वर्ल्ड वीमेन डे के अवसर पर वॉकथॉन का आयोजन किया। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य के महत्व और स्वस्थ कल्याण सुनिश्चित करने के लिए निवारक उपायों की आवश्यकता पर ध्यान आकर्षित करना था । इस कार्यक्रम को डॉक्टरों, नर्सों और प्रशासनिक कर्मचारियों सहित विभिन्न पृष्ठभूमि की कई महिलाओं से शानदार प्रतिक्रिया मिली।
वॉकथॉन का उद्देश्य महिलाओं के जीवन के हर उम्र में स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना था। डॉ पूनम कुमार, वरिष्ठ गायनोकोलॉजिस्ट ने कहा, “महिला स्वास्थ्य एक ऐसा पहलू है जिसे उपेक्षित किया गया है। लेकिन महिलाओं को अपनी देखभाल को प्राथमिकता देनी चाहिए, नियमित जांच और स्क्रीनिंग करानी चाहिए, अपनी भावनात्मक जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए, महिलाओं से संबंधित विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों पर जानकारी प्राप्त करते रहना चाहिए। विभिन्न स्थितियों के बारे में जानकर और उनका प्रबंधन करके महिलाएं स्वयं अपने स्वास्थ्य में सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं। स्वस्थ और खुशहाल समुदाय बनाने के लिए महिला स्वास्थ्य के महत्व पर संदेश फैलाकर अस्पताल के कर्मचारी भी अपना फर्ज निभा रहे हैं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2023/03/Mohali-Walkaton-1-1.jpeg8991599Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2023-03-14 13:48:562023-03-14 13:49:10 महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए वॉकथॉन का आयोजन किया।
-हरियाणा के शिक्षामंत्री ने शिशु गृह सेक्टर 15 के वर्चुअल क्लास रुम का निरीक्षण किया -रंजीता मेहता द्वारा बाल कल्याण परिषद में किए जा रहे कामों को सराहा -दत्तक ग्रहण समारोह में दो बच्चों को नए परिवारों को सौंपा -परिषद के लिए 5 लाख रुपये देने की घोषणा की पंचकूला 14 मार्च। शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए सराहनीय काम कर रही है। मानद महासचिव रंजीता मेहता के हाथों में जब से परिषद की बागडोर आई है, तब से बच्चों के लिए कई कल्याणकारी काम किए जा रहे हैं। यहां मान-सम्मान के साथ सेवा का कार्य है। कंवरपाल गुर्जर ने शिशु गृह सेक्टर 15 में दत्तक ग्रहण समारोह में पहुंचे थे। यहां पहुंचने पर परिषद की मानद महासचिव रंजीता मेहता ने कंवरपाल का स्वागत किया। परिषद के वरिष्ठ अधिकारी ओपी मेहरा ने शिक्षामंत्री को पगड़ी बांधी। इसके बाद शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने बने शिशु गृह में बने वर्चुअल क्लास रुम का निरीक्षण किया। रंजीता मेहता ने कंवरपाल गुर्जर को बताया कि होंडा इंडिया धारूहेड़ा, गुरुग्राम की सीएसआर पालिसी के अंतर्गत रियल टाइम इंटेरक्टिव वर्चुअल क्लासरुम एजूकेशन प्रोजेक्टों की स्थापना की है। जिसके तहत शिशु गृह सेक्टर 15, पंचकूला, बाल भवन, न्यायपुरी करनाल एवं चिल्ड्रन होम चंदन नगर, सेक्टर -15 पार्ट 2 गुरुग्राम तीन वर्चुअल क्लासरूम बनाएं हैं। इनोवेटिव एजुकेशनल प्रोजेक्ट में अनाश्रित बच्चों जैसे स्लम एरिया, चिल्ड्रन होम एवं राजकीय विद्यालय की छात्राओं को कक्षा 6 से 12 तक साइंस , मैथ व इंग्लिश नई शिक्षा नीति के तहत निशुल्क ब्लेंडेड लर्निंग की कोचिंग दी जा रही है। शिक्षा मंत्री ने वर्चुअल क्लास रुम को देखने के बाद कहा कि प्रदेश सरकार भी अपने सरकारी स्कूलों में इस तरह के क्लास रुम बनाएगी, ताकि बच्चों को और बेहतर शिक्षा मिल सके। उन्होंने कहा कि परिषद बच्चों के रखरखाव और गोद का सराहनीय काम कर रही है। शिक्षा मंत्री ने बाल कल्याण परिषद हरियाणा को 5 लाख रुपये देने की घोषणा की। रंजीता मेहता ने बताया कि आज दो बच्चों को शिक्षा मंत्री ने नए परिवारों को गोद दिया। इनमें एक बच्चा नवाशहर पंजाब और एक गुरुग्राम के परिवार को दिया गया। रंजीता मेहता ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मेरी कोशिश है कि इन बच्चों को अच्छी शिक्षा, अच्छा परिवार मिले और यह बच्चे देश के अच्छे नागरिक बने। इन बच्चों के हुनर को पंख लगाने की कोशिश कर रहे हैं। इस अवसर पर सतलुज पब्लिक स्कूल और ब्लू बर्ड स्कूल के बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस अवसर पर शिवालिक विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष ओम प्रकाश देवीनगर, भाजपा जिला उपाध्यक्ष उमेश सूद, पार्षद सोनिया सूद, एसपी गुप्ता, राजेंद्र नूनीवाल, भाजपा मंडल अध्यक्ष संदीप यादव, डीपी पुनिया, राजेश शर्मा, वरिष्ठ बाल कल्याण परिषद अधिकारी ओपी मेहरा, जिला बाल कल्याण परिषद अधिकारी भगत सिंह, एमसीएम की पूर्व प्रिंसीपल डा. पुनीत बेदी, शिशु गृह की प्रभारी मिलन पंडित, सुपरीटेंडेंट अमृतपाल कौर, यमुनानगर के जिला बाल कल्याण सर्वजीत सिंह, राजस्थान परिवार पवन शर्मा एवं उनकी टीम, अर्चना कपूर, सोनिका शर्मा, रजनी उपस्थित थीं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2023/03/d418fe9a-9c6f-4e5d-a5fb-046e5a59d3c1.jpg6551227Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2023-03-14 13:41:262023-03-14 13:42:37हरियाणा के सरकारी स्कूलों में भी बनाए जाएंगे वर्चुअल क्लास रुम-कंवरपाल
Eye Healthcare Completes 5 Months Schedule of 2022-23 in Punjab
United Sikh Mission Announces the Setting up of Free Charitable Hospital in Punjab by the end of 2023
The United Sikh Mission (USA) successfully completed its schedule of organizing more than 50 free-of-cost Eye Healthcare camps in rural Punjab which started in the month of Oct 2022 for a period of 5 months.
Rashpal Singh Dhindsa, Chairman, USM while sharing the data on the completion of these camps, informed that in their “Mission for Vision” this year they have organized 52 camps covering the population of 500 Villages in Rural Punjab, where apart from free eye check-up camps, there were provisions and arrangements for free medicines for eye care, free spectacles, and free eye- surgeries at the camps and free meals provided along with pre and post-operative care. This season (Oct ’22 to Mar ’23) the camps witnessed a total of 24,638 OPDs, 14,977 Spectacles were distributed free of cost, 24,818 Medicines were provided to all the screened patients, and 3,315 eye Surgeries were undertaken.
USM has announced the initiation of work towards creating a charitable hospital, Khalsa Health Centre at Village Bias Pind, Jalandhar (On the Jalandhar-Pathankot Highway) to take care of all eye-related surgeries, dialysis and gynaecological treatment, and pharmacy all absolutely free of cost. The first phase of the hospital is expected to be completed by October 2023, before the commencement of the eye camps for the 2023-204 season.
Rashpal Singh Dhindsa shared that the camps mark their successful conduct from the generous donations from various sponsors who are mainly NRI’s who want their native villages which are based in remote areas to be benefited from the healthcare facilities and guidance from the expert doctors at these camps.
He expressed that it is all Guru’s will and as humans, the United Sikh Mission is trying to help other humans irrespective of their religion, gender, and caste. Talking further, he added that their mission is to empower communities worldwide by addressing disparities in healthcare needs by eliminating preventable medical illnesses while promoting peace and community to spread prosperity and kindness towards humanity. Bicky Singh, Founder of Sikhlens Foundation shares that “The release of the Sikhlens Community Voices film “Silver Lining” featuring the United Sikh Mission is a powerful testament to the impact of dedicated community service. This film sheds light on the growth and visibility of eye camps in Punjab, India, and how the United Sikh Mission is making a significant difference in the lives of those in need. The film brings attention to the vital work being done by the United Sikh Mission in Punjab, India. This powerful documentary highlights the incredible impact of the organization’s efforts to bring much-needed eye care services to those who need it most. It is a must-see for anyone who cares about promoting the visibility and growth of healthcare services for underserved communities.”
Ojaswwee Sharma, National-Award Winning Film Director shared that the whole exemplary humanitarian journey of the United Sikh Mission, which has been showcased in a 40-minute documentary titled ‘Silver Lining’ 18 years of dedicated charitable service to the needy, showcasing the complete efforts and results seen in the state from inception in 2005 till date. The film has certainly added to creating awareness among the masses for availing of the free services for their eye-related issues.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2023/03/USM-Eye-Camps-data.jpg16001172Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2023-03-14 13:38:382023-03-14 13:38:43MISSION FOR VISION of United Sikh Mission
केंद्र सरकार ने 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को अधिक मुआवजा दिलाने के लिए यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) की उत्तराधिकारी फर्मों से अतिरिक्त करीब 7844 करोड़ रुपये मांगने के लिए केंद्र सरकार ने याचिका दायर की थी। सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि हम पीड़ितों को अधर में नहीं छोड़ सकते। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस अभय एस ओक, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने कहा कि केस दोबारा खोलने पर पीड़ितों की मुश्किलें ही बढ़ेंगी। कोर्ट ने कहा कि ‘यह केवल भानुमती का पिटारा खोलकर यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन के पक्ष में काम करेगा और दावेदारों को भी इससे कोई लाभ नहीं होगा।’
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली – 14 मार्च :
भोपाल गैस पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवजा दिलवाने की केंद्र सरकार की अर्ज़ी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। केंद्र ने 1989 में तय मुआवजे को नाकाफी बताया था। उसकी मांग थी कि कोर्ट यूनियन कार्बाइड और डाउ केमिकल्स को 7844 करोड़ रुपए का अतिरिक्त मुआवजा चुकाने का आदेश दे। लेकिन कोर्ट ने इससे मना कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1989 में सरकार और कंपनी में मुआवजे पर समझौता हुआ। अब फिर मुआवजे का आदेश नहीं दे सकते हैं।
केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि 1989 में जब सुप्रीम कोर्ट ने हर्जाना तय किया था, तब 2.05 लाख पीड़ितों को ध्यान में रखा गया था। इन वर्षों में गैस पीड़ितों की संख्या ढाई गुना से अधिक बढ़कर 5.74 लाख से अधिक हो चुकी है। ऐसे में हर्जाना भी बढ़ना चाहिए। यदि सुप्रीम कोर्ट हर्जाना बढ़ने को मान जाता है तो इसका लाभ भोपाल के हजारों गैस पीड़ितों को भी मिलेगा।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने 1984 भोपाल गैस त्रासदी में पीड़ितों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाने के लिए केंद्र की याचिका खारिज किया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मुआवजा काफी था। अगर सरकार को ज्यादा मुआवजा जरूरी लगता है तो खुद देना चाहिए था।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भोपाल गैस पीड़ितों के लिए यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन और उसकी सहायक फर्माें से अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की केंद्र सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। केंद्र ने 2010 में क्यूरेटिव पिटीशन के जरिए डाउ कैमिकल्स से 7800 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की अपील की थी।
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, 1984 में 2-3 दिसंबर की रात को हुए इस हादसे में 3700 लोग मारे गए थे। केंद्र सरकार ने इस राशि की मांग यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन को खरीदने वाली फर्म डाउ केमिकल्स से की थी। गैस कांड के बाद यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन ने पीड़ितों को 470 मिलियन डॉलर (715 करोड़ रुपए) का मुआवजा दिया था।
केंद्र सरकार की क्यूरेटिव पिटीशन पर 12 जनवरी 2023 को SC ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सरकार ने पक्ष रखते हुए कहा था- पीड़ितों को अधर में नहीं छोड़ सकते।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस अभय एस ओक, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने कहा कि केस दोबारा खोलने पर पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ेंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन पर और ज्यादा मुआवजे का बोझ नहीं डाला जा सकता। पीड़ितों को नुकसान की तुलना में करीब 6 गुना ज्यादा मुआवजा दिया जा चुका है।
कोर्ट ने कहा कि 2004 में समाप्त हुई कार्यवाही में यह माना गया था कि मुआवजा राशि काफी है। जिसके मुताबिक दावेदारों को उचित मुआवजे से ज्यादा का भुगतान किया जा चुका है।
कोर्ट ने कहा- हम इस बात से निराश हैं कि सरकार ने त्रासदी के दो दशक तक इस पर ध्यान नहीं दिया और अब इस मुद्दे को उठाने का कोई औचित्य नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले दिए गए हलफनामे के मुताबिक गैस कांड पीड़ितों के लिए बीमा पॉलिसी तैयार नहीं करने के लिए भी केंद्र को फटकार लगाई और इसे घोर लापरवाही बताया।
जनवरी में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा था- सुप्रीम कोर्ट ने 1989 में एक लाख से ज्यादा पीड़ितों को ध्यान में रखकर हर्जाना तय किया था, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, गैस पीड़ितों की संख्या ज्यादा हो चुकी है। ऐसे में हर्जाना भी बढ़ना चाहिए।
2-3 दिसंबर 1984 की दरमियानी रात गैस त्रासदी हुई। यूनियन कार्बाइड कारखाने के 610 नंबर के टैंक में खतरनाक मिथाइल आइसोसायनाइड रसायन था। टैंक में पानी पहुंच गया। तापमान 200 डिग्री तक पहुंच गया। धमाके के साथ टैंक का सेफ्टी वॉल्व उड़ गया। उस समय 42 टन जहरीली गैस का रिसाव हुआ था।
उस वक्त एंडरसन यूनियन कार्बाइड का प्रमुख था। हादसे के चार दिन बाद वह अरेस्ट हुआ, लेकिन जमानत मिलने के बाद अमेरिका लौट गया। फिर कभी भारतीय कानूनों के शिकंजे में नहीं आया। उसे भगोड़ा घोषित किया गया। अमेरिका से प्रत्यर्पण के प्रयास भी हुए, लेकिन कोशिशें नाकाम रहीं। 92 साल की उम्र में एंडरसन की मौत 29 सितंबर 2014 में अमेरिका के फ्लोरिडा में हो गई थी।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2023/03/00000121still001_1678775466.jpg22751280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2023-03-14 13:19:342023-03-14 13:23:15भोपाल गैस पीड़ितों को अतिरिक्त ₹7800 करोड़ मुआवजा नहीं मिलेगा
चंडीगढ़ एस्टेट ऑफिस से लीज पर ली गई दुकानों के किराए के नियमों की अनदेखी के कारण 9 करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचा है. आखिर किस तरह से नियमों की अनदेखी की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, यूटी प्रशासन ने 1960 और 1970 के दशक में पांच साल के लिए विभिन्न दुकानों/एससीओ/बूथों को पट्टे पर दिया था और किराए में 20% की वृद्धि के साथ हर पांच साल में लीज का नवीकरण किया जाता था। 1992 में, किराया बढ़ाकर ₹14,000 प्रति माह कर दिया गया।
कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 14 मार्च :
लेखापरीक्षा से पता चलता है कि एस्टेट कार्यालय चंडीगढ़ प्रशासन की 2000 योजना द्वारा निर्धारित दुकानों के किराए में वार्षिक वृद्धि का पालन करने में विफल रहा। यूटी प्रशासन के विभागों के कामकाज में और अधिक अनियमितताओं की ओर इशारा करते हुए, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा लेखापरीक्षा से पता चला है कि संपत्ति कार्यालय पट्टे की दुकानों के किराए में वृद्धि के लिए निर्धारित चरणों का पालन करने में विफल रहा, जिससे ₹9.37 का नुकसान हुआ। सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ।
इस ऑडिट के जवाब में विभाग ने किराया तय करने को लेकर कमियों को स्वीकार किया। 18 SCOs और 5 बूथों का मार्च, 1992 से मई, 2022 तक विस्तृत रिव्यू किया गया था। एस्टेट ऑफिस से ऑडिट के बाद मई, 2022 में आउटस्टेंडिंग ड्यू को लेकर 3 किराएदारों को डिमांड नोटिस जारी किया था। वहीं बाकियों को भी यह नोटिस जारी किए जाने की बात कही गई थी।
रिपोर्ट में कहा गया कि प्रशासन ने सेक्टर 17-ई में सरकारी दुकानें (SCOs)/बूथ पांच सालों के लिए लीज पर दिए थे। इस लीज को हर पांच साल बाद आगे बढ़ाया गया था वहीं 20 प्रतिशत किराया बढ़ाया गया था। वर्ष 1992 में SCOs का यह किराया 14 हजार रुपए था। वहीं पांच बूथों का किराया तीन SCOs में से निकाला गया था जो प्रो राटा आधार पर तय किया गया था। हालांकि इसे दुकानदारों ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1999 में आदेश दिया था कि SCO/बूथों का किराया बिना नियम तय किए नहीं बढ़ाया जाएगा।
कोर्ट के आदेशों के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने लीजिंग आउट ऑफ गवर्नमेंट बिल्ट-अप शॉप्स/बूथ ऑन मंथली रेंट बेसिस इन चंडीगढ़ स्कीम, 2000 के नाम से नियम तय किए। इसके बाद 1 मार्च, 1992 से किराया तय किया जाना था। ऐसे में SCOs का किराया 14 हजार रुपए प्रति माह कर दिया गया।
एस्टेट ऑफिस के वर्ष 2018-19 के रिकॉर्ड्स की छंटनी के दौरान ऑडिट में सामने आया कि 18 शॉप्स और 5 बूथों के संबंध में जब किराए का पुन: मूल्यांकन किया गया था तो एस्टेट ऑफिस ने शॉप्स और बूथों का किराया स्कीम के क्लॉज 9 और 10 में दिए गए निर्देशों की उल्लंघना कर तय किया। इसमें किराया बढ़ाने के तय स्तरों को नजरअंदाज किया गया। वहीं लीज रेंट सीधे तौर पर बेस रेंट(14 हजार रुपए) में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर संशोधित कर दिया गया।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2023/03/CEO.jpg506748Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2023-03-14 12:50:402023-03-14 12:51:26चंडीगढ़ एस्टेट ऑफिस से लीज पर ली गई दुकानों के किराए में नियमों की अनदेखी, 9 करोड़ का नुकसान: कैग
उल्लेखनीय है कि चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है जो कि 30 मार्च रामनवमी तक चलेगी। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा होती है। इन दिनों रामायण पाठ भी किया जाता है। बताया जा रहा है कि जिला, तहसील और ब्लॉक स्तर पर अखंड पाठ के आयोजन होंगे। योगी सरकार ने जिले के अधिकारियों को 21 मार्च तक सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं। इन आयोजनों में महिलाओं की सहभागिता को लेकर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।आदेशों में कहा गया है कि जिले के जिन मंदिरों में ये सरकारी आयोजन होंगे, उनका नाम पता और अन्य जानकारियां जिला प्रशासन को जुटानी होगी। आयोजन के फोटो और वीडियो भी संस्कृति विभाग की वेबसाइट पर डाले जाएंगे।
अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 14 मार्च :
नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती और रामनवमी पर योगी सरकार अखंड रामायण का पाठ करवाएगी। इस दौरान सरकारी तौर पर कार्यक्रमों का आयोजन होगा। यूपी के देवी मंदिरों, शक्तिपीठों में दुर्गा सप्तशती पाठ देवी गायक देवी जागरण, झांकियां अखंड रामायण का पाठ का आयोजन होगा। यूपी के जिला तहसील और ब्लॉक स्तर पर देवी आयोजन समितियां गठित की जाएगी। योगी सरकार सांस्कृतिक आयोजनों के लिए हर जिले को एक-एक लाख रुपये कराएगी मुहैया। यूपी के सभी डीएम को देवी मंदिर और शक्ति पीठों में कलाकार चयन और समितियां बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
जानकारी के अनुसार, ज़िला, तहसील और ब्लॉक स्तर पर अखंड पाठ के आयोजन होंगे। इन आयोजनों में महिलाओं की सहभागिता को लेकर खास तवज्जो दी जाएगी। योगी सरकार ने जिले के अधिकारियों को 21 मार्च तक सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने जिला अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किया है। इसके अनुसार जिला अधिकारी अपने जिले में चयनित देवी मंदिर व शक्तिपीठों में कार्यक्रम के लिए कलाकारों का चयन करेंगे। आयोजित कार्यक्रमों में अधिक से अधिक महिलाओं और बालिकाओं की सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है। इतना ही नहीं इन कार्यक्रमों के सफल संचालन के लिए सरकार की तरफ से एक लाख रुपए का फंड भी दिया जाएगा।
वहीं, मैनपुरी में एक निजी कार्यक्रम में पहुंचे सपा के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस आयोजन को लेकर भाजपा पर हमला बोला है। स्वामी ने कहा, ”सरकार इस समय रामचरितमानस का पाठ कराने को मजबूर है। जो रामचरितमानस का पाठ कराने का बात कर रहे हैं, वे इस देश की महिलाओं, आदिवासियों और दलितों, पिछड़ों के सम्मान के दुश्मन हैं। किसी भी पंथ निरपेक्ष व धर्म निरपेक्ष लोकतांत्रिक सरकार का एक धर्म विशेष को बढ़ावा देना संविधान के नियमों का उल्लंघन है।” यहां पढ़ें पूरी
सभी कमिश्नर और DM को 21 मार्च तक तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। जिन मंदिरों में कार्यक्रम होंगे उनके नाम-पता, मंदिर की तस्वीरें, मंदिर प्रबंधन की डिटेल साझा करने का निर्देश दिया गया है। इसको लेकर राज्य स्तर पर दो नोडल अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। ये अधिकारी इन कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक संपन्न कराएंगे। इसके लिए जिला, तहसील और ब्लॉक स्तर पर समितियों का गठन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिंग्स लगाए जाएंगे। इसे सोशल मीडिया पर भी प्रचारित किया जाएगा।
प्रमुख सचिव ने DM को निर्देश दिए हैं कि वे अपने जिले में चयनित देवी मंदिर और शक्तिपीठों में कार्यक्रम के लिए कलाकारों का चयन कर लें। नवरात्रि के दौरान साफ-सफाई, पेयजल, बिजली, प्रकाश आदि की बेहतर व्यवस्था करें। मंदिरों में जो भी कार्यक्रम होंगे, उनके फोटोग्राफ संस्कृति विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे।
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दुर्गा सप्तशती, रामनवमी पाठ पर कहा, ‘मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं। सरकारी दफ्तरों में रोजाना रामायण का पाठ होना चाहिए। साथ ही विधानसभा, लोकसभा में भी भगवान श्रीराम की बड़ी मूर्ति लगानी चाहिए। तभी तो हिंदू राष्ट्र जैसा दिखेगा।’
सपा प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा, ‘CM योगी से समाजवादी पार्टी कहना चाहती है कि राज्य का कोई धर्म नहीं होता है। राज्य के लिए सभी धर्म, उसके फेस्टिवल बराबर होने चाहिए। उनको बराबर से ट्रीट किया जाना चाहिए, जो उत्तर प्रदेश में नहीं हो रहा है। आपने एक-एक लाख रुपए धार्मिक आयोजन के लिए जिलेवार जारी किए हैं। लेकिन, हम आपसे एक निवेदन और भी करना चाहते हैं। ये जो एक-एक लाख रुपए आपने दिया है, इसका इस्तेमाल पूरा-पूरा हो जाए। क्योंकि पिछले साल का बजट 50 फीसदी लेप्स हुआ। खर्च नही हुआ। जांच नहीं हुई। चलो मान लो वह हिंदू हैं, आपको हिंदू से मतलब है। दूसरी तरफ मुसलमान, ईसाई, और दूसरे समाज के लोगों के लिए आपका दूसरा नजरिया होगा, वह आप जानें। लेकिन, जब शिक्षा स्वास्थ्य आप की सरकार नहीं दे सकी, तो आपकी सरकार को क्या कहा जाना चाहिए। यह ध्यान बदलने के लिए जो आपने एक-एक लाख रुपए बांटे हैं। उत्तर प्रदेश के लोग आपकी नियत जानते हैं।’
जिन मंदिरों में कार्यक्रमों का आयोजन होगा, वहाँ की तस्वीर सरकार के पोर्टल (संस्कृति विभाग) पर भी अपलोड की जाएगी। कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियाँ देंगे। इन आयोजनों में जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे। बता दें कि 22 मार्च से लेकर 30 मार्च तक चैत्र नवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा। 30 मार्च, 2023 को रामनवमी का त्योहार है। इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म हुआ था।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2023/03/1678778482_njgk.jpg6001200Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2023-03-14 12:19:112023-03-14 12:21:59नवरात्र पर होंगे सरकारी कार्यक्रम : नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती और रामनवमी पर योगी सरकार अखंड रामायण का पाठ करवाएगी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या अमूक व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जानना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, ग्रह दशा को अपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है। नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं। आपका कोई पुराना मित्र आज कारोबार में मुनाफा कमाने के लिए आपको सलाह दे सकता है, अगर इस सलाह पर आप अमल करते हैं तो आपको धन लाभ जरुर होगा। घरेलू मामलों पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। आपकी ओर से की गयी लापरावाही महंगी साबित हो सकती है। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – राशिफल, 14 मार्च 2023:
14 मार्च 2023 :
अध्यात्म की सहायता लेने का सही समय है, क्योंकि मानसिक तनाव को मार भगाने के लिए यह सबसे बेहतरीन विकल्प है। ध्यान और योग आपकी मानसिक मज़बूती को बढ़ाने में कारगर रहेंगे। होशियारी से निवेश करें। कोई चिट्ठी या ई-मेल पूरे परिवार के लिए अच्छी ख़बर लाएगी। आपका होना इस दुनिया को आपके प्रिय के लिए रहने के क़ाबिल बनाता है। व्यावसायिक साझीदार सहयोग करेंगे और आप साथ मिलकर टलते आ रहे कामों को पूरा कर सकते हैं। लोगों के साथ बात करने में आज आप अपना बहुमूल्य समय बर्बाद कर सकते हैं। आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। आज आपको अपने जीवनसाथी से एक बार फिर प्यार हो जाएगा।
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