डिजीटल इंडिया प्लेटफार्म की दिशा में हरियाणा की एक और पहल- कंवर पाल
डिजीटल लर्निंग के तहत ई-लेट्स एजुकेशन इनोवेशन समिट का आयोजन
देश भर के शिक्षाविदों ने लिया भाग
शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने शिक्षा विभाग की इस पहल के लिए की सराहना
पंचकूला, 27 मई – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजीटल इंडिया प्लेटफार्म को आगे बढाने की दिशा में हरियाणा ने एक और पहल करते हुए आज पंचकूला में राष्ट्र स्तरीय डिजीटल लर्निंग ई-लेट्स एजुकेशन इनोवेशन समिट का आयोजन कर कोविड के बाद अध्यापन व अध्ययन में सूचना प्रोद्यौगिकी के महत्व के पहलुओं पर चर्चा की।
हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल ने समिट का उदघाटन करने उपरांत कहा कि शिक्षा विभाग के साथ-साथ इस समिट में अन्य हितधारक भी सहयोग के लिए बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद हर प्रदेश अपने अध्यापन व अध्ययन के तौर-तरीकों पर अलग-अलग तरह से कार्य कर रहे हैं और हमें एक-दूसरे से अलग-अलग जानकारियां प्राप्त होंगी। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल स्वयं आईटी के जानकार हैं और कई मामलों में वे अनूठी पहल कर चुके हैं जिसकी देशभर में चर्चा हुई है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हाल ही में 5 मई को मुख्यमंत्री के कर कमलों से 10वीं से 12वीं तक के सरकारी स्कूलों के छात्रों व अध्यापकों को टैबलेट वितरण की शुरूआत की थी और अब तक 3 लाख से अधिक टैबलेट वितरित किए जा चुके हैं तथा 10वीं कक्षा के परिणाम आने के बाद फिर टैबलेट वितरण का कार्य किया जाएगा। स्कूल के बच्चों को आईटी के टूल किट भी वितरित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के बच्चे किसी भी दृष्टि से कमजोर न रहें, इस दिशा में कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। आज बड़े-बड़े नामी-गिनामी निजी स्कूलों से भी बच्चे हरियाणा के सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं। संस्कृति मॉडल स्कूल एक अच्छा प्रयास है, इससे शिक्षा की गुणवत्ता में और अधिक सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि आज की कार्यशाला में जारी की गई डिजीटल लर्निंग की पुस्तिका एक उपयोगी दस्तावेज है, जिसमें विश्व भर में हो रहे शिक्षा परिवर्तनों की जानकारी दी गई है। नई शिक्षा नीति 2020 को देश में सबसे पहले क्रियान्वित करने की हरियाणा ने पहल की है और कहीं न कहीं आज का समिट भी उसी का हिस्सा है। आशा है कि दिन भर की चर्चा के बाद शिक्षा विशेषज्ञ अच्छे सुझाव देंगे और उन्हें शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शामिल किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने डिजीटल लर्निंग सोल्यूशन, डिजीटल क्लासरूम सोल्यूशन, डिजीटल बोर्ड सोल्यूशन, डिजीटल लैंगवेज लैब सोल्यूशन, सेक्योरिटी एण्ड सर्विलांस सोल्यूशन, स्कूलनैट, लर्निंग फॉर लाईट पर लगाई गई ई-एक्पो का अवलोकन भी किया।
विद्यालय शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. महावीर सिंह ने हरियाणा द्वारा अध्यापन कार्य में आईटी के अधिक से अधिक प्रयोग के बार जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार कोविड के दौरान शिक्षा विभाग को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा, वह अन्य किसी विभाग को नहीं करना पड़ा क्योंकि विद्यार्थी स्कूलों से दूर थे और इस बीच अध्यापकों को ही ऑनलाइन कक्षाएं लेने का विकल्प दिया गया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से सरकारी स्कूलों के मेडीकल व नॉन मेडीकल के विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग देने के लिए सुपर-100 नाम से एक कार्यक्रम चलाया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में इसे आरंभ किया गया था और जिसका 2020 में पहला बैच में जिससे 23 बच्चे आईआईटी, 64 बचे नीट क्वालीफाई कर सके और प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिला हुआ। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में आईआईटी में 28 और नीट में 72 बच्चों का दाखिला हुआ जिसमें से 5 बच्चों का एम्स में दाखिला हुआ जो किसी भी सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि इन बच्चों को पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर मुख्यमंत्री ने शुरूआत की थी और अब यह लक्ष्य 5 लाख टैबलेट देने का है। मुख्यमंत्री ने एक कदम और आगे बढाते हुए बच्चों को 2 जीबी डाटा प्रतिदिन प्रति विद्यार्थी निशुल्क देने की घोषणा की है ताकि 21वीं सदी के युग में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप सरकारी स्कूलों के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकें।
माध्यमिक शिक्षा महानिदेशक डॉ. जे गणेशन ने समिट में भाग लेने आए एनसीईआरटी व देश के अन्य राज्यों से आए व वर्चुअली जुड़े शिक्षाविदों का स्वागत करते हुए कहा कि यह हरियाणा के लिए गर्व की बात है कि शिक्षा पर इनावेटिव पहल की है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की पहल पर शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन अध्यापक स्थानांतरण नीति लागू की थी जो शिक्षा विभाग में आईटी के युग का एक क्रांतिकारी कदम था।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री दूरवर्ती शिक्षा कार्यक्रम के माध्यम से अध्यापन व अध्ययन पद्धति में बड़ा बदलाव किया है। विभाग द्वारा ‘‘अवसर’’ ऐप लांच किया गया है। विद्यार्थियों का असेसमेंट व ई-रिपोर्ट कार्ड भी इसके माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। आज के युग में सूचना प्रोद्यौगिकी एक अनिवार्य किट हो गया है। कोविड के दौरान एक विचित्र स्थिति उत्पन्न हो गई थी। विद्यार्थियों को स्कूल से दूर होना पड़ा और उस दौरान इस ‘‘ अवसर’’ ऐप को बनाया गया जो बड़ा ही कारगर सिद्ध हुआ।
इस अवसर पर लैट्स टैको मीडिया के फाउंडर, सीईओ, एडीटर इन चीफ डॉ. रवि गुप्ता, ग्लोबल इनफोकॉम लिमिटेड के एमडी आशीष धाम ने भी अपने विचार रखे और अपनी-अपनी कंपनियों द्वारा आईटी के माध्यम से शिक्षा में किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला में शिक्षा मंत्री ने ई-लेट में बेहतर प्रदर्शन के लिए पश्चिम बंगाल को कर्मभूमि तथा हरियाणा शिक्षा विभाग की एकैडमिक सेल तथा आशीष धाम को सम्मानित भी किया। कार्यशाला में तमिलनाडू, आसाम, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, मणिपुर, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, पंजाब के शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।