मौजूदा सरकार ने नहीं मानी कर्मचारियों की मांग तो हमारी सरकार लागू करेगी ओपीएस- दीपेंद्र हुड्डा

  • पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर दीपेंद्र हुड्डा ने मुख्यमंत्री खट्टर को दिया जवाब
  • कहा- राजस्थान में कांग्रेस सरकार ओपीएस लागू कर सकती है तो हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार क्यों नहीं?
  • 1 जनवरी 2004 को अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने लागू की थी नयी पेंशन स्कीम – दीपेंद्र हुड्डा
  • कांग्रेस की आड़ लेने की बजाय उसका अनुसरण करें मुख्यमंत्री खट्टर- दीपेंद्र हुड्डा
  • अपने घोषणापत्र में किए गए वादे को पूरा करे जजपा – दीपेंद्र हुड्डा

2 मार्च, चंडीगढ़:

सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर मुख्यमंत्री खट्टर से सवाल पूछा है। सांसद दीपेंद्र ने पूछा कि अगर राजस्थान में कांग्रेस सरकार ओपीएस लागू कर सकती है तो हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रही? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को कांग्रेस की आड़ लेने की बजाए उसका अनुसरण करना चाहिए और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देना चाहिए। खुद सत्ता सहयोगी जननायक जनता पार्टी ने बाकायदा चुनावी घोषणापत्र में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का वादा किया था। सवाल उठता है कि जेजेपी अपने ही चुनावी वादे से पीछे क्यों हट रही है?

इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नयी पेंशन स्कीम का ठीकरा कांग्रेस के सिर फोड़ना चाहते हैं। जबकि, तमाम कर्मचारी जानते हैं कि देश में नयी पेंशन स्कीम 1 जनवरी 2004 को अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने लागू की थी। उस वक्त इसे पुरानी स्कीम से बेहतर बताया गया था और दावा किया गया था कि यह कर्मचारियों के लिए ज्यादा लाभकारी है। इसलिए कई राज्य सरकारों ने भी इसे अपनाया था। लेकिन, 2014-15 आते-आते इसके दुष्परिणाम दिखने लगे और स्पष्ट हो गया कि नयी पेंशन स्कीम कर्चारियों के लिए हितकारी नहीं है। नयी स्कीम के तहत रिटायर होने वाले कर्मचारियों को पेंशन के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है। इसलिए कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन स्कीम दोबारा लागू करने की मांग उठानी शुरू कर दी। कर्मचारियों का कहना है कि पुरानी पेंशन स्कीम उनके बुढ़ापे का सुरक्षा कवच था, जिसे भाजपा सरकार ने छीन लिया।

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में भी कर्मचारी ओपीएस की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। लेकिन बीजेपी एनपीएस का मोह त्यागने के लिए तैयार नहीं है। एनपीएस की विफलता के साक्षात प्रमाण मिलने के बावजूद सरकार इसे कर्मचारियों पर थोप रही है। जबकि, उसे बिना देरी किए राजस्थान की तर्ज पर हरियाणा में भी ओपीएस लागू करनी चाहिए। लेकिन अगर मौजूदा सरकार ऐसा नहीं करती है तो प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर हम कर्मचारियों की इस मांग को पूरा करेंगे।

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