Friday, January 10

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 10 जनवरी 2025

नोटः आज पुत्रदा एकादशी व्रत है। पुत्रदा एकादशी इस साल 10 जनवरी, मंगलवार को है। यह व्रत संतान प्राप्ति की कामना से रखा जाता है। लेकिन निःसंतान दंपत्ति ही नहीं, बल्कि जो लोग अपनी मनोकामनाएं पूरी करना चाहते हैं, वे भी यह व्रत रख सकते हैं। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि-विधान से करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। इस साल पुत्रदा एकादशी के दिन एक दुर्लभ योग बन रहा है। इस शुभ संयोग में पूजा करने से भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होगी।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः पौष़ 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः एकादशी प्रातः काल 10.20 तक है. 

वारः शुक्रवार। 

नोटः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः कृत्तिका दोपहर काल 01.46 तक है, 

योग शुभ दोपहर काल 02.37 तक है, 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः धनु, चन्द्र राशिः वृष,

 राहू कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.19, सूर्यास्तः 05.38 बजे।