हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग चेयरमैन ने संभाला पदभार

पंचकूला, 27 नवम्बर –

 पृथला के विधायक व हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के चेयरमैन नयनपाल रावत ने कहा कि हरियाणा में अब आधुनिक तकनीक के नए भंडारण बनाए जाएंगे। ये भंडारण न केवल अधिक उपयोगी होंगे बल्कि निजी क्षेत्र के भंडारण का भी मुकाबला कर पाएंगे। नयनपाल रावत यहां पंचकूला के सैक्टर-2 में कॉरपोरेशन के कार्यालय में चेयरमैन का पद भार संभालने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। नयनपाल रावत को पदभार संभलवाने के लिए हरियाणा सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री जेपी दलाल, विधायक नरेंद्र गुप्ता, राजेश नागर, सोमवीर सांगवान, दीपक मंगला, प्रवीण डागर के साथ-साथ मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव अजय गौड़ भी मौजूद थे।

नयनपाल रावत ने कहा कि वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन में और अधिक पारदर्शिता व लगन से काम किया जाएगा ताकि मुख्यमंत्री मनोहरलाल की विकासशील व भ्रष्टाचार मुक्त नीतियों को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि वेयरहाउसिंग की न केवल आमदनी बढ़ाने के लिए काम होगा बल्कि किसानों व उनके अनाज के सही भंडारण के लिए  शीघ्रता से काम किए जाएंगे। नयनपाल रावत ने बताया कि फसलों के भंडारण के लिए अभी वेयर हाउसों की संख्या जरूरत के अनुसार कम है। इसलिए जल्द ही इस पर कार्य किया जाएगा और आधुनिक तकनीक के नए वेयर हाउस बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आज निजी क्षेत्र में जो आधुनिक भंडारण बनाए जा रहे हैं, उनसे मुकाबले के लिए हरियाणा स्टेट वेयर हाउस कॉरपोरेशन भी नई तकनीक के साथ आगे बढ़ेगा ताकि अनाज व अन्य खाद्य पदार्थों को और अधिक सुरक्षित रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि चाहे सेब की फसल हो या अन्य अनाज की सभी में भंडारण की संख्या कम होने के कारण नुक्सान हो रहा है। जिसके बारे में कृषि मंत्री जेपी दलाल व मुख्यमंत्री मनोहरलाल से विचार-विमर्श कर रणनीति तैयार की जाएगी। इस अवसर पर चेयरमैन नयनपाल रावत को बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। कई घंटे पंचकूला कार्यालय में समर्थकों, अधिकारियों व नेताओं की बधाईयों का दौर जारी रहा।राजस्व बढ़ाने के लिए होगी योजना तैयार है।

हरियाणा स्टेट वेयरहाउस कॉरपोरेशन के चेयरमैन नयनपाल रावत ने कहा कि अधिकारी विभागीय रिपोर्ट एक सप्ताह में तैयार करके उनके सम्मुख रखेंगे। उसके बाद कृषि मंत्री जेपी दलाल से राय मशविरा करने के बाद मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश से विकास कार्य शुरु होंगे। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विभाग का राजस्व जो घटा है उसे बढ़ाने के लिए भी कार्य किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पहले से जो कार्य चल रहे हैं, उन कार्यों के साथ-साथ विभाग के राजस्व को बढ़ाने के लिए और क्या रणनीति तैयार हो सकती है, उस पर भी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस मामले में कृषि मंत्री जेपीदलाल ने भी कहा कि नयनपाल रावत राजनीतिक रूप से सुलझे हुए व्यक्ति हैं और किसानों के लिए लंबे समय तक काम किया है इसलिए उनकी चेयरमैनी में विभाग बेहतरीन प्रदर्शन करेगा।

कैप्शन  100रू चेयरमैन के रूप में पदभार संभालने के बाद अपने कार्यालय में माथा टेकते पृथला के विधायक नयनपाल रावत साथ में कृषि मंत्री जेपी दलाल, विधायक नरेंद्र गुप्ता, राजेश नागर व अन्य

अब अंतोदय सरल केन्द्र में भी उपलब्ध हैं : उपायुक्त पंचकुला

पंचकूला, 27 नवंबर-

   उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा की अध्यक्षता मे लघु सचिवालय के सभागार में अंतोदय सरल केन्द्र से सम्बन्धित एक वर्कशॉप आयोजित की गई। इसमें सभी विभागों के अधिकारियों से चर्चा की गई तथा विभागों द्वारा दी जा रही सेवाओं के बारे में समीक्षा भी की गई। उन्होंने विभागाध्यक्षों को कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके विभाग द्वारा जो योजनाएं या सेवाएं हैं, वे अब अंतोदय सरल केन्द्र में भी उपलब्ध हैं। इसके बारे में लोगों को जागरूक भी करें। वर्कशॉप के दौरान उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि योजनाओं के क्रियान्वन बारे यदि कोई समस्या है, तो उस बारे भी जानकारी आपस मे सांझा करे। उपायुक्त ने कहा कि हरियाणा में नागरिकों को किसी भी तरह की सरकारी सेवा व योजना का लाभ लेने के लिए अब अलग-अलग कार्यालयों में चक्कर लगाने की आवश्यकता नही है। यह सेवाएं अंतोदय सरल केन्द्रों और सरल केन्द्रों पर ऑनलाईन उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने सरल अंतोदय नामक योजना की नीव वर्ष 2017 में रखी थी और अब यह धरातल पर जनता को सुविधाएं प्रदान कर रही है।  उन्होंने बताया कि इस परियोजना में सभी सेवाओं और योजनाओं का लाभ ऑनलाईन प्रदान किया जा रहा है। अब नागरिक विभिन्न विभागों की 400 से अधिक सुविधाएं घर बैठे ऑनलाईन अप्लाई कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस सुविधा की विशेष बात यह है कि आवेदन करने के बाद आवेदक अपने आवेदन को आवेदन आईडी से कभी भी ट्रैक कर सकता है कि उसका स्टेटस क्या है। अब नागरिकों को कार्यालयों में बार-बार सरकारी सेवा व योजना के लाभ पर चल रही कार्रवाई के बारे में जाने की आवश्यकता नही है। इससे न केवल समय की बचत होती है बल्कि आने-जाने में खर्च होने वाला धन भी बचता है।  हरियाणा सरकार की इस पहल को राष्ट्रीय स्तर पर दो पुरस्कार भी मिल चुके हैं। उन्होंने बताया कि इन सुविधाओं की जानकारी हैल्पलाईन नम्बर 1800-2000-023 पर प्राप्त की जा सकती है। बैठक में डीएसईडी रेणु गर्ग ने प्रोजैक्टर के माध्यम से अंतोदय सरल केन्द्र पर दी जा रही सुविधाओं व सेवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

जनता दरबार का आयोजन 29 नवंबर को प्रातः11 बजे सेक्टर-23 स्थित सामुदायिक केंद्र में किया जाएगा

पंचकूला, 27 नवंबर-

  उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने जानकारी देते हुए बताया कि जनता की समस्याओं का मौके पर ही निदान करने के लिए पंचकूला में जनता दरबार का आयोजन किया जा रहा है। इस जनता दरबार की अध्यक्षता हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष ज्ञान चन्द गुप्ता करेगें।

उन्होंने बताया कि इस जनता दरबार का आयोजन 29 नवंबर को प्रातः11 बजे सेक्टर-23 स्थित सामुदायिक केंद्र में किया जाएगा। जो भी शिकायत कर्ता अपनी शिकायते प्रस्तुत करना चाहता है, वह सामुदायिक केन्द्र में उपस्थित होकर अपनी शिकायत प्रस्तुत कर सकता है । जनता दरबार का उद्देश्य मौके पर ही लोगो की शिकायतांे का निवारण करना है। उन्होंने बताया कि पुलिस ,कृषि, पशु पालन एवं डेयरी विभाग, शिक्षा विभाग, खादय एवं आपूर्ति नियंत्रक, चिकित्सा, सम्पदा, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण,, नगर निगम, समाज कल्याण,  कल्याण विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग सहित अनेकों विभागो के अधिकारी सामुदायिक केन्द्र में उपस्थित रह कर जनता की समस्याओं का निदान करेगें।  

पाॅलिथीन मुक्त अभियान गांवों में निरंतर चलते रहना चाहिए : अतिरिक्त उपायुक्त मनीता मलिक

पंचकूला, 27 नवंबर-

   अतिरिक्त उपायुक्त मनीता मलिक ने स्वच्छ भारत अभियान के ग्रामीण मिशन को लेकर लघु सचिवालय के सभागार में खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों व ग्राम सचिवों की बैठक ली।

  बैठक में उन्होंने सामुदायिक शौचालयों के निर्माण व रख रखाव के बारे में जानकारी ली। ठोस कचरा प्रबंध के प्लांट को चालू करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों एवं खंड समन्वयकों को शौचालयों के निर्माण में आने वाली बकाया अदायगी को तुरंत निपटाने के आदेश दिये। उन्होंने कहा कि पाॅलिथीन मुक्त अभियान गांवों में निरंतर चलते रहना चाहिए। इसके निस्तारण की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होंने रायपुररानी के खंड एवं विकास पंचायत अधिकारी को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की पालना के अंतर्गत ढिलाई बरतने वाले रायपुररानी के गारबेज कलेक्टर नोटिस देने के निर्देश दिये। उन्होंने ग्राम सचिवों को ग्राम सभाओं में पाॅलिथीन मुक्त करवाने संबंधी कार्रवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि तरल कचरा प्रबंधन को भी सुनियोजित तरीके से व्यवस्थित किया जाये।

  अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि ग्राम सभायें, ग्राम सचिव व खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी उन्हीं योजनाओं पर काम करें, जिन्हें वे पूरा कर सकते है। उन्होंने कहा कि जो भी मशीनरी या उपकरण स्वच्छता अभियान में खरीदा जाये, उसका उपयोग किया जाये। उहोंने कहा कि टैक्स पेयर के धन को बड़ी सावधानी और कुशलता से जनता के हित में खर्च किया जाना चाहिए। इस बारे में किसी किस्म की लापरवाही बर्दाश नहीं की जायेगी। कोई भी मशीनरी या यंत्र बेकार में नहीं खड़ा रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम सचिव 31 दिसंबर तक स्वच्छ सुंदर सामुदायिक शौचालय दिवस की रिर्पोट उन्हें हर हालत में प्रस्तुत करेंगे। इस अवसर पर जिला परियोजना अधिकारी सुनील जाखड, रायपुररानी व बरवाला खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, संबंधित ग्राम सचिव उपस्थित थे।

जिला स्तरीय गीता जयंती समारोह को लेकर अधिकारियों एवं समारोह से संबंधित संस्थाओं लघु सचिवालय के सभागार में बैठक ली

पंचकूला, 27 नवंबर-

   उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने जिला स्तरीय गीता जयंती समारोह को लेकर अधिकारियों एवं समारोह से संबंधित संस्थाओं लघु सचिवालय के सभागार में बैठक ली।  उपायुक्त ने बताया कि हम सभी को मिलकर इस समारोह को भावना और उत्साह के साथ मनाना है। उन्होंने कहा कि गीता जयंती को मनाना एक रस्म मात्र नहीं है। भगवतगीता जीवन के लक्ष्य को निर्धारित करने वाला अत्यंत पवित्र ग्रंथ है। इसकी शिक्षाये मानवता के रहने तक प्रासंगिक रहेंगी। इनमें कभी भी कोई पुरानापन नहीं आता। इस कार्यक्रम के आयोजन में प्रशासन, समाजसेवी और धार्मिक संस्थाएं एवं सामान्य जनता सभी आयोजक है। बैठक में उपायुक्त ने गीताा जयंती समारोह के लिये आयोजन स्थल, धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिये टीमों के चयन व अन्य तैयारियों के बारे में विस्तार से चर्चा की।

  उन्होंने उप-शिक्षा अधिकारी इंदु दहिया को निर्देश दिये कि वे गीता जयंती समारोह के दिनों में स्कूलों में बच्चों से भगवतगीता के श्लोको, भगवतगीता के हमारे जीवन में महत्व के बारे में चर्चा करे और बच्चों को गीता के ज्ञान के प्रति प्रोत्साहित करें। भगवतगीता संस्कार और चरित्र को जागृत करने का सबसे बड़ा कुंज है। यह बात निश्चित है कि यदि किसी ने जीवन में भगवतगीता को आत्मसात कर लिया तो उसके पास निराशा, हार और कुत्सिकता के लिये कोई जगह नहीं है। न केवल स्कूली विद्यार्थियों बल्कि काॅलेजों के विद्यार्थियों को भी इसमें शामिल करना चाहिए। सांस्कृतिक कार्यक्रमों को लेकर  उन्होंने कहा कि तमाम कार्यक्रम संगठित और गीता के ज्ञान के सामान्जसय के तहत होने चाहिए। गीता जयंती समारोह एक लक्ष्य आधारित समारोह है, जिसमें चेतना को जागृत करने वाला ज्ञान आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि इस पवित्र अवसर पर जिला प्रशासन को आम जनता के कल्याण के लिये चलाई जाने वाली योजनाओं को बताने का अवसर नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला समाज कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग और आयुष विभाग, सौर ऊर्जा विभागों को अपनी योजनाओं के बारे में स्टाल लगाने के भी निर्देश दिये।

  गीता जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित किये जाने वाले सेमिनारों के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार के सेमिनार को आपसी चर्चा के माध्यम से सजीव ढंग से आयोजित करना है। इसे मात्र शुष्क चर्चा का विषय नहीं रखना है। इसे श्रोताओं, वक्ताओं की आपसी सामन्जसयता से प्रस्तुत करना है ताकि श्रोतागण इसमें अपने आप को भागीदार समझ सके।

  इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त मनीता मलिक, एसडीएम सुशील कुमार, नगराधीश नवीन कुमार आहूजा, माता मनसा देवी श्राईंन बोर्ड के सीओ एमएस यादव, उपशिक्षा अधिकारी इंदु दहिया, कृषि उपनिदेशक वजीर सिंह, जिला परियोजना अधिकारी सुनील जाखड़ सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ऐसा निपटान आदेश जिसके बारे में अदालती आदेश जारी हो चुका है उस पर अमल होना चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ऐसा निपटान आदेश जिसके बारे में अदालती आदेश जारी हो चुका है उस पर अमल होना चाहिए भले ही वह संपत्ति अदालत के समक्ष कार्यवाही का हिस्सा है कि नहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सेटलमेंट एग्रीमेंट जो कि अदालत के आदेश का हिस्सा बन गया है, उस पर अमल होना चाहिए, वह संपत्ति अदालत के समक्ष कार्यवाही का हिस्सा हो या नहीं हो। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने कहा कि मध्यस्थता की कार्यवाही में पक्षकारों के लिए ऐसे मामले जो अदालत के समक्ष सुनवाई के लिए नहीं है, उन्हें आपसी सौहार्द के सुलझाने का रास्ता हमेशा ही खुला रहता है। इस मामले में वाद एक संपत्ति को लेकर एक बाप और उसकी बेटी के बीच था। जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो शीर्ष अदालत ने इसे मध्यस्थता के लिए भेज दिया। दोनों के बीच सुलह हुई और अदालत ने विशेष अनुमति याचिका को सुलह समझौते के सन्दर्भ में निपटा दिया। चूंकि अदालत के आदेश को नहीं माना गया, सो दोनों ही पक्ष दोबारा सुप्रीम कोर्ट लौटे।

कौशल्या बनाम जोधा राम मामले में दलील यह दी गई कि चूंकि जिस संपत्ति को लेकर विवाद था वह मूल मामले का हिस्सा नहीं था और इसलिए यह दोनों पक्षों के बीच हुई सुलह संबंधी समझौते का हिस्सा नहीं हो सकता था। पीठ ने इस पर कहा, “मध्यस्थता में पक्षकारों के लिए विवाद का सौहार्दपूर्ण हल ढूंढने का रास्ता हमेशा ही खुला रहता है। इसमें ऐसे विवाद भी शामिल हैं जो अदालत के समक्ष निपटारे के लिए नहीं हैं। मध्यस्थता का यह फ़ायदा होता है। मध्यस्थता में पक्षकार सौहार्दपूर्ण समाधान का रास्ता तलाश सकता है जिसे सुलह के समझौते में बदला जा सकता है और इसके बाद वह अदालत के आदेश का हिस्सा हो जाता है और अदालत सुलह समझौते के रूप में इसका निपटारा कर देता है। सुलह के रूप में अदालत का यह आदेश सभी पक्षों के लिए मानना बाध्यकारी हो जाता है।” अदालत ने अवमानना के इस मामले को यह कहते हुए निपटारा कर दिया कि मामले की सुलह से संबंधित समझौते को लागू किया जाए। बिक्री का समझौता संपत्ति में किसी भी तरह का अधिकार, स्वामित्व नहीं देता अदालत ने उन दो लोगों की याचिका भी निरस्त कर दी जिन्होंने सुलह के समझौते में शामिल संपत्ति में स्वामित्व का दावा किया था। इन लोगों ने दावा किया था कि बिक्री एग्रीमेंट के सन्दर्भ में वे इस संपत्ति के मालिक हैं। इस पर अदालत ने कहा, “क़ानून के निर्धारित प्रस्तावना के अनुरूप, बिक्री का एग्रीमेंट संपत्ति में किसी भी तरह का अधिकार, स्वामित्व या किसी हित का सृजन नहीं करता, इसलिए इस बिक्री एग्रीमेंट के आधार पर विवादित संपत्ति में रामू राम और रामपाल किसी भी तरह के स्वामित्व का दावा नहीं कर सकते। “

जस्टिस बोबड़े ने सविधान सभा को किया संबोधित

सारिका तिवारी, नयी दिल्ली:

भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने 70 वें संविधान दिवस पर अपना संबोधन शुरू किया और उन्होंने संविधान सभा की दृष्टि के बारे में सभी को याद दिलाते हुए कहा कि इसका उद्देश्य एक स्वतंत्र समाज बनाना था जहां लोगों से शक्ति प्राप्त हो। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत दलित महिला और संविधान सभा की सबसे कम उम्र की सदस्य दक्षिणायणी वेलुधन की टिप्पणी से की, जिन्होंने कहा था कि संविधान सभा न केवल एक संविधान का निर्माण करती है, बल्कि यह लोगों को जीवन का ढांचा भी देती है। जीवन के संवैधानिक तरीके के इस विचार को स्वीकार करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि संविधान राज्य के मामलों का संचालन करने के लिए ही दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह सभी नागरिकों के लिए जीवन का एक ढांचा निर्धारित करता है। मुख्य न्यायाधीश ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया कि अतीत में कई चुनौतियों के बावजूद हम अभी भी संवैधानिक संस्कृति का जश्न मना रहे हैं, जो 70 वर्षों से जीवित है। उनके संबोधन के दौरान दो विषय थे, जो स्पष्ट रूप से स्पष्ट एजेंडे के रूप में सामने आए, जिस पर मुख्य न्यायाधीश ध्यान केंद्रित करना चाहते थे : न्याय और अधीनस्थ न्यायपालिका तक पहुंच। सरल उपयोग न्याय तक पहुंच के मुद्दे में प्रमुख ध्यान फैसलों की भाषा पर दिया गया। मुख्य न्यायाधीश ने नोट किया कि निर्णयों का अनुवाद स्थानीय भाषाओं में किया जा रहा है और इससे वादियों और वकीलों के लिए और अधिक सुविधा होगी। इसके लिए, मुख्य न्यायाधीश ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI ) पावर्ड फोकस्ड ट्रांसलेशन इंजन की शुरुआत की ताकि मुकदमों और अदालतों के बीच भाषा की बाधा को दूर किया जा सके। हालांकि, AI अनुवाद उपकरणों के परिणामों को मान्य करने के लिए न्यायालय मानव अनुवादकों का उपयोग करना जारी रखेगा। वैसे, उन्होंने न्याय वितरण प्रणाली में न्यायाधीशों की अपूरणीय स्थिति पर जोर दिया। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘जज की भूमिका सर्वोपरि है। जबकि तकनीक एक न्यायाधीश की सहायता कर सकती है, लेकिन यह एक न्यायाधीश का स्थान नहीं ले सकती है … मशीनें न्यायाधीशों के ज्ञान के विकल्प नहीं हैं। एक अद्वितीय वातावरण में कानून कार्य न्यायाधीशों और वकीलों को रास्ता दिखाने के लिए सबसे अच्छा है। हम एक ऐसी प्रणाली प्रदान नहीं करने जा रहे हैं जहां एक अपील 1 कंप्यूटर से 3 कंप्यूटरों तक जाती है। ‘ मुख्य न्यायाधीश ने मामलों की बड़ी लंबितता के मुद्दे को संबोधित करते हुए कहा कि हमें जजों के समय और दिमाग की जगह को उन जटिल मामलों को कुशलतापूर्वक सुलझाने के लिए मुक्त करने की जरूरत है, जिन पर विचार करने और विवेक लगाने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होती है।

अधीनस्थ न्यायपालिका की चिंताएं

मुख्य न्यायाधीश ने उन मुद्दों को भी संबोधित किया, जिनका सामना देश भर की अधीनस्थ अदालतों को करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वह बुनियादी ढांचे की स्थिति और अधीनस्थ न्यायपालिका को प्रदान किए गए फंड से चिंतित हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि अधीनस्थ न्यायालयों को अभी भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, विशेषकर महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग व्यक्तियों के संबंध में, यह देखने वाली बात है। सही ढंग से कार्य करने वाले डिस्प्ले बोर्ड लगाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया। मुख्य न्यायाधीश ने आश्वासन दिया कि इन सभी चिंताओं पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और उन्हें खत्म करने के लिए काम किया जाएगा। आने वाले दशक के लिए आशावादी बनते हुए मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने महात्मा गांधी के दृष्टिकोण को स्वीकार करते हुए अपने भाषण का समापन किया। उन्होंने कहा, ” जब तक हम उस बिंदु तक नहीं पहुंच जाते हैं जहां एक भी व्यक्ति न्याय के लिए बाधा का सामना नहीं कर रहा है, हमारा काम जारी रहेगा।”

मुख्य न्यायाधीश बोबडे के बाद वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस एन वी रमना ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने ” चल रहे नए उपकरण, नई पद्धतियों को बनाने, रणनीतियों को नया बनाने, द नए निर्णय लेने और संवैधानिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए उचित राहत प्रदान करने के लिए नए न्यायशास्त्र का विकास करने” की आवश्यकता के बारे में बात की।

One Week Short Term Course on Research Methodology inaugurated at UIAMS

Korel,Chandigarh November 27, 2019

            University Institute of Applied Management Science (UIAMS), Panjab University inaugurated one week Short Term Course on Research Methodology. The course will be conducted from 27th November – 3rd December 2019. Thirty-five faculty members and research scholars from various institutions joined the course. The course intends to hone the skills of the participants for practical application of various statistical tools frequently used for solving research problems.

            Prof Raj Kumar, Vice Chancellor, Panjab University addressed the participants and highlighted the importance of selection of research problem, selection of good institution and selection of appropriate supervisor for conducting good research work. He appreciated the theme of the programme and congratulated UIAMS for conducting the same.

            Prof. Sanjay Kaushik, Dean College Development Council, Panjab University emphasised upon meaningful research. He highlighted the importance of formulation of right objectives and selection of appropriate methodology to attain the same. Prof. Upasna Joshi Sethi, Director, UIAMS welcomed the participants and apprised them about the course structure. The dignitaries wished all success to the participants and organisers.

CFA donate almirahs and stools to red cross sarai

Korel,Chandigarh, 27th November 2019:

The Chandigarh Furniture Association (Regd.), Chandigarh has donated 15 Steel Almirah and 100 plastic stool at Red Cross Sarai as a part of CSR in the presence of Sh. Sachin Rana IAS, Additional Deputy Commissioner, U.T. Chandigarh and Secretary, Red Cross Society, Chandigarh today .

The Indian Red Cross Society is running Infosys Foundation Red Cross Sarai at PGIMER, Chandigarh with the capacity of 300 beds. The patients/attendants stay in the Sarai during the medical treatment of patients in PGIMER, Chandigarh on nominal charges.The Infosys Red Cross Sarai building has been constructed by the Infosys Foundation and other infrastructure have been arranged through different philanthropists.

Sh. Naresh Kumar, President, Shri Narender Goyal, General Secretary and other members Shri Subhash Aggarwal, Shri Yograj Bansal, Shri Parkash Singla, Shri Satish Goyal, Shri Sunil Bansal, Shri Ajay Gupta, Shri Bharat Bhushan and Shri Rampal Bansal of Chandigarh Furniture Association were present during the occasion.

Booklet detailing project ‘Phoenix’ launched

Korel, CHANDIGARH – 27/11

A path breaking initiative in bringing quality improvement in learning levels of children

Chandigarh, 27 November,2019. A Booklet containing details about the Project ‘Phoenix’ which is already implemented in the Government schools of UT, Chandigarh was released by Sh.V.P.Badnore, Administrator UT, Chandigarh and Governor Of Punjab  at Raj Bhawan, UT, Chandigarh. This booklet will be helpful for any institution/teacher/student in any part of the country for understanding the project.

The Project ‘Phoenix’ was conceived, developed and was launched by Secretary Education, Sh. B.L. Sharma on 5th October, 2018 to improve the quality of School Education and to bring necessary improvement in the learning levels of all children studying at Elementary level. Through the Project , the Department is able to track each and every learning outcome in respect of every subject in relation to each student.

The Project is aimed at the application of appropriate and innovative pedagogies during teaching learning process. The experts from the Department of Education devised the Progress Sheet which is the bedrock of the project. Thirty Three handbooks with multiple choice and open ended questions were designed in the month of September, 2018 for all the subjects at Elementary level i.e.  03 books each, for class I & II, 04 books each for class III to V and 05 books each for class VI to VIII to assess the learning levels of the students for classes I to VIII. The Handbooks are helpful for teachers as these handbooks provide detail/illustration of the processes /methodologies that can be followed by the subject teachers for specific topics.

Furthermore, A Web Application has also been developed for leveraging technology in implementation of the project which enables the teachers , Principals and senior functionaries of the department to access and view the learning outcomes of  each and every students, of each and every section/class and of each and every school on the click of the button.