सभी 31 वार्डो से संभावित जिताऊ उम्मीदवारों के नामों पर किया मंथन, आगामी चुनावी रणनीति पर की चर्चा
पिंजौर न्यूज 2 मार्च 2022:
कालका से लगातार चार बार विधायक-हरियाणा के उपमुख्यमंत्री रह चुके श्री चंद्रमोहन व पूर्व चेयरमैन विजय बंसल एडवोकेट ने आगामी नगर परिषद कालका चुनावों में सभी 31 वार्डो से संभावित पार्षदों के नामों पर मंथन किया।इस दौरान प्रमुख रूप से चंद्रमोहन ने प्रत्येक वार्ड में आगामी राजनीतिक रणनीति को लेकर गहन मंथन व मंत्रना की।पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन ने कहा कि आगामी नगर परिषद कालका चुनावों में उनके पुराने साथी विजय बंसल की जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी तैयारियां की जा चुकी है।चंद्रमोहन ने विजय बंसल के साथ पिंजौर में बैठक करके विस्तारपूर्वक चर्चा की।
चंद्रमोहन ने विजय बंसल से सभी 31 वार्डो में प्रत्येक वार्ड के अनुसार संभावित जिताऊ उम्मीदवारों के नामों पर मंथन करते हुए चर्चा की।इसके साथ ही चंद्रमोहन ने कहा कि जहां इस चुनाव में सभी मतदाता कालका पिंजौर के बेहतर भविष्य का फैसला करेंगे वही प्रधान/चेयरमैन पद के लिए विजय बंसल को जिताने का काम करेंगे। ऐसे में सभी 31 वार्ड पर सशक्त उम्मीदवारों को चुनाव में समर्थन दिया जाएगा जो अपने वार्ड के लोगो की नि स्वार्थ जनसेवा करने का काम करेंगे।
विजय बंसल ने चंद्रमोहन को बताया कि उन्होंने सभी 31 वार्डो में अपनी चुनावी तैयारियों के बीच लोगो से जनसंपर्क अभियान के तहत 137 बैठके की है।ऐसे में सभी लोगो से विचार विमर्श किया जा रहा है कि प्रत्येक वार्ड से पार्षद के लिए कौन सशक्त उम्मीदवार रहेगा।
चंद्रमोहन का कालका पिंजौर में काफी प्रभाव है,क्योंकि वह लगातार चार बार यहां से विधायक रहे है।इसके साथ ही कभी इस इलाके से चुनाव नही हारे तो वही निरंतर इलाके को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया है। यही कारण है कि आज भी लोग उनके द्वारा करवाए गए विकास कार्यों को याद करते है।
हालांकि,विजय बंसल आगामी नगर परिषद कालका चुनावों को लेकर अपने स्तर पर पूरी तैयारी करते हुए 137 बैठके कर चुके है।निरंतर लोगो के बीच 40 सालो से है और हर जनसमस्या का समाधान करवाने में भी अग्रणी है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/03/image.jpg7201129Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-03-02 12:47:022022-03-02 12:47:19पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन की नगर परिषद कालका चुनावों को लेकर हुई चर्चा
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी अगले सप्ताह से शुरू हो सकती है। पेट्रोल-डीजल की भारी कीमतों का असर पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। पर रोजमर्रा की वस्तुओं पर इसका प्रभाव तत्काल पड़ता है जैसे सब्जियां, दालें, मसाले, दूध-मक्खन, ब्रेड आदि। तेल के दामों की मार कितनी तीखी होगी, यह चुनाव के नतीजों पर भी निर्भर करेगा। यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते कच्चे तेल की कीमतें पिछले सात सालों के उच्च स्तर पर पहुंच गई है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ल:
पेट्रोल और डीजल की कीमतें फिर सताना शुरू करेंगी। क्योंकि कच्चे तेल का दाम रिकॉर्ड स्तर पर चल रहा है और विधानसभा चुनाव भी खत्म होने वाले हैं। ऐसे में कीमतों में बढ़ोतरी अगले सप्ताह फिर से शुरू होने की आशंका है। यह बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल कीमतों में 100 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी से पैदा हुए 9 रुपये प्रति लीटर के अंतर को पाटने के लिए होगी। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 2014 के बाद पहली बार 110 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर हैं।
मोदीसरकार का यह शगल बन चुका है कि विधानसभा चुनावों से पहले पेट्रोल-डीजल के दामों में घट-बढ़ को रोक दो। यह हैरानी की बात है कि पिछले सवा तीन महीने से पेट्रोल डीजल के दाम स्थिर हैं जबकि इनके दाम रोजाना सुबह छह बजे तेल विपणन वितरक कंपनियां तय करती हैं। पेट्रोल-डीजल के डी-कंट्रोल के बाद से मोदी सरकार को यह हक नहीं कि दैनिक स्तर पर पेट्रोल- डीजल के दामों को प्रभावित कर सके। वह केवल पेट्रोल-डीजल पर करों को घटा-बढ़ाकर इनके दामों को प्रभावित कर सकती है। 2017 से सरकार ने करों में लगातार वृद्धि की है। इस अवधि में दो ऐसे अवसर आए जब पेट्रोल-डीजल पर करों में कटौती की गई है।
अब तय है कि 7 मार्च को विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद पेट्रोल-डीजल की भारी कीमत वृद्धि से तगड़ा झटका लगने वाला है। इसे रोकने के लिए मोदी सरकार करों में कटौती कर कोई राहत देगी, इसकी उम्मीद बेमानी है क्योंकि मोदी सरकार ने कोविड काल में भी पेट्रोल-डीजल में करों में भारी वृद्धि में शर्म महसूस नहीं हुई।
जब से मोदी सरकार केन्द्र पर काबिज हुई है, पेट्रोल- डीजल के करों में 250 से 800 फीसदी की वृद्धि हो चुकी है। इसकी पृष्ठभूमि जान लेना जरूरी है, तभी आपको मोदी सरकार के कसाई सरीखे व्यवहार का एहसास हो पाएगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में जब-तब कच्चे तेल के दाम कम हुए, मोदी सरकार नेबड़ी बेरहमी से अपनी झोली भरने में कसर नहीं छोड़ी और किस्म-किस्म के करों के जरिये जनता पर नया बोझ थोपती चली गई। 2013 में यूपीए सरकार के समयअंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 113 डॉलर प्रति बैरल हो गए थे और तब पेट्रोल की बाजार कीमत थी 65 रुपये प्रति लीटर के करीब। फरवरी, 2016 में इसके दाम लगातार गिरके 31 डालर प्रति बैरल तक पहुंच गए लेकिन पेट्रोल की कीमत थी करीब 62 रुपये प्रति लीटर।
कोविड काल के भयावह दृश्यों को कौन भूल सकता है। करोड़ों की संख्या में प्रवासी मजदूर पैदल चलकर अपने गांवों तक जाने को मजबूर थे। लाखों परिवारों नेअपने प्रियजनों को खो दिया था। तालाबंदी के दौरान करोड़ों लोग अपनी जीविका से हाथ धो बैठे थे। ऐसी स्थिति में अन्य देशों की तरह मोदी सरकार को भी पीड़ित लोगों की नकद सहायता का व्यापक बंदोबस्त करना चाहिए था। पर किया उल्टा। मार्च 2020 से मार्च 1, 2021 की अवधि में पेट्रोल पर 12.92 और डीजल पर 15.97 रुपये प्रति लीटर के शुल्क बढ़ा दिए। ऐसा ‘राक्षसी’ कृत्य तो कोविड के दौरान किसी भी देश ने नहीं किया होगा।
2014-2015 में पेट्रोल, डीजल और प्राकृतिक गैस से मोदी सरकार को 74,158 करोड़ रुपये का कर-राजस्व मिला जो मार्च, 2020 से जनवरी, 2021 के दरम्यान बढ़कर 2.95 लाख करोड़ रुपये हो गया, यानी तीन गुना से अधिक। यह जानकारी खुद केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा को दी! 2014-15 में पेट्रोल और डीजल पर शुल्क 9.48 और 3.54 रुपये थे जो जनवरी, 21 तक बढ़कर क्रमश: 32.90 और 31.80 रुपये हो गए।
सबसे ज्यादा टैक्स भारत में
दुनिया भर में पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स भारत में है जहां प्रति व्यक्ति आय बहुत कम है। प्रति व्यक्ति आय की 2017 की 190 देशों की सूची में भारत 122वें पायदान पर है। पर देश में मोदी सरकार की निर्मम पेट्रोल-डीजल नीति ने कृषि की कमर ही तोड़ कर रख दी। इनके अत्यधिक महंगे होने से मांग लगातार कमजोर बनी हुई है। इससे पर्याप्त नया निवेश नहीं हो पा रहा है और रोजगार के अवसर घटते जा रहे हैं। 2014 में पेट्रोल-डीजल के बीच कीमत अंतर 24 रुपये था जो अब घटकर 8.74 रुपये रह गया है। जून, 2020 में देश में पहली बार डीजल पेट्रोल से महंगा हो गया। जैसे-जैसे डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई, पेट्रोल-डीजल की कीमत का अंतर कम होता गया। इससे खेती और किसानों के हालात बिगड़ते चले गए।
गिरने वाली है गाज
मोदी सरकार का परम विश्वास है कि चुनावों से पहले पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रहेंगे, तो उसे लोगों को भरमाकर वोट लेने में सहूलियत रहेगी। पिछले साल मार्च-अप्रैल में प. बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के विधानसभा चुनावों के पहले भी पेट्रोल-डीजल के दाम मोदी सरकार ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए स्थिर करा दिए थे। और अब जैसे ही उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट शुरू हुई तो फिर पेट्रोल-डीजल के दामों को स्थिर करा दिया गया। देश में पिछले सवा तीन महीनों से पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं जिसका लाभ चुनावों में बीजेपी उठाना चाहती है। चुनावों की खातिर मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल के करों में 3 नवंबर को 5 और 10 रुपये की कटौती की थी। तब से इनके दाम स्थिर बने हुए हैं।
अब 10 मार्च को चुनाव नतीजों के बाद पेट्रोल-डीजल के दामों में भारी कीमत वृद्धि की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बहुत बढ़ गए हैं। 30 नवंबर, 2021 को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 75 डॉलर प्रति बैरल थी जो आजकल 92-93 डॉलर है, यानी 17-18 डॉलर की बढ़ोतरी।
यूक्रेन समस्या और अमेरिकी केंद्रीय बैंक की सख्त मौद्रिक नीति की संभावना की तलवार का कच्चे तेल की कीमतों पर लगातार दबाव बना हुआ है। मोदी सरकार के पेट्रोल-डीजल की निर्मम नीति को देखते हुए प्रधानमंत्री से किसी राहत की उम्मीद करना बेकार है।
आवश्यक वस्तुओं पर पड़ेगा प्रभाव
पाकिस्तान में हाल ही में पेट्रोल-डीजल के दामों में करीब 12 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई। इससे हाहाकार मच गया और इमरान सरकार को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जब भी पेट्रोल- डीजल के दामों में भारी वृद्धि होती है, महंगाई के एक नए चक्र को जन्म मिलता है। भारतीय रुपये में भी आकलन करें तो कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तकरीबन 8-10 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो चुका है। भारत में जनता पर कितनी तीखी मार होगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि पेट्रोल-डीजल की कीमत वृद्धि टुकड़ों में होगी या एक साथ।
पेट्रोल-डीजल की भारी कीमत वृद्धि का असर पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। पर रोजमर्रा की वस्तुओं पर इसका प्रभाव तत्काल पड़ता है जैसे सब्जियां, दालें, मसाले, दूध-मक्खन, ब्रेड आदि। विर्निमित वस्तुओं पर प्रभाव पड़ने में थोड़ा समय लगता है। आवाजाही और उत्पादन लागत बढ़ने से इसका असर चैतरफा होता है। पेट्रोल-डीजल की कीमत वृद्धि की मार कितनी तीखी होगी, यह विधानसभा के नतीजों पर भी निर्भर करेगा।
साभार : राजेश रपरिया
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/03/petrol_diesel_rate_patrika_5377644_835x547-m.png547835Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-03-02 12:36:242022-03-02 12:36:49Petrol-Diesel के लिए जेब ढीली करने को हो जाइए तैयार
पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर दीपेंद्र हुड्डा ने मुख्यमंत्री खट्टर को दिया जवाब
कहा- राजस्थान में कांग्रेस सरकार ओपीएस लागू कर सकती है तो हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार क्यों नहीं?
1 जनवरी 2004 को अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने लागू की थी नयी पेंशन स्कीम – दीपेंद्र हुड्डा
कांग्रेस की आड़ लेने की बजाय उसका अनुसरण करें मुख्यमंत्री खट्टर- दीपेंद्र हुड्डा
अपने घोषणापत्र में किए गए वादे को पूरा करे जजपा – दीपेंद्र हुड्डा
2 मार्च, चंडीगढ़:
सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर मुख्यमंत्री खट्टर से सवाल पूछा है। सांसद दीपेंद्र ने पूछा कि अगर राजस्थान में कांग्रेस सरकार ओपीएस लागू कर सकती है तो हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रही? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को कांग्रेस की आड़ लेने की बजाए उसका अनुसरण करना चाहिए और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देना चाहिए। खुद सत्ता सहयोगी जननायक जनता पार्टी ने बाकायदा चुनावी घोषणापत्र में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का वादा किया था। सवाल उठता है कि जेजेपी अपने ही चुनावी वादे से पीछे क्यों हट रही है?
इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नयी पेंशन स्कीम का ठीकरा कांग्रेस के सिर फोड़ना चाहते हैं। जबकि, तमाम कर्मचारी जानते हैं कि देश में नयी पेंशन स्कीम 1 जनवरी 2004 को अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने लागू की थी। उस वक्त इसे पुरानी स्कीम से बेहतर बताया गया था और दावा किया गया था कि यह कर्मचारियों के लिए ज्यादा लाभकारी है। इसलिए कई राज्य सरकारों ने भी इसे अपनाया था। लेकिन, 2014-15 आते-आते इसके दुष्परिणाम दिखने लगे और स्पष्ट हो गया कि नयी पेंशन स्कीम कर्चारियों के लिए हितकारी नहीं है। नयी स्कीम के तहत रिटायर होने वाले कर्मचारियों को पेंशन के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है। इसलिए कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन स्कीम दोबारा लागू करने की मांग उठानी शुरू कर दी। कर्मचारियों का कहना है कि पुरानी पेंशन स्कीम उनके बुढ़ापे का सुरक्षा कवच था, जिसे भाजपा सरकार ने छीन लिया।
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में भी कर्मचारी ओपीएस की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। लेकिन बीजेपी एनपीएस का मोह त्यागने के लिए तैयार नहीं है। एनपीएस की विफलता के साक्षात प्रमाण मिलने के बावजूद सरकार इसे कर्मचारियों पर थोप रही है। जबकि, उसे बिना देरी किए राजस्थान की तर्ज पर हरियाणा में भी ओपीएस लागू करनी चाहिए। लेकिन अगर मौजूदा सरकार ऐसा नहीं करती है तो प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर हम कर्मचारियों की इस मांग को पूरा करेंगे।
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https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/09/260288-deepender-hooda.jpg545970Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-03-02 11:48:162022-03-02 11:48:47मौजूदा सरकार ने नहीं मानी कर्मचारियों की मांग तो हमारी सरकार लागू करेगी ओपीएस- दीपेंद्र हुड्डा
A Faculty Development Programme from 2-8 March, 2022 on “The Marginalized: Continuities and Changes,” organised by Prof. Sheena Pall, Coordinator, Dr B.R. Ambedkar Centre and Dr. Priyatosh Sharma, Chairperson, Department of History, Panjab University, Chandigarh in collaboration with Human Resource Development Centre, started today with lectures by eminent scholars. The Chief Speaker of the inaugural session, Prof. Devinder Singh, stated that the marginalised should be uplifted in all spheres of life. Prof. Reicha Tanwar, Former Director, Women Studies Research Centre, Kurukshetra University underscored the need to end the marginalisation of women in higher educational institutions. She stated that interdisciplinary research, gender main streaming and affirmative action was needed to bring about gender equality.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/03/Press-note-5-Photos-1.jpg7681366Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-03-02 11:44:502022-03-02 11:44:53“The Marginalized: Continuities and Changes,”
Mahashivratri is celebrated at Girls Hostel No. 6, Mother Teresa Hall, P.U., Chd.. The warden, Dr. Manisha Sharma, staff and residents of the hostel worshipped Lord Shiva on this occasion. Prof. Jagtar Singh, DSW, Prof. Meena Sharma, DSW(W), Prof. Ashok Kumar, Associate DSW and wardens of other hostels visited the temple of GH-6 for pooja. Ex-DUI, Prof. S.K. Tomar alongwith his wife also attended this occasion. The entire atmosphere was filled with positivity. Residents were very excited and enjoyed the celebrations. Milk and fruits were distributed among the worshippers.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/03/Press-note-3-Photo.jpg646864Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-03-02 11:42:002022-03-02 11:42:02MAHASHIVRATRI CELEBRATED AT GH-6
The Department of Microbiology, Panjab University, Chandigarh in association with the Punjab State Council of Science and Technology inaugurated the “Faculty development training program” in “Industrial Microbiology and Fermentation Technology” under “DBT-GOI skill vigyan program” today which will be held from 2nd March to 26th March, 2022.
The inauguration function started with a welcome address by Dr. Deepak K. Rahi, Chairman, Department of Microbiology, Panjab University, who gave an overview of the Department and briefly discussed how industrial fermentation technology is a vibrant and fast growing area of biotechnology, absorbing an ever increasing processes and products. Dr. Dapinder Bakshi, Joint Director, PSCST who discussed about the “Skill vigyan program” of DBT and PSCST.
Chief Guest of the program Dr. Jatinder Kaur Arora, Executive director, PSCST, emphasized that we should commercialize the technologies developed, she also discussed about the AVSAR programs, different research fellowships and the importance of connecting theoretical knowledge of the students to the practical knowledge.
Dr. Manu Sharma, Director, CIIPP and TEC, PU, Chandigarh was the Guest of Honour who gave a brief note on the use of green technologies and how the microbes can help in achieving this goal.
The key note speaker of the program, Dr. Prince Sharma, Former Dean Science, Punjab University, Chandigarh and Professor, Department of Microbiology delivered a talk on “Opportunities for green, sustainable technologies and start-ups.” Prof. Sharma started with summarizing the history of industrial enzymes, their use, economics and major companies involved in the enzyme production. He also discussed about the studies on enzymes being carried out in his lab, technologies transferred to the industry, various start-ups, and how these enzymes can act as an alternate to chemical derivatives for various processes.
Prof. S.K. Soni, Professor, Department of Microbiology and the coordinator of the program briefed the participants about the theme and duration of the program. He also discussed about the importance of microorganisms and their exploitation for the formation of value added products such as antibiotics, probiotics and clean fuel.
The program ended with a vote of thanks which was delivered by Dr. Naveen Gupta, Senior faculty, Department of Microbiology.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/03/Press-note-2-Photos-1.jpeg5321280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-03-02 11:39:552022-03-02 11:39:59“Faculty Development Training Program”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज्ञानगौड़ा को फोन करके अपना शोक जताया। ज्ञानगौड़ा ने कहा कि मोदी ने उन्हें उनके बेटे का शव दो या तीन दिनों के भीतर स्वदेश लाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उनके बेटे को 10वीं में 96 प्रतिशत और 12वीं में 97 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए थे और उसने डॉक्टर बनने का सपना 10वीं कक्षा में देखा था। उन्होंने कहा, ‘शिक्षा प्रणाली और जातिवाद के कारण उसे सीट नहीं मिल सकी, जबकि वह मेधावी छात्र था। यहां एक मेडिकल सीट हासिल करने के लिए एक करोड़ से दो करोड़ रुपये तक की घूस देनी पड़ती है।
भारत में जाति के आधार पर बँटती हैं सीट: मृतक छात्र के पिता
एक टैलेंटेड बच्चा था जिसे सिर्फ यहाँ के सिस्टम की वजह से बाहर पढ़ने जाना पड़ा
प्राइवेट एड्यूकेशन इंस्टिट्यूट आपकी पहुँच से बाहर होते हैं।
नयी दिल्ली(ब्यूरो) डेमोक्रेटिक फ्रंट :
युद्धग्रस्त यूक्रेन में मारे गये भारतीय छात्र नवीन के पिता ने मंगलवार को दावा किया कि महंगी मेडिकल शिक्षा और जातिवाद कुछ ऐसे कारक हैं जिनकी वजह से भारतीय विद्यार्थी डॉक्टर बनने का ख्वाब पूरा करने के लिए यूक्रेन जैसे देशों का रुख करते हैं। शोक संतप्त शेखरप्पा ज्ञानगौड़ा ने कहा कि निजी नियंत्रण वाले कॉलेजों में भी मेडिकल की एक सीट पाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं और यही वजह है कि मेडिकल पेशा बहुत ही कठिन विकल्प है।’
नवीन के पिता शेखरप्पा ने कहा, “हमारे कुछ सपने थे जो अब बिखर गए हैं। मेरा बेटा जिसने प्री यूनिवर्सिटी कोर्ट में 97% मार्क्स पाए थे, एक टैलेंटेड बच्चा था जिसे सिर्फ यहाँ के सिस्टम की वजह से बाहर पढ़ने जाना पड़ा, जिसमें प्राइवेट एड्यूकेशन इंस्टिट्यूट आपकी पहुँच से बाहर होते हैं। मैंने पता किया था मुझे किसी भी मेडिकल कॉलेज में उसका एडमिशन करवाने के लिए 85 से 1 करोड़ देने थे। तब मैंने सोचा कि मैं अपने बेटे को यूक्रेन भेजूँगा। लेकिन वो तो मुझे और ज्यादा महंगा पड़ गया।”
नवीन के पिता ने मीडिया के माध्यम से सरकार से अपील की कि वो लोग इस मामले में देखें। वह कहते हैं, “डोनेशन आदि बहुत बेकार चीजें हैं। इसी के चलते इंटेलीजेंट बच्चे पढ़ने के लिए विदेश जाते हैं। यहाँ जगह पाने के लिए करोड़ों माँगे जाते हैं। ऐसे में विदेश में वही शिक्षा बल्कि अच्छी शिक्षा वो भी बढ़िया उपकरणों के साथ मिलती है। यहाँ भारत में सिर्फ जाति के आधार पर मिलती हैं सीटें। मेरे बेटे के 97 फीसद पीयूसी में आए थे।”
उन्होंने कहा, देश के शिक्षा तंत्र और जातिवाद के चलते इंटेलिजेंट बच्चें सीट नहीं पाते। वह कहते हैं, “मैं हमारे राजनैतिक तंत्र, शिक्षा तंत्र और जातिवाद के कारण उदास हूँ। सब कुछ निजी संस्थानों के हाथ में है।” उन्होंने अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि उन्होंने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे लेकर नवीन को एबीबीएस पढ़ने यूक्रेन भेजा था। वहाँ वह अपने दोस्तों के साथ अपार्टमेंट में रहता था। जब से जंग शुरू हुई थी वह घर पर कम से कम 5-6 बार कॉल करता था और फ्लैट के नीचे बने बंकर में जाकर रहने लगा था।
नवीन के सीनियर अमित बताते हैं कि उन्होंने बंकर से मार्ट जाने के लिए करीब 6 बजे बंकर छोड़ा था। 7:58 पर उन्होंने एक दोस्त को कुछ पैसे भेजने के लिए मैसेज किया और 8:10 पर हमें खबर आई कि वो अब नहीं हैं। नवीन के सीनियर ने बताया कि वो सारे लोग बिना खाए-पिए 4 दिन से बंकर में रह रहे थे। नवीन के बड़े भाई हर्षा ने बताया कि उनके भाई का इस जून में आठवाँ सेमेस्टर था। उसके बाद वो इंटर्नशिप लेने वाला था। पर अब ये कल्पना करना भी मुश्किल है कि वो हमारे साथ नहीं है।
बता दें कि भारतीय छात्र की मृत्यु की खबर मंगलवार को सुबह आई थी। इसके बाद विदेश मंत्रालय की ओर से बयान जारी करके इस खबर की पुष्टि की गई। साथ ही विदेश मंत्रालय की ओर से नवीन के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गई थी। कुछ खबरों से पता चला था कि जिस समय नवीन पर गोली चलाई गई उस समय वह Lviv के स्टेशन जा रहे थे ताकि वहाँ से पश्चिमी सीमा पहुँच सकें। वहीं अब रिपोर्ट्स आई हैं कि नवीन खाना लेने बंकर से बाहर निकले थे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/03/stn.jpg360540Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-03-02 09:35:232022-03-02 09:39:50शिक्षा में करोड़ों की घूस, जातिवाद का दंश; नवीन के पिता ने बताया आखिर क्यों बेटे को पढ़ने यूक्रेन भेजा
शिव विवाह कथा को भारत की आध्यात्मिक कथाओं में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। शिव विवाह में पार्वती के पिता शिव का वंश जानना चाहते थे। फिर शिव ने क्या जवाब दिया? कथा में बताया गया है कि शिव मौन बैठे रहे। पार्वती के पिता ने सोचा कि ये अपने कुल वंश के बारे में भी नहीं जानते। पढ़िए आगे की कथा
डेमोक्रेटिक फ्रंट, धर्म संस्कृति डेस्क :
भगवान शिव और पार्वती की शादी बड़े ही भव्य तरीके से आयोजित हुई। पार्वती की तरफ से कई सारे उच्च कुलों के राजा-महाराजा और शाही रिश्तेदार इस शादी में शामिल हुए, लेकिन शिव की ओर से कोई रिश्तेदार नहीं था, क्योंकि वे किसी भी परिवार से ताल्लुक नहीं रखते। आइये जानते हैं आगे क्या हुआ…
भगवान शिव की शादी में आए हर तरह के प्राणी
जब शिव और पार्वती का विवाह होने वाला था, तो एक बड़ी सुंदर घटना हुई। उनकी शादी बहुत ही भव्य पैमाने पर हो रही थी। इससे पहले ऐसी शादी कभी नहीं हुई थी। शिव – जो दुनिया के सबसे तेजस्वी प्राणी थे – एक दूसरे प्राणी को अपने जीवन का हिस्सा बनाने वाले थे। उनकी शादी में बड़े से बड़े और छोटे से छोटे लोग शामिल हुए। सभी देवता तो वहां मौजूद थे ही, साथ ही असुर भी वहां पहुंचे। आम तौर पर जहां देवता जाते थे, वहां असुर जाने से मना कर देते थे और जहां असुर जाते थे, वहां देवता नहीं जाते थे।
शिव पशुपति हैं, मतलब सभी जीवों के देवता भी हैं, तो सारे
जानवर, कीड़े-मकोड़े और सारे जीव उनकी शादी में उपस्थित हुए।
यहां तक कि भूत-पिशाच और विक्षिप्त लोग भी उनके
विवाह में मेहमान बन कर पहुंचे।
उनकी आपस में बिल्कुल नहीं बनती थी। मगर यह तो शिव का विवाह था, इसलिए उन्होंने अपने सारे झगड़े भुलाकर एक बार एक साथ आने का मन बनाया। शिव पशुपति हैं, मतलब सभी जीवों के देवता भी हैं, तो सारे जानवर, कीड़े-मकोड़े और सारे जीव उनकी शादी में उपस्थित हुए। यहां तक कि भूत-पिशाच और विक्षिप्त लोग भी उनके विवाह में मेहमान बन कर पहुंचे। यह एक शाही शादी थी, एक राजकुमारी की शादी हो रही थी, इसलिए विवाह समारोह से पहले एक अहम समारोह होना था।
भगवान शिव और देवी पार्वती की वंशावली के बखान की रस्म
वर-वधू दोनों की वंशावली घोषित की जानी थी। एक राजा के लिए उसकी वंशावली सबसे अहम चीज होती है जो उसके जीवन का गौरव होता है। तो पार्वती की वंशावली का बखान खूब धूमधाम से किया गया। यह कुछ देर तक चलता रहा। आखिरकार जब उन्होंने अपने वंश के गौरव का बखान खत्म किया, तो वे उस ओर मुड़े, जिधर वर शिव बैठे हुए थे।
सभी अतिथि इंतजार करने लगे कि वर की ओर से कोई उठकर शिव के वंश के गौरव के बारे में बोलेगा मगर किसी ने एक शब्द भी नहीं कहा। वधू का परिवार ताज्जुब करने लगा, ‘क्या उसके खानदान में कोई ऐसा नहीं है जो खड़े होकर उसके वंश की महानता के बारे में बता सके?’ मगर वाकई कोई नहीं था। वर के माता-पिता, रिश्तेदार या परिवार से कोई वहां नहीं आया था क्योंकि उसके परिवार में कोई था ही नहीं। वह सिर्फ अपने साथियों, गणों के साथ आया था जो विकृत जीवों की तरह दिखते थे। वे इंसानी भाषा तक नहीं बोल पाते थे और अजीब सी बेसुरी आवाजें निकालते थे। वे सभी नशे में चूर और विचित्र अवस्थाओं में लग रहे थे।
भगवान शिव ने धारण किया मौन
फिर पार्वती के पिता पर्वत राज ने शिव से अनुरोध किया, ‘कृपया अपने वंश के बारे में कुछ बताइए।’ शिव कहीं शून्य में देखते हुए चुपचाप बैठे रहे। वह न तो दुल्हन की ओर देख रहे थे, न ही शादी को लेकर उनमें कोई उत्साह नजर आ रहा था।
शिव कहीं शून्य में देखते हुए चुपचाप बैठे रहे। वह न तो दुल्हन
की ओर देख रहे थे, न ही शादी को लेकर उनमें कोई
उत्साह नजर आ रहा था।
वह बस अपने गणों से घिरे हुए बैठे रहे और शून्य में घूरते रहे। वधू पक्ष के लोग बार-बार उनसे यह सवाल पूछते रहे क्योंकि कोई भी अपनी बेटी की शादी ऐसे आदमी से नहीं करना चाहेगा, जिसके वंश का अता-पता न हो। उन्हें जल्दी थी क्योंकि शादी के लिए शुभ मुहूर्त तेजी से निकला जा रहा था। मगर शिव मौन रहे।
साभार ईशा
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/03/1620037648005_20210503_130211-picsay-by-h-picsayv__81010.1620280370.jpg1280899Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-03-02 02:17:432022-03-02 02:18:29शिव पार्वती विवाह की कथा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या अमूक व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जानना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, ग्रह दशा कोअपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है। नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं। आपका कोई पुराना मित्र आज कारोबार में मुनाफा कमाने के लिए आपको सलाह दे सकता है, अगर इस सलाह पर आप अमल करते हैं तो आपको धन लाभ जरुर होगा। घरेलू मामलों पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। आपकी ओर से की गयी लापरावाही महंगी साबित हो सकती है। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा।
02 मार्च 2022:
अच्छी सेहत के चलते आप किसी खेल-कूद की प्रतिस्पर्धा में भाग ले सकते हैं। वे निवेश-योजनाएँ जो आपको आकर्षित कर रहीं हैं, उनके बारे में गहराई से जानने की कोशिश करें- कोई भी क़दम उठाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर ले लें। अपने जीवन-साथी के साथ अपनी गोपनीय जानकारी बांटने से पहले सोच लें। अगर मुमकिन हो तो इससे बचें, क्योंकि इन बातों के बाहर फैलने का ख़तरा है। आसमान ज़्यादा उजला नज़र आएगा, फूलों में ज़्यादा रंग दिखेंगे और आपके आस-पास सब कुछ चमक उठेगा – क्योंकि आप इश्क़ का सुरूर महसूस कर रहे हैं! कार्यक्षेत्र में आज आप अपने काम में प्रगति देखेंगे। अपना समय और ऊर्जा दूसरों की मदद करने में लगाएँ, लेकिन ऐसे मामलों में पड़ने से बचें जिनसे आपका कोई लेना-देना नहीं है। आज आपको ऐसा अनुभव होगा कि आपके जीवनसाथी के द्वारा आपको नीचा दिखाया जा रहा है। जहां तक सम्भव हो इसे नजरअंदाज करें।
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02 मार्च 2022:
बहुत-कुछ आपके कंधों पर टिका हुआ है और फ़ैसले लेने के लिए स्पष्ट सोच ज़रूरी है। धन का आगमन आज आपको कई आर्थिक परेशानियों से दूर कर सकता है। रिश्तेदारों के साथ बिताया गया वक़्त आपके लिए फ़ायदेमंद रहेगा। आपकी ऊर्जा का स्तर ऊँचा रहेगा- क्योंकि आपका प्रिय आपने लिए बहुत सारी ख़ुशी की वजह साबित होगा। दफ़्तर में आपको कुछ ऐसा काम मिल सकता है, जिसे आप हमेशा से करना चाहते थे। आज टीवी या मोबाइल पर कोई मूवी देखने में आप इतना व्यस्त हो सकते हैं कि आप जरुरी कामों को करना भी भूल जाएंगे। क्या आपको लगता है कि शादी महज़ समझौतों का नाम है? अगर हाँ, तो आप आज हक़ीक़त महसूस करेंगे और जानेंगे कि यह आपके जीवन की सबसे अच्छी घटना थी।
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02 मार्च 2022 :
बहुत ज़्यादा रोमांच और दीवानगी की ऊँचाई आपके तंत्रिका-तंत्र को नुक़सान पहुँचा सकती है। इन दिक़्क़तों से बचने के लिए अपने जज़्बात क़ाबू में रखें। आकस्मिक मुनाफ़े या सट्टेबाज़ी के ज़रिए आर्थिक हालात सुदृढ़ होंगे। पारिवारिक सदस्यों की मदद आपकी ज़रूरतों का ख़याल रखेगी। रोमांचक दिन है, क्योंकि आपके प्रिय का फ़ोन आएगा। जो काम आपने किया है, उसका श्रेय किसी और को न ले जाने दें। एकांत में वक्त बिताना अच्छा है लेकिन आपके दिमाग में कुछ चल रहा है तो लोगों से दूर रहकर आप और ज्यादा परेशान हो सकते हैं। इसलिए आपको हमारी सलाह है कि लोगों से दूर रहने से बेहतर होगा किसी अनुभवी शख्स से अपनी परेशानी के बारे में बात करें। आज का दिन उन्माद में घिर जाने का है; क्योंकि आप अपने जीवनसाथी के साथ प्रेम के चरम का अनुभव करेंगे।
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02 मार्च 2022:
दोस्तों के साथ शाम अच्छी रहेगी लेकिन ज़्यादा खाने से बचें क्योंकि यह आपकी अगली सुबह ख़राब कर सकती है। आज किसी विपरीत लिंगी की मदद से आपको करोबार या नौकरी में आर्थिक लाभ होने की संभावना है। जिन लोगों से आपकी मुलाक़ात कभी-कभी ही होती है, उनसे बातचीत और संपर्क करने के लिए अच्छा दिन है। नये रोमांस की संभावना प्रबल है, प्रेम का फूल आपकी ज़िन्दगी में जल्दी ही खिल सकता है। किसी भी तरह की साझीदारी करने से पहले उसके बारे में अपनी अंदरूनी भावना की बात ज़रूर सुनें। आज घर में अधिकतर समय आप सो कर गुजार सकते हैं। शाम के वक्त आपको महसूस होगा कि आपने अपना कितना कीमती समय बर्बाद कर दिया। आपको और आपके जीवनसाथी को कोई बहुत सुखद ख़बर सुनने को मिल सकती है।
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02 मार्च 2022 :
बेकार की बात पर बहस करके अपकी ऊर्जा ज़ाया न करें। याद रखें कि वाद-विवाद से कुछ भी हासिल नहीं होता, लेकिन खोता ज़रूर है। दीर्घावधि निवेश से बचिए और अपने दोस्तों के साथ बाहर जाकर कुछ ख़ुशी के पल बिताएँ। कुछ लोग जितना कर सकते हैं, उससे कई ज़्यादा करने का वादा कर देते हैं। ऐसे लोगों को भूल जाएँ जो सिर्फ़ गाल बजाना जानते हैं और कोई परिणाम नहीं देते। आपके प्रिय के साथ कुछ मतभेद उभर सकते हैं- साथ ही अपने साथी को अपना नज़रिया समझाने में भी तकलीफ़ महसूस होगी। आपकी अतिरिक्त काम करने की क्षमता उन लोगों को चौंका देगी, जिनका प्रदर्शन आपसे कमतर है। आज घर के लोगों के साथ बातचीत करते दौरान आपके मुंह से कोई ऐसी बात निकल सकती है जिससे घर के लोग नाराज हो सकते हैं। इसके बाद घर के लोगों को मनाने में आपका काफी समय जा सकता है। आपकी व्यस्त दिनचर्या के चलते आपका जीवनसाथी आपके ऊपर शक़ कर सकता है। लेकिन दिन के अन्त तक वह आपकी बात समझेगा और आपको गले लगाएगा।
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02 मार्च 2022 :
नफ़रत की भावना महंगी पड़ सकती है। यह न केवल आपकी सहन-शक्ति घटाती है, बल्कि आपके विवेक को भी ज़ंग लगा देती है और रिश्तों में हमेशा के लिए दरार डाल देती है। धन का आगमन आज आपको कई आर्थिक परेशानियों से दूर कर सकता है। जिन लोगों के साथ आप रहते हैं वे आपसे बहुत ख़ुश नहीं होंगे, चाहे आपने इसके लिए कुछ भी क्यों न किया हो। एकतरफ़ा लगाव आपके लिए सिर्फ दिल तोड़ने का काम करेगा। आज के दिन आप सबके ध्यान का केंद्र होंगे और सफलता आपकी पहुँच में होगी। अपने बच्चों को आज समय का सदुपयोग करने की सलाह दे सकते हैं। अपने जीवनसाथी के किसी काम की वजह से आप कुछ शर्मिन्दगी महसूस कर सकते हैं। लेकिन बाद में आपको महसूस होगा कि जो हुआ, अच्छे के लिए ही हुआ।
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02 मार्च 2022 :
अपनी बीमारी के बारे में चर्चा करने से बचें। ख़राब तबियत से ध्यान हटाने के लिए कोई और दिलचस्प काम करें। क्योंकि इस बारे में आप जितनी ज़्यादा बातें करेंगे, उतनी ही ज़्यादा तकलीफ़ आपको होगी। आपने बीते समय में बहुत पैसा खर्च किया है जिसका खामियाजा आज आपको भुगतना पड़ सकता है। आज आपको पैसों की जरुरत होगी लेकिन वो आपको मिल नहीं पाएगा। बहन का स्नेह आपको प्रोत्साहन देगा। लेकिन छोटी-मोटी बातों पर आपा खोने से बचें, क्योंकि इससे आपके हितों को नुक़सान पहुँचेगा। आप आज प्रेमपूर्ण मनोभाव में होंगे, इसलिए अपने प्रिय के साथ कुछ अच्छा समय बिताने की योजना बनाएँ। बेहतर कामकाज के चलते आपको तारीफ़ मिल सकती है। खाली समय में आज आप अपने मोबाइल पर कोई वेब सीरीज देख सकते हैं। यह शादीशुदा ज़िन्दगी के सबसे ख़ास दिनों में से एक है। आपको प्रेम की गहराई का अनुभव करेंगे।
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02 मार्च 2022 :
आपको लंबे समय से महसूस हो रही थकान और तनाव से आराम मिलेगा। इन परेशानियों से स्थायी निजात पाने के लिए जीवन-शैली में बदलाव लाने का सही समय है। चंद्र की स्थिति की वजह से आज आपका धन बेवजह की चीजों पर खर्च हो सकता है। अगर आपको धन संचय करके रखना है तो अपने जीवनसाथी या माता पिता से इस बारे में बात करें। दूसरों की कमियाँ ढूंढने का ग़ैर-ज़रूरी काम रिश्तेदारों की आलोचना का रुख़ आपकी ओर मोड़ सकता है। आपको समझना चाहिए कि यह केवल समय की बर्बादी है और इससे कुछ हासिल नहीं होता है। बेहतर रहेगा कि आप अपनी यह आदत बदल दें। आज प्यार की कमी महसूस हो सकती है। आज के दिन आप सबके ध्यान का केंद्र होंगे और सफलता आपकी पहुँच में होगी। आज आप ऑफिस से घर वापस आकर अपना पसंदीदा काम कर सकते हैं। इससे आपके मन को शांति मिलेगी। अगर आपके जीवनसाथी की सेहत कर चलते किसी से मिलने की योजना रद्द हो जाए तो चिंता न करें, आप साथ में अधिक समय व्यतीत कर सकेंगे।
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02 मार्च 2022 :
धैर्य बनाए रखें, क्योंकि आपकी समझदारी और प्रयास आपको सफलता ज़रूर दिलाएंगे। आज अगर आप दूसरों की बात मानकर निवेश करेंगे, तो आर्थिक नुक़सान तक़रीबन पक्का है। अगर आप अपनी घरेलू ज़िम्मेदारियों को अनदेखा करेंगे, तो कुछ ऐसे लोग नाराज़ हो सकते हैं जो आपके साथ रहते हैं। आपकी मुस्कुराहट आपके प्रिय की नाराज़गी दूर करने के लिए सबसे उम्दा दवा है। लम्बे समय से अटके फ़ैसलों को अमली जामा पहनाने में क़ामयाबी मिलेगी और नयी योजनाएँ आगे बढेंगी। मुमकिन है कि आपके अतीत से जुड़ा कोई शख़्स आज आपसे संपर्क करेगा और इस दिन को यादगार बना देगा। अपने जीवनसाथी के चलते आप महसूस करेंगे कि स्वर्ग धरती पर ही है।
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02 मार्च 2022 :
आपका दानशीलता का व्यवहार आपके लिए छुपे हुए आशीर्वाद की तरह सिद्ध होगा, क्योंकि यह आपको शक, अनास्था, लालच और आसक्ति जैसी ख़राबियों से बचाएगा। अगर सफर कर रहे हैं तो अपने कीमती सामान का विशेष ध्यान रखें अगर आप ऐसा नहीं करते तो सामान के चोरी होने की संभावना है। किसी बुज़ुर्ग रिश्तेदार की निजी समस्याओं में मदद करके आप उनका आशीर्वाद पा सकते हैं। ज़रा संभल कर, क्योंकि आपका प्रिय रूमानी तौर पर आपको मक्खन लगा सकता है – मैं तुम्हारे बग़ैर इस दुनिया में नहीं रह सकता/सकती। अपना क़ीमती समय सिर्फ़ योजना बनाने में बर्बाद न करें, बल्कि उसकी ओर क़दम बढ़ाएँ और उसपर अमल करना शुरू करें। आज आपको अपने कामों को समय पर निपटाने की कोशिश करनी चाहिए। ख्याल रखें कि घर पर आपका कोई इंतजार कर रहा है जिसको आपकी जरुरत है। आपको महसूस होगा कि आपका जीवनसाथी इससे बेहतर पहले कभी नहीं हुआ।
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02 मार्च 2022 :
शराब से दूर रहें, क्योंकि इससे आपकी नींद में खलल पड़ेगा और आप गहरे आराम से महरूम रह सकते हैं। इस राशि के जो लोग विदेशों से व्यापार करते हैं उन्हें आज अच्छा खासा धन लाभ हो सकता है। आपके बच्चे के पुरुस्कार वितरण समारोह का बुलावा आपके लिए ख़ुशनुमा एहसास रहेगा। वह आपकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा और आप उसके ज़रिए अपने सपने साकार होते हुए देखेंगे। ज़ाहिर तौर पर रोमांस के लिए पर्याप्त मौक़े हैं- लेकिन ऐसा बहुत कम समय के लिए है। कार्यक्षेत्र में आज आप अपने काम में प्रगति देखेंगे। ऐसे लोगों से जुड़ने से बचें जो आपकी प्रतिष्ठा को आघात पहुँचा सकते हैं। वैवाहिक जीवन में सब कुछ अच्छा महसूस होगा।
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02 मार्च 2022 :
आज आप खेल-कूद में हिस्सा ले सकते हैं, जो आपको तन्दुरुस्त बनाए रखेगा। यात्रा आपको थकान और तनाव देगी- लेकिन आर्थिक तौर पर फ़ायदेमंद साबित होगी। तल्ख़ बर्ताव के बावजूद आपको जीवन-साथी का सहयोग मिलेगा। सावधान रहें, क्योंकि कोई आपकी छवि धूमिल करने की कोशिश कर सकता है। दफ़्तर में जिसके साथ आपकी सबसे कम बनती है, उससे अच्छी बातचीत हो सकती है। आपका आकर्षक और चुम्बकीय व्यक्तित्व सभी के दिलों को अपनी तरफ़ खींचेगा। जीवनसाथी की वजह से आपको अनमने ढंग से बाहर जाना पड़ सकता है, जो बाद में आपकी झल्लाहट की वजह बनेगा।
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https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/12/images-1-2.jpg183275Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-03-02 01:09:002022-03-02 01:09:41राशिफल, 02 मार्च 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज फाल्गुन अमावस है।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः फाल्गुऩ,
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः अमावस रात्रि 11.05 तक है,
वारः बुधवार।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः शतभिषा 26.37 तक है,
योगः शिव प्रातः काल 08.20 तक,
करणः चतुष्पद,
सूर्य राशिः कुम्भ चंद्र राशिः कुम्भ,
राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 06.49, सूर्यास्तः 06.17 बजे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/02/panchang-Wednesday-final.jpg7201280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-03-02 00:53:542022-03-02 00:55:03पंचांग 02 मार्च 2022
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