क्या प्रजातन्त्रा मै सांसद से कोई सवाल नहीं पुछ सकता : चंद्रमोहन

पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने आरोप लगाया है क्या प्रजातन्त्रा मै सांसद से कोई सवाल नहीं पुछ सकता अगर कोई सवाल पुछता है तो उसे 2 घंटे थाने मैं बेठा देते हैं क्या यही प्रजातन्त्र है
आज़ धरना प्रदर्शन कर रहे थे सांसद व केन्द्रयी राज्य मन्त्री रतन लाल कटारिया बेला विष्टा चोक पर , वहाँ पर COVID-19 के नियमो की जम कर धज्जियाँ उड़ाई गई चन्द्रमोहन ने यह भी आरोप लगाया विदेशी कम्पनियों ड़ोमिनो व अन्य कम्पनियों व बड़े बड़े रेस्टोरेंट ईन सब को  लोक डाउन मै भी खुले रखने की  छुट दे रखी है  ग़रीब आदमियों व छोटे छोटे कारोबारियों व रेहडी फडी वालों ईन सब के कारोबार पुरी तरह लोक डाउन मैं बन्द करा दिये है जब ऐक आदमी ने सांसद रतन लाल कटारिया से सवाल पुछा के भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को दुकानें खुली रखने की पुरी छुट दे रखी है क्या तो उस आम आदमी को 2 घंटे थाने मैं बेठा कर रखा क्या यही प्रजातन्त्र है आज हर आम आदमीं सरकार से दुखी हो चुका है पर वह बेबस है

हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री चंद्रमोहन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग की है कि हरियाणा प्रदेश में लाकडाउन के कारण गरीबों के भूखे मरने की नौबत आ गई है और  इस भूखमरी में लोगों को राहत देने के लिए सरकार द्वारा राशनकार्ड धारकों को प्रति इकाई 5 किलो ग्राम अनाज मई और जून के महीनों के दौरान मुफ्त में देने की योजना शुरू की गई है।               

             ‌  ‌    उन्होंने मांग की है कि इसकी मात्रा 5 किलोग्राम अनाज प्रति यूनिट से बढ़ाकर 10 किलोग्राम प्रति यूनिट करने के साथ- साथ प्रति कार्ड 2 लीटर सरसों का तेल और 2 किलोग्राम  चीनी और 2 किलोग्राम दाल भी प्रति राशन कार्ड अतिरिक्त  उपलब्ध करवाई जाए ताकि  इस संकटकाल  के समय में असहाय और गरीब वर्ग के लोगों की मदद करके उनके जीवन को बचाया जा सके।                     

      ‌            चन्द्र मोहन ने कहा कि इस भयंकर कोरोना काल में लोगों के रोजगार चलें गए हैं इसके साथ ही महंगाई रुपी डायन ने गरीब लोगों का जीवन दुष्वार  बना कर रख दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा में लाकडाउन लगाने से पहले विपक्षी पार्टियों को भी विश्वास में नहीं लिया गया ताकि इस संकट का सभी एक जूट होकर मुकाबला कर सकें। ‌आज प्रदेश में आक्सीजन और दवाइयों की कमी के साथ साथ कालाबाजारी भी हो रही है, जिसके कारण भयावह स्थिति बनी हुई है और हालात बद से बद्तर बने हुए हैं।             ‌       

               उन्होंने सरकार से मांग की है की प्रदेश में काम कर रहे श्रमिकों के लिए भी  एक विशेष पैकेज की घोषणा की जाए और उनको कम से कम 6 हजार रुपए  महीने की दर से सहायता राशि उपलब्ध करवाई जाए ताकि इस जीवन के संघर्ष में वे अपना अस्तित्व बचाये रखने में कामयाब हो सकें। ‌।            ‌         

                  चन्द्र मोहन ने कहा कांग्रेस पार्टी के शासन काल में हरियाणा में राजीव गांधी अन्नपूर्णा योजना लागू की गई थी गई थी, ताकि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति रात को भूखा ना सोए। लेकिन वर्तमान सरकार ने सत्ता संभालने के बाद इस महत्वाकांक्षी योजना को  बंद कर दिया। उन्होंने मांग की है कि कोविड 19 की विभीषिका का दंश झेल चुके परिवार के सदस्यों को दिल खोलकर सहायता प्रदान की जाए और कम से कम 5 लाख रुपए की वित्तीय सहायता उसके परिवार को ‍प्रदान की जाए और  इसके साथ ही अस्पतालों में भर्ती होने वाले प्रत्येक कोरोना के मरीजों का बीमा सरकार द्वारा करवाए  जाए ताकि  गरीब वर्ग के लोगों‌ को कुछ राहत मिल सके।        ‌     

                      इस हालात में तो यही कहा जा सकता है कि- रोजगार गए और फूट गया नसीब, उम्मीदों का  सब्र टूट गया और रह गयी केवल झूठी आस। हरियाणा सरकार को हालात को काबू करने के लिए शीध्र कदम उठाने चाहिए अन्यथा इसके परिणाम बड़े ही असुखद होंगे।              

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