विधान सभा में बैठक के दौरान पंजाब सरकार द्वारा दवाओं की अधिक कीमतों संबंधी केंद्र को पत्र लिखने का फ़ैसला
दवाओं की कीमतें तय करना केंद्र का विषय, मौजूदा तंत्र में मरीज़ों की हो रही है ‘”लाइसैंस्ड लूट”: कुलतार सिंह संधवां
जैनेरिक दवाओं में लोगों का विश्वास पक्का करने एवं दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित बनाने के लिए टेस्टिंग बढ़ाने पर ज़ोर
महँगी दवाओं के कारण जनता को लूट से बचाने के लिए समाधान ढूँढने के लिए हुआ अहम विचार-विमर्श
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : पंजाब विधान सभा स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां द्वारा दवाओं की अधिक कीमतों के कारण जनता की हो रही लूट को रोकने के लिए बुलाई गई अहम बैठक के दौरान फ़ैसला लिया गया कि पंजाब सरकार बेहद महँगी ग़ैर-सूचीबद्ध दवाओं की कीमतों को नियंत्रण अधीन लाने के लिए केंद्र सरकार को तुरंत पत्र लिखेगी।
विधान सभा स्पीकर स. संधवां ने ज़ोर देकर कहा कि दवाओं की कीमतें तय करना केंद्र का विषय है और मौजूदा तंत्र में कानूनन मरीज़ों की लूट हो रही है और यह लूट ‘‘लाइसैंस्ड लूट’’ है। लोगों की ज़िंदगी से जुड़ा होने के कारण यह मुद्दा बड़ा ही संवेदनशील है, इस मुद्दे का तुरंत हल निकालना आज के समय की मुख्य ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर तुरंत ग़ौर करे और कानून में संशोधन कर मरीज़ों के साथ हो रही लूट को रोका जाए।
बैठक के दौरान विभिन्न विधायकों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और चिकित्सकों एवं समाज सेवीं संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा अपने संबोधन के दौरान दवाओं की असल और एम.आर.पी. कीमतों में 90 प्रतिशत तक के अंतर को सबूतों समेत जग ज़ाहिर किया गया।
इस मुद्दे पर बोलते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि सूचीबद्ध की गईं ज़िंदगी बचाने वाली 388 दवाओं की कीमतें नियंत्रण अधीन हैं, परन्तु हज़ारों की संख्या में मौजूद ग़ैर-सूचीबद्ध दवाओं की कीमतों में बहुत अंतर है, जिससे मरीज़ों की भारी लूट होती है। उन्होंने कहा कि फ़ार्मास्यूटीकल रिसर्च का क्षेत्र कारोबार से जुड़ा हुआ है और इसमें हमदर्दी नाम की कोई चीज़ मौजूद नहीं। परन्तु क्योंकि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और लोगों का मौलिक अधिकार है, इसलिए राज्य सरकार ग़ैर-सूचीबद्ध दवाओं की कीमतों पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार को दो दिनों के अंदर-अंदर पत्र लिखेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार द्वारा राज्य में दवाओं को और बेहतर ढंग से रैगूलेट करने की कोशिशें निरंतर जारी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने आम आदमी क्लीनिक बनाकर 100 के करीब टैस्ट मुफ़्त किए हैं और दवाएँ भी मुफ़्त दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में जन औषधि केन्द्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी और ऐथीकल एवं जैनरिक दवाओं के टेस्टिंग तंत्र को और मज़बूत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दवाओं की अधिक कीमतों या अन्य किसी किस्म के उल्लंघन के लिए ‘‘फ़ार्मा सही दाम’’ मोबाइल ऐप या हेल्पलाइन नंबर 1800-180-2412 पर रिपोर्ट की जा सकती है और ऐसे मामलों को सख़्ती से और सज़ा दिलाने तक निपटा जाएगा। उन्होंने विधायकों को सुझाव दिया कि वह भी दवाओं की अधिक कीमतों के विरुद्ध काम कर रही समाज सेवीं संस्थाओं की तरह अपने-अपने विधान सभा क्षेत्रों में प्रयास करें।
स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. इन्दरबीर सिंह निझ्झर ने कहा कि दवाओं की कीमतें नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने से ही लोगों का भला हो सकता है। उन्होंने कहा कि फ़ार्मास्यूटीकल कंपनियों द्वारा सॉल्ट में मामूली बदलाव कर दवाओं को केंद्र सरकार द्वारा सूचीबद्ध की गईं दवाओं से बाहर निकालने के रुझान को रोकने के लिए भी कानून बनाने की ज़रूरत है। इसके साथ ही अपनी ब्रैंडिंग करने वाले अस्पतालों की तरफ भी ध्यान देना समय की ज़रूरत है, जो दवाओं की कीमतें बढ़ाने में काफ़ी हद तक जि़म्मेदार हैं।
अलग-अलग वक्ताओं द्वारा जैनेरिक दवाओं को असरदार बनाने और लोगों में इन सम्बन्धी विश्वास बढ़ाने की तरफ इशारा करने पर स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कहा कि मानक और विश्वासयोग्य जैनेरिक दवाओं की उपलब्धता के लिए स्वास्थ्य विभाग टेस्टिंग बढ़ाए। जैनेरिक दवाओं के प्रति लोगों और डॉक्टरों में कम रुचि संबंधी बोलते हुए उन्होंने विशेष रूप से कहा कि जो प्रभाव नहीं करती, वह दवा नहीं, बल्कि ज़हर है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह बैठक विधायक साहिबानों को इस मामले सम्बन्धी जागरूक करने में सहायक होगी।
बैठक के दौरान समाज सेवीं और दवाओं की कीमतों के विरुद्ध कानूनी लड़ाई लड़ने वाले स. गुरप्रीत सिंह चन्दबाजा ने भारतीय मेडिकल एसोसिएशन से अपील की कि वह भी अधिक कीमतों का मुद्दा केंद्र के समक्ष उठाए। डॉ. चरणजीत सिंह परूथी ने जैनेरिक दवाओं की पुख्तगी और अधिक बेहतर करने, समाज सेवीं इंजीनियर जसकीरत सिंह ने मरीज़ों के इलाज से पहले होने वाले टैस्टों की कीमतों पर ध्यान देने और मानक टेस्टिंग का मुद्दा उठाया।
बैठक को डॉ. सुखविन्दर कुमार, श्री अशोक कुमार पप्पी पराशर, श्री दिनेश चड्ढा, डॉ. चरणजीत सिंह चन्नी, डॉ. अवजोत सिंह, डॉ. कश्मीर सिंह सोहल, स. जगरूप सिंह गिल, डॉ. जसबीर सिंह संधू, डॉ. विजय सिंगला, श्री नछत्तर पाल (सभी विधायक), पंजाब हैल्थ सिस्टम कोर्पोरेशन के चेयरमैन श्री रमन बहल, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री वी.के. मीना, नेशनल हैल्थ मिशन के मिशन डायरैक्टर श्री अभिनव त्रिखा, बाबा फऱीद हैल्थ साइंसिज़ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. अवनीश, डॉ. तेजिन्दरपाल सिंह, कैंसर सर्जन डॉ. परमिन्दर सिंह संधू, समाज सेवीं श्री गुरविन्दर शर्मा एवं अन्य ने भी संबोधन किया।