पंचांग, 20 सितंबर 2021
पूर्णिमा श्राद्ध को श्राद्धि पूर्णिमा तथा प्रोष्ठपदी पूर्णिमा श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है। इस बार श्राद्ध पूर्णिमा सोमवार 20 सितंबर को है। 21 सितंबर को श्राद्ध के दिन शुरू होंगे। पूर्णिमा श्राद्ध भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि को किया जाता है। यह ध्यान देना आवश्यक है कि पूर्णिमा तिथि पर मृत्यु प्राप्त करने वालों के लिए महालय श्राद्ध भी अमावस्या श्राद्ध तिथि पर किया जाता है। भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध पितृ पक्ष से एक दिन पहले पड़ता है, यह पितृ पक्ष का भाग नहीं है। सामान्यत: पितृ पक्ष, भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध के अगले दिन से आरंभ होता है। भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध, जैसे कि पितृ पक्ष श्राद्ध, पार्वण श्राद्ध होते हैं। इन श्राद्धों को सम्पन्न करने के लिए कुतुप, रोहिण आदि मुहूर्त शुभ मुहूर्त माने गए हैं। अपराह्न काल समाप्त होने तक श्राद्ध संबंधी अनुष्ठान सम्पन्न कर लेने चाहिए। श्राद्ध के अंत में तर्पण किया जाता है।
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विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः भाद्रपद़,
पक्षःशुक्ल पक्ष,
तिथिः पूर्णिमा अरूणोदय काल 05.25 तक है।
वारः सोमवार,
नक्षत्रः पूर्वाभाद्रपद रात्रि 04.02 तक हैं,
योगः शूल अपराहन् काल 03.23 तक,
करणः विष्टि,
सूर्य राशिः कन्या चंद्र राशिः कुम्भ,
राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 06.12, सूर्यास्तः 06.16 बजे।
नोटः आज भाद्रपद पूर्णिमा, श्री सत्यनारायण व्रत व पूर्णिमा का श्राद्ध है। प्रोष्ठपदी-महालय श्राद्ध प्रारम्भ।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही, शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।