Wednesday, January 15

एम०के०साहित्य अकादमी पंचकुला द्वारा ‘महफ़िल के रंग, बच्चों के संग’

एम०के०साहित्य अकादमी पंचकुला द्वारा दिनांक 4/5/2019 , दिन शनिवार को प्रातः 11बजे से एक बजे तक ‘महफ़िल के रंग, बच्चों के संग’ में एक काव्य प्रतियोगिता का आयोजन ‘साई की पाठशाला’ सेक्टर 12 पंचकूला में किया गया। डॉ०प्रतिभा माही ने मंच संचालन करते हुए माँ शारदे व ओम साई राम को नमन कर समारोह का आगाज़ किया।
‘साई की पाठशाला’ के 25 बच्चों ने काव्य प्रतियोगिता में भाग लिया। सभी नन्हें नन्हें फूल व कलियों ने अपनी अपनी पसन्द का कव्य पाठ किया तथा गाना गाया। जिनमें से उच्चतम 10 प्रतिभागियों को पुरुस्कार व अन्य प्रतिभागियों को डॉ०प्रतिभा माही ने उपहार दिया। सभी छोटे बड़े मस्ती में झूमने लगे। यह पूरा कार्यक्रम मुख्य अतिथि श्रीमती सुनीता नैन (उप जिला शिक्षा अधिकारी पंचकुला) विशेष अतिथि श्री अनिल थापर जी व श्रीमती वैशाली कंसल (समाज सेविका व महा सचिव , महिला मोर्चा बी०जे०पी०) के सानिध्य में तथा श्री गणेश दत्त (वरिष्ठ तकनीकी निदेशक ,राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र हरियाणा ,भारत सरकार) की अध्यक्षता में हुआ।

‘साई की पाठशाला’ जहाँ श्री अनिल थापर जी के संरक्षण व निर्देशन में नन्हें नन्हें वो मासूम बच्चे शिक्षा व संस्कार ग्रहण कर रहे हैं, जो झुग्गी-झौपड़ियों में रहते हैं तथा गरीबी के कारण पढ़ नहीं सकते, अपने सपने पूरे नहीं कर सकते, कुछ बच्चेट्राफिक लाइट पर भीख माँग माँगकर अपना गुजारा करते हैं । ऐसे सभी बच्चों को श्री अनिल थापर जी तथा उनकी टीम साई की पाठशाला में अपनी गाड़ियों से लेकर आते हैं, उन नन्हें मासूम बच्चों को मुफ़्त शिक्षा देते हैं तथा उनके सपनों को एक उड़ान देकर स्कूलों में भर्ती कराते हैं। अगर एक शब्द में कहा जाए तो श्री अनिल थापर जी उन सबके लिए एक मसीहा हैं जो तन-मन-धन सम्पूर्ण रूप से समाज सेवा को सपर्पित हैं।
डॉ०प्रतिभा माही ने दो पंक्तियों में अपने अनुभव को कहा—
“ज़िन्दगी से बड़ी कोई किताब नही,
औ-दुआओं से बड़ा ख़िताब नहीं।”

समारोह में उपस्थित सुनीता गर्ग , सुशील अरोड़ा, मंजू बिसला व जगदीप जी ने भी अपने विचार प्रस्तुत कर विशेष योग दान दिया। एम०के०साहित्य अकादमी पंचकुला संस्था ने भी आज ‘साई की पाठशाला’ द्वारा किये जा रहे इस परोपकारी यज्ञ में अपनी ये पहली आहुति दी है और अब आगे भविष्य में समय समय पर देती रहेगी , ऐसा डॉ० प्रतिभा माही ने कहा जो कि इस संस्था अध्यक्ष/संस्थापिका हैं। कार्यक्रम सम्पूर्ण रूप से सफल रहा इसका श्रेय अनिल थापर व डॉ०प्रतिभा माही को जाता है।