चिनमयानन्द से 5 करोड़ की रंगदारी मांगने वाली पीड़िता की जमानत याचिका खारिज
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पीड़ित छात्रा को विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है. एसआईटी ने पीड़ित छात्रा को चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है. एसआईटी के मुताबिक पीड़ित छात्रा और उसके दोस्तों पर चिन्मयानंद से 5 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी. पीड़ित छात्रा को मेडिकल के लिए ले जाया गया है. स्वामी चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के आरोप में पीड़ित छात्रा की गिरफ्तारी के मामले शाहजहांपुर एडीजे फर्स्ट कोर्ट ने बुधवार को पीड़िता की जमानत अर्जी खारिज कर दी.
शाहजहांपुर. स्वामी चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के आरोप में पीड़ित छात्रा की गिरफ्तारी के मामले में शाहजहांपुर एडीजे फर्स्ट कोर्ट ने बुधवार को पीड़िता की जमानत अर्जी खारिज कर दी. पीड़िता की गिरफ्तारी के बाद उसके वकील ने कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी. गुरुवार को फिर से कोर्ट में छात्रा की जमानत के लिए आवेदन किया जाएगा. 26 सितंबर को कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के लिए तारीख दे रखी है.
सहायक अभियोजन अधिकारी लाल साहब ने फोन पर बताया कि चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने वाली रेप पीड़िता छात्रा की जमानत अर्जी उनके अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने एसीजीएम की अदालत में लगाई थी. जिसे अदालत ने खारिज कर दिया.
30 सितंबर को होगी चिन्मयानंद की जमानत पर सुनवाई
उधर चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने बताया कि बुधवार को उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री की जमानत की अर्जी जिला जज की अदालत में दी है, जिस पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय हुई है. पीड़िता की गिरफ्तारी के बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) ने प्रेस वार्ता की, जिसमें आईपीएस भारती सिंह ने बताया कि चिन्मयानंद को मोबाइल पर धमकी भरा मैसेज भेजा गया था. जिसमें उनसे पांच करोड़ रुपए की मांग की गई थी. रंगदारी नहीं देने पर उनका अश्लील वीडियो टीवी चैनल पर चलवा कर उनकी इज्जत मिट्टी में मिलाने की धमकी दी गई थी.
आरोपी बोले, रंगदारी मांगने में पीड़िता की प्रमुख भूमिका
आईपीएस भारती ने बताया कि इस मामले में मुकदमा कोतवाली में दर्ज किया गया था. इसके बाद मौखिक अभिलेख और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य एकत्र किए गए और विवेचना की प्रगति रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय में 23 सितंबर को प्रस्तुत की गई, जिससे न्यायालय संतुष्ट हुआ है. उन्होंने बताया कि पूर्व में गिरफ्तार संजय, विक्रम और सचिन ने रंगदारी मांगने की बात स्वीकार की थी. इसके साथ ही आरोपियों ने साक्ष्य मिटाने के इरादे से मोबाइल फोन राजस्थान के दौसा में रास्ते में फेंक दिया था. तीनों आरोपियों ने स्वीकार किया कि इस रंगदारी की मांग में ‘मिस ए’ यानी पीड़िता की प्रमुख भूमिका है.
वीडियो में पीड़िता ने चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने की बात स्वीकार की है
मोबाइल फोन बरामद करने के लिए ही सचिन तथा विक्रम को अदालत से पुलिस हिरासत में लिया गया है. उनकी पुलिस हिरासत की अवधि 95 घंटे की है. भारती ने बताया कि उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर ‘मिस ए’ पीड़िता से 24 सितंबर को उनके आवास पर पूछताछ की गई और उन्हें फॉरेन्सिक लैब द्वारा जांच के उपरांत वीडियो क्लिपिंग दिखाई गई जिसमें पीड़िता द्वारा फर्जी सिम का प्रयोग कर व्हाट्सएप के माध्यम से चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने की बात स्वीकार की गई है.
14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजी गई पीड़ित
पुलिस अधिकारी सिंह ने बताया है कि वीडियो क्लिप में संजय, विक्रम, सचिन तथा ‘मिस ए’ साथ में थे. ऐसे में टोल टैक्स होटल में उनकी एक साथ उपस्थिति और सीडीआर के पुख्ता साक्ष्य इकट्ठे किए गए. उन्होंने बताया कि साक्ष्यों के साथ एसआईटी दोबारा पीड़िता के घर गई और उन्हें वीडियो क्लिप दिखाई गई तो पीड़िता ने अपनी और अपने साथियों की आवाज होने की पुष्टि की. एसआईटी ने पीड़िता को गिरफ्तार करके बुधवार सुबह जेल भेज दिया. अधिवक्ता ओम सिंह ने बताया कि पीड़िता को विशेष जांच दल ने एसीजेएम (अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) विनीत कुमार की अदालत में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
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