साइबर सिक्योरिटी पर सेमीनार का आयोजन

चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 11 जुलाई :  

ज्यों ज्यों तकनीक का विकास हो रहा है व अधिकाधिक डिज़िटल लेन-देन का प्रचलन बढ़ रहा है, त्यों त्यों साइबर ठगी की वारदातें भी बढ़ रहीं हैं। साइबर ठगी से ना केवल चण्डीगढ़ बल्कि पूरे देश के आम जन से लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियों की नाक में दम आ रखा है। ये कहना था चण्डीगढ़ आईटी डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुललित गुप्ता का। वे इंडस्ट्रियल एरिया स्थित होटल होमटेल में एसोसिएशन के सहयोग से सिस्टमेड टेक्नोलॉजीज़ द्वारा साइबर सिक्योरिटी पर आयोजित एक सेमीनार में आये हुए लोगों को सम्बोधित करते हुए बोल रहे थे। सिस्टमेड टेक्नोलॉजीज़ के कंट्री हेड विवेक चौधरी ने कहा कि साइबर ठगी करने वालों को पकड़ना भी आसान नहीं होता। इस ठगी से बचने के लिए अपने सिस्टम में मजबूत एंटी वायरस इंस्टाल करना चाहिए। उन्होंने इस अवसर पर सिस्टमेड टेक्नोलॉजीज़ द्वारा विकसित एंटी वायरस के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ये ऐसी वारदातों से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है क्योंकि ये अवांछित ईमेल्स की पहचान करके उन्हे ब्लॉक कर देता है। इस अवसर पर सिस्टमेड टेक्नोलॉजीज़ के ऑपरेशन हेड मनोज चौहान, रीजनल मैनेजर पवित सिंह, स्टेट हेड राहुल रैना व बिज़नेस डेवलपमेंट ऑफिसर जीना कौशल ने भी अपने विचार रखे।

देशभर में सोशल कॉज से जुड़ी हुई संस्था एसआरएस फाउंडेशन ने  अपने पंजाब चैप्टर का विस्तार किया 

चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 11 जुलाई :  

                      देशभर में सोशल कॉज से जुड़ी हुई संस्था एसआरएस फाउंडेशन ने रविवार को अपने पंजाब चैप्टर का विस्तार किया  प्रद्युमन बक्शी को सर्विस विंग  के वाइस प्रेसिडेंट पर पद पर नियुक्ति दी। 

प्रोफेसर रविंद्र शर्मा, डायरेक्टर  एस आर एस ऍफ़ पंजाब,  अनमोल लूथरा मैनेजिंग डायरेक्टर कंवलजीत ट्रस्ट कन्वीनर,  डॉ पुनीत आहलूवालिया डिप्टी डायरेक्टर, डॉ हरजीत कौर मेडिकल विंग के प्रेसिडेंट, एडवोकेट लविश मित्तल, लीगल एडवाइजर  के तौर पर जॉइन किया।

  कार्यक्रम के  मुख्य अतिथि जाने-माने कॉमेडियन जसविंदर भल्ला की के सानिध्य में एसआरएस फाउंडेशन के पंजाब के परिवार में इजाफा हुआ।  

एसआरएस फाउंडेशन अपने नए सदस्यों के साथ मिलकर रंगले पंजाब की अपनी रीजन को धरातल पर उतारने का वह फ्लेवर अब पंजाब में हर छोटे से बड़े कलाकार को मुख्यधारा में लाकर उन्हें पुनर्जीवित किया जाएगा, साथ ही  लोक कल्याण के लिए, फ्री मेडिकल कैंप, फ्री दांतों के कैंप बच्चियों  को मुफ्त हायर एजुकेशन बदस्तूर जारी रहेगी, जनाकारी दी फाउंडर डायरेक्टर डॉ साजन शर्मा ने।

मेधा पाटकर समेत 12 लोगों पर 13.5 करोड़ के गबन का आरोप, धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज

मध्य प्रदेश के बड़वानी में नर्मदा बचाओ अभियान से जुड़ीं मेधा पाटकर समेत 12 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। सभी पर नर्मदा नवनिर्माण अभियान एनजीओ को मिले 13.5 करोड़ रुपए के गबन करने का आरोप है। FIR में शिक्षा और जनजातीय बच्चों के नाम पर जुटाए गए फंड का देश विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है।

नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के 30 गेट बंद किए - narmada river sardar  sarovar dam 30 gate closed after madhya pradesh decision - AajTak

नयी दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली/ मध्य प्रदेश :

बड़वानी कोतवाली पुलिस ने नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर तथा 11 अन्य लोगों के विरुद्ध उनके एनजीओ द्वारा आदिवासी बच्चों की शिक्षा तथा अन्य सामाजिक कार्यों के नाम पर 13.5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि एकत्र कर कथित तौर राजनीतिक गतिविधियों और विकास परियोजनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में दुरुपयोग करने के मामले में प्रकरण दर्ज किया गया है।

बड़वानी के पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला ने बताया कि एक शिकायती आवेदन पर मेधा पाटकर समेत 12 लोगों के विरुद्ध धोखाधड़ी के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर इसकी विवेचना आरंभ कर दी गई है। उन्होंने बताया कि मेधा पाटकर तथा अन्य न्यासियों के विरुद्ध उनकी संस्था नर्मदा नवनिर्माण अभियान के माध्यम से सन 2007 से 2022 के बीच विभिन्ना शैक्षणिक व सामाजिक गतिविधियों के नाम पर एकत्र राशि के दुरुपयोग का आरोप है। उन्होंने बताया कि प्रकरण की विवेचना में धाराएं और आरोपित बढ़ भी सकते हैं।

प्रीतमराज बड़ोले की शिकायत पर कोतवाली थाना पुलिस ने मेधा पाटकर, परवीन रूमी जहांगीर, विजया चौहान, कैलाश अवास्या, मोहन पाटीदार, आशीष मंडलोई, केवलसिंह बसावे, संजय जोशी, श्याम पाटील, सुनीति एसआर, नुरजी पदवी व केसव वासवे पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। प्रीतमराज का कहना कि पाटकर द्वारा चलाए जा रहे एनजीओ में 14 साल में जमा हुए 13.50 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई है।

बड़ोले का आरोप है कि वनवासी बच्चों की पढ़ाई के नाम पर दान की राशि का उपयोग राष्ट्र विरोधी सहित अन्य गतिविधियों में किया गया है। उनका कहना है कि राशि का स्त्रोत और व्यय का स्पष्ट खुलासा नहीं किया है। डेढ़ करोड़ से ज्यादा राशि की बैंक से नकद निकासी की गई। निकासी की ऑडिट व खाता विवरण भी अस्पष्ट है। ट्रस्ट के 10 खातों में से 4 करोड़ से अधिक राशि नियमित व अज्ञात निकासी हुई है। ट्रस्ट ने एकत्रित किए दान का रुपया विकास परियोजनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के प्रबंधन के लिए डायवर्ट किया।

बड़ोले ने कहा कि मेरे द्वारा शिकायत कर मेधा पाटकर सहित 12 लोगों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया गया है। उनके खाते से निकली राशि की जानकारी हमें सूत्रों से प्राप्त हुई है। हम कोर्ट में साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे।

इस मामले में मेधा पाटकर का कहना है कि शिकायतकर्ता ने जो शिकायत की है वह गलत है। हमारे द्वारा सभी खातों का ऑडिट किया गया है। पुलिस की ओर से हमें नोटिस नहीं मिला है। हमने पहले भी कई बार इसका जवाब दिया है। शिकायतकर्ता लोगों को भ्रमित कर रहा है। वह बता रहा है कि ग्राउंड पर स्कूल नहीं है, हमारे साथ आएं तो बताएंगे कि कितनी स्कूल हैं। इस मामले में बड़वानी एसपी दीपक कुमार शुक्ला ने बताया कि ट्रस्ट में वित्तीय अनियमितता की शिकायत मिली थी, उस आधार पर एफआईआर हुई है। शिकायत में दी गई जानकारी के आधार पर दस्तावेज उठाकर जांच की जाएगी।

जिले में यूरिया की किल्लत ठीक नहीं हुई तो करेंगे जिला उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन

कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, गुंदयाना, यमुनानगर
जिले में यूरिया खाद की कमी को लेकर भारतीय किसान यूनियन चुढूनी का शिष्टमंडल जिला अध्यक्ष संजू गुंदियाना  की अध्यक्षता में ज़िला उपायुक्त पार्थ गुप्ता से मिला। धान की फसल लगाई का कार्य जोरों पर चल रहा है लेकिन किसान को फसल में डालने के लिए यूरिया खाद नहीं मिल रहा। पिछले तकरीबन 45  दिन से कोऑपरेटिव सोसायटी और फैक्स केंद्रों पर यूरिया खाद की सप्लाई नहीं आर ही। प्राइवेट दुकानदार मनमर्जी के दाम पर और यूरिया के साथ अन्या प्रोडक्ट लगाकर किसानों को लूट रहे हैं। पिछली बार गेहूं बिजाई के समय किसान को यूरिया और डीएपी खाद की कमी रही थी। किसानों को डीसी ऑफिस पर प्रदर्शन करने के बाद जिले में खाद की सप्लाई हुई थी। इसी प्रकार अब किसान को धान की फसल के लिए यूरिया की जरूरत है। लेकिन यमुनानगर जिले में यूरिया खाद की भारी किल्लत हो रही है। डीडीए एग्रीकल्चर से अनेक बार मिलने के बाद भी खाद की समस्या का हल नहीं हुआ। मजबूर होकर किसानों ने ज़िला उपायुक्त से मुलाकात की और कहा कि अगर जल्द ही यूरिया खाद की सप्लाई को ऑपरेटिव सोसाइटी में नहीं की गई तो किसान मजबूर होकर डीसी कार्यालय पर प्रदर्शन करेंगे। इस मौके पर मंदीप रोड छप्पर, गुरवीर महासचिव, पवन नंबरदार, नवाब सिंह, मोहनलाल, जोगिंदर सिंह व ईश्वर टोपरा व ठाटसिंह आदि मौजूद रहे।

विद्यामंदिरक्लासेस को मिला इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स

– भारत में किसी भी संस्थान द्वारा सबसे लंबे समय तक ऑनलाइन शिक्षण आयोजित करने के लिए वीएमसी ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में प्रवेश किया

पंजाब(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट, भटिंडा :  

आईआईटी—जेईई और नीट की तैयारी कराने वाले देश के प्रमुख कोचिंग संस्थान विद्यामंदिरक्लासेज (वीएमसी)  , ने हाल ही में सबसे लंबी ऑनलाइन शिक्षण कक्षा आयोजित करने का रिकॉर्ड बनाया। संस्थान को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा एक स्वर्ण पदक और एक प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।  वीएमसी  ने 13 जून, 2022 को दोपहर 12:30 बजे से 17 जून, 2022 को शाम 5:30 बजे तक 1 लाख यूट्यूब दर्शकों के साथ फिजिक्स, मैथ्स और केमिस्ट्री  (संपूर्ण आईआईटी और जेईई पाठ्यक्रम को कवर करते हुए) के लिए 101 घंटे के लिए  यूट्यूब  पर एक लाइव ऑनलाइन कक्षा का आयोजन किया।  विवरण का निर्णय इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के डॉ समीर दास द्वारा किया गया, जिन्होंने “एक संस्थान द्वारा संचालित सबसे लंबी ऑनलाइन शिक्षण कक्षा” – विद्यामंदिरक्लासेस (वीएमसी) शीर्षक भी प्रस्तुत किया।

अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए, सह-संस्थापक श्री श्याम मोहन ने कहा, “यह परियोजना वीएमसी को मजबूत, अधिक सक्षम बनाने, टीम वर्क के कुछ अतिरिक्त कौशल बनाने की दिशा में थी। तैयारी के विभिन्न चरणों में छात्रों की जरूरतों को समझना वीएमसी में शिक्षण पद्धति के पीछे मार्गदर्शक बल रहा है। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में हमारे छात्रों की सफलता के पीछे भी यही रहस्य है।” वीएमसी भारत में किसी भी कोचिंग संस्थान के इतिहास में पहला है जिसने बिना रुके और लगातार 100 घंटे की कक्षाएं शुरू की हैं, जहां 36 से अधिक अध्यापकों (प्रत्येक विषय के लिए 12 – फिजिक्स, मैथ्स और केमिस्ट्री ) रहते हैं। संस्थापकों सहित विद्यामंदिरक्लासेज के प्रख्यात फैकल्टी ने भी परीक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने के बारे में अपने भाव प्रकट किये।

विद्यामंदिरक्लासेस के मुख्य निर्देशक —एकेडमिक्स श्री सौरभ कुमार ने कहा“यह पुरस्कार वीएमसी टीम और परिवार के लिए है जो बिना थके 101 घंटे तक लगातार एक साथ खड़े रहे, हर कोई पूरी अवधि के दौरान उत्साहित था और आखिरकार हमने यह कर दिखाया!” अपने संग्रह में एक और मील का पत्थर हासिल करते हुए, यह अग्रणी संस्थान द्वारा छात्रों और उनके करियर के प्रति समर्पण दिखाते हुए एक और छात्र केंद्रित कदम है। इस क्षेत्र में 35 से अधिक वर्षों की विरासत के साथ, विद्यामंदिरक्लासेस विजयी होने के लिए उम्मीदवारों के लिए मूल्यवर्धन कर रहा है।

हरियाणा के राज्यपाल महामहिम बंडारू दत्तात्रेय ने जादूगर शंकर को सम्मानित किया

चंडीगढ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ :
हरियाणा के राज्यपाल महामहिम बंडारू दत्तात्रेय ने जादूगर शंकर को सम्मानित किया। इस अवसर पर जादूगर शंकर ने उनको जादू के कुछ करिश्मे दिखाकर अचंभे में डाल दिया। 
उल्लेखनीय है कि जादूगर शंकर देश-विदेश में 28000 से भी ज्यादा शो कर चुके हैं और इनमें से 23000 शो चैरिटी के लिए किये गए हैं। वे नियमित रूप से रेड क्रास की सहायता के लिए शो करते रहते हैं। 
जादूगर शंकर प्राचीन जादू कला के ध्वजवाहक हैं और इस कला को सहेजने, जिंदा रखने और नये शोध करने में उनका उल्लेखनीय योगदान है। महामहिम ने जादू कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा की और आशा प्रकट की कि उनके माध्यम से नई पीढ़ी के लोग भी इस कला की ओर उन्मुख होंगे।

TEC with UIET PU organized”Poster Presentation and Display of Prototype”

Koral ‘Purnoor’ Demokretic Front, Chandigarh July 11, 2022

Technology Enabling Centre, Panjab University  in collaboration with Department of Mechanical Engineering UIET  organized “Poster Presentation and Display of Prototype” event for final  year students of Department of Mechanical Engineering on 11th July, 2022 from 9:30 am to 1 p.m. for technology showcasing of their final year  projects.

The final year students of B.Tech. of Mechanical Engineering branch exhibited their projects along with the posters on pin boards for evaluation by the faculty of Mechanical Engineering department and the external evaluators. Electric Kickscooter, Autonomous Fixed Wing UAV,  Fastener Sorting Machine, To automate the process of covering the trucks by Tarpaulin, UV sanitisation machine etc. were few of the projects.

Mr. J P Kundra, Technical Advisor for Cheema Boilers and Mr. Jatinder Madaan, Professor & Head (Mechanical Engineering) at Chandigarh College of Engineering and Technology (CCET) graced the event as external evaluators and evaluated the projects of students.

Mr. Jatinder Madaan motivated the students and was proud to see their work. Mr. J P Kundra encouraged the students to work religiously on projects like these and also guided the students to identify and approach the industries with their projects. Mr. J P Kundra also identified few projects that can provide solution to the existing problems of industries like Automation of Chemical Dosing System, laser aided fabric cutting CNC machine etc.

Prof. Manu Sharma, Coordinator, Technology Enabling Centre added that showcasing the projects along with poster presentation encourages the students to successfully conceive the projects.

वरिष्ठ नागरिकों को वरिष्ठ नागरिक रत्न से सम्मानित करेगा अग्रवाल वैश्य समाज

  • 21 अगस्त को विधानसभा स्तर पर होगा आयोजन, तैयारियांं शुरू

पंचकुला संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट, कुरूक्षेत्र :

वरिष्ठ नागरिक हमारे समाज के सम्मानीय अंग हैं। उनका सम्मान हमारी सामाजिक सभ्यता का परिचायक हैं। जिसे देखते हुए अग्रवाल वैश्य समाज ने आगामी 21 अगस्त को वरिष्ठ नागरिक दिवस के अवसर पर वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। ये जानकारी देते हुए समाज के प्रदेश महासचिव राजेश सिंगला ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में जिला संयोजकों की नियुक्तियों के साथ पंजीकरण भी प्रारंभ हो चुके हैं। सिंगला ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक रत्न सम्मान का आयोजन अनूठा एवं ऐतिहासिक होने जा रहा है क्योंकि प्रदेश की 90 की 90 विधानसभाओं में एक साथ एक समय पर प्रत्येक विधानसभा स्तर पर 100 या उससे अधिक संख्या में वरिष्ठ नागरिकों को ये सम्मान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सम्मान हेतू पंजीकरण प्रारंभ हो चुके हैं जो कि पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2022 तक चलेंगे। कार्यक्रम के सफल आयोजन एवं पंजीकरण के लिए प्रदेश के सभी 22 जिलों में संयोजक बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सम्मान के लिए आयु निर्धारण 70 वर्ष या उससे अधिक का रखा गया है। 70 वर्ष से कम या फिर मरणोपरांत वरिष्ठजनों को ये सम्मान नहीं दिया जाएगा। इसलिए सम्मान के केवल 70 वर्ष की आयु या उससे अधिक उम्र पार कर चुके वरिष्ठ नागरिकों को ही दिया जाएगा। पंजीकरण के लिए आधार कार्ड, मोबाईल नम्बर व सम्पूर्ण पता अनिवार्य रखा गया है और ये सम्मान केवल वैश्य/अग्रवाल वैश्यजनों को ही दिया जाएगा। राजेश सिंगला ने बताया कि सम्मान के लिए पंजीकरण अग्रवाल वैश्य समाज के नियुक्त किए गए संयोजक, लोकसभा अध्यक्ष एवं विधानसभा अध्यक्षों द्वारा नामित ही मान्य होंगे। राजेश सिंगला ने आह्वान करते हुए कहा कि वैश्यजन ज्यादा से ज्यादा अपने-अपने क्षेत्रों में समाज के वरिष्ठ नागरिकों का पंजीकरण करवाएं और इस वृहद आयोजन को सफल बनाएं।  

हिंदुओं के महान तीर्थ ब्रह्मा नगरी पुष्कर को मेड़ता स्टेशन से रेललाईन से जोड़ो  :  करणीदानसिंह राजपूत

करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ :

करणीदानसिंह राजपूत

                थूकेगा इतिहास तुम्हारी चुप्पी और नादानी पर” यह कविता और ऐसे अनेक संदेश केवल और केवल फारवर्ड होकर सामान्य लोगों तक आपातकाल लोकतंत्र सेनानियों तक पहुंचाए जा रहे हैं। लेकिन जब लोकतंत्र सेनानी कोई बात कहते हैं तो बड़े नेता सुनते नहीं और लोकतंत्र सेनानी खुद भी कभी उन लेखों पर गौर नहीं करते कि किन परिस्थितियों में किस उम्र में कितनी सूझबूझ के साथ कितनी मेहनत से वे संदेश लिखे गए। लोकतंत्र सेनानियों के नेता भी एडमिन भी रद्दी की टोकरी में डाल देते हैं। कभी किसी पर टिप्पणी नहीं करते ऐसा तो है नहीं कि सभी संदेश केवल कचरा रहे हों।

      हर एक संदेश में कुछ ना कुछ संदेश होता है लेकिन उस पर चुप्पी धारण किए हुए अपने अपने काम धंधे में लगे रहते हैं। आज यह संदेश फारवर्ड होकर लगा है कि “थूकेगा इतिहास तुम्हारी चुप्पी और नादानी पर।”अब सवाल यह पैदा होता है कि पिछले कम से कम 14 -15 सालों में लोकतंत्र सेनानियों में कितने लोग बोले?

       केवल सामान्य लोकतंत्र सेनानियों को हर पाठ पढ़ाना ही उचित माना जाता रहा है। लेकिन किसी ने भी सर्वोच्च जनप्रतिनिधियों को व अन्य संगठनों के लोगों को जो मुखिया है उनको किसी ने कभी ऐसे पाठ पढ़ाने की कोशिश क्यों नहीं की?

                 ऐसे सवाल हैं  जिनका उत्तर या समर्थन कितने लोकतंत्र सेनानी और लोकतंत्र सेनानियों के नेता ग्रुपों के एडमिन करते हैं।

यह थोड़ी देर में मेरे इस लेख के बाद मालूम पड़ जाएगा कि हमारी स्थिति क्या है?

       मैं महत्वपूर्ण बिंदु रहते हुए लिख रहा हूं। ध्यान देना कि कितने नेताओं के पास यह संदेश गया और उसके बाद वे  क्या बोले? या केवल चुप रहे? “थूकेगा इतिहास तुम्हारी चुप्पी और नादानी पर” इसको भी पढते रहना और मनन भी करते रहना।

      1-  हमारा सदैव हिंदू एकता पर ध्यान रहा है संदेश आते रहे कि अन्य धर्म के स्थानों आदि पर उपस्थिति ने दी जाए। हम मानते नहीं हैं तो वहां पर क्यों जाया जाए? वहां पर क्यों पैसे चढ़ाए जाएं? इसमें अजमेर स्थान का भी उड़ा उल्लेख अनेक बार किया गया। लेकिन हमने या हमारे धनी लोगों ने कितना मनन किया?

      सच तो यह है कि जब हमारे यहां बड़े-बड़े देवी देवता महान शक्तिशाली मौजूद हैं तो किसी अन्य के पास माथा टेकने की आवश्यकता नहीं है। जब कलियुग में हनुमान जी बाबा का ही गुणगान करना है तब अन्य बाबाओं की मूर्तियां लगाने की आवश्यकता नहीं है जो हमारे मंदिरों में स्थापित कर दी गई है। जिनको दूसरे धर्म वाले भी अपना नहीं मानते। उनकी प्रतिमाएं मंदिरों में लगा दी गई केवल इसलिए कि कुछ लोगों को लगानी थी और पुजारी को अधिक पैसा मिल जाए। यह नीति रही।

      2- हमारे यहां मंदिरों में देवी देवताओं की प्रतिमाएं पाषाण या धातु की हों लेकिन उन्हें प्राण प्रतिष्ठा के बाद ही  पूजा पाठ होती है। यही माना जाता है कि देवी देवता हर स्वरूप में जीवित हैं। हम उनके इसी स्वरूप की पूजा करते हैं।

      अन्य धर्म के स्थान और हिंदु धर्म स्थान में बस यही अंतर है। एक में प्राण हैं। इसे थोड़ा समझने की आवश्यकता है। इतना ही समझें कि जब जीवित देवी देवता हमारे मौजूद हैं तो वे दे सकते हैं लेकिन मृत व्यक्ति कुछ नहीं दे सकते। सभी का जवाब होगा की मृत व्यक्ति कभी भी कुछ भी नहीं दे सकता।

      3- अब सवाल यह उठता है कि “थूकेगा इतिहास तुम्हारी चुप्पी और नादानी पर”

मैं हर लोकतंत्र सेनानी से केवल यह आग्रह कर देखना चाहता हूं कि हम एक दूसरे को संदेश कहीं से भी आया फॉरवर्ड कर देते हैं कभी खुद का संदेश लिखने की कोशिश नहीं करते जबकि सभी पढ़े लिखे लोग हैं।

      4- सबसे बड़ा सवाल है कि हिंदू मंदिरों तीर्थों के अलावा अन्य स्थानों पर नहीं जाने के लिए चढावा नहीं चढ़ाने के लिए क्या कभी संघ के प्रमुख मोहन भागवत जी ने या पूर्व के संघ प्रमुखों ने कहा वे कुछ बोले? क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र जी मोदी ने कहा कि हिंदुओं को अपने देवी-देवताओं के पूजा स्थल के अलावा अन्यत्र कहीं नहीं जाना चाहिए? उन्होंने भी नहीं कहा।  हमारे गृह मंत्री अमित शाह जीने भी यह नहीं कहा कि हिंदू मंदिर तीर्थों के अलावा हिंदुओं को और कहीं नहीं जाना चाहिए? भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पहले के और वर्तमान जेपी नड्डा जी ने भी हिंदुओं को कभी नहीं कहा कि हिंदू देवी देवताओं के अलावा उन्हें अन्य स्थानों के पूजा स्थलों पर जाने की कोई आवश्यकता नहीं है? आम सभाओं में नहीं अपने धार्मिक कार्यक्रमों में ही बोल दें कि हिंदुओं को केवल अपने मंदिरों तीर्थों में पूजा करनी चाहिए और वहीं चढावा भेंट आदि करनी चाहिए।

      ऊंचे पदों पर है और इनकी वाणी को सभी सुनकर उस पर चल सकते हैं। इसमें किसी धर्म विशेष का विरोध नहीं है। केवल इतना ही कहना है कि हिंदू हैं तो अपने आस्था स्थलों के अलावा अन्यत्र जाने की आवश्यकता नहीं है लेकिन कोई नहीं बोला और आगे भी नहीं बोलेगा। केवल कहते रहेंगे कि हम सभी धर्मों का आदर करते हैं सत्कार करते हैं। क्या हर संदेश हम सामान्य लोगों के लिए ही होते हैं?

      लोकतंत्र सेनानियों मेरे इस लेख में किसी प्रारंभ दूसरे की कोई आलोचना नहीं है लेकिन मैं यह कहता हूं कि हिंदू हो हिंदू देवी देवताओं को मानते हो तो फिर दूसरे स्थानों पर माथा टेकने और मन्नत करने की बड़ी-बड़ी रकमें चढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है। जब जीवित हिंदू देवी देवताओं पर विश्वास नहीं है और मृत के आगे मत्था टेक रहे हो तो वहां से कुछ मिलने वाला नहीं है। मृत व्यक्ति कभी कुछ दे नहीं सकता। इसे समझने की बहुत बड़ी जरूरत है। केवल एक दूसरे लोगों से प्रभावित होकर ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए। कहीं पर्यटन स्थल पर पहुंचे हिंदू तीर्थों पर पहुंचे और वहां पर किसी अन्य धर्म का जो हिंदुओं का विरोध कर रहा हो वहां पर कोई स्थान हो तो उस पर भी मत्था टेकने पहुंच जाते हैं,जो की बहुत बड़ी गलती है। पर्यटन में आप 20 स्थानों के बजाए अट्ठारह उन्नीस स्थान देख लें कोई जरूरी नहीं है कि आए हैं तो चलो सभी देख लेते हैं।  इस विचारधारा को छोड़ें।

      6- मेरा तो यह कहना है कि सर्वोच्च लोगों को जब वे अपने अपने धार्मिक कार्यक्रमों में उपस्थित हों तब ऐसे ही संदेश उनके मुख से दिए जाने चाहिए। उनके मुख से  प्रकट होने चाहिए। राज करने के लिए सत्ता में बने रहने के लिए अगर छुप्पी रहती है तो गलत है।

      7-  मैंने जो बात कही है उसमें किसी भी अन्य धर्म का विरोध नहीं है। एक एक शब्द तोल तोल कर लिखा हुआ है सोच सोच कर लिखा हुआ है।

      8- हिदुत्व पर गर्व है: यह एक आवाज उठाओ और चुप्प नहीं रहो. बहुत चुप्प रह लिए।

       9- हिंदुओं का भारत भर में एकमात्र ब्रह्मा मंदिर पुष्कर  राजस्थान में स्थित है,जहां पर सभी स्थानों से श्रद्धालु पहुंचते हैं लेकिन हमने सत्ता होते हुए भी या अभी सत्ता प्राप्ति के सालों में कभी पुष्कर की सुध लेने की कोशिश नहीं की।

                 एक भी लोकतंत्र सेनानियों का नेता नहीं बोला और सर्वोच्च नेता भी नहीं बोले। देश में हम सुपर स्पीड की रेलें चलाने की योजनाएं बना रहे हैं। लेकिन हिंदुओं के महान तीर्थ की उपेक्षा हर तरह से अभी भी हो रही है।

      बात रेलवे की चल रही है इसलिए कहता हूं कि राजस्थान में मेड़ता सिटी से पुष्कर तक केवल 72 किलोमीटर की  दूरी रेल लाइन से वंचित है। पिछले 20- 30 सालों से आवाज उठाई जा रही है कि मेड़ता सिटी से पुष्कर को जोड़ दिया जाए।  मेड़ता सिटी से पुष्कर को जोड़ा जाता है तो बहुत दूर से चलने वाली गाड़ियां बहुत दूर तक पहुंचने वाली गाड़ियां पुष्कर हो करके आवागमन करेंगी तो इस तीर्थ की महिमा बढ़ेगी और रेलवे को करोड़ों रुपए का लाभ हर महीने प्राप्त होगा।

                 मैंने मेरे एक लेख में यह लिखा था कि और यह मांग पत्र सर्वोच्च नेताओं को और रेल मंत्री को भी भिजवाया था।  केवल  72 किलोमीटर का यह टुकड़ा जो रेलवे से वंचित है यहां रेल लाइन बिछा दी जाए। इसका पहले बजट बनाया गया था तब करीब 350 करोड़ रुपए आकलन था हो सकता है कि आज की स्थिति में यह 500 करोड़ के करीब हो गया हो। ( मैंने तो एक और बात भी लिखी थी कि अगर सरकार यह बजट नहीं देना चाहे तो हमारे यहां बहुत बड़े श्रद्धालु दानी लोग हैं धार्मिक लोग हैं उनसे अपील की जाए तो कोई एक व्यक्ति ही इतनी बड़ी राशि रेलवे को सरकार को दे सकता है। लेकिन रेलवे गरीब नहीं है)

                 मेरा  यह भी कहना था कि बहुत बड़ा कोई षड्यंत्र रहा है जिसके कारण पुष्कर राज को इतिहास से ओझल रखने का कार्य चलता रहा।  अजमेर को कभी ब्रह्मा की नगरी नहीं बताया गया हालांकि अजमेर और पुष्कर में थोड़ी सी दूरी है लेकिन अजमेर को अन्य धर्म के व्यक्ति की नगरी बताया जाता रहा। सवाल यह है पहले कौन पैदा हुए? ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की। उन्हीं ब्रह्मा ने पुष्कर में पूजा की थी।

                 मेरे मांग पत्रों को जो मैंने सरकार को भेजें लोकतंत्र सेनानियों के ग्रुपों में लगाए लेकिन आश्चर्य यह रहा कि किसी एक लोकतंत्र सेनानी ने भी उन पत्रों पर गौर नहीं किया। हिंदुत्व का नारा लगाना और उस पर कार्य करना दो अलग अलग बाते हैं। थोड़ा सा कार्य भी  खुद नहीं करते  किसी ने लिखा उसको आगे से आगे फॉरवर्ड करते चलें।

                10- मैं तो खुद लिखता हूं सोचता हूं सरकार को पत्र लिखता हूं और वे पत्र लोकतंत्र सेनानियों के ग्रुप में डालता हूं । हालांकि मैंने पिछले दिनों यह कहा था कि मैं अब ग्रुपों में मैटर नहीं डालूंगा मेरी खुद की करणी प्रेस इंडिया ब्लॉग में लगाऊंगा मेरी फेसबुक पर लगा लूंगा और सरकार को जो पत्र लिखूंगा और लिखता रहूंगा। जो मिशन लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान का है सम्मान राशि का है उसके लिए मेरा संघर्ष मेरी मांगे सर्वोच्च नेताओं के आगे प्रस्तुत करता रहूंगा।

                11-  जहां यह सबसे बड़ा सवाल काम करने और कराने के लिए रख रहा हूं की किसी धर्म विशेष का विरोध करने के बजाय हम हमारे धर्म तीर्थ का नाम ले और उस पर सोच विचार करें। जितने भी लोग पढ़ रहे हैं उन सब से आग्रह है कि पुष्कर राज को मेड़ता सिटी से रेलवे लाइन से जोड़ा जाए। मेड़ता रोड प्रमुख रेलवे स्टेशन है और यहां से मेड़ता सिटी तक रेल लाईन बनी हुई है।

                 यह कार्य हमारे राजस्थान और अन्य राज्यों के सांसद और विधायक भी करें। इसकी मांग कार्य राजस्थान विधानसभा के चुनाव 2023 के चुनाव से पहले हो, कार्य शुरू हो और इसका लाभ 2024 के लोकसभा चुनाव में हर हालत में  मिले। मेरी सोच है। अपने अपने लेटर पैडों पर अपने अपने संगठनों से अपने सर्वोच्च नेताओं को लिखें अपने इलाके के एमएलए एमपी को देखें मिले ताकि यह बहुत बड़ा कार्य हो सके। मेड़ता सिटी से पुष्कर को जोड़ा जा सके। पहले केवल लाईन का निर्माण हो जाए ताकि रेलों का आवागमन इस रेलमार्ग से होने लगे। अन्य स्टेशन के कार्य बाद में होते रहें।

                 यह षड्यंत्र वर्षों से चल रहा है जिससे मेड़ता सिटी से पुष्कर को जोड़ा नहीं गया। सर्वे को बस्ते में बंद कर दिया गया। वह षड्यंत्र खत्म हो सके।जय हिंद जय मां भारती।

AI तकनीक पर किसी एक देश का नहीं होना चाहिए दबदबा : राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया पर राज करने की हमारी कभी मंशा नहीं रही। परन्तु कोई और देश आकर भारत पर राज करने की न सोचने लगे इसके लिए हमें अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमता को विकसित करना ही होगा।

  • आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के लिए खतरा अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा- राजनाथ सिंह
  • संप्रभुता को खतरे में डालने के किसी भी प्रयास का त्वरित और मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा-राजनाथ सिंह

नई दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट, नई दिल्ली :  

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रणाली पर ‘बेहद सावधानी’ के साथ काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश को इस तकनीक से होने वाली कानूनी, नीतिसंबंधी, राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

राजनाथ सिंह, दिल्ली में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन डिफेंस’ पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तंत्र पर “बेहद सावधानी से” काम करने की जरूरत है और उसे कानूनी, नैतिक, राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। ”हमें मानवता की प्रगति और शांति के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि कोई देश या देशों का समूह इस तकनीक पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर ले और बाकी देश इस तकनीक का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया पर राज करने की हमारी कभी मंशा नहीं रही। परन्तु कोई और देश आकर भारत पर राज करने की न सोचने लगे इसके लिए हमें अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमता को विकसित करना ही होगा। उन्होंने कहा कि एआई की नैतिकता और खतरों पर ठीक से विचार किया जाना चाहिए। “हम कृत्रिम बुद्धि की प्रगति को रोक नहीं सकते हैं और हमें इसकी प्रगति को रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। लेकिन हमें इससे सावधान रहने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि जब कोई नई तकनीक बहुत बड़ा बदलाव लाती है तो उसका संक्रमण काल ​​भी उतना ही बड़ा और गंभीर होता है। सिंह ने कहा, “चूंकि एआई एक ऐसी तकनीक है जो बड़े पैमाने पर बदलाव ला सकती है, हमें कानूनी, नैतिक, राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें एआई पर बेहद सावधानी से काम करने की जरूरत है ताकि आने वाले समय में यह (तकनीक) हमारे नियंत्रण से बाहर न हो जाए।