राहुल के बयान की आलोचना करते हुए बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, क्या आपने हिन्दुस्तान की सुपारी ली हुई है, जो विदेश जाकर अपने ही देश को बदनाम करने पर तुले हो
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना अरब जगत के इस्लामी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से की और आरोप लगाया कि आरएसएस भारत के स्वभाव को ‘बदलने’ और इसकी संस्थाओं पर ‘‘कब्जा’’ करने की कोशिश कर रहा है.
राहुल के इस बयान पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए पूछा कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष ने भारत नाम के विचार की ‘सुपारी’ ले रखी है. बीजेपी ने कहा कि राहुल को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए.
मुस्लिम ब्रदरहुड अरब जगत में सबसे पुराना राजनीतिक इस्लामी संगठन है. अरब के कुछ देशों में इसे आधिकारिक राजनीतिक पार्टी के तौर पर काम करने की इजाजत नहीं है.
लंदन स्थित थिंक टैंक अंतरराष्ट्रीय सामरिक अध्ययन संस्थान (आईआईएसएस) को संबोधित करते हुए राहुल ने आरएसएस पर आरोप लगाया कि वह भारत के स्वभाव को बदलने और इसकी संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है.
राहुल ने कहा, ‘आरएसएस भारत के स्वभाव को बदलने की कोशिश कर रहा है. अन्य पार्टियों ने भारत की संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश नहीं की है.’ उन्होंने कहा, ‘आरएसएस का विचार अरब जगत में मुस्लिम ब्रदरहुड के विचार जैसा ही है.’
इससे पहले, राहुल ने गुरुवार को बर्लिन में आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा था कि बीजेपी और आरएसएस भारत के लोगों को बांट रहे हैं जबकि कांग्रेस उन्हें आपस में जोड़ने का काम करती है. उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि आरएसएस में महिलाओं के लिए कोई जगह नहीं है और वहां उन्हें ‘दोयम दर्जे का नागरिक’ माना जाता है.
‘राहुल गांधी, क्या आपने हिन्दुस्तान की सुपारी ली हुई है?’
राहुल के बयान की आलोचना करते हुए बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (जिनका हाल में निधन हुआ) जैसे लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि के हैं और राहुल द्वारा लंदन में एक कार्यक्रम में संगठन की तुलना एक इस्लामी संगठन से किया जाना ‘अक्षम्य’ है.
दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी, क्या आपने हिन्दुस्तान की सुपारी ली हुई है? क्या आपने भारतवर्ष की सभ्यता और संस्कृति और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार की सुपारी ली हुई है जो विदेश जाकर अपने ही देश को बदनाम करने पर तुले हो?’
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी यह कैसे कह सकते हैं कि हिन्दुस्तान की सोच, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार की सोच आतंकी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड की सोच है? क्या वह कहना चाहते हैं कि हिन्दुस्तान ने एक आतंकी संगठन को समर्थन दिया है और देश की जनता की सोच एक आतंकी संगठन की सोच है.
नोटबंदी का विचार सीधे आरएसएस से आया
इससे पहले, नोटबंदी की आलोचना करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘नोटबंदी का विचार सीधा आरएसएस से आया, वित्त मंत्री और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की अनदेखी की गई और प्रधानमंत्री के दिमाग में बात डाली गई.’ आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया गया था, जिसके तहत 500 और 1000 के पुराने नोटों पर पाबंदी लगा दी गई थी.
नोटबंदी का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि इससे काला धन, अवैध गतिविधियों एवं आतंकवाद पर लगाम लगेगी. राहुल ने कहा कि भारत की आर्थिक ताकत लाखों सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम में निहित है, क्योंकि वे नौकरियां पैदा करते हैं. उन्होंने कहा, ‘जब कोई समूचे संस्थागत ढांचे की अनदेखी करता है और देश में नोटबंदी का फैसला करता है तो उससे भारत की ताकत बढ़ती नहीं है.’