विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने भ्रष्ट मंत्री को हटाने की मांग की
वरिष्ठ कांग्रेसी विधायक भरत सिंह कुंदनपुर की शिकायती चिट्ठी ने कांग्रेस की सियासत में फिर से हलचल मचा दी है। भरत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम यह चिट्ठी लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रभारी मंत्री बदल दिए लेकिन मंत्रिमंडल में जो भ्रष्ट मंत्री है उन्हें भी हटाया जाए। हालांकि भ्रष्ट मंत्री कौन है उसका उन्होंने इस पत्र में नाम नहीं लिया लेकिन इशारों-इशारों में बता दिया कि उनके निशाने पर किस मंत्री हैं। “आप अपने मंत्रिमंडल के सबसे भ्रष्ट मंत्री को बर्खास्त करें। एक बार पहले भी आप मुख्यमंत्री रहते उनको हटा चुके हैं। यह मंत्री भ्रष्टाचार के माफिया हैं। इनका नाम लिखना आवश्यक नहीं समझता हूँ, गंदगी की बदबू नजदीक के लोगों को ज्यादा दुर्गंध देती है।”
राजस्थान(ब्यूरो): 16 – सितंबर
राजस्थान की राजनीति में उठा पटक भले ही टीवी में दिखनी बंद हो गई हो, मगर अंदरुनी गहमागहमी अभी भी चालू है। ताजा खबर है कि कोरोना वायरस को शराब से खत्म करने का दावा करने वाले राज्य के वरिष्ठ कॉन्ग्रेसी विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख कर सबसे भ्रष्ट मंत्री को कैबिनेट से हटाने की बात कही है। साथ ही उस मंत्री को भ्रष्टाचार का माफिया भी बताया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भरत सिंह ने अपने पत्र में लिखा, “समाचार पत्रों में पढ़ा है कि आपने (सीएम अशोक गहलोत) प्रभारी मंत्रियों के जिलों में फेरबदल किया है। इसका कितना लाभ होगा, उसको परखने में समय लगेगा। इस बात की आवश्यकता है कि जनता में संदेश देने के लिए आप अपने मंत्रिमंडल के सबसे भ्रष्ट मंत्री को बर्खास्त करें। एक बार पहले भी आप मुख्यमंत्री रहते उनको हटा चुके हैं। यह मंत्री भ्रष्टाचार के माफिया हैं। इनका नाम लिखना आवश्यक नहीं समझता हूँ, गंदगी की बदबू नजदीक के लोगों को ज्यादा दुर्गंध देती है।”
पत्र देख कर भाजपा नेताओं ने ली सीएम गहलोत की चुटकी
मुख्यमंत्री को लिखे हालिया पत्र के बाद भाजपा नेता इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर शेयर करके सीएम गहलोत को घेर रहे हैं। सतीश पुनिया ने पत्र साझा करते हुए लिखा, “यह लो जी, एकदम ताजा है और पक्का। जिम्मेदारी से कह सकता हूँ कि यह पत्र बीजेपी राजस्थान ने नहीं लिखवाया है, माखन चुराया किसने? कब? फिर भी बने हुए हैं, बनाए हुए हैं। अशोक गहलोत जी, इश्क के इम्तिहां और भी हैं…।”
वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “लगता है मुख्यमंत्री जी द्वारा कृत फिल्म नकारा निकम्मा का भाग-2 ही जल्द ही रिलीज होने वाला है।”
पिछले साल भी भरत सिंह ने लिखा था पत्र
बता दें कि भले ही भरत सिंह ने अपने पत्र में किसी नेता का नाम न लिया हो। लेकिन उनके इशारों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह प्रमोद जैन भाया को मंत्रिमंडल से हटाने की बात कर रहे हैं। चूँकि प्रमोद जैन ही ऐसे पार्टी के राजनेता हैं, जिन्हें पिछली बार भी कैबिनेट से हटाया गया था।
इसके अलावा उन्हीं पर भरत सिंह अक्सर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते रहते हैं। इससे पहले भी भरत सिंह ने सीएम अशोक गहलोत को एक पत्र लिखा था। उस पत्र में भी उन्होंने प्रमोद जैन भाया पर इशारों में भ्रष्टाचार के आरोप मढ़े थे। साथ ही खनिज विभाग में होने वाले भ्रष्टाचार के मामले में खनिज मंत्री यानी प्रमोद जैन को भ्रष्टाचार की गंगोत्री बताया था।
शराब से होगा कोरोना खत्म
याद दिला दें, सांगोद के विधायक भरत सिंह कुंदनपुर कॉन्ग्रेस के वही वरिष्ठ नेता हैं, जो मई में भी चर्चा में आए थे। उन्होंनें कोरोना वायरस के बीच प्रदेश में शराब की दुकानें खोलने की अपील सीएम गहलोत से की थी। उन्होंने इसके लिए सीएम को पत्र भी लिखा था। कॉन्ग्रेस विधायक ने कहा था कि जब कोरोना वायरस हाथों को अल्कोहल से धोने पर साफ हो सकता है तो इसे पीने से गले का वायरस भी जरूर साफ हो जाएगा।
अपने पत्र में उन्होंने अवैध शराब के बढ़ते धंधे का मुद्दा उठाते हुए और लॉकडाउन के कारण होते आर्थिक घाटे का हवाला देते हुए सलाह दी थी कि सरकार शराब की दुकानें खोल दे। इस फैसले से पीने वालों को शराब मिलेगी और सरकार को राजस्व मिलेगा। उन्होंने कहा था, “जब अल्कोहल से हाथों को धोने से कोरोना वायरस साफ हो सकता है, तो शराब पीने से निश्चित रूप से गले का वायरस साफ हो जाएगा। अवैध शराब पीकर जान गँवाने से तो ये कहीं अच्छा है।”