क्या आंदोलन से उपजी थी नयी शिक्षा नीति की नींव?

राजविरेन्द्र वशिष्ठ, चंडीगढ़ – 31 जुलाई:

वर्ष 2002, 26 नवम्बर के दिन ABVP के कार्यकर्ताओ का अटल सरकार के खिलाफ सबसे बड़ा छात्र आंदोलन किया था जिसका नारा था ‘भारत केन्द्रित शिक्षा नीति’ आज 2020 में उस आंदोलन की सफलता #राष्ट्रीय_शिक्षा_निति की रूप में प्राप्त हुई है यह विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओ के लिए हर्ष का विषय है।

इस आन्दोलन को गति देने हेतु विभिन्न प्रान्तों में सम्मेलन, सभाएं, यात्रा जैसे कार्यक्रम किए गए। हर प्रान्त में स्थानीय समस्याओं को भी लेकर मांगपत्र बने, जो राज्य के शिक्षा मंत्रियों को दिए गए। छात्रों में जागरण हेतु दो करोड़ से भी अधिक संख्या में पत्रक बांटे गए। बेरोजगारी के कारण तथा उपाय के विषय पर एक पुस्तिका का प्रकाशन किया गया। इसके अलावा पोस्टर, बैनर आदि प्रचार सामग्री भी विपुल मात्रा में मुद्रित की गई। इस सम्पूर्ण आन्दोलन के द्वारा यह प्रयास किया गया कि शिक्षा में परिवर्तन एवम् रोजगार विषय पर समाज में, विशेष रूप से शिक्षा जगत् में व्यापक बहस हो। सरकारों के द्वारा छात्रों की एवं शिक्षा की समस्याओं के समाधान हेतु ठोस कदम उठाए जाएं।

आज 18 साल बाद उस व्यापा आंदोलन फलीभूत हुआ देखिये उस समय जो मांगें अभाविप ने की थीं वह आज भी कितनी प्रासांगिक हैं।

प्रमुख मांगें:

शिक्षा का भारतीयकरण हो

  • भारतीय भाषाओं में हो शिक्षा।
  • संस्कृत अध्ययन को प्रोत्साहन मिले
  • नैतिक शिक्षा दी जाए।
  • राष्ट्रीय शिक्षा आयोग स्थापित हो।

शिक्षा की वित्त-व्यवस्था सुधारी जाए

  • सकल घरेलू उत्पादक का न्यूनतम 6 प्रतिशत शिक्षा पर व्यय हो
  • निजी सहभाग के नाम पर बढ़ते व्यापारीकरण पर रोक लगे
  • शिक्षा-शुल्क न्यूनतम हो।
  • राष्ट्रीय शिक्षा कोष की स्थापना की जाए।

विश्वविद्यालयों को स्वायत्तता मिले

  • सीनेट और सिंडीकेट जैसे निकाय अनिवार्य हों।
  • छात्र संघ के निर्वाचन अनिवार्य हों।
  • विश्वविद्यालय स्वायत्त हो।
  • जनीतिक हस्तक्षेप बंद हो।

रोजगार में बढ़ोत्तरी हो

  • श्रम-आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जाए।
  • निवेश और रोजगार का संख्यात्मक अनुपात निश्चित हो।
  • अनौपचारिक रूप से शिक्षित कुशल कारीगरों को प्रमाण पत्र दिया जाए।

केंद्र सरकार ने बीते दिन लगभग 34 साल बाद भारत की शिक्षा नीति में बदलाव किया। कई बदलाव ऐसे हैं, जिन्हें वाकई पढ़ा और समझा जाना चाहिए। सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि देश को वैश्विक स्तर पर मुखिया बनाने के दौर में शिक्षा नीति की भूमिका सबसे अहम होगी। 

चाहे सामाजिक न्याय और समानता हो या अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी या देश की एकता, शिक्षा की भूमिका लगभग हर क्षेत्र में अहम है। सरकार ने इन सारी बातों को मद्देनज़र रखते हुए शिक्षा नीति में बड़े पैमाने पर बदलाव किए हैं।  

सरकार ने शिक्षा नीति के इन बदलावों को बुनियादी स्तर पर 4 हिस्सों में बाँटा है। पहले और दूसरे हिस्से में प्राथमिक और उच्च शिक्षा का ब्यौरा है। तीसरे हिस्से में भाषा, संस्कृति और तकनीक पर विस्तार से चर्चा की गई है। चौथे हिस्से में इस बात का ज़िक्र है कि कैसे सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और नई नीति लागू कैसे की जाए।  

स्कूली शिक्षा

हमारे देश की शुरुआती पढ़ाई का ढाँचा 10+2 पर आधारित था। इसके हिसाब से एक बच्चा 6 साल की उम्र में पहली कक्षा में पहुँचता है। यानी 3 से 6 साल की उम्र के बीच उसका शिक्षा से कोई सरोकार नहीं रहता है। नए बदलाव के हिसाब से इसे 5+3+3+4 कर दिया गया है। और इसका नाम रखा गया है  Early Childhood Care and Education (ECCE), यानी 3 साल की उम्र से ही बच्चों की पढ़ाई शुरू होगी।  

शुरुआती उम्र से तैयार किए जाएँगे बच्चे 

सरकार ने ऐसा करने के पीछे उल्लेखनीय कारण दिया है।  सरकार का कहना है एक बच्चे के दिमाग का 85 फ़ीसदी विकास 6 साल की उम्र के पहले हो जाता है। ऐसे में यह बेहद ज़रूरी है कि वह पहली कक्षा में जाने के पहले विद्यालय (स्कूल) के लिए पूरी तरह तैयार रहे। बच्चों को बेहतर भाषा और अक्षर ज्ञान कराने के लिए अलग-अलग तरह के खेल और क्रियाकलापों का हिस्सा बनाया जाएगा। 

एनसीइआरटी (NCERT) दो हिस्सों में बच्चों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करेगी। पहला 0-3 साल तक की उम्र के बच्चों के लिए और दूसरा 3-8 तक की उम्र के बच्चों के लिए। इसके अलावा प्राथमिक शिक्षा को आँगनबाड़ी से भी जोड़ा जाएगा। साथ ही आँगनबाड़ी को बहुत मज़बूती प्रदान की जाएगी। 

कक्षा 1 से पहले बच्चों को “Preparatory Class” यानी “बालवाटिका” में भेजा जाएगा। इसमें पढ़ाने वाले शिक्षक का ज़ोर बच्चों को स्कूली शिक्षा के लिए तैयार करना होगा। इसके पहले आँगनबाड़ी में काम करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों को एनसीइआरटी के नीति-निर्देशों के आधार पर तैयार किया जाएगा। आदिवासी इलाकों के लिए ECCE के लिए “आश्रमशाला” बनाई जाएगी और इसमें भी ऊपर दी गई जानकारी के आधार पर काम होगा।  

30 बच्चों पर 1 शिक्षक का लक्ष्य 

सरकार के मुताबिक़ देश के 5 करोड़ बच्चे ऐसे हैं जिन्हें अंकों का सही ज्ञान नहीं है। सरकार का ज़ोर इस बात पर होगा कि वह जोड़, घटाव, गुणा और भाग करना सीखें। सरकार इस योजना पर चल रही है कि साल 2025 तक बच्चों को संख्याओं और अंकों की सही समझ हो जाए। इसके लिए बच्चों को कक्षा 3 तक अच्छे से अंकों की पढ़ाई करवाई जाएगी। 

इसके अलावा पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की बहाली की जाएगी। छात्र-शिक्षक अनुपात (PTR) 30:1 रखा जाएगा, यानी 30 बच्चों पर एक शिक्षक। वहीं आर्थिक और समाजिक रूप से कमज़ोर बच्चों के लिए यह अनुपात 25:1 रखा जाएगा। इसके लिए सरकार एक राष्ट्रीय स्तर का पोर्टल भी संचालित करेगी, Digital Infrastructure for Knowledge Sharing (DIKSHA)। बच्चों के पोषण (Nutrition) और मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) का ख़ास ध्यान रखा जाएगा।  

जिससे बच्चों की पढ़ाई बीच में न छूटे 

सरकार इस बात पर भी विशेष ध्यान देगी कि ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में बच्चे विद्यालयों में दाख़िला लें और शिक्षा हासिल करें। कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों की पढ़ाई का सकल नामांकन अनुपात Gross Enrollment Ratio (GER) 90.9 % था। यानी 90.9 % बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी करते हैं लेकिन आगे की पढ़ाई में ऐसा नहीं है।

कक्षा 9 से 10 और 11 से 12 तक यह अनुआत सिर्फ 79.3% और 56.5% है। सरकार इस लक्ष्य पर काम कर रही है कि साल 2035 तक 12वीं तक के बच्चों की पढ़ाई का GER 100% हो जाए। इसके लिए सामाजिक और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के बच्चों के लिए National Institute of Open Schooling (NIOS) के तहत Open and Distance Learning (ODL) भी शुरू की जाएगी। साथ ही साथ पढ़ाई जारी रखने के लिए उनको बढ़ावा देने के लिए पूर्व छात्रों और स्थानीय समुदाय के लोगों की मदद भी ली जाएगी।    

किस उम्र में कितने दर्जे में होगा बच्चा 

इस नीति से बच्चों की शुरुआती पढ़ाई का पूरा ढाँचा बदला जाएगा। इसे कक्षा और आयु वर्ग के हिसाब से बदला जाएगा। यह कुछ इस तरह होगा, 3-8 साल, 8-11 साल, 11-14 साल और 14-18 साल। 5+3+3+4 कुछ इस तरह होगा, 

  • Foundational Stage: कुल 3 साल का प्री-स्कूल और कक्षा 1-2 की पढ़ाई 3 से 8 साल की उम्र तक
  • Preparatory Stage: 8 से 11 साल उम्र तक कक्षा 3 से 5 तक की पढ़ाई
  • Middle School Stage: 11 से 14 साल की उम्र तक कक्षा 6 से 8 तक की पढ़ाई
  • High School or Secondary Stage: कक्षा 9 से 12 की पढ़ाई कुल दो हिस्सों में, 9-10 पहले हिस्से में और 11-12 दूसरे हिस्से में

इसके अलावा अलावा ECCE पाठ्यक्रम में अच्छे व्यवहार, मान-सम्मान की भावना, नैतिकता, व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वच्छता और सहयोग की भावना से जुड़ी चीज़ें भी बताई जाएँगी।

बच्चों को बनाया जाएगा बहुभाषी  

  • प्रायोगिक तरीके से पढ़ाई और सीखने पर ज़ोर दिया जाएगा, उदाहरण- किस्सागोई।
  • पाठ्यक्रम के लगभग हर पहलू में कला को शामिल किया जाएगा।
  • खेल-कूद को बढ़ावा दिया जाएगा, इसे फिट इंडिया मूवमेंट के तहत पढ़ाई में शामिल किया जाएगा।
  • बच्चों की पढ़ाई में ह्यूमैनिटीज़ (मानव मूल्यों) को भी शामिल किया जाएगा।
  • कक्षा 5 तक बच्चों की पढ़ाई में मातृभाषा अनिवार्य होगी। ऐसा निजी और सार्वजनिक दोनों तरह के विद्यालयों में किया जाएगा।
  • इसके अलावा भाषा की पढ़ाई पर ज़ोर दिया जाएगा। जिससे बच्चे ज़्यादा भाषाओं में संवाद कर सकें।
  • किसी भी राज्य पर कोई भाषा थोपी नहीं जाएगी। बच्चों को 3 भाषाएँ पढ़ाने पर ज़ोर दिया जाएगा।
  • भाषाओं का चुनाव करने का अधिकार राज्य और बच्चों को दिया जाएगा।
  • एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना के तहत ‘The Languages of India’ नाम की पहल शुरू की जाएगी। इसके तहत बच्चों को बताया जाएगा कि भारत की एकता का आधार भाषाएँ रही हैं।
  • बच्चों की पढ़ाई में संस्कृत भी अनिवार्य रूप से शामिल की जाएगी।
  • संस्कृत के अलावा तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयाली, उड़िया, पर्शियन, प्राकृत और पाली भी (वैकल्पिक रूप से) शामिल की जाएगी।
  • रूसी, कोरियाई, जापानी, चीनी, जर्मन, फ्रांसीसी, स्पैनिश जैसी अंतर्राष्ट्रीय भाषा भी पढ़ाई में शामिल की जाएगी।
  • साथ ही सांकेतिक भाषा में बच्चों की पढ़ाई भी पाठ्यक्रम में शामिल की जाएगी। 

बदला जाएगा परीक्षा और मूल्यांकन का स्वरूप 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत एनसीईआरटी National Curricular Framework, NCF 2020 लागू करेगा। इसका हर 5 से 10 साल में मूल्यांकन किया जाएगा। आसान शब्दों में इसका लक्ष्य बच्चों से किताबों का भार कम करना होगा। साथ ही इसका लक्ष्य बच्चों में सीखने समझने का कौशल तैयार करना होगा। 

NCF के तहत बच्चों की परीक्षाओं का स्वरूप भी बड़े पैमाने पर बदला जाएगा। बोर्ड की परीक्षाओं में छात्रों को “बेस्ट ऑफ़ टू” असेसमेंट की सुविधा दी जाएगी। छात्रों के मूल्यांकन (असेसमेंट) के लिए National Assessment Centre बनाया जाएगा। इसका कार्य छात्रों की परीक्षाओं और मूल्यांकन के लिए दिशा-निर्देश तैयार करना होगा। इसे लागू करने में State Achievement Survey (SAS) और National Achievement Survey (NAS) बनाया जाएगा। 

विद्यालयों में विषय और प्रोजेक्ट संबंधी समूह (क्लब/सर्कल) बनाए जाएँगे। इसमें विज्ञान, गणित, संगीत, शतरंज, कविता, भाषा, परिचर्चा के अलग -अलग सर्कल बनाए जाएंगे। यह बच्चों की पढ़ाई से पूरी तरह होगा।    

शिक्षकों के लिए भी होंगे तमाम नए अवसर  

नई शिक्षा नीति में शिक्षकों के लिए भी काफी कुछ नया है। 4 साल के बैचलर ऑफ़ एजुकेशन प्रोग्राम के लिए विशेष छात्रवृत्ति का प्रावधान किया गया है। इससे स्थानीय स्तर पर काफी संख्या में रोज़गार पैदा होगा, खासकर महिला शिक्षिकाओं के लिए। 

शिक्षकों का स्थानान्तरण भी विशेष परिस्थितियों में ही होगा। शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) को भी मज़बूत किया जाएगा। एक सुझाव के मुताबिक़ विद्यालयों को “स्कूल कॉम्प्लेक्स” बनाना चाहिए। इसके प्रबंधन के लिए स्थानीय लोगों को अभिवावकों की मदद ली जा सकती है। 

शिक्षकों के पास अपने तरीके से पाठ्यक्रम लागू करने का अधिकार होगा। शिक्षकों को ऑनलाइन मंच दिए जाएँगे, जहाँ वह अपने सुझाव साझा कर सकें। उन्हें एक साल में 50 घंटे का समय खुद पर काम करने के लिए मिलेगा।इस दौरान अच्छा प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को समय-समय पर प्रोन्नति भी मिलेगी। 

साल 2022 के अंत तक National Professional Standards for Teachers (NPST) बनाई जाएगी। इसमें शिक्षकों के विकास प्रोन्नति से जुड़े दिशा-निर्देश मौजूद होंगे। दिव्यांग बच्चों के लिए अलग शिक्षक रखे जाएँगे, जिनका काम उन बच्चों के विकास पर ध्यान देना होगा। साल 2030 के अंत तक शिक्षकों को पढ़ाने के लिए 4 साल का बीएड अनिवार्य होगा।   

दिव्यांग, ट्रांसजेंडर और लड़कियाँ सभी को समान शिक्षा

सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (SEDGs) से आने वाली आबादी को कई श्रेणी में बाँटा गया है। जिसमें मुख्य रूप से लैंगिक आधार पर (महिलाएँ और ट्रांसजेंडर), अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक को रखा गया है। इसके अलावा दिव्यांग, गरीबी रेखा से नीचे के लोग, तस्करी का शिकार हुए बच्चे, अनाथ और शोषित वर्ग से आने वाले बच्चे इन सभी के लिए सामान शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी। 

जिन इलाकों में SEDGs श्रेणी के बच्चे ज़्यादा होंगे उन इलाकों को Special Education Zones घोषित कर दिया जाएगा। जवाहर नवोदय विद्यालय के तरह के विद्यालय तैयार किए जाएँगे जिसमें छात्रों को लगभग मुफ़्त सुविधाएँ मिलेंगी। इसमें लड़कियों और ट्रांसजेंडर की शिक्षा और सुरक्षा को मद्देनज़र रखते हुए छात्रावास तैयार किए जाएंगे। 

इसके अलावा दिव्यांग अधिकार क़ानून 2016 के तहत दिव्यांग बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित कराने के लिए उचित कदम उठाए जाएँगे। दिव्यांग बच्चों को समान शिक्षा दिलाने के लिए शिक्षा पद्धति में उनके अनुसार बदलाव होंगे। SEDGs वर्ग के बच्चों के लिए कई छात्रवृत्ति योजना भी शुरू की जाएँगी।               

पढ़ाई में बढ़ाई जाएगी गवर्नेंस की भूमिका 

शिक्षा में गर्वनेंस को बढ़ावा देने के लिए इससे जुड़े अधिकारियों को अहम ज़िम्मेदारियाँ दी जाएगी। इसमें मुख्य रूप से ज़िला शिक्षा अधिकारी (DEO) और खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) शामिल किए जाएँगे। यह विद्यालयों के कॉम्प्लेक्स/समूह के साथ मिल कर नीति-निर्देश लागू करेंगे। 

हर ज़िले या राज्य में “बाल भवन” का निर्माण कराया जाएगा जिसमें बच्चे हफ्ते के एक दिन जा सकेंगे। यह मूल रूप से सामुदायिक शिक्षा पर केन्द्रित होंगे और कई विद्यालयों के साथ मिल कर चलाए जाएँगे। विद्यालयों को बतौर ‘सामाजिक चेतना केंद्र’ भी स्थापित किया जाएगा।

सार्वजनिक विद्यालयों में होगा सुधार  

पुरानी शिक्षा नीति में ज़्यादातर नीति-निर्देश तैयार करने का अधिकार कुछ ही इकाइयों के पास है। मसलन, स्कूली शिक्षा विभाग। इसका तंत्र ऐसा है कि बड़े बदलावों की जगह बहुत कम बचती है। इसकी वजह से निजी क्षेत्र में शिक्षा का व्यवसायीकरण बहुत बढ़ा है। शिक्षा भले महँगी हुई है लेकिन यह तय नहीं हो पाया कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो पा रहा है या नहीं। 

इस ढाँचे में बदलाव के लिए कुछ निर्देश तैयार किए गए हैं। निजी से लेकर सार्वजनिक सभी तरह के विद्यालयों का उचित मूल्यांकन होगा। इससे बच्चों को बेहद शुरुआती स्तर से अच्छी शिक्षा मिलेगी। इसके अलावा Sustainable Development Goal4 (SDG4) सुनिश्चित किया जा सकेगा। सार्वजनिक विद्यालयों को बढ़ावा दिया जाएगा जिससे बच्चों को वहाँ भी अच्छी शिक्षा मिले। अभिवावकों को इस बात का विकल्प कि वह बच्चों का दाख़िला यहाँ भी करवा सकते हैं। National Achievement Survey (NAS) के तहत बच्चों की नियमित रूप से जाँच कराई जाएगी।   

उच्च शिक्षा के लिए कई खामियों का उल्लेख करते हुए उन पर काम करने की जरूरत बताई गई है। ये हैं;

  • सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए संस्थानों में अलग प्रावधान न होना।
  • शिक्षक और संस्थागत स्वायत्तता न होने की वजह से छात्रों का विकास न होना।
  • पाठ्यक्रम और विषयों के विस्तृत न होने से छात्रों में समग्र गुणों की कमी।
  • विश्वविद्यालयों में फंडिंग न होने के चलते शोध और अनुसंधान की कमी।
  • विश्वविद्यालयों में गवर्नेंस और मानकों की कमी।
  • नियमों की अनदेखी और फ़र्ज़ी तरीके से चल रहे शैक्षिक संस्थानों में बढ़ोतरी।

उच्च शिक्षा का हिस्सा लिबरल आर्ट्स 

सॉफ्ट स्किल्स (बुनियादी कौशल) को भारतीय शिक्षा का अहम हिस्सा बनाया जाएगा। इसमें कला (विशेष रूप से लिबरल आर्ट्स) को सबसे ज़्यादा महत्व दिया जाएगा। छात्रों को ज़्यादा से ज़्यादा कला विधा की समझ और जानकारी देने के लिए तक्षशिला और नालंदा की पद्धति पर काम किया जाएगा।

बाणभट्ट के कादम्बरी में 64 कलाओं के बारे में विस्तार से बताया गया था। इसमें सिर्फ चित्र कला और गायन नहीं बल्कि विज्ञान से संबंधित तमाम विषय शामिल थे। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में भी इस तरह की शिक्षा पर ज़ोर दिया जाएगा। इनके पाठ्यक्रम में भी ह्यूमैनिटीज़ और कला को शामिल किया जाएगा। 

उच्च शिक्षा में मानव संबंधी मूल्यों को विशेष रूप से शामिल किया जाएगा, सत्य, धर्म, शांति, प्रेम, अहिंसा, नागरिक मूल्य और जीवन कौशल। एकएकेडमिक बैंक ऑफ़ क्रेडिट बनाया जाएगा जिसके तहत संस्थानों के क्रेडिट का ब्यौरा तैयार किया जाएगा।  

दुनिया में भारतीय शिक्षा को बढ़ावा

देश में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालयों को कई बड़े अवसर दिए जाएँगे। एक ऐसा केंद्र तैयार किए जाएगा जिसमें विदेशी छात्र भारतीय छात्रों के साथ मिल कर अनुसंधान संबंधी विषयों पर काम कर सकते हैं। दूसरे देशों के साथ इस पर समझौते भी किए होंगे जिससे ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में साझा कार्यक्रम पूरे किए जा सकें। इसमें छात्रों से लेकर प्राध्यापकों तक सभी शामिल होंगे। 

देश में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालयों को दुनिया के कुछ देशों में अपना परिसर बनाने का मौक़ा मिलेगा। इसके अलावा दुनिया के 100 सबसे अच्छे विश्वविद्यालय भारत में अपना परिसर स्थापित कर सकेंगे। साथ ही छात्रों को उच्च शिक्षा मुहैया कराने के लिए उन्हें आर्थिक मदद भी की जाएगी। इसके लिए नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल को बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा शिक्षक और छात्रों का अनुपात कम से कम 10:1 और ज़्यादा से ज़्यादा 20:1 रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।   

जिससे छात्रों की उच्च शिक्षा जारी रहे 

देश के हर वर्ग और हर क्षेत्र से आने छात्र उच्च शिक्षा जारी रखें इसके लिए भी कई नए प्रावधान किए गए हैं। सबसे पहले सरकार उच्च शिक्षा के लिए फंड बढ़ाएगी। उच्च शिक्षा में लिंगानुपात पर भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। देश में ज़्यादा से ज़्यादा स्पेशल एजुकेशन ज़ोन बनाए जाएँगे। विश्वविद्यालयों में भारतीय और स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई कराने पर ज़ोर दिया जाएगा। 

उच्च शिक्षा में छात्रवृत्ति भी बढ़ाई जाएगी और शिक्षा में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा। उच्च शिक्षा में ऐसे बदलाव होंगे जिससे ज़्यादा से ज़्यादा छात्रों का रोज़गार सुनिश्चित हो। इस बात का ख़ास ख़याल रखा जाएगा कि पढ़ाई के दौरान किसी छात्र का शोषण न किया जा रहा हो।   

प्रोफेशनल स्टडीज़ को उच्च शिक्षा का अहम हिस्सा बनाया जाएगा। इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय, विधि विश्वविद्यालय, स्वास्थ्य और विज्ञान विश्वविद्यालय, तकनीकी विश्वविद्यालय समेत हर तरह के शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा दिया जाएगा। लक्ष्य के मुताबिक़ साल 2030 तक प्रोफेशनल स्टडीज़ प्रदान करने वाले हर संस्थान को समूह के तौर पर विकसित किया जाएगा। अलग-अलग प्रोफेशनल पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले संस्थानों के लिए उनकी आवश्यकता के हिसाब से निर्देश तैयार किए जाएँगे।    

देश और दुनिया में ऐसी तमाम घटनाएँ हो रही हैं जिन पर शोध और अनुसंधान की ज़रूरत है। जैसे जलवायु परिवर्तन, जनसंख्या बढ़ोतरी और नियंत्रण, बायो टेक्नोलॉजी, डिजिटल दुनिया का प्रभाव और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे कई अहम मुद्दे। ऐसे ज़रूरी मुद्दों पर अच्छे नतीजे हासिल करने के लिए सरकार शोध और अनुसंधान पर विशेष ध्यान देगी। 

शोध और अनुसंधान, Research & Innovation (R&I) इतना अहम विषय होने के बावजूद भारत इस पर अपनी जीडीपी का केवल 0.69 हिस्सा खर्च करता है। वहीं दूसरे देशों से तुलना करें तो अमेरिका 2.8%, इज़रायल 4.3%, चीन 2.1% और दक्षिण कोरिया 4.2% हिस्सा खर्च करता है। 

भारत भी अब इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम करने वाला है। भारत का इतिहास शोध और अनुसंधान के मामले में बेहद गहरा है, इस नीति में उसे वापस हासिल करने की बात की गई है। इसके लिए National Research Foundation (NRF) तैयार की जाएगी, जिसका काम देश के विश्वविद्यालयों में शोध कार्य को बढ़ावा देना होगा।

साथ ही यह विश्वविद्यालयों में होने वाले शोध का मूल्यांकन भी करेगा। इसके बाद कारगर शोध कार्यक्रमों की जानकारी सरकारी समूहों और एजेंसियों को देगा। शोध कार्यों को फंड दिलाना भी NRF के तहत ही आएगा।  

कैसे लागू होंगे उच्च शिक्षा के बेहतर विकल्प 

उच्च शिक्षा का स्वरूप बेहतर करने के लिए इसका रेगुलेटरी सिस्टम (लागू करने की पद्धति) बदला जाएगा। यह सारे कार्य भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (HECI) के तहत किए जाएँगे। इस आयोग में 4 स्वतंत्र इकाइयाँ शामिल की जाएँगी। इनके जरिए उच्च शिक्षा का बुनियादी ढाँचा सुधारा जाएगा। इसकी सबसे पहली इकाई होगी, 

  • National Higher Education Regulatory Council (NHERC) का काम मुख्यतः रेगुलेशन सुनिश्चित करना होगा।
  • National Accreditation Council (NAC) का काम मान्यता दिलाना होगा।
  • Higher Education Grants Council (HEGC) का काम फंडिंग उपलब्ध कराना होगा।
  • General Education Council (GEC) का काम शिक्षा के उचित मानक तय कराना होगा।

 उच्च शिक्षा में गवर्नेंस 

उच्च शिक्षा में गवर्नेंस को लेकर कई अहम कदम उठाए जाएँगे। सुविधाजनक मान्यता प्रणाली और स्वायत्तता तैयार की जाएगी। इसकी मदद से संस्थान खुद सकारात्मक बदलाव और बड़े कदम उठा सकेंगे। 

उच्च शिक्षा संस्थानों में बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स स्थापित किया जाएगा। इनका काम उच्च शिक्षा संस्थानों को राजनीति दखलंदाज़ी से बचाकर रखना होगा। प्राध्यापकों की भर्ती करना होगा और संस्थागत निर्णय लेना होगा। यह शिक्षाविदों और शिक्षा से जुड़े अनुभवी लोगों का एक समूह होगा जो उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए स्वतंत्र रूप से काम करेगा। तय लक्ष्य के मुताबिक़ साल 2035 के अंत तक देश के लगभग सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स का यह समूह होगा।  

भाषाओं के ज़रिए युवाओं को पढ़ाने का लक्ष्य 

इसके अलावा जिस बात पर सबसे ज़्यादा ज़ोर दिया जाएगा वह है युवाओं की शिक्षा और भारतीय भाषाओं का प्रचार। इन दो बातों के अलावा प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कला और संस्कृति को भी शामिल किया जाएगा। दशकों पहले देश में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन शुरू किया गया था, इसे आधार बनाते हुए सरकार देश के हर युवा को साक्षर और शिक्षित बनाने लक्ष्य लेकर चल रही है। देश भर में इसके लिए एडल्ट एजुकेशन सेंटर शुरू किए जाएँगे। 

नई शिक्षा नीति में ‘अतुल्य भारत’ को आधार बनाते हुए भारतीय संस्कृति के एक बड़े हिस्से को पढ़ाई में शामिल करने की बात कही है। यूनेस्को ने 197 भारतीय भाषाओं को लगभग लुप्त बताया है। पिछले 50 सालों में लगभग 50 भारतीय भाषाएँ लुप्त हो चुकी हैं। इसके अलावा एक और नए तरह का संस्थान शुरू किया जाएगा Indian Institute of Translation and Interpretation (IITI)। इसका काम व्याख्या और अनुवाद संबंधी काम को बढ़ावा देना होगा। 

भाषा और संस्कृति की पढ़ाई करने वालों के लिए छात्रवृत्ति शुरू की जाएगी। इतना ही नहीं डिजिटल इंडिया अभियान के तहत देश में आधुनिक माध्यमों के ज़रिए संवाद को बढ़ावा दिया जाएगा।  

जीडीपी का 6% शिक्षा पर 

नई शिक्षा नीति में ‘केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड’ को मज़बूत करने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। शिक्षा को सबसे ऊपर रखने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदल कर ‘शिक्षा मंत्रालय’ किया जाएगा। इसके अलावा नई शिक्षा नीति में सबसे ज़्यादा इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि शिक्षा के क्षेत्र में जीडीपी का 6% तक खर्च हो। फिलहाल यह 4.43% ही है। यह दुनिया के तमाम विकासशील और विकसित देशों से कमतर हैं। इसलिए नई शिक्षा नीति में शिक्षा पर किए जाने वाले खर्च को बढ़ावा देने की बात का ज़िक्र है। 

यह भारत की साक्षरता और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए ही बहुत ज़रूरी है। सरकार इस योजना पर काम कर रही है कि 2030 से 2040 के दशक के बीच यह शिक्षा नीति पूरी तरह प्रभावी होगी।     

भाजपा नेता शीतल बिश्नोई द्वारा फेसबुक पर ब्राह्मण समाज के लोगो को ‘दिहाडी मजदूर’ बताने पर ब्राह्मण समाज महापंचायत नाराज

राहुल भारद्वाज, सहारनपुर:

सहारनपुर भाजपा नेता शीतल बिश्नोई द्वारा फेसबुक पर ब्राह्मण समाज के विरुद्ध अभद्र टिप्पणी पर ब्राह्मण समाज महापंचायत के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने आज शीतल बिश्नोई के खिलाफ नारेबाजी करते हुए  कार्रवाई की मांग कि।  महांचायत के कार्यकर्ताओ ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदी सोमवार तक इस मामले मे बिश्नोई के खिलाफ कोई कार्रवाई नही गयी तो उन्हें आन्दोलन के लिये बेबस होना पडेगा। आपको बता दे, कि शीतल बिश्नोई ने ब्राहम्ण समाज को फेसबुक पर दिहाडी मजदूर का दर्जा दे डाला था। उसी अभद्र टिपन्नी को लेकर   ब्राह्मण समाज आज  शीतल बिश्नोई से बेहद नाराज है।प्रदर्शन करने वालों मे सर्व ब्राह्मण महासभा के जिलाउपाध्यक्ष सागर पण्डित भलस्वा,भाजपा नेता दिव्यांश पण्डित,निक वशिष्ठ,राहुल शर्मा,इत्यादी लोग मोजूद रहे।

इस प्रदर्शन मे सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पूरा ख्याल रखा गया।

A book Release on Police Administration , Panjab University

Chandigarh – 31 July

         Prof. Mahesh Sharma, Chairman of the Department of Evening Studies, Panjab University today released a book entitled ‘Police Administration:Concepts and Practice’ written by Dr. Sanjeev Ranjan of the Police Administration Department. He said that the department has always been in the forefront of research and teaching and every year the articles and books of the teachers of the department are published at national and international level. He congratulated Dr. Sanjeev Ranjan for his writing and said that he should continue with such research work in future also. On this occasion, Prof. G.C. Chauhan also appreciated the writing. Among those present included Dr. Rajesh Chander, Dr. Balbir Singh, Dr. Vinod Kumar, Dr. Alka Gulati and Ms. Gurjot Kaur etc. Dr. Ranjan presented a copy of this book to the departmental library.

देश की आर्थिक हालत का अंदाज़ा भविष्यनिधि से निकाली 72000 करोड़ रुपये की राशि से लगाया जा सकता है : चंद्रमोहन

पचकुलां, 31 जुलाई :

   हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री चंद्रमोहन ने  देश में  कर्मचारी भविष्य निधि खातों से कर्मचारियों द्वारा बड़ी मात्रा में निकाली जा‌ रही राशि को चिंताजनक बताते हुए कहा कि इस का परिणाम  भविष्य में बड़ा ही घातक सिद्ध  होगा। और  ऐसे  कर्मचारियों को भविष्य में ,अपने परिवार को पालने के लाले पड़ जाएंगे।

चन्द्र मोहन ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि से  जिस प्रकार से 80 लाख कर्मचारियों ने पिछले तीन महीने के दौरान 10 अप्रैल से 10 जुलाई तक   30 हजार करोड़ रुपए की राशि अपने भविष्य निधि फण्ड से  अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए निकलवाई है उससे स्पष्ट रूप से प्रतीत होता है कि देश में  आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं। जबकि वर्ष 2019-20 में  कर्मचारियों ने अपने खातो से 72000 हजार करोड़ रुपए की राशि निकलवाई थी।

‌उन्होने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन 10 लाख करोड़ रुपए का फंड मैनेज करता है और सारे देश में इसके लगभग 6 करोड़ खाता धारक हैं और कर्मचारी भविष्य निधि का खाता मुश्किल समय में परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए  जमा किया जाता है । जिस प्रकार से लगभग 80  लाख कर्मचारियों ने पैसा भविष्य निधि खातों से निकाला है तो इससे सिद्ध होता है कि आगे आने वाले समय में  हालात और  भी खराब होगें।

चन्द्र मोहन ने कहा कि  जिस प्रकार से आत्मनिर्भर भारत के नाम पर लोगों को कर्ज दार बनाया जा रहा है। उससे आने वाले समय में बैंकों के  नान परफार्मिंग सम्पत्ती में बढ़ोतरी हो रही है, उससे बैंकों का ढांचा पूरी तरह से चरमरा जाएगा।  मार्च 2020 में बैंकों का एन पी ए जो 8.5 प्रतिशत था ,वह बढ़कर  14.7 प्रतिशत तक पहुंच गया है। केन्द्र सरकार की गलत नीतियों का ही परिणाम है कि आज कोविड-19 के  मामलों में बेहतहासा बढ़ोतरी हो रही है और गरीब व्यक्ति का जीना दुश्वार हो गया है। उन्होंने कहा की कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मांग की थी कि  गरीब लोगों के खाते में 6 हजार रुपए प्रति महीने के हिसाब से डाले जाएं ताकि पैसे का फैलो बढ़ने से  गरीब व्यक्ति की हालत में सुधार होने के साथ साथ देश की आर्थिक हालत में भी सुधार हो सके, लेकिन भाजपा के लिए यह प्रतिष्ठता  का सवाल था , इस लिए देश को कर्ज दार बनाने का निश्चय किया गया और देश में 20 लाख करोड़ रुपए का राहत  पैकेज देने की घोषणा की गई और जिस समय पता चला कि  यह तो गरीब व्यक्ति को और अधिक कर्ज दार बनाने का षड्यंत्र  था और भाजपा अपने उद्देश्य में काफी हद तक सफल भी रही है।

चन्द्र मोहन ने  प्रधानमंत्री से मांग  की है कि प्रत्येक गरीब व्यक्ति के खाते में 6000 हजार रुपए प्रति महीने के हिसाब से राशि डाली जाए। न की 5 किलोग्राम गेहूं एक महीने में देने का ढोंग करके उनके ईमान और धर्म को खरीदने का कुत्सित प्रयास किया जाए । उन्होंने कहा कि कोरोना रूपी रावण से लडने के सरकार की इच्छा शक्ति  पर निर्भर करता है। देश में जो हालात पैदा हो रहें हैं, उससे मालूम होता है कि भविष्य में  हालात और भी बदतर होने की संभावना है। उन्होंने मांग की है कि मध्यम वर्ग की परेशानियों को दूर करने के लिए अनेक कदम उठाए जाने की तत्काल ही जरुरत है।           

Police Files, Chandigarh

Korel ‘Purnoor’, CHANDIGARH – 31.07.2020

Action against Gambling

Chandigarh Police arrested Mohd. Shaid R/o # 1132, Govindpura, Manimajra, Chandigarh, Rajat R/o # 1067/5, Govindpura, Manimajra, Chandigarh, Nazakat R/o # 1206 Mori Gate, Manimajra, Chandigarh, Kamal R/o # 1216 Mori Gate Manimajra,  Chandigarh while they were gambling at park in front of # 1268, Mori Gate, Manimajra, Chandigarh on 30.07.2020. Total cash Rs. 3510/- was recovered from their possession. A case FIR No. 115, U/S 13-3-67 Gambling Act  has been registered in PS-MM, Chandigarh. Later they were released on bail. Investigation of the case is in progress.

One arrested under NDPS Act

Crime Branch of Chandigarh Police arrested Mohammad Salman R/o Village Tarikampur, PS & Distt-Bijnore, Uttar Pradesh (Age 24 years) and recovered 10 Kg Ganja from his possession near green belt, Sector-45/C&D t-point, Chandigarh on 30.07.2020. A case FIR No. 155, U/S 20 NDPS Act has been registered in PS-34, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Mischief by fire

          A case FIR No. 154, U/S 435, 34 IPC has been registered in PS-34, Chandigarh on the complaint of Kanwar Deepinder Singh R/o # 2058, Sector-44C, Chandigarh who reported that two unknown persons poured petrol on Alto K-10 car No CH01AE-1930 and set it on fire while parked near his house on 26.07.2020. Investigation of the case is in progress. 

MV Theft

Munish Madhok R/o # 1254, Sector-43B, Chandigarh reported that unknown person stole away his Complainant’s Esteem car No. PB39A0637 parked near his house on 24.07.2020. A case FIR No. 149, U/S 379 IPC has been registered in PS-36, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Assault/Quarrel

A case FIR No. 113, U/S 324, 341, 34 IPC has been registered in PS-Maloya, Chandigarh on the complaint of a boy (age 16 years) who alleged that two boys (aged 14 years)  attacked on complainant with sharp weapon at Kachchi Colony Park, DMC, Chandigarh on 27.07.2020. Complainant got injured and admitted in PGI, Chandigarh. Alleged persons apprehended and sent to juvenile home. Investigation of the case is in progress.

rashifal

राशिफल 31 जुलाई 2020

Aries

31 जुलाई 2020: आपका स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक नहीं होगा. चिकित्सक की सलाह या दवाई लेने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. पर्याप्त आराम करें. अपने ख़र्चों पर क़ाबू रखें और आज हाथ खोलकर व्यय करने से बचें. किसी पुराने दोस्त से अचानक मुलाक़ात संभव है, जिसके चलते पुरानी ख़ुशनुमा यादें फिर तरोताज़ा होंगी. अपने प्रिय के साथ ख़रीदारी करने जाते समय ज़्यादा आक्रामक व्यवहार न करें. कार्यक्षेत्र के नज़रिये से आज का दिन आपका है. इसका भरपूर फ़ायदा उठाएं. आज लोग आपकी वह प्रशंसा करेंगे, जिसे आप हमेशा से सुनना चाहते थे. आपके लिए यह ख़ूबसूरत रोमानी दिन रहेगा, लेकिन सेहत को लेकर थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. अपने जीवनसाथी या दोस्तों के साथ ऑनलाइन मूवी देखकर आप अपने लैपटॉप और इंटरनेट का सही इस्तेमाल कर सकते हैं.

Taurus

31 जुलाई 2020: चोट से बचने के लिए सावधानी से बैठें. साथ ही सही तरीक़े से कमर सीधी करके बैठना न केवल व्यक्तित्व में सुधार लाता है, बल्कि सेहत और आत्म-विश्वास के स्तर को भी ऊपर ले जाता है. आप ख़ुद को नए रोमांचक हालात में पाएंगे, जो आपको आर्थिक फ़ायदा पहुंचाएंगे. आपके बच्चे के पुरस्कार वितरण समारोह का बुलावा आपके लिए ख़ुशनुमा एहसास रहेगा. वह आपकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा और आप उसके ज़रिये अपने सपने साकार होते हुए देखेंगे. आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. आज आपका दुख बर्फ़ की तरह पिघल जाएगा. आप किसी बड़े व्यावसायिक लेन-देन को अंजाम दे सकते हैं और मनोरंजन से जुड़ी किसी परियोजना में कई लोगों का संयोजन कर सकते हैं. उन लोगों पर नज़र रखें जो आपको ग़लत राह पर ले जा सकते हैं या फिर ऐसी जानकारी दे सकते हैं जो आपके लिए नुक़सानदेह साबित हो सकती है. आपको महसूस हो सकता है कि आपके जीवनसाथी ने आपको चोट पहुंचाई है. अकेलेपन को अपने ऊपर हावी न होने दें, इससे बेहतर होगा कि आप कहीं घूमने के लिए निकल सकते हैं.

Gemini

31 जुलाई 2020: आज के दिन आपके चेहरे पर मुस्कान बिखरी रहेगी और अजनबी भी जाने-पहचाने से महसूस होंगे. मनोरंजन और सौंदर्य में इज़ाफ़े पर ज़रुरत से ज़्यादा वक़्त न ख़र्च करें. आपका मज़ाकिया स्वभाव आपके चारों ओर के वातावरण को ख़ुशनुमा बना देगा. प्रेम के दृष्टिकोण से उत्तम दिन है. नई परियोजनाओं और ख़र्चों को टाल दें. वह काम जो आज आप दूसरों के लिए स्वेच्छा से करेंगे, न सिर्फ़ औरों के लिए मददगार साबित होगा बल्कि आपके दिल में ख़ुद की छवि भी सकारात्मक होगी. जीवनसाथी के साथ एक आराम दायक दिन बीतेगा. बहुत सारे मेहमानों की आवभगत आपका मूड ख़राब कर सकती है, लेकिन अच्छी बात यह है कि आप कई पुराने दोस्तों से मिल सकते हैं.

Cancer

31 जुलाई 2020: ध्यान से वाहन चलाएं, ख़ास तौर पर तेज़ मोड़ों और चौराहों पर. हालांकि धन आपकी मुट्ठियों से आसानी से सरक जाएगा, लेकिन आपके अच्छे सितारे तंगी नहीं आने देंगे. आज आप जहां भी जाएंगे, लोगों के बीच आप सबके ध्यान का केंद्र बने रहेंगे. विवाहेतर प्रेम संबंध आपकी प्रतिष्ठा धूमिल कर सकते हैं. संभव है कि आपके वरिष्ठ आपकी बातों को ठीक से न समझ सकें, लेकिन धैर्य बनाए रखें, जल्दी ही वे आपकी बातों को समझ सकेंगे. अचानक यात्रा के कारण आप आपाधापी और तनाव का शिकार हो सकते हैं. सेहत के नज़रिये से गले लगने के अपने फ़ायदे हैं और आपको यह एहसास आज अपने जीवनसाथी से मिल सकता है. इस सप्ताहांत परिवार के साथ शॉपिंग पर जाना संभव लग रहा है, लेकिन शॉपिंग जेब पर भारी भी पड़ सकती है.

Leo

31 जुलाई 2020: ख़ुद अपना इलाज करने से बचें, क्योंकि दवाई पर आपकी निर्भरता बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. आप दूसरों पर कुछ ज़्यादा ख़र्चा कर सकते हैं. पारिवारिक तनावों को अपना ध्यान भंग न करने दें. ख़राब दौर हमें बहुत-कुछ देता है. अपने प्रेम-प्रसंग के बारे में इधर-उधर ज़्यादा बातें न करें. आपकी ईमानदारी और उम्दा तरीक़े से काम पूरा करने की क्षमता आपको शोहरत दिलाएगी. आज आपको ढेरों दिलचस्प निमंत्रण मिलेंगे. साथ ही आपको एक आकस्मिक उपहार भी मिल सकता है. आपको ख़ुशी से भरी शादीशुदा ज़िंदगी की एहमियत का एहसास होगा. दोस्तों के साथ आप बेहद मज़ेदार समय गुज़ार सकते हैं. साथ ही ऐसी जगहों पर जाने की भी संभावना हैं, जहां नए लोगों से मुलाक़ात हो सके.

Virgo

31 जुलाई 2020: ख़र्चों में हुई अप्रत्याशित बढ़ोतरी आपके मन की शांति को भंग करेगी. तनाव का दौर बरक़रार रहेगा, लेकिन पारिवारिक सहयोग मदद देगा. आज आपको निराशा हाथ लग सकती है, क्योंकि मुमकिन है कि आप अपने प्रिय के साथ सैर-सपाटे पर न जा पाएं. अगर आप अपने काम पर ध्यान दें तो क़ामयाबी और प्रतिष्ठा आपकी होगी. मुमकिन है कि आपके अतीत से जुड़ा कोई शख़्स आज आपसे संपर्क करेगा और इस दिन को यादगार बना देगा. जीवनसाथी की मासूमियत आपके दिन को ख़ास बना सकती है. आज उन लोगों के लिए कुछ करें जो आपके लिए कुछ भी नहीं कर सकते. यक़ीन मानिए मानसिक शांति और सुकून पाने का इससे कारगर उपाय कुछ नहीं हो सकता है. 

Libra

31 जुलाई 2020: आज के दिन आपके चेहरे पर मुस्कान बिखरी रहेगी और अजनबी भी जाने-पहचाने से महसूस होंगे. मनोरंजन और सौंदर्य में इज़ाफ़े पर ज़रुरत से ज़्यादा वक़्त न ख़र्च करें. आपका मज़ाकिया स्वभाव आपके चारों ओर के वातावरण को ख़ुशनुमा बना देगा. प्रेम के दृष्टिकोण से उत्तम दिन है. नई परियोजनाओं और ख़र्चों को टाल दें. वह काम जो आज आप दूसरों के लिए स्वेच्छा से करेंगे, न सिर्फ़ औरों के लिए मददगार साबित होगा बल्कि आपके दिल में ख़ुद की छवि भी सकारात्मक होगी. जीवनसाथी के साथ एक आराम दायक दिन बीतेगा. बहुत सारे मेहमानों की आवभगत आपका मूड ख़राब कर सकती है, लेकिन अच्छी बात यह है कि आप कई पुराने दोस्तों से मिल सकते हैं.

Scorpio

31 जुलाई 2020: किसी संत पुरुष का आशीर्वाद मानसिक शांति प्रदान करेगा. अगर आपने ज़्यादा खुले दिल से पैसे ख़र्च किए तो आप आर्थिक तौर पर बाद में समस्या का सामना कर सकते हैं. अपने परिवार को पर्याप्त समय दें. उन्हें महसूस होने दें कि आप उनका ख़याल रखते हैं. उनके साथ अच्छा वक़्त बिताएं और शिकायत करने का मौक़ा न दें. एक बार आप अपने हमक़दम को हासिल कर लें, तो ज़िंदगी में किसी और की ज़रूरत नहीं होती. इस बात को आज आप गहराई से महसूस करेंगे. कुछ लोगों को व्यापारिक और शैक्षिक लाभ मिलेगा. सफ़र के लिए दिन ज़्यादा अच्छा नहीं है. वैवाहिक जीवन में सूखे-सर्दीले दौर के बाद आपको धूप  नसीब हो सकती है. छुट्टी ज़ाया हो गईं इस पर सोचने की बजाय बाक़ी बचे दिन को आप किस प्रकार बेहतर बना सकते हैं, इस पर विचार करें.

Sagittarius

31 जुलाई 2020: बोलने से पहले दो बार सोचें. अनजाने ही आपका नज़रिया किसी की भावनाओं को आहत कर सकता है. माली सुधार की वजह से ज़रूरी ख़रीदारी करना आसान रहेगा. परिवार में किसी बुज़ुर्ग की ख़राब तबियत परेशानी का कारण बन सकती है. भावनात्मक उथल-पुथल आपको परेशान कर सकती है. दफ़्तर में आप तारीफ़ पाएंगे. अचानक यात्रा के कारण आप आपाधापी और तनाव का शिकार हो सकते हैं. आपको अपने जीवनसाथी का सख़्त और रूखा पहलू देखने को मिल सकता है, जिसके चलते आप असहज महसूस करेंगे. अकेलेपन को अपने ऊपर हावी न होने दें.

Capricorn

31 जुलाई 2020: आपमें से जो दफ़्तर में ओवरटाइम कर रहे थे और ऊर्जा की कमी से जूझ रहे थे, आज उन्हें फिर वैसी ही समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है. आपके घर से जुड़ा निवेश फ़ायदेमंद रहेगा. एक बेहतरीन शाम के लिए रिश्तेदार/दोस्त घर आ सकते हैं. सिर्फ़ स्पष्ट समझ के माध्यम से आप अपनी पत्नी/पति को भावनात्मक सहारा दे सकते हैं. आज के दिन कार्यक्षेत्र में आप अपना आपा खो सकते हैं. लंबे वक़्त से लटकी हुई दिक़्क़तों को जल्द ही हल करने की ज़रूरत है और आप जानते हैं कि आपको कहीं-न-कहीं से शुरुआत करनी होगी इसलिए सकारात्मक सोचें और आज से ही प्रयास शुरू करें. आज आपका जीवन साथी आपको प्यार और सुख के लोक की सैर करा सकता है. अकेलेपन का एहसास बहुत अखरता है और यह आज आपको जकड़ने की कोशिश कर सकता है. इसे ख़ुद पर क़ाबू न करने दें, कुछ दोस्तों के साथ समय बिताएं.

Aquarius

31 जुलाई 2020: तनाव से बचने के लिए अपना क़ीमती वक़्त बच्चों के साथ गुज़ारें. आप बच्चों की उपचार करने की शक्ति महसूस करेंगे. वे आध्यात्मिक तौर पर धरती पर सबसे ज़्यादा ताक़तवर और भावनात्मक लोग हैं. उनके साथ आप ख़ुद को ऊर्जा से लबरेज़ पाएंगे. आपके ख़र्चों में बढ़ोतरी होगी, जो आपके लिए परेशानी का सबब साबित हो सकती है. ऐसा कोई जिसके साथ आप रहते हैं, आज आपके किसी काम की वजह से बहुत झुंझलाहट महसूस करेगा. आपके लिए अपने प्रिय से दूर रहना बहुत मुश्किल होगा. दफ़्तर में आपके दुश्मन भी आज आपके दोस्त बन जाएंगे. आपके सिर्फ़ एक छोटे-से अच्छे काम की बदौलत. आज सोच-समझकर क़दम बढ़ाने की ज़रूरत है, जहां दिल की बजाय दिमाग़ का ज़्यादा इस्तेमाल करना चाहिए. अगर आप अपने जीवनसाथी को लंबे समय तक कोई सरप्राइज़ नहीं देते हैं, तो आप परेशानियों को न्यौता दे रहे हैं. अपने भविष्य की योजना बनाने के लिए बिल्‍कुल उपयुक्त दिन है, क्योंकि आपके पास आराम के कुछ लम्हे होंगे, लेकिन अपनी योजनाओं को व्यावहारिक रखें और हवाई क़िले न बांधें.

Pisces

31 जुलाई 2020: आपको कोई ग़लत जानकारी मिल सकती है, जिसके चलते आप मानसिक तनाव का शिकार हो सकते है. आज के दिन निवेश करने से बचना चाहिए. मुमकिन है कि आज आप ख़रीदारी करने बाहर जाएं, लेकिन आप ग़ैर-ज़रूरी चीज़ों पर ज़्यादा ख़र्च करके अपने साथी को दुखी कर सकते हैं. हालांकि प्यार में निराशा हाथ लग सकती है, लेकिन हिम्मत मत हारिए क्योंकि आखिर में जीत सच्चे प्यार की ही होती है. लोग आपको अपने बढ़िया काम के लिए कार्यक्षेत्र में पहचानेंगे. आपका आकर्षक और चुम्बकीय व्यक्तित्व सभी के दिलों को अपनी तरफ़ खींचेगा. आपकी बीती ज़िंदगी का कोई राज़ आपके जीवनसाथी को उदास कर सकता है. परिवार के साथ मिलकर किसी ज़रूरी फ़ैसले को अंतिम रूप दिया जा सकता है. ऐसा करने के लिए यही सही वक़्त भी है. आगे चलकर यह निर्णय काफ़ी लाभदायक साबित होगा

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पंचांग 31 जुलाई 2020

आज 31 जुलाई को हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है. आज वरलक्ष्मी व्रत भी है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता वरलक्ष्मी की पूजा करने से सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है और सारी कामनाएं पूर्ण होती हैं. कुछ जगहों पर आज बकरीद भी मनाई जा रही है.

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः श्रावण़़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः द्वादशी रात्रि 10.43 तक है, 

वारः शुक्रवार, 

नक्षत्रः ज्येष्ठा प्रातः 07.05 तक, 

योगः ऐन्द्र प्रातः 11.12 तक, 

करणः बव, 

सूर्य राशिः कर्क, 

चंद्र राशिः वृश्चिक, 

राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.46, 

सूर्यास्तः 07.09 बजे।

नोटः  आज शुक्र मिथुन राशि में प्रवेश में करेंगे।

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

मां तो मां होती है

।।कविता।।

मां तो मां होती है
मां तो मां होती है चाहे किसी गरीब कि या अमीर कि हो।
मां का जिस घर मे आदर होता है उस घर मैं खुशिया कम नहीं होती मां का हाथ जिसके सिर पर होता
उस पर बुरे साये काअसर नही होता।
मां कि दुआएं जहा होती है ,
वहां अमगंल नही होता है।
मां जिस घर मै होती वह घर स्वर्ग से कम नहीं होता।
मां का आशीर्वाद हो साथ वहां जीवन मे कोई कष्ट नहीं आता।
मां तो मां होती हैं चाहे रकं कि या राजा की हो।
मां हसते हसते निवाला बच्चे को खिलाती है।
चाहे वह भुख से तडप रही हो।
मां पुजा मे भी भगवान से बच्चों के लिए ही दुआ मांँगती है ।
मां तो मां होती है मां से बडा कोई ईश्वर नहीं ।
मां के सामने तो ईश्वर भी झुका है
तो हम किया है।
मां के प्रेम को पाने के लिए तो, ईश्वर ने भी जन्म मरण को पाया।
तो हम तो बडे़ भाग्यशाली हैं,
कि हमें ईश्वर के रूप में मां मिली।
मां तो मां होतीहै मां तो मां होती है।

अपनी लेखनी
अधिवक्ता भावना नागदा
(अपनी मां को समर्पित)

संपत्‍ति कर नोटिसों की जांच होगी विधान सभा अध्‍यक्ष ने दिखाई सख्‍ती, अफसरों को तलब कर दिए जांच के आदेश

पंचकूला, 30 जुलाई:

पंचकूला वासियों को अनाप शनाप आ रहे संपत्‍ति कर के नोटिसों पर हरियाणा विधान सभा अध्‍यक्ष ज्ञान चंद गुप्‍ता ने सख्‍ती दिखाई है। बृहस्‍पतिवार को उन्‍होंने शहरी निकाय विभाग के महानिदेशक अमित अग्रवाल को विधान सभा सचिवालय बुलाया और मामला उनके संज्ञान में लाया। गुप्‍ता ने कहा कि संपत्‍ति कर की अदायगी के बावजूद शहरवासियों को नोटिस थमाए जा रहे हैं। यह मामला गंभीर अनियमितताओं की ओर से संकेत करता है, जिसकी उपयुक्‍त अधिकारियों से जांच करवाई जाए। इसके साथ ही उन्‍होंने संपत्‍ति कर की अदायगी में दो माह की छूट और देने के निर्देश दिए। बैठक में नगर निगम का राजस्‍व बढ़ाने के लिए सार्वजनिक स्‍थानों के लिए विज्ञापन दरें संशोधित करने के आदेश भी दिए।

काउटंर पर नकदी जमा करवाने वालों को ज्‍यादा दिक्‍कत

शहरी निकाय विभाग को संपत्‍ति कर की अदायगी तीन प्रकार से की जाती हैं। ज्‍यादातर लोग विभाग के कार्यालय में नकदी या बैंक में कर की राशि जमा करवाते हैं। अब कुछ लोगों ने ऑनलाइन पेमेंट करनी भी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि दिक्‍कत विभाग के कार्यालय में नगदी जमा करवाने वालों को ज्‍यादा हो रही है। आशंका है कि वहां मौजूद कर्मचारियों ने नगदी लेने के बाद उसका रिकॉर्ड नहीं संभाला। इस वजह से लोगों को दोबारा नोटिस दिए जा रहे हैं।

हरियाणा विधान सभा अध्‍यक्ष एवं पंचकूला से विधायक ज्ञान चंद गुप्‍ता ने बताया कि शहरवासियों से शिकायत मिली है कि शहरी निकाय विभाग की ओर से संपत्‍ति कर की अदायगी के बावजूद लोगों को नोटिस थमाए जा रहे हैं। अनेक ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें संपत्‍ति मालिक अदायगी की रसीद लेकर विभाग के कार्यालय जाते हैं तो वहां कोई रिकॉर्ड नहीं मिलता। कर्मचारी इस पर कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं दे पाते।

गुप्‍ता ने कहा कि आशियाना फ्लैट में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को भी संपत्‍ति कर के नोटिस थमाए जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने 50 वर्ग गज तक की संपत्‍ति को करमुक्‍त किया है। ऐसे में 30 गज के फ्लैट में रहने वाले लोगों से संपत्‍ति कर मांगना, विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है।

कंपनी की कार्यशैली पर संदेह, जांच के आदेश

पंचकूला में संपत्‍ति कर के संग्रहण के लिए शहरी निकाय विभाग ने एक कंपनी से अनुबंध किया था। इसके बदले विभाग कंपनी को मोटी अदायगी भी कर चुका है। अब विधान सभा अध्‍यक्ष का कहना है कि कंपनी के काम में इतनी खामी थी तो उसे अदायगी कैसे कर दी गई। उन्‍होंने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। गुप्‍ता का कहना है कि इससे जहां लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है, वहीं आर्थिक नुकसान का भी अंदेशा है। उन्‍होंने कहा कि पंचकूला में बड़ी संख्‍या में वरिष्‍ठ नागरिक रहते हैं और कर्मचारियों की इस प्रकार की कार्यशैली से उन्‍हें काफी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है।

गुप्‍ता ने शहरी निकाय विभाग के महानिदेशक अमित अग्रवाल को शहर के सार्वजनिक स्‍थानों पर लगने वाले विज्ञापन की दरों में संशोधन करने को भी कहा। उन्‍होंने कहा है विज्ञापन की दरें ज्यादा होने के कारण कारोबारी इनमें रूचि नहीं ले रहे, जिस कारण अधिकतर स्थान खाली पड़े हैं। उन्होंने कहा कि पंचकूला में विज्ञापन की दरें दिल्ली और गुरुग्राम जैसे मेट्रोपॉलिटन शहरों की तर्ज पर निर्धारित की गई है, जो तर्कसंगत नहीं है। विज्ञापन दरें तर्कसंगत की जानी चाहिए, जिससे कि नगर निगम को आमदनी हो सके।

खुर्दबन बना प्रदेश का पहला वर्चूअल ग्राम सभा आयोजित करने वाला गांव

 उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने वर्चूअल ग्राम सभा के माध्यम से की बातचीत,  कहा विभाग का सराहनीय प्रयास, अब गांव की महिलाएं भी कर सकेंगी ग्राम सभाओं में बात।

 मनोज त्यागी करनाल / नीलोखेड़ी 30 जुलाई :

हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान नीलोखेड़ी द्वारा वीरवार को ग्राम पंचायत खुर्दबन, खण्ड रादौर की वर्चूअल ग्राम सभा का आयोजन किया गया। इस ग्राम सभा में माननीय उप-मुख्यमन्त्री दुष्यन्त चौटाला ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि यह देखकर अच्छा लगा कि हमारी ग्राम सभाएं उन्नत तकनीक का उपयोग कर रहीं हैं। गांव खुर्दबन के सदस्यों के साथ वीडियो काफ्रैंसिंग के जरिए बात की। उन्होंने बताया कि वर्चूअल ग्राम सभा का आयोजन करना अपने आप में एक सराहनीय कदम और यह एक अच्छा प्लेटफार्म है। इसके माध्यम से ग्रामीण समाज की महिलाएं जोकि पुरूषों के सम्मुख नहीं आ पाती थी अब वे भी निसंकोच वर्चूअल ग्राम सभा में भाग ले सकेंगी।

  इस मौके पर विकास एवं पंचायत विभाग, हरियाणा के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल ने कहा कि कोराना महामारी के दौरान वास्तविक ग्राम सभा करना संभव नहीं है और वर्चूअल ग्राम सभा के माध्यम से ग्राम सभा में उपस्थित सदस्यों के विचारों के आदान-प्रदान का एक बहुत अच्छा माध्यम है जिसकी वजह से ग्राम सभा की कार्यवाही की रिकार्डिंग की जा सकती है और वास्तविक तौर पर जरूरतों के अनुसार गांव में विकास कार्य करवाये जा सकते हैं।

 ग्रामीण विकास विभाग, हरियाणा के निदेशक हरदीप सिंह ने भी इस वर्चूअल ग्राम सभा की काफी सराहना की। इस ग्राम सभा में सरपंच युवराज शर्मा द्वारा ग्राम पंचायत खुर्दबन द्वारा किये गये विकास कार्यों, प्राप्त की गई ग्रान्टों व खर्चों का ब्यौरा दिया।

 हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान, नीलोखेड़ी के निदेशक आर.के. मैहता ने सभी प्रतिभागियों को वर्चूअल ग्राम सभा में जुडऩे के लिए धन्यवाद करते हुए ग्राम पंचायत खुर्दबन द्वारा किये गये विकास कार्यों की सराहना की और कहा कि ग्राम पंचायत खुर्दबन वर्चूअल ग्राम सभा आयोजित करने वाला हरियाणा राज्य का प्रथम गांव बना है।

  इसके उपरान्त हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान नीलोखेड़ी की कार्यकारिणी समिति का आयोजन विकास एवं पंचायत विभाग हरियाणा के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में किया गया। इस मीटिंग में कार्यकारिणी समिति के विभिन्न सदस्यों ने भी भाग लिया। इस मीटिंग में संस्थान के द्वारा किये गए विभिन्न कार्यों व गतिविधियों का अनुमोदन किया गया।

मीटिंग की समाप्ति के उपरान्त संस्थान के निदेशक ने सभी सदस्यों का धन्यवाद किया व मुख्य अतिथि व अन्य सदस्यों द्वारा संस्थान के प्रांगण में वृक्षारोपण किया गया।