पेट्रोल,डीजल,गैस की कीमतों व रैफेल विमान घोटाला के खिलाफ काँग्रेस का प्रदर्शन, मोदी का पुतला फूंका

फोट राकेश शाह


बीजेपी पेट्रोल,डीजल,गैस की कीमतों को रोकने में नाकाम:-कांग्रेस


राकेश शाह

चंडीगढ़, 7 सितंबर:

देश मे बढ़ती पैट्रोल, डीजल,गैस की कीमतों के खिलाफ चंडीगढ़ काँग्रेस ने आज जबरदस्त प्रदर्शन किया। बढ़ती पेट्रोल,डीजल व गैस की कीमतों के खिलाफ सेक्टर 15 में मार्च निकाल मोदी सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी व पुतला फूंका। पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा की मौजूदगी में कांग्रेसियों ने जबरदस्त नारेबाजी की। छाबडा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय जो विदेश से क्रूड ऑयल 107 से 120 डॉलर प्रति बैरल खरीदकर देश की जनता को सस्ता पेट्रोल, डीजल देती थी आज बीजेपी सरकार 70 डॉलर प्रति बैरल (जो कि पिछली सरकार के मुकाबले लगभग आधी कीमत) खरीद कर मोदी सरकार 85 रु प्रति लीटर पेट्रोल बेच रही है पेट्रोल डीजल व गैस की कीमतें अबतक के उच्चतम स्तर पर है। दीपा दुबे ने कहा महंगे डीजल से किसानों की खेती पर बुरा असर पड़ रहा है, ट्रांस्पोर्टेशन महंगी होती जा रही है जिस से महंगाई मोदी सरकार के लिए बेलगाम हो चुकी है।

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मनु दुबे ने कहा की जिस कांग्रेस की सरकार के समय गैस सिलेंडर की कीमत 400 रु होती थी अब केंद्र की नाकाम व नकारा बीजेपी सरकार के समय 800 से ऊपर हो गई है। ब्लॉक अध्यक्ष जावेद अली ने कहा कि भर्ष्टाचार मुक्त भारत का ढोंग करने वाली आज रैफेल विमान घोटाले में लिप्त हो चुकी है देश की जनता को झूठे वादे व गुमराह करके सत्ता पाने वाली बीजेपी के ढोंग का खुलासा हो गया है 2019 में जनता बीजेपी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए तैयार बैठी है।

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वहां मौजूद अन्य नेताओं में रामपाल शर्मा, डीडी जिंदल, भूपिंदर बढ़ेरी, अनिता शर्मा, यादविंदर मेहता, राजीव मौदगिल, अश्वनी शर्मा, शेरी, रवि ठाकुर, नरिंदर सिंह,साहिल दुबे,सुभाश बकस,जावैद अलि, विक्की कनौजिया, विकासदीप, दिप्पू, नहिम अहमद, अशोक थापा, रूबल,उमेश सैठी, हरमनप्रीत,सरताज, अँकित ।

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Gen Bajwa supports ‘Self Determination’ for J&K


Islamabad supports self-determination, Gen. Qamar Javed Bajwa says in the presence of Prime Minister Imran Khan during Defence and Martyrs Day ceremony.


Pakistan Army chief Gen. Qamar Javed Bajwa on Friday raked up the Kashmir issue and reaffirmed Islamabad’s support for “self-determination” in Jammu and Kashmir.

The Pakistan Army learnt a lot from the 1965 and 1971 wars with India and had made the country’s defence impregnable by developing nuclear weapons, he said at a Defence and Martyrs Day, organised to mark the anniversary of the 1965 war with India, at the Army headquarters in Rawalpindi.

The event was attended by Prime Minister Imran Khan.

Gen. Bajwa said Pakistan supported the people of Jammu and Kashmir in their “struggle for the right to self-determination”.

“We have learned a lot from the wars of 65 and 71. We were able to further strengthen our defence forces in the wake of these wars. Despite difficult economic times, we were able to become an atomic power. September 6, 1965, is an important day in the history of our nation,” he said, adding that Pakistani soldiers jumped into the fiery pits of warfare but did not let the country be harmed. “The bravery shown by our nation during the 1965 war serves as an important lesson and an inspiration to our youth even today.”

Won’t fight other people’s wars, says Khan

Mr. Khan said Pakistan would never fight any other country’s war in future and his government’s foreign policy would be in the best interest of the nation. “We will not become part of a war of any other country [in future]… Our foreign policy will be in the best interest of the nation,” he said, apparently referring to the country’s involvement in neighbouring Afghanistan.

Pakistan was the ally of the United States during the Cold War as it fought the American war with the erstwhile Soviet Union in Afghanistan.

Mr. Khan praised the armed forces for combating terrorism. “No other nation has fought the war on terror like the Pakistan Army.” The role of the security forces and intelligence agencies in making the country safer against all threats was unparalleled, he said.

Mr. Khan also talked about investing in human capital by sending children to schools and building hospitals and system of merit so that everyone is treated equally on the pattern of first Muslim state of Medina. “The government will bring meritocracy and transparency in all sectors by following the golden principles of state of Medina,” he said.

No Visa will be required to visit Gurdwara Sahib –Fawad Chaudhry

Sidhu among Punjabis and specially Sikhs hail Imran Govt’s decision

Islam abaad, September 7, 2018 : Pakistan has decided to provide temporary corridor to Gurdwara Kartarpur Sahib for Sikh pilgrims from across the border from India. There will no visa for this visit .

Information Minister of Pakistan Fawad Chaudhry  disclosing this decision of the state govt stated “Pakistan is soon allowing Sikh pilgrims from across the border to travel to Pakistan to vist Gurdwara Darbar Sahib Kartarpur via the Kartar Singh border without having to obtain a visa.”

Talking to BBC Urdu Fawad Chaudhry  “A system has been formulated for the pilgrims entering Pakistan,” he informed.

“As soon as he was elected prime minister, Imran invited Indian cricketers. In his first speech, the prime minister said that we will take two steps forward in response to one step from New Delhi,” he said. Chaudhry further added that the prime minister has also spoken with his Indian counterpart.

He also disclosed that the Pakistan  government and the military are determined to hold talks with India for regional stability and peace.

Punjab cabinet minister  Navjot Sidhu not only welcomed the decision but thanked Imran Khan for this goodwill gesture .

Most of the  Punjabis  and especially Sikhs have hailed the development .

There is no offical intimation from the Indian Governement so far.

पीयू में लेफ्ट

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आज पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव 2018 के लिए मतदान हुआ, जिसमें स्टूडेंट्स फॉर सोसाइटी(एसएफएस) ने भारी मतों से जीत दर्ज की और कनुप्रिया के सिर पहली महिला अध्यक्ष बनने का गौरव हासिल हुआ। इसके अलावा पीयू से संबंद्ध 11 कॉलेजों में भी वोटिंग हुई। करीब एक घंटा स्टूडेंट्स ने वोट डाले। 11 कॉलेजों में 31 हजार वोटर हैं। वहीं पंजाब यूनिवर्सिटी में 15281 वोटर हैं।

प्रधान पद के लिए मुकाबला मुख्य तौर पर सात छात्र नेताओं में रहा- एसएफएस से जूलोजी विभाग की कनुप्रिया, एनएसयूआई से अनुज सिंह, एबीवीपी से आशीष राणा, सोई के गठबंधन से इकबालप्रीत सिंह, पुसू से रविंदर वीर सिंह, पुसू ललकार से अमनदीप सिंह और यूआईईटी से अजयंत।

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एसएफ़एस को मिलीं 2802 वोट जबकि भाजपा के विद्यार्थी एकै एबीवीपी 203 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रही, एसओआई को 1997 मत मिले ओर एनएसयूआई को 1583। एनओटीए ने भी 209 मत ले कर अपनी उपस्थिती दर्ज कारवाई।

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दलेर सिंह आईएसए (एसओआई गठजोड़) उप अध्यक्ष

अमरिंदर सिंह आईएनएसओ(एसओआई गठबंधन सचिव के पद के लिए)

विपुल अत्रेय एनएसयूआई संयुक्त सचिव

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मतदान सवेरे सवा दस बजे शुरू हुआ और सवा 11 बजे खत्म। उसके बाद जिम्नेजियम हॉल में मतगणना शुरू हुई।

कॉलेजों के रिजल्ट शाम तक आ गए थे, जो इस प्रकार हैं…

फोटो राकेश शाह 7/10     छुटपुट घटनाओं को पुलिस ने संभालने की कोशिश की

– डीएवी कालेज सेक्टर-10 में आशीष नेहरा जीते
– पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कालेज सेक्टर-46 में अनुजा जीतीं

– गुरु गोबिंद सिंह खालसा कालेज सेक्टर-26 ब्वॉयज सतगुरु ने बाजी मारी
– श्री गुरु गोबिंद सिंह खालसा कालेज-26 गर्ल्स में मुस्कान ने जीत का परचम लहराया

दुष्यंत चौटाला के साथ पुलिस की हुई कहा सुनी फोटो राकेश शाह 8/10

– एसडी कालेज सेक्टर-32 में सोई के प्रीतम पाल सिंह के सिर जीत का ताज सजा
– एमसीएम डीएवी कालेज-36 में ज्योत्सना नारंग ने जीत दर्ज की

– पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज सेक्टर-11 में राघव शर्मा ने चुनाव जीता
– देव समाज कालेज सेक्टर-45 में निशांत परवीन के हाथ लगी जीत

– जीसीजी 11 में गरिमा ने चुनाव जीत कर अध्यक्ष की कुर्सी हासिल की

 

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सेक्टर 25 में हुई दिनदहाड़े चोरी…

पंचकुला बिग ब्रेकिंग…

अजय कुमार

6 सितंबर 2018

सेक्टर 25 में हुई दिनदहाड़े चोरी…
चोरो ने ए सी पी ऑफिस से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर चोरो ने घर में लगाई सैंध..
एस एच ओ मोके पर

खिलाडिय़ों के प्रोत्साहन के लिए विश्वस्तरीय 5 खेलों को नकद पुरस्कार राशि नीति में शामिल किया गया है: विज

 

चंडीगढ़, 6 सितंबर:

हरियाणा के खेल एवं युवा मामले मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि खिलाडिय़ों के प्रोत्साहन के लिए विश्वस्तरीय 5 खेलों को नकद पुरस्कार राशि नीति में शामिल किया गया है तथा युवा, जुनियर व सब-जुनियर प्रतियोगिताओं के खिलाडिय़ों के लिए नकद पुरस्कार राशि शुरू की है। इससे विद्यालय तथा विश्वविद्यालयों के खिलाडिय़ों को लाभ होगा।

श्री विज ने बताया कि इसके तहत विद्यालय एवं विश्वविद्यालय स्तर पर होने वाली खेलों इंडिया प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने पर 50 हजार, रजत पदक के लिए 30 हजार व कांस्य पदक के लिए 20 हजार रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी। इसी प्रकार बधिर ओलपिंक खेलों में स्वर्ण पदक के लिए 1.20 करोड़, रजत पदक के लिए 80 लाख, कांस्य पदक के लिए 40 लाख तथा प्रतिभागी को 2.5 लाख तथा आईबीएसए विश्व स्तरीय खेलों व विशेष ओलपिंक खेलों में स्वर्ण पदक के लिए 20 लाख, रजत पदक के लिए 15 लाख, कांस्य पदक के लिए 10 लाख व प्रतिभागी को 2 लाख तथा इसी प्रकार 4 साल में होने वाली अंध क्रिकेट विश्व कप के स्वर्ण पदक के लिए 5 लाख, रजत पदक के लिए 3 लाख, कांस्य के लिए 2 लाख व प्रतिभागी को एक लाख रुपये दिए जाएंगे। इसी प्रकार, विश्वकप प्रतियोगिता पैरा विश्व खेल, पैरा विश्व प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक के लिए 10 लाख, रजत पदक के लिए 7.5 लाख तथा कास्ंय पदक विजेता को 5 लाख रुपये दिए जाएंगे।

खेल मंत्री ने बताया कि युवा, जुनियर व सब-जुनियर प्रतियोगिताओं के खिलाडिय़ों को युवा ओलपिंक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता की राशि 10 लाख से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये, रजत पदक की पुरस्कार राशि 7.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 करोड़ रुपये, कांस्य पदक की पुरस्कार राशि 5 लाख से बढ़ाकर 80 लाख रुपये तथा प्रतिभागी को शून्य से बढ़ाकर पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। इसी प्रकार, युवा एशियन खेलों में स्वर्ण पदक के लिए 7 लाख से बढ़ाकर एक करोड़, रजत पदक के लिए 5 लाख से बढ़ाकर 50 लाख, कांस्य पदक के लिए 3 लाख से बढ़ाकर 25 लाख व प्रतिभागी के लिए शुन्य से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसी प्रकार युवा राष्टï्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक के लिए 5 लाख से बढ़ाकर 50 लाख, रजत पदक के लिए 3 लाख से बढ़ाकर 25 लाख, कांस्य पदक के लिए 2 लाख से बढ़ाकर 15 लाख किए गए है। 4 वर्षों में एक बार होने वाले विश्वकप जुनियर प्रतियोगिता, पैरा विश्व खेल, पैरा विश्व प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक के लिए 20 लाख, रजत पदक के लिए 15 लाख तथा कास्ंय पदक विजेता को 10 लाख व प्रतिभागी को 3 लाख रुपये नकद पुरस्कार दिए जाएंगे। एक व 2 वर्षों में एक बार होने वाले विश्व जुनियर कप प्रतियोगिता, पैरा विश्व खेल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक के लिए 10 लाख, रजत पदक के लिए 7.5 लाख तथा कास्ंय पदक विजेता को 5 लाख व प्रतिभागी को 1.5 लाख रुपये नकद पुरस्कार दिए जाएंगे।

खेल मंत्री ने बताया कि वर्ष में एक से अधिक बार होने वाले विश्व जुनियर कप प्रतियोगिता, पैरा विश्व खेल में स्वर्ण पदक के लिए 5 लाख, रजत पदक के लिए 3 लाख तथा कास्ंय पदक विजेता को 1 लाख रुपये नकद पुरस्कार दिए जाएंगे। इसी प्रकार एक व 2 और 4 वर्षों में होने वाले विश्व सब-जुनियर कप प्रतियोगिता, सब-जुनियर पैरा विश्व खेल में स्वर्ण पदक के लिए 5 लाख, रजत पदक के लिए 3 लाख तथा कास्ंय पदक विजेता को 1 लाख रुपये नकद पुरस्कार दिए जाएंगे। इसी प्रकार एशियन, राष्टï्रमंडल जुनियर प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक के लिए 3 लाख, रजत पदक के लिए 2 लाख तथा कास्ंय पदक विजेता को 1 लाख रुपये नकद पुरस्कार दिए जाएंगे तथा एशियन, राष्टï्रमंडल सब-जुनियर प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक के लिए 1.5 लाख, रजत पदक के लिए 1 लाख तथा कास्ंय पदक विजेता को 50 हजार रुपये नकद पुरस्कार दिए जाएंगे।

श्री विज ने बताया कि एसएएफ जुनियर खेलों में स्वर्ण पदक के लिए 1.5 लाख, रजत पदक के लिए 1 लाख तथा कास्ंय पदक विजेता को 50 हजार रुपये नकद पुरस्कार दिए जाएंगे। राष्टï्रीय जुनियर प्रतियोगिता, जुनियर पैरा राष्टï्रीय प्रतियोगिता स्वर्ण पदक के लिए 50 हजार, रजत पदक के लिए 30 हजार तथा कास्ंय पदक विजेता को 20 हजार रुपये नकद पुरस्कार दिए जाएंगे तथा राष्टï्रीय सब-जुनियर प्रतियोगिता, सब- जुनियर पैरा राष्टï्रीय प्रतियोगिता स्वर्ण पदक के लिए 25 हजार, रजत पदक के लिए 15 हजार तथा कास्ंय पदक विजेता को 10 हजार रुपये नकद पुरस्कार दिए जाएंगे। इसी प्रकार शतरंज मे अन्तर्राष्टï्रीय ग्रांड मास्टर को 5 लाख व मास्टर व महिला मास्टर को 2 लाख रुपये दिए जाएंगे।

खेल मंत्री ने बताया कि 4 वर्षों में होने वाली विश्व कप प्रतियोगिता मे स्वर्ण पदक की राशि 25 लाख से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता के लिए 20 लाख से बढ़ाकर 75 लाख, कांस्य पदक के लिए 15 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये किए गए हैं। इसी प्रकार 4 वर्षों में होने वाले पैरा विश्व प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक के लिए 20 लाख से बढ़ाकर 1.5 करोड़, रजत पदक के लिए 15 लाख को बढ़ाकर 75 लाख, कांस्य पदक के लिए 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख तथा प्रतिभागी के लिए 3 लाख से बढ़ाकर 7.5 लाख रुपये किए गए हैं। इसी प्रकार 2 वर्षों में होने वाले विश्व कप प्रतियोगिता, पैरा विश्व प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक के लिए 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख, रजत पदक के लिए 15 लाख को बढ़ाकर 30 लाख, कांस्य पदक के लिए 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख तथा प्रतिभागी के लिए 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए गए हैं। वर्ष में 2 या अधिक बार होने वाले विश्व कप प्रतियोगिता, पैरा विश्व प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक के लिए 10 लाख, रजत पदक के लिए 7.5 लाख, कांस्य पदक के लिए 5 लाख रुपये किए गए हैं।

खेल मंत्री ने बताया कि ओलपिंक व पैरा ओलपिंक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता खिलाडिय़ों के कोच को 20 लाख, रजत पदक को 15 लाख, कांस्य पदक विजेता को 12 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसी प्रकार एशियन या पैरा एशियन खेलों के कोचों को स्वर्ण पदक पर 15 लाख, रजत पदक को 10 लाख व कांस्य पदक को 7 लाख तथा राष्टï्रमंडल या पैरा राष्टï्रमंडल खेलों के कोच को स्वर्ण पदक पर 10 लाख, रजत पदक पर 5 लाख तथा कांस्य पदक पर 2 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। इसी प्रकार 2 सदस्यीय टीम में खेलने वाले खिलाडिय़ों को एकल पुरस्कार राशि का 75 प्रतिशत तथा 3 या अधिक सदस्यीय टीम के खिलाडिय़ों को एकल पुरस्कार राशि का 50 प्रतिशत राशि दी जाएगी।

सरकार की विश्वसनीयता आज निम्न स्तर पर: लांबा

फोटो अजय कुमार


सर्व कर्मचारी संघ 10 को करेगा विधान सभा कूच 


सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने मौजूदा राज्य सरकार को चेताया कि रोडवेज कि हड़ताल खत्म होना राज्य सरकार कि उपलब्धि नहीं बल्कि संगठन का आधारहीन नेतृत्व रहा है।

सुभाष लांबा ने बताया कि सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने सरकार की कर्मचारियों से निरंतर की जा रही वादा खिलाफी, मांगों की अनदेखी व दमन कारी नीतियों के विरोध में 10 सितंबर को विधान सभा कूच का निर्णय लिया है।

उन्होने कहा की संघ सरकार की दमनकारी नीतियों का कड़ा जवाब देगा उन्होने सरकार की भर्त्सना करते हुए कहा की मल्टी परपस हेल्थ वर्कर्ज की हड़ताल 28 अगस्त से जारी है। स्वस्थय मंत्री समय समय पर कहते हैं कि उन्होने कर्मचारियों कि मांगे मान लीं हैं, परंतु सत्य यह है कि इसि सरकार के वित्त मंत्रालय में अभी भी फाइलें लंबित पड़ीं हैं।

सुभाष लंबा ने कहा कि खट्टर सरकार केवल बातचीत तक ही सीमित है, मांगें पूरी करने ओर कर्मचारियों कि समस्याओं के समाधान में पूरी तरह असफल रही है। साथ ही उन्होने कहा कि सरकार कि विश्वसनीयता निम्न स्तर पर है।

पंचायत सेक्रेटरी राज्याध्यक्ष ने बताया कि आगामी 3, 4 और 5 अक्तूबर को पंचायत सेक्रेटरी हड़ताल पर जाएँगे।

सरकार द्वारा समय समय पर गठित समन्वय समितियां केवल नाम भर के लिए हैं। वर्ष 2014 में वादा किया था कि पंजाब के समान हरियाणा के कर्मचारियों का वेतन मान निर्धारित होगा परंतु आज तक वादा पूरा नहीं हुआ साथ ही ठेके पर काम कर रहे सफाई कर्मचारितों का वेतन 15,000/= से किया जाएगा और उनको पक्का किया जाएगा, परंतु यह भी मात्र आश्वास्न ही निकला

पिछले दिनों कुछ मल्टी परपस हैल्थ कर्मचारियों कि बिना किसी निर्धारित नियमों के भर्ती कि गयी जो कि बहुत ही निंदनीय है।

संघ की मांग है कि राज्य भर में 6 लाख के करीब पद

रिक्त हैं, परंतु सरकार इन्हे भरने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही। उनकी मांग है जल्दी से जल्दी इस दिशा में काम हो जिससे राज्य में बेरोजगारी कम कि जा सके।

हरियाणा के हजारों सक्षम युवा कल विधान सभा कि ओर करेंगे कूच

फोटो अजय कुमार

 

सक्षम युवा संघर्ष समई के बैनर तले इकट्ठा हो कर अपनी मांगे सरकार से मँगवाने के लिए कल सैंकड़ों सक्षम युवा विधान सभा कि ओर कूच कर विधान सभा सत्र के दौरान सरकार पर दबाव बनाएँगे। उससे पहले सभी सक्षम युवा पंचकुला के यवनिका पार्क में इकट्ठे हो कर एक आम सभा का आयोजन करेंगे।

गौर तलब है कि सक्षम युवा लंबे समय से अपनी समस्याओं के प्रति सरकार को अवगत करवा रहे हैं। हर जिले में ज्ञापन सौंपे गए हैं। हजारों की संख्या में मुख्यमंत्री के नाम ई-मेल भेजे जा चुके हैं। लेकिन सरकार की तरफ से लगातार हो रही बेरुखी के चलते प्रदेश के सक्षम युवा अब संघर्ष के रास्ते पर उतारने के लिए मजबूर हुए हैं।

प्रैस को जारी विज्ञप्ति के जरिये सक्षम युवा संघर्ष समिति की ओर से संदीप सिंह ने बताया की सरकार पढे लिखे नौजवानों से भत्ते के नाम पर बेगार कार्वा रही है। इन युवाओं को महकमों में आए दिन अपमानित होना पड़ रहा है। गोबर तक उठवाने की बात सामने आ रहीं हैं।  सक्षम युवा समिति यह मांग करती है कि 3 और 35 साल कि समयावधि कि शर्तें तुरंत हटाई जाएँ। TA/DA दिया जाये। रिक्त पदों पर तुरंत स्थायी नियुक्तियाँ निकालीं जाएँ ओर उनमें अनुभव के आधार पर सक्षमों को वरीयता दी जाये। पहचान पत्र बनाए जाएँ ओर एनआईटी दिन होने वाली विभागीय बदली भी बंद कि जाये।

भारत कि जनवादी नौजवान सभा के राज्य प्रधान नरेश दानौन्दा ने भी अपने संगठन कि ओर से अपना पूर्ण समर्थन जताया।

यदि खट्टर सोचते हैं कि सत्ता से हटने के बाद संघ प्रचारक का थैला उठा कर चले जायेंगे, यह सब तो ठीक है, पर आप द्वारा किये गये गैरकानूनी कामों का हिसाब तो एक दिन जरूर देना होगा: मान

अजय कुमार

चण्डीगढ़ 06 सितम्बर, 2018
पूर्व मुख्य संसदीय सचिव व प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता रणसिंह मान ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के शासकीय कौशल पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य के बाहर के उनके सलाहकार, उनकी लीगल टीम व नम्बर बनाने वाले उच्च अधिकारी उन्हें कहीं का नहीं छोड़ेंगे। मुख्यमंत्री को पता होना चाहिए कि जब कभी उन पर आफत आयेगी, तो इनमें से कोई भी उनकी मदद में खड़ा होने वाला नहीं है, बल्कि सब अपना पल्ला झाड़ लेंगे। अपना दाव खेलने वाले अशोक खेमका जैसे लोग व उन्हें उकसाने वाला इनेलो भी दूर खड़े मिलेंगे।

मान ने मुख्यमंत्री को संविधान की शपथ लेने की याद दिलाते हुए कहा कि हकीकत में बिना किसी भेदभाव के काम करने की आपकी कसम धूल में मिल चुकी है। शिकोहपुर (गुरूग्राम) की जमीन की खरीद-फरोख्त मामले में राबर्ट वाड्रा व पूर्वमुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा पर एफआईआर इसका ताजा व ठोस सबूत है, जो यह दर्शाता है कि आप अपने लोगों व राजनीतिक विरोधियों के प्रति समान भाव नहीं रखते हैं, बल्कि उन्हें झूठे केसों में उलझा कर चुप रहने का भय दिखाते हैं। ऐसा करते समय आप कानून को ठेंगा दिखाने में भी नहीं झिझकते हैं। मान्यवर ! यदि आप सोचते हैं कि सत्ता से हटने के बाद संघ प्रचारक का थैला उठा कर चले जायेंगे, यह सब तो ठीक है, पर आप द्वारा किये गये गैरकानूनी कामों का हिसाब तो एक दिन जरूर देना होगा।

मान ने कहा कि शिकोहपुर मामले में शिकायतकर्त्ता सुरेन्द्र शर्मा को तो केवल बलि का बकरा बनाया गया है। शायद उन्हें नहीं मालूम कि यह मामला पहले ही माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। हकीकत में खेल की असली सूत्रधार तो भाजपा है, सुरेन्द्र शर्मा तो मुखोटा है। सुरेन्द्र शर्मा न उस जमीन के खरीददार हैं और न बेचने वाले हैं और न डील में बिचौलिये की भूमिका में हैं। जब सुरेन्द्र शर्मा के हित किसी रूप में भी उपरोक्त डील में प्रभावित नहीं हैं, तो उनकी शिकायत का क्या औचित्य है ? यदि सरकार को राजस्व प्राप्ति में हेराफेरी की शंका थी, तो सरकार स्वयं आगे क्यों नहीं आई ? क्या दो प्राईवेट पार्टियों के बीच जमीन की खरीद- फरोख्त में किसी अनजान का दखल कानून सम्मत है ? क्या कोई पार्टी सरकार से पूछ कर जमीनों के भाव तय करती है ? गुरूग्राम में बैठे अधिकांश भाजपा नेता प्रॉपर्टी का काम करते रहे हैं व कर रहे हैं। उन्हीं से पूछ लें कि कोई भी व्यक्ति या पार्टी अपनी जमीन लीये भाव से उस समय के बाजार भाव को देखकर कितनी भी ऊंची कीमत पर बेच सकता है। सरकार को सन्देह है, तो 2005 से 2012 तक, जब प्रॉपर्टी बूम पर थी, का कैग से स्पेशल बिजनेस ऑडिट करवा लें। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिये कि सरकार ने केवल राबर्ट वाड्रा-डीएलएफ के बीच हुई डील को ही कार्रवाई के लिए क्यों चुना, जबकि प्रॉपर्टी में बूम के इस समय जमीनों की ऐसी कितनी ही डील हुई हैं।

मान ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में पुलिस का दोहरा व विरोधाभासी रवैया गौर करने वाला है। कोरेगांव-भीमा मामले में महाराष्ट्र पुलिस का हलफनामा इतिहासकार रोमिला थापर और अन्य पर सवाल उठाता है कि किस हैसियत से इन लोगों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है, जबकि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं राबर्ट वाड्रा व डीएलएफ डील में एक अनजान सुरेन्द्र शर्मा की दरख्वास्त पर गुरूग्राम पुलिस एफआईआर दर्ज करती है। सरकार को मालूम है कि इस केस में सुरेन्द्र शर्मा का कोई वास्ता नहीं है।

मान ने कहा कि राबर्ट वाड्रा व रियल इस्टेट कम्पनी डीएलएफ के बीच हुई जमीन की डील का लाईसेंस आज भी वैध है। जाहिर है कि उपरोक्त जमीन के टुकड़े पर लाईसेंस तभी मिला होगा, जब पार्टी ने सभी शर्तें पूरी की होंगी व पूरी स्टाम्प डियूटी व कन्वर्जन चार्जिज अदा किये होंगे। आईएएस अधिकारी खेमका द्वारा उपरोक्त जमीन का म्यूटेशन रद्द करने के आदेश को तीन वरिष्ठतम आईएएस अधिकारियों द्वारा निरस्त करने के बाद आज इसके लाईसेंस पर कोई विवाद शेष नहीं है। उपरोक्त प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त में तत्कालीन कांग्रेस सराकर की कोई भूमिका नहीं है। यह विशुद्ध रूप से दो प्राईवेट पार्टियों के बीच का करार है। सरकार किसी प्राईवेट पार्टी को कलैक्टरेट रेट से ऊपर खरीद व बिक्री, चाहे वो कितनी भी ऊपर है, दखल देने का अधिकार नहीं रखती। हां, यदि भाजपा गलत नीयत से व राजनैतिक लाभ के लिये, राफेल डील पर पर्दा डालने के लिये व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की जनक्रान्ति यात्रा को लेकर लोगों को भ्रमित करने के लिये ये सब कर रही है, तो वो भ्रम में है। भाजपा समझ ले कि न कांग्रेस पार्टी राफेल डील में हुए घोटाले पर चुप रहेगी और न भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की जनक्रान्ति रथ यात्रा रूकेगी।
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दादुपुर नलवी नहर परियोजना जमीन मालिकों को ब्याज सहित मुआवजा जमा कराने का फैसला है गैरकानूनी और तुग़लकी

फोटो केवल संदर्भ हेतु


– कांग्रेस सरकार बनने पर किसानों से किया जाएगा न्याय; खट्टर मंत्रिमंडल के इस गलत फ़ैसले पर करेंगे पुनर्विचार
– कांग्रेस इस लड़ाई में पूरी तरह से किसानों के साथ, यदि किसान अदालत में जाएंगे तो हम खड़े होंगे साथ


चंडीगढ़।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कांग्रेस कोर कमेटी के सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने खट्टर मंत्रिमंडल द्वारा दादुपुर नलवी परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन के लिए ब्याज के साथ मुआवजा जमा करवाने के फैसले की कड़ी निंदा करते हुए इसे गैरकानूनी और तुग़लकी फ़रमान बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने पर किसानों से न्याय करते हुए खट्टर मंत्रिमंडल के इस गलत और किसान विरोधी फ़ैसले पर पुनर्विचार किया जाएगा।

पश्चिम बंगाल के सिंगुर जमीन अधिग्रहण मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि वी गोपाल गौड़ा और अरुण मिश्रा के बेंच ने 31 अगस्त 2016 को दिए अपने फैसले में कहा था कि किसानों या भूस्वामियों को मुआवजा सरकार को लौटाने की जरूरत नहीं है क्योंकि उन्होंने 10 साल तक भूमि का उपयोग नहीं किया है। यही शर्तें दादूपुर नलवी नहर परियोजना पर भी पूरी तरह से लागू होती हैं लेकिन भाजपा मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार मूल मालिक या मालिक या उनके कानूनी वारिस भूमि को कब्जा लेने से पहले उनके द्वारा मुआवजा प्राप्त करने की तिथि से मुआवजा लौटाने की तिथि तक जमा राशि पर देय साधारण ब्याज के साथ पदनामित खाते में मुआवजा जमा करवाना होगा, जो की सुप्रीम कोर्ट के सिंगुर फैसले के अनुसार पूरी तरह गैरकानूनी है।

सुरजेवाला ने क़हा कि खट्टर मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार किसानों को बनी हुई नहर और तैयार सड़कों आदि इंफ्रास्ट्रक्चर को हटा कर वापिस अधिग्रहित भूमि को वापिस कृषि योग्य बनाने में लगभग 40 लाख रूपया प्रति एकड़ खर्च आएगा लेकिन मंत्रिमंडल ने उस के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है। यह किसान पर दोहरी मार है और इससे साफ़ स्पष्ट है की भाजपा सरकार की मंशा केवल मामले को लटका कर किसानों को परेशान करने की है।

सुरजेवाला ने क़हा कि कांग्रेस पार्टी किसानों की इस लड़ाई में पूरी तरह से उनके साथ खड़ी है और यदि किसान अदालत में जाएंगे तो हम उनके साथ कंधे से कन्धा मिलकर किसानों को हर संभव कानूनी मदद करेंगे।

सुरजेवाला ने बताया कि मंत्रिमंडल का यह फ़ैसले से एक तरफ प्रभावित किसानों से कुठाराघात किया गया है, दूसरी तरफ अंबाला, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र जिलों के 225 गांवों की लगभग एक लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के संसाधनों से वंचित होना पड़ेगा, क्योंकि वो पहले ही डार्क जोन में हैं। इसके साथ-साथ प्रदेश की जनता के खून पसीने से खर्च सैंकड़ों करोड़ रुपए का भारी निवेश बेकार हो जाएगा क्योंकि जमीन अधिग्रहण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक लगभग 200 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका था। इसके अलावा सिंचाई विभाग द्वारा इन नहरों को बनाने में 111 करोड़ 17 लाख रु खर्च किए और पीडब्लूडी विभाग द्वारा भी सड़कें बनाने में लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च किए गए।