों शिलान्यास हुआ। राजकीय महाविद्यालय की स्थापना हुई। हम बहुत प्रसन्न हुए। हमारे पास महाविद्यालय के लिए भवन नहीं था ऐसी स्थिति में सन् 1977 में सेठ रामदयाल राठी राजकीय माध्यमिक विद्यालय में महाविद्यालय की टीडीसी प्रथम वर्ष की कक्षा शुरू की। उसके बाद सारड़ा धर्मशाला किराए पर ली।

* राजकीय महाविद्यालय के लिए 5 कमरों का एक भवन बनाने के लिए कमेटी बनाकर चंदा इकट्ठा किया गया और उसका निर्माण किया गया।

            सोहन लाल जी रांका को उसका पहला अध्यक्ष बनाया गया। मेरे एक मित्र जो आज संसार में नहीं है छगनमल सेठिया कोषाध्यक्ष बने।हमने प्रयत्न करके हमारे भवन को सार्वजनिक निर्माण विभाग के सुपुर्द करवाया।

             उसके बाद से आज तक राजकीय महाविद्यालय में विभिन्न प्रकार की शिक्षाएं शुरू हैं। करीब 17-18 सौ विद्यार्थी उसमें पढ़ रहे हैं। राजकीय महाविद्यालय का नाम आज स्वर्गीय गुरुशरण छाबड़ा राजकीय महाविद्यालय किया जा चुका है। सन 2019 के बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस महाविद्यालय का नाम गुरुशरण छाबड़ा महाविद्यालय रखा।  राजकीय महाविद्यालय में हजारों लोग पढ़ चुके हैं।

            मैं आशा करता हूं कि राजियासर के अंदर भी राजकीय महाविद्यालय खुलेगा और इस क्षेत्र के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर उन्नत पदों पर पहुंचेंगे। मेरी तो एक कामना और भी है कि राजियासर उप तहसील है इलाके को देखते हुए जो क्षेत्र विकसित हो रहे हैं उसे देखते हुए तहसील की स्थापना हो तो और अच्छा विकास हो सकेगा। प्रशासनिक दृष्टि से भी इस इलाके को लाभ मिलेगा।

             विद्यार्थियों की ओर से 6 दिसंबर को महापंचायत का आवाहन किया हुआ है।  उस महापंचायत में मैं भी अपनी उपस्थिति रखूंगा। छात्र विजयी होंगे यही कामना करता हूं। जो भी सरकार आएगी हम उस सरकार के सामने             अपनी मांग रखेंगे।

विद्यार्थियों का साथ भरपूर कोशिश से दूंगा जो इस 78 की चलती उम्र में दे सकता हूं,उससे अधिक देने की कोशिश करूंगा।  

 एचएयू के गृह विज्ञान महाविद्यालय में फेवीक्रिल ट्रेनिंग का हुआ समापन 

पवन सैनी,  डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार  –  05 दिसंबर :


                        चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के इंदिरा चक्रवर्ती गृह विज्ञान महाविद्यालय की छात्राओं  के लिए फेवीक्रिल की तीन दिवसीय ट्रेनिंग आयोजित की गई जिसमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष की छात्राएं शामिल थी। यह कार्यक्रम महाविद्यालय की अधिष्ठाता एवं परिवारिक संसाधन प्रबंधन विभाग की अध्यक्ष डॉ. मंजु महता की देखरेख में आयोजित किया गया।

            उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग कराने का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को पढ़ाई के अलावा प्रैक्टिकल तौर पर शिक्षा देना भी है। इसी मंतव्य से खेल विधि के साथ पढ़ाई को रोचक बनाने के लिए इस तरह की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, ताकि विद्यार्थियों में शुरूआती दौर से ही प्रैक्टिकल शिक्षा ग्रहण करने की क्षमता बेहतर हो सके। ट्रेनिंग में &0 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया।


                        फेवीक्रिल पीडी लाइट इंडस्ट्री की अध्यापिका सुमन ने ट्रेनिंग के दौरान ग्लास पेंटिंग, क्ले आर्ट ब‘चों को सिखाया। उन्होंने बताया कि अपने हाथों से जब विद्यार्थी किसी वस्तु को तैयार करते हैं तो उनको प्रकृति की समझ बेहतर तौर पर हो जाती है।

दिवंगत आत्मा की शांति हेतु श्री सुखमनी साहिब पाठ का हुआ आयोजन

सुशील पंडित,डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 05 दिसंबर :

            गुरू नानक गर्ल्स कॉलेज, यमुनानगर में श्री सुखमनी साहिब पाठ का आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालय प्रबंधन समिति ,शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक सदस्यों सहित सभी छात्राएं  सम्मिलित हुईं।यह पाठ  दिवंगत छात्रा मानसी की स्मृति व उसकी आत्मा की शांति के लिए किया गया ।

            महाविद्यालय को मानसी के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख है। वह इस दुख के समय में उसके परिवार वालों के साथ है और अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता है ।

विश्व दिव्यांग दिवस: ओंकार चैरिटेबल फाउंडेशन और देव समाज कॉलेज ऑफ एजुकेशन ने चलाया जागरूकता अभियान

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ 

            विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर आज शनिवार को समाजसेवी संस्था ओंकार चैरिटेबल फाउंडेशन और देव समाज कॉलेज ऑफ एजुकेशन सेक्टर 36 के आपसी सहयोग से एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्था के चेयरमैन रविंद्र सिंह बिल्ला, कॉलेज प्रिंसिपल इग्निस ढिल्लों सहित चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार के प्राइवेट सेक्रेटरी जी डी शर्मा, यू टी गेस्ट हाउस के असिस्टेंट डायरेक्टर डैनियल, सृष्टि कर्मा फाउंडेशन के प्रेसिडेंट हरचरण सिंह, ओंकार चैरिटेबल फॉउंडेशन की सेक्रेटरी अस्तिन्दर कौर, सृष्टि कर्मा फाउंडेशन की सेक्रेटरी रवनीत कौर सहित जी एम सी एच सेक्टर 32 की डॉक्टर टीम उपस्थित थी।

                  कॉलेज परिसर में आयोजित जागरूकता अभियान के दौरान योगा थेरेपिस्ट और सृष्टि कर्मा फाउंडेशन के प्रेसिडेंट हरचरण सिंह एक मेडिटेशन सत्र भी आयोजित किया गया। तत्पश्चात जी एम सी एच की विशेषज्ञ डॉक्टर गुरजीत कौर और उनकी टीम द्वारा डिसएबिलिटी पर चर्चा की गई और इसके विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। वहीं इस दौरान डाउन सिंड्रोम पीड़ित अशनूर कौर की माता कुलवंत कौर ने भी कार्यक्रम में शिरकत की और इसके लीगल पहलुओं चर्चा करते हुए गवर्नमेंट से मिलने वाली विभिन्न सेवाओं पर प्रकाश डाला।

            चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार के प्राइवेट सेक्रेटरी जी डी शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि हर साल 3 दिसंबर को समूची दुनिया में ‘विश्व दिव्यांग दिवस’ (World Disability Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य मकसद है- दिव्यागों के प्रति लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करना।

            देव समाज कॉलेज ऑफ एजुकेशन की प्रिंसिपल इग्निस ढिल्लों ने आयोजित कार्यक्रम में संस्थान के स्टूडेंट्स और कर्मचारियों से विकलांगता के अभिशाप को दूर किए जाने के लिए की जा रही कोशिशों में सहयोग दिए जाने का प्रण लिया। इग्निस ढिल्लों ने दिव्यांगों की मदद के लिए सभी वर्गों के लोगों से आगे आने के लिए प्रेरित किया।

            रविंदर सिंह बिल्ला ने अपने विचार और चिंताओं को साझा किया कि कैसे हम दुनिया को विकलांग लोगों के लिए एक बेहतर जगह बना सकते हैं।

 क्लैट की तैयारी कर रहे छात्रों का कराया गया नेशनल लेवल मॉक टेस्ट 

  • टॉपर्स को दिए गए आईपैड

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ 

            यूजी कोर्स की तैयारी के लिए लीडिंग कोचिंग सेंटर में शुमार प्रथम टेस्टप्रेप ने क्लैट  और आईलेट  एस्पीरेंट्स के लिए ऑल इंडिया ओपन मॉकटेस्ट का आयोजन किया है. ये टेस्ट ऑफलाइन आयोजित किया गया. इस नेशनल लेवलमॉक टेस्ट एग्जाम का मकसद छात्रों को क्लैट और आईलेट के लिए तैयार करना था, ताकि वो अच्छी रैंक और परसेंटाइल पा सकें. इस टेस्ट में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को जीके क्रो निकल्स का फ्री एक्सेस भी दिया गया. जीके क्रोनिकल्स में मंथलीजीकेपीडीएफ होती है जिसमें 300 जीकेपैसेज, 1500 एमसीक्यू होते हैं. इसके अलावा प्रतिभागियों को लीगलसेक्शन की तैयारी के लिए इससे संबंधित बूस्टरपीडीएफ का भी एक्सेस दिया जाता है. इस एग्जाम में नेशनल लेवल पर टॉप तीन रैंक पाने छात्रों को आईपैड दिए गए जबकि हर जोन के टॉपर को 15 हजार रुपये का मोबाइल फोन दिया गया. इनके साथ ही बाकी टॉप 30 प्रतिभागियों को प्रथम लॉटेस्टप्रेपमॉकटेस्टसीरीज सिर्फ एक रुपये में दी गई.

            ये पैन इंडिया एग्जाम देश के अलग-अलग शहरों में 8 जोन में आयोजित किया गया. दिल्ली, जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़ और पुणे समेत कई और शहरों में ये एग्जाम ठीक उसी फॉर्मेट में कराया गया जैसे रियलक्लैट परीक्षा कराई जाती है. दिल्ली के डीएवी पब्लिक स्कूल-दयानंद विहार, डीएवी पब्लिक स्कूल-पुष्पांजलि एन्क्लेव, ब्लूबेल्स इंटरनेशनल स्कूल और पूसा रोड के स्प्रिंगडेल्स स्कूल समेत कई स्थानों पर परीक्षा आयोजित की गई थी.

            इस मौके पर प्रथम टेस्टप्रेप के डायरेक्टर अंकित कपूर ने कहा, ‘’किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए मॉकटेस्ट देना काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. क्लैट के मामले में भी ऐसा ही होता है. छात्रों के लिए ये जरूरी है कि वोरियलएग्जाम में बैठने से पहले कम से कम 10-12 मॉकटेस्ट में बैठे. यही कारण है कि ये पैन इंडिया मॉकटेस्ट कराया गया ताकि बच्चों को रियलएग्जाम का एक्सपीरियंस कराया जा सके. जिसके हिसाब से छात्र अपने एग्जाम की रणनीति बना सकें और सफलता की कहानी लिख सकें.’’

अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में बनने वाला कैंसर हॉस्पिटल की मंजूरी ना देने से देश के वैश्य समाज में नाराजगी :  बजरंग गर्ग

बजरंग गर्ग बोले, “सरकार द्वारा अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में कैंसर हॉस्पिटल की मंजूरी ना देकर जनता के  स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है”

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार :

              वैश्य समाज के प्रतिनिधियों की आवश्यक बैठक वैश्य समाज अग्रोहा धाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष  बजरंग गर्ग की अध्यक्षता में हुई। बजरंग गर्ग ने उपस्थित प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहां कि अग्रोहा में महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज में हरियाणा सरकार की इजाजत से समाज द्वारा कैंसर हॉस्पिटल बनाया जा रहा था जिस पर 120 करोड रुपए खर्च होने थे जिसका आधा खर्च मुंबई के मधु सूदन ने देने कर दिए थे और कैंसर हॉस्पिटल बनाने की आधारशिला सम्मेलन करके मेडिकल कॉलेज में रख दी गई थी।

              मधु सूदन द्वारा टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट मुंबई से भी मेडिकल कॉलेज को पूरा सहयोग करने की बात हो गई थी मगर सरकार द्वारा कैंसर हॉस्पिटल बनाने की मंजूरी ना देने से देश के वैश्य समाज में बड़ी भारी नाराजगी है। जबकि समाज कैंसर हॉस्पिटल बनाने के लिए वचनबद्ध है। बजरंग गर्ग ने कहा कि हरियाणा सरकार जगह-जगह मेडिकल कॉलेज बनाने की बात कर रही है मगर अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में जो कैंसर का हॉस्पिटल बन रहा था जिसकी आधारशिला तक रख दी गई थी। सरकार उसकी मंजूरी ना देकर जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है जबकि कैंसर हॉस्पिटल की अग्रोहा में बड़ी भारी जरूरत है।

              अग्रोहा में कैंसर का हॉस्पिटल से देश व प्रदेश के मरीजों को बहुत बड़ा लाभ मिलेगा। श्री गर्ग ने कहा कि अग्रोहा मेडिकल कॉलेज चौ देवी लाल जी के सहयोग से बना हुआ है आज देवीलाल जी का  पड़पोता दुष्यंत चौटाला हरियाणा सरकार में उपमुख्यमंत्री होने के बावजूद भी सरकार द्वारा कैंसर हॉस्पिटल के काम को रोककर चौ देवी लाल जी की भावनाओं का अनादर कर रही है, जो उचित नहीं है।

               सरकार को तुरंत प्रभाव से अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में कैंसर हॉस्पिटल बनाने की मंजूरी देनी चाहिए जबकि अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में संस्था के पदाधिकारी व सभी मेडिकल स्टाफ मरीजों की सेवा में रात दिन कार्य कर रहे हैं और कोरोना काल में अग्रोहा मेडिकल कॉलेज व अग्रोहा धाम की संस्था ने मरीजों की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी, जिसके कारण हजारों मरीजों को बहुत बड़ी राहत मिली है।

              इस अवसर पर रमेश बंसल दिल्ली, सचिन अग्रवाल मुम्बई, सुरेश गुप्ता, श्रीमति कांता गोयल पंजाब, हनुमान मित्तल राजस्थान, चुडियाराम गोयल टोहाना, रिऋी गर्ग, पवन गर्ग, निरजन गोयल, रवि सिंगला आदि प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे।

गुरुनानक गर्ल्स कॉलेज में गीता अभिप्रेरणा सप्ताह मनाया गया 

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 25

            गुरूनानक गर्ल्स कॉलेज, संतपुरा यमुनानगर में जी .आई. ई. ओ. गीता ( ग्लोबल इंस्प्रेशन एण्ड इन्लाइंटमेन्ट आर्गनाइजेशन) व गुरूनानक गर्ल्स कॉलेज यमुनानगर के संयुक्त तत्वावधान में अत्यंत धूमधाम से दो दिवसीय  ‘गीता अभिप्रेरणा सप्ताह ‘ मनाया गया ।जिसके अंतर्गत महाविद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें  प्रतिभागियों ने अपनी कला के माध्यम से महाभारत के क्षणों को उकेरने का सफल प्रयास किया।

            पहले  दिन रंगोली ,पोस्टर मेकिंग व कोलाज मेकिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।जिसमें रंगोली कलाकृति प्रतियोगिता में भविका ,सोनाली व सलोनी ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया ।निर्णायक मंडल की भूमिका सी टी विभाग की प्रो.दीवी पाठक व फाइन आर्ट विभाग की प्रो. तरनजीत कौर ने निभाई ।इसी प्रकार पेंटिंग कलाकृति प्रतियोगिता में रितिका ,मुस्कान व नंदिनी ने क्रमश: प्रथम ,द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। जिसका निर्णय इतिहास विभाग की प्रो. मनीषा राणा व फाइन आर्ट विभाग की प्रो. तरनजीत कौर ने किया।

            कोलाज मेकिंग प्रतियोगिता में अंजलि ,बी ए जनरल ने प्रथम व हिस्ट्री आनर्स की अंजलि ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया ।जिसमें निर्णायक मंडल की भूमिका होम साइंस विभाग की ङाॅ वंदना सिंह व ङाॅ . निरूपमा सैनी ने निभाई।गीता अभिप्रेरणा सप्ताह के दूसरे दिन महाविद्यालय में श्रीमद्भागवत गीता पर आधारित श्लोक उच्चारण प्रतियोगिता  तथा भारतीय संस्कृति , गीता – महाभारत के महत्त्व ,प्रासंगिकता व पात्रों पर आधारित निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ।

            श्लोक उच्चारण प्रतियोगिता में डाॅ. अमिता रेङ्ङू व ङाॅ. अनुभा जैन ने निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई। ङाॅ अमिता ने गीता जयंती के महत्व से अवगत करते हुए बताया कि यह जयंती नवंबर- दिसंबर  महीने में लगभग दस दिन तक मनाईं जाती है तो वहीं डॉ अनुभा जैन ने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि – ” गीता मानव जीवन की सभी समस्याओं के हल और मानव प्रबन्धन का सबसे उत्तम मार्गदर्शक है।”

            इस प्रतियोगिता में खुशी ,दिव्या ,प्रियंका व रचना ने क्रमश: प्रथम ,द्वितीय , तृतीय व सांत्वना स्थान प्राप्त किया ।जबकि निबंध लेखन प्रतियोगिता हिन्दी विभागाध्यक्ष ङाॅ. गीतू खन्ना के मार्गदर्शन में संपन्न हुई ।जिसमें प्रतिभागियों का मनोबल बढाते हुए ङा गीतू ने कहा कि- ” गीता हमें धर्म के साथ -साथ कर्म का संदेश भी देती है ।हमें इसके महत्व को आत्मसात कर कर्म के मार्ग पर चलना चाहिए। “


            इस प्रतियोगिता का निर्णय हिन्दी विभाग की ङाॅ. गीतू खन्ना ,ङाॅ. शक्ति व ङाॅ.लक्ष्मी  ने किया ।प्रतियोगिता में साक्षी ,भावना व संजना ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया ।इस अवसर पर महाविद्यालय की निदेशिका ङाॅ. वरिन्द्र गांधी ने कहा कि – ” पूरे विश्व में हरियाणा को वीर भूमि के नाम से जाना जाता है ।  कुरूक्षेत्र भारतीय सभ्यता और संस्कृति की जन्मस्थली और आध्यात्मिक चिन्तन का प्राचीनतम केन्द्र है। इसी धरा पर भगवान श्रीकृष्ण के मुखारविन्द से श्रीमद्भगवद् गीता के स्वर गूंजे थे, जो आज भी मानवता का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।”महाविद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्या ङाॅ. हरविंद्र कौर ने सभी का मनोबल बढाते हुए कहा कि- “सभी छात्र इसी प्रकार अपनी श्रेष्ठ कला का प्रदर्शन करते हुए अपने काॅलेज के साथ अपने जिले का नाम भी रौशन करें।

फिबोनैकी दिवस के अवसर पर छात्राओं को बेस्ट पीपीटी के लिए किया गया सम्मानित 

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर:

            डीएवी कॉलेज फ़ार गर्ल्स के गणित एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा फिबोनैकी दिवस के अवसर पर प्रिंसिपल डॉ मीनू जैन के प्रतिनिधित्व और गणित विभागाध्यक्ष  संगीता गोयल और  कनिका गोयल के मार्गदर्शन में पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया ! कार्यक्रम का आयोजन डॉ अंकिता रॉय चौधरी व  प्राध्यापिका  सुनामिका शर्मा  ने किया ! मंच संचालन डॉ अंकिता ने किया !

            प्रिंसिपल डॉ मीनू जैन ने छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया ! इस प्रतियोगिता में 20 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया , जिसमें फिबोनैकी के महत्व को कला , अभियांत्रिकी  व प्रकृति को स्लाइड्स के माध्यम से दर्शाया गया !

            इस अनुक्रम की उत्पत्ति 200 ईसा पूर्व के आसपास एक भारतीय ऋषि आचार्य पिंगला के द्वारा हुई थी और बाद में इसे फिबोनैकी  द्वारा पश्चिमी देशों में पेश किया गया । 

             विजेताओं की घोषणा निर्णायक मंडल डॉ सुनीता कौशिक, अनु शर्मा और मनिका सेठी के द्वारा की गई ! जिसमें प्रथम पुरस्कार बीएससी प्रथम वर्ष गणित ऑनर्स की निश्चल और गुरलीन कौर , द्वितीय पुरस्कार बीएससी कंप्यूटर साइंस , प्रथम वर्ष की सुहानी , तृतीय  पुरस्कार एमए प्रथम वर्ष , रिद्धिमा बब्बर  व  सांत्वना पुरस्कार  बीएससी प्रथम वर्ष गणित ऑनर्स  मानसी कश्यप और कामिनी को मिला।

राजियासर स्टेशन आबादी में राजकीय महाविद्यालय खोलने की मांग:जनहित।

करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरत गढ़ :

            राजियासर स्टेशन आबादी में राजकीय महाविद्यालय खोलने की मांग को लेकर 6 दिसंबर 2022 की वहां होने वाली सभा में मै उपस्थित रहूंगा।

            शिक्षण संस्थाओं का विस्तार और विकास होना भविष्य की उन्नति के लिए आवश्यक होता है। महाविद्यालय की शिक्षा भी बहुत दूर नहीं होनी चाहिए। शहरों में पास में मिलती है और गांवों में दूर मिलती है।

            पहले से संसाधन बहुत विकसित हो गये हैं और इस दृष्टिकोण को समझते हुए अब ग्रामों में विकास के लिए महाविद्यालय खोलने का कार्य राज्य सरकार को करना चाहिए।

            राजियासर में राजकीय महाविद्यालय खोलने की मांग सभी के हित में है। इसके पूर्ण होने से इस क्षेत्र की बालिकाओं को भी उच्च शिक्षा प्राप्त हो सकेगी। देश के विकास में महिलाओं का योगदान है और इसके लिए उनको भी उच्च शिक्षा अपने आसपास ही मिलनी चाहिए।