Tuesday, April 1
  • दूध पर 5 पैसे प्रति लीटर लेना दूध उत्पादकों के साथ अन्याय
  • सरकार के इस कार्य से हरियाणा से पलायन कर रहे हैं दूध डेयरी संचालक
  • हरियाणा से उत्तर प्रदेश व पंजाब में शिफ्ट हो गए हैं डेयरी उद्योग

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 27 मार्च :

अशोक बुवानीवाला

देसा मैं देस हरियाणा जित दूध दही का खाणा…कहावत भले ही हरियाणा में हो, लेकिन हरियाणा में सरकार दूध उत्पादकों के साथ अन्याय कर रही है। करीब 25 साल पहले इनेलो सरकार में लगाया गया सेस टैक्स वसूल कर सरकार किसानों, दूध उत्पादकों को किसी तरह की राहत देने की बजाय उन पर सेस टैक्स के रूप में बोझ लाद रखा है। हरियाणा कांग्रेस उद्योग सैल के चेयरमैन एवं गुरुग्राम जिला कांग्रेस के सह-प्रभारी अशोक बुवानीवाला दूध उत्पादकों व किसानों के हक में यह मांग लेकर खड़े हुए हैं कि सरकार सेस टैक्स को हटाकर दूध उत्पादकों को राहत देने का काम करे।

अशोक बुवानीवाला ने कहा कि इनेलो की सरकार में यह सेस टैक्स लागू किया गया था। इस टैक्स से दूध डेयरी संचालक काफी प्रभावित हुए हैं। कायदे से यह टैक्स दूध उत्पादकों को मिलना चाहिए, लेकिन लागू होने से लेकर अब तक पता नहीं यह टैक्स कहां जा रहा है। सरकार सेस टैक्स दूध की डेयरी संचालकों से तो वसूल लेती है, किसानों, दूध उत्पादकों को यह नहीं पहुंच रहा।

हरियाणा कांग्रेस उद्योग सैल के चेयरमैन अशोक बुवानीवाला ने कहा कि यह सेस टैक्स काफी डेयरी संचालकों का बकाया भी है। बहुत से संचालकों ने टैक्स सरकार में जमा भी करवा दिया है। सेस टैक्स को लेकर वर्तमान सरकार ने वन टाइम सेटलमेंट नामक एक स्कीम भी निकाली थी। उस स्कीम के तहत टैक्स में कुछ छूट का प्रावधान किया गया। पहले जो टैक्स 10 पैसे प्रति लीटर था, वह करीब एक साल पहले घटाकर 5 पैसे प्रति लीटर कर दिया गया। फिर भी यह टैक्स करोड़ों में हुआ। उन्होंने कहा कि भाजपा स्कीम देने की बजाय सेस टैक्स को खत्म करके दूध डेयरी संचालकों को व दूध उत्पादकों को राहत देने का काम करे। क्योंकि यह टैक्स भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में हरियाणा को छोडक़र कहीं पर नहीं है। सुप्रीमकोर्ट में भी इसका केस चल रहा है। सरकार इस पर कोई खास ध्यान नहीं दे रही, इसके कारण दूध उद्योग पलायन कर रहे हैं। कभी 500 से अधिक डेयरियां हरियाणा में होती थी, जो अब घटकर करीब 300 रह गई हैं। ज्यादातर डेयरी संचालक उत्तर प्रदेश व पंजाब में शिफ्ट हुए हैं। वहां दूध पर सेस टैक्स नहीं देना पड़ता।

अशोक बुवानीवाला ने फिर दोहराया कि या तो सरकार सेस टैक्स का पैसा दूध उत्पादकों को दे, नहीं तो इस टैक्स को खत्म करे। दूध डेयरी संचालकों द्वारा दूसरे राज्यों से भी दूध मंगवाना पड़ता है, जो कि काफी महंगा पड़ता है। हरियाणा कांग्रेस उद्योग सैल के चेयरमैन अशोक बुवानीवाला ने कहा कि सेस टैक्स के बोझ तले दबे काफी दूध डेयरी संचालक हरियाणा से पलायन कर चुके हैं। हरियाणा से 200 से भी अधिक दूध डेयरी संचालक पलायन कर चुके हैं। इससे स्थानीय स्तर पर बेरोजगारी बढ़ी है। लोगों के रोजगार खत्म हो गए हैं। इसकी सीधे तौर पर सरकार जिम्मेदार है। अगर सेस हटाया जाता है तो हरियाणा में तरक्की और होगी। अधिक से अधिक दूध डेयरी संचालक यहां अपना बिजनेस करेंगे। किसानों को भी मदद मिलेगी। गरीब दूध उत्पादक भी लाभान्वित होगा।