पंचांग, 02 अगस्त 2024

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 02  अगस्त 2024

नोटः आज श्रावण शिवरात्रि व्रत है। सावन शिवरात्रि, जिसे श्रावण शिवरात्रि या मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। यह हर साल श्रावण माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस शुभ अवसर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः श्रावण़ 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः त्रयोदशी अपराहन् काल 03.27 तक है, 

वारः शुक्रवार। 

नोटः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः आर्द्रा प्रातः काल 10.59 तक, 

योग हर्ष़ प्रातः काल 11.45 तक है, 

करणः वणिज, 

सूर्य राशिः कर्क, चन्द्र राशिः मिथुन, 

राहू कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,

सूर्योदयः 05.47, सूर्यास्तः 07.07 बजे।