भाजपा ने 5 नवम्बर को सरकार बनाने का लिया निर्णय

सारिका तिवारी, चंडीगढ़:

– राष्ट्रपति शासन लागू करने की धमकी देनेवाली भाजपा ने सत्ता स्थापना की तैयारी भी कर ली है।
– भाजपा ने शपथ विधि के लिए वानखेड़े स्टेडियम को आरक्षित करने के साथ ही 5 नवंबर का दिन भी तय कर दिया है।
– शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत ने विश्वासपूर्वक कहा कि शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने अगर तय कर लिया तो मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।
– राकांपा के मुखिया शरद पवार ने भाजपा की जमकर खबर ली है।
– राकांपा के लिए कोई अछूता नहीं है। अगर शिवसेना और भाजपा ने सरकार नहीं बनाई, तो राकांपा सरकार बनाने का रास्ता ढूंढ़ेगी।

राजनैतिक उधेड़बुन के चलते भाजपा शपथग्रहण की तैयारी में लग गई है।

भाजपा ने शपथ विधि के लिए वानखेड़े स्टेडियम को आरक्षित करने के साथ ही 5 नवंबर का दिन भी तय कर दिया है। कल भाजपा नेता और पुलिस अधिकारियों ने स्टेडियम का निरीक्षण भी किया। इसके पहले महालक्ष्मी रेसकोर्स आरक्षित करने की तैयारी थी लेकिन पुलिस द्वारा इंकार किए जाने से उसे रद्द करने की बात कही जा रही है।

विधानसभा चुनाव का परिणाम आए 9 दिन बीत चुके हैं। इसके बावजूद राज्य में नई सरकार के गठन पर कोई निर्णय अभी तक नहीं हुआ। मुख्यमंत्री के पद को लेकर विवाद जारी है। सत्ता में फिफ्टी-फिफ्टी के फॉर्मूले को लेकर शिवसेना दृढ़ है। ऐसे में ईडी वगैरह खत्म हो चुका है। अब भाजपा राष्ट्रपति शासन की धमकी की भाषा बोल रही है। दूसरी ओर शिवसेना का मानना है कि सत्ता का रिमोट कंट्रोल उनके हाथों में है। इसलिए शिवसेना नो टेंशन मोड में है।

विधानसभा चुनाव के परिणाम में सबसे ज्यादा सीटें हासिल कर भाजपा बड़ी पार्टी भले ही बन गई हो लेकिन सत्ता की चाबी शिवसेना के ही हाथों में है। सत्ता का फॉर्मूला फिफ्टी-फिफ्टी ही होगा, ऐसा आश्वासन देकर ऐन समय पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पलटी मार ली है। इसके चलते शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने दो दिन पहले शिवसेना-भाजपा की बैठक ही रद्द कर दी थी। सत्ता के समान बंटवारे पर शिवसेना के आक्रामक और दृढ़ होने से भाजपा के नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कल राष्ट्रपति शासन लागू करने की धमकी ही दे डाली। एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि 7 नवंबर तक सरकार का गठन नहीं हुआ तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होगा।

शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत ने विश्वासपूर्वक कहा कि शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने अगर तय कर लिया तो मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।

राकांपा के मुखिया शरद पवार ने भाजपा की जमकर खबर ली है। सरकार स्थापना के लिए भाजपा के पास दूसरा विकल्प नहीं है। कितने भी निर्दलीय विधायक भाजपा अपने पक्ष में ले ले लेकिन बहुमत का आंकड़ा वह जुटा नहीं सकती। इसलिए भाजपा को शिवसेना की मांग माननी ही होगी, ऐसा शरद पवार ने कहा।

राकांपा के लिए कोई अछूता नहीं है। अगर शिवसेना और भाजपा ने सरकार नहीं बनाई, तो राकांपा सरकार बनाने का रास्ता ढूंढ़ेगी। भाजपा राज्यपाल शासन और अन्य विकल्पों पर बात कर रही है लेकिन चुनाव इसके लिए नहीं हुए थे। राजनीति में कुछ भी संभव है। शिवसेना ने काफी समय से अन्याय देखा है और लोगों ने भी ऐसा देखा है। शिवसेना छत्रपति शिवाजी महाराज की विचारधारा को मानती है और शिवाजी महाराज ने कभी भी हिंदू और मुस्लिमों के बीच भेदभाव नहीं किया, ऐसे में अलग विचारधारा का सवाल ही नहीं है। यह बात राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कही।

जेल में रहते हुए ही इलाज होगा पी चिदंबरम का, नहीं जाएंगे प्राइवेट वार्ड

सारिका तिवारी, चंडीगढ़:

– हाईकोर्ट ने चिदंबरम को जेल से प्राइवेट वार्ड में स्थानांतरित करने की याचिका अस्वीकार कर दी।:
– बोर्ड ने रिपोर्ट में कहा कि वर्तमान मामले में निजी वार्ड में प्रवेश की आवश्यकता नहीं है।
– गत 30 नवम्बर को विशेष सीबीआई कोर्ट, दिल्ली द्वारा उनकी न्यायिक हिरासत 13 नवंबर तक बढ़ा दी गई थी।

हाईकोर्ट ने चिदंबरम को जेल से प्राइवेट वार्ड में स्थानांतरित करने की याचिका अस्वीकार कर दी। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आदेश दिया कि पी चिदंबरम को एम्स में स्टरलाइज़्ड (जीवाणुरहित) निजी वार्ड में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं है। अदालत ने आगे तिहाड़ अधीक्षक को चिदंबरम के लिए साफ और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने के लिए कई दिशा-निर्देश दिए। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री इस समय INX मीडिया मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में ईडी द्वारा दर्ज मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत के समक्ष मेडिकल रिपोर्ट पेश की और कहा कि चिदंबरम की आज सुबह मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच की गई। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने जेल अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि चिदंबरम के आसपास का परिवेश साफ और स्वच्छ हो, उन्हें घर का बना खाना और साफ मिनरल वाटर उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने मच्छरदानी और मास्क भी आवेदक को मुहैया कराने के निर्देश दिए। अदालत ने उनके रक्तचाप और साप्ताहिक ओपीडी चेक अप की नियमित निगरानी का भी निर्देश दिया।

एम्स में गठित बोर्ड के एक प्रतिनिधि डॉक्टर ने अदालत के समक्ष रिपोर्ट पेश की, जिसमें चिदंबरम के निजी वार्ड में प्रवेश पर राय का उल्लेख किया गया था। बोर्ड ने रिपोर्ट में कहा कि वर्तमान मामले में निजी वार्ड में प्रवेश की आवश्यकता नहीं है। चिदंबरम को साफ और स्वच्छ वातावरण, मच्छरों से सुरक्षा, स्वच्छ मिनरल जल और घर का पका हुआ भोजन चाहिए। इसके अलावा, उन्हें मास्क दिया जाना चाहिए और उनके कमरे को दिन में दो बार साफ किया जाना चाहिए।

बोर्ड ने चिदंबरम के साप्ताहिक रक्त परीक्षण, ओपीडी के दौरे और स्टेरॉयड के मौखिक सेवन की भी सलाह दी थी। बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए स्टरलाइज़्ड निजी वार्ड की सिफारिश की जाती है और आवेदक की स्थिति उसी के लिए योग्य नहीं होती है। आवेदक की जांच के बाद, बोर्ड ने चिदंबरम के इन विटल्स को सामान्य स्तर पर होने का उल्लेख किया।

गुरुवार को अदालत ने निर्देश दिया था कि एम्स में एक बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए और डॉक्टर नागेश्वर रेड्डी इसका एक हिस्सा होना चाहिए। बोर्ड को तब एम्स के स्टरलाइज़्ड निजी वार्ड में चिदंबरम के प्रवेश पर अपनी रिपोर्ट देनी थी।