Wednesday, January 8

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 07 जनवरी  :

छछरौली,पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के तत्वावधान में छछरौली के कम्युनिटी सेंटर में  ग्राम पंचायतो का ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना के संचालन एवं रखरखाव का प्रशिक्षण सेमिनार आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला सलाहकार रजनी गोयल ने की। इस मौके पर जल संरक्षण पर आधारित प्रोजेक्ट के माध्यम से लघु फिल्में भी दिखाई गई।       

  इस अवसर पर विभाग की जिला सलाहकार रजनी गोयल ने बताया कि जल वितरण प्रणाली के रखरखाव हेतु ग्राम पंचायत के कार्यों और कर्तव्यों को हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 21 में परिभाषित किया गया है जिसमें पेयजल और जल प्रदूषण पर नियंत्रण शामिल है जबकि उक्त अधिनियम की धारा 21 में परिभाषित कर्तव्य और कार्यों को करने के लिए हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 22 के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में उप समितियां का गठन किया जा सकता है। पेयजल योजनाओं की देखरेख की मदद के लिए ग्राम स्तर पर ग्राम जल एवं सीवरेज समिति का गठन किया गया है जिसमें सरपंच की अध्यक्षता में कुल 16 मेंबर होते हैं। यह समिति ग्राम समुदाय की जिला पूर्ति व सीवरेज सुविधा और सेवाएं प्रदान करने के संबंध में सभी कार्य करेंगे, जिनमें ग्राम स्तर पर जिला पूर्ति और सीवरेज संबंधी योजना बनाना, कार्यान्वयन, पर्यवेक्षक निगरानी, संचालन और रखरखाव, निर्माण, अधिग्रहण, किराए पर लेना, पुनर्वास, कायाकल्प, अधिग्रहण, पानी की आपूर्ति प्रदान करने के लिए इंट्रा- ग्राम इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कि ट्यूबवेल, नहरी आधारित वाटर वर्क्स, बूस्टर, पाइपलाइन, वाल्वस इत्यादि प्रणालियो और अन्य सेवाओं संबंधी अनुबंध आदि कार्य करना है।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार अपनी भूमिका और जिम्मेदारियां को निभाने के लिए कार्यों वस्तुओं या सेवा को प्राप्त करना। गांव में जलापूर्ति और सीवरेज संबंधित कार्यों को क्रियान्वित करने के लिए ठेकेदारों सहायक संगठनों या अन्य सेवा प्रदाताओं के साथ अनुबंध करना आदि है। गोयल ने  बताया पंचायतो के सशक्तिकरण के लिए  भारत सरकार ने ग्राम पंचायत को 15वे वित्त आयोग व महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में अधिक अधिकार व निधियां उपलब्ध करवा कर और भी मजबूती प्रदान की है। इससे ग्राम पंचायत को अपने ग्राम में पानी से संबंधित योजना बनाने के लिए अधिक निधि उपलब्ध होगी, जिससे पंचायते पानी के स्रोतों के रिचार्ज पर अधिक कार्य कर पाएंगे और इस प्रकार यह योजनाएं लंबे समय तक साफ पानी उपलब्ध करवा पाएंगे। रिसोर्स पर्सन लखविंदर सिंह ने बताया कि 15 वे वित्त आयोग ने सामाजिक क्षेत्र को प्राथमिकता दी है और राज्यों के लिए विशिष्ट अनुदानों के रूप में पंचायत को जलापूर्ति के प्रबंधन के लिए अनुदान का प्रावधान किया है। इसके अलावा जला- पूर्ति को पंचायत का मुख्य कार्य माना गया है। आयोग ने जल आपूर्ति सेवाओं के प्रावधान और पानी की योजना के परिचालक व रखरखाव के लिए आवश्यक उपयोगकर्ता शुल्क की वसूली करने के लिए भी कहा है। इस धन का उपयोग पानी के स्रोतों के रिचार्ज के लिए भी किया जा सकता है। जिससे इस योजना के माध्यम से ग्रामीणों को लंबे समय तक साफ पानी उपलब्ध होता रहेगा। इस अवसर पर लेब से सुखविंदर सिंह ने जल की जांच के लिए फील्ड टेस्टिंग किट और क्लोरिनेशन की विधि विस्तार पूर्वक बताई। सभी को ग्राम जल वितरण प्रणाली के रखरखाव हेतु ग्राम जल एवं सीवरेज समिति की संचालन पुस्तिका एवं पानी की शुद्धता की जांच के लिए फील्ड टेस्टिंग किटस भी वितरित की गई। सभी को जल संरक्षण की शपथ भी दिलवाई गई। इस अवसर पर केमिस्ट नीरज मेहता, सुखविंदर सिंह, जूनियर इंजीनियर भरत सिंह, दीपक कुमार, धर्मवीर राठी, ब्लॉक रिसोर्स कोऑर्डिनेटर विजय कुमार, राजवीर सिंह, मुनीष कुमार, सरपंच बस्तियां वाला से अवनीश कुमार, दादूपुर जतनन से संदीप कुमार, जैतपुर के सरपंच इरफान खान, हरोली के सरपंच सुरेंद्र कुमार, खदरी के सरपंच अमरनाथ, सुरजीत सिंह चोली से, एवं पंच उपस्थित रहे।