अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों को लेकर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। आज कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता संसद से लेकर सड़क तक विरोध-प्रदर्शन कर रहे है। संसद परिसर में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत तमाम वरिष्ठ नेताओं ने गांधी प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया, वहीं दूसरी ओर पार्टी की यूथ विंग, भारतीय युवा कांग्रेस अडानी समूह में एलआईसी और एसबीआई जैसे सरकारी संस्थानों के बेहद जोखिम भरे लेनदेन और निवेश के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रही है। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार, यूपी सहित कई राज्यों में कांग्रेस के कार्यकर्ता एलआईसी और बैंकों के दफ्तरों के बाहर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन हिमाचल में हिमाचल प्रदेश में अदानी ग्रुप के दो सीमेंट प्लांट और ट्रक ऑपरेटर का विवाद कॉंग्रेस के रहते थम नहीं रहा था। सोलन जिला के डार्लाघाट और बिलासपुर के बरमाना में सीमेंट प्लांट करीब 68 दिन से बंद पड़े सत्ता परिवर्तन के बाद उपजे इस विवाद को सुलझाना सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के लिए सरकार इस मामले में समाधान निकालने में प्रयासरत तो है लेकिन मामले को लेकर दोनों पक्षों में सहमति नहीं बना पा रही।
- ‘अदानी’ कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता संसद से लेकर सड़क तक विरोध – प्रदर्शन कर रहे है
- हिमाचल में डीजल मंहगा है, माल भाड़ा भी अधिक होगा इसीलिए सीमेंट भी अधिक महंगा होगा
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/शिमला – 20 फरवरी :
हिमाचल प्रदेश में बीते ढाई महीने से बंद चल रही अंबुजा और एसीसी सीमेंट कंपनियों दोबारा खुल जाएंगी. कंपनी और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच चल रहा विवाद सुलझ गया है। सोमवार को शिमला में सीएम सुक्खविंदर सिंह, कंपनी के पदाधिकारियों और ट्रक ऑपरेटर्स के नेताओं के बीच मीटिंग में विवाद खत्म करने को लेकर सहमति बन गई है।
जानकारी के अनुसार, हिमाचल में नई सरकार के गठन के ठीक बाद बिलासपुर के बरमाणा और सोलन के अर्की में एसीसी और अंबुजा कंपनी ने उत्पादन बंद कर दिया था। कंपनी ने ट्रक ऑपरेटर्स के ज्यादा मालभाड़ा लेने के चलते कंपनी पर तालाबंदी कर दी थी। इस दौरान लगातार सरकार, कंपनी और ऑपरेटर्स के बीच बातचीत चलती रही। कई बार बात के बाद विवाद सुलझ नहीं रहा था। (हिमाचल में डीजल मंहगा है, माल भाड़ा भी अधिक होगा इसीलिए सीमेंट भी अधिक महंगा होगा )
सोमवार (20 फरवरी, 2023) को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की मौजूदगी में दोनों पक्षों में समझौता हुआ। समझौते के अनुसार, मालभाड़े के नए रेट 9.30 रुपए प्रति किलोमीटर प्रति टन और 10.30 रुपए प्रति किलोमीटर प्रति टन तय किए गए। ट्रक ऑपरेटर्स ने इस दौरान कहा कि राज्य की जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए वो नए रेट को स्वीकार कर रहे हैं। हालाँकि, उन्होंने दावा किया कि इसके कारण उन्हें सालाना 5-7 लाख रुपए का नुकसान होगा।
फिर उन्होंने ये भी कहा कि जनहित के लिए वो इस नुकसान को झेलने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही मंगलवार से ही अडानी समूह की दोनों सीमेंट कंपनियाँ अम्बुजा और ACC अपने-अपने प्लांट्स में प्रोडक्शन शुरू कर देंगी। ट्रक यूनियन वाले भी कल से काम पर लौट जाएँगे। हालाँकि, उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में आपस में और चर्चा अभी बाकी है। 15 दिसंबर से 2 प्लांट्स बंद होने के कारण 35,000 लोग बेरोजगार हो गए थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद इस मामले पर निगरानी रख रहे थे और उन्होंने ये तीसरे दौर की वार्ता की। ट्रक ऑपरेटर्स के प्रतिनिधियों ने कहा कि उनके बाकी मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत चलती रहेगी। दोनों पक्षों के बीच सहमति बनाने के लिए सरकार के साथ अब तक 16 दौर की वार्ताएँ हो चुकी हैं। सीएम ने CEO लेवल के अधिकारियों को भी बुलाया था। इस विवाद से दोनों पक्षों को नुकसान हुआ। सीएम सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार आने के 5 दिनों बाद ही ये मामला सामने आया था।