Wednesday, December 25
  • भड़के किसानों ने बैंक गेट के बाहर दरी बिछाकर बैंक मैनेजर के खिलाफ किया रोष प्रदर्शन 

कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, छछरौली – 13 मार्च :

सलेमपुर बांगर निवासी किसान अमृतपाल के साथ आए किसानों व किसान यूनियन नेताओं के साथ बैंक मैनेजर द्वारा बदतमीजी करने के मामले में किसानों ने बैंक गेट के बाहर बैंक मैनेजर के खिलाफ जमकर रोष प्रकट करते हुए मुर्दाबाद के नारे लगाए। किसानों का आरोप है हम सभी किसान बैंक मैनेजर से शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत कर समस्या का हल कराने आए थे पर बैंक मैनेजर ने बातचीत करने की बजाय किसानों के बीच आकर कह दिया कि वह उनकी कोई बात नहीं मानेगा। उनसे जो भी होता हो वह कर सकते हैं। जिससे नाराज किसानों ने बैंक के गेट पर चार घंटे तक लगातार दरी बिछाकर बैंक व बैंक मैनेजर के खिलाफ रोष प्रकट कर नारेबाजी की है।

भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष सुभाष गुर्जर व ब्लॉक छछरौली अध्यक्ष सुखदेव सलेमपुर ने जानकारी देते हुए बताया कि किसान अमृतपाल ने कुछ समय पहले पीएनबी बैंक छछरौली तीन लाख का लोन लिया था। किसान अपनी पारीवारिक समस्या के चलते लोन नहीं भर पाया तो लोन पर ब्याज लगकर लोन की राशि ₹480000 बन गई थी। बैंक से डिफाल्टर होने पर बैंक द्वारा किसान के खिलाफ थाने में शिकायत देकर मुक़दमा दर्ज करवा दिया गया था। जिसमें पुलिस ने बुजुर्ग किसान अमृत पाल को रात को बारह बजे घर पर छापा मारकर किसान को गिरफ्तार कर लिया था। जिससे क्षेत्र के किसानों ने बुजुर्ग किसान की आधी रात को हुई गिरफ्तारी को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि बैंक के कर्जे तो लगभग सभी किसानों व व्यापारियों के पास होते हैं इसमें इतना बड़ा केस नहीं था कि 70 वर्षीय बुजुर्ग किसान की उम्र का भी लिहाज नहीं किया गया और रात को भी उसकी गिरफ्तारी कर ली गई।

पुलिस द्वारा किसान की गिरफ्तारी को लेकर क्षेत्र के किसानों व किसान यूनियन के नेताओं ने छछरौली में रोष प्रकट करते हुए जिला उपायुक्त व मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा था। जिसमें बाद में छछरौली थाना प्रभारी भूपेंद्र सिंह ने किसानों के बीच जाकर माफी मांग ली थी और यह माना था कि जो गिरफ्तारी हुई है वह जल्दबाजी में हुई थी उसके लिए खेद व्यक्त किया था। यह मामला बैंक से लिए लोन का था जो राशि 3 लाख से बढ़कर 480000 हो गई थी। सुखदेव सलेमपुर ने बताया कि किसान व बैंक की आपस में सेटलमेंट हो गई थी। जिसमें दोनों का समझौता हुआ था कि किसान ₹3 लाख बैंक में भरेगा। जबकि किसान के खाते से बैंक ने पहले ही ₹480000 काट लिए थे। उनका कहना था कि जब बैंक द्वारा 3 लाख में सेटलमेंट हो गई है तो बकाया ₹180000 किसान को मिलना चाहिए था। जिसको लेकर किसान एकत्रित होकर सोमवार को पीएनबी बैंक छछरौली मैनेजर से बातचीत करने आए थे। बैंक मैनेजर ने किसानों से सही तरीके से बातचीत नहीं की और कह दिया कि वह उनसे कोई बात नहीं करेगा उनसे जो होता हो वह कर सकते हैं। बैंक मैनेजर द्वारा कही गई इस बात को लेकर किसान भड़क गए और उन्होंने पीएनबी बैंक के गेट के बाहर दरी बिछाकर लगातार 4 घंटे तक प्रदर्शन किया। किसानों की मांग थी कि बैंक मैनेजर आकर सभी किसानों से माफी मांगी उसके बाद ही वह धरना प्रदर्शन समाप्त करेंगे। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बैंक मैनेजर माफी नहीं मांगता क्षेत्र के सभी किसान रोजाना बैंक के बाहर आकर दरी बिछाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।  

इस बारे में पीएनबी बैंक मैनेजर जगदीशचंद्र का कहना है कि वह किसानों के साथ बातचीत करने के लिए पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में गए थे और उन्होंने वहां पर किसानों के साथ सही तरीके से बातचीत की है और किसी प्रकार की कोई बदतमीजी नहीं की है। किसान के पास कर्ज का जो पैसा था वह ₹480000 पर रहा है। किसान इस रकम से ₹180000 कम करने की मांग कर रहे हैं जो कि उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। यह मामला उच्च अधिकारियों की जानकारी में डाल दिया गया है जैसे ही उच्च अधिकारियों द्वारा दिशा निर्देश मिलेंगे उसके तहत कार्रवाई कर दी जाएगी।