अंत्योदय सरल पर धीमी गति से कार्य करने वाले अधिकारींहोंगे निलम्बित-राकेश गुप्ता

पंचकूला 17 अक्तूबर:
मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव राकेश गुप्ता ने कहा कि अंत्योदय सरल पर जिन विभागों की कार्यप्रणाली ठीक नहीं है और कार्य धीमी गति से कर रहे हैं ऐसे अधिकारियों को निलम्बित किया जाएगा। इसलिए अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली में प्राथमिकता के आधार पर सुधार लाएं। क्योंकि उनकी लापरवाही से लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है।
अतिरिक्त प्रधान सचिव आज वीडियो कांन्फ्रेसिंग के माध्यम से अन्त्योदय भवन एवं सरल तथा सक्षम हरियाणा को लेकर कार्यो की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कई जिले अच्छा कार्य कर रहे हैं और वे बधाई के पात्र भी हैं। उन्होंने कहा कि अन्य जिलोंं को भी उनसे प्रेरणा लेकर अंत्योदय भवन एवं सरल पर निष्ठा लग्र के साथ भूमिका निभानी होगी और जो अधिकारी इस दिशा में कोताही बरतेंगें तो उनके खिलाफ कार्यवाही करने में भी सरकार कोई संकोच नहीं करेगी।
वीसी में अतिरिक्त उपायुक्त जगदीप ढांडा  ने बताया कि पंचकूला में जिला स्तर पर 21 नवम्बर तक अंत्योदय भवन में कार्य करना आरम्भ कर दिया जाएगा। इसके बाद जिला के लोगों को एक ही छत के  नीचे सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।  उन्होंने बताया कि जिला में अंत्योदय भवन का निर्माण कार्य तेजी से जारी है जिसे नवम्बर माह के अंतिम सप्ताह में पूरा करके चालू कर दिया जाएगा। अंत्योदय सरल पर वन, उत्तर बिजली वितरण निगम, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण व श्रम विभाग की कार्यप्रणाली काफी धीमी है। उन्होंने कहा कि उपायुक्त ने भी इस संबध में आयोजित बैठक में इन विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए कि वे इस दिशा में तुरंत सुधार लाएं अन्यथा उनके विरूद्व कार्यवाही अवश्य सुनिश्चित की जाएगी।
अतिरिक्त प्रधान सचिव ने सक्षम शिक्षा हरियाणा को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि शिक्षा अधिकारियों को ओर अधिक मेहनत करें ताकि सभी खण्डों को सक्षम बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि सक्षम हरियाणा को लेकर आगामी सत्र में समीक्षा की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि एक बार सक्षम होने से बात नहीं बनती अपितु इसे निरंतर पांच साल तक इस दिशा में सतत प्रयास करने होंगें तभी शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश को सक्षम बनाया जा सकेगा।
इस अवसर पर उपमण्डल अधिकारी ना. पंचकूला पंकज सेतिया, कालका रिचा राठी, नगराधीश ममता शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी एच एस सैनी, लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अधिकारी हरपाल सिंह,जिला समाज कल्याण अधिकारी विशाल सैनी, जिला सूचना अधिकारी सतपाल शर्मा, मुख्यमंत्री के सुशासन सहयेागी सरोज सहित कई अन्य संबधित अधिकारी भी उपस्थित थे।

Police File

DATED

17.10.2018

Two arrested for consuming liquor at public place

A case U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC has been registered in PS-Mauli Jagran, Chandigarh against two persons who were arrested while consuming liquor at public place. Later they bailed out.

This drive will be continuing in future, the general public is requested for not breaking the law.

Two arrested under NDPS Act

Crime Branch of Chandigarh Police arrested Babu Ram R/o C/o Jagga Plot, Saketri, Panchkula, (HR) near Regulator End Sukhna Lake, Chandigarh and recovered 500 gram Opium from his possession. A case FIR No. 205, U/S 18 NDPS Act has been registered in PS-03, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Operation Cell of Chandigarh Police arrested Jagat Singh R/o # 262, Village Kishangarh, Chandigarh near Shivalik Park Main Road, Manimajra, Chandigarh and recovered 160 capsules Dicyclomine HCL Tramadal, 10 liquid bottles of Codeine Phasphate Triprolidine Hydrochloride (Elturex-T) from his possession. A case FIR No. 420, U/S 22 NDPS Act has beenregistered in PS-MM, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Accident

A case FIR No. 310, U/S 279, 337 IPC has been registered in PS-11, Chandigarh on the statement of Bhoop Singh Thakur R/o # 2178 Ambedkar Colony, Dhanas, Chandigarh who alleged that driver of unknown vehicles sped away after hitting to Activa Scooter No. CH01AN-7640 driven by complainant’s wife namely Neetu Saklaniya near dividing road Sector-14/15, Chandigarh on 15.10.2018. She got injured and admitted in PGI, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

A case FIR No. 371, U/S 279, 337 IPC has been registered in PS-36, Chandigarh on the statement of Ashwani R/o # 2219, Sector-52, Chandigarh who alleged that driver of unknown car sped away after hitting to Pulsar M/Cycle No CH-01BL-9505 near dividing road Sector-52/53, Chandigarh on 15.10.2018. Occupant of M/Cycle namely Rahul R/o Pal Dhaba, Sector 28, Chandigarh, Vinod R/o # 782, Village Kishangarh, Chandigarh and Mukesh R/o Sector 45, Chandigarh all got injured and admitted in PGI, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

MV Theft

Sh. Tarsem Lal R/o # 2147, Sector-37C, Chandigarh reported that unknown person stolen away complainant’s Activa Scooter No. CH01AN-7580 while parked near Gol Market, PGI, Sector 12, Chandigarh on 16.10.2018. A case FIR No. 311, U/S 379 IPC has been registered in PS-11, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Sh. Rajat Sharma R/o # 27, Subhash Nagar, Manimajra, Chandigarh reported that unknown person stolen away complainant’s Honda CBR M/Cycle No. CH01AQ-0329 while parked near Fun Republic, Manimajra, Chandigarh on night intervening 15/16-10-2018. A case FIR No. 421, U/S 379 IPC has been registered in PS-MM, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Case registered against person failed to appear in Court

A case FIR No. 202, U/S 174A IPC has been registered in PS-49, Chandigarh on the complaint of Vinay Guleria, Area Legal Manager, Mahindra & Mahindra Finance SCO No. 2447-48 Sector-22, Chandigarh against Gurbakshish Singh, Proprietor GDC Trading R/o # 122/C Sec 51A, Chandigarh who did not appeared in the Hon’ble Court after declared PO. Investigation of the case is in progress.

फ़ैज़ाबाद = श्री अयोध्या जी ??


विश्व हिंदू परिषद और राम जन्मभूमि न्यास फैजाबाद जिले और अयोध्या जिले को मिलाकर उसको ‘श्री अयोध्या’ का नया नाम देने की मांग उठा रहे हैं


इलाहाबाद का नाम बदलने के बाद जल्द ही उत्तर प्रदेश के कुछ और शहरों का भी नाम बदला जा सकता है. इस कड़ी में अगला नंबर फैजाबाद का हो सकता है. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और राम जन्मभूमि न्यास फैजाबाद और अयोध्या को मिलाकर उसको ‘श्री अयोध्या’ का नया नाम देने की मांग कर रहे हैं.

वीएचपी के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा, योगी आदित्यनाथ सरकार का इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज करने का फैसला स्वागतयोग्य है. सरकार को जनभावनाओं का ख्याल रखना चाहिए और फैजाबाद का भी नाम बदलकर श्री अयोध्या रख देना चाहिए.’

उन्होंने कहा कि योगी सरकार, जिसने पिछले साल अयोध्या फैजाबाद नगर निगम का गठन किया था, उसे यहां के साधु-संतों की मांग का ख्याल रखते हुए आने वाली दीवाली के ‘दीपोत्सव’ उत्सव के दौरान शहर का नाम बदल देना चाहिए.

वीएचपी के सेंट्रल एडवायजरी बोर्ड के सदस्य पुरुषोत्तम सिंह ने भी ऐसी ही इच्छी जताई. उन्होंने कहा, ‘जब इलाहाबाद का नाम प्रयागराज बदल सकता है तो फिर फैजाबाद को अयोध्या क्यों नहीं हो सकता? फैजाबाद जिले और अयोध्या जिले को मिला देना चाहिए और उसका नया नाम अयोध्या कर देना चाहिए’

योगी सरकार के मंत्रिमंडल ने मंगलवार को सर्वसम्मति से इलाहाबाद का नाम बदलकर उसे प्रयागराज कर दिया. डेढ़ वर्ष पूर्व सत्ता में आने के बाद से सरकार ने यह तीसरा बड़ा नाम बदला है.

बीजेपी सरकार ने इससे पहले दो रेलवे स्टेशनों का नाम बदला था- पहला आगरा के पास फराह और दूसरा मुगलसराय जंक्शन. मुगलसराय जंक्शन का नाम पार्टी के संस्थापकों में से एक दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर रखा गया है.

अकबर के बहाने # me too साधने में लगी कांग्रेस


सूत्रों की मानें तो यह आरोप ओर इस्तीफा मात्र चुनावी स्टंट है।

कांग्रेस द्वारा  एनएसयूआई के मुखिया से इस्तीफा लेकर बीजेपी को आइना दिखाने की कोशिश की है. आने वाले पांच राज्यों के चुनाव में यह मुद्दा कांग्रेस के खिलाफ जा सकता है. इसलिए पार्टी ने सोच-समझकर यह कदम उठाया है 


 

पूरे देश में #MeToo का असर साफ दिखाई दे रहा है. केंद्रीय राज्य मंत्री एमजे अकबर को हटाने के लिए प्रधानमंत्री पर दबाव है. कांग्रेस भी मोदी सरकार पर दबाव बना रही है. कांग्रेस ने अपने घर को दुरूस्त करने के लिए एनएसयूआई के मुखिया फिरोज खान को पद से हटा दिया है. माना जा रहा है कि राहुल गांधी से इशारा मिलने के बाद इस तरह की कार्रवाई की गई है.

क्या था आरोप?

एनएसयूआई के मुखिया फिरोज खान के खिलाफ छत्तीसगढ़ की कार्यकर्ता ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. पीड़िता ने बीते जून में इसकी शिकायत की थी. बाद में पीड़िता ने राहुल गांधी से मिलकर अपनी बात कही थी. पीड़िता ने फिरोज खान पर अपनी बहन और कुछ और महिलाओं के उत्पीड़न का आरोप लगाया है.

फिरोज खान पर लगे आरोपों की जांच कांग्रेस की तरफ से की जा रही थी. इस बीच यह मामला थाने में पहुंच गया है. संसद मार्ग थाने में पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई थी. हालांकि फिरोज खान खुद को बेगुनाह बता रहे हैं. फिरोज का कहना है कि पार्टी हित में उन्होंने इस्तीफा दिया है. फिरोज खान की तरफ से कहा जा रहा है कि अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ते रहेंगे.

कांग्रेस की जांच

यह मामला सामने आने के बाद राहुल गांधी की तरफ से जांच कमेटी गठित की गई थी. पूरे मामले की जांच महिला कांग्रेस की मुखिया सुष्मिता देब कर रही थीं. इस कमेटी में दीपेंद्र हुड्डा और रागिनी नायक सदस्य हैं. बताया जा रहा है कि पिछले हफ्ते यह रिपोर्ट राहुल गांधी को सौंप दी गई थी. जिसके बाद यह एक्शन लिया गया है. इस रिपोर्ट में भी फिरोज खान को क्लीन चिट नहीं दी गई है. माना जा रहा है कि पीड़िता अपने आरोप पर कायम है. यह कथित उत्पीड़न का मामला बेंगलुरु के होटल का बताया जा रहा है. उस समय वहां एनएसयूआई का कोई कार्यक्रम चल रहा था.

महिला कार्यकर्ता के शोषण के आरोपों में घिरे फिरोज खान ने एनएसयूआई के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया है जिसे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्वीकर कर लिया

कांग्रेस पर सवाल

कांग्रेस इस पूरे मामले को लेकर सवालों के घेरे में थी. #MeToo को लेकर राहुल गांधी ने काफी तीखा बयान दिया है. इस अभियान का समर्थन किया है. जिसके बाद यह सवाल उठ रहा था कि कांग्रेस इन शिकायतों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है? कांग्रेस के लिए जवाब देना मुश्किल हो रहा था. पार्टी ने मौके की नजाकत को समझा और यह एक्शन लिया है. कांग्रेस में यह पहला वाकया नहीं है जियमें यौन उत्पीड़न का आरोप लग रहा है. कांग्रेस के वॉर रूम में सोशल मीडिया हेड पर भी उत्पीड़न का आरोप लगा है. जिसकी जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है. पीड़िता सोशल मीडिया टीम में काम कर रही थी.

वॉर रूम की घटना

कांग्रेस के वॉर रूम में भी इस तरह की घटना सामने आई है. जिसमें एक लड़की ने सोशल मीडिया हेड चिराग पटनायक पर यौन दुर्रव्यवहार का आरोप लगाया है. इस मामले में पीड़िता का आरोप था कि मार्च से मई के बीच उसको बेवजह परेशान किया गया था. जिसकी पुलिस में शिकायत जुलाई में दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने इस पूरे मामले में कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है.

हालांकि कांग्रेस ने रूचिरा चतुर्वेदी की अगुवाई में एक कमेटी का गठन किया है. जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है. इस कमेटी को लेकर पीड़िता से संपर्क किया गया तो उसने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

इस कमेटी को लेकर सवाल जरूर खड़ा किया जा रहा है. रूचिरा चतुर्वेदी सोशल मीडिया टीम की सर्वेसर्वा दिव्या स्पंदना के अधीन काम करती हैं. ऐसे में न्यूट्रल रिपोर्ट की उम्मीद बेमानी है. हालांकि इस टीम में एक बाहरी सदस्य हैं. लेकिन इस टीम की जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है. जिससे पूरी जांच सवालों के घेरे में है. जबकि पुलिस की तरफ से जांच पूरी कर ली गई है. चिराग पटनायक के खिलाफ जिस एक्शन की दरकार थी वो नहीं हुई है.

भारत में #MeToo कैंपेन के जोर पकड़ने के बाद से कई महिलाओं ने सामने आकर पूर्व में अपने साथ हुए उत्पीड़न की घटनाएं बयां की है

कांग्रेस का बीजेपी पर हमला

कांग्रेस की तरफ से बीजेपी पर हमला तेज हो गया है. बीजेपी बैकफुट पर है. एमजे अकबर को ना हटाना सरकार के लिए मुश्किल पैदा कर रहा है. सरकार पर चारों तरफ से हमला हो रहा है. जिस तरह से प्रिया रमानी पर अपराधिक मानहानि का मुकदमा किया गया है. उससे यह आरोप लगाया जा रहा है कि पीड़िता प्रिया रमानी की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है.

कांग्रेस ने एनएसयूआई के मुखिया से इस्तीफा लेकर बीजेपी को आइना दिखाने की कोशिश की है. कांग्रेस ने मोरल हाई ग्राउंड लेने के लिए फिरोज खान का इस्तीफा लिया है. आने वाले 5 राज्यों के चुनाव में यह मुद्दा कांग्रेस के खिलाफ जा सकता है. इसलिए पार्टी ने गनीमत समझी है. दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के चुनाव में यह मुद्दा उठाया गया था. जिसका असर भी हुआ और एबीवीपी को चुनाव में कामयाबी मिल गई.

बीजेपी पर दबाव

कांग्रेस के इस कदम से बीजेपी पर दबाव बढ़ गया है.बीजेपी ने एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं के सामने आने के बाद भी विदेश राज्य मंत्री पर कोई कार्यवाई नहीं की है.एम जे अकबर सरकार में मंत्री बने हुए हैं.जबकि पहले ऐसा लग रहा था कि पार्टी एम जे का बचाव नहीं करेगी,लेकिन बीजेपी ने बाद में मन बदल लिया है.कांग्रेस ज़ोर शोर से इस मुद्दे को उठा रही है.बीजेपी पर महिला सशक्तीकरण को लेकर सवाल उठ रहा है.

#MeToo में कई नाम

#MeToo अभियान से कई सफेदपोशों की कलई खुल रही है. अब तक कई लोग शर्मसार हो चुके हैं. मीडिया जगत के कई लोगों को अपने पद से हटना पड़ा है. नाना पाटेकर, आलोक नाथ जैसे अभिनेताओं की ‘डर्टी पिक्चर’ सबके सामने है. बॉलीवुड की कई अनकही कहानी लोगों की जुबान पर है. साजिद खान जैसे कई नाम लोगों के भी नाम सामने आए हैं.

जाने-माने लेखक चेतन भगत भी इसकी चपेट में आ गए हैं. राजनीति भी इससे अछूती नहीं है अभी कुछ महिलाएं हिम्मत करके सामने आई हैं. यह #MeToo  का असर है आगे कई प्रभावशाली लोगों की करतूत सामने आ सकती है.

कन्हैया पर दो दिनों में मारपीट, दंगा भड़काने ओर हत्या के प्रयास की दो प्राथमिकियां दर्ज़


सन 2011 से जेएनयू से अफ्रीका पर पीएचडी कर रहे कन्हैया, अब सीपीआई द्वारा महागठबंधन के बेगुसराय से चुनावी उम्मीदवार। 

बिहार को जेएनयू समझने वाले कन्हैया क्या जानबूझ कर ब्राह्मणों को अपनी हिंसा का शिकार बनाते हैं, सोनू कुमार भारद्वाज ओर डॉविश्वनाथ पांडे, दो ही दिनों में दो पुलिस प्राथमिकियों का सामना करना पड़ गया।

कन्हैया का व्यवहार हस्पताल, प्रशासन ओर पुलिस सभी के लिए मुसीबत बन रहा है। स्वस्थ्य मंत्री ने भी इसकी तसदीक की है। 

अब पुलिस कन्हैया को बेल मिलने तक उसकी तालाश जारी रखेगी। 


पटना में ऑल इंडिया इंस्‍टीच्‍यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्‍स) में मारपीट की एफआइआर के बाद जवाहरलाल नेहरू विवि छात्र संघ के पूर्व अध्‍यक्ष कन्‍हैया कुमार फिर नई मुसीबत में हैं। ताजा मामला बेगूसराय के भगवानपुर बाजार स्थित दुर्गा मंदिर के समीप दुर्गा पूजा समिति के सदस्‍यों से मारपीट का है।

मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की देर शाम जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के समर्थकों एवं स्थानीय पूजा समिति के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर मारपीट हुई। मारपीट में पूजा समिति के दो कार्यकर्ताओं के सिर फट गए। उग्र लोगों ने कन्हैया के काफिले में शामिल आधा दर्जन वाहनों के शीशे तोड़ दिए। दोनों ओर से अलग-अलग थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

दुर्गा पूजा समिति सदस्‍यों से मारपीट

कन्हैया की मंसूरचक में सभा थी। वे वाहनों के काफिले के साथ सभा कर अपने गांव बीहट लौट रहे थे। रास्ते में भगवानपुर बाजार स्थित बाइक शोरूम के प्रथम तल पर संचालित एक निजी कोचिंग संस्थान के संचालक से मिलने के लिए कन्हैया रुक गए। उनके काफिले की सारी गाडिय़ां सड़क पर रुक गईं। इससे जाम लग गया।

इसपर बगल में सजे दुर्गा पूजा पंडाल समिति के कार्यकर्ताओं ने गाडिय़ों को साइड करने को कहा। इसी पर दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया। देखते-देखते मारपीट शुरू हो गई।

जमकर चले लाठी-डंडे, दो के सिर फटे

कन्हैया के समर्थकों ने गाड़ी में मौजूद लाठी-डंडों से पूजा समिति के कार्यकर्ताओं पर हमला बोल दिया। पूजा समिति के सदस्य दहिया निवासी सानू कुमार भारद्वाज एवं एक अन्य कार्यकर्ता के सिर फट गए। आधा दर्जन अन्य कार्यकर्ताओं को भी चोटें आईं। यह देख लोगों का आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने आधा दर्जन वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए। इसके बाद दोनों पक्षों में जमकर लाठियां चलीं।

कन्हैया व उनके समर्थक बवाल बढ़ते देख वहां से निकल बरौनी थाने जा पहुंचे। भगवानपुर थानाध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि घायल पूजा समिति के कार्यकर्ताओं का उपचार कराया जा रहा है। घायलों के आवेदन पर कन्हैया और उनके समर्थकों पर  प्राथमिकी दर्ज की गई है। दूसरी ओर, बरौनी थाना अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने बताया कि कन्हैया ने भी जानलेवा हमले की शिकायत दर्ज कराई है।

एसएचओ दीपक कुमार ने बताया, ‘147, 149, 307, 504, 295 समेत कई अन्य धाराओं में कन्हैया कुमार के खिलाफ सोनू कुमार ने मुकदमा दर्ज कराया है। हम इस कोशिश में जुटे हुए हैं कि जल्द से जल्द कन्हैया कुमार का पता कर उनको गिरफ्तार किया जा सके।’

बता दें कि सोमवार को पटना एम्स प्रशासन ने आरोप लगाया था कि कन्हैया और उनके समर्थकों ने जूनियर डॉक्टरों से हाथापाई की। इस मामले में भी फुलवारी शरीफ पुलिस स्टेशन में कन्हैया समेत एआईएसएफ नेता सुशील कुमार के खिलाफ नामजद और 80-100 अज्ञात समर्थकों के खिलाफ एम्स प्रशासन ने एफआईआर दर्ज कराई है।

 

यह है पूरा मामला

 

पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) प्रशासन ने अस्पताल परिसर में घुस कर डॉक्टरों के साथ धक्कामुक्की करने और सुरक्षा गार्ड्स के साथ हाथापाई करने का आरोप लगाते हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष के पूर्व छात्र कन्हैया कुमार  के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.

कन्हैया  अपने समर्थकों के साथ रविवार को ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के नेता सुशील कुमार को देखने पटना एम्स पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि वहां ऑर्थोपेडिक्स विभाग में डॉक्टरों से उनकी झड़प हो गई. खास तौर पर डॉक्टर विश्वनाथ पांडे ने कन्हैया पर बदतमीजी करने का आरोप लगाया. कन्हैया पर गार्डों के साथ बकझक करने का भी आरोप लगाया गया है.

इस बीच बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कन्हैया कुमार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि “अस्पताल में उनकी शरारतें नहीं चलेंगी. उन्होंने कहा, कन्हैया को बता देना चाहता हूं कि बिहार दिल्ली का जेएनयू नहीं हैं जहां कुछ भी कर के चले जाइएगा. मैंने एम्स के निदेशक से कहा है कि जल्दी मामले की रिपोर्ट दें. कन्हैया पर कड़ी कार्रवाई होगी.”


मंगल पांडे ने कहा कि कन्हैया उपद्रवी तत्व है, उसकी पहचान उसी तरीके की है. उन्होंने कहा, “मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि अगर बिहार के अंदर सरकारी असप्ताल मे हंगामा करेंगे तो कानून अपना काम करेगा. अस्पताल में डॉक्टरों ने उनके साथ सही सलूक किया है. जब तक पुलिस आती तब तक कन्हैया भाग गए थे.”

बता दें कि कन्हैया कुमार सीपीआई के टिकट पर बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.

नयी मईनिंग पालिसी 18 को पेश होगी

नरेश शर्मा भारद्वाज, चंडीगढ़.

सरकार के गठन से पहले लोगों को सस्ती रेत मुहैया करवाने के वायदे को लेकर पंजाब सरकार को काफी माथापच्ची करनी पड़ी है। करीब 18 महीने तक माथा पच्ची के बाद पंजाब सरकार नई माइनिंग पॉलिसी बुधवार को पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में पेश किए जाने की तैयारी की गई है।

माइनिंग विभाग ने पंजाब को 7 जोन में बांटा है। हर एक जोन की खुली बोली होगी। सरकार को रेत बिक्री से हर साल 350 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाने की उम्मीद है।

भारत सहित दुनियाभर में ठप हुआ यूट्यूब, कंपनी ने मांगी माफी

नरेश शर्मा भारद्वाज, दिल्ली : बुधवार की सुबह यूट्यूब का सर्वर पूरी दुनिया में ठप हो गया था। किसी भी देश के इंटरनेट यूजर इस साइट का प्रयोग नहीं कर पा रहे थे। इस दौरान यूट्यूब की वेबसाइट खोलने पर या तो वेबसाइट ही नहीं खुल रही थी या वीडियो प्ले नहीं हो रहे थे। सूचना मिलने के बाद यूट्यूब ने ट्वीट करके इसके लिए माफी मांगी। करीब दो घंटे बंद रहने के बाद यूट्यूब चल पड़ा। यूट्यूब ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘हम वापस आ गए हैं। आपके धैर्य के लिए धन्यवाद। अगर आपको अभी भी कोई परेशानी आ रही है तो हमें सूचित करें।’
इससे पहले जब यूट्यूब डाउन हुआ था, तब भी यूट्यूब की ओर से ट्वीट किया गया था। यूट्यूब का कहना था कि ‘यूट्यूब टीवी’ और ‘यूट्यूब म्यूजिक’ नहीं चल रहे हैं। उसका कहना था कि जल्द ही इस परेशानी को ठीक कर लिया जाएगा और सूचना दी जाएगी। हालांकि अभी तक यूट्यूब के बंद होने के पीछे के कारणों का पता नहीं चल पाया है। दुनियाभर में यूट्यूब के डाउन होते ही सोशल मीडिया पर #YouTubeDOWN नाम से एक ट्रेंड बन गया। कई लोगों ने इसके स्क्रीनशॉट्स भी शेयर किए और कईयों ने मजेदार वीडियो भी शेयर किए।

लश्कर के पैसे से मस्जिद? NIA कर रहा जांच, कहीं टेरर फंडिंग का नया मॉड्यूल तो नहीं


हरियाणा में पलवल के गांव उटावड़ में आतंकवादी फंड से मरकज नामक मस्जिद बनाई जा रही है. इस मामले में नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की टीम ने सलमान नाम के एक युवक और उसके दो साथियों के साथ दिल्ली से गिरफ्तार किया है. सलमान को मस्जिद का संचालक बताया जा रहा है उटावड़ की इस मस्जिद के निर्माण में आतंकी हाफिज सईद की ओर से फंडिंग की भी खबर है.


नरेश शर्मा भारद्वाज, नयी दिल्ली:

पलवल के उटावड़ गांव में कथित तौर पर लश्कर-ए-तैयबा के पैसे मस्जिद बनाए जाने के मामले में एक बड़ी साजिश का ऐंगल दिख रहा है। इस ममले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FII) के टेरर फंडिंग मॉड्यूल की जांच कर रही है। FII ने कथित तौर पर मस्जिद के निर्माण के लिए पैसे दिए थे। एक बड़ी आशंका यह भी खड़ी हो गई है कि इसी मॉड्यूल पर पूरे देश में एक बड़े नेटवर्क की मदद से टेरर फंडिंग तो नहीं की जा रही है। एनआईए इस दिशा में भी जांच कर रही है।

एनआईए यह भी जांच कर रही है कि कहीं दूसरे भारतीय जो दुबई जा रहे हैं या वहां काम कर रहे हैं, किसी ऐसे पाकिस्तानी के संपर्क में तो नहीं हैं जो FIF के लिए काम तो नहीं कर रहा। इसकी जांच की जा रही है कि भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कहीं FIF इस रास्ते तो टेरर फंडिंग नहीं करा रहा। उटावड़ मामले में मुख्य आरोपी मोहम्मद सलमान दुबई की अपनी दो यात्राओं के दौरान पाकिस्तानी बिजनसमैन कामरान के संपर्क में आया था।

कामरान FIF के डेप्युटी चीफ के संपर्क में था। यह शख्स लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद का सहयोगी था, जो हवाला के जरिये भारत में टेरर फंड भेज रहा था। सलमान के अलावा एनआईए ने 25 सितंबर को दिल्ली में दो और हवाला कूरियर्स, मोहम्मद सलीम और सज्जाद अब्दुल वानी को गिरफ्तार किया था। सलीम दिल्ली के दरियागंज का और वानी श्रीनगर का रहने वाला था। श्रीनगर में वानी के घर पर रेड भी मारी गई।

पूछताछ में वानी ने बताया कि वह किसी हिलाल अहमद के लिए फंड लेकर आया था। इसके बाद एनआईए ने लाजपत नगर में हिलाल के ऑफिस और आवास पर छापा मारकर 18 लाख रुपये कैश,6 मोबाइल फोन, सिम और कुछ संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए थे। वहीं सलमान ने पूछताछ में बताया कि FIF से मिले फंड का इस्तेमाल कर उसने उटावड़ में मस्जिद बनाने के लिए किया। एनआईए ने बाद में मस्जिद में सर्च कर वे डॉक्युमेंट निकाले जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि करीब 2 से ढाई करोड़ में से 70 लाख रुपये मस्जिद बनाने में इस्तेमाल हुए।

FIF से यह पैसा हवाला रूट के जरिए आया था

FIF से यह पैसा हवाला रूट के जरिए आया था। इसकी मॉडस ऑपरेंडी स्पष्ट थी। कामरान ने FIF के फंड को हवाला के जरिए भारत पहुंचाने के लिए सलमान को तैयार किया। जांच कर रही टीम के एक सदस्य ने बताया कि अब इसका पता लगाया जा रहा है कि भारत में ऐसा ही कोई दूसरा शख्स तो इस तरह की गतिविधियों में नहीं लगा हुआ है।

एक अधिकारी ने बताया कि एनआईए ने 25 सितंबर को दरियागंज, निजामुद्दीन और कूचा घासीराम समेत कई जगहों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में 1.5 करोड़ रुयपे कैश, 43 हजार रुपये की नेपाली करंसी, 14 मोबाइल फोन, 5 पेन ड्राइव और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए हैं। उन्होंने बताया कि एनआईए इन दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है।

आपको बता दें कि एनआईए की जांच में कहा गया है कि हरियाणा के पलवल में स्थित एक मस्जिद के निर्माण के लिए लश्कर-ए-तैयबा ने फंड जारी किया था। यह मस्जिद पलवल जिले के उत्तावर गांव में है जिसका नाम खुलाफा-ए-रशीदीन है। हालांकि, गांव के प्रधान ने जांच रिपोर्ट को नकारा है

आशीष पांडे : लुक आउट नोटिस जारी ओर हथियारों के लाइसेन्स भी कैंसिल

 

दिल्ली पुलिस ने आरके पुरम स्थित फाइव स्टार हयात होटल में गुंडागर्दी करने वाले पूर्व बीएसपी सांसद राकेश पांडे के बेटे आशीष पांडे के खिलाफ देश भर के एयरपोर्ट पर लुकआउट नोटिस जारी किया है. साथ ही उत्तर प्रदेश-नेपाल सीमा पर भी अलर्ट जारी किया गया है.

मंगलवार को आशीष के हयात होटल में सरेआम हथियार लहराने वाला वीडियो सामने आने के बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस की दो टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं.

इसके अलावा पुलिस ने उसके हथियारों की जानकारी जुटाने के बाद उसके आर्म्स लाइसेंस कैंसिल कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.

पुलिस ने इस मामले की जानकारी छुपाने के लिए हयात होटल के खिलाफ भी केस दर्ज किया है. बताया जा रहा है कि पुलिस ने घटना के वक्त आरोपी के साथ मौजूद एक व्यक्ति के साथ इस मामले में पूछताछ की है

बता दें कि दिल्ली में हयात होटल के एंट्रेस गेट पर हथियार लहराने पर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के पूर्व सांसद राकेश पांडे के बेटे आशीष पांडे के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया है. आशीष पांडे के खुलेआम हथियार लहराने और एक महिला को धमकी देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

यह घटना 13 और 14 अक्टूबर की दरम्यानी रात हुई थी. जब आशीष अपनी कुछ महिला मित्रों के साथ पार्टी करने होटल गया था. यहां उसका वहां आए एक अन्य कपल से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया जिसमें उसने अपनी पिस्तौल निकालकर सरेआम उन्हें धमकी दी.

आरोपी आशीष पांडेय लखनऊ का रहने वाला है और उसके चाचा पवन पांडे और बड़ा भाई रितेश पांडेय वर्तमान में बीएसपी का विधायक है.

 

बहुजन समाजवादी पार्टी का पल्ला झाड़ना:

बहुजन समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद के बेटे पर मंगलवार को दिल्ली में हयात रीजेंसी होटल के बाहर मेहमानों पर बंदूक तानने और उन्हें धमकी देने के लिए केस दर्ज कर लिया गया. उधर पार्टी ने इस घटना से खुद को दूर कर लिया है. वरिष्ठ बीएसपी नेता सुधींद्र भदोरिया ने कहा कि आरोपी, आशीष पांडे, न तो पार्टी का नेता हैं और न ही बीएसपी का सदस्य है. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गईं.

भदोरिया ने कहा- ‘वह चाहे जो भी है. उचित जांच होनी चाहिए और कार्रवाई की जानी चाहिए. इस घटना का बीएसपी के साथ कोई संबंध नहीं है. वह न तो नेता है और न ही बीएसपी का सदस्य है.’

घटना रविवार तड़के दिल्ली के आरके पुरम स्थित हयात होटल में हुई थी. दिल्ली पुलिस ने लखनऊ के रहने वाले आशीष पांडे के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया था. आरोपी आशीष पांडे का भाई रितेश पांडे उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायक है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि आर्म्स एक्ट और विभिन्न आईपीसी तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

हयात रीजेंसी ने जांच में सहयोग का आश्वासन दिया:

होटल के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि वे पुलिस के साथ पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं और घटना को गंभीरता से ले रहे हैं. होटल ने आज जारी एक बयान में कहा, ‘दिल्ली के हयात रीजेंसी में हुई इस घटना को हम पूरी गंभीरता से ले रहै हैं और स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं.’

पीड़ित ने क्या कहा:

एक टीवी चैनल द्वारा संपर्क करने पर एक पीड़ित ने कहा कि ‘आरोपी बंदूक लेकर उनकी तरफ आया और उन्हें गालियां देने लगा. होटल के लोग वहां थे और उन्होंने बीच बचाव करने की कोशिश की. लेकिन वो भी ज्यादा कुछ कर नहीं पाए क्योंकि वो भी डरे हुए थे.’

राजनीति तेज:

आम आदमी पार्टी ने इस घटना पर मौका लपकते हुए केंद्र को घेर लिया और कहा कि दिल्ली पुलिस को नियंत्रित करने वाली केंद्र सरकार शहर में कानून व्यवस्था को बनाए रखने में पूरी तरह विफल रही है.

बीजेपी दिल्ली इकाई के प्रमुख मनोज तिवारी ने कहा कि घटना में उचित जांच की जानी चाहिए. सीसीटीवी फुटेज के रूप में घटना के सबूत मौजूद हैं. गृह राज्य मंत्री किरेन रिजजू ने कहा कि पुलिस ने मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है. उन्होंने ट्वीट किया कि- ‘दिल्ली पुलिस ने इस घटना पर कार्रवाई शुरू कर दी है. आर्म्स एक्ट और आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. मजबूत और उचित कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही दूसरे लोगों की पहचान की जा रही है.’

वहीं कांग्रेस नेता और सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा( are you serious, वाले) ने घटना के बाद शहर में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि, ‘मैं अपने बच्चों और हमारे शहर के लोगों की सुरक्षा के लिए बहुत डरा हुआ हूं.’

उधर पीड़ित के पिता कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायक कंवर करन सिंह ने कहा है कि बीएसपी सांसद द्वारा बंदूक दिखाए जाने की वजह से उनका बेटा बहुत डर गया था इसलिए पुलिस के पास शिकायत लेकर नहीं गया.

विवाद क्यों हुआ:

होटल के सुरक्षा कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि आरोपी और पीड़ित होटल के नाइट क्लब में पार्टी कर रहे थे. दोनों ही पक्षों के बीच वाशरूम का इस्तेमाल करने के लिए बहस शुरु हुई. घटना के वक्त पीड़ित और आरोपी पक्ष दोनों ही शराब के नशे में थे. आरोपी के साथ आई एक महिला ने पीड़ितों से दुर्व्यवहार किया और उन्हें ‘ट्रांसजेंडर’ कहा. इसी पर बात बढ़ गई और यहां तक आ पहुंची.

पुलिस के अनुसार आरोपी के बंदूक की डिटेल निकाल ली गई है और उसके लाइसेंस को रद्द करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है. हालांकि आरोपी अभी तक पुलिस के चंगुल से फरार है. शुरु में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के खंड बाद में घटना की शिकायत दर्ज होने के बाद जोड़े गए. हालांकि घटना की शिकायत भी तब दर्ज कराई गई जब वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस ने होटल से संपर्क किया. होटल के सहायक सुरक्षा प्रबंधक ने सोमवार को शिकायत दर्ज कराई.

संयुक्त पुलिस आयुक्त (नई दिल्ली) अजय चौधरी ने कहा कि यह घटना 14 अक्टूबर को 3.40 बजे तड़के हुई थी. ‘उस दिन न तो पीड़ित और न ही होटल के कर्मचारियों द्वारा कोई शिकायत दर्ज कराई गई.’ उन्होंने कहा कि तीनों पक्षों – पीड़ित, होटल अधिकारियों और आरोपी की तरफ से लापरवाही बरती गई है.

होटल प्रबंधन की इस लापरवाही को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है और पूछा है कि उनकी लापरवाही को देखते हुए क्यों न उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाए.

तकरीबन 450 साल बाद संगम को मिला पुराना नाम “प्रयाग”


कांग्रेस के इतिहास में इलाहाबाद का बहुत महत्व है इलाहाबाद का नाम बदले जाने के कारण ओर कांग्रेस के कुछ भी न कर पाने के कारण उनका मुस्लिम वोट बैंक ओर छिटकता नज़र आता है

अखिलेश यादव भी आज कल हिन्दू कहलाने में शर्म नहीं महसूस करते, अपने कार्यकाल में तो उन्हें भवनों ओर दूसरी बातों से मुक्ति न मिली अन्यथा इलाहाबाद आज “प्रयाग कुम्भ” होता, आज उन्हे भाजपा द्वारा इल्लाहबाद को पुन: “प्रयाग” कहलवाने में परम्पराओं का ह्रास दीख पड़ता है, परंतु किसकी परम्पराएँ???


इलाहाबाद शहर एक बार फिर सुर्खियों में है। इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया है। यानी लगभग 450 साल बाद यह शहर एक बार फिर से अपने पुराने नाम यानी प्रयागराज के नाम से जाना जाएगा।

गौर हो कि 15वीं शताब्दी में इस पौराणिक भूमि पर मुगलों ने कब्जा कर लिया और इसका नाम प्रयागराज से बदलकर अलाहाबाद कर दिया। अलाहाबाद इलाह+आबाद को मिलाकर बनता है जो एक फारसी शब्द है। इलाह का मतलब अल्लाह और आबाद का मतलब बसाया हुआ यानी अल्लाह का बसाया हुआ शहर। मुगल सम्राट अकबर के अलाहाबाद करने से पहले इसका नाम प्रयागराज ही था। बोलचाल की प्रचलन के मुताबिक अलाहाबाद ,इलाहाबाद और एलाहाबाद के नाम से भी पुकारा जाने लगा।

 

कांग्रेस के इतिहास में इलाहाबाद का बहुत महत्व है,कांग्रेस के ओंकार सिंह ने बताया कि आजादी की लड़ाई के दौरान इलाहाबाद प्रेरणा का एक मुख्य केंद्र रहा था. उन्होंने कहा कि 1888, 1892 और 1910 में कांग्रेस महाधिवेशन यहीं हुआ था. इसी शहर से देश को अपना पहला प्रधानमंत्री मिला. इसके अलावा अगर इलाहाबाद का नाम बदला गया तो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी अपनी पहचान खो देगी. इलाहाबाद का नाम बदले जाने के कारण ओर कांग्रेस के कुछ भी न कर पाने के कारण उनका मुस्लिम वोट बैंक ओर छिटकता नज़र आता है

संगम नगरी इलाहाबाद का नाम बदलकर ‘प्रयागराज‘ किए जाने की तैयारियों के बीच समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे परंपरा और आस्था के साथ खिलवाड़ करार दिया. सोमवार को अखिलेश ने ट्वीट करते हुए कहा कि प्रयाग कुंभ का नाम केवल प्रयागराज किया जाना और अर्द्धकुंभ का नाम बदलकर ‘कुंभ‘ किया जाना परंपरा और आस्था के साथ खिलवाड़ है.

देश के धार्मिक, शैक्षिक और राजनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण शहर इलाहाबाद को अब प्रयागराज के नाम से जाना जाएगा, लेकिन क्या आपको पता है कि इस शहर का नाम कैसे और क्यों बदला गया? दरअसल ऐतिहासिक और पौराणिक दोनों ही रूप से प्रयागराज समृद्ध है। इस जिले को ब्रह्मा की यज्ञस्थली के रूप में जाना जाता है। यहां आर्यों ने भी अपनी बस्तियां बसाई थीं। आंकड़ों के मुताबिक 160 साल बाद जिले का नाम इलाहाबाद से प्रयागराज हो रहा है।

जानिए प्रयाग से इलाहाबाद और फिर प्रयागराज तक का सफर-

1- पुराणों में कहा गया है, ”प्रयागस्य पवेशाद्वै पापं नश्यति: तत्क्षणात्।” अर्थात् प्रयाग में प्रवेश मात्र से ही समस्त पाप कर्म का नाश हो जाता है। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने इसकी रचना से बाद प्रयाग में पहला यज्ञ किया था। इसी प्रथम यज्ञ के प्र और याग यानी यज्ञ से मिलकर प्रयाग बना।
2- कुछ मान्यताओं के मुताबिक ब्रह्मा ने संसार की रचना के बाद पहला बलिदान यहीं दिया था, इस कारण इसका नाम प्रयाग पड़ा। संस्कृत में प्रयाग का एक मतलब ‘बलिदान की जगह’ भी है। इसके अलावा प्रयाग ऋषि भारद्वाज, ऋषि दुर्वासा और ऋषि पन्ना की ज्ञानस्थली भी है।
3- 1575 में संगम के सामरिक महत्व से प्रभावित होकर सम्राट अकबर ने इलाहाबास के नाम से शहर की स्थापना की जिसका अर्थ है- अल्लाह का शहर। उन्होंने यहां इलाहाबाद किले का निर्माण कराया, जिसे उनका सबसे बड़ा किला माना जाता है।
4- इसके बाद 1858 में अंग्रेजों के शासन के दौरान शहर का नाम इलाहाबाद रखा गया तथा इसे आगरा-अवध संयुक्त प्रांत की राजधानी बना दिया गया।
5- आजादी की लड़ाई का केंद्र इलाहाबाद ही था। वर्धन साम्राज्य के राजा हर्षवर्धन के राज में 644 CE में भारत आए चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने अपने यात्रा विवरण में पो-लो-ये-किया नाम के शहर का जिक्र किया है, जिसे इलाहाबाद माना जाता है।
6- उन्होंने दो नदियों के संगम वाले शहर में राजा शिलादित्य (राजा हर्ष) द्वारा कराए एक स्नान का जिक्र किया है, जिसे प्रयाग के कुंभ मेले का सबसे पुराना और ऐतिहासिक दस्तावेज माना जाता है।
7-वैसे थो इलाहाबाद नाम मुगल शासक अकबर की देन है लेकिन इसे फिर से प्रयागराज बनाने की मांग समय-समय पर होती रही है।
8- महामना मदनमोहन मालवीय ने अंग्रेजी शासनकाल में सबसे पहले यह आवाज उठाई और फिर अनेक संस्थानों ने समय-समय पर मांग दोहराई।
9- मालवीय ने इलाहाबाद का नाम बदलने की मुहिम भी छेड़ी थी। 1996 के बाद इलाहाबाद का नाम बदलने की मुहिम फिर से शुरू हुई। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेद्र गिरी भी नाम बदलने की मुहिम में आगे बताया।
10- आजादी के बाद पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के समक्ष भी नाम इलाहाबाद का नाम बदलने की मांग की गई। वर्तमान में साधू संतों ने सरकार के सामने प्रस्ताव दिया था।