उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने नियंत्रित क्षेत्रों में अवैध निर्माण को गिराने व शहरी इलाकों में अवैध कालोनियों को लेकर गठित डिस्ट्रिक टास्क फोर्स कमेटी की बैठक की करी अध्यक्षता

  • जिला में अवैध निर्माण पर अंकुश लगाने के दिये निर्देश
  • गांव सीतो-माजरा में 15 डीपीसी व रोड नेटवर्क को किया गया ध्वस्त-प्रियम भारद्वाज

पंचकूला, 28 फरवरी

उपायुक्त महावीर कौशिक ने आज लघु सचिवालय में स्थित अपने कार्यालय में नियंत्रित क्षेत्रों में अवैध निर्माण को गिराने व शहरी इलाकों में अवैध कालोनियों को लेकर गठित डिस्ट्रिक टास्क फोर्स कमेटी की आयोजित बैठक की अध्यक्षता की।

उपायुक्त ने फरवरी माह में जिला टास्क फोर्स द्वारा अवैध निर्माण के विरूद्ध की गई कार्रवाई की समीक्षा की तथा यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये कि जिला में कोई नया अवैध निर्माण न हो। उन्होंने लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़कें) को इस संदर्भ में अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।

इस अवसर पर जिला नगर योजनकार श्रीमती प्रियम भारद्वाज ने उपायुक्त को अवगत करवाया कि आज 28 फरवरी को जिला नगर योजनाकार, पंचकूला द्वारा पैरीफेरी नियं़ित्रत क्षेत्र व अर्बन एरिया एक्ट की राजस्व सम्पदा के गांव सीतो-माजरा में लगभग 1.5 एकड़ में विकसित की गई अनाधिकृत काॅलोनी पर कार्यवाही की गई है, जिसमें 15 डीपीसी व रोड नेटवर्क को ध्वस्त किया गया है। उन्होंने बताया कि इस कार्यवाही में उनके साथ श्री जितेंद्र गिल, नायब तहसीलदार कालका बतौर ड्यूटी मैजिस्ट्रेट मौजूद रहे। इसके अतिरक्त जिला नगर योजनाकार (ई0) की टीम व किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस बल तोड़फोड़ दस्ते के साथ मौजूद था। उन्होंने बताया कि लोगोें द्वारा तोड़-फोड़ का काफी विरोध किया गया, लेकिन विभाग ने अपनी कार्यवाही जारी रखी। उन्होंने बताया कि अनाधिकृत काॅलोनी पर कार्यवाही करने से पहले नोटिस भी दिए गए थे, लेकिन इन अवैध रूप से निर्माणाधीन निर्माणों को नहीं हटाया गया, जिस कारण विभाग को कार्रवाई करनी पड़ी।

उन्होंने अवगत करवाया कि कोई भी निर्माण करने या कोई भी काॅलोनी विकसित करने से पहले निदेशक, नगर तथा ग्राम आयोजना विभाग हरियाणा, चंडीगढ़ से अनुमति लेना आवश्यक है। यदि अनुमति लिए बिना कोई भी अवैध निर्माण या काॅलोनी विकसित की जाती है, तो विभाग उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने के साथ-साथ अर्बन एरिया एक्ट-1975, पैरिफेरी नियंत्रित क्षेत्र-1952 तथा नियंत्रित क्षेत्र-1963 के तहत विभाग सख्त कानूनी कार्यवाही करता है तथा इनके खिलाफ एफ. आई. आर. दर्ज भी करवाई जाती है, जिसमें तीन साल कारावास तथा जुर्माने का भी प्रावधान है।

बैठक में एसीपी उमेद सिंह, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के कार्यकारी अभियंता संजीव कुमार शर्मा, लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़कें) के एसडीई अनिल कंबोज, नगर निगम से राज कुमार शर्मा और एडीए मोनिका बूरा भी उपस्थित थी।