“उन्होंने हमारी जमीन छीनी है,वो यहां रहने के लायक नहीं है”, संजय सिंह

भारतीय राजनीति में किसानों का बहुत महत्व है उनके द्वारा उगाये गए प्याज़ हों या खुद उनकी ज़मीन। नेता किस तरह उनकी ज़मीन हड़पते हैं इसकी एक बानगी है कौसर के इंडस्ट्रियल इलाके में 65.57 एकड़ साइकल फैक्ट्री की ज़मीन को “राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट” द्वार खरीदा जाना और बाद में ज़ाहिर होने पर उस सौदे का अमान्य होना। प्रश्न उठता है जब साइकल फैक्ट्री का प्रोजेक्ट फेल कर दिया गया तब किसानों से किया गया नौकरी का वादा भी फेल हो गया।

किसान सालों से एक के बाद एक फेल होते प्रोजेक्ट्स के कारण अपनी ज़मीन, नौकरी की उम्मीद से हाथ धोते रहे। पर क्या प्रोजेक्ट के फेल होने पर अधिगृहीत ज़मीन किसानों को वापिस की गयी? क्या नौकरी का वादा किसी और प्रोजेक्ट में पूरा नहीं किया जा सकता था?

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी गए थे. इस दौरान एक तरफ जहां वो चुनाव प्रचार में लगे हुए थे तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग राहुल गांधी के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नजर आए. दरअसल ये लोग अमेठी के किसान थे जो कांग्रेस पर उनकी जमीन हड़पने का आरोप लगा रहे थे.

बुधवार को गौरीगंज शहर में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बताया कि उन्होंने अपनी जमीन राजीव गांधी फाउंडेशन को दी थी. उनकी मांग है कि या तो उनकी जमीन उन्हें वापस की जाए या फिर उन्हें रोजगार दिया जाए.

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों में से एक संजय सिंह ने कहा, हम राहुल गांधी से काफी निराश हैं. उन्हें इटली वापस चले जाना चाहिए. वो यहां रहने के लायक नहीं है. उन्होंने हमारी जमीन छीनी है.

किसान ये प्रदर्शन सम्राट साइकिल फैक्ट्री के पास कर रहे थे. ये वही फैक्ट्री है जिसका उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री रजीव गांधी ने किया था.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल 1980 में जैन भाईयो ने कौसर के इंडस्ट्रियल इलाके में 65.57 एकड़ की जमीन ली थी. वो यहां एक कपंनी चलाना चाहते थे लेकिन प्राजेक्ट फेल हो गया. जिसके बाद 2014 में जमीन की नीलामी हो गई. नीलामी में खरीदी गई जमीन का भुगतान 1,50,000 रुपए की स्टांप ड्यूटी पर राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से  किया गया. बाद में UPSIDC ने इस निलामी को अमान्य कर दिया, जिसके बाद गौरीगंज कोर्ट ने आदेश दिया कि इस जमीन को UPSIDC के हवाले कर दिया जाए. तब से कागजों में तो ये जमीन UPSIDC के पास है लेकिन असल में रजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के कब्जे में है.

इससे पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने भी राहुल गांधी पर किसानों की जमीन हड़पने का आरोप लगाया था.

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