बंद मकान में चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले दो आरोपी गिरफ्तार
दिनांक 06 जुलाई की रात को कैलास रोड बसंत बिहार में बंद पडे मकान से शादी/विवाह व जागरण में सजावट के सामान की चोरी हुई थी। इस सम्बन्ध में थाना सदर करनाल में कुलदीप सिंह वासी माडल के ब्यान पर धारा 457/380 भा.द.स. अज्ञात के खिलाफ दर्ज रजिस्टर किया जाकर तफतीश सी.आई.ए-1 को सौपी गई।दौराने तफतीश सी.आई ए-1 की टीम द्वारा दिनांक 26.सितम्बर को टिक्करी कैलाश मोड़ से गुप्त सुचना के आधार पर 1. साहील पुत्र वकील वासी गली न0 10 बसंत बिहार 2. गौरव पुत्र सुलतान वासी गली न0 11 बसंत बिहार करनाल को गिरफ्तार कर पुछताछ की गई।आज दिनांक 27.09 को पेश अदालत किया जाकर जिला जेल भेजा गया। आरोपीगण से चोरी किये गये चोरी किया गया सामान बरामद किया गया हर। इससे पुर्व भी आरोपीगण के खिलाफ चोरी के कई मामले दर्ज है ।
करनाल पुलिस की बडी कामयाबी, चोरी की 5 मोटर साईकिल सहित 3 आरोपी धर-दबोचे
दिनांक 26.09.2020 को करनाल पुलिस की क्राइम युनिट एंटी आटो थेफ्ट टीम द्वारा गुप्त सूचना के आधार पर तीन वाहन आरोपियों को को चोरी-शुदा 5 मोटरसाईकिल सहित काबू किया। एन्टी आटो थेफ़्ट स्टाफ इन्चार्ज उप निरीक्षक रोहताश ने बताया कि उनकी टीम को सुचना मिली थी कि दो लडके चोरी की मोटर साईकिल सहित सालवन में है, जो उसे बेचने की फिराक में है। चैकिंग के दौरान 1. रजत पुत्र सिन्दर सिंह 2. अमित पुत्र सतबीर सिंह वासीयान साम्भली को चोरी की मोटर साईकिल सहित सालवन से काबू किया गया। पुछताछ के दौरान आरोपियों से उपरोक्त मोटर साईकिल के अलावा अन्य दो मोटर साईकिल सहित चोरी की तीन वारदात का खुलासा हुआ। आरोपियों द्वारा ये मोटर साईकिल सैक्टर 32-33 थाना व थाना रामनगर के ऐरिया से चोरी की गई थी।
एन्टी आटोथैफट स्टाफ ईन्चार्ज ने बताया कि इसी दिन दुसरी सुचना के आधार पर एक अन्य आरोपी अनिल उर्फ बिल्लू पुत्र मामचंद वासी छापर थाना इन्द्री को दलियानपुर चौक से एक चोरी की मोटर साईकिल सहित काबू किया गया। दौराने पुछताछ आरोपी से मोटर साईकिल चोरी की एक और वारदात का खुलासा हुआ। आरोपी द्वारा यह मोटर साईकिल थाना इन्द्री व थाना सैक्टर 32-33 के क्षेत्र से चोरी की थी।
आरोपियान को आज पेश अदालत किया जाकर जिला जेल भेजा गया।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/09/doctor-murder-case-in-karnal_1562529250.jpeg393750Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-09-28 16:52:242020-09-28 16:53:20पुलिस फ़ाइल, करनाल – 28 सितम्बर
कृषि सुधार बिलों को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है, यह बिल अब कानून हैं। लेकिन इन बिलों पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही। पंजाब और हरियाणा में तो जैसे राजनैतिक भूचाल आ गया है। काँग्रेस किसानों ए नाम पर सड़कों पर उतार चुकी है, जगह जगह धरने प्रदर्शनों की संख्या बढ़ती और अंतराल घटते ही जा रहे हैं। काँग्रेस भले ही किसान हितैषी होने का दम भरे लें राजनीति के जानकारों का मानना है की यह सब चुनावी स्टंट है। हरियाणा में बरौदा और मध्य प्रदेश में 28 विधान सभा उपचुनाव साथ ही बिहार के विधान सभा चुनावों के मद्देनजर यह कांग्रेस का सफल प्रयास है। वहीं ट्रैक्टर जलाने पर आए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बयान की भर्त्सना करते हुए एक दिल्ली निवासी ने कहा कि – ट्रैक्टर आपका जलाना आपने तो ज़मीन हमारी क्यों ?
नयी दिल्ली (ब्यूरो):
आज ही लगभग कुछ घंटे पहले पंजाब यूथ कॉन्ग्रेस के कई कार्यकर्ताओं ने कृषि सुधार बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। राजधानी दिल्ली में हुए इस प्रदर्शन के दौरान इंडिया गेट के पास ट्रैक्टर भी जलाए गए।
इस घटना पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस हरकत का बचाव करते हुए बयान दिया कि अगर कोई अपना ट्रैक्टर जला रहा है तो इसमें क्या परेशानी है? पंजाब CM अमरिंदर सिंह ने बयान देते हुए कहा, “अगर मेरे पास ट्रैक्टर है और मैं उसे आग के हवाले कर दे रहा हूँ। इस बात से कोई दूसरा या तीसरा व्यक्ति क्यों परेशान हो रहा है।”
उन्होंने मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि सुधार विधेयक का शुरुआत से ही विरोध किया था। इसके बाद उन्होंने कहा कि ज़रूरत पड़ी तो राज्य सरकार इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।
ट्रैक्टर जलाने की घटना पर दिल्ली निवासी भड़के हुए दिखाई पड़े। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बड़े ही व्यंग्यात्मक लहजे में कहा,” एक गरीब किसान भाड़े के ट्रक पर एक भंगार ट्रैक्टर लेकर आता है दिल्ली की सड़कों पर उसे जलाता है और फिर बढ़िया सी सफ़ेद रंग की ‘Fortuner’ में बैठ कर चला जाता है। अरे भाई ट्रैक्टर चला कर ही दिखा दिया होता।”
यह भी उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह संसद सत्र के दौरान तीनों कृषि विधेयकों के विरोध में धरने-प्रदर्शन पर भी बैठे थे। जब से मोदी सरकार ने इन तीनों विधयकों में संसद के दोनों सदनों से पारित करवाया है और राष्ट्रपति ने इस पर मोहर लगाई है, तब से कॉन्ग्रेस लगातार इस मामले में झूठी और भ्रामक ख़बरें फैला रही है।
आज ही विरोध प्रदर्शन के नाम पर दिल्ली के इंडिया गेट पहुँचे पंजाब यूथ कॉन्ग्रेस के नेताओं ने एक ट्रैक्टर पलटा और आग के हवाले कर दिया था। इन नेताओं ने उस छोटे ट्रैक्टर को एक ट्रक में डाल कर लाया था, जिसके बाद उसे सड़क पर डाल कर उसमें आग जला दी गई। साथ ही कॉन्ग्रेस कार्यकर्त्ता जलते हुए ट्रैक्टर के पास ‘भगत सिंह अमर रहें’ के नारे भी लगा रहे थे।
पीली पगड़ी व दुपट्टे के साथ पहुँचे कॉन्ग्रेस नेताओं ने विरोध प्रदर्शन के दौरान भगत सिंह की तस्वीरें भी लहराईं। जैसे ही ट्रैक्टर जलाने की सूचना मिली, पुलिस की एक टीम को घटनास्थल पर रवाना किया गया। साथ ही फायर ब्रिगेड की टीम भी मौके पर पहुँची, जिसने आग को बुझाने में सफलता पाई।
ये घटना राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा तीनों कृषि बिलों को मंजूरी देने के 1 दिन बाद हुई। 18 विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति को उन बिलों पर हस्ताक्षर न करने की अपील की थी। मोदी सरकार ने विपक्ष के शोरगुल के बीच सितम्बर 20, 2020 को राज्यसभा में इन्हें पास कराया था। इंडिया गेट पर ट्रैक्टर जलाने के दौरान वहाँ 20 से अधिक कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे। ये घटना सोमवार की सुबह हुई थी।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/09/download-1.jpg186271Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-09-28 14:58:142020-09-28 14:58:16ट्रैक्टर आपका, जलाना आपने तो ज़मीन हमारी क्यों ? : दिल्ली वासी
मकान की रजिस्ट्ररी करवाने के लिए साजिश के तहत हत्या करने के मामले मे पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार ।
मोहित हाण्डा, भा.पु.से., पुलिस उपायुक्त पंचकुला के द्वारा दिये हुऐ निर्देशानुसार जिला पचंकूला मे अपराधो की रोकथाम तथा अपराधियो को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने हेतु । इन्ही निदेर्शो के तहत कार्य करते हुए पुलिस थाना पिन्जौर की टीम ने कल दिनाक 27.09.2020 एक आरोपी को हत्या करने के मामले मे गिरफ्तार किया । गिरफ्तार किये गये आरोपी की पहचान सन्जीव कुमार पुत्र देवदास वासी ढक्कौली जिरकपुरा पंजाब के रुप मे हुई ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सचिन जैन पुत्र नरेन्द्र कुमार मित्तल वासी सै0 26 पंचकुला थाना चण्डीमन्दिर जिला पंचकुला ने पुलिस थाना पिन्जौर मे शिकायतकर दर्ज करवाई कि हम दो भाई है मेरा छोटा भाई अमित अपने परिवार सहित दिल्ली में रहता है और मैं अपने परिवार सहित उपरोक्त पते सैक्टर 26 पचंकुला मे रहता हूं । जो कि शिकायतकर्ता का पिंजौर में पिछले 6/7 सालों से प्रापर्टी व कार सीट कवर का काम है । और इस प्रापर्टी व कार सीट कवर के कार्य में शिकायतकर्ता के पिता जी श्री नरेन्द्र कुमार मित्तल भी मेरे साथ काम में हाथ बंटाते है । शिकायतकर्ता के पिता जी सकुटी पर सुबह जल्दी पिंजौर दुकान पर पहूंच जाते थे और शिकायतकर्ता दुकान पर कुछ समय बाद आता है। क्योंकि शिकायकर्ता का जिरकपुर में भी करियाणा होल सेल का काम भी है । शिकायकर्ता ने बलटाना में पिंकी पत्नी नरेन्द्र सिंह वासी बलटाना से एक 52 गज का मकान न0 189 सैणी विहार फेस 1 बलटाना में खरीदा था जो पिंकी उपरोक्त ने इस मकान की रजिस्ट्री मेरे व मेरे दोस्त सन्नी के नाम करवाई हुई है । और हमने उस मकान का कब्जा ले लिया था जो कुछ समय बाद संजीव कुमार अरोडा व उसके लडके दीपक ने मेरे पिता व मुझ से मिलकर बतलाया कि इस मकान का बयाना पिंकी उपरोक्त ने हमारे नाम कर रखा है और मैने वह पिंकी से किया हुआ बयाना आगे भी किसी को बेच रखा है जो तुम लोग इस मकान की रजिस्ट्री को उसके नाम करवा दो जिससे मैने बयाना पकडा हुआ है । जब मैने व मेरे पिता ने यह बात सुनी तो हम भोचक्के रह गये और हमने संजीव कुमार अरोडा और उसके लडके दीपक को बिलकुल मना कर दिया क्योंकि हमने इस मकान को खरीदने में 14 लाख रुपये खर्च कर रखे थे । जो हमारे मना करने के बाद संजीव कुमार व उसका लडका दीपक हमें फोन करने लग गया और हमें धमकी देने लग गया कि या तो इस मकान की रजिस्ट्री उनके कहे अनुसार करवा दो नहीं तो तुम लोगों को इसका अन्जाम भुगतना पडेगा । पिछले करीब एक महिने से संजीव व उसका लडका दीपक मेरे व मेरे पिता से रंजीश रखने लग गया । मेरे पिता ने मुझे कई बार कहा था कि कभी संजीव कुमार व कभी उसका लडका दीपक आते जाते मेरे पिता का पिछा करते हैं । जिसकी वजह से मेरे पिता जी काफी डर व सदमें में रहते थे । जो आज से चार पांच दिन पहले संजीव कुमार ने मेरे पिता के साथ रजिस्ट्री ट्रांसफर करवाने के बारे में रोक कर गाली गलौच भी की थी । जो उपरोक्त संजीव कुमार व उसका लडका हमारे से रंजीश रखते थे और आज इसी पुरानी रंजीश के चलते संजीव कुमार ने नजदीक HMT मेन पंचकुला शिमला हाईवे पर अपनी कार से सोची समझी साजिश के तहत मेरे पिता जो अपनी साईड में पिंजौर जा रहे थे को पीछे से जान से मारने की नीयत से टक्कर मारी जिससे मेरे पिता की मौका पर ही मौत हो गई । जिस प्राप्त दरखास्त पर कार्यवाही करते हुए पुलिस थाना ने कार्यवाही करते हुए आरोपीयो के खिलाफ अभियोग दर्ज करके अभियोग मे गहनता से जांच करते हुए कल दिनाक 27.09.2020 आरोपी को गिरफ्तार करके माननीय पेश अदालत किया जाकर कार्यवाही की गई ।
पचंकुला पुलिस ने सामुदायिक पुलिसिंग को किया मजबूत
मोहित हाण्डा, भा.पु.से., पुलिस उपायुक्त पंचकुला के द्वारा दिये हुऐ निर्देशानुसार जिला पचंकूला मे अपराधो पर रोकथाम लगाने के लिये सामुदायिक पुलिसिंग (Community Policing) के तहत दिये गये निदेर्शो के तहत कार्यवाही करते हुए पचंकुला पुलिस अपने क्षेत्र में कम्युनिटी पुलिसिंग को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है । पुलिस उपायुक्त पचंकुला ने इस बारे मे पुलिस को एडवाइजरी भी जारी की है ।
जैसे कि अक्सर देखा गया कि गांवों और शहरों में स्थानीय स्तर पर तमाम छोटे मोटे विवाद होते रहते हैं ताकि इन छोटे मोटे विवादो का निपटारा क्षेत्र के संभ्रान्त व्यक्तियों (मौजिज व्यकितयो) का सहयोग लेकर इन विवादों का निपटारा आसानी से किया जा सके इसी के तहत थाने के इलाका के सीनीयर सिटिजन व्यकितो को बुलाकर कोरोणा के बढते सक्रमण के बारे भी जागरुक किया किया इस महामारी पर काबू किया जा सके तथा इलाको सभी सीनियर सीटीजन के साथ बैठकर इलाके के बारे मे किसी भी प्रकार की सम्स्या को हल करने के लिए कहा गया ।
पचंकुला क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र (विशेष रुप से कालका, पिन्जौर, रायपुररानी, चण्डीमन्दिर) में जमीन से जुड़े विवाद या छोटे-मोटे झगडे होते है । पुलिस उपायुक्त पंचकुला ने सभी पुलिस थाना प्रबंधको को निर्देश दिये है कि अपने अपने क्षेत्र मे मौजीज व्यकितयो से सलाह मशवरा करके छोटे मोटे विवादो का निपटारा किया जा सके।
बाल विवाह करने जुर्म मे किया आरोपी को गिरफ्तार
मोहित हाण्डा, भा.पु.से., पुलिस उपायुक्त पंचकुला के द्वारा दिये हुऐ निर्देशानुसार जिला पचंकूला मे अपराधो की रोकथाम तथा अपराधियो को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने हेतु । इन्ही निदेर्शो के तहत कार्य करते हुए पुलिस थाना मन्शा देवी की टीम ने कल दिनाक 27.09.2020 एक आरोपी को नाबालिग के साथ शादी करने के मामले मे आरोपी को किया गिरफ्तार । गिरफ्तार किये गये आरोपी की दलबीर सिह पुत्र गुरनाम सिह वासी धारीवाल जिला गुरदासपुर पजाब के रुप मे हुई ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनाक 20.08.2020 हरियाणा व पजांब के उच्च न्यायालय चण्डीगढ से आदेश प्राप्त हुए थे जिन आदेशो के तहत पुलिस थाना मे प्राप्त होने पर पुलिस थाना की टीम ने छानबीन करके उपरोक्त आरोपी व अन्य आरोपी सलिप्त के खिलाफ अभियोग दर्ज करके कार्यवाही की गई । जो दिनाक 27.09.2020 को मुकदमा अभियोग मे आरोपी को नाबालिग के साथ शादी करने के जुर्म गिरफ्तार करके माननीय पेश अदालत किया जाकर कार्यवाही की गई ।
लूट की वारदात को अन्जाम देने वाले आरोपीयो को गिरफ्तार करने मे पचंकूला पुलिस ने कामयाबी हासिल की
मोहित हाण्डा, भा.पु.से, पुलिस उपायुक्त पंचकुला के द्वारा दिये हुऐ निर्देशानुसार जिला पचंकूला मे अपराधो की रोकथाम तथा अपराधियो को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने हेतु । इन्ही निदेर्शो के तहत कार्य करते हुए क्राईम ब्रांच सैक्टर 26 पचंकूला व पुलिस थाना चण्डीमन्दिर की टीम ने आज दिनाक 28.09.2020 को लूट करने के मामले मे आरोपियो को गिरफ्तार किया गया । जो गिरफ्तार किये गये आरोपीयो की पहचान कुलदीप सिह पुत्र जगजीत सिह वासी जलन्दर पजांब व सुखजीत सिह पुत्र जगदीप सिह वासी एस.ए.एस नगर पजाब के रुप मे हुई ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता सुरेश पुत्र रामलाल गांव बिल्ला थाना चण्डीमन्दिर ने शिकायत दर्ज करवाई कि शिकायतकर्ता अपने माता पिता और अपने बच्चो के साथ शनिदेव मन्दिर नजदीक भाऊ फार्म पर रहता जो दिनांक 07-06-2020 को समय करीब रात 08-30 बजे मै बिल्ला गांव से राशन लेकर अपने मोटरसाईकल सवार होकर बिल्ला गांव से जा रहा था । जैसे ही वह DENTAL COLLEGE की पुरानी बिल्डिंग के पास पहुँचा तो मेरे पिछे से दो नौजवान लडके जो बुल्ट पर सवार थे । उन्होने मेरी मोटर साईकल के आगे अपना बुल्ट लगाकर रोक दिया । आगे वाले लडके ने जो बुल्ट को चला रहा था ने अपनी जेब से पिस्टल निकालकर शिकायतकर्ता को दिखाकर और डरा कर , पिछे वाले लडके ने बुल्ट से उतरकर मेरी जेब से मेरा जबरदस्ती फोन निकाल लिया और निकालकर मुझे मेरी मोटरसाईकल से उतारकर पिछे वाला लडका मेरी मोटरसाईकल पर सवार होकर छीन कर भाग गया और बुल्ट वाला लडका बुल्ट लेकर भाग गया । जिस बारे थाना चण्डीमन्दिर मे शिकायत प्राप्त होने पर धारा 392 IPC 25-54-59 आर्म एक्ट के उपरोक्त आरोपियो के खिलाफ दर्ज करके कार्यवाही की गई । जिस अभियोग मे अनुसधानकर्ता ने अनुसधान मे गहनता से कार्यवाही करते हुए आज दिनाक 28.09.2020 आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया गया है गिरफ्तार किये गये आरोपियो को माननीय पेश अदालत करके दो दिन का पुलिस रिमाण्ड प्राप्त किया गया । ताकि इस अपराध मे या इसे सम्बंन्धित किसी और अपराध मे संलिप्तो का पता लगाया जा सके ।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/panchkula-police-1.jpg250300Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-09-28 12:49:082020-09-28 15:28:48पुलिस फ़ाइल, पंचकुला – 28 सितम्बर
A case U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 has been registered in PS-19, Chandigarh against Raju R/o Village Kishangarh, Chandigarh who was arrested while consuming liquor at a public place near Palika Bazaar Sector-19, Chandigarh on 27.09.2020. Investigation of the case is in progress.
Action against Gambling/Satta
Chandigarh Police arrested Vijay R/o # 529, New Indra Colony, Manimajra, Chandigarh while he was playing satta near Balmiki Mandir, NIC, Manimajra, Chandigarh on 27.09.2020. Total cash Rs. 1050/- was recovered from his possession. In this regard, a case FIR No. 187, U/S 13A-3-67 Gambling Act has been registered in PS-IT Park, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Three arrested for possessing illegal liquor
Chandigarh Police arrested Surinder Kumar R/o # 715/8, BDC, Sector 26, Chandigarh and recovered 24 quarters of country liquor near Fish Market, Shastri Nagar, Manimajra Chandigarh on 27.09.2020. A case FIR No. 188, U/S 61-1-14 Excise Act has been registered in PS-IT Park, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Chandigarh Police arrested Amerika @ Amrik Singh R/o # 04, Village Makhan Majra, Chandigarh and recovered 12 bottles of country liquor near Tubewell, Peer Majar road, Kabari Market, Village Makhan Majra, Chandigarh on 27.09.2020. A case FIR No. 177, U/S 61-1-14 Excise Act has been registered in PS-Mauli Jagran, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Chandigarh Police arrested Sunny @ Nannu R/o # 1/A, EWS Colony, Sunder Nagar, Mauli Jagran, Chandigarh and recovered 25 quarters of country liquor near EWS Colony, Sunder Nagar, Mauli Jagran, Chandigarh on 27.09.2020. A case FIR No. 178, U/S 61-1-14 Excise Act has been registered in PS-Mauli Jagran, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
MV Theft
Amrinder singh R/o # 3276/2, Sector-40D, Chandigarh reported that unknown person stole away complainant’s TVS Apache M/Cycle No. CH01BC-6718 parked near his house on the night intervening 20/21-09-2020. A case FIR No. 296, U/S 379 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Theft
Anuj Raura R/o # 52, Sector 38A, Chandigarh reported that unknown person stole away right side mirror of his Fortuner car No. CH01BW7775 while parked in the front courtyard of his house on 27.09.2020. A case FIR No. 297, U/S 379 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Assault /Rioting
A case FIR No. 295, U/S 147, 148, 149, 324 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh on the complaint of Manoj Kumar R/o # 3525, Sector-37D, Chandigarh who alleged that unknown persons were fighting with each other near Sai Electrical Market, Sector-37D, Chandigarh on 26.09.2020, when complainant tried to pacify them in the meantime one boy hit complainant with sharp edged weapon. Complainant got injured and admitted to GMSH-16, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Prison Act
A case FIR No. 63, U/S 52A-(1) D Prisons (Punjab Amendment Act 2011)has been registered in PS-49, Chandigarh on the complaint of Amandeep Singh, Deputy Superintendent, Model Jail, Chandigarh against inmates of Model Jail, Chandigarh namely Ravinder Singh @ Kali, Rajan Bhatti @ Rajbir, Pardeep @ Naggad that during search 3 mobile phones have been recovered from them on 27.09.2020. Investigation of the case is in progress.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/Chandigarh-Police-Coaching-in-Chandigarh.jpg319889Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-09-28 12:26:552020-09-28 12:28:52Police Files, Chandigarh – 28.09.2020
भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज के लोगो ने हाथरस के गांव बूलगढ़ी में हुई वाल्मीकि समाज की युवती के साथ हुए बलात्कार व शोषण में आरोपियों को कठोर सजा दिलाने के लिए जिला अधिकारी को दिया ज्ञापन।
सहारनपुर दलितों पर हो रहे अत्याचारों व उत्पीड़न के मामले अत्यधिक सामने आ रहे हैं जिसमें अब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों में आक्रोश दिख रहा है आज जिला सहारनपुर के भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज के राष्ट्रीय महामंत्री वीर श्रेष्ठ ओ पी कल्याण व राष्ट्रीय वाल्मीकि क्रांतिकारी युवा मोर्चा के अध्यक्ष डेविड ढिंगीया के नेतृत्व में हकीकत नगर स्थित धरना स्थल पर एकत्रित होकर समस्त कार्यकर्ता सहारनपुर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे तथा जिलाधिकारी अखिलेश सिंह के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम ज्ञापन दिया। ज्ञापन के द्वारा उन्होंने बताया की जिला हाथरस के गांव बूलगढी में वाल्मीकिन समाज की युवती कुमारी मनीषा के साथ गांव के ही 5 युवकों द्वारा बलात्कार कर जान से मारने का प्रयास किया गया जिसके विरोध में हम सभी आज राष्ट्रीय सर्वोच्च निर्देशक स्वामी चंद्रपाल अनार्य के आवाहन पर भावाधस कार्यकर्ताओ व राष्ट्रीय वाल्मीकि क्रांतिकारी युवा मोर्चा के सभी कार्यकर्ता मनीषा को न्याय दिलाने के लिए जिलाधिकारी के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने आए हैं।
भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज राष्ट्रीय महामंत्री वीर श्रेष्ठ ओपी कल्याण ने कहा की हाथरस जिले के गांव बूलगढ़ी में वाल्मीकिन समाज की बेटी की अस्मत लूटने के बाद जिस तरह से दरिंदों ने उसकी कमर और गर्दन की हड्डी तोड़ी है की वह किसी को बता ना सके इससे आशय से उसकी जीभ काटकर जघन्य अपराध किया है जिसे वाल्मीकि समाज बर्दाश्त नहीं करेगा और आरोपी जब तक फांसी के फंदे पर नहीं लटक जाते हम चैन से नहीं बैठेंगे। तथा मनीषा की आर्थिक स्थिति को देखते हुए 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की मांग भी शासन से की गई है तथा राष्ट्रीय वाल्मीकि क्रांतिकारी युवा मोर्चा के अध्यक्ष डेविड ढिंगीया ने कहा की इस घटना से हमारे समाज में आक्रोश है और जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती है तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा और वाल्मीकि समाज सड़कों पर उतरने का काम करेगा हमारी सरकार की यही मांग है कि दोषियों के ऊपर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए।
ज्ञापन देने वालो में भावाधस के प्रांतीय प्रभारी वीर विनोद वैध, मंडल प्रमुख वीर सोनू बिरला एडवोकेट, जिला संयोजक वीर सतीश गोदियाल, वीर संदीप एडवोकेट, वीर बलबीर कांगड़ा, वीर सोनू राजोरिया, वीर ब्रजमोहन शूद, वीर नवीन टाक, गोपाल घावरी, गोविंद बाल्मीकि, चुन्नीलाल, पारस राज, रोहित चनालिया, अमित कुमार आदि मौजूद रहे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/09/asds.jpg501668Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-09-28 12:22:202020-09-28 12:22:55शोषित यूवती के समर्थन में उतरा भा॰वि॰ध॰, सौंपा ज्ञापन
भारत विकास परिषद चंडीगढ़ ,एवं हिंदू पर्व महासभा के द्वारा और प्रो. डी वी राय जी अध्यक्ष भारत विकास परिषद चंडीगढ़ नॉर्थ जोन की प्रेरणा से संयुक्त रूप से चंडीगढ़ के मंदिरों में रुद्राक्ष ( भगवान शिव का साक्षात रूप) के पौधे लगाए जा रहे है।
इस कड़ी में आज 28-9-20 को सेक्टर 28 के बिजली कॉलोनी मंदिर, श्री खेड़ा मंदिर सभा , गवर्नमेंट आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी के सहयोग से विद्वानों द्वारा इन् मंदिरो में पूर्ण विधि-विधान और मंत्रोचार से रुद्राक्ष के पौधे लगाए गए।
इस अवसर भारत विकास परिषद के हरीश चंद्र कुमार जी ( अध्यक्ष ईस्ट ज़ोन ) , श्री मती नीलम गुप्ता जी , अशोक जी , ललित गुप्ता जी, अजय सिंगला जी सचिव नॉर्थ ज़ोन व प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर, श्रीमती विजय सिंगला जी हिंदू पर्व महासभा के बी पी अरोड़ा जी ( अध्यक्ष ) , अजय कौशिक ( लीगल एडवाइजर ), अरुणेश अग्रवाल ( उपाध्यक्ष ), रतन लाल ( सदस्य ), जे के गुप्ता (उपाध्यक्ष ) विशेष रूप से उपस्थित रहे।
इस अवसर पर अनूप गुप्ता जी सपत्नीक और ललित गुप्ता जी से सपत्नीक पूजा अर्चना की। डिस्पेंसरी में वैद राजीव कपिला जी ने स्टाफ के साथ पूजा की
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/09/d3fd39ad-42a4-473b-9b7d-08a0e5f4b2d6.jpg5441152Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-09-28 12:00:132020-09-28 12:02:25भा॰वि॰प॰ और हिन्दू महासभा द्वारा चंडीगढ़ के मंदिरों में ‘रूद्राक्ष’ के पौधे लगाए गए
28 Sep 2020 – 4 Oct 2020 : इस सप्ताह सौम्य ग्रह चंद्रमा का गोचर आपके एकादश, द्वादश और प्रथम भाव में होगा। चंद्र देव के साथ-साथ शुक्र ग्रह का गोचर इस सप्ताह आपके पंचम भाव में होगा। इस सप्ताह के अंत में शुक्र के साथ-साथ एक अन्य प्रमुख गोचर भी होने वाला है। आपके बारहवें घर में वक्री मंगल का गोचर।
सप्ताह की शुरुआत में चंद्रमा का गोचर आपके एकादश भाव में होने से आपको कई स्रोतों से धन लाभ होने की संभावना है। हालांकि इस सप्ताह आपको धन से ज्यादा स्वास्थ्य लाभ पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए आपको स्वस्थ दिनचर्या का पालन करते हुए योग-ध्यान आदि का सहारा लेना चाहिए। यह बात समझ लें कि धन से ज्यादा महत्वपूर्ण आपका स्वास्थ्य है, स्वस्थ तन से ही आप जीवन के सारे आनंद ले सकते हैं। कारोबार करते हैं तो अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की ज़रूरतों का ख्याल रखें।
सप्ताह के अगले चरण में चंद्र देव आपके द्वादश भाव में गोचर कर जाएंगे। इस दौरान आपको थोड़ा सावधानीपूर्वक हर काम को करने की जरुरत है, किसी भी जरूरी काम को करने से पहले घर के लोगों से सलाह मशवरा अवश्य करें। घर से बाहर रहते हैं तो अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
सप्ताह के अंत में चंद्रमा का गोचर आपके प्रथम भाव में होने से शारीरिक रुप से खुद को मजबूत पाएंगे। मानसिक संतुलन को बनाए रखने के लिए प्राणायाम करें। कार्यक्षेत्र में इस राशि के जातक अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे। इस सप्ताह चंद्रमा के अलावा शुक्र ग्रह का गोचर भी होगा, शुक्र देव आपके पंचम भाव में गोचर करेंगे। शुक्र के पंचम भाव में स्थित होने से इस राशि के जातक मनोरंजन के साधनों पर खर्च कर सकते हैं। शिक्षार्थियों को अपनी पढ़ाई पर इस दौरान ध्यान देने की जरुरत है।
मंगल आपके द्वादश भाव में विराजमान रहेंगे इसलिए स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं, अपनी मानसिक स्थिति को दुरुस्त बनाकर रखें और इसके लिए योग-ध्यान का सहारा लें।
उपाय- मंगलवार के दिन दान-पुण्य करना आपके लिए शुभ रहेगा।
वृष साप्ताहिक राशिफल
28 Sep 2020 – 4 Oct 2020 : सितंबर के आखिरी सप्ताह की शुरुआत में चंद्र देव आपके दशम भाव में विराजमान रहेंगे और उसके बाद एकादश और द्वादश भाव में गोचर करेंगे। चंद्रमा के साथ-साथ इस सप्ताह शुक्र देव का गोचर आपके चतुर्थ भाव में होगा। वहीं सप्ताह के अंत में वक्री मंगल आपके एकादश भाव में गोचर करेगा।
सप्ताह की शुरुआत में चंद्र देव जब आपके दशम भाव में रहेंगे तो कार्यक्षेत्र में आप बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं आपके द्वारा किए गए कामों को उच्च अधिकारियों की सराहना भी मिलेगी। इस राशि के जातकों को कार्यक्षेत्र में पदोन्नति मिलने की भी संभावना है। हालांकि इस दौरान आपको अपने अहम भाव को पीछे रखते हुए अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ अच्छा व्यवहार करने की जरूरत है।
सप्ताह के अगले चरण में चंद्र देव आपके एकादश भाव में गोचर कर जाएंगे इस भाव को लाभ का भाव कहा जाता है चंद्र देव के इस भाव में स्थित होने से आपको लाभ होने की पूरी संभावना रहेगी, आर्थिक पक्ष को लेकर कुछ परेशानियां चल रही थीं तो वह भी दूर हो सकती हैं। हालांकि किसी ऐसे शख्स को इस दौरान उधार न दें जिस पर आपको विश्वास ना हो। पारिवारिक जीवन के लिए भी समय अच्छा रहेगा बड़े भाई-बहनों के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा।
सप्ताह के अंत में चंद्रमा का गोचर आपके द्वादश भाव में होने से विदेशों से लाभ हो सकता है खासकर जो कारोबारी विदेशों से जुड़ा व्यापार करते उनके लिए बहुत अच्छा रहने की उम्मीद है। चंद्रमा के द्वादश भाव में स्थित होने से मानसिक परेशानियां होने की संभावना है इसलिए मेडिटेशन का सहारा लेकर आप अपने मन को शांत रखने की कोशिश करें तो अच्छा रहेगा। शुक्र ग्रह का गोचर आपके चतुर्थ भाव में होने से नई प्रॉपर्टी या वाहन खरीदने का विचार बना सकते हैं हालांकि बजट से बाहर जाकर कोई भी चीज खरीदने से बचें। वैसे कुल मिलाकर देखा जाए तो शुक्र ग्रह का यह गोचर वृषभ राशि के जातकों के लिए अच्छा रहने की पूरी उम्मीद है।
वक्री मंगल का गोचर आपके एकादश भाव में होने से आप ऊर्जा से भरे रहेंगे और इस ऊर्जा का सही इस्तेमाल भी कर पाएंगे।
उपाय- घर के मंदिर में घी का दीया जलाएं और दुर्गा माता की पूजा करें।
मिथुन साप्ताहिक राशिफल
28 Sep 2020 – 4 Oct 2020 : इस सप्ताह मिथुन राशि के जातकों के नवम, दशम और एकादश भाव में चंद्रमा का गोचर होगा। जहाँ शुक्र देव आपके तृतीय भाव में गोचर करेंगे। वहीं वक्री मंगल आपके दशम भाव में गोचर करेंगे।
सप्ताह की शुरुआत में शुक्र देव का गोचर आपके तृतीय भाव में होने से कार्यक्षेत्र में आपको अच्छे फल मिलेंगे। यदि कारोबार करते हैं तो उसमें भी मुनाफ़ा मिलने की पूरी संभावना है। काम के संबंध में इस दौरान आप यात्राओं पर भी जा सकते हैं। चंद्रमा के गोचर की बात की जाए तो सप्ताह की शुरुआत में चंद्र-देव आपके नवम भाव में गोचर करेंगे और पारिवारिक जीवन में आपको सकारात्मक फल देंगे। यदि पिता के साथ किसी तरह का मनमुटाव था तो वह इस दौरान दूर हो सकता है। अपने पिता से आप जीवन के विभिन्न पक्षों के बारे में विशेष सलाह ले सकते हैं। धार्मिक यात्रा पर जाने के भी आसार हैं।
सप्ताह के अगले चरण में चंद्र देव आपके दशम भाव में गोचर कर जाएंगे। कार्यक्षेत्र में इस दौरान थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है, हालांकि आपके उच्च अधिकारी आपके काम से प्रभावित रहेंगे लेकिन आपके अधीनस्थ कर्मचारी आपके खिलाफ साजिशें कर सकते हैं। यदि किसी तरह का आइडिया आपके दिमाग में है तो उसे किसी को बताने से पहले सीधे उच्च अधिकारियों को बताएं।
दसवें घर में वक्री मंगल के गोचर के परिणामस्वरूप इस दौरान आपका रवैया थोड़ा आक्रामक हो सकता है, आपको अपने आक्रामक रवैए पर नियंत्रण रखने की जरूरत है नहीं तो बने बनाए काम भी बिगड़ सकते हैं।
सप्ताह के अंत में चंद्रमा का गोचर आपके एकादश भाव में हो जाएगा इस दौरान बीते समय में की गई आपकी मेहनत का फल आपको मिलेगा आप अपना व्यवसाय शुरू करने के बारे में भी विचार बना सकते हैं। हालांकि इस तरह के बड़े फैसले लेने से पहले अनुभवी लोगों की सलाह अवश्य लें।
उपाय- प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
कर्क साप्ताहिक राशिफल
28 Sep 2020 – 4 Oct 2020 : इस सप्ताह चंद्रमा का गोचर आपके अष्टम, नवम और दशम भाव में होगा। शुक्र देव आपके द्वितीय भाव में गोचर करेंगे। वहीं सप्ताह के अंत में योगकारक ग्रह मंगल आपके नवम भाव में गोचर करेंगे।
कर्क राशि के जातकों के लिए सप्ताह की शुरुआत बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती चंद्रमा के अष्टम भाव में होने से आप में लापरवाही भरा रवैया देखा जा सकता है। इस दौरान आप जरूरी कामों को भी टाल सकते हैं। जरूरी कामों को टालना बाद में आपको मानसिक तनाव भी दे सकता है। इसलिए कामों को टालने से बचें और समय पर हर काम को निपटाने की कोशिश करें। इस राशि के जो जातक गूढ़ विषयों का अध्ययन कर रहे हैं उनके लिए समय अच्छा रहेगा।
सप्ताह के मध्य में चंद्र देव आपके नवम भाव में गोचर कर जाएंगे इस भाव को धर्म भाव भी कहा जाता है, इस भाव में चंद्रमा के गोचर से आप धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे साथ ही अपने घर वालों के साथ मिलकर किसी धार्मिक यात्रा पर जाने का प्लान भी बना सकते हैं। नवम भाव में चंद्रमा के गोचर से आपके भाग्य में भी वृद्धि होगी और इस राशि के पेशेवर लोगों को कार्यक्षेत्र में अच्छे फलों की प्राप्ति हो सकती है।
चंद्रमा के अलावा मंगल ग्रह का गोचर आपके नवम भाव में इस सप्ताह होगा जिससे रिश्तों में उतार-चढ़ाव आ सकता है। आप अपनी भावनाएं खुलकर अपने करीबियों के सामने नहीं रख पाएंगे, जिससे आपको भी परेशानी होगी और आपके करीबियों को भी। जो जातक उच्च शिक्षा अर्जित कर रहे हैं उन्हें अत्यधिक परिश्रम करना पड़ेगा।
सप्ताह के अंत में चंद्रमा का गोचर आपके दशम भाव में होने से उच्च अधिकारियों के साथ किसी जरूरी मुद्दे को लेकर बातचीत हो सकती है आप कोई नया आइडिया अपने बॉस को दे सकते हैं जिससे बॉस की नज़रों में आपकी छवि सुधरेगी। यदि आप नौकरी परिवर्तन करने की कोशिश कर रहे हैं तो किसी दोस्त के जरिए आपको फायदा मिल सकता है। चंद्रमा के अलावा शुक्र ग्रह का गोचर आपके द्वितीय भाव में होगा इस भाव में शुक्र की स्थिति से आपको पारिवारिक व्यवसाय में लाभ प्राप्त होगा। अपनी वाणी के दम पर आप सामाजिक स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे।
उपाय- घर या दफ्तर में चंद्र यंत्र की स्थापना करें।
सिंह साप्ताहिक राशिफल
28 Sep 2020 – 4 Oct 2020 : इस सप्ताह चंद्रमा का गोचर आपके सप्तम, अष्टम और नवम भाव में होगा। वहीं शुक्र देव आपके लग्न यानि कि प्रथम भाव में गोचर करेंगे। वहीं सप्ताह के अंत में ग्रहों में सेना नायक का दर्जा प्राप्त मंगल ग्रह वक्री अवस्था में आपके अष्टम भाव में प्रवेश करेंगे।
सप्ताह की शुरुआत में सप्तम भाव में चंद्रमा के गोचर से आपको साझेदारी के बिज़नेस में मुनाफ़ा हो सकता है। हालांकि साझेदार के साथ हर मामले को लेकर आपको पारदर्शिता अपनानी चाहिए उनसे ऐसी कोई भी बात ना छुपाए जिससे आने वाले समय में आप दोनों के बीच अलगाव हो जाए। इस राशि के विवाहित जातकों के लिए यह सप्ताह अच्छा रहेगा आपको जीवनसाथी के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा।
सप्ताह के मध्य में चंद्रमा का गोचर आपके अष्टम भाव में होने से आपको अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है इस समय आपको अपने शरीर को फिट रखने के लिए योगासन करने चाहिए धनुरासन और सूर्य नमस्कार आपके लिए बहुत फ़ायदेमंद साबित होंगे। यदि किसी विषय को लेकर शोध कार्य शुरु करना चाहते हैं तो सप्ताह के इस भाग से आप शुरू कर सकते हैं।
चंद्रमा के अलावा इस सप्ताह मंगल का गोचर आपके अष्टम भाव में होगा मंगल का गोचर आपके लिए बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता अपनी मेहनत के अनुसार आपको फलों की प्राप्ति नहीं होगी, आत्मविश्वास में कमी देखी जा सकती है इसलिए आपको इस दौरान ग़लतियों को दोहराने से बचना चाहिए और खुद को एकाग्र रखने के लिए योग ध्यान आदि का सहारा लेना चाहिए।
सप्ताह के अंत में चंद्रमा का गोचर आपके नवम भाव में होने से पारिवारिक जीवन में ख़ुशियाँ आएंगी और भाग्य का आपको पूर्ण सहयोग मिलेगा, जिससे बड़ी उपलब्धि आप अपने जीवन में हासिल कर सकते हैं। यदि विद्यार्थी हैं तो आपके ज्ञान से आपके सहपाठी प्रभावित होंगे। गुरुजनों का भी आपको पूरा साथ इस दौरान प्राप्त होगा। आवेश में आकर कोई भी काम करने से इस दौरान बचें। शुक्र ग्रह का गोचर आपके लग्न भाव में होने से रचनात्मकता में वृद्धि होगी करियर को बेहतर दिशा देने के लिए आप दृढ़ संकल्प होंगे और इसके लिए जी तोड़ मेहनत भी करेंगे।
उपाय- सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य दें।
कन्या साप्ताहिक राशिफल
28 Sep 2020 – 4 Oct 2020 : कन्या राशि के जातकों के षष्ठम, सप्तम और अष्टम भाव में इस सप्ताह चंद्रमा का गोचर होगा। वहीं शुक्र देव आपके द्वादश भाव में गोचर करेंगे। वहीं, चंद्र देव के अलावा मंगल ग्रह का गोचर भी इस सप्ताह होगा और मंगल देव वक्री अवस्था में आपके सप्तम भाव में गोचर करेंगे।
सप्ताह की शुरुआत में आपके षष्ठम भाव में चंद्रमा का गोचर आपके लिए अत्यधिक शुभ रह सकता है। इस दौरान आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। यदि किसी पुरानी बीमारी से परेशान थे तो वह भी दूर हो सकती है। कार्यक्षेत्र में भी आपको अच्छे फलों की प्राप्ति होगी हालांकि अपने विरोधियों से सतर्क रहें।
सप्ताह के अगले चरण में चंद्र देव आपके सप्तम भाव में गोचर कर जाएंगे इस भाव को विवाह भाव भी कहा जाता है, इस भाव में चंद्रमा के गोचर से आपके दांपत्य जीवन में थोड़ी बहुत परेशानी आ सकती हैं इस समय आपको अपने जीवनसाथी की बातों को दिमाग से नहीं दिल से समझने की जरूरत है। इस राशि के जो कारोबारी साझेदारी में बिज़नेस करते हैं उनके लिए भी थोड़ी बहुत समस्याएं पैदा हो सकती हैं। साझेदार की कोई बात आपको बुरी लग सकती है और आप दोनों के बीच अलगाव की स्थिति बन सकती है, इसलिए सोच समझकर आगे बढ़ें।
मंगल ग्रह का गोचर आपके सातवें भाव में होने से कार्यक्षेत्र में उतार-चढ़ाव देखे जा सकते हैं इस दौरान जल्दबाजी में आकर कोई भी फैसला नहीं लेना चाहिए। यदि साझेदारी में बिज़नेस करते हैं तो खुलकर अपनी बातों को स्पष्ट करें और अपने साझेदार की बातों को जानने की भी कोशिश करें।
सप्ताह के अंत में चंद्रमा का गोचर अष्टम भाव में होने से इस राशि के जातक आध्यात्मिक विषयों में रुचि ले सकते हैं। आप लोगों से ज्यादा मिलना जुलना इस दौरान पसंद नहीं करेंगे और एकांत में समय बिताना चाहेंगे। चंद्रमा के अलावा इस सप्ताह शुक्र का गोचर भी होगा, शुक्र ग्रह आपके द्वादश भाव में गोचर करेंगे। शुभ ग्रह शुक्र का द्वादश भाव में गोचर आपके लिए बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता अपने स्वास्थ्य को लेकर आपको सावधानी बरतनी होगी। आर्थिक रूप से भी आप कमजोर हो सकते हैं इसलिए इस दौरान धन की बचत ज्यादा से ज्यादा करें।
उपाय- प्रतिदिन शिव भगवान की पूजा करें।
तुला साप्ताहिक राशिफल
28 Sep 2020 – 4 Oct 2020 : इस सप्ताह चंद्रमा का गोचर आपके पंचम, षष्ठम और सप्तम भाव में होगा वहीं सौंदर्य और रचनात्मकता के देवता शुक्र आपके एकादश भाव में गोचर करेंगे। वहीं सप्ताह के अंत में मंगल देव वक्री अवस्था में आपके षष्ठम भाव में गोचर करेंगे।
सप्ताह की शुरुआत में चंद्र देव जब आपके पंचम भाव में रहेंगे तो आपकी बौद्धिक क्षमता का विकास होगा जिससे शिक्षा के क्षेत्र में इस राशि के जातकों को शुभ फलों की प्राप्ति होगी। इस राशि के जो जातक उच्च शिक्षा अर्जित कर रहे हैं उन्हें मनचाहे शिक्षा संस्थान में दाख़िला मिल सकता है। इसके साथ ही आप अपने कला कौशल से भी लोगों को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि इस राशि के जिन जातकों की संतान है उन्हें अपनी संतान के प्रति अत्यधिक भावुक होने की बजाय प्रैक्टिकल होना चाहिए और उनमें सुधार करने के लिए उनके साथ वक्त बिताना चाहिए।
सप्ताह के मध्य में चंद्र-देव आपके षष्ठम भाव में होंगे इस भाव में चंद्रमा के गोचर से विरोधियों पर आप हावी रहेंगे जिससे आपको कार्यक्षेत्र में अच्छे फलों की प्राप्ति होगी। कोर्ट कचहरी के मामले में भी इस राशि के जातकों को सफलता मिल सकती है।
इस सप्ताह के अंत में मंगल का गोचर आपके षष्ठम भाव में होने से आप में प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ेगी जिससे जीवन में आने वाली बड़ी से बड़ी रुकावट दूर हो सकती है। इस राशि के कुछ जातक उधार चुका पाने में भी इस दौरान सक्षम होंगे।
सप्ताह के अंत में चंद्रमा का गोचर आपके सप्तम भाव में होने से पारिवारिक जीवन में संगतता बनी रहेगी, यदि किसी सदस्य के साथ आपका मनमुटाव था तो वह भी इस दौरान दूर हो सकता है। जीवनसाथी के परिवार वालों से मुलाकात होने की भी संभावना है। शुक्र ग्रह का गोचर इस सप्ताह आपके एकादश भाव में होगा इस भाव के लाभ भाव भी कहा जाता है, इस दौरान आप अत्यधिक महत्वाकांक्षी हो सकते हैं और लाभ कमाने के लिए ज्यादा से ज्यादा मेहनत कर सकते हैं। प्रेम संबंधों के लिए भी है समय अच्छा है।
उपाय- बहन या बुआ को उपहार दें।
वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल
28 Sep 2020 – 4 Oct 2020 : इस सप्ताह चंद्रमा का गोचर आपके चतुर्थ, पंचम और षष्ठम भाव में होगा। जहाँ शुक्र देव आपके दशम भाव में गोचर करेंगे। वहीं मंगल ग्रह आपके पंचम भाव में गोचर करेगा।
सप्ताह की शुरुआत में चंद्र देव जब आपके चतुर्थ भाव में रहेंगे तो सुख साधनों में वृद्धि होगी। आप नया घर खरीदने या घर में नवीनीकरण का काम कराने के बारे में सोच सकते हैं। माता के स्वास्थ्य को लेकर इस दौरान आप चिंतित हो सकते हैं इसलिए उनका ध्यान रखें यदि उनको छोटी सी परेशानी भी है तो तुरंत किसी अच्छे चिकित्सक के पास उन्हें ले जाएं।
सप्ताह के मध्य में चंद्र देव आपके पंचम भाव में गोचर कर जाएंगे यह शिक्षा और संतान का भाव कहा जाता है इस भाव में चंद्रमा के गोचर से आपकी संतान शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है जिससे घर का माहौल भी बदलेगा और घर में सकारात्मकता आएगी। प्रेम से जुड़े मामलों को लेकर थोड़ा सावधान रहें यदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियाँ कर रहे हैं तो यारी-दोस्ती के चक्कर से दूर होकर अपनी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। बौद्धिक क्षमता का विकास करने के लिए आपको अपने शरीर पर भी ध्यान देने की जरूरत है जितना आप शारीरिक रूप से तंदुरुस्त होंगे उतना ही मानसिक रूप से भी खुद को दुरुस्त पाएंगे।
मंगल का गोचर आपके पंचम भाव में होने से आपके प्रयासों को नई गति मिल सकती है और आप शिक्षा, व्यवसाय आदि क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। हालांकि अपने स्वभाव पर आपको थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है आपके स्वभाव में चिड़चिड़ापन देखा जा सकता है।
सप्ताह के अंत में चंद्रमा का गोचर आपके षष्ठम भाव में हो जाएगा यह समय आपके लिए अच्छा रहेगा आप अपने प्रयासों के दम पर सफलता अर्जित कर पाने में सक्षम होंगे। इस राशि के जो जातक नौकरी पेशा हैं उन्हें कार्यक्षेत्र में अच्छे फलों की प्राप्ति होगी। आपके दुश्मन भी इस दौरान आपके दोस्त बन सकते हैं क्योंकि आपका व्यवहार सबके साथ ही इस दौरान बहुत अच्छा रहेगा। चंद्रमा के अलावा इस सप्ताह शुक्र ग्रह का गोचर भी होगा शुक्र देव आपके दशम भाव में गोचर करेंगे इससे नेतृत्व करने की आपकी क्षमता में वृद्धि होगी। आपको आपके कार्यक्षेत्र में कोई अच्छा पद भी इस दौरान मिल सकता है मीडिया से जुड़े हैं तो आपके काम को सराहना मिल सकती है।
उपाय- मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
धनु साप्ताहिक राशिफल
28 Sep 2020 – 4 Oct 2020 : इस सप्ताह चंद्रमा का गोचर आपके तृतीय, चतुर्थ और पंचम भाव में होगा। शुक्र देव आपके नवम भाव में गोचर करेंगे। चंद्रमा के साथ-साथ मंगल ग्रह भी इस सप्ताह के अंत में राशि परिवर्तन करेंगे और आपके चतुर्थ भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे।
सप्ताह की शुरुआत में तृतीय भाव में चंद्रमा का गोचर आपको नई ऊर्जा से भर देगा। इस समय आप अपने आसपास के लोगों को भी अपने व्यवहार से प्रभावित कर सकते हैं। यदि मीडिया के क्षेत्र से जुड़े हैं तो कोई नई उपलब्धि मिल सकती है। सोशल मीडिया के किसी माध्यम से कोई खुशख़बरी मिलने की भी पूरी संभावना है।
सप्ताह के अगले चरण में चंद्र देव आपके चतुर्थ भाव में गोचर कर जाएंगे। इस भाव मे चंद्रमा के गोचर से पारिवारिक स्थिति में सुधार आ सकता है। माता के साथ आपके संबंध सुधरेंगे। हालांकि आर्थिक पक्ष को लेकर थोड़ा सावधान रहने की जरुरत है। यदि आपने किसी से उधार लिया था तो इस दौरान वो आपसे पैसा वापस मांग सकता है।
मंगल ग्रह का गोचर आपके चतुर्थ भाव में होने से आप घर में नवीनीकरण का काम करवा सकते हैं। माता के स्वास्थ्य को लेकर इस दौरान आपको सावधान रहने की जरूरत है साथ ही आपको अपने स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना होगा।
सप्ताह के अंत में चंद्रमा का गोचर आपके पंचम भाव में होने से प्रेम संबंधों में परेशानियां सकती हैं। यह भाव शिक्षा और बुद्धि का भी होता है इसलिए इस भाव में चंद्रमा की स्थिति से अपनी तीक्ष्ण बुद्धि से इस राशि के शिक्षार्थी कई मुश्किलों से पार पा सकते हैं। पारिवारिक जीवन के लिए यह समय अच्छा रहेगा आप अपने घर के छोटे सदस्यों के साथ वक्त बिता सकते हैं। चंद्रमा के अलावा इस सप्ताह शुक्र ग्रह का गोचर आपके नवम भाव में होगा। शुक्र आपके षष्ठम और एकादश भाव का स्वामी भी है इसलिए आपकी सेहत इस दौरान अच्छी रहेगी। हालांकि पिता के साथ कुछ मतभेद पैदा हो सकते हैं, इन मतभेदों को दूर करने के लिए पिता के साथ खुलकर बातें करें।
उपाय- अपने गुरुजनों का सम्मान करें और उन्हें कोई उपहार दें।
मकर साप्ताहिक राशिफल
28 Sep 2020 – 4 Oct 2020 : शनि की स्वामित्व वाली मकर राशि के जातकों के द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ भाव में इस सप्ताह चंद्रमा का गोचर होगा। जहाँ शुक्र देव आपके आयुर भाव यानि अष्टम भाव में गोचर करेंगे। वहीं मंगल ग्रह आपके तृतीय भाव में गोचर करेंगे।
सप्ताह की शुरुआत बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती इस दौरान आपकी वाणी में कठोरता देखने को मिलेगी जिससे क़रीबी लोग भी आपसे दूरी बना सकते हैं। द्वितीय भाव में चंद्रमा की स्थिति आर्थिक स्थिति को भी खराब कर सकती है, इसलिए धन का इस्तेमाल सोच समझकर करें। जमा-पूँजी को खर्च करने के बारे में न सोचें नहीं तो भविष्य में किसी बड़ी मुश्किल में पड़ सकते हैं। परिवार के लोगों के साथ बातचीत के दौरान मर्यादाओं में रहें।
सप्ताह के मध्य में चंद्र देव जब आपके तृतीय भाव में होंगे तो बिगड़े हालात सुधर सकते हैं। अपने कार्यक्षेत्र में इस राशि के जातक अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे जिससे आमदनी में वृद्धि होने की संभावना है। पारिवारिक जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आएँगे, छोटे भाई-बहनों के साथ अच्छा वक्त बिता सकते हैं।
मंगल ग्रह का गोचर आपके तृतीय भाव में होने से आप अत्यधिक महत्वाकांक्षी हो सकते हैं। एथलेटिक्स या खेल में जो लोग भाग लेंगे उनको इस दौरान सफलता मिल सकती है।
सप्ताह के अंत में चंद्र देव आपके चतुर्थ भाव में गोचर कर जाएंगे। इस गोचर के चलते माता के साथ कुछ मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं। इन मतभेदों को दूर करने का प्रयास करें और खुलकर अपनी माता से बातचीत करें। हालांकि इस राशि के कुछ जातकों को जीवन का आनंद उठाने का इस समय पूरा मौका मिलेगा। आप मनोरंजन के साधनों पर दिल खोलकर खर्च कर सकते हैं। चंद्रमा के साथ-साथ इस सप्ताह शुक्र ग्रह का गोचर भी होने जा रहा है। शुक्र देव आपकी राशि से अष्टम भाव में गोचर करेंगे। इस भाव में शुक्र की स्थिति से संतान पक्ष को लेकर आपको चिंताएं हो सकती हैं। मानसिक परेशानियों से भी आपको दो चार होना पड़ सकता है। ऐसे समय में आपको प्रणायाम आदि का सहारा लेना चाहिए, इससे जीवन में अच्छे बदलाव आएँगे।
उपाय- किसी को धोखा न दें और हमेशा सत्य बोलें।
28 Sep 2020 – 4 Oct 2020 :
कुम्भ साप्ताहिक राशिफल
28 Sep 2020 – 4 Oct 2020कुंभ राशि के जातकों के प्रथम, द्वितीय और तृतीय भाव में इस सप्ताह चंद्रमा का गोचर होगा। शुक्र ग्रह आपके सप्तम भाव में गोचर करेंगे। वहीं मंगल देव इस सप्ताह के अंत में आपके द्वितीय भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे।
सप्ताह की शुरुआत आपके लिए बेहतरीन रहेगी आपके लग्न भाव में चंद्रमा की स्थिति आपको कई मानसिक परेशानियों से निजात दिलाने वाली साबित होगी, जिसके चलते पारिवारिक जीवन में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। इस भाव में चंद्रमा के गोचर से आप आध्यात्मिक विषयों में भी रुचि ले सकते हैं। अपने समय का सही इस्तेमाल कैसे करना है इसका भी आप प्लान बना सकते हैं।
सप्ताह के मध्य भाग में चंद्र देव आपके द्वितीय भाव में गोचर कर जाएंगे। इस दौरान कुंभ राशि के जो जातक नौकरी पेशा हैं या कारोबार करते हैं उन्हें बहुत संभलकर रहने की जरुरत है, आर्थिक नुक्सान होने की संभावना है। इस दौरान लेन-देन ना ही करें तो आपके लिए बेहतर रहेगा। इसके साथ ही सामाजिक स्तर पर भी आपको संभलकर रहने की जरुरत है, बातचीत के दौरान शब्दों का चयन बहुत संभलकर करें।
इस राशि के जातकों के द्वितीय भाव में इस सप्ताह मंगल का गोचर होगा जिससे आर्थिक मामलों को लेकर आपको सावधान रहने की जरूरत है। भविष्य को सुधारने के लिए विचार-विमर्श करके ही किसी तरह का निवेश करें। अत्यधिक मसालेदार भोजन खाने से बचें नहीं तो पेट से जुड़ी समस्या हो सकती है।
सप्ताह के अंत में चंद्र देव आपके तृतीय भाव में गोचर कर जाएंगे। इस भाव को साहस और पराक्रम का भाव कहा जाता है। इस भाव में चंद्रमा के स्थित होने से आपको मनचाहे परिणामों की प्राप्ति हो सकती है। जिन लोगों से आपको उम्मीद भी नहीं थी उनसे भी कोई विशेष सलाह मिल सकती है। यदि सोशल मीडिया चलाते हैं तो आपका कोई कंटेंट लोगों द्वारा खूब पसंद किया जाएगा। चंद्रमा के अलावा इस सप्ताह शुक्र ग्रह का गोचर आपके सप्तम भाव में होगा। दांपत्य जीवन पर इस गोचर का बुरा प्रभाव पड़ सकता है इसलिए संभलकर रहें। हालांकि इस राशि के कारोबारियों के लिए यह गोचर कई अच्छे अवसर लेकर आएगा और लाभ कमाने का मौका कारोबारियों को मिलेगा।
उपाय- प्रत्येक शनिवार को हनुमानाष्टक का पाठ करें।
मीन साप्ताहिक राशिफल
28 Sep 2020 – 4 Oct 2020 : इस सप्ताह चंद्रमा का गोचर आपके द्वादश, प्रथम और द्वितीय भाव में होगा। शुक्र देव आपके षष्ठम भाव में गोचर करेंगे। वहीं मंगल ग्रह आपके लग्न यानी प्रथम भाव में वक्री गोचर करेंगे।
द्वादश भाव में चंद्रमा का गोचर जीवन में उतार-चढ़ाव ला सकता है। इस समय जल्दबाजी में आपको कोई भी फैसला नहीं लेना चाहिए नहीं तो नुक्सान हो सकता है। स्वास्थ्य को लेकर भी इस राशि के जातकों को सावधान रहने की आवश्यकता है, बाहर का तला-भुना भोजन आपको बीमार कर सकता है। इस राशि के कारोबारियों के लिए यह समय अच्छा रहेगा खासकर उनके लिए जो विदेशों से जुड़ा कारोबार करते हैं।
सप्ताह के अगले चरण में चंद्र देव आपके प्रथम भाव में गोचर कर जाएंगे। इस भाव में चंद्रमा के गोचर से जीवन की कुछ परेशानियां दूर हो सकती हैं। आप मन से ज्यादा बुद्धि का प्रयोग करेंगे और आपके लिए जो बेहतर है उस काम को प्राथमिकता देंगे। इस राशि के कुछ जातक सकारात्मक बदलावों के लिए दुनिया से कुछ समय के लिए दूर हो सकते हैं। आप अकेले ही किसी यात्रा पर निकल सके हैं। पारिवारिक जीवन में माता-पिता का सहयोग जीवन की कई परेशानियों को दूर करेगा।
मंगल ग्रह का गोचर आपके प्रथम भाव में होने से आपके कुछ कामों में देरी आ सकती है स्वास्थ्य को लेकर भी आपको सावधान रहना होगा, त्वचा आदि से संबंधित कुछ दिक्कतें आ सकती हैं इसलिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और दिन में समय निकालकर योगा व्यायाम आदि भी करें।
सप्ताह के अंत में चंद्रमा का गोचर आपके द्वितीय भाव में होने से धन कमाने की आपकी इच्छा और बलवती हो सकती है। कुछ जातक गलत तरीके से पैसे कमाने में भी नहीं हिचकिचाएंगे, हालांकि हमारी आपको यही सलाह रहेगी कि पैसे के लिए किसी भी तरह का गलत मार्ग न अपनाएं नहीं तो आने वाले वक्त में परेशानियों में पड़ सकते हैं। लोगों के साथ बातचीत के दौरान आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना होगा, आपकी कोई बात आपके किसी क़रीबी को आहत कर सकती है। शुक्र ग्रह का गोचर आपके षष्ठम भाव में होने से स्वास्थ्य में गिरावट आने की संभावना है इसलिए खुद को फिट रखने के लिए योग आदि करें। कार्यक्षेत्र में होने वाली राजनीति और वाद-विवाद से जितना दूर रहेंगे उतना आपके लिए अच्छा रहेगा।
उपाय- ब्राह्मणों को बृहस्पतिवार के दिन दान दें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/07/unnamed.jpg256512Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-09-28 01:47:102020-09-28 01:51:35साप्ताहिक राशिफल, 28 Sep 2020 – 4 Oct 2020
आज 28 सितंबर को हिंदू पंचांग के अनुसार सोमवार है. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित माना जाता है. सोमवार यानी भगवान शिव का दिन और सोम यानी चंद्रमा का दिन. तो इस दिन सुबह उठकर आप भगवान शिव के दर्शन कर शिव चालीसा या शिवाष्टक का पाठ कर सकते हैं. इससे भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और आपकी समस्याएं अपने आप हल होती जाती हैं.
विक्रमीसंवत्ः 2077,
शकसंवत्ः 1942,
मासः आश्विनी़, अधिक (मल) मास प्रारम्भ,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः द्वादशी रात्रि 08.59 तक है,
वारः सोमवार,
नक्षत्रः धनिष्ठा रात्रि 10.38 तक,
योगः धृति सांय 07.14 तक,
करणः बव,
सूर्य राशिः कन्या,
चंद्रराशिः मकर,
राहुकालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 06.16,
सूर्यास्तः 06.07 बजे।
नोटः आज प्रातः 09.41 से पंचक प्रारम्भ हो रहे हैं। पंचक काल में तृण, काष्ठ, धातु का संचय व भवन निर्माण और नवीन कार्य तथा यात्रा आदि कर्म वर्जित होते हैं।पंचक काल में शव दाह का भी निषेध होता है। चूंकि शव को इतनी लंबी अवधि हेतु रोकना देश काल परिस्थिति के अनुसार मुश्किल हैं, अतः योग्य वैदिक ब्रह्मण की सलाह लेकर पंच पुतलों का दाह और पंचक नक्षत्रों की शांति विधि पूर्वक करानी चाहिए। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि मृतक व्यक्ति के परिवार व संबंधियों में से ही पाॅच व्यक्तियों के अकालमृत्यु होने की आशंका बनी रहती है।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/06/panchang1.jpg536728Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-09-28 01:12:092020-09-28 01:13:31पंचांग, 28 सितम्बर 2020
आज शुक्रवार का दिन है. हिंदू पंचांग के अनुसार लक्ष्मी देवी का दिन ज्योतिष विद्या के अनुसार शुक्रवार माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी का पूजन करने वो प्रसन्न होती हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. शुक्रवार का दिन शुक्र ग्रह का होता है और शुक्र ग्रह सौंदर्य, ऐश्वर्य, वैभव, कला, संगीत, काम वासना एवं सभी प्रकार के सांसारिक सुखों का कारक माना जाता है. साथ ही माता लक्ष्मी का आशीर्वाद सदैव बना रहता है.
25 सितंबर 2020- आज का पंचांग
आज की तिथि- नवमी- 18:43 तक
आज सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय का समय : 06:11 सूर्यास्त का समय : 18:14 चंद्रोदय का समय: 14:21 चंद्रास्त का समय : 24:52
हिन्दु लूनर दिनांक शक सम्वत: 1942 शर्वरी
विक्रम सम्वत: 2077 प्रमाथी
गुजराती सम्वत: 2076
चन्द्रमास: अश्विन– अमान्त अश्विन – पूर्णिमान्त
नक्षत्र : पूर्व आषाढ़– 18:31 तक आज का करण : बालव– 06:48 तक कौलव- 18:43 तक
आज का योग: शोभना- 20:39 तक
आज का वार : शुक्रवार
आज का पक्ष : शुक्ल पक्ष
आज का शुभ मुहूर्त
अभिजित मुहूर्त 11:49 – 12:36 बजे तक रहेगा. अमृत काल 13:39 – 15:16 बजे तक रहेगा.
आज का अशुभ मुहूर्त
दुर्मुहूर्त 08:38 – 09:26, 12:36 – 13:24 बजे तक रहेगा. वर्ज्य मुहूर्त 26:49 – 28:29 बजे तक रहेगा. राहुकाल 10:43 – 12:12 बजे तक रहेगा. गुलिक काल 07:44 – 09:14 बजे तक रहेगा, वहीं यमगण्ड 15:11 – 16:41 बजे तक रहेगा.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/04/panchang-331_201907101529.jpg514686Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-09-25 02:15:082020-09-25 02:15:54पंचांग, 25 सितंबर 2020
कृषि हितैषी होने के दावों के बीच मोदी सरकार के खिलाफ 2014 से लेकर अब तक कई बड़े किसान आंदोलन हो चुके हैं. अब कृषि सुधार कानून के बहाने किसान संगठनों और विपक्षी पार्टियों को एक बार फिर से सरकार के खिलाफ लामबंद होने का बहाना मिल गया है. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने 25 सितंबर को भारत बंद बुलाया है. विपक्षी दलों ने इसे खाद पानी देना शुरू कर दिया है. बिहार विधानसभा चुनाव सिर पर हैं जहां ज्यादातर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नहीं मिलता, क्योंकि वहां 2016 से ही किसान बाजार के हवाले है. वहां सरकार ने पिछले पांच साल में कुल उत्पादन का एक फीसदी गेहूं भी नहीं खरीदा है. सरकार जेडीयू और बीजेपी चला रहे हैं.
चंडीगढ़ – 24 सितंबर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्हें किसानों के लिए रक्षा कवच कह रहे हैं. उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए ये किसानों की मौत का फरमान हैं. इससे भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि कृषि से जुड़े और संसद से पारित हो चुके तीन विधेयकों पर राय के जो दो छोर हैं उनके बीच कितना फासला है. देश के कई राज्यों में किसान इन विधेयकों पर गुस्से का इजहार करते हुए सड़क पर हैं और कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी पार्टियां उनके साथ खड़ी हैं. दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि विधेयकों में किसानों का बेहतर भविष्य छिपा है और विपक्ष उन्हें बहका रहा है.
कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक
आगे बढ़ने से पहले इन तीनों विधेयकों के बारे में जानते हैं. संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुके ये तीनों विधेयक राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बनने वाले हैं. इनमें पहला है कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक. इसमें प्रावधान है कि किसान अपनी उपज को मंडी के बाहर देश में कहीं भी बेच सकता है. इस विधेयक के अध्याय दो के तीसरे बिंदु में कहा गया है, ‘किसी भी किसान, व्यापारी या इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग एंड ट्रांज़ैक्शन प्लेटफॉर्म को राज्य के भीतर या बाहर किसी भी व्यापार क्षेत्र में उपज का व्यापार करने की आजादी होगी.’ व्यापार क्षेत्र का मतलब खेत से लेकर वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज और प्रोसेसिंग यूनिटों सहित तमाम ऐसी जगहों से है जहां फसल की खरीद-बिक्री हो सकती है. विधेयक के मुताबिक खरीदार को किसान को सौदे के दिन ही या फिर अधिकतम तीन दिन के भीतर भुगतान करना होगा. सरकार के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक व्यापार और इससे जुड़े मामलों के लिए एक सुविधाजनक ढांचा भी उपलब्ध कराया जाएगा.
कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक.
कृषि से जुड़ा दूसरा विधेयक है कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक. इसमें अनुबंध पर खेती यानी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से जुड़े प्रावधान हैं. कहा जा रहा है कि इनसे किसानों को व्यापारियों, कंपनियों, प्रसंस्करण इकाइयों और निर्यातकों से सीधे जोड़ने का रास्ता बनेगा. इस विधेयक के दूसरे अध्याय की बिंदु संख्या 3(1) में कहा गया है कि ‘कोई भी किसान अपनी उपज के सिलसिले में एक लिखित समझौता कर सकता है जिसमें इस उपज की आपूर्ति के लिए शर्तें तय की जा सकती हैं जिनमें आपूर्ति का समय, उसकी गुणवत्ता, ग्रेड, मानक, कीमत और ऐसी दूसरी चीजें शामिल हैं.’ यह समझौता एक फसली सीजन से लेकर अधिकतम पांच साल तक के लिए किया जा सकता है. सरकार के मुताबिक देश में 10 हजार कृषक उत्पादक समूह (एफपीओ) बनाए जा रहे हैं जो छोटे किसानों को आपस में जोड़कर उनकी फसल को बाजार में उचित लाभ दिलाने की दिशा में कार्य करेंगे. खेती से जुड़े इन दोनों विधेयकों में विवाद की स्थिति में निपटारे की व्यवस्था का भी प्रावधान है.
आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक.
संसद द्वारा पारित तीसरा विधेयक है आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक. इसके तहत सरकार ने अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज और आलू को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटा दिया है. यानी युद्ध और अकाल जैसे कुछ असाधारण हालात को छोड़कर इन चीजों के उत्पादन और बिक्री में सरकार का कोई दखल नहीं रहेगा. साथ ही पहले की तरह इनके भंडारण यानी स्टॉक की कोई सीमा भी नहीं होगी. यानी कोई भी व्यापारी इनका जितना चाहे स्टॉक कर सकता है. आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में बना था. तब से सरकार इस कानून की मदद से ‘आवश्यक वस्तुओं’ का उत्पादन, आपूर्ति और वितरण नियंत्रित करती रही है. इसके पीछे सोच यह है कि इससे जमाखोरी पर लगाम लगती है और लोगों को जरूरी चीजें ठीक दाम पर उपलब्ध होती हैं.
इन तीनों विधेयकों को सरकार ऐतिहासिक बता रही है. मसलन कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि यह किसानों के लिए बंधनों से मुक्ति है. सरकार के मुताबिक यह कानून किसानों के लिए अधिक विकल्प खोलेगा, उनकी विपणन यानी बेचने की लागत कम करेगा और अपनी फसल की बेहतर कीमत वसूलने में उनकी मदद करेगा.
उधर, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक के बारे में सरकार का कहना है कि यह कानून भी विपणन की लागत कम करेगा और किसानों की आय में सुधार करेगा. इसे लेकर जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘किसान सीधे विपणन में शामिल होंगे जिससे बिचौलियों का सफाया होगा और किसानों को पूरा मूल्य प्राप्त होगा.’ सरकार का यह भी कहना है कि इस विधेयक से किसान के लिए एक तरफ जोखिम कम होगा तो दूसरी तरफ उस तक आधुनिक तकनीक और बेहतर बीज-खाद जैसी चीजें भी पहुंचेंगी.
तो कुल मिलाकर तीनों विधेयकों से होने वाले बदलाव का जो सार है वह यह है कि किसान अब अपनी उपज कहीं भी बेच सकता है, फसल उगाने से पहले ही वह व्यापारी के साथ समझौता कर सकता है और अनाज, दलहन या तिलहन के भंडारण पर अब कोई सीमा नहीं है.
कई जानकार इन्हें सही दिशा में उठाए गए कदम मानते हैं. पत्रकारों के साथ बातचीत में कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी कहते हैं, ‘ये ऐसे ही है जैसे 1991 में लाइसेंस-परमिट राज खत्म हुआ था क्योंकि आप बेहतर विकल्प दे रहे हैं. बाजार खोल रहे हैं जहां व्यापारी, निर्यातक और किसान एक साथ पहुंच सकते हैं और सीधे व्यापार कर सकते हैं. इसके चलते बीच के लोगों को जो पैसा देना पड़ता है वह कम होगा.’ उड्डयन क्षेत्र का उदाहरण देते हुए वे आगे जोड़ते हैं, ‘अभी की स्थिति को देखकर मुझे इंडियन एयरलाइंस वाला वक्त ध्यान में आता है. तब एक ही हवाई सेवा थी. यात्रा की कीमत ज्यादा थी और गुणवत्ता कम. फिर जब आपने प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाया और तीन या पांच और एयरलाइंस को आने की इजाजत दी तो उपभोक्ता को फायदा हुआ. किसान को भी फायदा होगा.’
लेकिन अगर ऐसा है तो कई राज्यों में किसान इन तीनों विधेयकों का विरोध करते हुए सड़क पर क्यों उतरे हुए हैं? सरकार और इन विधेयकों के समर्थकों का तर्क है कि विपक्षी दल किसानों को भ्रमित कर रहे हैं. अशोक गुलाटी भी मानते हैं कि इन विरोध प्रदर्शनों का संबंध राजनीति से भी जुड़ता है. वे कहते हैं, ‘कुछ राज्य नाराज हैं क्योंकि उन्हें डर है कि मंडी शुल्क जैसे राजस्वों से मिलने वाली उनकी कमाई कम हो सकती है.’ अशोक गुलाटी के मुताबिक यह डर बेबुनियाद है क्योंकि सरकारी मंडियां खत्म नहीं की जा रही हैं और जो वहां अपनी फसल बेचना चाहते हैं उन्हें कोई नहीं रोक रहा.
सरकार द्वारा बनाई गई ‘डबलिंग फार्मर्स इनकम’ (डीएफआई) कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अशोक दलवई भी कुछ ऐसा ही मानते हैं. उनके मुताबिक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर उपज खरीदती है और यह प्रक्रिया जारी रहेगी. अशोक दलवई कहते हैं, ‘किसान को जहां भी उसकी फसल का सही रेट मिलेगा वह वहां पर उसे बेचेगा. उसे मंडी से अच्छा रेट बाहर मिलेगा तो वो बाहर बेचेगा और मंडी में अच्छा रेट मिलेगा तो मंडी में बेचेगा. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में स्थिति साफ करने की कोशिश की है. अपने एक ट्टीट में उनका कहना है, ‘पहले भी कह चुका हूं और एक बार फिर कहता हूं: MSP की व्यवस्था जारी रहेगी. सरकारी खरीद जारी रहेगी.’
आगे बढ़ने से पहले पहले मंडी और सरकारी खरीद की इस व्यवस्था को समझते हैं.
आजादी के पहले भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में साहूकारों का बोलबाला था. ये साहूकार पशुधन और शादी-ब्याह जैसे तमाम खर्चं के लिए किसानों को ऊंचे सूद पर पैसा उधार देते थे और इसका फायदा उठाकर उनकी फसल औने-पौने दाम पर खरीद लिया करते थे. आजादी के बाद किसानों को इस शोषण से आजादी दिलाने की कवायदें शुरू हुईं. इनका नतीजा यह हुआ कि 1950 के दशक से राज्य अपने-अपने कानून बनाकर कृषि उपज वितरण समितियों (एपीएमसी) और इनके तहत चलने वाली मंडियों की स्थापना करने लगे. किसान इन मंडियों में जाकर अपनी फसल बेच सकता था. यहां बिचौलिए या आढ़तिये होते थे जिन्हें सरकार कुछ शुल्क वसूलकर लाइसेंस देती थी. ये आढ़तिए किसान से उपज लेकर खरीदार को बेच देते थे. इसमें उनका एक निश्चित कमीशन बनता था. उधर, खरीदार को हर सौदे के लिए एक तय मंडी शुल्क चुकाना पड़ता था.
1960 के दशक में सरकार ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी घोषित कर मंडियों में सरकारी खरीद केंद्र खोलने भी शुरू कर दिए. एमसपी का निर्धारण कृषि लागत और मूल्य आयोग करता था. इसमें खेती की लागत, उपज की मांग और आपूर्ति की स्थिति आदि कारकों का ध्यान रखा जाता था. लागत में बीज-सिंचाई-खाद ही नहीं, खेत और परिवार के श्रम का खर्च भी शामिल होता था. एमएसपी के पीछे की सोच यह थी कि एक तो किसान को किसी भी हालत में नुकसान न हो और दूसरे, खाद्यान्न वितरण से जुड़ी सरकारी योजनाओं के लिए अनाज भी जुट जाए. अभी एमएसपी के तहत 23 फसलें आती हैं. इनमें फल और सब्जियां शामिल नहीं हैं.
लेकिन इन तमाम कवायदों के बावजूद सच यह है कि आज भी एमएसपी के तहत होने वाली सरकारी खरीद तक महज छह फीसदी किसानों की ही पहुंच है. यह बात 2015 में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पुनर्गठन का सुझाव देने के लिए बनी शांता कुमार समिति ने अपनी रिपोर्ट में कही थी. यानी बाकी किसान दूसरे खरीदारों के भरोसे हैं. जानकारों के मुताबिक उन्हें अपनी फसल उसी दाम पर बेचनी होती है जिस पर बिचौलिये चाहते हैं क्योंकि उनका गठजोड़ एक कीमत तय कर देता है और किसान मजबूर हो जाता है. जैसा कि उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में अपनी चार एकड़ जमीन पर गेहूं और धान की खेती करने वाले सुरेंद्र भाटी कहते हैं, ‘जो किसान ट्रैक्टर पर अपनी फसल लादकर मंडी आया है वह बार-बार घर तो नहीं लौट सकता. आने-जाने में डीजल लगता है और खर्च बढ़ता है. इसलिए मंडी गए तो फसल बेचकर ही घर जाना होता है.’
कई बार ऐसा भी देखा गया है कि बिचौलिये किसान से औने-पौने दाम पर माल उठाकर उसे स्टोर कर लेते हैं और फिर बाद में उसे एमएसपी पर बेच देते हैं. यानी एमएसपी का फायदा किसानों के बजाय उन्हें मिलता है. आर्थिक सहयोग विकास संगठन और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की एक रिपोर्ट बताती है कि 2000 से 2017 के बीच किसानों को उत्पाद का सही मूल्य न मिल पाने के कारण 45 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ.
यही वजह है कि इन तीनों विधेयकों के समर्थक इन्हें सही दिशा में सही कदम करार देते हैं. वे यह तो मानते हैं कि कृषि क्षेत्र में अब भी बहुत सी चीजें हैं जिन्हें दुरुस्त किए जाने की जरूरत है, लेकिन उनके मुताबिक सबसे पहले इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा के लिए दरवाजे खोलना जरूरी है. अशोक गुलाटी कहते हैं, ‘सरकार हर किसान का सारा अनाज तो नहीं खरीद सकती. इसके अलावा फल और सब्जियों के मामले में न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसी व्यवस्था भी नहीं है.’ उनके मुताबिक इसीलिए ये तीनों कानून सही दिशा में सही कदम हैं.
लेकिन बहुत से लोग इससे इत्तेफाक नहीं रखते. सत्याग्रह से बातचीत में मुंबई स्थित इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ़ डेवेलपमेन्ट रिसर्च की कृषि अर्थशास्त्री सुधा नारायणन का मानना है कि सरकार भले ही आश्वासन दे रही हो कि मंडियों की व्यवस्था जारी रहेगी, लेकिन ऐसा होता नहीं दिखता. वे कहती हैं, ‘अगर आप मंडी में टैक्स ले रहे हैं और मंडी के बाहर कोई टैक्स नहीं लग रहा है तो क्या होगा? लोग बाहर ही व्यापार करना पसंद करेंगे. आढ़तिये और व्यापारी मंडी में क्यों बैठेंगे जब वहां उन्हें शुल्क देना पड़ेगा? वे अपना स्टॉल बाहर लगाएंगे. व्यापार बाहर होने लगेगा तो मंडियां धीरे-धीरे अपने आप खत्म हो जाएंगी.’
इस मुददे को लेकर विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय और स्वराज इंडिया पार्टी के मुखिया योगेंद्र यादव भी इन विधेयकों को किसानों के हितों के उलट बताते हैं. राष्ट्रिय चैनल के साथ बातचीत में वे कहते हैं, ‘ये कितना भद्दा मजाक देश में चल रहा है. किसान के नाम पर कहा जा रहा है कि हम तुम्हें ऐतिहासिक गिफ्ट दे रहे हैं. लेकिन वो किसान हाथ जोड़ रहा है कि भैय्या मुझे गिफ्ट मत दो. मैंने ये चीज कभी नहीं मांगी. जो चीज मैंने मांगी है मुझे वो दे दो.’ वे आगे जोड़ते हैं, ‘किसानों की सिर्फ इतनी सी मांग है कि एमएसपी को सरकार कानून बना दे, कि वो जो भी रेट तय करेगी, देश भर में मंडी या उससे बाहर कहीं पर भी उसके नीचे खरीद नहीं होगी.’
कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा भी इससे इत्तेफाक रखते हैं. अपने एक एक लेख में वे कहते हैं, ‘नए प्रावधानों के बाद सब बोल रहे हैं कि किसानों को अच्छा दाम मिलेगा. अच्छा दाम तो न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा ही होना चाहिए, तो फिर समर्थन मूल्य को पूरे देश में वैध क्यों न कर दिया जाए?’ भारतीय किसान यूनियन (हरियाणा) के अध्यक्ष और राज्य में इन कानूनों के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन में अहम भूमिका निभा रहे गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी यह बात दोहराते हैं. एक दैनिक समाचार पत्र के साथ बातचीत में वे कहते हैं, ‘अगर ये एमएसपी नहीं खत्म कर रहे तो हमारी छोटी-सी मांग मान लें और एमएसपी की गारंटी का कानून बना दें. कानून में बस इतना लिख दें कि एमएसपी से कम दाम पर फसल खरीदना अपराध होगा, हम लोग कल ही अपना आंदोलन वापस ले लेंगे.’
कई जानकार मानते हैं कि इन विधेयकों को लेकर सरकार जो तर्क दे रही है उनमें झूठ और विरोधाभासों की भरमार है. मसलन सरकार का कहना है कि वह एक देश एक बाजार वाली व्यवस्था की तरफ बढ़ना चाहती है. लेकिन देविंदर शर्मा कहते हैं, ‘अब जब वैध रूप से मंडी के बाहर भी अनाज बिकेगा, तो एक देश दो बाजार हो जाएगा.’ उधर, योगेंद्र यादव कहते हैं, ‘पहला झूठ है ये कहना कि किसान अब कहीं पर भी बेच सकता है. इसका मतलब है कि पहले नहीं बेच सकता था. ये एकदम झूठ है. आप मुझे एक भी कानून बता दीजिए जिसमें ऐसी पाबंदी हो. मैं आज भी चाहूं तो अपने खेत का बाजरा कलकत्ता में जाकर बेच सकता हूं. पाबंदी केवल आढ़तिए पर थी, व्यापारी पर थी.’
सुधा नारायणन की बात को आगे बढ़ाते हुए योगेंद्र यादव कहते हैं, ‘दूसरा झूठ है ये कहना कि अब मंडी में आने से किसान को ज्यादा ऑप्शंस मिल जाएंगे. ये बात इसलिए झूठ है कि क्यों सरकारी मंडी के बाहर जो मंडी अब लगा करेगी उस मंडी में टैक्स नहीं लगा करेगा. वहां रजिस्ट्रेशन नहीं होगा, रिकॉर्डिंग नहीं होगी. इसका मतलब है कि दो तीन साल में सरकारी मंडी ध्वस्त हो जाएगी. ये जो सरकारी मंडी है वो किसान के ऊपर एक छत है. कच्ची छत है. टूटी हुई छत है. इसमें से पानी भी चूता है. और बीजेपी और सरकार कहती है कि देखो कितनी खराब छत है. हम ऐसा करते हैं तुम्हें आजादी दे देते हैं. छत ही हटा देते हैं.’
मंडियों के खत्म होने के जो कई प्रभाव होंगे उनके बारे में गुरनाम सिंह कहते हैं, ‘अभी सारा व्यापार मंडियों के जरिए होता है. वहां एक टैक्स व्यापारी को चुकाना होता है जो आखिरकार किसानों के ही काम आता है. पंजाब, हरियाणा के खेतों से गुजरने वाली बेहतरीन पक्की सड़कें जो आपको दिखती हैं वह इसी टैक्स से बन सकी हैं. अब सरकार मंडियों से बाहर व्यापार की छूट दे रही है तो इससे किसानों को कोई फायदा नहीं होगा, बल्कि बड़े व्यापारियों को फायदा होगा, क्योंकि वे लोग बिना टैक्स चुकाए बाहर से खरीद कर सकेंगे.’ उनके मुताबिक जब मंडियों से सस्ता माल व्यापारी को बाहर मिलेगा तो वह क्यों टैक्स चुकाकर मंडी में माल खरीदेगा.
इस बारे में सुधा नारायणन कहती हैं, ‘तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे जिन राज्यों में मंडियां उतनी अहम नहीं हैं और जहां रिलायंस जैसी कंपनियां सीधे किसानों से खरीद करती हैं वहां इसके लिए मंडी की कीमत को ही आधार बनाया जाता है. लेकिन अगर मंडियां ही नहीं रहती हैं तो कीमत कैसे तय होगी? किसान को कैसे पता चलेगा कि उसे सही कीमत मिल रही है या नहीं? विधेयकों में पारदर्शिता की बात कई बार कही गई है लेकिन वह पारदर्शिता कहीं नहीं दिखती.’
तो फिर क्या किया जाए?
क्या कई खामियों वाली मौजूदा व्यवस्था ही चलने दी जाए? जानकारों की मानें तो सही विकल्प मौजूदा व्यवस्था की खामियां दूर करना है. योगेंद्र यादव कहते हैं, ‘किसान कह रहा है कि मेरी छत को आप मजबूत करो. छत को मेरे सिर पर से हटाओ मत. यह सही है कि आढ़ती कई जगहों पर किसानों का शोषण कर रहे हैं जिसके लिए एपीएमसी एक्ट में सुधार की जरूरत है.’ कई दूसरे जानकारों के मुताबिक भी मंडियों की व्यवस्था में सुधार किया जाना चाहिए. मसलन सुधा नारायणन का मानना है कि मंडियों में सरकारी खरीद की व्यवस्था का विकेंद्रीकरण होना चाहिए क्योंकि इसका ज्यादातर हिस्सा पंजाब और हरियाणा केंद्रित रहा है. ‘इस मामले में बीते कुछ समय के दौरान ओडिशा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने बढ़िया काम किया है और वहां सरकारी खरीद के दायरे में आने वाले छोटे किसानों की संख्या बढ़ी है’ सुधा कहती हैं.
देविंदर शर्मा का भी मानना है कि देश में मंडियों की संख्या में अभी काफी बढ़ोत्तरी की गुंजाइश है. उनके मुताबिक अभी देश में करीब सात हजार मंडियां हैं और यह संख्या 42 हजार तक होनी चाहिए. वे यह भी कहते हैं कि भारत को अमेरिका और यूरोप का मॉडल सीखने की जरूरत नहीं है. देविंदर शर्मा के मुताबिक ‘गांवों-किसानों के हित में हमारा मॉडल अच्छा है एपीएमसी मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य का, जो हमने कहीं से उधार नहीं लिया… किसान की आजादी तो तब होगी, जब उसे विश्वास होगा कि मैं कहीं भी अनाज बेचूं, मुझे न्यूनतम समर्थन मूल्य तो मिलेगा ही. हमारा मॉडल दुनिया के लिए मॉडल बन सकता है.’ उनके मुताबिक एक किसान आय और कल्याण आयोग भी बनना चाहिए जो तय करे कि किसानों के लिए एक सरकारी कर्मचारी के न्यूनतम वेतन के बराबर आय कैसे सुनिश्चित हो.
ये सभी जानकार मानते हैं कि नए कानूनों से सिर्फ नुकसान ही होना है. योगेंद्र यादव कहते हैं, ‘ये तो ऐसा हुआ कि चूहे कुछ समस्या कर रहे हैं तो अब मैं भालू ले आता हूं. नए कानून से क्या होगा? आढ़ती हटेगा नहीं इस सिस्टम से. अगर अडानी या अंबानी कोई प्राइवेट मंडी स्थापित करेंगे तो वो आढ़ती के बगैर नहीं होगा. तब भी मिडिलमैन होगा. जो मंडी के अंदर आढ़ती बैठा हुआ है वही अपनी एक डेस्क बाहर भी लगा लेगा. तो किसानों को मिडिलमैन से मुक्ति नहीं मिलेगी. छोटे मिडिलमैन की जगह बड़ा मिडिलमैन आ जाएगा. आज तक जो मिडिलमैन था वो आढ़ती कहलाता था. अब अंग्रेजी बोलने वाले सुपर मिडिलमैन आया करेंगे.’
सुधा नारायणन के मुताबिक कृषि क्षेत्र को बाजार के लिए खोलने के नतीजे देखने हों तो अमेरिका जैसे देशों की तरफ नजर घुमानी चाहिए जहां सब कुछ बाजार के हवाले है. वे कहती हैं, ‘अमेरिका में किसानों पर कर्ज बढ़ा है. उनकी आत्महत्याएं भी बढ़ी हैं और इसके नतीजे में हर साल सरकार द्वारा उन्हें दिया जाना संरक्षण (सब्सिडी) भी बढ़ा है.’ कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग का उदाहरण देते हुए वे आगे जोड़ती हैं, ‘अमेरिका में शुरुआत में कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग का मॉडल बहुत सफल हुआ. लेकिन फिर उद्योग जगत ने पोल्ट्री किसानों पर नई और बेहतर तकनीकों में निवेश का दबाव बनाया. इसके लिए किसान कर्ज लेते गए. उधर, पोल्ट्री उत्पादों की कीमतें गिरती गईं और कर्ज न चुका पाने के चलते किसानों को अपने पोल्ट्री फार्मों से हाथ धोना पड़ा. अब वहां पोल्ट्री और डेयरी क्षेत्र में सिर्फ बड़े-बड़े फार्म बचे हैं.’
यह उस अमेरिका का हाल है जहां वे प्रावधान पहले से वजूद में हैं
यह उस अमेरिका का हाल है जहां वे प्रावधान पहले से वजूद में हैं जो भारतीय संसद द्वारा पारित तीनों विधेयकों में किए गए हैं. मतलब यह है कि जिन छोटे किसानों के हितों का हवाला देकर सरकार इन कानूनों को जरूरी बता रही है, उन्हीं को इनसे सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है.
इस बात को आंकड़ों से भी समझने की कोशिश करते हैं. जैसा कि जिक्र हुआ, अमेरिका में खेती के क्षेत्र में वायदा बाजार और अनुबंध खेती जैसी व्यवस्थाएं करीब सात दशक से हैं. वहां वालमार्ट जैसी बड़ी कंपनियां हैं जिनके भंडारण की कोई सीमा नहीं है. लेकिन वहां का किसान अगर आज बचा हुआ है तो यह सब्सिडी की वजह से ही है. अमेरिका में किसानों को मिल रही सालाना औसत सब्सिडी 7,000 डॉलर है. यही नहीं, इस साल अमेरिका के किसानों पर कुल मिलाकर 425 अरब डॉलर का कर्ज हो गया है. इसके अलावा 1970 से लेकर अब तक वहां 93 प्रतिशत डेयरी फार्म बंद हो चुके हैं. और यहां के ग्रामीण इलाकों में आत्महत्या की दर शहरों से 45 प्रतिशत ज्यादा है.
यूरोप का भी हाल अमेरिका से जुदा नहीं है. इंग्लैंड में बीते तीन साल में 3,000 डेयरी फार्म बंद हुए हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिका, यूरोप और कनाडा में खेती ही नहीं बल्कि कृषि निर्यात भी सब्सिडी पर टिका है. ताजा आंकड़ों के अनुसार अमीर देश अपने किसानों को हर साल लगभग 246 अरब डॉलर की सब्सिडी देते हैं. इन सारे आंकड़ों का जिक्र करते हुए देविंदर शर्मा सवाल करते हैं, ‘बाजार अगर वहां कृषि की मदद करने की स्थिति में होता तो इतनी सब्सिडी की जरूरत क्यों पड़ती? हमें सोचना चाहिए कि खुले बाजार का यह पश्चिमी मॉडल हमारे लिए कितना कारगर रहेगा?’
‘आज की व्यवस्था में सौ दोष हों लेकिन वो किसान की व्यवस्था है
योगेंद्र यादव कहते हैं, ‘आज की व्यवस्था में सौ दोष हों लेकिन वो किसान की व्यवस्था है. अगर कंपनियों की खेती होगी तो ये अमेरिका के स्टाइल की खेती भारत में नहीं चल सकती. अमेरिका में 100 में से सिर्फ पांच लोग खेती करते हैं. हमारे यहां 100 में से 45 लोग सीधे खेती कर रहे हैं और 100 में से 60 लोग खेती पर निर्भर हैं. अमेरिका की नकल करके भारत का किसान बर्बाद हो जाएगा. हमारा कृषि उत्पादन भले ही बढ़ जाए, किसान की आमदनी नहीं बढ़ेगी. किसान की खुशहाली नहीं बढ़ेगी. यह कानून नहीं किसान की बर्बादी का पूरा ब्लूप्रिंट है.’ गुरनाम सिंह भी कहते हैं कि ये कानून खेती और किसानी की कब्र खोदने के लिए बनाए गए हैं.
दुनिया ही क्यों, भारत में भी जहां किसान को बाजार का विकल्प दिया गया है वहां हाल खराब हुआ है. देविंदर शर्मा लिखते हैं, ‘2006 में बिहार में अनाज मंडियों वाले एपीएमसी एक्ट को हटा दिया गया. कहा गया कि इससे निजी निवेश बढ़ेगा, निजी मंडियां होंगी, किसानों को अच्छी कीमत मिलेगी. आज बिहार में किसान बहुत मेहनत करता है, लेकिन उसे जिस अनाज के लिए 1,300 रुपये प्रति क्विंटल मिलते हैं, उसी अनाज की कीमत पंजाब की मंडी में 1,925 रुपये है. पंजाब और हरियाणा में मंडियों और ग्रामीण सड़कों का मजबूत नेटवर्क है. इसी वजह से पंजाब और हरियाणा की देश की खाद्य सुरक्षा में अहम भूमिका है.’
गुरनाम सिंह के अलावा कई जानकार हैं जो यह मानते हैं कि ये तीनों कानून किसानों के लिए नहीं बल्कि कॉरपोरेट कंपनियों के लिए बने हैं. योगेंद्र यादव कहते हैं, आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम एक्ट को जमाखोरी अनुमति कानून बोलना चाहिए. वो स्टॉकिस्टों के लिए बना है. जो कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट है वो कंपनी के लिए बना है. और जो एपीएमसी को बाइपास करने का एक्ट है उसमें ट्रेडिंग जोन बनाने की बात है. ट्रेडिंग जोन आप और हम तो बना नहीं सकते. वो तो कोई बड़ी कंपनी ही बनाएगी न! आप अर्थशास्त्रियों से पूछेंगे तो वो खुलकर बताएंगे कि भारत के कृषि क्षेत्र में कंपनियों की जरूरत है. क्योंकि वहां निवेश बहुत कम है. और वो तो कंपनियां ही करेंगी. सरकार तो करेगी नहीं. तो कुल मिलाकर यह भारत के कृषि क्षेत्र में कंपनी राज लाने की कोशिश है. इसीलिए किसान इसका विरोध कर रहा है.’
उधर, सुधा नारायणन कहती हैं, ‘इन तीनों कानूनों के पीछे अगर यह दृष्टि होती कि किसानों का भला करना है तो फिर आपकी रणनीति कुछ अलग होती. आप पहले कृषक उत्पादक समूह खड़े करते. ऐसी व्यवस्थाएं बनाते कि किसान इन कानूनों का लाभ लेने की स्थिति में होते. अभी की स्थिति में तो ऐसा नहीं है.’
इस मुद्दे पर सरकार के विरोध में खड़ी कांग्रेस पर भी सवाल उठ रहे हैं. कहा जा रहा है कि 2019 के आम चुनाव के लिए जारी घोषणापत्र में कांग्रेस ने कृषि क्षेत्र में वही सब करने का वादा किया था जो एनडीए सरकार कर रही है. इसके पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता और अब पार्टी से निष्कासित किए जा चुके संजय झा ने बीते दिनों एक ट्वीट में कहा, ‘हमने खुद कहा था कि सत्ता में आने पर हम एपीएमसी एक्ट खत्म करेंगे और कृषि उत्पादों को प्रतिबंधों से मुक्त किया जाएगा. कृषि विधेयकों में मोदी सरकार ने यही किया है. इस मामले में भाजपा और कांग्रेस एक ही तरफ हैं.’ इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यही बात कही थी. उनका कहना था, ‘चुनाव के समय किसानों को लुभाने के लिए ये बड़ी-बड़ी बातें करते थे, लिखित में करते थे, अपने घोषणापत्र में डालते थे और चुनाव के बाद भूल जाते थे. और आज जब वही चीजें एनडीए सरकार कर रही है, किसानों को समर्पित हमारी सरकार कर रही है, तो ये भांति-भांति के भ्रम फैला रहे हैं.’
साभार : विकास बहुगुणा
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