कुशीनगर में गुस्साई भीड़ ने हत्यारे को पीट पीट कर मार डाला

रामपुर बंगरा निवासी सुधीर सिंह सीमावर्ती प्रांत बिहार में शिक्षक थे. सोमवार को वे अपने घर में सो रहे थे. तभी करीब 8 बजे स्कूटी से आया बदमाश घर में घुस गया. उसने शिक्षक पर तीन गोलियां चलाकर उन्हें मार डाला और फिर छत पर चढ़कर हवाई फायरिंग करने लगा. 

  • तरयासुजान थाने के रामपुर बंगरा गांव का मामला
  • टीचर की अज्ञात बदमाश ने गोली मारकर की हत्या
  • भीड़ ने बदमाश को पीट-पीटकर मार डाला

कुशीनगर:

 उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में सोमवार को मॉब लिंचिंग का सनसनीखेज मामला सामने आया है. तरयासुजान थाना क्षेत्र के रामपुर बंगरा में एक युवक को गोली मारकर भाग रहे बदमाश को भीड़ ने घर की छत पर घेर लिया. इसके बाद पुलिस ने बदमाश को हिरासत में ले लिया. इस बीच गोली लगने से युवक की मौत हो गई. इसकी सूचना जैसे ही ग्रामीणों को मिली तो सभी उग्र हो गए और पुलिस कस्टडी से छुड़ाकर बदमाश को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया.

दरसअल, तरयासुजान थाना क्षेत्र के रामपुर बंगरा में सोमवार की सुबह घर में सो रहे व्यक्ति की एक स्कूटी सवार बदमाश ने गोली मारकर हत्या कर दी. गोली मारने के बाद बदमाश मृतक के घर के छत पर जाकर हवाई फायर कर दहशत फैलाने का प्रयास करने लगा. सूचना के बावजूद लगभग डेढ़ घंटे बाद मौके पर पुलिस पहुंची. नीचे ग्रामीण बदमाश की घेरेबंदी किये हुए थे.

जैसे ही हमलावर ने आत्मसमर्पण किया तो ग्रामीणों ने उसे पुलिस से छुड़ा कर लाठी-डंडे से पीटकर मौत के घाट उतार दिया. पुलिस बेबस खड़ी मूकदर्शक बनी रही. ग्रामीणों के आक्रोश के मद्देनजर मौके पर पुलिस व ग्रामीणों के बीच संघर्ष की स्थिति बनी हुई है.

एक टीचर हुई थी हत्या

रामपुर बंगरा निवासी सुधीर सिंह पुत्र मोहर सिंह सीमावर्ती बिहार प्रान्त में शिक्षक थे. सोमवार सुबह से आये अज्ञात हमलावर ने उनके घर में घुसकर फायर कर दिया. ग्रामीणों के अनुसार, सुधीर को सोते समय हमलावर ने तीन गोली मारी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गयी. घटना के बाद हमलावर मृतक के घर की छत पर चढ़कर हवाई फायर करके दहशत फैला दिया. घटना की जानकारी के बाद ग्रामीण लाठी-डंडा लेकर हमलावर की घेराबंदी करके पुलिस को सूचना दी. ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना के बावजूद पुलिस लगभग डेढ़ घंटे की देरी से मौके पर पहुंची.

लाचार नजर आई पुलिस

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पुलिस को देखकर हमलावर दोनों हाथ ऊपर उठाकर आत्मसमर्पण करने की कोशिश करने लगा, लेकिन तभी गुस्साई भीड़ हमलावर पर टूट पड़ी. आक्रोशित ग्रामीणों ने लाठी डंडे से मारकर हमलावर को मौत के घाट उतार दिया. जबकि पुलिस पूरे घटनाक्रम में लाचार नजर आई. सीओ तमकुहीराज की अगुवाई में पुलिस ने बदमाश को ले जाने की कई बार कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुई. ग्रामीण किसी भी दशा में हमलावर को पुलिस को सुपुर्द करने के पक्ष में नहीं थे. पूरे घटनाक्रम को लेकर क्षेत्र में दहशत का माहौल है. मौके पर तनाव की स्थिति बनी हुई है. एसपी विनोद कुमार मिश्र ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और इसमें जिसकी भी गलती सामने आएगी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा पर आरोप लग रहे हैं कि वह यूपी कांग्रेस को ‘बर्बाद’ करने में लगी हैं

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस अब नए सिरे से संगठन को चार्ज करने में जुट गई है। पार्टी के उभरते शक्ति केंद्रों से तालमेल बिठाने में नाकाम कांग्रेस नेताओं को नई संरचना से बाहर कर पार्टी नेतृत्‍व ने साफ संकेत दे दिए हैं कि जो संघर्ष के लिए तैयार नहीं हैं उन्‍हें चिठ़ठी लेखक ही बनकर रहना होगा। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के बड़े धड़े को लगता है कि दिल्ली में सोनिया-राहुल के पास इतना समय ही नहीं है कि वह यूपी कांग्रेस का विवाद सुलझा पाएं। कई नेता यह आरोप भी लगा रहे हैं कि प्रदेश का नेतृत्व प्रियंका वाड्रा के हाथों में आने के बाद से पार्टी में बातचीत के दरवाजे बंद हो गए हैं। दरअसल, जब से प्रियंका वाड्रा ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी के रूप में कमान संभाली है, तब से कांग्रेस के पुराने और सोनिया-राहुल के वफादार नेताओं को साइड लाइन किए जाने का खेल चल रहा है।

उप्र(ब्यूरो):

पार्टी के प्रति समर्थित आम कांग्रेसी दुखी और हाशिये पर नजर आ रहा है।

दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक कांग्रेस में जारी कलह-कलेश थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस में नये-पुराने नेताओं के बीच अंतर्कलह मची है तो सोनिया और राहुल गांधी के समर्थक भी ‘टकराव’ की मुद्रा में हैं। सोनिया पुराने नेताओं की वफादारी की कायल हैं तो राहुल गांधी को युवा पीढ़ी के नेताओं पर ज्यादा भरोसा है। गांधी परिवार की खींचतान में बड़े-बड़े कांग्रेसी नेता गुटबाजी में लगे हैं तो पार्टी के प्रति समर्थित आम कांग्रेसी दुखी और हाशिये पर नजर आ रहा है। दिल्ली में जहां सोनिया-राहुल गांधी के बीच का सियासी मनमुटाव कांग्रेस के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है तो वहीं उत्तर प्रदेश में प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा पर आरोप लग रहे हैं कि वह यूपी कांग्रेस को ‘बर्बाद’ करने में लगी हैं।

गत दिनों कांग्रेस के 23 दिग्गज नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को पार्टी की दिशा-दशा सुधारने के लिए पत्र लिखने के बाद उनके साथ दिल्ली में जैसा दुर्व्यवहार हुआ, वह किसी से छिपा नहीं है, लेकिन हद तो तब हो गई जब इन नेताओं के खिलाफ कांग्रेस की राज्य इकाइयों में भी विद्रोह की चिंगारी को जबर्दस्ती सुलगा दिया गया। इसी के चलते सोनिया को पत्र लिखने वालों में से एक उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को प्रदेश कांग्रेस की राज्य और जिला इकाइयों द्वारा बार-बार अपमानित किया गया। जितिन प्रसाद को अपमानित कराए जाने के पीछे प्रियंका वाड्रा का नाम सामने आ रहा है। सोनिया को लिखे पत्र की आड़ लेकर यूपी कांग्रेस में यहां के भी पुराने नेताओं के खिलाफ विरोध की चिंगारी पनपने लगी है। इस चिंगारी को प्रियंका द्वारा खूब हवा दी जा रही है। वर्ना जितिन प्रसाद सहित कुछ और पुराने दिग्गज कांग्रेसियों को अपमानित करने का सिलसिला ऐसे ही नहीं चलता रहता। कांग्रेस में पत्र प्रकरण धमाके के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस में काफी दिनों से चल रही बदलाव की बयार ने और भी स्पीड पकड़ ली है। यह बदलाव संगठन में चेहरों के साथ ही पार्टी के तौर-तरीकों में भी देखने को मिल रहा है, जिन पुराने कांग्रेसियों को यह बदलाव रास नहीं आ रहे हैं, उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली है।

प्रियंका के आने के बाद संगठन में ऐसे नेताओं को आगे किया जा रहा है, जिनकी सियासी जमीन ही नहीं है।

दरअसल, जब से प्रियंका वाड्रा ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी के रूप में कमान संभाली है, तब से कांग्रेस के पुराने और सोनिया-राहुल के वफादार नेताओं को साइड लाइन किए जाने का खेल चल रहा है। सबसे पहले प्रियंका ने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व में बदलाव किया। उसके बाद प्रदेश से लेकर जिला संगठन इकाइयों में भी अपनी पसंद के लोग रखना शुरू कर दिया। यूपी कांग्रेस में सभी महत्वपूर्ण पदों पर प्रियंका की विचारधारा के लोगों को तरजीह देने का आरोप लम्बे समय से लग रहा है। कहा यह भी जा रहा है कि प्रियंका के आने के बाद संगठन में ऐसे नेताओं को आगे किया जा रहा है, जिनकी सियासी जमीन ही नहीं है। इसीलिए कांग्रेस का जनाधार खिसकता जा रहा है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के बड़े धड़े को लगता है कि दिल्ली में सोनिया-राहुल के पास इतना समय ही नहीं है कि वह यूपी कांग्रेस का विवाद सुलझा पाएं। प्रदेश कांग्रेस के कई नेता यह आरोप भी लगा रहे हैं कि प्रदेश का नेतृत्व प्रियंका के हाथों में आने के बाद से पार्टी में बातचीत के दरवाजे बंद हो गए हैं। मौजूदा संगठन से किसी भी तरह की शिकायत पर शीर्ष नेतृत्व को न तो बताया जा सकता है और न ही उन्हें भरोसे में लेकर स्थितियों के बदलाव की उम्मीद की जा सकती है, जो नेता गांधी परिवार की विचारधारा से हटकर पार्टी हित में कुछ बोल देता है तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। यूपी में एक एक बाद एक नेताओं के खिलाफ लगातार हो रहीं कार्रवाइयां भी इसी का हिस्सा हैं। पहले पार्टी से दस वरिष्ठ नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया गया।

इसी तरह से रायबरेली सदर के पूर्व विधायक दिवंगत अखिलेश सिंह की विधायक पुत्री अदिति सिंह के प्रकरण में भी उनकी बात सुने बिना लखनऊ से लोगों को उनके आवास पर प्रदर्शन के लिए भेज दिया गया। जितिन प्रसाद के मामले में भी प्रियंका और पूर्व सांसद जफर अली नकवी के इशारे पर उनके खिलाफ नारेबाजी हुई। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को लखीमपुर खीरी में विरोध का सामना करना पड़ा। सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं में जितिन प्रसाद का भी नाम था। इसी के बाद उनके खिलाफ पार्टी में जहर उगला जाने लगा। हद तो तब हो गई जब कांग्रेस की लखीमपुर जिला इकाई ने जितिन प्रसाद को पार्टी से निष्कासित करने का प्रस्ताव पास कर दिया। इतना बड़ा कदम जिला इकाई बिना हाईकमान के इशारे से कर ही नहीं सकती थी। प्रस्ताव पर जिलाध्यक्ष प्रहलाद पटेल और लखीमपुर खीरी के अन्य पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने जितिन प्रसाद सहित सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाने वाली चिट्ठी पर जिन नेताओं के हस्ताक्षर हैं सभी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए इन नेताओं को पार्टी से बाहर निकालने को कहा गया था।

धीरज गुर्जर और प्रियंका गांधी जो भी करवा दें ठीक है

जितिन प्रसाद को पार्टी से बाहर किए जाने के लखीमपुर-खीरी की जिला के प्रस्ताव को ज्यदा गंभीरता से नहीं लिया जाता, यदि एक ऐसा ऑडियो वायरल न होता, जिसमें जिलाध्यक्ष प्रहलाद पटेल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता से बात कर रहे हैं, वह कह रहे हैं कि उनको ऐसी कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया गया था। वायरल ऑडियो में वह किसी कार्यकर्ता से कहते सुने जाते हैं, ‘धीरज गुर्जर और प्रियंका गांधी जो भी करवा दें ठीक है। धीरज गुर्जर ने प्रस्ताव भेजा…। हमने कहा कि हम हस्ताक्षर नहीं कर पाएंगे…। कुछ लाइन इसमें से हटाई जाएं, लेकिन ऊपर से तलवार लटकी थी। हम भी क्या करते…। इस तरह की गंदगी कांग्रेस में रहेगी तो कांग्रेस कहां खड़ी हो पाएगी।’

अब कांग्रेस में पूर्व पीएम वीपी सिंह सरीखे नेताओं की जयंती मनाई जाने लगी है

खैर, वायरल ऑडियो की अभी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन उत्तर प्रदेश में पिछले 31 साल से सत्ता से बाहर कांग्रेस इस तरह से सत्ता में वापसी की उम्मीद करेगी तो यह बेईमानी होगी। खासकर प्रियंका को सबको साथ लेकर चलना होगा और यह भी ध्यान रखना होगा कि कांग्रेस अपनी विचारधारा से नहीं भटके। आश्चर्य होता है कि अब कांग्रेस में पूर्व पीएम वीपी सिंह सरीखे नेताओं की जयंती मनाई जाने लगी है, जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी की छवि को धूमिल करके ही सत्ता हासिल की थी। राजीव गांधी के समय खरीदी गईं बोफोर्स तोप में, घोटाले का आरोप लगाकर वीपी सिंह ने राजीव की छवि को काफी नुकसान पहुंचाया था। इसके बाद वर्षों तक भारतीय जनता पार्टी भी इसे भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा सियासी मुद्दा बनाए रखने में कामयाब रही थी। इसीलिए वीपी सिंह की जयंती मनाए जाने को लेकर कांग्रेस के भीतर ही एक वर्ग में नाराजगी पनपने लगी। नाराज नेताओं का आरोप है कि कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए जो खुद पार्टी छोड़कर अलग हुआ, उसकी जयंती पार्टी दफ्तर में कांग्रेस नेता कैसे मना सकते हैं?

इसी तरह से हिन्दू-देवी-देवताओं के लिए अनाप-शनाप टिप्पणी के चलते विवादित रहे पेरियार और फिलस्तीनी मुक्ति संगठन के प्रमुख रह चुके यासिर अराफात की जयंती भी हाल ही में पार्टी कार्यालय में मनाई गई। इस तरह के आयोजनों पर प्रदेश कांग्रेस के पुराने नेताओं ने तमाम तरह के सवाल खड़े किए हैं। उनका आरोप है कि प्रदेश संगठन में जो नए चेहरे शामिल किए गए हैं, उनकी वामपंथी विचारधारा को पार्टी पर थोपा जा रहा है। इसी तरह से हाल ही में सर्वसमाज के आंदोलनों में कांग्रेसियों द्वारा गले में नीला पटका डालकर आंदोलन करने को भी पार्टी के पुराने नेता पचा नहीं पाए थे। तब लखनऊ में हुए प्रदर्शन के बाद पार्टी के कई नेताओं ने इस पर सवाल खड़े किए थे। नाराज नेताओं का तर्क था कि कोई भी पार्टी झंडे और पोस्टरों से पहचानी जाती हैं। अब ऐसे में नीला पटका पहन कर आंदोलन करने से लोगों के बीच आखिर क्या संदेश दिया जा रहा है।

बहरहाल, सोनिया को वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के पत्र लिखे जाने के ‘धमाके’ के बाद उत्तर प्रदेश में पार्टी पूरी तरह से दो खेमों के बंटी नजर आ रही है। राज्य में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का एक खेमा है जो संगठन को मजबूत करने की बात कर रहा है तो दूसरा खेमा जिसकी पहचान गांधी परिवार के लिए कठपुतली के रूप में काम करने वाली है, वह संगठन को मजबूत करने की बात करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ा है। इसीलिए कुछ गांधी परिवार के समर्थक नेता जितिन के खिलाफ जहर उगल रहे हैं तो पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल खत्री ने गुलाम नबी आजाद पर गंभीर आरोप लगाया है कि जब-जब वह यूपी कांग्रेस के प्रभारी बने तब-तब कांग्रेस का बंटाधार हो गया। यूपी के ही एक और नेता सलमान खुर्शीद भी सोनिया को पत्र लिखने वालों के खिलाफ बयानबाजी करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इसी तरह से उत्तर प्रदेश कांग्रेस नेता और पूर्व विधान परिषद सदस्य नसीब पठान ने वरिष्ठ पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद को पार्टी से बाहर निकाल देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि गुलाम को पार्टी से आजाद कर दो। नसीब ने कहा कि पार्टी ने आजाद को बहुत कुछ दिया, किंतु उन्होंने वफादारी नहीं की।

लब्बोलुआब यह है कि आज की तारीख में राष्ट्रीय कांग्रेस की तरह ही उत्तर प्रदेश कांग्रेस भी साफ तौर पर दो खेमों में बंटी साफ नजर आ रही है। दोनों खेमों के नेता अपने हिसाब से बयानबाजी कर रहे हैं, जिससे पार्टी को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है। लेकिन पार्टी के भीतर बारीकी से झांका जाए तो पार्टी में एक धड़ा ऐसा भी नजर आता है जो किसी तरह की गुटबाजी में विश्वास नहीं रखता है और पार्टी के मौजूदा हालात से काफी दुखी है। इस धड़े के नेताओं की मानें तो पार्टी को युवा आगाज की जितनी जरूरत है, उतनी ही आवश्यकता इस बात की है कि पार्टी के दिग्गज नेताओं के अनुभव का पूरा फायदा उठाया जाए।

साभार – अजय कुमार

rashifal

राशिफल, 07 सितंबर 2020

Aries

07 सितम्बर 2020: ज़िन्दगी की बेहतरीन चीज़ों को शिद्दत से महसूस करने के लिए अपने दिल-दिमाग़ के दरवाज़े खोलें। चिंता को छोड़ना इसकी ओर पहला क़दम है। नया आर्थिक क़रार अंतिम रूप लेगा और धन आपकी तरफ़ आएगा। घर के किसी सदस्य के व्यवहार की वजह से आप परेशान रह सकते हैं। आपको उनसे बात करने की जरुरत है। जिनकी सगाई हो चुकी है, वे अपने मंगेतर से बहुत-सी ख़ुशियाँ पाएंगे। अहम लोगों से बातचीत करते वक़्त अपने आँख-कान खुले रखिए, हो सकता है आपके हाथ कोई क़ीमती बात या विचार लग जाए। लोगों के साथ बात करने में आज आप अपना बहुमूल्य समय बर्बाद कर सकते हैं। आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। यह दिन आपके सामान्य वैवाहिक जीवन से कुछ हटकर होने वाला है। आपको अपने जीवनसाथी की ओर से कुछ ख़ास देखने को मिल सकता है।

Taurus

07 सितम्बर 2020: मुस्कुराएँ, क्योंकि यह सभी समस्याओं का सबसे उम्दा इलाज है। आपकी कोई पुरानी बीमारी आज आपको परेशान कर सकती है जिसकी वजह से आपको हॉस्पिटल भी जाना पड़ सकता है और आपका काफी धन भी खर्च हो सकता है। अपने सामाजिक जीवन को दरकिनार न करें। अपनी व्यस्त दिनचर्या में से थोड़ा-सा समय निकालकर अपने परिवार के साथ किसी आयोजन में शिरकत करें। यह न सिर्फ़ आपका दबाव कम करेगा, बल्कि आपकी झिझक भी मिटा देगा। शाम को प्रिय के साथ रोमांटिक मुलाक़ात और साथ में कहीं लज़ीज़ खाना खाने के लिहाज़ से बढ़िया दिन है। व्यवसायियों के लिए अच्छा दिन है, क्योंकि उन्हें अचानक बड़ा फ़ायदा हो सकता है। गप्पबाज़ी और अफ़वाहो से दूर रहें। जीवनसाथी के साथ आज की शाम वाक़ई कुछ ख़ास होने वाली है।

Gemini

07 सितम्बर 2020: ज़्यादा यात्रा करना झुंझलाहट पैदा कर सकता है। आज घर से बाहर बड़ों का आशीर्वाद लेकर निकलें इससे आपको धन लाभ हो सकता है। दिन चढ़ने पर किसी पुराने दोस्त से सुखद मुलाक़ात होगी। ताज़ा फूल की तरह अपने प्यार में भी ताज़गी बनाए रखें। अगर आप व्यवसाय में किसी नये भागीदार को जोड़ने पर विचार कर रहे हैं, तो यह ज़रूरी होगा कि उससे कोई भी वादा करने से पहले आप सभी तथ्य अच्छी तरह जाँच लें। आप चाहें तो परेशानियों को मुस्कुराकर दरकिनार कर सकते हैं या उनमें फँसकर परेशान हो सकते हैं। चुनाव आपको करना है। आज आपका वैवाहिक जीवन हँसी-ख़ुशी, प्यार और उल्लास का केन्द्र बन सकता है।

Cancer

07 सितम्बर 2020: पेचीदा हालात में फँसने पर घबराएँ नहीं। जैसे खाने में थोड़ा-सा तीखापन उसे और भी लज़ीज़ बना देता है, उसी तरह ऐसी परिस्थितियाँ आपको ख़ुशियों की सही क़ीमत बताती हैं। अपना मूड बदलने के लिए किसी सामाजिक आयोजन में शिरकत करें। धन का आगमन आज आपको कई आर्थिक परेशानियों से दूर कर सकता है। दोस्तों के साथ कुछ दिलचस्प और रोमांचक समय बिताने के लिए अच्छा समय है। प्रेम-संबंध में ग़ुलाम की तरह व्यवहार न करें। आज का दिन बढ़िया प्रदर्शन और ख़ास कामों के लिए है। खाली वक्त का सही इस्तेमाल करना आपको सीखना ही होगा नहीं तो जीवन में आप कई लोगों से पीछे रह जाएंगे। अगर आप और आपका जीवनसाथी खाने-पीने पर ज़्यादा ध्यान देंगे, तो सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।

Leo

07 सितम्बर 2020: सबकी मदद करने की आपकी इच्छा आपको आज बुरी तरह थकाएगी। किसी करीबी रिश्तेदार की मदद से आज आप अपने करोबार में अच्छा कर सकते हैं जिससे आपको आर्थिक लाभ भी होगा। परिवार के लोगों के बीच पैसे को लेकर आज कहासुनी हो सकती है। पैसों के मामलों में आपको परिवार के सभी लोगों को स्पष्ट होने की सलाह देनी चाहिए। अपने प्रिय के लिए बदले की भावना से कुछ हासिल नहीं होगा- बजाय इसके आपको दिमाग़ शांत रखना चाहिए और अपने प्रिय को अपनी सच्चे जज़्बात से परिचित कराना चाहिए। आज के दिन आप सबके ध्यान का केंद्र होंगे और सफलता आपकी पहुँच में होगी। रात को ऑफिस से घर आते वक्त आज आपको सावधानी से वाहन चलाना चाहिए, नहीं तो दुर्घटना हो सकती है और कई दिनों के लिए आप बीमार पड़ सकते हैं। आपके जीवनसाथी की सुस्ती आपके कई कामों पर पानी फेर सकती है।

Virgo

07 सितम्बर 2020: बहुत-कुछ आपके कंधों पर टिका हुआ है और फ़ैसले लेने के लिए स्पष्ट सोच ज़रूरी है। आपकी मनोकामनाएं दुआओं के ज़रिए पूरी होंगी और सौभाग्य आपकी तरफ़ आएगा- और साथ ही पिछले दिन की मेहनत भी रंग लाएगी। आपमें से कुछ गहने या घरेलू सामान ख़रीद सकते हैं। शाम ढलते-ढलते कोई आकस्मिक रुमानी झुकाव आपके दिलोदिमाग़ पर छा सकता है। अहम लोगों से बातचीत करते वक़्त अपने आँख-कान खुले रखिए, हो सकता है आपके हाथ कोई क़ीमती बात या विचार लग जाए। आपका व्यक्तित्व ऐसा है कि ज्यादा लोगों से मिलकर आप परेशान हो जाते हैं और फिर अपने लिए वक्त निकालने की कोशिश करने लग जाते हैं। इस लिहाज से आज का दिन आपके लिए बहुत उम्दा रहने वाला है। आज आपको अपने लिए पर्याप्त समय मिलेगा। वैवाहिक जीवन के लिए विशेष दिन है। अपने जीवनसाथी को बताएँ कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं।

Libra

07 सितम्बर 2020: बहुत-कुछ आपके कंधों पर टिका हुआ है और फ़ैसले लेने के लिए स्पष्ट सोच ज़रूरी है। आप दूसरों पर कुछ ज़्यादा ख़र्चा कर सकते हैं। पुराने परिचितों से मिलने-जुलने और पुराने रिश्तों को फिर से तरोताज़ा करने के लिए अच्छा दिन है। रोमांस आनन्ददायी और काफ़ी रोमांचक रहेगा। कार्यक्षेत्र में आज आप अपने काम में प्रगति देखेंगे। जरुरी कामों को समय न देना और फिजूल के कामों पर वक्त जाया करना आज आपके लिए घातक सिद्ध हो सकता है। आपको और आपके जीवनसाथी को कोई बहुत सुखद ख़बर सुनने को मिल सकती है।

Scorpio

07 सितम्बर 2020: दूसरों के साथ ख़ुशी बांटने से सेहत और खिलेगी। अगर आप लोन लेने वाले थे और काफी दिनों से इस काम में लगे थे तो आज के दिन आपको लोन मिल सकता है। आपको अपने रोज़मर्रा के कामों से छुट्टी लेकर आज दोस्तों के साथ घूमने का कार्यक्रम बनाना चाहिए। अपने प्रिय के साथ आज अच्छी तरह बर्ताव करें। अगर आप सही लोगों को अपनी क्षमताएँ और प्रतिभा दिखाएंगे, तो जल्दी ही लोगों की निगाहों में आपकी नयी और बेहतर छवि होगी। इस राशि के लोगों को आज अपने आप को समझने की जरुरत है। यदि आपको लगता है कि आप दुनिया की भीड़ में कहीं खो गये हैं तो अपने लिए वक्त निकालें और अपने व्यक्तित्व का आकलन करें। अपने जीवनसाथी के किसी काम की वजह से आप कुछ शर्मिन्दगी महसूस कर सकते हैं। लेकिन बाद में आपको महसूस होगा कि जो हुआ, अच्छे के लिए ही हुआ।

Sagittarius

07 सितम्बर 2020: आज आप ऊर्जा से लबरेज़ होंगे- आप जो भी करेंगे उसे आप उससे आधे वक़्त में ही कर देंगे, जितना वक़्त आप अक्सर लेते हैं। धन की आवाजाही आज दिन भर होती रहेगी और दिन ढलने के बाद आप बचत करने में भी सक्षम हो पाएंगे। शादी लायक़ युवाओं का रिश्ता तय हो सकता है। आप आज रुहानी प्यार की मदहोशी महसूस कर सकेंगे। इसे महसूस करने के लिए कुछ वक़्त बचाकर रखें। अगर आप व्यवसाय में किसी नये भागीदार को जोड़ने पर विचार कर रहे हैं, तो यह ज़रूरी होगा कि उससे कोई भी वादा करने से पहले आप सभी तथ्य अच्छी तरह जाँच लें। आज कुछ नया और सृजनात्मक करने के लिए अच्छा दिन है। आप दुनिया में ख़ुद को सबसे रईस महसूस करेंगे, क्योंकि आपके जीवनसाथी का व्यवहार आपको ऐसा महसूस कराएगा।

Capricorn

07 सितम्बर 2020: अपनी ख़ुशियों को दूसरों के साथ साझा करना आपकी सेहत को भी बेहतर करेगा। लेकिन ख़याल रखें कि इसे नज़रअंदाज़ करना बाद में भारी पड़ सकता है। इस राशि के विवाहित जातकों को आज ससुराल पक्ष से धन लाभ होने की संभावना है। यह परिवार में दबदबा बनाए रखने की अपनी आदतों को छोड़ने का वक़्त है। ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव में उनके कंधे से कंधा मिलाकर साथ दें। आपका बदला हुआ बर्ताव उनके लिए ख़ुशी का सबब साबित होगा। आज आपके दिल की धड़कनें अपने प्रिय के साथ ताल-से-ताल मिलाती मालूम होंगी। जी हाँ, यह प्यार का ही ख़ुमार है। नए ग्राहकों से बात करने के लिए बेहतरीन दिन है। दूसरों को यह बताने के लिए ज़्यादा उतावले न हों कि आज आप कैसा महसूस कर रहे हैं। प्यार, नज़दीकी, मस्ती-मज़ा – जीवनसाथी के साथ यह एक रोमानी दिन रहेगा।

Aquarius

07 सितम्बर 2020: ऊर्जा और उत्साह का अतिरेक आपको घेर लेगा और आप सामने आने वाले सभी मौक़ों का भरपूर फ़ायदा उठाएंगे। अपने निवेश और भविष्य की योजनाओं को गुप्त रखें। नाती-पोतों से आज काफ़ी ख़ुशी मिल सकती है। आपकी ऊर्जा का स्तर ऊँचा रहेगा- क्योंकि आपका प्रिय आपने लिए बहुत सारी ख़ुशी की वजह साबित होगा। कार्यक्षेत्र में आपके प्रतिद्वन्द्वियों को अपने ग़लत कामों का फल मिलेगा। आज का दिन फ़ायदेमंद साबित होगा, क्योंकि ऐसा लगता है कि चीज़ें आपके पक्ष में जाएंगी और आप हर काम में अव्वल रहेंगे। आज आप एक बार फिर समय में पीछे जाकर शादी के शुरुआती दिनों के प्यार और रुमानियत को महसूस कर सकते हैं।

Pisces

07 सितम्बर 2020: दिन की शुरुआत आप योग ध्यान से कर सकते हैं। ऐसा करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा और सारे दिन आपमें ऊर्जा रहेगी। नया आर्थिक क़रार अंतिम रूप लेगा और धन आपकी तरफ़ आएगा। आप मानें या न मानें, आपके आस-पास को बड़े ग़ौर से आपको देख रहा है और आपको एक आदर्श मानता है। इसलिए ऐसे काम करें, जो क़ाबिले-तारीफ़ हों और आपकी प्रतिष्ठा को बढ़ाएँ। दिन को ख़ास बनाने के लिए स्नेह और उदारता के छोटे-छोटे तोहफ़े लोगों को दें। काम के लिए मौक़े परिचित महिलाओं की ओर से आ सकते हैं। बातों को सही तरीके से समझने का आज आपको प्रयास करना चाहिए नहीं तो इसकी वजह से आप खाली समय में इन्हीं बातों के बारे में सोचते रहेंगे और अपना समय बर्बाद करेंगे। आप अपने जीवन की कुछ यादगार शामों में से एक आज अपने जीवनसाथी के साथ बिता सकते हैंं।

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पंचांग 07 सितम्बर 2020

आज 7 सितंबर को हिंदू पंचांग के अनुसार सोमवार है. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित माना जाता है. सोमवार यानी भगवान शिव का दिन और सोम यानी चंद्रमा का दिन. तो इस दिन सुबह उठकर आप भगवान शिव के दर्शन कर शिव चालीसा या शिवाष्टक का पाठ कर सकते हैं. इससे भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और आपकी समस्याएं अपने आप हल होती जाती हैं. 

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः आश्विनी़, प्रथम (शुद्ध), 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः पंचमी रात्रि 09.39 तक है, 

वारः सोमवार, 

नक्षत्रः भरणी (की वृद्धि है जो कि मंगलवार को प्रातः 08.26 तक है।), 

योगः ध्रुव सांय 04.37 तक, 

करणः कौलव, 

सूर्य राशिः सिंह, 

चंद्र राशिः मेष, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.06, 

सूर्यास्तः 06.32 बजे।

नोटः आज पंचमी तिथि का श्राद्ध है।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही, शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

हंगामेदार होगा इस बार का मानसून सत्र, क्या एकजुट विपक्ष चलने देगा संसद?

कोविड-19 महामारी के बीच संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू हो रहा है और इस बार सदन की बैठक के लिए कई बदलाव भी किए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आठ सितंबर को पार्टी के रणनीति समूह की बैठक बुलाई है। विपक्षी नेता चाहते हैं कि समान सोच वाले दलों को संसद में सरकार को घेरने के लिए एक दूसरे के साथ मिलकर तालमेल से काम करना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे और झामुमो के हेमंत सोरेन जेईई/नीट और जीएसटी मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों की हालिया बैठक के दौरान यह विचार व्यक्त कर चुके हैं।

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

विपक्षी दल संसद में सरकार को कोरोना से निपटने, अर्थव्यवस्था और राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति, चीन के साथ सीमा पर गतिरोध जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर एक साथ मिलकर घेरने पर विचार कर रहे हैं। सूत्रों ने इस बारे में बताया है। 

14 सितंबर से शुरू हो रहा है मानसून सत्र

उन्होंने बताया कि विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा संसद के दोनों सदनों में सरकार के खिलाफ एक साथ मोर्चा खोलने के लिए इस सप्ताह बैठक कर एक संयुक्त रणनीति बनाने की संभावना है। कोविड-19 महामारी के बीच संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू हो रहा है। इस बार सदन की बैठक के लिए कई बदलाव भी किए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आठ सितंबर को पार्टी के रणनीति समूह की बैठक बुलाई है। 

विपक्षी नेता चाहते हैं कि समान सोच वाले दलों को संसद में सरकार को घेरने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर तालमेल से काम करना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे और झामुमो के हेमंत सोरेन जेईई/नीट और जीएसटी मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों की हालिया बैठक के दौरान यह विचार व्यक्त कर चुके हैं। 

एक बार बैठक कर चुकी है कांग्रेस

कांग्रेस की रणनीति बनाने वाला समूह एक बार बैठक कर चुका है और इस दौरान सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को संप्रग के सहयोगियों और समान सोच वाले दलों से संपर्क करने को कहा गया है ताकि संसद के बाहर और भीतर सरकार के खिलाफ एकजुटता दिखायी जाए। 

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने पूर्व में कहा था कि समान सोच वाले विपक्षी दल संसद में एक साथ काम करेंगे और जनता के मुद्दों को उठाएंगे। उन्होंने कहा था कि संसद में ऐसे दलों के बीच आपसी तालमेल होगा। सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने रविवार को कहा कि विपक्ष की संयुक्त रणनीति के लिए विचार-विमर्श चल रहा है। 

विपक्षी नेताओं की जल्द ही बैठक होगी

सीपीआई नेता डी राजा ने भी कहा कि इस संबंध में विपक्षी नेताओं की जल्द ही बैठक होगी। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बढ़े तनाव के संबंध में विपक्ष इस पर सरकार से जवाब की मांग करेगा। देश में कोविड-19 के बढ़ रहे मामलों को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है। फेसबुक को लेकर भी संसद में गर्मागर्म बहस हो सकती है। 

नीट समेत कई अन्य परीक्षाएं कराने का मुद्दा भी उठाया जा सकता है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच परीक्षाएं आयोजित कर सरकार ने छात्रों के जीवन को खतरे में डाला है। कांग्रेस हालिया समय में सरकार द्वारा जारी अध्यादेश का भी विरोध कर सकती है। 

भारत विकास परिषद् चंडीगढ़ प्रांत , नॉर्थ जोन द्वारा 5-9-20 को अणुव्रत समिति सेक्टर 24-C में रक्त दान शिविर लगाया गया

चंडीगढ़ :

अणुव्रत समिति के मुनि जी महाराज ने मंगला कर और स्थानीय पार्षद श्रीमती सुनीता धवन , भारत विकास परिषद् से प्रांतीय अध्यक्ष श्रीमती गीता टंडन , महासचिव टी आर वाधवा , एच आर नारंग जी प्रांत कॉर्डिनेटर, राकेश दत्ता प्रांत ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी , जोन सचिव अजय सिंगला , संपर्क सचिव सतीश भास्कर , महिला प्रमुख श्रीमती विजय सिंगला ने दीप प्रज्ज्वलित कर शिविर की विधिवत शुरूआत की।

रक्त दान करने वालो को जलपान में दूध, जूस, सैंडविच, बिस्किट, केला दिया । सैनिटाइजर और मास्क भी उपहार दिया । निर्मल सिंगला (सेक्टर 16) , अंजय जैन (सेक्टर 48 ) ने जलपान व्यस्था में मुख्य सहयोग दिया।

दीपक मित्तल , विकास गोयल , युवा सदस्य रोहित कुमार (राष्ट्रीय और राज्य सरकार द्वारा सामाजिक कार्यों के सम्मानित ) और रोहित की टीम के सदस्यों का सहयोग सरहनिय है।

नॉर्थ 1 से अरुणेश अग्रवाल (रक्त दान भी किया ) , विज , नॉर्थ 3 से राकेश महेंद्रू ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।

भारत विकास परिषद् द्वारा युवा सदस्य रोहित कुमार और टीम को पटका पहना कर सामानित किया।

शिविर के अंत में रोटरी ब्लड बैंक से डॉक्टर रोली अग्रवाल और टीम का भी धन्यवाद किए।

अंत में भोजन की व्यवस्था भी की गई

पुलिस फ़ाइल, पंचकुला

पंचकुला 06 सितम्बर 2020:

पचंकुला पुलिस ने वैश्यवृति के धन्धे का किया फर्दाफाश

मोहित हाण्डा, भा॰पु॰से॰, पुलिस उपायुक्त पंचकुला के दिशा-निर्देशानुसार जिला पंचकुला मे अपराधो की रोकथाम व अपराधियो की धरपकड करते हुए । इन्ही निर्देशो के तहत कार्यवाही करते हए सहायक आयुक्त पचकुला राजकुमार व डिटैक्टिव स्टाफ की टीम ने मोरनी रोड पर चल रहे वैश्यवृति चल रहे धन्धे का किया फर्दा फाश । जो कल दिनाक 05.09.2020 एक को आरोपी को मौके से काबू कर किया गया । जो आरोपियो की पहचान ईसम सिह पचंकुला के रुप मे हुई

प्राप्त जानकारी के अनुसार मुखबर खास दवारा सुचना प्राप्त हुई की मोरनी रोड पर किसी होटल मे वैश्यवृति का धन्धा बडे जोरो से चल रहा है । जिस  पर सहायक आयुक्त पुलिस पंचकूला , डिटैक्टिव स्टाफ की टीम व  प्रबन्धक थाना चण्डीमन्दिर साथी मुलाजमान के द्वारा प्राप्त की गई सुचना के आधार पर पुरू प्लानिग के साथ रेड की गई । जहा पर बोगस तैयार करके होटल मे भेजा गया । जो दौरान रेड पर चैक किया की यहा पर गल्त काम किया जा रहा है ।  जिस गैस्ट हाऊस का मैनेजर मौका पर मिला । जिस पर थाना चण्डीमन्दिर के द्वारा अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज करके कार्यवाही अमल मे लाई गई । जो गैस्ट हाऊस के काऊंटर पर बैठे व्यक्ति को काबु किया और जिसने पुछने पर अपने को गैस्ट हाऊस का मनैजर बतलाया तथा अपना नाम पता ईशम सिहँ पुत्र श्री सरदार सिहँ वासी गाँव समराल भोज नायटा थाना चण्डीमन्दिर जिला पंचकुला बतलाया उसके बाद होटल की तलाशी लेने पर लडकीया बरामद की गई । जिन्होने बतलाया कि ये लोग हमारी गरीबी का फायदा उठाकर हमारे से गल्त काम करवाते है । जिस पर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए अनैतिक व्यापार अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज करके कार्यवाही अमल मे लाई गई व मौके से आरोपी को गिरफ्तार कर माननीय पेश अदालत करके 2 दिन का पुलिस रिमाण्ड प्राप्त किया अभियोग मे सलिफ्त अपराधियो का भी पता लगाया जा सके ।

मोरनी पर्यटन स्थल पर हुडंतग मचाने वालो पर कसी जा रही नकेल

मोहित हाण्डा, भा॰पु॰से॰, पुलिस उपायुक्त पंचकुला के मार्ग दर्शन के अनुसार  कार्य करते हुए । जिला पंचकुला मे किसी भी प्रकार को होने वाले अपराधो पर रोकथाम लगाने हेतु की जा रही है सख्ताई । ताकि पचकुला क्षेत्र मे किसी भी प्रकार की कोई भी असमाजिक गतिविध ना हो सके ।

मोरनी क्षेत्र मे वीकैन्ड पर स्पैशल अभियान चलाया जा रहा है ताकि हरियाणा को जाना माना मोरनी पर्यटन स्थल मोरनी को क्लीन और ग्रीन बनाया जा सके । जैसा की देखने मे आता है लोग मोरनी पर्यटन स्थल पर घुमने आते थे । जो लोग यहा पर कानून की उल्ळघना करते है । जैसा की गाडीयो मे शराब पीते व हुडंदग मचाते है । इसको देखते हुए पचंकुला के सहायक पुलिस आयुक्त श्री राजकुमार ने मोरनी क्षेत्र मे किसी भी प्रकार मोरनी क्षेत्र मे होने वाली गतिविधि पर रोक लगाते हुए व सख्ताई से पेश आते हुए  ऐसा गल्त करने वाले के खिलाफ कार्यावाही की जा रही है । मोरनी क्षेत्र मे हर शनिवार व रविवार को अलग से पुलिस तैनात की जाती है ताकि आने वाले सैलानियो को किसी भी प्रकार की कोई दुविधा ना हो । व होने वाली असमाजिक गतिविधियो रोका जा सके । मोरनी क्षेत्र मे बिना मास्क के घुमने वालो व ट्रैफिक के नियमो की पालना ना करने वालो के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है नजर

रायपुर रानी में लगाए गए रक्तदान शिविर में 38 रक्तदानियों ने अपनी स्वेच्छा से किया रक्तदान

पंचकूला:  

विश्वास फाउंडेशन व श्री कृष्णा गऊ सेवा ग्रुप बतौड़ जिला पंचकूला ने मिलकर आज रविवार को नगर खेड़ा धर्मशाला मैन बाजार रायपुर रानी में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया । यह शिविर कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते व गर्मी के कारण अस्पतालों आयी रक्त की कमी को पूरा करने हेतू लगाया गया। यह शिविर सुबह 10:00 बजे शुरू हुआ और दोपहर बाद 2:30 बजे तक चला। रक्त एकत्रित करने के लिए ब्लड बैंक सिविल अस्पताल सेक्टर 6 पंचकूला से डॉक्टर्स की टीम आयी। इस रक्तदान शिविर में 43 लोगों ने रक्तदान करने के लिए पंजीकृत करवाया। 5 को स्वास्थय सम्बन्धी दिक्क्तों के कारण रक्तदान करने के लिए मना कर दिया गया। कुल 38 रक्तदानियों ने अपनी स्वेच्छा से रक्तदान किया। रक्त डॉक्टर मनोज त्यागी की निगरानी में लिया गया।

विश्वास फाउंडेशन की महासचिव साध्वी नीलिमा विश्वास के निर्देशन में लगाए गए इस रक्तदान शिविर का उद्घाटन किरणपाल, अमित कुमार, सुनील ने ज्योति प्रज्वल्लित करके किया । उनके साथ श्याम सुन्दर साहनी, प्रदुमन बरेजा, मनोज कुमार व ब्लड बैंक के डॉक्टर्स भी मौजूद रहे। इस दौरान कोविड – 19 से बचाव के लिए जैसे की सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क व सैनिटीज़ेशन का ख़ास ध्यान रखा गया। रक्तदान का मकसद उन मरीज़ों की मदद करना है, जिनकी रक्त की कमी से ज़िन्दगी की डोर कमज़ोर पड़ जाती है। शिविर की समाप्ति पर सभी रक्तदाताओ को प्रशंसा पत्र, बैज व गिफ्ट देकर सम्मानित किया गया। 

ऋषिकुलम आश्रम से जुड़े बच्चे बने पौधों के संरक्षक

जयपुर – 5 सितम्बर :

क्षेत्र में प्रदूषण को कम करने व परिवेश में हरियाली एवं सुन्दरता को बढ़ाने के उदेश्य से आज गरीब बच्चों की निःशुल्क शिक्षा के लिए कार्य करने वाली प्रमुख संस्था ह्यूमन लाइफ फाउंडेशन जयपुर द्वारा सघन पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसके कार्यक्रम के अंतर्गत आज फाउंडेशन द्वारा संचालित ऋषिकुलम आश्रम, लक्ष्मीपुरा बीलवा के आसपास की बस्ती, घर, मंदिर एवं सार्वजानिक स्थानों पर करीब १०० वृक्ष लगाये गये.

कार्यक्रम के आयोजक ह्यूमन लाइफ फाउंडेशन के फाउंडर हेमराज चतुर्वेदी ने बताया कि वृक्षों के बिना मानव समाज की कल्पना नहीं की जा सकती इसलिए फाउंडेशन द्वारा हरवर्ष वृक्षारोपण किया जाता है, आज के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए ऋषिकुलम के कार्यकर्ताओं द्वारा कई दिनों पूर्व आसपास के बच्चों को हरियाली एवं पौधों का महत्त्व घर घर जाकर समझाया और हरएक बच्चे को एक पौधा लगाकर उसकी सार-संभार करने की जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित किया. फिर बच्चों को पौधे उपलब्ध करने की जिम्मेदारी अनीश जैन व यतीश पाल सिंह को दी. वे हर वर्ष सैकड़ों वृक्ष लगते हैं .फाउंडेशन की इस योजना को सुनकर बच्चे बहुत प्रसन्न हुए और इसीलिए आज 75 बच्चों द्वारा अपने स्वयं के संरक्षण में एक एक पौधा अपने घर, मंदिर अथवा सार्वजानिक स्थानों पर लगाया गया.

कार्यक्रम से पूर्व आज सर्वप्रथम एतियात बरतते हुए कार्यक्रम के मुख्यअतिथि अनीश जैन द्वारा सभी आगंतुकों को मास्क वितरित किये गये और सभी को कोरोना महामारी से बचाव के लिए साबुन से बार बार हाथ साफ करते रहने एवं सामाजिक दुरी बनाये रखने के लिए प्रेरित किया और इसके बाद अनीश जैन के साथ बच्चों व कार्यकर्ताओं द्वारा ऋषिकुलम आश्रम में 5 फल व छायादार पौधे लगाये तत्पश्चात सभी बच्चों को एक एक पौधे का वितरण किया. बच्चों ने वह पौधा उचित स्थान पर लगाया और देखभाल की जिम्मेदारी ली. श्री अनीश जैन ने बच्चों को वृक्ष की देखभाल की सामाजिक जिम्मेदारी अच्छे से निभाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि व्यक्ति में जिम्मेदारी का भाव बचपन से ही शुरू होता है.

अंत में हेमराज चतुर्वेदी द्वारा सभी बच्चों को नेक कार्य करने के लिए धन्यवाद दिया. इस मौके पर, रेखा चतुर्वेदी, जयप्रकाश, रोहित, कृष्णा मीणा हरिनारायण मीणा सहित फाउंडेशन के कई कार्यकर्त्ता उपस्थित थे.

संविधान को ‘आधारभूत सारंचना’ का सिद्धान्त दिलवाने वाले केशवानन्द भारती नहीं रहे, वह 79 वर्ष के थे

केशवानन्द भारती वह युग दृष्टा थे जिनके कारण सर्वोच्च न्यायालय ने ‘आधारभूत संरचना’ के सिद्धान्त को 7-6 से पारित किया था. उनका आज सुबह केरल के कासरगोड जिले के एडानेर स्थित उनके आश्रम में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे.

  • 13 न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने 7-6 के बहुमत से निर्णय किया कि संविधान की ‘आधारभूत संरचना’ अनुल्लंघनीय है और इसे संसद द्वारा परिवर्तित नहीं किया जा सकता है.
  • ‘आधारभूत संरचना’ को इस निर्णय के बाद से भारतीय संविधान में एक सिद्धांत के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है. इन प्रावधानों को संविधान में संशोधन के द्वारा भी नहीं हटाया जा सकता है.
  • वस्तुतः ये प्रावधान अपने आप में इतने महत्त्वपूर्ण हैं कि इनमें नकारात्मक बदलाव से संविधान का सार-तत्त्व, जो जनमानस के विकास के लिये आवश्यक है, नकारात्मक रूप से प्रभावित होगा.

नयी दिल्ली (ब्यूरो): 6 सितंबर:

देश के न्यायिक इतिहास में केशवानंद भारती का नाम कौन नहीं जानता होगा? 24 अप्रैल, 1973 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य’ के मामले में दिए गए एक ऐतिहासिक फैसले के चलते कोर्ट-कचहरी की दुनिया में वे लगभग अमर हो गए हैं. हालांकि बहुतों को यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि न्यायिक दुनिया में अभूतपूर्व लोकप्रियता के बावजूद केशवानंद भारती न तो कभी जज रहे हैं और न ही वकील. उनकी ख्याति का कारण तो बतौर मुवक्किल सरकार द्वारा अपनी संपत्ति के अधिग्रहण को अदालत में चुनौती देने से जुड़ा रहा है. वैसे वे दक्षिण भारत के बहुत बड़े संत हैं.

केरल के शंकराचार्य

कासरगोड़ केरल का सबसे उत्तरी जिला है. पश्चिम में समुद्र और पूर्व में कर्नाटक से घिरे इस इलाके का सदियों पुराना एक शैव मठ है जो एडनीर में स्थित है. यह मठ नवीं सदी के महान संत और अद्वैत वेदांत दर्शन के प्रणेता आदिगुरु शंकराचार्य से जुड़ा हुआ है. शंकराचार्य के चार शुरुआती शिष्यों में से एक तोतकाचार्य थे जिनकी परंपरा में यह मठ स्थापित हुआ था. यह ब्राह्मणों की तांत्रिक पद्धति का अनुसरण करने वाली स्मार्त्त भागवत परंपरा को मानता है.

इस मठ का इतिहास करीब 1,200 साल पुराना माना जाता है. यही कारण है कि केरल और कर्नाटक में इसका काफी सम्मान है. शंकराचार्य की क्षेत्रीय पीठ का दर्जा प्राप्त होने के चलते इस मठ के प्रमुख को ‘केरल के शंकराचार्य’ का दर्जा दिया जाता है. ऐसे में स्वामी केशवानंद भारती केरल के मौजूदा शंकराचार्य कहे जाते हैं. उन्होंने महज 19 साल की अवस्था में संन्यास लिया था जिसके कुछ ही साल बाद अपने गुरू के निधन की वजह से वे एडनीर मठ के मुखिया बन गए. 20 से कुछ ही ज्यादा की उम्र में यह जिम्मा उठाने वाले स्वामी जी पिछले 57 सालों से इस पद पर मौजूद हैं. हालांकि उनके सम्मान में उन्हें ‘श्रीमत् जगदगुरु श्रीश्री शंकराचार्य तोतकाचार्य श्री केशवानंद भारती श्रीपदंगलावारू’ के लंबे संबोधन से बुलाया जाता है.

एडनीर मठ का न केवल अध्यात्म के क्षेत्र में दखल रहा है बल्कि संस्कृति के अन्य क्षेत्रों जैसे नृत्य, कला, संगीत और समाज सेवा में भी यह काफी योगदान करता रहा है. भारत की नाट्य और नृत्य परंपरा को बढ़ावा देने के लिए कासरगोड़ और उसके आसपास के इलाकों में दशकों से एडनीर मठ के कई स्कूल और कॉलेज चल रहे हैं.

उनकी परेशानी क्या थी?

इसके अलावा यह मठ सालों से कई तरह के व्यवसायों को भी संचालित करता है. साठ-सत्तर के दशक में कासरगोड़ में इस मठ के पास हजारों एकड़ जमीन भी थी. यह वही दौर था जब ईएमएस नंबूदरीपाद के नेतृत्व में केरल की तत्कालीन वामपंथी सरकार भूमि सुधार के लिए काफी प्रयास कर रही थी. समाज से आर्थिक गैर-बराबरी कम करने की कोशिशों के तहत राज्य सरकार ने कई कानून बनाकर जमींदारों और मठों के पास मौजूद हजारों एकड़ की जमीन अधिगृहीत कर ली. इस चपेट में एडनीर मठ की संपत्ति भी आ गई. मठ की सैकड़ों एकड़ की जमीन अब सरकार की हो चुकी थी. ऐसे में एडनीर मठ के युवा प्रमुख स्वामी केशवानंद भारती ने सरकार के इस फैसले को अदालत में चुनौती दी.

केरल हाईकोर्ट के समक्ष इस मठ के मुखिया होने के नाते 1970 में दायर एक याचिका में केशवानंद भारती ने अनुच्छेद 26 का हवाला देते हुए मांग की थी कि उन्हें अपनी धार्मिक संपदा का प्रबंधन करने का मूल अधिकार दिलाया जाए. उन्होंने संविधान संशोधन के जरिए अनुच्छेद 31 में प्रदत्त संपत्ति के मूल अधिकार पर पाबंदी लगाने वाले केंद्र सरकार के 24वें, 25वें और 29वें संविधान संशोधनों को चुनौती दी थी. इसके अलावा केरल और केंद्र सरकार के भूमि सुधार कानूनों को भी उन्होंने चुनौती दी. जानकारों के अनुसार स्वामी केशवानंद भारती के प्रतिनिधियों को सांविधानिक मामलों के मशहूर वकील नानी पालकीवाला ने सलाह दी थी कि ऐसा करने से मठ को उसका हक दिलाया जा सकता है. हालांकि केरल हाईकोर्ट में मठ को कामयाबी नहीं मिली जिसके बाद यह मामला आखिरकार सुप्रीम कोर्ट चला गया.

देश की शीर्ष अदालत ने पाया कि इस मामले से कई संवैधानिक प्रश्न जुड़े हैं. उनमें सबसे बड़ा सवाल यही था कि क्या देश की संसद के पास संविधान संशोधन के जरिए मौलिक अधिकारों सहित किसी भी अन्य हिस्से में असीमित संशोधन का अधिकार है. इसलिए तय किया गया कि पूर्व के गोलकनाथ मामले में बनी 11 जजों की संविधान पीठ से भी बड़ी पीठ बनाई जाए. इसके बाद 1972 के अंत में इस मामले की लगातार सुनवाई हुई जो 68 दिनों तक चली. अंतत: 703 पृष्ठ के अपने लंबे फैसले में केवल एक वोट के अंतर से शीर्ष अदालत ने स्वामी केशवानंद भारती के विरोध में फैसला दिया.

एडनीर मठ के शंकराचार्य वैसे तो यह मामला हार गए थे, लेकिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया वह आज भी मिसाल है. इससे संसद और न्यायपालिका के बीच वह संतुलन कायम हो सका जो इस फैसले के पहले के 23 सालों में संभव नहीं हो सका था. और इसके साथ ही अपनी बाजी हारकर भी स्वामी केशवानंद भारती इतिहास के ‘बाजीगर’ बन गए थे.

और अंत में…

यह बात किसी को भी हैरान कर सकती है कि स्वामी केशवानंद भारती को जिस शख्स (नानी पालकीवाला) ने अपनी प्रतिभा के दम पर लोकप्रियता दिलाई थी, उनसे वे फैसला आने तक नहीं मिले थे. वहीं मुकदमे की सुनवाई के दौरान जब अखबारों में उनका नाम सुर्खियों में छाया रहता था, तो उन्हें इसका कारण कुछ समझ में नहीं आ रहा था. बताया जाता है कि स्वामी जी अपने मामले के बारे में समझते थे कि यह केवल संपत्ति विवाद का मामला है. उन्हें यह बिल्कुल भी पता नहीं था कि उनके मामले ने ऐसे सवाल खड़े किए हैं ​जिससे भारतीय लोकतंत्र दो दशकों से जूझ रहा था. माना जाता है कि अंतत: इस मामले में फैसला आते ही उनकी निजी समस्या भले ही न दूर हो सकी, लेकिन देश का बहुत बड़ा कल्याण हो गया.