अध्यापकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर हिंसा करवाने का आरोप लगाया

दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में फिर हिंसा भड़क उठी. इस दौरान कुछ नकाबपोश लोगों ने साबरमती और अन्य हॉस्टल में घुसकर तोड़फोड़ की और पथराव किया.

  1. जेएनयू शिक्षक संघ ने कहा कि वह जेएनयू में हिंसा के तांडव की निंदा करता है
  2. जेएनयू प्रशासन की मिलीभगत से हुई हिंसा, पुलिस मूक दर्शक बनी हुई थी
  3. एक प्रोफेसर ने कहा, वे राजनीतिक कार्यकर्ता थे जिन्हें भड़काया गया था

नई दिल्ली(ब्यूरो):

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) परिसर में हिंसा होने के कुछ घंटों बाद, शिक्षकों ने विश्वविद्यालय की सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि प्रशासन हमलावरों से मिला हुआ है. शिक्षकों ने यह भी कहा कि हिंसा ने छात्रों को हक्का-बक्का कर दिया है. डंडों से लैस नकाबपोश व्यक्तियों के विश्वविद्यालय में प्रवेश करने और छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला करने के बाद परिसर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. इस हमले में कई लोग जख्मी हुए हैं.

शिक्षकों ने विश्वविद्यालय के दरवाजे के अंदर से पत्रकारों से बातचीत की. जेएनयू में इतिहास विभाग में प्रोफेसर महालक्ष्मी ने कहा कि शिक्षकों ने शाम पांच बजे साबरमती टी प्वाइंट पर एक शांति बैठक आयोजित की थी. उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही यह बैठक खत्म हुई, हमने देखा कि बड़ी संख्या में लोग परिसर में आ गए और उन्होंने शिक्षकों और छात्रों पर हमला करना शुरू कर दिया.” महालक्ष्मी ने कहा, ‘‘जाहिर तौर पर, उन्हें कुछ शिक्षकों और छात्रों पर हमला करने के लिए कहा गया था और इसलिए उन्होंने यह किया. वे नहीं रुके. वे डंडे लेकर यहां-वहां घूम रहे थे और लोगों को बेदर्दी से पीट रहे थे.”

लेबर स्टडीज़ के प्रोफेसर प्रदीप शिंदे ने कहा, ‘‘कैसे इतनी बड़ी संख्या में रॉड से लैस लोग परिसर में प्रवेश कर सकते हैं. इसलिए हम हैरान हैं. मेरे ख्याल से ये राजनीतिक कार्यकर्ता थे जिन्हें उन लोगों ने भड़काया था जो हमें राष्ट्र विरोधी कहते हैं.” उन्होंने कहा कि छात्र फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

कैंपस में हुई हिंसा के बीच जेएनयू प्रशासन का आया बयान, कहा- सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन का विरोध और समर्थन कर रहे छात्रों के बीच हुआ संघर्ष

एक बयान में जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने कहा कि वह जेएनयू में हिंसा के तांडव की निंदा करता है ‘जो जेएनयू प्रशासन की मिलीभगत से हुई है और पुलिस मूक दर्शक बनी हुई थी.” जेएनयूटीए ने विश्वविद्यालय प्रशासन को गंभीर स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया.

जेएनयू हिंसा पर प्रशासन का बयान

जेएनयू की ओर से कहा गया है कि एक जनवरी 2020 को विंटर सेशन की शुरुआत हो रही थी. सब कुछ ठीक चल रहा है. 3 जनवरी को छात्रों के एक समूह ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पर सवाल खड़ा किया. यह समूह कम्यूनिकेशन एंड इनफर्मेशन सर्विस(सीआईएस) परिसर में चेहरा ढककर दाखिल हुआ. इस समूह ने टेक्निकल समूह को जबरन बाहर निकाल दिया, जिससे सर्वर बंद हो गया. छात्रों की पहचान के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

4 जनवरी को फिर सीआईएस को टेक्निकल स्टाफ ने फिर से चालू कर दिया. जैसे ही सर्वर ठीक हुआ, छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करना शुरू कर दिया. जिन छात्रों ने पहले सर्वर बंद किया था, फिर आपराधिक नियत से कैंपस में दाखिल हो गए. उन्होंने पॉवर सप्लाई को ठप कर दिया. ऑप्टिकल फाइबर्स को तबाह किया.

जनवरी को दोपहर 1 बजे फिर से सर्वर को नुकसान पहुंचाया गया. फिर इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई. इसके बाद 5 जनवरी को हिंसा भड़की, कुछ विरोध कर रहे लोगों ने हॉस्टल में पहुंचकर मारपीट की.

इससे पहले एबीवीपी के छात्र नेताओं ने भी आरोप लगया कि जेएनयू के पेरियार छात्रावास के छात्रों के साथ वामपंथी छात्रों ने मारपीट कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया. एबीवीपी की जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष दुर्गेश का दावा है कि करीब चार से पांच सौ वाम सदस्य पेरियार छात्रावास में इकट्ठा हुए, यहां तोड़फोड़ कर जबरन घुसपैठ की और अंदर बैठे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को पीटा.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने लेफ्ट के छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ पर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप लगाया है. एबीवीपी की जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा, ‘जेएनयू में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर लेफ्ट के छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ से जुड़े करीब 400 से 500 लोगों ने हमला किया है. इस हमले में एबीवीपी से जुड़े करीब 18 छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं.

Prof. Darshan Singh- Renowned Sikh Scholar Passed Away

KorelChandigarh January 5, 2020

Dr. Darshan Singh, Prof. Emeritus of Panjab University, Chandigarh
renowned Punjabi and Sikh scholar passed away on 4th January 2020
after completing 82 years of his life. His cremation was performed
with all honors at cremation ground of Sector 25, Chandigarh on the
same day of his death, where a large number of his family members,
friends, teachers from the different universities and colleges, members
of the Panjab University Senate along with the former Vice
Chancellor Prof. KN Pathak and Prof. S P Singh former Vice
Chancellor GNDU Amritsar and also a number of students were
presented there.
Prof. Darshan Singh had played a long innings in Panjab
University where performed significantly as chairman of Department
of Guru Nanak Sikh Studies and as reader in Department of Punjabi
and also an active member of Punjab University Senate for 16 long
years.
Prof. Darshan Singh was an eminent scholar of Sikh academia who
has written many books in Punjabi and in English also as: Guru
Granth Sahib translation and transliteration in English (in 5 Volumes)
Indian Bhagati Tradition, Punjabi Bhasha, Pratinidh Adhiyatmic
Varan, Religion of Guru Nanak, Sikh art and architecture, Asa di war
: A Sikh Archetype, Japuji Sahib: Contexts and concerns of Guru
Nanak, Poetics of Dasam Granth etc. More than 50 students had done
their PhD research work under his supervision. Recently in 2018 Dr.
Saab was honored with Bhai Kahan Singh Nabha award which was
bestowed upon him by Punjabi University Patiala. Prof. Jaspal Kaur
Kaang Academic coordinator of Department of Guru Nanak Sikh
Studies stated that the death of Dr. Saab is a great loss as the vacuum
which has occurred in Sikh academia cannot be fulfilled.
Dr. Prakash Kaur, his wife and retired Prof. and former head of the
Punjabi Department of MCM DAV Chandigarh, informed that Antim
Ardas of Dr. Saab will be held on January 11, 2020 at Gurdwara Guru
Arjun Dev Ji sector 40 B, Chandigarh between 12-1 pm.

6 Weeks Certificate Course

Korel,Chandigarh January 3, 2020

          The University School of Open Learning(USOL), Panjab University, Chandigarh is going to start second series of six weeks Certificate Course in Corporate Security, Safety and Fire Protection Management from January 2020. The form will be available on USOL website w.e.f 7.1.2020 . The last date for submission of application is 30th January, 2020. The students are requested to download the form from USOL website and submit the hardcopy at USOL.

पंचकूला के बलराम और पुरनूर बने ABVP प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य

पंचकुला, 1-जनवरी-2020:

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 51 वां प्रान्तीय अधिवेशन रोहतक मे सम्पन्न हुआ जिसमे पंचकुला के पुरनूर और बलराम भारद्वाज को हरियाणा प्रान्त के प्रान्तीय कार्यकारिणी का सदस्य घोषित किया गया व साथ ही पंचकूला के ही रहने वाले सुशील शास्त्री जी को पुनः पंचकूला जिला प्रमुख और पवन दुबे को पुनः जिला संयोजक का दायित्व प्रदान किया गया।

Susheel shastri
Purnoor

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र धीमान ने बताया कि हर बर्ष की भांति इस वर्ष भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का प्रान्त अधिवेशन 28 से 30 दिसम्बर तक रोहतक में आयोजित हुआ जिसमे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अंतर्राष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त के अलावा कई विद्वजनो का उदबोधन हुआ तथा उन सबने छात्रो का मार्गदर्शन किया।

Pawan Dubey
Balram Bhardwaj

विश्व स्तरीय छात्र संघठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के तीन दिन तक चले अधिवेशन मे राष्ट्र हित से जुडे मुद्दो और राष्ट्र निर्माण के मुद्दो पर चर्चा हुई साथ ही उन्होंने सार्थक रुप से राष्ट्र निर्माण का संकल्प लिया।

इस अवसर पर प्रान्त के विभिन्न जिलों के विद्यार्थीयो ने भाग लिया तथा कायकर्ताओं के संगठन के दायत्वो की घोषणा की।

PU VC Releases Calendar 2020

Korel,Chandigarh January 1, 2020                                                

            Prof Raj Kumar, Vice Chancellor (VC), Panjab University (PU), urged all to work unitedly for promoting excellence in all fields and this being much more relevant with respect to the visit of NAAC Team to PU in 2022, while addressing the PU staff members on the occasion of New Year at the Administrative Block of the PU Campus here today. On this occasion, he released the PU Calendar 2020 in the presence of Prof. Karamjeet Singh, Registrar, Prof. Shankarji Jha, Dean of University Instructions, Prof Parvinder Singh, Controller of Examinations and Sh. Vikram Nayyar, Finance & Development Officer.

While greeting all on the occasion of New Year, PU VC solicited support from all to face all the challenges effectively for the betterment of the University. He underlined that all the demands of the administrative staff of the University is their right and it is his duty as the Head of the Institution to see that how it can be fulfilled.

            Prof. Shankarji Jha extended his warm wishes to the staff on the occasion and urged them to commit themselves for effective governance and taking PU to further heights.

Prof. Karamjeet Singh while addressing on the occasion said that we all part of big family and with the support of all, various initiatives during the year have seen the light of the day, which further has been instrumental in the speedy disposal of time-bound activities.

Prof Parvinder Singh and Sh. Nayyar also addressed the gathering and extended their warm wishes on the occasion.

            Sh. Deepak Kaushik while extending his New Year wishes to all, appreciated the support of PU VC in all their endeavours. He assured of all support from the non-teaching staff in the best interest of PU.

Prof. Ashwani Kaul, Chief of University Security, Dr. Muneeshwar Joshi, Secretary to Vice Chancellor, Senior PU Officials, Deputy Registrars, Assistant Registrars, Sh. Deepak Kaushik, President, Non-Teaching Staff and representatives from other associations of non-teaching staff were present.

‘आंदोलनकारी छात्रों से अपील करता हूं कि वे अपनी हड़ताल को खत्म कर दें.’ : VC जगदीश कुमार

जेएनयू (JNU) के नए हॉस्टल मैन्यूअल के अनुसार सिंगल-सीटर रूम का किराया 20 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 600 रुपये प्रति माह कर दिया गया है.

नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने फैसला किया है कि परिसर में बुधवार यानी 1 जनवरी 2020 से हॉस्टल के नये मैनुअल लागू कर दिये जाएंगे. विश्वविद्यालय की ओर से एक अपील में यह भी कहा गया है कि छात्र अपनी हड़ताल खत्म कर दें. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, स्कूलों के डीन और विशेष केंद्रों के अध्यक्षों की एक बैठक के बाद द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया जिसमें छात्रों से आग्रह किया गया था, जिन्होंने अपनी ‘मॉनसून सेमेस्टर 2019 की शैक्षणिक आवश्यकताओं’ को पूरा कर लिया है वे बुधवार से 5 जनवरी के दौरान नए सेमेस्टर में रजिट्रेशन करा लें.

विश्वविद्यालय ने कहा है कि जिन लोगों ने’शैक्षणिक आवश्यकताओं’ को पूरा नहीं किया है, उन्हें इस अवधि के दौरान अस्थायी रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी जाएगी. कहा गया है कि अस्थायी रूप से पंजीकृत छात्रों को अपने रजिस्ट्रेशन की वैधता बनाए रखने के लिए 20 जनवरी, 2020 तक ‘शैक्षणिक आवश्यकताओं’ को पूरा करना आवश्यक है.

परिणाम 20 जनवरी तक होंगे घोषित

सर्कुलर में कहा गया है कि डीन और चेयरपर्सन यह सुनिश्चित करेंगे कि 20 जनवरी, 2020 को या उससे पहले सभी अस्थायी रूप से रजिस्ट्रेशन छात्रों का मूल्यांकन, परीक्षा और ग्रेडिंग पूरी हो जाए. सभी छात्रों के लिए, शीतकालीन कैलेंडर शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार शुरू होगा . विश्वविद्यालय के एक अधिकारी के अनुसार, जिन छात्रों ने परीक्षा का बहिष्कार किया और परीक्षा नहीं दी, उन्हें ईमेल और वॉट्सऐप  के माध्यम से प्रश्न पत्र भी भेजे गए. वे सेमेस्टर के लिए अस्थायी रूप से पंजीकरण कर सकते हैं, अपने संबंधित स्कूलों में परीक्षा दे सकते हैं और परिणाम 20 जनवरी तक घोषित किए जाएंगे.’

जेएनयू छात्र संघ के उपाध्यक्ष साकेत मून ने कहा कि छात्रों ने JNU रजिस्ट्रार और रेक्टर के साथ बैठक की, जहां कुछ मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि छात्र संघ यह तय करने के लिए एक बैठक आयोजित करेगा कि वे परीक्षा देंगे या नहीं. विश्वविद्यालय के छात्र हॉस्टल मैनुअल के खिलाफ दो महीने से हड़ताल पर हैं क्योंकि इसमें फीस वृद्धि और लेवी सेवा और उपयोगिता शुल्क के प्रावधान हैं. हालांकि, जेएनयू के एक अधिकारी ने कहा कि सेवा और उपयोगिता शुल्क विश्वविद्यालय अनुदान आयोग देगा और जो छात्रों से नहीं लिया जाएगा.

VC जगदीश कुमार ने की अपील

JNU के वाइस-चांसलर, जगदीश कुमार ने छात्रों को नए साल की शुभकामनाएं दीं और विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का जिक्र किया. उन्होंने हाल की कुछ घटनाओं पर चिंता भी व्यक्त की. कुमार ने कहा, ‘विश्वविद्यालय प्रशासन और संबंधित निकायों ने कमरे के किराए और छात्रावास के शुल्क को संशोधित करने के लिए वैधानिक प्रक्रिया का पालन किया, लेकिन एक गलत धारणा बनाई गई जैसे कि प्रशासन छात्रों को नुकसान पहुंचाने के लिए इन बदलावों को अमल में लाया जा रहा है.’ उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के बजट में बढ़ते राजकोषीय दबाव के बीच आरामदायक और अनुकूल छात्रावास आवास बनाए रखने के लिए छात्रावास के शुल्क में मामूली वृद्धि की आवश्यकता थी.कुमार ने कहा कि प्रशासन ने नए छात्रावास नियमों पर लगाए जा रहे आरोपों पर आंदोलनकारी छात्रों के साथ सार्थक संवाद स्थापित करने के कई प्रयास किए. आंदोलनकारी छात्रों ने शिक्षकों और अन्य छात्रों को कुछ स्कूल भवनों में प्रवेश करने से रोका. कुमार ने कहा, ‘विश्वविद्यालय मानसून सेमेस्टर 2019 की अपनी शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए छात्रों को एक और मौका दे रहा है. मैं आंदोलनकारी छात्रों से अपील करता हूं कि वे अपनी हड़ताल को खत्म कर दें.’

Day 6 of NSS Camp at PU

Chandigarh, December 30, 2019

On the sixth day, the day started with a  session on menstrual health management by Miss Roopinder, Miss Megha and Mr. Kavneet Singh of Centre for social Work (UIEASS), Panjab University, Chandigarh.They are certified trainers from Water Supply and Sanitation Collaborative Council (WSSCC). They shared about menstruation as a taboo in different  parts of the country through videos. They discussed about the changes in adolescent age in boys and girls. They tried to break the stereotypes amongst the volunteers about menstruation and its effects. Emphasis was also on male education about menstrual health.They shared various products used during periods. They discussed facts about menstruation.

Post lunch, Col. Aparjit Nakai, alumnus of IIM Banglore shared about impact of data on a country. He inspired volunteers through data management. He discussed about problems in India like over population, lack of drinking water and unemployment through data. He compared India to its neighbours like China and Sri Lanka to draw a comparison.

2nd day of NSS Camp at PU

Korel, Chandigarh, December 26, 2019

On the second day of the NSS seven days special camp, a talk on time management was delivered by Dr. Anupreet Kaur Mavi. She also shared an analogy of water available and it’s usage. The second session was on ENDS. Dr. Ikreet Bal shared the how and why of tobacoo consumption. He explained Why junk food is called junk.  He encouraged the volunteers to be conscious of what they consume, how they consume and it’s effects on the human body.

He shared the effects of vaping and  other smokeless products. Around 220 volunteers spearheaded a rally to spread awareness about ‘Swaach Bharat Swaasth Bharat’ from USOL to Student Centre. The volunteers cleaned the Student centre as a token of their dedication towards a clean and green India.  In the afternoon, a poster making competition was conducted on the theme Save Environment. The sub themes were Save water, save air and save earth. Students divided themselves into teams of 5 members each and presented a poster.  The posters were a symbol of volunteers enthusiasm and commitment.

21- ­­days 125th Orientation Course inaugurated at PU

Korel, Chandigarh, December 26, 2019:

Professor (Dr.) Kuldip Chand Agnihotri, Vice-Chancellor, Central University of Himachal Pradesh, Dharamshala (H.P.) inaugurated the 21- ­­days 125th Orientation Course on 26th December, 2019.  The course is being conducted by the UGC – Human Resource Development Centre, Panjab University, Chandigarh for newly inducted faculty and is being attended by 35 Assistant Professors belonging to institutions in Sikkim, Uttar Pradesh, Punjab, Himachal Pradesh, Haryana and Chandigarh.

Speaking to the participants, Professor Agnihotri said that new teachers should do well if they adopt teaching as a profession and not as a part time hobby.  As teachers, one should be completely immersed in the experience of teaching.   He expressed his surprise that very few of our teachers go into writing their own books, after doing research in the indigenous traditions, processes and phenomenon.  The teachers should today reclaim their role of being an agenda-setter rather than a blind follows.

Professor S.K. Tomar, Director, UGC – Human Resource Development Centre, Panjab University, Chandigarh welcomed the participants and placed before them the significance of faculty development programmes.

A Special Lecture at Gandhian and Peace Studies, PU

Korel, Chandigarh, December 26, 2019

The Department of Gandhian and Peace Studies, Panjab University, Chandigarh in collaboration with the UNESCO Network Chair organized one special lecture of Prof. Somchai Thamuitiwat, School of Law, Mae Fah Laung University, 333 Moo I Phahoyothin Rd., Thasud, Mung District, Chaing Rai, Thailand, at Department of Gandhian and Peace Studies, here today.

Dr. Manish Sharma, Chairperson introduced the invited guest and about the topic “Direction of Thailand’s Implementation of Its Forest Policy: A Case Study of India’s Joint Forest Management”. Prof. Somchai talked about the Thailand’s legal and operational problems in relation to its forest policy implementation and socio-economic impacts of this problem. Due to the more emphasis on the tourism industry in Thailand, the green areas of Thailand are narrowing down but now the scenario is changing. He also talked about the India’s 1988 national forest policy which was implemented through the joint forest management (JFM) programme with a focus on factors contributing to the successful increase in forest areas in New Delhi, Himachal Pradesh, Punjab and Uttarakhand. He also emphasized about the new kind of innovative steps taken in both the countries to increase the forest areas. He also talked about the role of satellites which are helping in finding the dark/empty places which requires urgent attention. The present presentation is the collection of data from both countries and of two years instance research and project was funded by ICSSR, New Delhi.

In the end Prof. Somachai also distributed cloth bags also which he has bring from Thailand to promote the eco friendly environment. The event was attended by large number of faculty members from other department including Ms. Mint from Thailand, Prof. M. L. Sharma, MPhil and PhD Students.