- सारे अलॉटियों के लिए निर्माण के निर्धारित समय में छह महीनों का विस्तार, ग़ैर-निर्माण फीस भी माफ
- नीलामी वाली जायदादों की ब्याज समेत किश्त की अदायगी भी छह महीने आगे बढ़ाई
राकेश शाह, चंडीगढ़ – 22 मई:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा आज कोविड-19 के कारण पैदा हुए हालातों के दरमियान चुनौतियों से घिरे रियल अस्टेट के क्षेत्र को राहत देने के लिए कई ऐलान किये गए हैं, जिनमें सभी अलॉटियों के लिए प्लाटों /प्रोजेक्टों के निर्माण के लिए निर्धारित समय में छह महीने का विस्तार करना शामिल है, यह अलॉटमैंट चाहे प्राईवेट हो या राज्य के शहरी क्षेत्रों की सरकारी संस्थाओं की तरफ से बोली या ड्रा के ज़रिये की गई हो।
मुख्यमंत्री द्वारा घोषित आम यह प्रोत्साहन पैकेज अलॉटियों और डिवैलपरों दोनों पर लागू होगा और जिसका उद्देश्य इन दोनों को तत्काल राहत मुहैया करवाने के साथ-साथ हाऊसिंग क्षेत्र में आई रुकावट को रोकना है। यह राहत कदम राज्य की शहरी विकास अथॅारिटियों पर लागू होंगे और यह राहत 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितम्बर, 2020 तक लागू रहेगी।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इससे उनकी सरकार को बड़ी वित्तीय मुश्किलें पेश आने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा कोविड महामारी के कारण बड़ी चुनौतियां बर्दाश्त कर रहे रियल अस्टेट क्षेत्र को सहायता देने के लिए फ़ैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इससे सम्बन्धित विभिन्न माँगें प्राप्त हुई थीं।
निर्माण समय में छह महीनों के किये वृद्धि के कारण आने वाली वित्तीय मुश्किलों का जि़क्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा क्योंकि विकास अथॉरिटियों को निर्माण न होने (नॉन-कंस्ट्रक्शन) संबंधी सालाना 35 करोड़ फीस वसूल होती थी जबकि इस निर्माण के समय में वृद्धि की विशेष राहत से इन सभी अथॉरिटियों को करीब 17 -18 करोड़ कम फीस प्राप्त होगी।
एक अन्य प्रमुख राहत का ऐलान करते हुये मुख्यमंत्री द्वारा सभी विकास अथॉरिटियों को निर्देश दिए गए कि वह 1अप्रैल से 30 सितम्बर, 2020 के समय के लिए नॉन-कंस्ट्रक्शन फीस /विस्तार फीस /लायसेंस नवीनीकरण की फीस न लें इसके साथ पिछले की औसत के आधार पर एक करोड़ से अधिक की वित्तीय मुश्किलें पैदा होंगी। इस राहत के परिणामस्वरूप मेगा प्रोजेक्टों की नीति के अंतर्गत की प्रवानगियों और पी.ए.पी.आर.ए के अंतर्गत जारी लायसेंसों में बिना फीस छह महीनों का विस्तार हो जायेगा।
मुख्यमंत्री ने एक और रियायत देते हुये 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितम्बर, 2020 के दरमियान जायदादों की रहती सभी नीलामियों की किश्तों (समेत ब्याज) को बकाया किश्तों के साथ स्कीम की ब्याज दर के सुमेल अनुसार अदा करने की आज्ञा दे दी गई है और इसके बाद बकाया राशि पर स्कीम का ब्याज लिया जायेगा।
यह विशेष राहत 28 नवंबर, 2019 की आम माफी (एमनेस्टी) नीति के अंतर्गत सामाजिक ढांचा /लायसेंस फीस /बाहरी विकास फीस की अदायगी, जो 15 सितम्बर, 2020 ( समेत 31 मार्च 2020 तक बकाया) के लिए जमा करवाए बाद की तारीख़(पोस्ट डेटेड) के चैकों के द्वारा भी ली जा सकती है।
ग्रीन बिल्डिंगों की धारणा को उत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री ने ग्रिहा और लीडज़ द्वारा सर्टीफिकेशन के लिए कांस्य और चाँदी के लिए 5 प्रतिशत, सोने के लिए 7.5प्रतिशत और प्लैटिनम के लिए 10प्रतिशत अतिरिक्त एफ.ए.आर. के रूप में रियायतों में वृद्धि को मंजूरी भी दी गई।
कैप्टन अमरिन्दर ने ग्रेटर मोहाली एरिया डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (गमाडा) की तरफ से नक्शा योजनाओं के जारी होने के अनुसार ई.डी.सी. की क्रमवार अदायगी की आज्ञा देने के प्रस्ताव को भी सहमति दी। हालाँकि भुगतानयोग ईडीसी की दर नक्शा योजनाओं की मंजूरी के समय लागू होगी।
एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, स्थिति की गंभीरता और ज़रूरत के मद्देनजऱ मुख्यमंत्री ने विकास अथॉरिटियों के चेयरमैन के तौर पर, छह महीनों के लिए तुरंत राहत उपायों की घोषणा करने का फ़ैसला किया था और इस तरह अधिकारियों को लम्बी मियाद का व्यापक पैकेज लेकर आने के लिए समय दिया था। मुख्यमंत्री द्वारा ऐलाने गये सभी फ़ैसलों की मंज़ूरी सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा जल्द से जल्दी ली जायेगी।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह ज़रूरी राहत उपाय आवास निर्माण और शहरी विकास मंत्रालय द्वारा तय किये गए कुछ प्रोत्साहनों के अलावा हैं, जिसमें नीलामी की जायदादों के मामलों में किश्तों की अदायगी की कानूनी मोहलत में छह महीनें का विस्तार करना शामिल है।
मंत्रालय ने यह भी फ़ैसला लिया है कि नीलामी की जायदादों केस में शहरी विकास अथॉरिटी के द्वारा कम से -कम 20 प्रतिशत की स्वामित्व का तबादला करने की शर्त पर पल्स 15प्रतिशत अनुपातक अदायगी पर ट्रांसफर किया जा सकता है। नक्शा योजना पर निशानबद्ध, ख़ास बिल्ट -अप क्षेत्र बेचने की आज्ञा डिवैलपरों को उसी अनुपात में दी जा सकती है इस शर्त पर कि ऐसी इकाईयों की तरफ से व्यवसाय प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो।
इसके अलावा मंत्रालय के फ़ैसले के अनुसार जिस केस में लिफ़्ट दी गई है वहाँ 2 क्लब वाले एस.सी.ओज़ में सीढ़ी कम से कम 4फुट चौड़ी हो सकती है।