हकृवि को पहली बार मिला ए प्लस ग्रेड, मूल्यांकन के बाद नैब टीम ने घोषित किया परिणाम
पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार, जुलाई :
चौधरी चरण ङ्क्षसह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रत्यायन बोर्ड (नैब) की ओर से ए प्लस ग्रेड दिया गया है। इससे पूर्व विश्वविद्यालय लगातार ‘ए’ ग्रेड हासिल कर रहा था। अब विश्वविद्यालय का ओवरऑल ग्रेड ए प्लस हो गया है। ज्ञात रहे कि ए प्लस ही नैब की सर्वश्रेष्ठ ग्रेडिंग होती है। एचएयू के विभिन्न महाविद्यालयों एवं उनमें चल रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों को भी पांच साल की मान्यता प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त कृषि महाविद्यालय, बावल को भी पहली बार मान्यता प्रदान की गई है। विश्वविद्यालय ने ग्रेडिंग के 4.00 में से 3.52 अंक प्राप्त कर यह कामयाबी हासिल की है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने बताया कि विश्वविद्यालय राष्ट्रीय ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी लगातार अपनी पहचान मजबूत कर रहा है। नैब की ओर से ए प्लस ग्रेड मिलना बेहद खुशी की बात है। विश्वविद्यालय का यह आंकलन गुणात्मक व मात्रात्मक मीट्रिक पर आधारित है। इस टीम में शामिल वरिष्ठ शिक्षाविदों ने शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों, अभिभावकों, पूर्व विद्यार्थियों, के साथ मुलाकात की और महाविद्यालयों, हॉस्टलों, खेल, स्वास्थ्य सहित विभिन्न आधारभूत सुविधाओं का निरीक्षण करने के उपरांत गुणात्मक घटकों का आकलन किया। विश्वविद्यालय को ए प्लस ग्रेड के साथ पांच वर्ष यानि 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2028 के लिए आईसीएआर ने मान्यता प्रदान की है। एचएयू के अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों में विभिन्न विषयों से संबंधित कोर्सेज कराए जाते हैं जिनमें यूजी के 7, पीजी के 47 व पीएचडी के 42 कोर्सेज शामिल हैं।
यहां उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्तर पर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय को कृषि उत्पादकता में वृद्धि तथा ग्रामीण समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान के लिए वर्ष 2019 में प्रतिष्ठित कृषि शिक्षा सम्मान अवार्ड प्रदान किया गया था। विश्वविद्यालय के एग्री बिजनेस इंक्युबेशन सेंटर(एबिक) को राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2021 में बेस्ट इंक्युबेशन सेंटर का अवार्ड मिला। विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्र, महेन्द्रगढ़ को वर्ष 2022 में राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ कृषि विज्ञान केन्द्र पुरस्कार से नवाजा गया है। वर्ष 2023 में विश्वविद्यालय को सरसों अनुसंधान एवं विकास कार्यों में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए सर्वश्रेष्ठ केन्द्र अवार्ड, हकृवि के चारा व बाजरा अनुभाग को दूसरी बार राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान केन्द्र अवार्ड से नवाजा जा चुका है। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए पदमश्री पुरुस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है जोकि विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है। इसके अतिरिक्त भी इस विश्वविद्यालय ने अब तक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई अन्य पुरस्कार प्राप्त किए हैं। बीते वर्ष विश्वविद्यालय का 25वां दीक्षांत समारोह सफलतापूर्वक आयोजित किया गया जिसमें भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु जी ने मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रही। इसके अतिरिक्त तीन दिवसीय कृषि विकास मेले में भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहे।
विश्वविद्यालय द्वारा एक ई-ट्रैक्टर बनाया गया है जो परिचालन लागत को कम करने के लिए और हरित ऊर्जा उपयोग की दिशा में उठाएं गए कदम को दर्शाता है। गोकलपुरा गांव में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा 63 एकड़ भूमि पर पोषक अनाज अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया गया। यह केन्द्र बरानी क्षेत्रों के किसानों के लिए मोटे अनाज की फसलों की उन्नत प्रौद्योगिकी विकसित करके वरदान साबित हो रहा है।
अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ कृषि, उद्योग और पर्यावरण में जैव प्रौद्योगिकी की क्षमता को महसूस करना जिसमें मार्कर सहायता प्राप्त चयन, जलवायु लचीलापन, आणविक प्रजनन, पौधों में लिंग पहचान, कृषि संबंधी महत्वपूर्ण लक्षणों का लक्षण वर्णन, बाजार-संचालित उत्पाद आदि के शोध कार्यों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने जैव प्रौद्योगिकी कॉलेज (कॉलेज ऑफ बायोटेक्नोलोजी)की स्थापना की। मत्स्य पालन भी संतुलित कृषि प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। विश्वविद्यालय ने इस क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभाते हुए मत्स्य पालन में आधुनिक तकनीकों और प्रबंधन प्रथाओं से लैस प्रशिक्षित स्नातक तैयार करने के लिए मत्स्य विज्ञान कॉलेज की स्थापना की है।
विश्वविद्यालय में कृषि विज्ञान एवं हरियाणवी संस्कृति को संजोए हुए डॉ. मंगलसेन कृषि संग्रहालय स्थापित किया है। जिसमें हरियाणवी संस्कृति से जुड़ी दुर्लभ एवं प्राचीन कलाकृतियां एवं कृषि क्षेत्र से संबंधित उपकरण शामिल हैं। खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा खिलाडिय़ों को एक ही छत के नीचे सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए मल्टीपर्पज हॉल व कॉम्बैट हॉल बनाया गया है। इसके अलावा हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएँ उपलब्ध करवा रहा है जैसे की सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक, लॉन टेनिस सिंथेटिक ट्रैक, इत्यादि जिसके इस्तेमाल से हमारे खिलाड़ी देश-विदेश में अपना नाम कमा रहें है।
विश्वविद्यालय में स्पीड ब्रीडिंग और माइक्रोमेटेरोलॉजी लैब की स्थापना की गई है जिससे फसलों की नई किस्म को जारी करने के लिए 3 से 4 साल का समय लगेगा जोकि पहले 10 से 12 वर्ष लगता था। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय ने गत वर्षों में विभिन्न फसलों की 44 किस्में विकसित की हैं एचएयू प्रदेश के 6 लाख किसानों से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है व उनको दैनिक आधार पर मौसम की स्टीक जानकारी उपलब्ध करवा रहा है। विश्वविद्यालय के 7 कृषि विज्ञान केंद्रों पर स्थित सामुदायिक रेडियो स्टेशन के माध्यम से किसानों तक खेतीबाड़ी की तकनीकी जानकारी पहुंचा रहा है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज के अनुसार एबिक सेंटर के माध्यम से युवा, किसान व उद्यमी मार्केटिंग, नेटवर्किंग, लाईसेंसिंग, ट्रैडमार्क व पेटेंट, तकनीकी व फंडिग से संबंधित प्रशिक्षण लेकर पिछले 5 सालों में 65 स्टार्टअप्स स्थापित हो चुके हैं जिनके लिए 7 करोड़ की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। कुलपति ने बताया कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। यही वजह है कि न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी विश्वविद्यालय अपनी पहचान बनाए हुए है। गत वर्षों में विश्वविद्यालय द्वारा 142 विद्यार्थी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए भेजे हैं। उन्होंने बताया कि न केवल यहां के विद्यार्थी विदेशों में पढ़ाई के लिए जाते हैं बल्कि विदेशी छात्र भी पढ़ाई के लिए यहां आते हैं।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कहा कि यह विश्वविद्यालय शिक्षण, अनुसंधान और विस्तार शिक्षा की अपनी अनिवार्य गतिविधियों में उच्च मानकों को दिन-प्रतिदिन बढ़ा रहा है। हकृवि ने गत वर्षों में उल्लेखीय उपलब्धि प्राप्त करते हुए 6 पेटेंट, 11 कॉपीराइट व 11 डिजाइन सहित कुल 28 बौद्धिक संपदा अधिकार प्राप्त किए। प्रदेश में उन्नत बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय लगातार विभिन्न फसलों का उन्नत बीज पैदा कर रहा है जोकि राज्य के विभिन्न निगमों व किसानों को वितरित किया जाता है। शोध कार्यक्रमों को कृषि की बदलती परिस्थितियों के अनुसार बढ़ावा देने तथा कृषि की लाभकारी तकनीकों के व्यावसायीकरण के लिए राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुल 580 द्विपक्षीय समझौते किए गए हैं।
यह ए+ग्रेड सभी कर्मचारियों की मेहनत का परिणाम:कुलपति
कुलपति ने कहा कि यह ए+ ग्रेड हरियाणा राज्य तथा विश्वविद्यालय के शिक्षक, गैरशिक्षक कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों की प्रतिभा व किसानों की मेहनत का परिणाम है। यह सभी के लिए गर्व और हर्ष का विषय है। यह ए+ ग्रेड विश्वविद्यालय को कठोर मूल्यांकन का पालन करके पाठ्यक्रम, अनुसंधान, बुनियादी ढांचे, सीखने के संसाधनों, मूल्यांकन, नवाचार जैसे विभिन्न मापदंडों के आधार पर प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा यह विश्वविद्यालय किसानों को समर्पित है इसलिए भविष्य में भी यह नवीन कृषि प्रौद्योगिकी विकास के द्वारा किसानों के कल्याण के लिए निरन्तर प्रयत्नशील रहेगा।