- जॉइंट एक्शन कमेटी के प्रतिनिधि मंडल ने एडवाइजर को सौंपा मांग पत्र
- मांगों न पूरी होने पर गेस्ट टीचर ने शिक्षक दिवस पर जताया रोष, प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी
- यू टी चंडीगढ़ में 20 वर्षों से नहीं है कोई नियमितिकरण पालिसी
डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ :
चंडीगढ़ के शिक्षा विभाग (स्कूल्स) में सैकड़ों गैस्ट/कांट्रैक्ट तथा सर्व शिक्षा अभियान, एस टी टी ,सी आर सी व यूं आर सी शिक्षक जो कि स्वीकृत पदों या अस्विकृत पदों पर नियमित शिक्षको की भांति सभी नियमों का पालन करभर्ती किए गए है व वर्षों से संतुष्टिपूर्ण अपनी सेवाएं दे रहे हैं ।
इन सभी वर्गों के शिक्षकों ने 5 सितंबर 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर “काला दिवस” के रूप में मनाया व मांगों की पूर्ति न होने पर सेक्टर 17 शिवालिक व्यू ग्राउंड में रोष प्रदर्शन किया और चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
बाद में प्रशासन के अधिकारियों से विचार विमर्श के बाद जॉइंट एक्शन कमेटी ऑफ टीचर्स के एक प्रतिनिधिमंडल ने गवर्नर हाउस की तरफ कूच करने का विचार त्याग चंडीगढ़ के एडवाइजर को मांग पत्र सौंपा। एडवाइजर ने मांग पत्र लेने के बाद प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा।
शिक्षकों का आरोप है कि पिछले 12 से 22 सालों से ये शिक्षक चंडीगढ़ के विभिन्न सरकारी विद्यालयों में अपनी सेवाएं दे रहे है, लेकिन आज तक चंडीगढ़ प्रशासन ने इनकी नौकरी की सुरक्षा के लिए ना तो कोई सुरक्षित नीति बनाई है और ना ही इन्हे नियमित किया गया है और अब शिक्षा विभाग आने वाले कुछ दिनों में नियमित शिक्षकों की भर्तियां करने जा रहा है। जिससे शिक्षा विभाग में कार्यरत 500 गेस्ट/कॉन्ट्रैक्ट शिक्षकों को नौकरी जाने का भय सता रहा है। जिसकी वजह से सैकड़ों शिक्षक विभाग में डर के माहोल में कार्य कर रहे हैं, वो अपना पूरा ध्यान शिक्षण कार्य पर नहीं लगा पा रहे हैं। इसी तरह सर्व शिक्षा अभियान में भी पदों का सृजन कर इनको नियमित नहीं किया जा रहा है तथा सी आर सी व यू आर सी शिक्षकों को टी जी टी स्केल नहीं दिया जा रहा है और न ही एस टी टी शिक्षकों की सैलरी बढाई जा रही है ।
बता दे कि ये शिक्षक पिछले 12 से 22 सालों शिक्षा विभाग में अपनी सेवा दे रहें हैं, ये शिक्षक नियमित शिक्षकों की भांति ही पूर्ण प्रक्रिया के तहत भर्ती किए गए है। अब शिक्षा विभाग नई भर्तियों के नाम पर पुराने शिक्षकों को निकालकर उनकी जगह पर ही नई भर्तियां करने जा रहा है। यहां तक की पिछले जुलाई 2021से इन्हें ना तो महंगाई भत्ता दिया गया है और ना ही इनका पे कमिशन रिवाइज हुआ है। जिसकी वजह से इन शिक्षकों के द्वारा शिक्षक दिवस पर ड्यूटी टाईम में काले कपड़े व रिबन डाल कर इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाया व ड्यूटी के बाद गवर्नर हाउस को कूच भी किया।
इस रोष प्रदर्शन व मार्च को ज्वाइंट एक्शन कमेटी आफ टीचर्स के बैनर तले गैस्ट टीचर्स एसोसिएशन,आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ, यूटी एस एस फैडरेशन इत्यादि ने समर्थन दिया । इसि रोष प्रदर्शन व मार्च में रणबीर राणा, सविंदर सिंह ,भाग सिंह, शिव मूरत, रंजीत हंस, राजिंदर कुमार, धर्मेंद्र राही, अशोक कुमार, बिपिन शेर सिंह इत्यादि ने संबोधित किया ।
इन सभी कर्मचारी संगठनों का यह मानना है कि यहां सरकारें और प्रशासन शिक्षको को बेरोजगार कर सड़कों पर बिठाने की सोच रखती हों। वहां शिक्षक दिवस मना कर सिर्फ औपचारिकता करने का कोई फायदा नही है। हालांकि मौजूदा सांसद किरण खेर ने दो बार अपने चुनावी एजेंडे में कांट्रैक्ट इम्प्लाइज को पक्का करने का वादा भी किया था । परन्तु चंडीगढ़ प्रशासन ने इस पर कोई सकारात्मक कदम अभी तक नहीं उठाया है । दूसरी ओर म्युनिसिपल कारपोरेशन चंडीगढ़ में भी उमा देवी के सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देश के आधार पर हाउस में कांट्रैक्ट इम्प्लाइज को पक्का करने का एजेंडा भी पास करने के बावजूद चंडीगढ़ की अफसर शाही ने मंजूरी नहीं दी है और परसोनल विभाग ने भी पंजाब की नियमतिकरण पालिसी चंडीगढ़ में लागू करने का लिखित में आश्वासन दिया था परन्तु चंडीगढ़ में केंद्र रूल लागू होने से वह भी ठंडे बस्ते में पड़ता दिखाई दे रहा है ।
इसलिए इस दिन को चंडीगढ़ के स्कूलों के सभी वर्गों के शिक्षकों ने काला दिवस के रूप में मनाया व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की ।
गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के प्रधान शिवमूरत ने बताया कि शिक्षा विभाग में पहले भी कई बार शिक्षकों की भर्तियां की गई पर हर बार नई पोस्ट को स्वीकृत करवा कर सिर्फ उन्ही पोस्टों पर ही भर्तियां की गई जो कि खाली हो । परन्तु विभाग पहली बार ऐसा करने जा रहा है कि नियमित पालिसी के अभाव में इतने परिवारों को उजाड़ने से पहले विभाग और प्रशासन को पुनः विचार करना चहिए। ऐसा ना करने पर जल्द गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ के विभिन्न यूनियन के साथ मिलकर बड़ा प्रर्दशन करने को मजबूर होगी।
ज्वाइंट एक्शन कमेटी ऑफ टीचर्स के महासचिव रणवीर सिंह राणा ने विभाग को कड़ी चेतावनी दी है कि अगर हमारा एक भी शिक्षक इन भर्तियों से प्रभावित हुआ, तो चंडीगढ़ के सभी स्कूलों को बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल की जायेगी और इन सब का जिम्मेदार शिक्षा विभाग और प्रशासन होगा।
ऑल कॉन्टैक्चुअल कर्मचारी संघ के चेयरमैन बिपिन शेर सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन को चाहिए कि उमा देवी के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आधार पर पड़ोसी राज्यों की तरह कच्चे कर्मचारियों के लिए नीति बना कर उन्हें जल्द पक्का किया जाए ना कि नई भर्तियों की आड में उन्हें निकालने को सोचा जाए।
इन शिक्षकों की मांग है की आने वाले कुछ समय में शिक्षा विभाग द्वारा की जाने वाली शिक्षकों की नई भर्तियों से पहले कांट्रैक्ट व गैस्ट टीचर्स को जिन पोस्ट पर वो पिछले 12 से 22 सालों से काम कर रहे है उनपर उन्हें नियमित किया जाए या उनकी नौकरी को सुरक्षित किया जाए तथा उसके बाद खाली पोस्टों को भरा जाए, सर्व शिक्षा अभियान में पदों का सृजन कर नियमित किया जाए,सी आर सी व यू आर सी शिक्षकों को टी जी टी स्केल,एस टी टी शिक्षकों की वेतन वृद्धि, उनका मंहगाई भत्ता जूलाई 2021 से इन्हें नहीं मिला है उसकी लेटर जल्द निकाली जाए, इनके पे स्केल को भी छठे पे कमीशन मुताबिक जल्दी कम से कम 15% बढ़ोतरी के साथ रिवाइज किया जाए ।
इन शिक्षकों की मांगो के समर्थन करने के लिए ज्वाइंट एक्शन कमेटी ऑफ टीचर्स चंडीगढ़,गैस्ट टीचर्स एसोसिएशन, यूटी एस एस फैडरेशन व ऑल कॉन्टैक्चुअल कर्मचारी संघ ,चंडीगढ़ ने चंडीगढ़ प्रशासन तथा कोई राजनीतिक इच्छा न होने पर इनके साथ मिलकर शिक्षक दिवस को काला दिवस मनाने व गवर्नर हाउस कूच में भाग लिया ।