Sunday, December 22

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री द्वारा वर्कशाप और स्टेट एनर्जी ऐफीशैंसी एक्शन प्लान के लांच समागम की अध्यक्षता

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ (राकेश शाह) : पर्यावरण पर ग्रीन हाऊस गैसों के बुरे प्रभाव को कम करने और राज्य के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने आज नवीनतम ऊर्जा कुशल तकनीकों की दिशा में काम करने का न्योता दिया। 

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में अब ग्रीन एनर्जी की तरफ बढऩे की चर्चा चल रही है और हाल ही में ग्लासगो में हुई अंतरराष्ट्रीय कान्फ्ऱेंस में शामिल मुल्कों ने ग्रीन एनर्जी की दिशा में तेज़ी के साथ काम करने का प्रण लिया है। उन्होंने आगे कहा कि अब समय आ गया है जब पर्यावरण की संभाल की तरफ और लगन के साथ काम किया जाना चाहिए। 

श्री अमन अरोड़ा आज यहाँ एक होटल में हाफ़ डे स्टेकहोल्डर वैलीडेशन वर्कशाप और स्टेट एनर्जी ऐफीशैंसी एक्शन प्लान लांच समागम की अध्यक्षता कर रहे थे। यह समागम स्टेट डैजीगनेटिड एजेंसी (एस. डी. ए.), पंजाब एनर्जी डिवैल्पमैंट एजेंसी (पेडा) की तरफ से ब्यूरो आफ एनर्जी ऐफीशैंसी (बीईई) के साथ मिलकर ऐसोसीएटिड चैंबरज़ आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री आफ इंडिया (ऐसोचैम) और डिज़ाईन2आकूपैंसी सर्विसिज एलएलपी ( डी2ओ) के सहयोग के साथ आयोजित किया गया था। 

सौर्य और पवन ऊर्जा की तरफ बढ़ते रिवायती ईंधन के प्रयोग को घटाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भारत अपने आकार से तीन गुणा अधिक कार्बन गैसों का उत्पादन कर रहा है, जो हमारे भविष्य के लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने बिजली और पानी के उचित प्रयोग करने की सलाह भी दी और कहा कि ऐसा न करने की सूरत में आने वाली पीढिय़ों को इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत की कि वे राज्य के लोगों को पर्यावरण की संभाल और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा के प्रयोग के लिए जागरूक करने के लिए मुहिम शुरू करें। 

उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश की संभावना पर भी ध्यान दिया जो राज्य स्तर पर बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दे सकते हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उद्योग, परिवहन, इमारतें और कृषि क्षेत्रों की गतिशीलता से नये मौके आ रहे हैं। उन्होंने जिक्र किया कि ऊर्जा धीरे-धीरे सप्लाई की बजाय माँग आधारित हो रही है। 

श्री अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य में सोलर पंपों की संख्या बढ़ाएगी। इसके इलावा पेडा द्वारा पराली के उचित और लाभकारी प्रयोग के लिए नीति भी तैयार की जा रही है। 

इससे पहले, पेडा के सीईओ डा. अमरपाल सिंह ने कहा कि ऊर्जा कुशलता सम्बन्धी कार्य योजना मुख्य तौर पर कार्बन निकास में कमी लाने के साथ-साथ ऊर्जा कुशलता के मापदण्डों को उजागर करेगी। इस सम्बन्धी सुझाव लेने के लिए उन्होंने कार्य योजना को सार्वजनिक क्षेत्र में रखने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। 

सचिव बी. ई. ई. मिलिन्द दिउड़ा ने राज्य में ऊर्जा कुशलता प्रोजेक्टों को लागू करने की महत्ता और अलग-अलग भाईवालों की शमूलियत के बारे जानकारी दी जो आर्थिकता और ऊर्जा कुशलता को बढ़ावा देंगे। 

पेडा के चेयरमैन स. एच. एस. हंसपाल ने कहा कि स्वच्छ और कार्बन की कम निकासी वाले उपायों को लागू करने और नवीकरणीय खरीद जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए देश में ऊर्जा तबदीली में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए पंजाब के नाम पर विचार किया जा रहा है। 

प्रोजैक्ट मैनेजर ऐसोचैम मोहित त्रिपाठी और प्रोजैक्ट कोआर्डीनेटर ऐसोचैम आशीष कौल ने पंजाब के लिए राज्य ऊर्जा कुशलता कार्य योजना के बारे विस्तृत पेशकारी दी जिसमें इमारतों, उद्योगों, परिवहन और कृषि समेत दूसरे अलग-अलग क्षेत्रों में ऊर्जा कुशलता की संभावनाओं को उजागर किया गया। पंजाब की राज्य ऊर्जा कुशलता कार्य योजना में प्रस्तावित रणनीति में राज्य के लिए 2025 तक 0.7345 एम. टी. ओ. ई. (मिलियन टन तेल के बराबर) और 2030 तक 1.8952 एम. टी. ओ. ई. संभावित ऊर्जा बचत लक्ष्य तय किया गया है। 

यातायात के क्षेत्र को आगे बढ़ाने, इमारतों में पुराने उपकरणों को बदलने के लिए प्रोग्राम को लागू करने, इमारतों के लिए बीईई स्टार रेटिंगें और शून्य रेटिंगें लगाने और उद्योगों और कृषि क्षेत्रों में ऊर्जा कुशलता उपाय शुरू करने सम्बन्धी व्यापक रिपोर्ट भाईवालों के साथ सांझा की गई। 

इस वर्कशाप में पेडा के डायरैक्टर एम. पी. सिंह, विवेक अतराए, चेयरमैन ऐसोचैम यू. टी. कौंसिल ऑफ पॉलिसी ऐडवोकेसी, पेडा के ज्वाइंट डायरैक्टर कुलबीर सिंह संधू और अलग-अलग संस्थाओं के माहिरों समेत कई सरकारी विभागों के सीनियर अधिकारी भी मौजूद थे।