जम्मू काश्मीर में हुए फिदायीन हमले में 30 जवान शहीद
नई दिल्ली : जम्मू और कश्मीर में 2019 का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ है. जम्मू से श्रीनगर जा रहे सीआरपीएफ के काफिले पर ये हमला गुरुवार दोपहर को किया गया. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस हमले में सीआरपीएफ के 30 जवानों शहीद होने की खबर है. आतंकियों ने इलाके में जवानों पर पहले गोलीबारी की और फिर उन पर कार के जरिये आईईडी ब्लास्ट किया. ये हमला उरी से भी बड़ा आतंकी हमला बताया जा रहा है. यह आतंकी हमला पुलवामा जिले के अवंतीपोरा के गोरीपोरा इलाके में हुआ
सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों को निशाना बना कर किये गये आईईडी विस्फोट की जैश-ए-मोहम्मद ने जिम्मेदारी ली है. सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है कि ये एक आत्मघाती हमला है. इस आत्मघाती हमले को जैश के आतंकी आदिल अहमद डार ने अंजाम दिया. हमले में 45 से ज्यादा जवान घायल हुए हैं.
हमला तब हुआ जब सीआरपीएफ का काफिला जम्मू से कश्मीर जा रहा था. काफिले में 70 वाहन थे. इसमें से एक बस को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है. सेना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि 2001-02 में आतंकियों ने इसी तरह के फिदायीन हमले को अंजाम दिया है. सेना का कहना है कि सेना ने जिस तरह से आतंकियों के ख्ािलाफ ऑपरेशन चलाया है, उसमें उनकी बौखलाहट बढ़ गई है. इसी कारण उन्होंने आईएसआईएस की तर्ज पर ये हमला किया है.
पुलिस के अनुसार, पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग सीआरपीएफ के काफिले में 2500 जवान शामिल थे. इसमें एक बस में 20 से ज्यादा जवान मौजूद थे. आतंकियों ने काफिले पर आईईडी विस्फोट करते हुए सीआरपीएफ के वाहन पर गोलियां बरसाईं. सुरक्षाबलों का यह काफिला श्रीनगर-जम्मू हाईवे से होकर जा रहा था. यह एक मात्र हाइवे है, जो कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है. भारी बर्फबारी के कारण 7 दिनों के बाद 13 फरवरी को इस राजमार्ग पर यातायात फिर से शुरू किया गया था.
पुलिस के अनुसार, पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग सीआरपीएफ के काफिले में 2500 जवान शामिल थे. इसमें एक बस में 20 से ज्यादा जवान मौजूद थे. आतंकियों ने काफिले पर आईईडी विस्फोट करते हुए सीआरपीएफ के वाहन पर गोलियां बरसाईं. सुरक्षाबलों का यह काफिला श्रीनगर-जम्मू हाईवे से होकर जा रहा था. यह एक मात्र हाइवे है, जो कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है. भारी बर्फबारी के कारण 7 दिनों के बाद 13 फरवरी को इस राजमार्ग पर यातायात फिर से शुरू किया गया था.
धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जिले के अवंतिपुरा इलाके में श्रीनगर जम्मू राजमार्ग पर यह आईईडी विस्फोट हुआ. पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था.
सीआरपीएफ के सूत्रों का कहना है कि सड़क पर एक चार पहिया वाहन में IED लगाया गया था. कार हाईवे पर खड़ी थी. जैसे ही सुरक्षाबलों का काफिला कार के पास से गुजरा, उसमें ब्लास्ट हो गया. इस दौरान काफिले पर फायरिंग की भी खबर है. इस हमले में 30 सीआरपीएफ जवानों की मौत गई, जबकि 18 गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. सबसे अधिक संभावना है कि यह एक रिमोट कंट्रोल्ड व्हीकल आईईडी था.
रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों ने आईईडी में विस्फोट करने के बाद सीआरपीएफ बस पर स्वचलित हथियारों से गोलियां भी बरसाईं. जम्मू एवं कश्मीर पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने 10 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने की पुष्टि की और कहा कि यह एक आत्मघाती हमला हो सकता है. खुद को जेईएम का प्रवक्ता बताने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने स्थानीय समाचार एजेंसी जीएनएस को दिए एक बयान में कहा कि यह संगठन द्वारा किया गया एक फिदायीन हमला था.
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