दोषी कर्मचारियों पर हो आपराधिक मामला दर्ज: जाँच रिपोर्ट

कोरोना मृतकों की संख्या में हेर फेर के दाह संस्कार करने वालों को दी जाने वाली राशि मे बड़ा घपले के मामले में हुई जांच की रिपोर्ट में पंचकूला नगर निगम के संयुक्त सचिव विनेश कुमार ने चार व्यक्तियों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज करवाने की माँग की है।

अजय सूद (ए एस आई ),गुलाब , मदनलाल(सीएसआई) सोनू के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है जबकि सतवीर प्रवेश ने धन राशि के लिए मांग जरूर रखी थी लेकिन उन्हें राशि की अदायगी नहीं हुई। संयुक्त आयुक्त विनेश सिंह ने बताया कि उन्होंने यह रिपोर्ट जाँच के दौरान लिए गए ब्यानों, श्मशान घाट के रिकॉर्ड ,मृत्यु प्रमाण पत्र, अस्पताल के रिकॉर्ड जाँचने के बाद ही तैयार की गई है।

संयुक्त आयुक्त ने बताया कि शमशान घाट में मौजूद रहने वाले पुजारी आदि लोगों ने स्पष्ट तौर पर बताया है की उक्त व्यक्ति कभी भी राजघाट में संस्कार करने नहीं आए। मालूम हो कि ए एस आई अजय सूद और मदनलाल (सी एस आई), की संस्कार करने की ड्यूटी लगाई ही नहीं जा सकती ये काम सफाई कर्मचारियों को सौंपा जाता है।

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संयुक्त आयुक्त ने यह भी बताया की उन्होंने सरकारी सिविल अस्पताल सेक्टर 6 से मृतकों का आंकड़ा लिया जिसके अनुसार कोरोना से 377 व्यक्तियों की मृत्यु हुई जबकि करोना मृतकों के संस्कार की संख्या 900 के करीब बताई जा रही है। जिसमें बहुत बड़ा अंतर है जिन व्यक्तियों की संस्कार यहां हुए हैं उनके मृतक प्रमाण पत्र जांचने के बाद पता चला कि कई लोगों की क्योंकि मृत्यु कोरोना से नहीं बल्कि अन्य किन्हीं कारणों से हुई।

विनेश कुमार ने बताया कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट अपने उच्चाधिकारी निगमायुक्त को आगे की कार्रवाई के लिए सौंप दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक की गहन जांच की मांग वाली याचिका पर विचार किया

सुप्रीम कोर्ट ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुधवार को पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा चूक की गहन जांच की मांग वाली एक याचिका पर विचार किया। एनजीओ लॉयर्स वॉयस द्वारा दायर याचिका में सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई और भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए पंजाब सरकार को उचित निर्देश देने की मांग की गई है। किसानों द्वारा फ्लाईओवर को अवरुद्ध करने के कारण बुधवार को पीएम मोदी का काफिला पंजाब के एक फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक फंसा रहा। निजी कारों को भी काफिले के पास जाते देखा गया, जो एक बड़ी सुरक्षा चूक थी।यही नहीं पुलिस वालों को किसानों के साथ चाय पीते पाया गयाजिसे इनकी मंत्री वेरका ने भंडारा कहा।

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, नयी दिल्ली:

पंजाब के फिरोजपुर में बीते 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये Rarest Of The Rare केस है। दोबारा ऐसा नहीं होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपनी कमेटी पर विचार करे। पीएम मोदी का काफिला रुकना गलत है। याचिकाकर्ता एनजीओ की ओर से सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में एसपीजी एक्ट पढ़ा। उन्होंने कहा कि ये केवल कानून-व्यवस्था का मामला नहीं है बल्कि एसपीजी एक्ट के तहत एक मुद्दा है। ये एक वैधानिक जिम्मेदारी है. इसमें कोताही नहीं बरती जा सकती है।

सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने कहा, ‘ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है, सिर्फ कानून-व्यवस्था का नहीं है. राज्य सरकार को वैधानिक स्तर पर इसकी अनुपालना करनी होती है.’ मनिंदर सिंह ने कहा कि ये बहुत ही गंभीर मसला है. प्रधानमंत्री की सुरक्षा में भारी चूक हुई है. इस मामले में स्पष्ट जांच जरूरी है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी जरूरी है. सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने आगे कहा कि राज्य के पास इस मामले (पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक) की जांच करने का अधिकार नहीं है. ये कानून-व्यवस्था का मामला नहीं है. राज्य ने जिसे जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया है वो पहले एक बड़े सेवा संबंधी घोटाले का हिस्सा थे.

सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने कहा, ‘ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है, सिर्फ कानून-व्यवस्था का नहीं है। राज्य सरकार को वैधानिक स्तर पर इसकी अनुपालना करनी होती है।’ मनिंदर सिंह ने कहा कि ये बहुत ही गंभीर मसला है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में भारी चूक हुई है। इस मामले में स्पष्ट जांच जरूरी है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी जरूरी है।

सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने आगे कहा कि राज्य के पास इस मामले (पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक) की जांच करने का अधिकार नहीं है। ये कानून-व्यवस्था का मामला नहीं है। राज्य ने जिसे जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया है वो पहले एक बड़े सेवा संबंधी घोटाले का हिस्सा थे।

रैली रद्द होने का कारण ख़ाली कुर्सियाँ रहीं: रणदीप सुरजेवाला

रैली में कम भीड़ आई इसलिए रैली रद्द हुई। सुरजेवाला ने कई ट्वीट किए। उन्होंने अपने ट्वीट में रैली स्थल का एक वीडियो साझा किया और दावा किया कि, “प्रिय नड्डा जी, रैली रद्द होने का कारण खाली कुर्सियां रहीं। यकीन न हो तो, देख लीजिए। और हां, बेतुकी बयानबाज़ी नहीं, किसान विरोधी मानसिकता का सच स्वीकार कीजिए और आत्म मंथन कीजिए। पंजाब के लोगों ने रैली से दूरी बनाकर अहंकारी सत्ता को आईना दिखा दिया है।”

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में भीड़ नहीं आई तो सुरक्षा में चूक का बहाना बनाकर इस जनसभा को रद्द किया गया।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि आरोप-प्रत्यारोप करने की बजाय बीजेपी और प्रधानमंत्री को अपने ‘किसान विरोधी रुख’ पर आत्ममंथन करना चाहिए और प्रधानमंत्री के पद की गरिमा को धूमिल नहीं करना चाहिए। साथ ही, उन्होंने दावा किया कि सड़क मार्ग का उपयोग करना प्रधानमंत्री के पहले से तय कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था और खुद मोदी ने सड़क मार्ग से जाने का फैसला अचानक किया।

इससे पहले, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पंजाब की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि आगामी विधानसभा चुनाव में हार के डर से उसने प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों को विफल करने के लिए हरसंभव कोशिश की।

गौरतलब है कि विरोध प्रदर्शनों के कारण प्रधानमंत्री पंजाब में 15 से 20 मिनट तक एक फ्लाइओवर पर फंसे रहे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में गंभीर चूक माना है और राज्य सरकार से इस मामले में रिपोर्ट तलब की है।

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘बीजेपी पंजाब और अन्य राज्यों में हार तय देखकर ऐसे हथकंडे अपना रही है जो प्रधानमंत्री पद को शोभा नहीं देता। आज पंजाब में कुर्सियां खाली थीं, लोग नहीं पहुंचे थे। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बीजेपी को लेकर किसानों और आम लोगों में विरोध है. ऐसे में बीजेपी की ओर से ऊल-जलूल बातें की जा रही हैं।’

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री को बठिंडा से फिरोजपुर तक हेलीकॉप्टर से जाना था. उनका सड़क मार्ग से जाने का कोई कार्यक्रम नहीं था। जब प्रधानमंत्री को पता चला कि भीड़ नहीं आई तो उन्होंने अचानक से सड़क मार्ग से जाने का निर्णय कर लिया। ऐसे में वहां आनन-फानन में सुरक्षा को लगाया गया। वैसे भी, बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी पहले से ही रैली के लिए तैनात थे।’

उन्होंने सवाल किया, ‘कुछ सौ किसान प्रदर्शन कर रहे थे तो क्या उन्हें गोली मार देनी चाहिए थी?’

सुरजेवाला ने कहा, ‘प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई. प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने में 15 मिनट का समय लग गया। ऐसे में प्रधानमंत्री को बहाना मिल गया… रैली में भीड़ नहीं आई तो सुरक्षा में चूक का बहाना बनाकर रैली को रद्द कर दिया गया।’

उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने सड़क मार्ग से जाने का फैसला अचानक किया तो इसका दोष पंजाब सरकार पर नहीं डाला जा सकता।

उन्होंने कहा, ‘आप रैली करिए लेकिन जब भीड़ नहीं आए तो बहाना बनाकर आरोप मत लगाइए. उत्तर प्रदेश में हार तय देखकर फायदा उठाने की कोशिश मत करिए।’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘कांग्रेस ने अपने दो प्रधानमंत्री खोए हैं। हमें प्रधानमंत्री की सुरक्षा का पूरा ध्यान है। हम प्रधानमंत्री जी से कहते हैं कि आप रैली करिए। हमारी राज्य सरकारें पूरा सहयोग देंगी लेकिन आधारहीन आरोप नहीं लगाया जाए।’

उन्होंने कहा ‘प्रधानमंत्री की रैली में 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे, एसपीजी और दूसरी एजेंसियों के साथ समन्वय करते हुए सुरक्षा के पूरे प्रबंध किए गए थे हरियाणा/राजस्थान से आने वाले बीजेपी कार्यकर्ताओं की सभी बसों के लिए भी रूट बनाया गया था।’

उन्होंने कहा, ‘किसान मजदूर संघर्ष समिति प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर विरोध कर रही थी और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उनके साथ दो दौर की बातचीत भी की थी।’

सुरजेवाला ने कहा, ‘क्या आप (नड्डा) जानते हैं कि किसान प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? उनकी मांग है कि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए, किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं, आंदोलन में जान गंवाने वाले 700 किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर जल्द फैसला हो।’

मोदी जी, जोश कैसा है?

वहीं यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने कई ट्वीट कर पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर कई सवाल किए। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि मोदी जी, जोश कैसा है?

उन्होंने एक और ट्वीट किया कि ‘प्रदर्शनकारियों के हाथों में BJP का झंडा क्यों था? श्रीनिवासन ने ट्वीट किया अगर ये लोग प्रदर्शनकारी थे तो हाथों में BJP का झंडा क्यों था? अगर पंजाब पुलिस ने इन्हें नही रोका तो फिर केंद्र सरकार के अधीन आने वाली SPG सुरक्षा ने इन्हें गाड़ी के करीब क्यों आने दिया, IB के अधिकारी कहां थे? ये मोदी जिंदाबाद के नारे क्यों लगा रहे थे?’

बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पीएम मोदी के फिरोजपुर जिले के दौरे से वापस लौटने के कारण खेद जताया है। उन्होंने कहा कि पीएम को पंजाब से वापस लौटना पड़ा इसका उन्हें काफी दुख है।

शाश्वत गरीब ही चुनावी उत्सव रौनक

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़:

“लोकतंत्र में सरकार लोगों की, लोगों के लिए और लोगों के द्वारा” होती है कहें तो यह मात्र एक जुमला है जो कि उस समय लोकप्रिय नेता द्वारा छोड़ा गया। जुमलों का बाज़ार आज भी गर्म है।

तुम हमें वोट दो;
हम तुम्हें … लैपटॉप देंगे ……सायकिल देंगे…स्कूटी देंगे …..मुफ्त की बिजली देंगे …… लोन माफ कर देंगे
..कर्जा डकार जाना, माफ कर देंगे … ये देंगे .. वो देंगे … वगैरह, वगैरह।

क्या ये खुल्लम खुल्ला रिश्वत नहीं?

काला धन वापिस लाएंगे, भ्र्ष्टाचार मुक्त भारत बनाएंगे।

एक दक्षिण भारतीय फिल्म टेलीविजन पर प्रसारित हो रही थी जिसमे पैराशूट उम्मीदवार को अपने द्वारा किए गए कामों की फरहिस्त देने की ज़रूरत नहीं न उसे आम जनता के बीच जाने की ही कोई ज़रूरत नेता जी जब भी दिखाई देते हैं गाड़ी में बैठते हुए या उतरते समय या कोई फरियादी सामने आ जाए तो हज़ार रदो हज़ार रुपये से उसकी मदद करते। उचित समय यानि चुनावी दिनों में पाँच सौ के एक या दो दो नोट, एक बोतल, बीस किलो आटा, दस किलो चावल और स्वादानुसार कुछ मीठी बातें।
पिछले दो चुनावों के दौरान देखा गया उम्मीदवारों ने घर घर अपनी तस्वीर वाले प्रेशर कुकर, दीवार घड़ियां, सिलाई करने वाले लोगों को अपनी फोटो छपी मशीनें, रेहड़ी फड़ी वालों को अपनी तस्वीरों वाली छतरियां बाँटी गईं।
हम अब भी उम्मीद करते हैं कि इन सब प्रलोभनों से चुनाव निष्पक्ष होंगे।

वोट के लिए क्या आप कुछ भी प्रलोभन दे सकते हैं?
ये जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा है लेकिन आम जनता इस ओर सोचती ही नहीं।

मध्यमवर्ग खुश हो जाता है डी ए की किश्त से। वो नहीं समझ रहा कि वह भर भर कर टैक्स चुका रहा है, महंगा पेट्रोल खरीद रहा है , महंगाई की मार झेल रहा है डिफाल्टर की कर्जमाफी… फोकट की स्कूटी…हराम की बिजली…हराम का घर…दो रुपये किलो गेंहू…एक रुपया किलो चावल…चार से छह रुपये किलो दाल…

गरीब हैं, थोकिया वोट बैंक हैं, इसलिए फोकट खाना, घर, बिजली, कर्जा माफी दिए जा रहे हैं,
बाकी लोग किस बात की सजा भोगें ?

जबकि होना ये चाहिये कि टैक्स से सर्वजनहिताय काम हों,
देश के विकास का काम हों,सड़कें, पुल दुरुस्त हों,रोजगारोन्मुखी कल कारखानें हों, विकास की खेती लहलहाती हो,
तो सबको टैक्स चुकाना अच्छा लगता.. ।

लेकिन राजनीतिक दल देश के एक बहुत बड़े भाग को शाश्वत गरीब ही बनाए रखना चाहते हैं। उसके लिए रोजगार सृजन के अनूकूल परिस्थिति बनाने की बजाए तथाकथित सोशल वेलफेयर की खैराती योजनाओं के माध्यम से अपना अक्षुण्ण वोट बैंक स्थापित कर रहे हो।

कर्मशील देश के बाशिन्दों को तुरंत कानून लाकर कुछ भी फ्री देने पर बंदिश लगाई जाए ताकि देश के नागरिक निकम्मे व निठल्ले न बने।

जनता को सिर्फ न्याय,शिक्षा व चिकित्सा के अलावा और कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलनी चाहिए। तभी देश का विकास संभव है ।
जनसंख्या कंटरोल बिल का क्या बना इस पर भी जनता को पूछना चाहिए।
सोचने की शक्ति को पथभ्रष्ट करने की हर सम्भव कोशिश की जाती है भले ही सत्तासीन दल हो या फिर विपक्ष। चाहे टी वी के डिबेट शो हों या सोशल मीडिया दोनो ही असल मुद्दों से भटकाव के कामों में इस्तेमाल हो रहे हैं जाँचेंगे तो इसके पीछे भी राजनीतिक षड्यंत्र और बड़ा आर्थिक झोल दिखेगा।
डिजिटल इंडिया के नाम पर हाथ हाथ मे स्मार्ट फोन और प्रोग्राम्ड सोच और आसान बनती दलों की पावर शेयरिंग की सुरंग रूपी डगर ।

Panchang

पंचांग, 06 जनवरी 2022

हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को शुभ दिन, शुभ तिथि, शुभ मुहूर्त आदि को देखकर किया जाता है। इन सभी चीजों के बारे में पता लगाने के लिए पंचांग की आवश्यकता पड़ती है जिसके माध्यम से आप आने वाले दिनों के शुभ एवं अशुभ समय के साथ सूर्योदय, सूर्यास्त, चन्द्रोदय, चन्द्रास्त, ग्रह, नक्षत्र आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हें। आइए पंचांग के पांच अंगों – तिथि, नक्षत्र, वार, योग एवं करण के साथ राहुकाल, दिशाशूल, भद्रा, पंचक, प्रमुख पर्व आदि की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं।

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः पौष़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः चतुर्थी दोपहर 12.30, तक है,

वारः गुरूवार।

विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

 नक्षत्रः शतभिषा प्रातः 06.21 तक है, 

योगः सिद्धि अपराहन् काल 03.24 तक, 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः धनु,  चंद्र राशिः कुम्भ, 

राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.19,  सूर्यास्तः 05.35 बजे।

सुनील जाखड़ पंजाब के प्रमुख कांग्रेस नेता ने अपनी ही पार्टी पर साधा निशाना

आखिर क्या वजह है कि शांत रहकर हमेशा ही पार्टी के हक में चलने वाले जाखड़ इतने नाराज हो गए कि राहुल द्वारा बार-बार मनाने के प्रयास करने के बावजूद उनकी नाराजगी दूर नहीं हो रही है? 2017 में कैप्टन अमरिंदर द्वारा मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद पार्टी ने जाखड़ को प्रदेश प्रधान बनाया था। जब नवजोत सिंह सिद्धू ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत शुरू की तो पार्टी ने जाखड़ का इस्तीफा लेकर सिद्धू को प्रदेश प्रधान की जिम्मेदारी दी। जाखड़ के करीबी सूत्र बताते हैं कि पूर्व प्रदेश प्रधान ने पार्टी द्वारा बार-बार नजरंदाज किए जाने का तो बुरा नहीं माना, लेकिन जब मुख्यमंत्री पद के लिए उनका नाम केवल इसलिए कट गया, क्योंकि वह पगड़ीधारी नहीं है। इसके बाद उनका गुस्सा गहरी नाराजगी में बदल गया।

बठिंडा एयरपोर्ट पर मोदी अफसरों से बोले- मैं एयरपोर्ट तक जिंदा पहुंच पाया, इसके लिए अपने CM को थैंक्स कहना

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम, चंडीगढ़ :

जाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि आज जो हुआ वह स्वीकार्य नहीं है। यह पंजाब के खिलाफ है। फिरोजपुर में भाजपा की रैली को संबोधित करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री के लिए एक सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया जाना चाहिए था। इस तरह लोकतंत्र काम करता है।

पंजाब में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का बड़ा मामला सामने आया। जिसको लेकर पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री को एक सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया जाना चाहिए था। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि, “आज जो हुआ वह स्वीकार्य नहीं है,आज जो हुआ वो स्वीकार्य नहीं है, आज की घटना पंजाब और पंजाबियत के खिलाफ है। फिरोजपुर में भाजपा की रैली को संबोधित करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री के लिए एक सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया जाना चाहिए था। इस तरह लोकतंत्र काम करता है।” 

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी सड़क मार्ग से जाते समय एक फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट के लिए उस वक्त फंस गए थे जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ते को अवरुद्ध कर दिया। इस चूक की वजह से पीएम मोदी फिरोजपुर में बिना कार्यक्रम में हिस्सा लिए ही बठिंडा एयरपोर्ट पर वापस लौट गए। इसके बाद उन्‍होंने चुनाव वाले राज्‍य पंजाब में अपने कार्यक्रम रद्द कर दिए।

इस चूक के लिए केंद्र सरकार ने पंजाब की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, “प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और ट्रेवल प्लान के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही बता दिया गया था। प्रक्रिया के अनुसार, उन्हें लॉजिस्टिक्स, सुरक्षा के साथ-साथ आकस्मिक योजना तैयार रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी होती है।” आकस्मिक योजना के मद्देनजर पंजाब सरकार को सड़क मार्ग को किसी भी आंदोलन से सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था करनी चाहिए थी, जो स्पष्ट रूप से तैनात नहीं थी। गृह मंत्रालय ने PM की सुरक्षा में गंभीर चूक पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही राज्य सरकार को इस चूक के लिए जवाबदेही तय करने और सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है।

वैक्सीनेशन के लिए डिस्पेंसरीज में उमड़ रही भीड़

चंडीगढ़:

कोरोना की तीसरी लहर रफ्तार पकड़ने लगी है और प्रशासन ने वैक्सीनेशन न लगवाने वालों पर भी सख्ती कर दी है। इसलिए शहर के अस्पतालों और डिस्पेंसरीज में वैक्सीन लगवाने वालों की भीड़ बढ़ने लगी है। बुधवार को सेक्टर-52 की सिविल डिस्पेंसरी का नजारा कुछ ऐसा ही था। वहां वैक्सीन लगाने वालों की लंबी कतार लगी हुई थी। डिस्पेंसरी के इंचार्ज डॉ.सत्याबालन ने बताया कि हर रोज डिस्पेंसरी में सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक वैक्सीनेशन की जा रही है। रोजाना 150 के करीब लोग यहां वैक्सीन लगवा रहे हैं। वैक्सीनेशन की देखरेख का काम संभाल रहे जूनियर फिजियोथैरेपिस्ट कपिल ने बताया कि यहां वैक्सीनेशन की उचित व्यवस्था है। वैक्सीनेशन लगवाने वालों में ज्यादातर दूसरी डोज लगवाने वाले हैं। ध्यान रहे कि चंडीगढ़ में कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज न लगवाने वालों को बैंक, सरकारी दफ्तर, होटल-रेस्टोरेंट, मॉल, बार में एंट्री देने पर रोक लगाई गई है।

जाको राखे साइयां मार सके ना कोई”- ज़िलाध्यक्ष अजय शर्मा

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक सुनियोजित साजिश: ज़िलाध्यक्ष अजय शर्मा 

पंचकूला 06 जनवरी:

“ जाको राखे साइयां मार सके ना कोई” यह बात आज भाजपा पंचकूला जिलाध्यक्ष पंचकूला द्वारा पदाधिकारियों की एक आपातकालीन बैठक के दौरान कही गई। जिला अध्यक्ष द्वारा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में हुई चूक पर भाजपा कार्यालय में आपातकालीन बैठक बुलाई गई। बैठक में विशेष तौर पर प्रदेशसंगठन महामंत्री रविंदर राजू, प्रदेश मीडिया प्रमुख एवं जिला प्रभारी डॉ संजय शर्मा के साथ सभी मंडल अध्यक्ष एवं जिला पदाधिकारी मौजूद रहे।जिला अध्यक्ष अजय शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा में हुई चूक पर पंजाब में कांग्रेस सरकार व मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चंनी की कड़ी आलोचना की।

ज़िलाध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को सुनियोजित साजिश बताया। उन्होंने कहा पंजाब सरकार ने आज जो प्रधानमंत्री जी की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया उसका जवाब पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी को देना ही पड़ेगा। अजय शर्मा ने कहा की देश के करोड़ों लोगों का साथ उनका विश्वास और उनकी दुआएं हमेशा प्रधानमंत्री मोदी जी के साथ हैं। जिसकी बदौलत हर मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति मे परमात्मा के आशीर्वाद से उनका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। जिला अध्यक्ष अजय शर्मा मैं कड़े शब्दों में कहा कि जो आज घटनाक्रम पंजाब में हुआ उसके लिए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी व पंजाब सरकार को देश की जनता माफ नही करेगी।

कोरोना का सुविधानुसार उपयोग कितना सार्थक

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम, चंडीगढ़

सरकारों ने 1 जनवरी को नए महामारी से संबंधित प्रतिबंध लगाए, जिससे केंद्र शासित प्रदेशों और कई राज्यों में स्थित सभी रेस्तरां और भोजनालयों को उनकी कुल क्षमता के आधे से संचालित करने का आदेश दिया गया। साथ ही जिन लोगों को कोविड 19 वैक्सीन की दोनों खुराक का टीका नहीं लगाया गया है, उन्हें भोजनालयों, साथ ही विवाह स्थलों और भोजों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जबकि इस 18 वर्ष से कम आयु की जनसंख्या को पाबंदी के दायरे से बाहर रखा गया है। वो भी तभी तक जब तक इस आयुवर्ग का सरकारों द्वारा टीकाकरण आरम्भ नहीं हो जाता।

ऐसा दोहरा रवैया सरकारें क्यों कर रही हैं आम लोगों की समझ से परे है। क्या बच्चे कोविड वायरस कैरियर या संक्रमित नहीं हो सकते?

हरियाणा और चंडीगढ़ में मॉल में केवल उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है जिनका टीकाकरण हो चुका है ।

गुड़गांव के एक बड़े मॉल के प्रबंधक ने बताया कि वे केवल उन लोगों को अनुमति दे रहे हैं जिन्होंने दोनों खुराक ली हैं। 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को उनकी आईडी की जांच के बाद प्रवेश की अनुमति है, लेकिन 12 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रवेश की अनुमति नहीं थी लेकिन अब जब 18 वर्ष से कम आयुवर्ग के टीकाकरण करने की व्यवस्था में विलम्ब हो रहा है इसलिए इस आयुवर्ग के लोगों पर से पाबन्दी हटा दी गई है।

इसी तरह देखा जाए तो नाईट कर्फ्यू भी मज़ाक सा लगता है रात के कर्फ्यू पर डब्ल्यूएचओ में मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा नीति निर्माताओं को अपनी रणनीतियों पर फिर से विचार करना चाहिए। “रात के कर्फ्यू जैसी चीजें, जिसके पीछे कोई विज्ञान नहीं है को छोड़ साक्ष्य-आधारित उपाय करने चाहिए । नाइटलाइफ़ वाले शहरों में इस तरह के प्रतिबंधों को उचित ठहराया जा सकता है।

लेकिन कहीं और अर्थव्यवस्था या सामान्य जीवन को प्रभावित न करते हुए आंशिक लॉकडाउन की छाप बनाने के अलावा इसका कोई मतलब नहीं है। इसने पुलिस को देर से भोजन करने वालों को परेशान करने और पहले से ही व्यस्त अवकाश क्षेत्र का गला घोंटने के लिये पास दे दिया है।

इस तरह के आंशिक लॉकडाउन के साथ समस्या यह है कि उन्हें दुनिया भर में बिना किसी वैज्ञानिक तर्क के लागू किया जाता है। कुछ सिद्धांत हैं जो सुझाव देते हैं कि कोविड की बूंदें सर्दियों में रात के तापमान में जीवित नहीं रह सकती हैं, लेकिन वे निर्णायक रूप से स्थापित नहीं हुई हैं।

इस तरह के निर्देश नेताओं को सूर्यास्त से पहले बड़ी चुनावी रैलियां करने का लाइसेंस देते हैं। मास्किंग, पब्लिक डिस्टेंसिंग और हाथों को बार-बार सैनिटाइज करने के सभी कोविड प्रोटोकॉल को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया जाता है, मंच पर नेताओं के साथ भी, मास्क लगाने के उदाहरण का नेतृत्व करने में विफल। यह बिहार में पहली लहर और बंगाल और अन्य जगहों पर दूसरी लहर के दौरान हुआ। टेम्पलेट अब दोहराया जा रहा है, जब तीसरी लहर अभी शुरू हुई है।

निष्पक्ष अंपायर की भूमिका निभाने की चुनाव आयोग की क्षमता का शीघ्र ही परीक्षण किया जाएगा जब वह फरवरी के आसपास चुनाव होने वाले पांच राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू करेगा। दूसरी लहर के दौरान भी चुनाव हो जाने तक कोविड के मामले ऑन रिकॉर्ड नहीं रखे गए थे । देखें क्या इस बार भी चुनाव आयोग इस बार इधर-उधर खिसकने का जोखिम उठाएगा?

जहां तक ​​रात के कर्फ्यू का सवाल है, आइए हम खुद को मूर्ख न बनाएं।

अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली सयुंक्त मोर्चा ने संजय टण्डन को सौंपा मांग पत्र

चण्डीगढ़ :

बेरोजगारी के आलम में मजबूरी में मजदूरी करने के लिए अपनी जन्मभूमि से बाहर देश के अन्य राज्यों में जाकर निजी क्षेत्रों में कार्य करने वाले प्रवासी हिमाचलवासी लोगों के बच्चों को अपनी जन्मभूमि हिमाचल प्रदेश में ही मेडिकल शिक्षा में दाखिले के अधिकार 2018 से प्रदेश सरकार ने प्रतिबन्ध लगाया हुआ है। यह बात अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली सयुंक्त मोर्चा के चेयरमैन राजेश ठाकुर ने चण्डीगढ़ में हिमाचल प्रदेश में भाजपा के  सह प्रभारी संजय टण्डन से मुलाकात कर उन्हें मांगपत्र सौंपते हुए कही। उन्होंने कहा कि यह प्रतिबन्ध हिमाचल सरकार ने उन प्रवासी हिमाचलवासी बच्चों के लिए लगाएं है जिन बच्चों ने अपने अभिभावकों के साथ रहकर 12वीं तक स्कूलिंग बाहरी राज्यों से की है। उन्होंने संजय टंडन से इस ओर तत्काल ध्यान देने की मांग की जिस पर संजय टंडन ने प्रदेश सरकार के समक्ष ये मामला उठाने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल में हिमाचल महासभा, चण्डीगढ़ के अध्यक्ष पृथ्वी सिंह प्रजापति व महासचिव भागी रथ शर्मा के साथ-साथ संयुक्त मोर्चा के जगदेव पटियाल, पृथ्वी राज शुक्ला,राम गोपाल, रमेश सौर, नंद लाल, संजीव शर्मा, राजेन्द्र ठाकुर, ललित वर्मा, देवेंद्र,प्रकाश ठाकुर, श्याम लाल, मोहिंद्र सिंह, रजनीश कुमार, सोहन लाल, विजय शर्मा, नरेश कुमार व मोहन लाल भी उपस्थित रहे।