संसद सत्र शुरू होते ही दीपेन्द्र हुड्डा ने अग्निपथ योजना के खिलाफ पेश किया कामरोको प्रस्ताव

  •          नियम 267 के तहत दीपेन्द्र हुड्डा के कार्य स्थगन प्रस्ताव को राज्य सभा के सभापति ने अस्वीकार किया
  •          जब तक सरकार अग्निपथ योजना वापस नहीं करती, संसद में और संसद के बाहर लड़ाई जारी रहेगी – दीपेन्द्र हुड्डा
  •          कोरोना की आड़ में सेना में खाली पड़े करीब 2 लाख पदों पर 3 साल से बंद भर्ती शुरू हो– दीपेन्द्र हुड्डा

चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 18 जुलाई, 2022: 

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आज संसद का मानसून सत्र शुरू होते ही अग्निपथ योजना के खिलाफ राज्य सभा में नियम 267 के तहत कार्य-स्थगन प्रस्ताव पेशकर चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना से पूरे देश के युवाओं में अपने भविष्य को लेकर भ्रम और चिंता की स्थिति है और उनमें काफी रोष है। इसलिये सरकार सारा काम रोककर इस अति महत्तवपूर्ण विषय पर तुंरत विस्तार से चर्चा कराए। दीपेन्द्र हुड्डा के कार्य स्थगन प्रस्ताव को राज्य सभा के सभापति ने अस्वीकार कर दिया और इसके बाद पूरे दिन के लिए सदन की कार्रवाई स्थगित हो गई। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि जब तक सरकार अग्निपथ योजना वापस नहीं करती, संसद में और संसद के बाहर लड़ाई जारी रहेगी।

अपने नोटिस में सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि पिछले दिनों केंद्र सरकार बिना किसी चर्चा और विचार-विमर्श के मनमाने ढंग से देश भर में अग्निपथ योजना को लागू कर दिया। सरकार ने इस योजना का जल्दबाजी में क्रियान्वयन कर देश भर के युवाओं को दुविधा और भ्रम की स्थिति में धकेल दिया। देश के कई हिस्सों में इस योजना के खिलाफ व्यापक विरोध-प्रदर्शन देखा गया। अग्निपथ योजना न देशहित में है, न देश सुरक्षा के, न ही युवाओं के भविष्य के हित में है। सरकार ने कोरोना की आड़ में पिछले 3 वर्षों से सेना में भर्ती नहीं की। उन्होंने मांग करी कि अग्निपथ योजना तुरंत रद्द कर सरकार देश के युवाओं से माफ़ी माँगे और और सेना में खाली पड़े अधिकारी व गैर-अधिकारी वर्ग के करीब 2 लाख पदों पर 3 साल से बंद पड़ी भर्ती को तुरंत खोले।