पूंडरी ब्लॉक के गई गांवों में प्रशासन द्वारा निकाला गया फ्लैग मार्च
- आग लगाते हुए किसानों को किया गया पुलिस के हवाले : डीडीए महावीर
- प्रशासन द्वारा की गई किसानों को जागरूक करने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन और फानों में आग नहीं लगाने की अपील
लाजपत सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, कैथल – 02 अक्टूबर :
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. महावीर सिंह ने बताया कि सोमवार को डीसी प्रशांत पंवार ने कैम्प कार्यालय में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर संबंधित अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली एवं जिला में चल रहे धान से संबंधित कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सीजन के दौरान किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर गठित कमेटियां अपना कार्य सही ढंग से करें। यदि कोई परेशानी आती है तो अधिकारियों के संज्ञान में लेकर आएं ताकि परेशानी को दूर किया जा सके। इसके साथ ही फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर गांव में किसानों को फसल नही जलाने तथा फसलों के अवशेषों का उचित प्रबंधन करके सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जागरूक करें।
डीडीए ने बताया कि इसी कड़ी में ब्लॉक पूंडरी में प्रशासन द्वारा गांव रसीना, सांच, सिरसल, हाबड़ी, रमाना-रमानी, करोड़ा, पाई व भाणा में फ्लैग मार्च निकाला गया। गांव सिरसल में एक और एक किसान भाना में धान के फानों में आग लगाता हुआ पाया गया, जिसे तुरंत पुलिस के हवाले किया गया। इसके साथ ही प्रशासन द्वारा अपील की गई कि धान के बचे हुए फसल अवशेषों यानी फानों में आग नहीं लगाएं। फानों का उचित प्रबंधन करके किसान अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकता है। फाने जलाने से जहां पर्यावरण प्रदूषित होता है, वहीं जमीन की उपजाऊ क्षमता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। यदि कोई व्यक्ति पराली जलाता हुआ पाया जाता है तो उससे पर्यावरण के नुकसान की भरपाई की जाएगी, जिसके तहत दो एकड़ भूमि तक 2500 रुपये प्रति घटना, 2 से 5 एकड़ भूमि तक 5 हजार रुपये प्रति घटना, 5 एकड़ से ज्यादा भूमि पर 1500 रुपये प्रति घटना जुर्माना लगाया जाएगा। किसान पराली प्रबंधन करके उसे मशीन से काट कर पशुओं का चारा बना सकता है। पराली को पावर प्लांट, गत्ता मिल व पेपर मिल में बेच कर आय अर्जित कर सकता है। पराली को कम्पोस्टिंग करके जैविक खाद बना सकता है। खूंटों का काटने व जलाने की बजाय जीरो टोलेज मशीन द्वारा गेहूं की सीधा बिजाई कर सकता है।
इस मौके पर कैथल सहकारी चीनी मिल के प्रबंध निदेशक ब्रहम प्रकाश, डीडीपीओ कंवर दमन, डीडीए महावीर आदि संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।