क्या है ‘हिट एंड रन’ कानून, कार और टू व्हीलर माल‍िकों के ल‍िए भी मुस‍िब‍त है यह नया कानून

भारतीय न्याय संहिता के नए कानून में धारा 106 सब सेक्शन और सब सेक्शन दो बनाए गए हैं। धारा 106 सबसेक्शन एक के तहत अगर कोई उतावलापन या अपेक्षा पूर्ण किसी ऐसे कार्य से किसी शख्स की मृत्यु का कारण बनेगा जो अपराधिक मानव वध के दायरे में नहीं आता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि 5 वर्ष तक की हो सकेगी दंडित किया जाएगा और जुर्माने के लिए भी दायी होगा।

सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह ऑब्जरवेशन दिया था कि वाहन चालक जो लापरवाही से गाड़ी चलते हैं और सड़क पर दुर्घटना करके जिसमें किसी की मौत हो जाती है। वहां से भाग जाते हैं ऐसे लोगों के ऊपर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए इसके बाद केंद्र सरकार ने निर्णय लिया कि नई भारतीय न्याय संहिता में इसके लिए एक नया सेक्शन जोड़ा जाए।

केंद्र सरकार द्वारा लाये जा रहे ‘हिट एंड रन’ के नए कानून को लेकर कई राज्यों में ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स द्वारा चक्काजाम किया जा रहा है। नए कानून के विरोध में राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और यूपी, बिहार के ड्राइवरों ने शनिवार से ही चक्काजाम करना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार द्वारा सड़क हादसों पर नियंत्रण करने के लिए ‘हिट एंड रन’ कानून में बदलाव किया जा रहा है। ड्राइवर इस कानून को लाने का विरोध कर रहे हैं। दरअसल, इंडियन पीनल कोड, 2023 में हुए संशोधन के बाद एक्सीडेंट होने पर ड्राइवर को 10 साल की सजा और 7 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

ड्राइवरों का कहना है कि यह कानून उनके अधिकारों को प्रभावित करता है और इसके लागू रहते हुए वह गाड़ी नहीं चला सकते। यह प्रदर्शन ट्रक और टैंकर जैसी बड़ी गाड़ियों से शुरू होकर अब बस और अन्य कमर्शियल गाड़ियों तक आ गया है।

भारतीय न्याय संहिता के नए कानून में क्या लिखा है? नई संहिता में धारा 106 सब सेक्शन और सब सेक्शन दो बनाए गए हैं. धारा 106 सबसेक्शन एक के तहत अगर कोई उतावलापन या अपेक्षा पूर्ण किसी ऐसे कार्य से किसी शख्स की मृत्यु का कारण बनेगा जो अपराधिक मानव वध के दायरे में नहीं आता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि 5 वर्ष तक की हो सकेगी दंडित किया जाएगा और जुर्माने के लिए भी दायी होगा।

कानून के खिलाफ नोएडा, इंदौर, मुंबई और जयपुर समेत कई शहरों में ट्रक चालक प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन के कारण कई जगह पेट्रोल पम्पों पर तेल की सप्लाई रुकने की भी खबरें सामने आई है। अन्य कई जगह से भी अन्य सामान की आपूर्ति बाधित होने की सूचनाएँ सामने आ रही हैं।

इस कानून की जगह जो पहले भारतीय दंड संहिता के तहत कानून था. 279 क्षेत्र के तहत जिसमें यदि किसी व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो जाती थी और जो इस मृत्यु के लिए जिम्मेदार होता था. उस पर क्षेत्र 279 के साथ 304 ए भी जोड़ा जाता था। उसे क्षेत्र के तहत भी 2 साल से 7 साल तक की सजा का प्रावधान था। इसके साथ ही उसमें भी यह लिखा था कि जुर्माने के लिए वह उत्तरदायी होगा।

सरकार ने नई संहिता में धारा 106 में सब सेक्शन दो जोड़ा है, यह एक नया सेक्शन है जो इसके पहले भारतीय दंड संहिता में नहीं था। इस सेक्शन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि कोई रैश ड्राइविंग करके  किसी शख्स की मौत कारण बनेगा जो अपराधिक मानव वध की श्रेणी में नहीं आता है और घटना के तत्काल  बाद उसे पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट किए बिना छिपकर भागेगा। ऐसी अवधि में कारावास से जो 10 वर्ष तक का हो सकेगा दंडित किया जाएगा और जुर्माने के लिए भी दायी होगा।

ऐसे में नए कानून में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि जो ड्राइवर होगा उसे 10 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। जो नया कानून बनाया गया है उसमें और पुराने कानून में महज एक ही अंतर है। यह अंतर है सजा का यदि कोई व्यक्ति किसी शख्स को वाहन दुर्घटना में जान से मार कर भाग जाएगा और बाद में पकड़ा जाएगा तो उसे उसका अपराध साबित होने पर 10 वर्ष तक की सजा होगी। इसके साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसमें कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि जुर्माने की दंड राश‍ि 10 लाख रुपये होगी।  यदि परिवार मोटर एक्सीडेंट क्लेम टर्मिनल के सामने जाता है तो वह अलग मामला होने वाला है। सरकार का स्पष्ट रूप से कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जरवेशन के बाद बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को लेकर इस कानून को और सख्त बनाया है।