- मोहाली स्थित स्टार्ट-अप एक्सेलेरेटर चैंबर ऑफ कॉमर्स (एसएसीसी) ‘असिस्टिव टेक्नोलॉजी’ में काम करने वाले स्टार्ट-अप को देगा प्लेटफॉर्म
- एसएसीसी के सक्षम एक्सेलेरेटर डेमो दिवस पर स्टार्टअप्स ने दिव्यागों के लिए प्रमुख इनोवेशंस को प्रदर्शित किया
- स्टार्ट-अप थिंकल्यूड ने प्रथम पुरस्कार जीता, रिपल हेल्थकेयर फर्स्ट रनर-अप रहा और गैबिफाई ने सैकेंड रनर-अप रहा
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 07 मार्च :
इनोवेशन, इम्पैक्ट और प्रेरणा ने टाईकॉन चंडीगढ़ 2025 में सक्षम डेमो डे को मनाया गया, जिसमें भारत के सर्वाधिक संभावनाओं से भरपूर असिस्टिव टेक्नोलॉजी स्टार्ट-अप ने सभी का ध्यान खींचा। मोहाली स्थित स्टार्ट-अप एक्सेलेरेटर चैंबर ऑफ कॉमर्स (एसएसीसी) इंडिया द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में दिव्यांगों के लिए एक्सेस और इन्क्लूसिविटी बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किए गए बेहतरीन इनोवेशंस को देखने के लिए आंत्रप्रेन्योरस , इंडस्ट्री लीडर्स और निवेशकों का एक प्रभावशाली और महत्वपूर्ण समूह एक साथ आया।
मणिपाल धारीवाल, सह-संस्थापक और सीईओ, नेट्समार्ट्ज़ ग्रुप और प्रेसिडेंट, एसएसीसी इंडिया ने अधिक इनक्लूसिव भविष्य को आकार देने में एक्सेलेरेटर की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि “सक्षम डेमो डे भारत में असिस्टिव टेक्नोलॉजी सेक्टर को चलाने वाली अविश्वसनीय प्रतिभा और इनोवेशन का प्रमाण रहा है। ये स्टार्ट-अपस सिर्फ बिज़नेस नहीं हैं; वे सामाजिक परिवर्तन के प्रेरक हैं। इस इकोसिस्टम के प्रति हमारी प्रतिबद्धता फंडिंग से परे है – हम यहां मेंटोरशिप, इंडस्ट्री कनेक्शंस और एक बेहतर इकोसिस्टम प्रदान करने के लिए हैं जो उनकी ग्रोथ को आगे बढ़ाता है।”
100+ से अधिक एप्लीकेशंस के साथ, सक्षम एक्सेलेरेटर ने असिस्टिव टेक्नोलॉजी की सीमाओं को आगे बढ़ाने वाले नौ स्टार्ट-अपस की काफी ध्यान से पहचान की। कॉग्निटी सीखने की अक्षमता वाले (लर्निंग डिसेबिलिटी) व्यक्तियों के लिए एआई-पॉवर्ड मोबाइल प्लेटफॉर्म विकसित कर रहा है, जबकि एक्सोबोट डायनेमिक्स किफायती और फंक्शनल बायोनिक प्रोस्थेटिक हाथ बना रहा है। गैबिफाई एआई-ड्रिवन पर्सनलाइज्ड एक्सरसाइजिज के साथ स्पीच थेरेपी में एक बड़ा बदलाव ला रहा है और बड्डी मॉडिफाई मोबिलिटी डिसऑर्डर वाले लोगों के लिए एक्सेसेबिलिटी सॉल्यूशंस तैयार कर रहा है।
नितिन मोंगा, सह-संस्थापक, वी एक्सेल सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड और वाइस प्रेसिडेंट, एसएसीसी इंडिया ने प्रदर्शित स्टार्ट-अप्स के जबरदस्त उत्साह और क्षमताओं के बारे में बात करते हुए कहा कि “सक्षम सिर्फ एक एक्सलेरेटर नहीं है; यह असिस्टिव टेक्नोलॉजी को अधिक आसानी से उपलब्ध और स्केलेबल बनाने की दिशा में एक बड़ी मूवमेंट है। आज हमने जो स्टार्ट-अप देखे हैं वे वास्तविक चुनौतियों का समाधान कर रहे हैं, और इस प्लेटफॉर्म के समर्थन से उन्हें सार्थक बदलाव लाने में मदद मिलेगी। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि उनके पास विकास करने और स्थायी प्रभाव पैदा करने के लिए सही इकोसिस्टम हो।”
इनोवेशन की कहानी को आगे बढ़ाते हुए, रिपल हेल्थकेयर हिप प्रो+ डेवलप कर रहा है, जो एआई-पॉवर्ड कुशन के साथ एक आईओटी-सक्षम स्मार्ट बेल्ट है जो गिरने से रोकने और केयरगिवर्स को अलर्ट करने के लिए इन्फलेट होता है, जबकि सरलएक्स विजुअल और मोटर दिव्यांग व्यक्तियों के लिए डिजिटल पहुंच बढ़ा रहा है। सनक्ल्प देखने और सुनने की क्षमता से वंचित लोगों के लिए सेंसरी-असिस्टिव डिवाइसिज विकसित कर रहा है, थिंकल्यूड भारतीय सांकेतिक भाषा में टेक्सट, ऑडियो और वीडियो का अनुवाद कर रहा है और यूडॉट विजुअली इम्पेयर्ड यूजर्स के लर्निंग अनुभव को बेहतर बनाने के लिए उभरे हुए बिंदुओं के साथ एक टेक्टिक्ल टचस्क्रीन डिस्प्ले को तैयार कर रहा है। इन दूरदर्शी फाउंडर्स ने प्रतिष्ठित जूरी पैनल और एंजेल इनवेस्टर्स के सामने अपने प्रोडक्ट्स का प्रदर्शन किया, और दिव्यांगों के लिए फ्रीडम और क्वालिटी ऑफ लाइफ को फिर से डिफाइन करने के लिए बेहद उपयोगी और इनोवेटिव सॉल्यूशंस प्रस्तुत किए।
विनीत खुराना, सीईओ, एसएसीसी इंडिया ने कहा कि “हमने इस आयोजन में ऐसे इनोवेशन देखे हैं जिनमें एक्सेसेबिलिटी के अंतर को दूर करने और असंख्य लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की ताकत है। सक्षम एक्सेलेरेटर का प्रभाव इस डेमो डे से कहीं आगे तक फैला हुआ है। हम इन स्टार्ट-अप्स को सपोर्ट और गाइडेंस देना जारी रखेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि उनके पास आगे बढ़ने के लिए आवश्यक संसाधन और अवसर उपलब्ध हों।”
प्रत्येक स्टार्ट-अप ने अपने सफर, चुनौतियों और रियल-वर्ल्ड की समस्याओं को साझा किया जिन्हें वे हल करना चाहते हैं। डेमो डे सिर्फ एक पिच इवेंट नहीं था बल्कि सुविधाजनक और सरलता का उत्सव था, जहां हर आइडिया में स्थायी सामाजिक प्रभाव पैदा करने की क्षमता थी। कार्यक्रम ने वित्तीय सहायता से परे स्टार्ट-अप को सशक्त बनाने, लॉन्गटर्म मेंटोरशिप, इंडस्ट्री कनेक्शंस और बढ़ते असिस्टिव टेक इकोसिस्टम तक आसान पहुंच प्रदान करने की एसएसीसी इंडिया की प्रतिबद्धता को मजबूत किया।
कार्यक्रम का समापन टॉप तीन विजेताओं की घोषणा के साथ हुआ, जिन्हें असिस्टिव टेक्नोलॉजी में उनके बेहतरीन योगदान के लिए मान्यता दी गई थी। प्रथम स्थान विजेता, थिंकल्यूड को ₹5 लाख मिले, उसके बाद रिपल हेल्थकेयर को ₹3 लाख मिले, और गैबिफाई को ₹2 लाख मिले। अन्य सभी 6 स्टार्टअप्स को वी एक्सल सॉफ्टवेयर की तरह से एक-एक लाख रुपये दिए गए। ये ग्रांट्स स्टार्ट-अप को अपने सॉल्यूशंस को और अधिक डेवलप करने और बढ़ाने में मदद करेंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि उनका प्रभाव उन लोगों तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।