सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 16 जनवरी :
हरियाणा चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री यमुनानगर की टीम ने भारतीय मानक ब्यूरो की डिप्टी डायरेक्टर जनरल नॉर्दर्न रीजन, श्रीमती स्नेहलता से चंडीगढ़ स्थित उनके कार्यालय में भेंट की। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य प्लाईवुड उद्योग जगत को प्रभावित करने वाले आगामी BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) नॉर्म्स पर विचार-विमर्श करना और संबंधित समस्याओं व सुझावों को उनके समक्ष रखना था।
बैठक के दौरान हरियाणा चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री यमुनानगर के प्रधान राजेश सोंधी और अन्य चैम्बर के अधिकारियों द्वारा निम्नलिखित प्रमुख बिंदु उठाए गए जिनमें विशेष रूप से प्लाइवुड सैंपल की सूचना को लेकर बात की गई, बाजार से प्लाइवुड के सैंपल जांच के लिए उठाए जाने पर संबंधित फैक्ट्री को तत्काल सूचित किया जाए। वर्तमान में, ऐसा नहीं किया जाता और बीआईएस अधिकारी ग्राहक बनकर बाज़ार के डीलर से सैंपल लेते हैं। अगर सैंपल फेल होता है तो जिस फैक्ट्री का सीएमएल नंबर सैंपल पर होता है, उसे सूचना दिए बिना सीधी कार्रवाई की जाती है। अगर सैंपल टेस्ट करने से पहले प्लाईवुड उद्योग को सूचित किया जाएगा की उसका सैंपल बाज़ार से उठाया गया है तो यह सुनिश्चित किया जा सकेगा की वह माल उसी प्लाईवुड उद्योग का है या किसी ने उस उद्योग का फ़र्ज़ी सीएमएल नंबर लगा कर माल बेचा हुआ है। यमुनानगर की प्लाइवुड इंडस्ट्री मुख्य रूप से एग्रो-बेस्ड वुड (पॉपलर और सफेदा) का उपयोग करती है, जबकि BIS के नॉर्म्स फॉरेस्ट वुड पर आधारित हैं। इस कारण से स्थानीय उद्योग BIS मानकों को पूरा करने में कठिनाई महसूस करता है। चैम्बर ने मांग की कि BIS के नॉर्म्स को यमुनानगर में उपलब्ध कच्चे माल के आधार पर संशोधित किया जाए। चैम्बर ने मांग उठाई कि देशभर में कई ट्रेडर्स फ़र्ज़ी BIS स्टैंपिंग का इस्तेमाल कर माल बेच रहे हैं। ऐसे फर्जी उत्पादकों और व्यापारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि उद्योग में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके। BIS द्वारा लाइसेंस रिन्यूअल प्रक्रिया में काफी समय लग रहा है, जिससे उद्योग प्रभावित हो रहे हैं। लाइसेंस समय पर नवीनीकरण के लिए प्रभावी प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए। चेम्बर ने मांग रखी कि जैसे इस वर्ष से BIS के नॉर्म्स पूरे भारत की फैक्ट्रियों और इम्पोर्ट पर लागू हो रहे हैं, जिन उद्योगों के पास अभी BIS लाइसेंस नहीं है, उनके लिए BIS को ऐसी नीति बनानी चाहिए जिससे इन प्लाईवुड उद्योगों को लाइसेंस लेने के लिए एक सहयोगी और सरल वातावरण उपलब्ध कराया जा सके। चैम्बर ने आश्वासन दिया कि वह इस प्रक्रिया में BIS का पूरा सहयोग करेगा। ट्रेडर्स और डीलर्स को भी अपनी जिम्मेदारी के दायरे में शामिल किया जाए, ताकि मानकों के पालन में सभी पक्ष सहयोग कर सकें। नए तकनीकी मानकों को लागू करने से पहले उद्योग के साथ विस्तृत परामर्श किया जाए ताकि वे व्यवहारिक और व्यावहारिक बन सकें।
श्रीमती स्नेहलता ने हरियाणा चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और यह आश्वासन दिया कि इन मुद्दों को BIS के उच्च स्तर पर उठाया जाएगा। उन्होंने उद्योग प्रतिनिधियों से संवाद और सहयोग बनाए रखने का अनुरोध किया। इस अवसर पर चैम्बर के वरिष्ठ पदाधिकारियों और प्रमुख उद्योगपतियों ने भाग लिया। यह बैठक उद्योग और सरकारी निकायों के बीच संवाद को सशक्त बनाने और सभी पक्षों के लिए संतोषजनक समाधान खोजने की दिशा में एक सकारात्मक कदम थी। मौके पर चैम्बर के प्रदेश सचिव राज चावला, प्लाईवुड एसोसिएशन के प्रधान जेके बिहानी, पंचकूला चैम्बर के प्रधान अशोक सिंगला , सुमीत गुप्ता, अरुण मोंगिया, संत क्वात्रा, अशोक गोयल, अनिल गर्ग आदि मौजूद रहे।