चिदम्बरम द्व्य की गिरफ्तारी पर 7 अगस्त तक रोक


मंगलवार को पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई की और दोनों की गिरफ्तारी पर 7 अगस्त तक रोक लगा दी


एयरसेल मैक्सिस मामले में पी चिंदबरम और कार्ति चिदंबरम को बड़ी राहत मिली है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोनों की अग्रिम जमानत 7 अगस्त तक बढ़ा दी है. इससे पहले कोर्ट ने 10 जुलाई तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी. इसके साथ ही अगली सुनवाई 10 जुलाई को तय की गई थी. इसके बाद मंगलवार को पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई की और दोनों की गिरफ्तारी पर 7 अगस्त तक रोक लगा दी.

इससे पहल पी चिदंबरम ने कोर्ट में गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी.

अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले से जुड़े एयरसेल-मैक्सिस मामले में वर्ष 2011 और 2012 में सीबीआई और ईडी द्वारा दायर 2 मामलों में  कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से पहले ही 10 जुलाई तक अंतरिम राहत दी थी. ईडी ने अग्रिम जमानत की मांग करने वाली कार्ति की याचिका पर बहस करने के लिए समय मांगा था जिसके बाद कार्ति को अदालत से राहत मिली.

मैक्‍सिस डील मामले में 3 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट में जांच की स्‍टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी. इस मामले में पी चिदंबरम पर गलत तरीके से डील करने का आरोप लगाया गया है.

सीबीआई ने पिछले साल 15 मई को एफआईआर (प्राथमिकी) दर्ज कर आरोप लगाया था कि 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपए के विदेशी फंड लेने की एफआईपीबी मंजूरी देने में कथित रुप से अनियमिताएं हुईं. उस वक्त पी चिदंबरम केंद्र सरकार में मंत्री थे. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर रखा है. सीबीआई 2006 में एयरसेल-मैक्सिस सौदे को एफआईपीबी से मिली अनापत्ति में कथित अनियमितताओं की भी जांच कर रही है.


अभी और कितने अच्छे दिन चाहिए भाई?

आखिरकार निगम ने कंपनी को किया टर्मिनेट, मेयर और शहरवासियों की जीत


एग्जिक्यूशन की पावर कमिश्नर के पास है, वही इस बारे में बता सकते हैं। परंतु इतना स्पष्ट है कि काम हो चुका है।
-देवेश मौदगिल, मेयर, चंडीगढ़


चंडीगढ़। शहरवासियों को बधाई। पेड पार्किंग का ठेका लंबी जद्दोजहद के बाद आज रद कर दिया गया। पिछले तीन-चार महीनों से चल रहे पेड पार्किंग के मुद्दे का आज आखिरकार पटाक्षेप हो ही गया। नगर निगम चंडीगढ़ ने इस तिमाही की रकम समय से अदा न होने के चलते पार्किंग ठेका कंपनी ‘आर्या टोल इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड’ को आखिरकार टर्मिनेट कर दिया।

नगर निगम के मेयर देवेश मौदगिल के पदभार संभालते ही कई परेशानियों का अंबार खड़ा हो गया था। किंतु वह शहर के आम लोगों के साथ थे। बार-बार उनका यही कहना होता था कि जब पार्किंग स्मार्ट नहीं हुई तो पैसे क्यों बढ़ाए जाएं। उनके कार्यकाल के पूर्व ही किए गए एक एमओयू में सारी शर्तें लगभग पार्किंग ठेकेदार आर्या इंफ्रा टोल प्रा.लि के पक्ष में थी।

पूर्व मेयर अरुण सूद भी ठेकेदार के पक्ष में ही सदन की बैठकों में बार-बार बयान देते रहे और कहते रहे कि एमओयू की शर्तों के अनुसार ठेका रद नहीं हो सकता किंतु शुक्र है आखिरकार ठेका रद हो गया और मेयर देवेश मौदगिल की वास्तविक रूप में विजय हुई क्योंकि उन्होंने शुरू में ही कहा था कि ठेका रद करा कर ही दम लेंगे।

निगम ने की पार्किंग चलाने की तैयारी….

इस बीच नगर निगम चंडीगढ़ की तरफ से विगत तीन दिनों से ठेका रद करने के बाद पजेशन की तैयारी की जा रही थी। सूत्रों ने बताया कि कंपनी को आदेश भेजा जा चुका है कि जितना जल्दी हो वह पार्किंग्स खाली कर दे ताकि निगम उन पार्किंग्स को अपने विभागीय कर्मियों द्वारा संचालित कर सके। पता चला है कि ठेके को संचालित करने के लिए कुल 240  कर्मियों की टीम गठित की जा चुकी है उन्हेें पर्चियां भी थमा दी गई हैं। इसके अलावा चार अधिकारी भी इसकी मॉनिटरिंग के लिए तैनात किए जा चुके हैं।

जेई सीधे तौर पर इसकी सुपरविजन करेगा। इसके इंचार्ज एसडीओ पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करेंगें और रिपेार्ट हर रोज देंगे। इसके इलावा डेली कलेक्शन एसडीई पार्किंग कार्यालय में जमा की जाएगी। पार्किंग स्थलों ड्यूटी करने वालों की दो टीमें गठित की गई हैं जिसके तहत पहली टीम सुबह  7  बजे अपना कार्यभार संभालेगी और ६ घंटे की ड्यूटी करेगी, जबकि दूसरी टीम सायं  7 बजे तक ड्यूटी करेगी। कुल 13 घंटों की ड्यूटी शामिल है।

सदर की विगत माह की बैठक में इस पर लंबी चौड़ी बहस हुई थी। अधिकांश पार्षद मेयर के फैसले के साथ थे। उनके द्वारा गठित कमेटियों ने भी ठेकेदार द्वारा किए गए वॉयलेशन का हवाला देकर ठेका रद करने की सिफारिश की थी। अभी हाल ही में ज्वाइन किए नगर निगम कमिशनर आईएएस केके यादव ने भी पूरे मामले का अध्ययन करने को एक माह का समय मांगा था।

विगत  29जून को सदन की मासिक बैठक के दौरान भी पार्षदों में रोष था कि ठेका टर्मिनेट क्यों नहीं हो रहा जबकि सदन ने इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया हुआ है। कमिश्नर ने उसी वक्त कहा था कि जज्बाती होने से काम नहीं होता और सदन के प्रस्ताव से भी ठेका रद नहीं किया जा सकता। अत: कानूनी प्रक्रिया के तहत वॉयलेशन को ही आधार मानकर आगे कार्रवाई करना उचित होगा। उन्होंने निगम की कानूनी शक्तियों का हवाला भी दिया था।

संवाददाताओं ने ठेका कंपनी के ठेकेदार सुनील बदलानी से फोन पर संपर्क किया उनका जवाब था कि उनका ठेका टर्मिनेट कर दिया गया। साथ ही उनका यह भी कहना था कि कंपनी इस मामले को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी और जो भी उसका बकाया होगा उसे लेकर ही रहेगी।

अंतत: आर्याटोल इंफ्रा प्रा लि. इनके जाल में फंस ही गई। विगत शुक्रवार को निगम द्वारा कंपनी को शो कॉज नोटिस जारी किया गया था। अगले दिन उसे तिमाही की बकाया राशि करीब  3.69 करोड़ रुपये की अदायगी निगम के खाते में करनी थी। निर्धारित समय व तिथि बीत जाने के बावजूद कंपनी ने पैसों की अदायगी नहीं की। निगम के ज्वाइंट कमिशनर तेजदीप सैनी ने कहा था कि वॉयलेशन के तहत कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। हांलाकि आज संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर तेजदीप सैनी ने कोई बात नहीं की, किंतु मतलब साफ था कि निगम की तरफ एक्शन हो चुका था।

बता दें कि पेड पार्किंग शहरवासियों में भी पार्किंग दरे डबल किए जाने के खिलाफ भारी रोष था। लोगों का कहना था कि पार्किंग तो स्मार्ट हुई नहीं, लेकिन ठेकेदार ने दरें डबल कर दी। उधर, ठेकेदार का कहना था कि नगर निगम चंडीगढ़ की तरफ से समझौते के अनुसार उसे सेक्टर- 22 की पार्किंग की पूरी जगह उपलब्ध नहीं कराई गई लिहाजा कंपनी को ठेका लेने के साथ ही १० करोड़ की आर्थिक क्षति उठानी पड़ी। किंतु आखिरकार जीत शहर के लोगों की ही हुई है।

 

मेक इन इंडिया के तहत सैमसंग भारत में लाये दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फ़ैक्टरि


पढ़िए दुनिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री का उद्धघाटन करते वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा


सोमवार को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से सटे नोएडा पहुंंचे. नोएडा में दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री का उद्धघाटन करने पहुंचे मोदी ने लोगों को संबोधित भी किया. पढ़िए उनके भाषण की पांच मुख्य बातें.

–  पांच हज़ार करोड़ रुपए का ये निवेश ना सिर्फ सैमसंग के भारत में व्यापारिक रिश्तों को मजबूत बनाएगा, बल्कि भारत और कोरिया के संबंधों के लिए भी अहम सिद्ध होगा.

–  पीएम मोदी ने कहा, पिछले चार वर्षों में फैक्ट्रियों की संख्या 2 से बढ़कर 120 हो गई हैं, जिसमें 50 से ज्यादा तो यहां नोएडा में ही हैं. इससे 4 लाख से अधिक नौजवानों को सीधा रोजगार मिला है.

–  आज भारत में लगभग 40 करोड़ स्मार्टफोन उपयोग में है, 32 करोड़ लोग ब्रॉडबैंड इस्तेमाल कर रहे हैं. बहुत कम दर पर इंटरनेट डेटा उपलब्ध है, देश की एक लाख से अधिक ग्राम पंचायतों तक फाइबर नेटवर्क पहुंच चुका है. ये सारी बातें, देश में हो रही डिजिटल क्रांति का संकेत हैं.

–  पीएम मोदी ने कहा, सस्ते डेटा और सस्ते स्मार्टफोन से बिजली-पानी का बिल भरना, स्कूल-कॉलेज में एडमिशन, PF हो या पेंशन, लगभग हर सुविधा ऑनलाइन मिल रही है.

–  नरेंद्र मोदी ने कहा, मुझे प्रसन्नता है कि इस पहल को आज दुनियाभर से सहयोग मिल रहा है. मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग की बात करें तो आज भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है.

हम पैट्रोलियम मंत्रालय की दया पर नहीं है : सर्वोच्च न्यायालय


पीठ ने यह टिप्पणियां उस वक्त कीं जब शीर्ष अदालत को सूचित किया गया कि इस मंत्रालय ने रविवार को ही पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को पेट कोक के आयात पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे से अवगत कराया है


सुप्रीम कोर्ट ने औद्योगिक इकाइयों में पेट कोक के इस्तेमाल से संबंधित मामले में नाराजगी के साथ फटकार लगाई कि क्या पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय खुद को भगवान या सुपर सरकार मानता है. और सोचता है कि बेरोजगार जज उसकी दया पर हैं. जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने यह तीखी टिप्पणियां उस वक्त कीं जब शीर्ष अदालत को सूचित किया गया कि इस मंत्रालय ने रविवार को ही पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को पेट कोक के आयात पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे से अवगत कराया है. यह कोक औद्योगिक ईंधन के रूप में इस्तेमाल होता है.

शीर्ष अदालत ने इस रवैये पर कड़ा रूख अपनाते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय पर इस लापरवाही के लिए 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. अदालत दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण की समस्या को लेकर पर्यावरणविद् अधिवक्ता महेश चन्द्र मेहता द्वारा 1985 में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था.

शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार पर भी एक लाख रूपए का जुर्माना किया क्योंकि उसने राजधानी में अनेक रास्‍तों पर यातायात अवरूद्ध होने की समस्या को दूर करने के लिए कोई समयबद्ध स्थिति रिपोर्ट पेश नहीं की. पीठ ने कहा कि दस मई के अदालत के आदेश के अनुसार दिल्ली सरकार को छह सप्ताह के भीतर इस बारे में हलफनामा दाखिल करना था लेकिन उसने न तो ऐसा किया और न ही उसकी ओर से कोई वकील उपस्थित हुआ. पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार इन आदेशों के प्रति गंभीर नहीं है.

पीठ ने पेट्रोलियम एंव प्राकृतिक गैस मंत्रालय के खिलाफ ये तल्ख टिप्पणियां उस वक्त कीं जब अतिरिक्त सालिसीटर जनरल एएनएस नाडकर्णी ने उसे सूचित किया कि इस मंत्रालय से उसे कल ही जवाब मिला है. इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुये पीठ ने कहा, ‘क्या पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय भगवान है? क्या वे भगवान हैं? उनसे कह दीजिये कि वे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की बजाए अपना नाम बदल कर भगवान कर लें.’

पीठ ने कहा, ‘क्या पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय सुपर सरकार है? क्या वह भारत सरकार से ऊपर है? हमें बताएं कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की क्या हैसियत है? वे किसी भी आदेश का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं?’

नाडकर्णी ने जब यह कहा कि उनका हलफनामा तैयार है और इसे आज ही दाखिल कर दिया जाएगा तो जस्टिस लोकुर ने पलट कर कहा, ‘यदि वे (पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय) आदेशों पर अमल नहीं करना चाहते हैं तो वे पालन नहीं करें. और क्या वे सोचते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के बेरोजगार जज उन्हें समय देंगे. क्यों हमें उनकी दया पर रहना होगा.’

पीठ ने अतिरिक्त् सालिसीटर जनरल को दिन में हलफनामा दाखिल करने की अनुमति देते हुए कहा, ‘हम पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को जवाब भेजने के लिए अपने हिसाब से वक्त लगाने के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के रवैये से आश्चर्यचकित हैं. यह विलंब सिर्फ पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की ‘सुस्ती’ के कारण हुआ है.’

पीठ ने इस मंत्रालय पर 25 हजार रुपए लगाते हुए कहा कि यदि जुर्माने की राशि सुप्रीम कोर्ट सेवा प्राधिकरण में 13 जुलाई तक जमा नहीं कराई गई तो वह जुर्माने की राशि बढ़ा देगी. अदालत इस मामले में अब 16 जुलाई को आगे सुनवाई करेगा.

इससे पहले, संक्षिप्त सुनवाई के दौरान न्याय मित्र की भूमिका निभा रही वकील अपराजिता सिंह ने कहा कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय को पेट कोक के आयात पर प्रतिबंध लगाने तथा प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के बारे में जवाब देना था.

‘GST has brought transparency in the system’


The Institute of Cost Association of India (ICAI ) holds one day seminar on GST, Banking & Insolvency Code and Valuation Rules-2017


Chandigarh, July 8, 2018: 

The Institute of Cost Association of India (ICAI ), Northern India Regional Council and its Chandigarh Panchkula Chapter held  one day seminar on GST, Banking & Insolvency Code and Valuation Rules-2017, at The Lalit Hotel, IT Park here today.

Delivering a key note address on the occasion, CMA Sanjay Gupta, President of ICAI-CMA said, “Ethics and Integrity need to be brought in the system and we are working in all aspects to bringing the transparency in the economic system.” He further updated the participants about new initiatives of the ICAI-CMA and what challenges the Accounting bodies have to face in the regime of Artificial Intelligence (IA) era when audit will not be the job of the accounting professionals.

While addressing the gathering, CMA Sanjay Tandon, Chandigarh-  BJP President who was one of the Guests of Honour, called GST, India’s one of the biggest economic reform, which brought transparency  in the Indian Economic system and said, “Earlier government worked on 30 % of the society, which was reasonably good but the effect of decision making could do better. But Modi government addressed the rest 70 percent of the society.

During the seminar, Vivek Atray, IAS Retd said, “World is looking at Indian Economy with a lot of confidence and faith that India will lead the way and show the way to many developing countries.  Indian economy has transformed from one phase to another, more transparency and efficiency came in the system which without GST was not possible”. He appreciate the efforts of CMA profession for conducting such seminars in the interest of all stake holders.

On the occasion, CMA Sunil K Singh Chairman –NIRC also expressed his views on the theme of the seminar, “New Economic Reforms and role of CMA profession”. He also requested the government to give CMA its due role  in achieving the mission of ‘Make in India’. CMA L.N. Aggarwal, Chairman Chandigarh-Panchkula Chapter welcomed all the participants for joining the seminar and making a valuable for all the stake holders.

CMA D.S. Bhatia, presented the formal vote of thanks and submitted to the President of the Institute for its premises in tricity as this part of the country has potential for the profession.

Delivering a key note address on the insolvency and bankruptcy code, Virender Kulharia, IA&AS, Deputy Accountant General, said, “CMA Profession has made equal understanding with professionals , which give limited certification for practice. And wish that there should held more interaction with government monitors and institutes to explore and can do cross pollination of ideas”.

While talking on GST, CMA Anil Sharma, Secretary of Northern India of the Institute talked about the issues, which needs to be addressed by the government.K. Gaurav Dhawan, Additional Commissioner CGST also expressed his view point and also informed the participants about government initiatives to make the GST more user-friendly. CMA Rakesh Bhalla Chief General Manager, SML ISUZU raised various issues that have not been addressed so far and have made working of the dealers more complicated.

In afternoon session CMA Rajansh Thukral explained the scope and challenges of Banking and Insolvency Code. CMA Varind Jain another speaker on the issues talked about the impact of IB Code on Indian economy and the banking system which is facing tough time with NPA.

To evaluate the business net worth in real terms, Valuation Rules -2016 have been released by the government where in professionals like Cost Accountants (CMAs), and other professionals have been authorized to evaluate the business assets such as goodwill, shares, plants & machinery, building etc. What are the challenges faced by Industry and these professionals were discussed at this one day seminar. CMA Aseem Jain, expressed is view point and explain the provisions of Valuations Rules -2016.

मुकेश अंबानी का कार्यकाल 5 साल ओर बढ़ा


बाजार पूंजीकरण के आधार पर देश की दूसरी बड़ी निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयरधारकों ने मुकेश अंबानी को अगले पांच वर्ष के लिए फिर से अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) नियुक्त करने को मंजूरी प्रदान कर दी है।


मुंबई

61 वर्षीय अंबानी वर्ष 1977 से कंपनी के निदेशक मंडल है और जुलाई 2002 में उनके पिता धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद अध्यक्ष बनाया गया था। गत पांच जुलाई को कंपनी की 41वीं वार्षिक आम बैठक में अंबानी को कंपनी का पांच वर्ष के लिए पुन: अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव किया था। उनकी नई नियुक्ति 19 अप्रेल 2019 से प्रभावी होगी।

कंपनी ने शेयर बाजार को सूचित किया है कि उसके 616.45 करोड़ शेयरधारकों में से 50818 करोड़ शेयरधारकों ने अंबानी को पुन: अध्यक्ष बनाने के पक्ष में मतदान किया है। कुल मत में से 98.5 फीसदी ने अंबानी के पक्ष में एवं 1.48 प्रतिशत ने विरोध में पड़े थे।

प्रस्ताव के अनुसार अंबानी को वार्षिक 4.17 करोड़ वेतन मिलेगा और 59 लाख रुपए पूर्वनिर्धारित व्यय और भत्ते मिलेगा। इसमें सेवानिवृत्ति लाभ शामिल नहीं है।

कंपनी के शुद्ध लाभ के आधार पर वह बोनस के हकदार भी होंगे और पत्नी एवं सेवादारों के साथ कारोबारी यात्राओं का पूरा व्यय और कंपनी के कामकाज के लिए कारों का उपयोग, आवास पर संचार से संबंधित सभी व्यय रिलायंस करेगी। अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा पर होने वाला व्यय भी कंपनी ही भरेगी।

अभिनेत्री सूर्या शिशकुमार, उसकी मां और बहन को नकली नोट छापने के आरोप में गिरफ्तार किया गया

कोल्लम
केरल की टीवी अभिनेत्री सूर्या शिशकुमार, उसकी मां और बहन को नकली नोट छापने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार तीनों अपने घर पर नकली नोट छापती थीं। सूर्या शशिकुमार पूर्व में हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए नकली नोट छापने का काम कर रही थीं। सूर्या एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं और वह केरल के कई टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाले कई सीरियल में अभिनय कर चुकी हैं।
पुलिस क्षेत्राधिकारी वीएस सुनील कुमार की अगुआई में पुलिस दल ने बुधवार को सूर्या और उसके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार किया। सुनील कुमार ने बताया कि उन्हें अभिनेत्री के घर से नोट छपाई की हर तरह की सामग्री मिली है। उन्होंने कहा कि गुरुवार को इनके दो और साथी गिरफ्तार किए गए जिससे इस मामले में गिरफ्तार हुए लोगों की संख्या आठ हो गई है। सभी गिरफ्तार व्यक्यिों को गुरुवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

सुनील कुमार ने कहा, ‘हमें वहां से दो लाख रुपये के नकली नोट मिले….हमने कागज, प्रिंटर्स और नकली नोट बनाने में प्रयुक्त होने वाली अन्य सामग्री जब्त की। उनके घर पर इतनी सामग्री थी कि जिससे 50 लाख रुपये के नकली नोट छापे जा सकते हैं।’ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘अभिनेत्री और उसके परिवार ने कबूल किया है कि वे लोग पिछले साल सितंबर से नकली नोट छापने का काम कर रहे थे।’

Karnataka Budget: CM Kumaraswamy announces farm loan waiver; petrol, electricity to get dearer


Unveiling the budget proposals in the Assembly, Kumaraswamy, who also holds the finance portfolio, said he has limited the loan amount to Rs 2 lakh, as it was “not right” to waiver higher value crop loan.


 

In a big relief to the farm sector, Karnataka Chief Minister H D Kumaraswamy today announced a mega Rs 34,000 crore farm loan waiver scheme in the maiden budget of the Congress-JDS coalition government.

Unveiling the budget proposals in the Assembly, Kumaraswamy, who also holds the finance portfolio, said he has limited the loan amount to Rs 2 lakh, as it was “not right” to waiver higher value crop loan.

“Due to this crop loan waiver scheme, farmers will get the benefit of Rs 34,000 crore,” Kumaraswamy said, seeking to fulfil a major electoral promise made by the JDS in its manifesto for the recently held assembly polls in the state.

With the waiver scheme imposing a huge burden on the exchequer, he also announced proposals to mop up additional resources, including increase in the rate of tax on petrol by Rs 1.14 per litre and diesel by Rs 1.12 per litre.

He also proposed a hike in the additional excise duty on Indian-made liquor by 4 per cent across the board on all 18 slabs.

Kumaraswamy recalled his assurance to waive all types of crop loans of farmers taken for agricultural activities within 24 hours of formation of a full-fledged government.

“However, even though the people of the state have not blessed a single party government, I have been provided with a good opportunity to form a coalition government and to work as chief minister of that coalition,” he said.

Kumaraswamy said he had decided to waive all defaulted crop loans of the farmers made up to December 31, 2017 in the first stage.

Besides this, it has been decided to credit the repaid loan amount or Rs 25,000, whichever is less, to each of the farmers account, to help farmers who had repaid the loan within time, the chief minister said.

The families of the government officials and officials of the cooperative sector, farmers who have paid income-tax for the past three years and other ineligible farm loan recipients will be outside the purview of the loan waiver scheme.

रक्षा क्षेत्र में निवेश के लिये योगी सरकार लायेगी रक्षा निर्माण नीति

लखनऊ ।

केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना रक्षा गलियारे को प्रोत्साहन देने के मकसद से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को बहुप्रतीक्षित रक्षा निर्माण नीति की घोषणा कर दी।

करीब 50 हजार करोड की यह परियोजना अगले पांच साल में पूरी होगी और इससे प्रदेश में ढाई लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में रक्षा निर्माण नीति के साथ एवं रोजगार नीति 2018 को भी मंजूरी दे दी गयी।

मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने दावा किया कि रक्षा निर्माण नीति देश की सर्वोत्तम नीतियों में एक है जो निजी अाैर सार्वजनिक क्षेत्र को निवेश करने के लिये सभी वित्तीय एवं प्रशासनिक मदद मुहैया करायेगी।

उन्होने कहा कि अलीगढ, आगरा,झांसी,चित्रकूट,कानपुर और लखनऊ को रक्षा निर्माण हब बनाने के लिये चिन्हित किया गया है जिसका केन्द्र बुंदेलखंड क्षेत्र होगा।

उन्होने कहा कि नोडल एजेंसी यूपीइडीए इसके लिये करीब तीन हजार हेक्टेयर जमीन अधिकृत करेगा अौर रक्षा इकाइयां प्लग एंड प्ले फार्मेूले के तहत जमीन देंगी। सारी जमीन सितम्बर से पहले अधिग्रहित कर ली जायेंगी और इसके बाद कई बडे प्रस्तावों के साथ काम की शुरूआत हाेगी।

सर्वोच्च न्यायालय ने लता रजनीकांत को मंगलवार को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि वह या तो बकाए का भुगतान करें या मुकदमे का सामना करें


सुप्रीमकोर्ट ने फिल्म के प्रसारण अधिकार मामले में अभिनेता रजनीकांत की पत्नी लता रजनीकांत को मंगलवार को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि वह या तो बकाए का भुगतान करें या मुकदमे का सामना करें।


न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायाधीश आर भानुमति की खंडपीठ ने कहा कि मीडियाऑन ग्लोबल एंटरटेनमेंट लिमिटेड बकाया पैसे का भुगतान एड-ब्यूरो विज्ञापन प्राइवेट लिमिटेड को तीन महीने के भीतर नहीं करता है तो यह भुगतान लता रजनीकांत को करना पड़ेगा।

न्यायालय ने सुनवाई के दौरान यह पूछा कि एड-ब्यूरो विज्ञापन प्राइवेट लिमिटेड को पैसे का भुगतान अभी तक क्यों नहीं किया गया? उसने यह भी पूछा कि पैसे का भुगतान कब तक किया जाएगा।

दरअसल यह मामला फ़रवरी 2016 का है, जिसमें न्यायालय ने रजनीकांत की पत्नी लता को बारह हफ्ते के भीतर एक निजी कम्पनी को छह करोड़ 20 लाख रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया था। यह भुगतान फिल्म ‘कोचडियायन’ के प्रसारण अधिकारों को बेचने के संदर्भ में था।

वर्ष 2016 में विज्ञापन ब्यूरो ने शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की थी, जिसमें यह बताया गया कि फिल्म ‘कोचडियायन’ के निर्माण के समय 10 करोड़ रुपए का ऋण लिया गया था, जिसका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है और जहां तक बात फिल्म के अधिकारों की है तो जो अधिकार उसे मिलने चाहिए थे, वह एरोज इंटरनेशनल को बेच दिया गया।