36 राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में कोई देरी नहीं होगी : राजदूत इमैनुएल लेनिन

भारत सरकार ने भारतीय वायुसेना की आपातकालीन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 36 लड़ाकू राफेल विमान के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ 60,000 करोड़ रुपये से अधिक के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहला राफेल जेट विमान फ्रांस के एक एयरबेस पर आठ अक्तूबर को प्राप्त किया था।

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

            भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने कहा कि भारत को 36 राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में कोई देरी नहीं होगी और जिस समय सीमा को तय किया गया था उसका सख्ती से पालन किया जाएगा। 

फ्रांस कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों से जूझ रहा है और यूरोप से सबसे प्रभावित देशों में से एक है। देश में एक लाख 45 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं जबकि 28,330 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसी आशंकाएं थीं कि राफेल विमानों की आपूर्ति में महामारी के कारण देर हो सकती है। 
        
      भारत ने फ्रांस के साथ सितंबर 2016 में 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए एक अंतर सरकारी समझौता करीब 58,000 करोड़ रुपये की लागत से किया था। लेनिन ने बताया, ”राफेल विमानों के कॉन्ट्रैक्ट का अब तक बिल्कुल सही तरीके से सम्मान किया गया है और वास्तव में कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक अप्रैल के अंत में फ्रांस में भारतीय वायु सेना को एक नया विमान सौंपा भी गया है।”

      रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 अक्टूबर को फ्रांस में एक हवाई अड्डे पर पहला राफेल जेट विमान प्राप्त किया था। राजदूत ने कहा, ”हम भारतीय वायुसेना की पहले चार विमानों को यथाशीघ्र फ्रांस से भारत ले जाने की व्यवस्था करने में मदद कर रहे हैं। इसलिए, यह कयास लगाए जाने के कोई कारण नहीं हैं कि विमानों की आपूर्ति के कार्यक्रम की समयसीमा का पालन नहीं हो पाएगा।”

मजदूरों को उनके गंतव्य स्थल तक भेजने की प्रक्रिया लगातार दूसरे दिन भी जारी

पंचकूला 23 मई:

      पंचकूला,  जिला से प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थल तक भेजने की प्रक्रिया लगातार दूसरे दिन भी जारी रही। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से पंचकूला, कालका, मंढावाला एवं सकेतड़ी से लगभग 66 से अधिक बसों में प्रवासी मजदूरों को भेजा गया है। इन बसों को युपी सरकार से विचार विमर्श अनुसार बरेली, मुरादाबाद, ईटावा व अलीगढ सहित चार क्लस्टरों में बांटकर प्रवासी मजदूरों को युपी भेजा गया है। इसके अलावा एक बस को उतराखण्ड में भी भेजा गया है। 

      हरदोई निवासी बिश्म्भर, ज्वाला की खीरामणि, गोंडा के देवराज, अलीगढ के अनिल व नान्दौर ने मैडिकल चिकित्सा करवाने के बार जब वे बस में चढने लगे तो उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों का बार बार हाथ जोड़कर आभार जताया। उनके मन में खुशी का कोई ठिकाना नहीं था ओर वे स्टेडियम को नमन कर हरियाणा के लोगों का भी तहदिल से सुकराना कर रहे थे। बिशम्भर का कहना था कि अच्छा भला बढिया गुजारा चल रहा था, लेकिन लाॅकडाउन ने हमारा विदेश सुना जैसा कर दिया। अगर सब कुछ ठीक रहा तो वे दोबारा इस धरा पर अपने बच्चों सहित आएगें ओर हरा भरा हरियाणा के गौरव को बढाकर हमरा भी गुजारा करेंगें।   

 बसों में प्रवासी मजदूरों के लिए राधा स्वामी सत्संग व कामधेनी गौशाला की ओर से प्रर्याप्त मात्रा में खाने का पं्रबध किया गया। इसके अलावा उनके लिए पानी का भी उचित प्रबंध किया गया। प्रवासी मजदूर खाना लेकर उसे चूम रहे थे तो उनके मन से सत्संग भवन एवं गौशाला प्रभारी के प्रति स्नेह एवं प्यार झलक रहा था। प्रवासी अनिल ने तो खाने देने वाले को अन्नदाता कहते हुए उनके पैर छूए। इस पर राधा स्वामी सत्संग के व्यक्ति ने उन्हें गले लगा लिया। इस प्रकार उस समय यह दृश्य बड़ा ही भाव विभोर करने वाला था। सभी आंखें प्यार में गमगीन हो गई थी। 

      उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि बसों में उचित दूरी का पालन करते हुए लगभग 30 व्यक्तियों को बैठाया गया। इनमें 8-10 साल से ऊपर के बच्चों को गणना में शामिल नहीं किया गया है। इस प्रकार जिला से लगभग 2437 से अधिक प्रवासी मजदूरों को उनके गतंव्य स्थल तक बसों में भेजने का कार्य किया गया है। 

      उन्होंने बताया कि प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थल तक जाने के लिये किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिये प्रशासन द्वारा आवश्यक प्रबंध किये गये। प्रत्येक बस में ड्राईवर, कण्डक्टर के अलावा पुलिस व होम गार्ड की भी तैनाती की गई। बरेली के लिए 32 बसों में 1247 प्रवासी मजदूर, मुरादाबाद के लिए 7 बसोें मंे 245 प्रवासी मजदूर, ईटावा के लिए 10 बसों में 343 प्रवासी मजदूर, अलीगढ के लिए 13 बसों में 402 प्रवासी मजदूर तथा 4 बसों में 150 प्रवासी मजदूरों को सहारनपुर के लिए भेजा गया है।    

      उपायुक्त ने बताया कि आज रवाना किए जाने सेे पूर्व सभी बसों को पूर्ण रूप से सेनिटाईज किया गया। जिला के विभिन्न क्षेत्रों में तैनात इन्सिडेंट कमांडरो। के माध्यम से इन प्रवासी मजदूरों को सूचित कर स्क्रेनिंग एवं मेडिकल जांच करवाने का कार्य किया गया। उन्होंने बताया कि पंचकूला के आस पास के प्रवासी मजदूरों का ताऊ देवीलाल स्टेडियम में स्क्रेेनिंग एवं मेडिकल की गई। इसी प्रकार कालका, पिजौर, सकेतड़ी क्षेत्र के प्रवासी मजदूरों की स्क्रेनिंग एवं मेडिकल का कार्य उनके नजदीक स्वास्थ्य केंद्रों में किया गया।  

      इस अवसर पर पुलिस उपायुक्त मोहित हांडा, एसडीएम धीरज चहल, एसडीएम राकेश संधु, सुनील जाखड, एएलसी नवीन शर्मा, वीरेन्द्र पुनिया, विशाल सैनी, तहसीलदार वीरेन्द्र गिल सहित कई इंसीडेंट कमाण्डर एवं प्रशासिनक अधिकारी मौजूद रहे। 

गीता में कई मूल मंत्र है जिनसे की इस आपदा की घड़ी में हर पहलू पर नियंत्रण रखा जा सकता है: प्रोफ॰ दीप्ति

पंचकूला 24 मई:

      उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन की शुरुआत में प्रथम टेक्निकल सेशन में डॉक्टर रितु सिंह चैहान नेशनल प्रोफेशनल ऑफिसर डब्ल्यूएचओ नई दिल्ली ने कोविड-19 से संबंधित संवेदनशील मैसेजिंग व उससे जुड़े पहलुओं पर विस्तार से अवगत करवाया।   

उन्होंने कहा कि आज के समय में जागरूक होना आवश्यक है मगर उस जागरूकता का सही इस्तेमाल करना उससे भी ज्यादा आवश्यक है। इसलिए हमें इनसे ज्ञान अर्जित कर स्कूल स्तर पर भी शिक्षकों को अवगत करवाया जाना चाहिए। 

      डिप्टी डायरेक्टर उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा डॉ हेमंत वर्मा ने सभी का स्वागत किया। द्वितीय टेक्निकल सेशन में सीडीएलयू सिरसा की  प्रोफेसर दीप्ति धर्मानी ने उच्चतर शिक्षा संस्थान भगवत गीता की मदद से किस तरह कोविड-19 को हरा सकते हैं। इन पहलूओं पर बारीकि से प्रकाश डाला। प्रोफेसर दीप्ती ने कहा की गीता में कई सारे मूल मंत्र है जिनसे की इस आपदा की घड़ी में हर पहलू पर नियंत्रण रखा जा सकता है। 

      तीसरे टेक्निकल सेशन में रिटायर्ड आईएएस विवेक अत्रे ने कहा कि यह मोटिवेशनल स्पीकर की प्रेरणा ही सफलता की कुंजी है। इस पर विस्तार अपने विचार व्यक्त किए।  उन्होंने कई सारे व्यक्तिगत उदाहरण देकर प्रतिभागियों को सफल बनने की प्रेरणा दी। प्रैक्टिकल सेक्शन 4 में लेडी इरविन कॉलेज नई दिल्ली डॉ अपर्णा खन्ना ने गेम बाइ गेम, इस विषय पर प्रकाश डालकर उन्होंने विस्तार से दिखाया कि कैसे हम छात्रों को कोविड-19 की घड़ी में गेम्स के द्वारा व्यस्त रख सकते हैं। उन्होंने कई विस्तार से उदाहरण भी देकर समझाया। इसके उपरांत डॉक्टर बलदेव कुमार, प्रोफेसर प्रोमिला बतरा, डॉ आभा खेतरपाल, डॉ रीता कालरा इन सभी ने कोविड-19 से जुड़े तथ्य एवं सत्य पर पैनल डिस्कशन की जिसे डॉ अंजू मनोचा ने मॉडरेट किया।  डिप्टी डायरेक्टर डॉ हेमंत वर्मा ने सभी प्रतिभागी व अतिथि गणों का आभार जताया। 

कोविड-19 के मद्देनजऱ स्वास्थ्य विभाग द्वारा नाई की दुकानों/सैलूनज़ के लिए एडवाइजऱी जारी

स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड-19 महामारी के मद्देनजऱ नाई की दुकानों/हेयर-कट सैलूनज़ की सफ़ाई और स्वच्छता बनाए रखने सम्बन्धी विस्तृत एडवाइजऱी जारी की गई है।

राकेश शाह, चंडीगढ़ –  24 मई:

      इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि नाई की दुकान/हेयर-कट सैलून के मालिकों को यह यकीनी बनाना होगा कि कोई भी स्टाफ मैंबर जिसमें कोविड-19 (बुख़ार, सूखी खाँसी, साँस लेने में तकलीफ़ आदि) के लक्षण होने पर काम पर न बुलाया जाए और उक्त व्यक्ति तुरंत डॉक्टरी सलाह लेकर घर के अंदर रहे। इसी तरह ऐसे लक्षण पाए जाने वाले किसी भी ग्राहक का काम न किया जाए। जिस मामले में किसी को (जैसे माता-पिता/गारडियनज़) साथ लाना ज़रूरी न हो तो बेहतर होगा कि दुकान पर आने वाले ग्राहक अपने साथ किसी अन्य व्यक्ति को साथ न लेकर आएं। प्रवक्ता ने आगे कहा कि नाई की दुकानों / हेयर-कट सैलून के मालिक यह सुनिश्चित करेंगे कि उनकी दुकान/सैलून में अनावश्यक भीड़ न हो। 

इसके अलावा सेवाएं लेते समय ग्राहकों द्वारा संभव हो तो मास्क का प्रयोग किया जाए। नाई की दुकान / हेयर-कट सैलून के मालिक और वहाँ काम करने वाले स्टाफ द्वारा निश्चित तौर पर मास्क का प्रयोग किया जाए। 

      एडवाइजऱी में कहा गया है कि ग्राहकों और स्टाफ के आपसी व्यवहार के दौरान कोविड-19 की रोकथाम से सम्बन्धित सभी दिशा-निर्देशों जैसे कि बार-बार हाथ धोना (साबुन और पानी या अल्कोहल आधारित हैंड सैनीटाईजऱ के साथ), एक मीटर की शारीरिक दूरी बनाए रखना, श्वसन स्वच्छता की पालना, बीमारी के लक्षण पर नजऱ रखना, सार्वजनिक स्थानों पर न थूकना आदि का निश्चित रूप से पालन किया जाए। 

इसके अलावा जहाँ तक हो सके दुकान मालिकों द्वारा ग्राहकों को डिजिटल भुगतान के तरीकों का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। अगर नकदी द्वारा लेन-देन किया जाता है तो दुकानदार, स्टाफ और ग्राहक नकदी के लेन-देन से पहले और बाद में अपने हाथों को तुरंत साफ़ करें। 

      दुकानों की उपयुक्त साफ़-सफ़ाई सम्बन्धी सर्विस रूम, इन्तज़ार वाले स्थानों, काम करने वाले स्थानों आदि समेत अंदर के स्थनों को हर 2-3 घंटे के अंदर उपयुक्त तरह से साफ़ करने की सलाह दी गई है। फ़र्श को 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईट या मार्केट में उपलब्ध इसके बराबर के किसी अन्य डिसइनफैक्टैंट के साथ साफ़ किया जाए। फर्नीचर और अक्सर छूईं जाने वाली सतहों और अन्य चीज़ों को नियमित रूप से साफ़ / डिसइनफैक्ट किया जाए। 

      उपकरणों (कैंची, उस्तरा, कंघी, स्टाईलिंग टूलज़) को हर प्रयोग के बाद 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईट के साथ साफ़ किया जाए। काम के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले कपड़े, तौलिए और सम्बन्धित चीज़ों को नियमित रूप से साफ़ किया और धोया जाए।

पी.एम.ई.जी.पी. व फैशन डिजाइनर उद्यमी मीतू सलूजा द्वारा किए गए मास्क वितरित

सुशील पंडित, यमुनानगर – 24 मई

खादी ग्रामोद्योग के लिए सक्रिया रूप से पिछले एक दशक से भी अधिक समय से कार्य कर रहे फैशन डिजाइनर मीतू सलुजा ने रविवार को आम जनमानस व जरूरतमंदों में खादी के मास्क वितरित किए। गौरतलब है कि गत सप्ताह भी खादी की सक्रिय कार्यकर्ता व पी.एम. ई.जी.पी. उद्यमी मीतू द्वारा स्वास्थ्य विभाग में स्वास्थ्य कर्मचारियों व अधिकारियों में मास्क वितरित किए गए थे। मीतू सलूजा का वे पिछले 15 साल से  प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से समाज के हर वर्ग में प्रसारित करने का कार्य कर रही है उन्होंने कहा कि कोविड19 के दौरान सोशलडिस्टेंसिग व मास्क लगा कर रखना ही इस वैश्विक महामारी से बचाव का मूल मंत्र है। खादी से बने उत्पाद ईकोफ्रेंडली होने की वजह से बढ़ती हुई गर्मी में कारगर सिद्ध हो रहे हैं। 

उनका कहना है कि वे खादी के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहीं है। और खादी के मास्क इन दिनों लोगों को भा रहे हैं और ये आम आदमी के लिए फायदेमंद भी साबित हो रहे हैं। इन्होंने बताया कि वे बतौर पी.एम.ई.जी.पी. उद्यमी के नाते इन मास्क को तैयार करके वितरित करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मास्क अब भविष्य की जरूरत बन चुके हैं और इसे देखते हुए हर किसी के लिए मास्क जरूरी है क्योंकि इससे मास्क लगाने वाला तो सुरक्षित रहता ही है, साथ ही साथ वह समाज को भी सुरक्षित रखने का काम करता है।

जिले में नाई की दुकान, सैलून व ब्यूटी पार्लर इत्यादि को सम्पूर्ण सुरक्षा उपायों के साथ सेवाएं प्रदान करने की दी इजाजत

आदेशो की करनी होगी पालना दोषी व्यक्ति आई.पी.सी. की धारा-188 के तहत होगा दण्डनीय: जिलाधीश करनाल

मनोज त्यागी, करनाल – 24 मई:

      जिलाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण करनाल निशांत कुमार यादव ने, रविवार को एक आदेश पारित कर जिला में नाई की दुकान, सैलून व ब्यूटी पार्लर इत्यादि को सम्पूर्ण सुरक्षा उपायों के साथ सेवाएं प्रदान करने की इजाजत दे दी है। 

      इस कार्य को करने वाले व्यक्तियों को किस तरह की सावधानी व जरूरी तरीके अपनाने होंगे, इस बारे जिलाधीश ने अपने आदेशो में 14 उपाय बताकर उन पर अमल करने के लिए कहा है। इसके तहत जिस व्यक्ति को बुखार, जुखाम, खांसी व गले में दर्द हो, वह दुकान के अंदर प्रवेश नहीं करेगा। ग्राहक और स्टाफ अंदर बिना मास्क के नहीं रहेंगे। प्रवेश पर हैंड सैनीटाईजऱ उपलब्ध करवाना होगा। समस्त स्टाफ को फेस मास्क, सिर पर कवर और एप्रन पूरा टाईम डालने होंगे। प्रत्येक ग्राहक पर डिस्पोजेबल तोलिया या पेपर शीट प्रयोग करनी होगी। प्रत्येक ग्राहक पर इस्तेमाल करने से पहले सभी औजार, 7 प्रतिशत लाईज़ोल से स्प्रे अथवा पोछा कर आधा घण्टे के लिए सैनीटाईज करने होगे। प्रत्येक हेयर कट या शेव के बाद स्टाफ को अपने हाथ सैनीटाईज करने होंगे। विचलित हुए अंदर आने वाले ग्राहक के लिए अप्वाईंटमेंट या टॉकन सिस्टम किया जाए। बैठने के लिए कम से कम एक मीटर का पर्याप्त स्पेस रखा जाए। 

      आदेशो में आगे कहा गया है कि ऐसी दुकानो का सभी सामान्य एरिया, फ्लोर, लिफ्ट, लाँज, सीढिय़ां व रेलिंग एक प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईड घोल से प्रतिदिन असंक्रमित किया जाए। कारपेट व फ्लोर एरिया को अच्छी तरह से स्वच्छ बनाया जाए। नुकीले बेकार ब्लेड, डिस्पोजेबल रेजर इत्यादि को एक छिद्र व रिसाव रहित कन्टेनर में 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईड सोल्यूशन के साथ रखा जाए, ऐसे सामान से तीन-चौथाई कन्टेनर भरने पर म्यूनिसिपिल्टी के सफाई कर्ताओं को, आगामी हानिकारक वेस्ट निस्तारण एजेंसी द्वारा नष्ट करने के लिए दिया जाए। दुकान में काम करने वाले समस्त स्टाफ व सहायकों को फेस मास्क के प्रयोग और खांसने से जुड़े शिष्टाचार का ज्ञान होना चाहिए, यदि उनमें कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं, तो उन्हें तुरंत स्वास्थ्य विभाग को रेफर किया जाना चाहिए, उनकी पूर्ण रिकवरी होने तक परिसर में प्रवेश नहीं होगा। दुकान के प्रवेश पर सोशल डिस्टैंसिंग और खांसने से जुड़े शिष्टाचार के पोस्टर डिस्प्ले होने चाहिएं। 

      जिलाधीश के आदेशानुसार ड्यूटी मजिस्ट्रेट/करनाल, असंध, घरौंडा व इन्द्री के उपमण्डलाधीश अपने-अपने क्षेत्रो में इन आदेशों के सम्पूर्ण क्रियान्वयन के जिम्मेवार होंगे। अन्य विभागो के कर्मचारी ऐसे इंसीडेंट कमांडर के अधीन विशेष क्षेत्रों में काम करेंगे। आदेशानुसार इन आदेशो की अवहेलना करने वाले व्यक्ति को आई.पी.सी. की धारा-188 के तहत जेल व अलग से जुर्माना भुगतने की सजा मिलेगी।

Sumedh Saini

पूर्व डी. जी.पी. सुमेध सिंह सैनी की मुसीबतें बढ़ी

राकेश शाह, चंडीगढ़ – 24 मई :

पंजाब पुलिस के पूर्व चर्चित डीजीपी सुमेध सिंह सैनी 29 साल पहले आईएएस के बेटे को अगवा और हत्या केस मे लगातार मुश्किले बढती जा रही है। पूर्व डीजीपी सैनी के खिलाफ आईएएस अधिकारी दर्शन सिंह मुल्तानी के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण और मौत के मामले में सैनी नेे 50 हजार रूपये का मुचलका भरकर अग्रिम जमानत और पासपोर्ट जमा करवा दिया है लेकिन इसके बावजूद सैनी की मुश्किले कम होती नजर नही आ रही है क्योकि पूर्र्व डीजीपी के खास रहे पंजाब पुलिस के ही पूर्व अधिकारी गुरमीत सिंह पिंकी ने मटौर थाने मे अपने बयान दर्ज करवा दिये है। पूर्व कैट गुरमीत पिंकी मटौर थाने मे एसपी इन्वैसिटीगेशन स. हरमनदीप सिंह हांस की अगुवाई मे एसआईटी के सम्मुख पेश हुए।

सूत्रो से खबर है कि कैट गुरमीत पिंकी ने एसआईटी के सम्मुख बयानो मे कहा है कि पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और अन्य पुलिस अधिकारियों के टॉर्चर से आईएएस के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी की मौत हुर्ई थी।

वर्त्तमान परिपेक्ष में कितना सुरक्षित है पत्रकार व पत्रकारिता..

            आज के परिवेश में प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को हथियार बना कर कुछ असामाजिक तत्व अपनी नकारात्मक सोच को सुनियोजित तरीके से अपना व्यक्तिगत लाभ प्राप्त करने में लगे हुए हैं। मीडिया जगत परिकल्पना की इस गहराई को ध्यान से नापा जाए तो पता चलता है कि कही न कही पत्रकारिता सुनियोजित षडयंत्र का शिकार हो रही है।

सुशील पंडित, (पत्रकार) यमुनानगर – 24 मई

सुशील पंडित

            पत्रकारिता को किसी भी राष्ट्र व समाज का आईना माना गया है पत्रकार वही है जो किसी भी खबर की समसायिक परिस्थिति का निष्पक्ष विश्लेषण करके जनता के सामने रखता हो। मोटे तौर पर पत्रकारिता का आरंभ सरकारी नीतियों के बारे में जनता को अवगत करवाने और  जनता की जरूरतों तथा सरकारी नीतियों पर उठने वाली प्रतिक्रियाओं से शासन व प्रशासन को अवगत कराने के उद्देश्य से हुआ है। सरकार व जनता दोनों को समसामयिक घटनाओं से रूबरू करवाने की प्रक्रिया ही पत्रकारिता का मूल उद्देश्य है।

             आज के परिवेश में प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को हथियार बना कर कुछ असामाजिक तत्व अपनी नकारात्मक सोच को सुनियोजित तरीके से अपना व्यक्तिगत लाभ प्राप्त करने में लगे हुए हैं। मीडिया जगत परिकल्पना की इस गहराई को ध्यान से नापा जाए तो पता चलता है कि कही न कही पत्रकारिता सुनियोजित षडयंत्र का शिकार हो रही है। मीडिया वह शब्द है जिसे हम सभी आम मतदाता और लोकतंत्र के स्वरूप का निर्माता कहते है जनप्रतिनिधियों और नोकरशाही इसे अपनी सुविधानुसार चलाने की फिराक में है।

             समाज मे सभी कार्यों व व्यवसायों की अपनी एक महत्वता है कोई भी सामजिक प्राणी अपनी कार्य कुशलता के आधार पर समाज में अपनी पहचान रखता है या बनाने में लगा हुआ है। मैं आज पत्रकारिता के विषय पर आप सभी का ध्यान केंद्रित करना चाहता हूँ। पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ, समाज का आईना, आम आदमी की आवाज, जनता व शासन प्रशासन के बीच की कड़ी और न जाने कितने नामों से एक पत्रकार को सम्बोधित किया जाता है जिसका  पत्रकार वर्ग अधिकार भी रखता है परंतु क्या कभी सोचा है कि एक पत्रकार जो दिन रात फ़ील्ड में घूम कर समाज के हर वर्ग से सम्पर्क स्थापित करके सच्चाई जनता के बीच रखने का प्रयास करता है वह खुद कही न कही अपने अधिकारों से वंचित रह गया है। दुनियाभर के सभी कार्य क्षेत्रों व व्यवसाय में एक दिन जरूर ऐसा आता है जब वह व्यक्ति आराम से अपने व्यक्तिगत जीवन के लिए कुछ समय निकाल सकता है लेकिन पत्रकारिता में ऐसा नहीं है क्योंकि पत्रकार के लिए सामजिक जीवन ही व्यक्तिगत जीवन की भांति होता है। इस सम्पूर्ण धरा पर पत्रकार ही एक ऐसा प्राणी है जो अपने जीवन की चिंता किए बगैर हर सूचना को अपनी क़लम व कैमरे के माध्यम से जनता के समक्ष रखने का कठिन कार्य भी सामान्य दिनचर्या की तरह ही निष्ठा व ईमानदारी से निभाता है। क्या कभी किसी ने सोचा है विषम परिस्थितियों में काम करने वाला एक पत्रकार भी एक इंसान हैं उसकी भी भावनाएं व अपेक्षाएं इस सम्पूर्ण समाज से जुड़ी होती है यहाँ ये कहना बिल्कुल भी अनुचित नही होगा कि एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है, हाँ पत्रकार जगत में हो सकता है कुछ लोग हैं इस तरह के भी जो अपनी चाटूकारिता व भ्रष्ट चरित्र की वजह से अन्य पत्रकारों को भी सामाजिक दृष्टि में निम्न स्तर पर लाकर खड़ा कर देते हैं

            चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार को वर्तमान में अनेक चुनोतियों का सामना करना पड़ रहा है अगर सामजिक दृष्टि की बात करें तो हमारे समाज में भी बहुत से लोग हैं जो अपनी सुविधानुसार पत्रकार से अपेक्षाएं रखते हैं। रही राजनीतिक दृष्टि की बात पत्रकार को आईना कहने वाले ये लोग इस आईने में अपना वो चेहरा देखना पसंद करते हैं जो इन्हें खुद को अच्छा लगे। अधिकतर पत्रकार आर्थिक रूप से सामान्य ही मिलते हैं यहाँ अधिकतर शब्द का प्रयोग करना अनिवार्य होगा क्योंकि बड़ी संख्या में पत्रकार अपना काम ईमानदारी से करते हैं। कुछ गिने चुने भ्रष्ट व आधारहीन पत्रकारिता करने वाले लोगों की महत्वाकांक्षी सोच तथा भ्रष्ट नेता व रिश्वतखोर अधिकारी या असमाजिक तत्वों के षड़यंत्र व व्यक्तिगत स्वार्थ की वजह से खबर देने वाला पत्रकार स्वंम खबर बन जाता है। समाज के हर वर्ग की समस्या को शासन प्रशासन तक पहुचाने वाला व्यक्ति(पत्रकार) कभी अपनी संवेदनाएं व अधिकार किसी के समक्ष रखने में सक्षम क्यो नही है इसका कारण है हमारा समाज, समाज का वो हर वर्ग जिसके अधिकारों की लड़ाई पत्रकार निस्वार्थ भाव से लड़ता आया है और भविष्य में भी लड़ता रहेगा। अगर इस लेख से जुड़े तथ्यों की बात करें तो हम आए दिन देख व पढ़ रहे हैं कि किस प्रकार पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आ रही है, हमारे समरसता वादी समाज व निष्पक्ष तथाकथित राजनीति के द्वारा सभी सम्मानित वर्गों की सुरक्षा हेतू कानून व्यवस्था सुदृढ की गई है जो होनी भी चाहिए परन्तु पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रतिकूल परिस्थितियों में कार्य करने वालों के लिए तो केवल बड़े बड़े मंचो से प्यार के दो मीठे बोल ही बोले जाते है। धरातल पर पत्रकार जगत आज भी असुरक्षित महसूस कर रहा है। एक पत्रकार होने के नाते मैं शासन से अपील भी नहीं कर सकता परन्तु आह्वान जरूर करना चाहता हूँ कि पत्रकारों के हितों के बारे में भी आप सोच सकते हो उन्हें भी अन्य वर्गों की भांति आर्थिक व सामजिक सुरक्षा प्रदान कर सकते हो। 

            अंत में मैं समाज के उस प्रतियेक वर्ग जैसे किसान, कर्मचारी, व अन्य सामाजिक संस्थाओं से तो अपील ही करना चाहता हूँ कि किसी भी पत्रकार की वास्तविक समस्या में उसका सहयोग अवश्य करें, क्योंकि वो एक पत्रकार ही होता है जो आपके अधिकारों व समस्याओं को स्थानीय प्रशासन व मौजूद सरकार तक पहुँचा कर दो छोरों में सेतू का कार्य करता हैं। वर्तमान के परिपेक्ष्य में पत्रकार साथियों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि वह क्या चाहते है अपने अधिकारों व सुरक्षा के संघर्ष में अकेले अकेले रह कर इसी प्रकार शोषित होना है या फिर एकजुटता व निष्ठा से अपनी गरिमा व अस्मिता को सुरक्षित रखना है।    

Police Files, Chandigarh

Korel, CHANDIGARH – 24.05.2020

Fifteen persons arrested under section 188 IPC for not wearing face mask.

Ten different cases U/S 188 IPC have been registered against fifteen persons who were arrested while roaming outside without wearing a face mask and disobeying the orders of DM, UT, Chandigarh. Later they were released on bail. The detail of police Stations in which cases U/S 188 IPC got registered on 23.05.2020 is :- PS-Sarangpur=03, PS-19=02, PS-Ind. Area=01, PS-Maulijagran =01 case, PS-34 = 01, PS-36=01 & PS-39=01.

One person arrested for possessing illegal liquor

Chandigarh Police arrested Pahal Singh @ Sagar R/o # 427/1, Village Faidan, Chandigarh and recovered 20 quarters of country winde near near Kali Mata Mandir, Faidan on 23.05.2020 and disobeying the orders of DM, UT, Chandigarh. A case FIR No. 110, U/S 61-1-14 Excise Act & 188 IPC has been registered in PS-31, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Cheating

A case FIR No. 59, U/S 420, 120-B Act has been registered in PS-3, Chandigarh on the complaint of S.M.S. Sandhu R/o # 113, Sector-8-A, Chandigarh against unknown person who fraudulently has been used complainant’s SBI Credit card for purchasing of Rs. 2, 92, 000/- on 26.06.2019. Investigation of the case is in progress.

MV Theft

Deep Kumar R/o # 329/2, Samadhi Gate, Manimajra, Chandigarh reported that unknown person who stolen away complainant’s Auto rickshaw No. PB65AU-9252 from parking near Samadhi gate, Manimajra, Chandigarh. A case FIR No. 85, U/S 379 IPC has been registered in PS-MM, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

Theft

Ramesh Kumar Sethi R/o # 605, Sector-2 Panchkula reported that unknown person complainant’s mobile from Grain Market, Sector-26, Chandigarh on 20.12.2019. A case FIR No. 106, U/S 379 IPC has been registered in PS-26, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा कोविड के प्रभाव से निपटने के लिए रियल अस्टेट सैक्टर के लिए विशेष पैकेज का ऐलान

  • सारे अलॉटियों के लिए निर्माण के निर्धारित समय में छह महीनों का विस्तार, ग़ैर-निर्माण फीस भी माफ
  • नीलामी वाली जायदादों की ब्याज समेत किश्त की अदायगी भी छह महीने आगे बढ़ाई

राकेश शाह, चंडीगढ़ – 22 मई:

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा आज कोविड-19 के कारण पैदा हुए हालातों के दरमियान चुनौतियों से घिरे रियल अस्टेट के क्षेत्र को राहत देने के लिए कई ऐलान किये गए हैं, जिनमें सभी अलॉटियों के लिए प्लाटों /प्रोजेक्टों के निर्माण के लिए निर्धारित समय में छह महीने का विस्तार करना शामिल है, यह अलॉटमैंट चाहे प्राईवेट हो या राज्य के शहरी क्षेत्रों की सरकारी संस्थाओं की तरफ से बोली या ड्रा के ज़रिये की गई हो।

मुख्यमंत्री द्वारा घोषित आम यह प्रोत्साहन पैकेज अलॉटियों और डिवैलपरों दोनों पर लागू होगा और जिसका उद्देश्य इन दोनों को तत्काल राहत मुहैया करवाने के साथ-साथ हाऊसिंग क्षेत्र में आई रुकावट को रोकना है। यह राहत कदम राज्य की शहरी विकास अथॅारिटियों पर लागू होंगे और यह राहत 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितम्बर, 2020 तक लागू रहेगी।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इससे उनकी सरकार को बड़ी वित्तीय मुश्किलें पेश आने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा कोविड महामारी के कारण बड़ी चुनौतियां बर्दाश्त कर रहे रियल अस्टेट क्षेत्र को सहायता देने के लिए फ़ैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इससे सम्बन्धित विभिन्न माँगें प्राप्त हुई थीं।

निर्माण समय में छह महीनों के किये वृद्धि के कारण आने वाली वित्तीय मुश्किलों का जि़क्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा क्योंकि विकास अथॉरिटियों को निर्माण न होने (नॉन-कंस्ट्रक्शन) संबंधी सालाना 35 करोड़ फीस वसूल होती थी जबकि इस निर्माण के समय में वृद्धि की विशेष राहत से इन सभी अथॉरिटियों को करीब 17 -18 करोड़ कम फीस प्राप्त होगी।

एक अन्य प्रमुख राहत का ऐलान करते हुये मुख्यमंत्री द्वारा सभी विकास अथॉरिटियों को निर्देश दिए गए कि वह 1अप्रैल से 30 सितम्बर, 2020 के समय के लिए नॉन-कंस्ट्रक्शन फीस /विस्तार फीस /लायसेंस नवीनीकरण की फीस न लें इसके साथ पिछले की औसत के आधार पर एक करोड़ से अधिक की वित्तीय मुश्किलें पैदा होंगी। इस राहत के परिणामस्वरूप मेगा प्रोजेक्टों की नीति के अंतर्गत की प्रवानगियों और पी.ए.पी.आर.ए के अंतर्गत जारी लायसेंसों में बिना फीस छह महीनों का विस्तार हो जायेगा।

मुख्यमंत्री ने एक और रियायत देते हुये 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितम्बर, 2020 के दरमियान जायदादों की रहती सभी नीलामियों की किश्तों (समेत ब्याज) को बकाया किश्तों के साथ स्कीम की ब्याज दर के सुमेल अनुसार अदा करने की आज्ञा दे दी गई है और इसके बाद बकाया राशि पर स्कीम का ब्याज लिया जायेगा।

 यह विशेष राहत 28 नवंबर, 2019 की आम माफी (एमनेस्टी) नीति के अंतर्गत सामाजिक ढांचा /लायसेंस फीस /बाहरी विकास फीस की अदायगी, जो 15 सितम्बर, 2020 ( समेत 31 मार्च 2020 तक बकाया) के लिए जमा करवाए बाद की तारीख़(पोस्ट डेटेड) के चैकों के द्वारा भी ली जा सकती है।

ग्रीन बिल्डिंगों की धारणा को उत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री ने ग्रिहा और लीडज़ द्वारा सर्टीफिकेशन के लिए कांस्य और चाँदी के लिए 5 प्रतिशत, सोने के लिए 7.5प्रतिशत और प्लैटिनम के लिए 10प्रतिशत अतिरिक्त एफ.ए.आर. के रूप में रियायतों में वृद्धि को मंजूरी भी दी गई।

कैप्टन अमरिन्दर ने ग्रेटर मोहाली एरिया डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (गमाडा) की तरफ से नक्शा योजनाओं के जारी होने के अनुसार ई.डी.सी. की क्रमवार अदायगी की आज्ञा देने के प्रस्ताव को भी सहमति दी। हालाँकि भुगतानयोग ईडीसी की दर नक्शा योजनाओं की मंजूरी के समय लागू होगी।

एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, स्थिति की गंभीरता और ज़रूरत के मद्देनजऱ मुख्यमंत्री ने विकास अथॉरिटियों के चेयरमैन के तौर पर, छह महीनों के लिए तुरंत राहत उपायों की घोषणा करने का फ़ैसला किया था और इस तरह अधिकारियों को लम्बी मियाद का व्यापक पैकेज लेकर आने के लिए समय दिया था। मुख्यमंत्री द्वारा ऐलाने गये सभी फ़ैसलों की मंज़ूरी सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा जल्द से जल्दी ली जायेगी।

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह ज़रूरी राहत उपाय आवास निर्माण और शहरी विकास मंत्रालय द्वारा तय किये गए कुछ प्रोत्साहनों के अलावा हैं, जिसमें नीलामी की जायदादों के मामलों में किश्तों की अदायगी की कानूनी मोहलत में छह महीनें का विस्तार करना शामिल है।

मंत्रालय ने यह भी फ़ैसला लिया है कि नीलामी की जायदादों केस में शहरी विकास अथॉरिटी के द्वारा कम से -कम 20 प्रतिशत की स्वामित्व का तबादला करने की शर्त पर पल्स 15प्रतिशत  अनुपातक अदायगी पर ट्रांसफर किया जा सकता है। नक्शा योजना पर निशानबद्ध, ख़ास बिल्ट -अप क्षेत्र बेचने की आज्ञा डिवैलपरों को उसी अनुपात में दी जा सकती है इस शर्त पर कि ऐसी इकाईयों की तरफ से व्यवसाय प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो।

इसके अलावा मंत्रालय के फ़ैसले के अनुसार जिस केस में लिफ़्ट दी गई है वहाँ 2 क्लब वाले एस.सी.ओज़ में सीढ़ी कम से कम 4फुट चौड़ी हो सकती है।