राज्य सभा चुनाव के ऐन पहले गुजरात के 4 कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे मंजूर

अहमदाबाद: 

राज्यसभा चुनाव से पहले गुजरात कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के चार विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी चारों का इस्तीफा स्वीकार भी कर चुके हैं.

कांग्रेस के जिन चार विधायकों ने इस्तीफा दिया है उनमें – मंगल गावित, जेवी काकड़िया, सोमाभाई पटेल, प्रद्युमन जाडेजा  शामिल हैं. 

बता दें बीजेपी द्वारा गुजरात राज्यसभा चुनाव के लिए तीसरा उम्मीदवार मैदान में उतारे जाने के साथ कांग्रेस की धड़कनें बढ़ गई हैं. कांग्रेस को डर है कि कहीं उसके विधायक भाजपा के पाले में न चले जाएं, इसलिए उसने शनिवार को अपने कई विधायकों को राजस्थान भेज दिया है. 

मीडिया से बात करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस विधायकों पर काफी दबाव है और भाजपा धन और बाहुबल से राज्यसभा चुनाव को प्रभावित करना चाहती है.

182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में भाजपा के पास 103, जबकि कांग्रेस के पास 73 विधायक हैं. राज्यसभा के उम्मीदवार को जीतने के लिए 37 वोटों की जरूरत होगी. दोनों पार्टियों के पास दो सीटें जीतने के लिए पर्याप्त ताकत है. कांग्रेस को उम्मीद है कि निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी उनके उम्मीदवार के लिए ही वोट करेंगे. राज्यसभा की चार सीटों में से फिलहाल भाजपा के पास तीन और कांग्रेस के पास 1 सीट है.

अज्ञात महिला का शव मिला

पंचकुला ब्रेयाकिंग – कपिल नागपाल

पंचकूला में जब सनसनी फैल गई जब एक कंट्रोल रूम में एक बीटी गई। कि एक 50 साल की महिला की डेड बॉडी सेक्टर 23 के डंपिंग ग्राउंड के पास पड़ी है पंचकूला के सेक्टर 23 के आईटी पार्क के पास डंपिंग ग्राउंड के पास में एक 50 साल कि महिला का मिला शव। मौके पर फॉरेन्सिक टीम भी पहुची। हत्या है या आत्महत्या इसका पता पुलिस आसपास से पता कर रही है।

गाँजे का तस्कर पंचकुला से गिरफ्तार

पंचकूला बिग ब्रेकिंग: कपिल नागपाल:

आंध्र प्रदेश से पंचकूला तक ट्रेन के माध्यम से लेकर आता था गांजा खिलौनों वाले बोरों में गांजा भर कर लेकर आता था ऊपर खिलौने नीचे गांजा भर कर लेकर आता था चढ़ा क्राइम ब्रांच पंचकूला की टीम के हत्थे पंचकूला स्थित पिंजोर के पास गांव बक्शीवाला में जंगल में क्राइम ब्रांच की 19 की टीम ने रेड मारकर तीन कट्टे गांजा बरामद की जिसकी जब तोल किया तो 62 किलो गांजा निकला। जिसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत 5 लाख है। आरोपी का नाम सोनू है। और पंजाब के मकुआ थाना होशियारपुर का रहने वाला है। आरोपी सोनू यह गांजा आंध्र प्रदेश से ट्रेन के माध्यम से लेकर आता था। आरोपी सोनू जब यह गांजा लेकर आता था तो ऊपर खिलौने रख देता था बोरी के नीचे गांजा छुपाकर लता था लोगों को यह पता चलता था कि यह एक खिलौना व्यापारी है।

आरोपी सोनू को आज पंचकूला कोर्ट में पेश किया जहां कोर्ट ने दो 9 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा। क्राइम ब्रांच की टीम आरोपी सोनू को आंध्रप्रदेश लेकर जाएगी जहां से आरोपी सोनू गांजा खरीद कर पिंजोर एरिया में सप्लाई करता था।

व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर साफ सफाई के विशेष महत्व पर उपायुक्त पंचकुला ने विशेष बल दिया

पंचकूला 15  मार्च:

उपायुक्त मुकेश कुमार  आहूजा ने कोरोना को लेकर जिला के सभी रेस्टोरेंट , होटल , सिनेमा, कमर्शियल दुकानों , जिम ,मॉल बार आदि सभी बड़ी दुकानों के मालिकों को हिदायतें जारी करते हुए कहा कि कि वे अपने सभी टर्निंग प्वाइंट, डोर आदि को पूर्ण रूप से सेनीटाइज करें । सैनिटाइजर करते समय सोडियम हाइपोक्लोराइट 1% मॉपिंग का स्प्रे करें । उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर सभी बड़ी दुकानों के मालिक सावधानी बरतते हुए अपने परिसरो मे पूर्ण रूप से सफाई व्यवस्था बनाए रखें।  अपने परिसर में कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों  को बार बार साबुन से हाथ धोने के लिए जागरूक करें । 

उपायुक्त ने जिला के सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि वे कार्यालयों काे भी सैनिटाइज करें आैर सोमवार को कार्यालय खुलने से पहले कार्यालयों के दरवाजे और टर्निंग प्वाइंट सेनीटाइज होने चाहिए । इसके अलावा कार्यालयों में आने से पहले कर्मचारियों को भी भली भांति सेनीटाइज करें और वे हाथ धोकर ही कार्यालय में प्रवेश करेंगे।

 उपायुक्त ने कहा कि कोरोना से घबराने की आवश्यकता नहीं है लेकिन एहतियात के तौर पर पूरी सावधानी बरतें और बार-बार अपने हाथ साबुन से धोएं। उन्होंने कहा कि जिला में स्थिति पूर्ण रूप से नियंत्रण में है ।  अब तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा 83 लोगों को निगरानी में लिया गया तथा 9 व्यक्तियों के सैंपल लिए गए जो नेगेटिव पाए गए। 

उन्होंने कहा कि ज्यादा भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से गुरेज करना चाहिए तथा छींकते समय रुमाल का प्रयोग करना चाहिए। जिला प्रशासन द्वारा सेक्टर 6 पंचकूला के सामान्य अस्पताल व सामुदायिक केंद्र कालका मे विशेष अलगाववाद वार्ड बनाए गए हैं। जिला स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम का भी गठन किया गया है। यह टीम 24 घंटे सातों दिन लगातार कार्य कर रही है। लोगों को जागरूक एवं  सचेत करने के लिए टोल प्लाजा, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन ,निजी एवं सरकारी अस्पतालों में डिस्प्ले बोर्ड एवं फ्लेक्स आदि लगाए गए हैं। कोरोना से बचाव के लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लेने चाहिए और यदि किसी प्रकार की समस्या हो तो चिकित्सकों की निगरानी में जाना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों के लिए हेल्प डेस्क भी बनाई गई है।

  इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर 9779 494 643 एवं 805400 7102 तथा 0172-2573907 पर भी जानकारी ली जा सकती है।

सोनिया राहुल के रहते कोई भी युवा नेता सक्षम नहीं हो सकता

राजविरेन्द्र वशिष्ठ

सोनिया गांधी के खिलाफ कॉंग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाले राजेश्वर प्रसाद सिंह विदूड़ी उर्फ राजेश पायलट के बेटे होने की सज़ा भुगत रहे हैं सचिन पायलट। यह आधा अधूरा सच है, असल में काबिल युवा नेता होने के कारण सचिन की अनदेखी कारवाई जा रही है। कल को सिंधिया, देवड़ा, सचिन आदि युवा नेता राहुल गांध से सक्षम साबित हों और क्षेत्रीय क्षत्रप जो वह अभी हैं की भूमिका से आगे बढ़ कर पार्टी में अपनी महती भूमिका तलाश लें और राहुल की अकर्मण्यता एवं प्रियंका गांधी वाड्रा की छवि को भेद दें तो क्या हो। कांग्रेस हाई कमान को यह चिंता सताती है। इसीलिए रहल गांधी के समक्ष कोई भी युवा नेता काबिल नहीं दिखना चाहिए, शायद यही बात राहुल भी समझने लगे हैं।

इक शेर याद आ रहा है,

कांग्रेस की ग्रह-दशा अभी तो ऐसी चल रही है कि कोई मामूली ज्योतिषी भी सटीक भविष्यवाणी कर सकता है. कांग्रेस के राज्य सभा उम्मीदवारों की जो सूची सोनिया गांधी ने फाइनल की है वो भी कांग्रेस के भीतर संभावित घटनाओं की तरफ साफ इशारा करती है.

बाकी राज्यों में कांग्रेस नेताओं के अंसतोष को तो टाला भी जा सकता है, लेकिन राजस्थान का मामला काफी नाजुक लगता है. मालूम नहीं राहुल गांधी और सोनिया गांधी हालात की गंभीरता को किस तरह से ले रहे हैं. राजस्थान से राज्य सभा उम्मीदवार तय करने में जिस तरह से सचिन पायलट की आपत्तियों को खारिज कर अशोक गहलोत की बात मान ली गयी है – ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ कर चले जाने के बाद ये फैसला हैरान करने वाला लगता है. सिंधिया की बगावत के बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ भले ही सरकार कुछ दिन बचा लें लेकिन वे गिनती के ही दिन होंगे.

राहुल गांधी सिंधिया को जानते ज़रूर थे, लेकिन शायद समझते नहीं थे

सिंधिया के कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी ज्वाइन करने पर राहुल गांधी ने मीडिया में आकर कहा कि वो उन्हें अच्छी तरह जानते हैं. सही बात है जानते जरूर थे, लेकिन शायद समझने की कोशिश नहीं किये. कुछ तो मजबूरियां रही होंगी. सवाल ये है कि क्या वैसी ही मजबूरियां सचिन पायलट की मुश्किलों को समझने में आड़े आ रही हैं?

सचिन पायलट को कितना जानते हैं राहुल गांधी

2017 के गुजरात चुनाव में राहुल गांधी को नये अवतार में देखा गया था और उन दिनों भी उनके दो साथी करीब ही नजर आते थे – ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट. गुजरात चुनाव खत्म होने के बाद और नतीजे आने से पहले राहुल गांधी ने अध्यक्ष की कुर्सी संभाली थी. तब से सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया की सियासी मुश्किलें ऐसे नजर आयीं जैसे जुड़वां भाइयों की समस्याएं होती हैं. दोनों ही के सामने दो सीनियर और गांधी परिवार के करीबी नेता चुनौती बन गये. दोनों ने विधानसभा चुनाव में बराबर मेहनत की, लेकिन सत्ता हासिल होने पर मलाई खाने दूसरे नेता आ डटे. सचिन पायलट तो डिप्टी सीएम बना दिये गये, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की कौन कहे, उनके किसी समर्थक विधायक को भी ये ओहदा देने के लिए पार्टी नेतृत्व राजी नहीं हुआ – और सिंधिया झोला उठाकर दूसरे फकीरों की टोली में पहुंच गये.

ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर जिस तरीके से सचिन पायलट ने रिएक्ट किया है, उस एक ही ट्वीट में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के लिए बड़ा संदेश है. अगर राहुल गांधी और सोनिया गांधी जान बूझ कर ऐसी चीजों को नजरअंदाज करते हैं तो ये मान लेना बिलकुल गलत नहीं होगा कि बिगड़ी बातों को बनाने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है

सोनिया गांधी और राहुल गांधी मां-बेटे जरूर हैं, लेकिन दोनों के कुर्सी पर होते कांग्रेस के भीतर की तमाम चीजें एक दूसरे के उलट ही देखने को मिली हैं. राहुल गांधी ने कुर्सी संभालते ही जिस तरह पुराने नेताओं को ठिकाने लगा दिया था, सोनिया गांधी ने भी वही व्यवहार किया है. नतीजा ये हुआ है कि राहुल गांधी की वजह से कांग्रेस में दबदबा रखने वाले नेता उनके कुर्सी छोड़ते ही असुरक्षित महसूस करने लगे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया से पहले हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अशोक तंवर के मामले में जो हुआ सबके सामने ही है. अशोक तंवर तो सोनिया के भी करीबी हुआ करते थे, लेकिन एक झटके में सब खत्म हो गया.

हरियाणा के साथ ही महाराष्ट्र चुनाव भी हुए थे और तब ज्योतिरादित्य सिंधिया महाराष्ट्र के चुनाव प्रभारी बनाये गये थे. जरा याद कीजिये संजय निरूपम ने प्रेस कांफ्रेंस करके क्या कहा था. संजय निरूपम के निशाने पर भी कांग्रेस के बुजुर्गों की टीम ही रही. मिलिंद देवड़ा भी तो जब तक ऐसे मुद्दे उठाते रहे हैं. आम चुनाव के दौरान जितिन प्रसाद ने भी तो बागी रुख अख्तियार कर ही लिया था. नवजोत सिंह सिद्धू भी तो कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन के ही शिकार लगते हैं. कुछ नेताओं की अपनी अलग मजबूरी हो सकती है, लेकिन सचिन पायलट और मिलिंद देवड़ा के मामले में तो कम से कम ऐसा नहीं लगता.

क्या ऐसा नहीं लगता कि सोनिया गांधी ने राहुल गांधी की टीम के ज्यादातर नेताओं को सिंधिया बनने के लिए छोड़ दिया है – और सचिन पायलट भी मुहाने पर ही खड़े हैं. अब ये राहुल गांधी को ही देखना होगा कि वो सचिन पायलट को कितना जानते हैं और कितना समझना चाहते हैं.

ये तो बहुत नाइंसाफी है

अगर राहुल गांधी ये कहते हैं कि राज्य सभा चुनाव में उनका कोई रोल नहीं रहा तो क्या उनके करीबी नेताओं को सिर्फ नाम पर ही टिकट दे दिया गया, जबकि एक एक टिकट के लिए तगड़ी रेस लगी रही. आखिर कैसे राजस्थान से केसी वेणुगोपाल टिकट पा गये और तारिक अनवर से लेकर राजीव अरोड़ा और भंवर जितेंद्र सिंह से लेकर गौरव वल्लभ तक बस मुंह देखते रह गये. आखिर कैसे राजीव साटव महाराष्ट्र से बाजी मारने में कामयाब रहे और मुकुल वासनिक और रजनी पाटिल मन मसोस कर रह गये. आखिर ये दोनों नेता टिकट पाने में सफल तो राहुल गांधी के कारण ही रहे. ऐसा कैसे हो सकता है कि एक बार भी राहुल गांधी से उनकी राय न पूछी गयी हो – राहुल गांधी भले ही कहते फिरें कि वो वायनाड के सांसद भर हैं, लेकिन जिस तरीके से दिल्ली चुनाव और दंगे प्रभावित इलाकों में भाषण देते रहे, वायनाड क्या केरल का कोई नेता या कांग्रेस का ही दूसरा कोई नेता बोल सकता है क्या?

क्या बदले हुए नाजुक हालात में भी राहुल गांधी को एक बार नहीं लगा कि सचिन पायलट की बातों को बार बार नजरअंदाज नाइंसाफी नहीं तो क्या है?

सचिन पायलट हमेशा से मुखर रहे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के मुद्दे पर तो बोला ही है, जब सोनिया गांधी ने कोटा अस्पताल भेज कर ग्राउंट रिपोर्ट मांगी थी वो पहुंचे और मौके पर भी बरस पड़े. अपनी ही सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सारी गलतियों का जिम्मेदार बता डाला था.

राजस्थान से कांग्रेस के दो उम्मीदवार तय किये गये हैं – केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी. पता चला है कि सचिन पायलट को जैसे ही राज्य सभा के लिए उम्मीदवारों की फाइल सूची का पता चला, वो सक्रिय हो गये और विरोध करने लगे. सचिन पायलट को केसी वेणुगोपाल को लेकर आपत्ति का तो मतलब भी नहीं था, लेकिन नीरज डांगी को लेकर कड़ा ऐतराज जताया. इतना ही नहीं, सचिन पायलट ने अपनी तरफ से एक नाम का भी सुझाव दिया था, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया.

सचिन पायलट ने नीरज डांगी की जगह कुलदीप इंदौरा का नाम सुझाया था. दिलचस्प बात ये रही कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत के सुझाये नामों में बहुत सारी समानता देखने को मिलती है.

  1. नीरज डांगी तीन बार और कुलदीप इंदौरा दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं और दोनों में कोई भी जीत नहीं पाया.
  2. नीरज डांगी और कुलदीप इंदौरा दोनों ही राजस्थान प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं.
  3. नीरज डांगी के पिता दिनेशराय डांगी और कुलदीप इंदौरा के पिता हीरालाल इंदौरा भी राजस्थान सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
  4. नीरज डांगी और कुलदीप इंदौरा दोनों ही अनुसूचित जाति से आते हैं.

दोनों के करियर ग्राफ पर गौर करें तो और भी कई समानताएं नजर आती हैं, बड़ा फर्क सिर्फ ये है कि सचिन पायलट ने जिसका नाम सुझाया था वो दो बार विधानसभा चुनाव हार चुका है और अशोक गहलोत ने जिसका सपोर्ट किया वो तीन बार.

देखा जाये तो भी सचिन पायलट का कैंडीडेट, अशोक गहलोत के उम्मीदवार से थोड़ा बेहतर रहा – लेकिन सोनिया गांधी ने अशोक गहलोत के उम्मीदवार पर ही मुहर लगायी है. ये कोई बहुत बड़ी बात भी नहीं है, लेकिन जब मालूम है कि पार्टी की स्थिति डांवाडोल है और छोटी छोटी चीजों से बात बिगड़ सकती है तो ये महंगा भी पड़ सकता है.

जैसा कि राहुल गांधी बता रहे थे कि वो ज्योतिरादित्य सिंधिया को अच्छी तरह जानते हैं, बिलकुल वैसे ही न सही लेकिन जानते तो सचिन पायलट को भी होंगे ही. सचिन पायलट की विचारधारा को भी जानते ही होंगे. सचिन पायलट के सामने भी वैसे ही राजनीतिक हालात हैं जैसे सिंधिया के पास रहे. जिस तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनावों में शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मैदान में डटे रहे, सचिन पायलट भी वैसे ही वसुंधरा राजे के खिलाफ मोर्चे पर बने रहे और मुकाबले करते रहे. बीजेपी के हिसाब से सोचें तो मध्य प्रदेश की ही तरह राजस्थान की हर गतिविधि पर वैसी ही पैनी नजर है. बस एक मौके की तलाश है.

Police Files, Chandigarh

Korel, CHANDIGARH – 15.03.2020

Dowry

A lady resident of Chandigarh alleged that her husband resident of Chandigarh harassed complainant to bring dowry. A case FIR No. 31, U/S 406, 498-A IPC has been registered in PS-Women, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

A lady resident of Chandigarh alleged that her husband resident of Chandigarh harassed complainant to bring dowry. A case FIR No. 32, U/S 406, 498-A IPC has been registered in PS-Women, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

MV Theft

Sardou Singh R/o # 1311, Sector-22/B, Chandigarh reported that unknown person stole away complainant’s Honda City car No. CH-03Z-6102 parked near his house on the night intervening 06/07-03-2020. A case FIR No. 45, U/S 379 IPC has been registered in PS-17, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Anil Kumar R/o # 38, Sector-43/A, Chandigarh reported that unknown person stole away complainant’s M/Cycle No. CH-01BM-4757 parked near Mandi Ground, Sec-43/A, Chandigarh on 07.03.2020. A case FIR No. 53, U/S 379 IPC has been registered in PS-36, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Cheating

Neha Thakur R/o # 267, Sector-21/A, Chandigarh alleged that unknown person cheated Rs. 14,000/- from her account regarding providing refund on cancelled order of Zomato. A case FIR No. 21, U/S 419, 420, 120B IPC & 66-D IT Act has been registered in PS-19, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

Sanjay Singh R/o SCF No. 239, Motor Market, Manimajra, Chandigarh alleged that unknown person cheated Rs. 1,47,738/- regarding providing gift prize against shopping done by complainant from flipshopkart website. A case FIR No. 34, U/S 420, 120B IPC has been registered in PS-MM, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

Neel Kamal R/o # 520, Sector-47/A, Chandigarh alleged that unknown person cheated Rs. 20,000/- through paytm transaction for delivering bike which complainant was purchasing through OLX. A case FIR No. 40, U/S 420, 120B IPC has been registered in PS-31, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

Accident

A case FIR No. 39, U/S 279, 337 IPC has been registered in PS-34, Chandigarh on the complaint of Rajinder Singh Sohal R/o # 2096, Sector-15, Panchkula (HR) who alleged that driver of car No. CH01-AL-5529 was sped away after hitting to complainant’s Activa Scooter No. HR03-V-8941 near # 1109, Sector-33, Chandigarh on 12.03.2020. Complainant got injured and was admitted in GMCH-32, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.