मणि महेश यात्रा 2019

वृहत संहिता में तीर्थ का बड़े ही सुंदर शब्‍दों में वर्णन किया गया है। इसके अनुसार, ईश्‍वर वहीं क्रीड़ा करते हैं जहां झीलों की गोद में कमल खिलते हों और सूर्य की किरणें उसके पत्‍तों के बीच से झांकती हो, जहां हंस कमल के फूलों के बीच क्रीड़ा करते हों…जहां प्राकृ‍तिक सौंदर्य की अद्भुत छटा बिखरी पड़ी हो।’ हिमालय पर्वत का दृश्‍य इससे भिन्‍न नहीं है। इसलिए इस पर्वत को ईश्‍वर का निवास स्‍थान भी कहा गया है। भगवदगीता में भगवान श्री कृष्‍ण ने कहा है, ‘पर्वतों में मैं हिमालय हूं।’ यही वजह है कि हिंदू धर्म में हिमालय पर्वत को विशेष स्‍थान प्राप्‍त है। हिंदुओं के पवीत्रतम नदी गंगा का उद्भव भी इसी हिमालय पर्वत से होता है।

मणिमहेश यात्रा

जुलाई-अगस्‍त के दौरान पवित्र मणिमहेश झील हजारों तीर्थयात्रियों से भर जाता है। यहीं पर सात दिनों तक चलने वाले मेला का आयोजन भी किया जाता है। यह मेला जन्‍माष्‍टमी के दिन समाप्‍त होता है। जिस तिथि को यह उत्‍सव समाप्‍त होता है उसी दिन भरमौर के प्रधान पूजारी मणिमहेश डल के लिए यात्रा प्रारंभ करते हैं। यात्रा के दौरान कैलाश चोटि (18,556) झील के निर्मल जल से सराबोर हो जाता है। कैलाश चोटि के ठीक नीचे से मणीमहेश गंगा का उदभव होता है। इस नदी का कुछ अंश झील से होकर एक बहुत ही खूबसूरत झरने के रूप में बाहर निकलती है। पवित्र झील की परिक्रमा (तीन बार) करने से पहले झील में स्‍नान करके संगमरमर से निर्मित भगवान शिव की चौमुख वाले मूर्ति की पूजा अर्चना की जाती है। कैलाश पर्वत की चोटि पर चट्टान के आकार में बने शिवलिंग का इस यात्रा में पूजा की जाती है। अगर मौसम उपयुक्‍त रहता है तो तीर्थयात्री भगवान शिव के इस मूर्ति का दर्शन लाभ लेते हैं।

स्‍थानीय लोगों के अनुसार कैलाश उनकी अनेक आपदाओं से रक्षा करता है, यही वजह है कि स्‍थानीय लोगों में महान कैलाश के लिए काफी श्रद्धा और विश्‍वास है। यात्रा शुरू होने से पहले गद्दी वाले अपने भेड़ों के साथ पहाड़ों पर चढ़ते हैं और रास्‍ते से अवरोधकों को यात्रियों के लिए हटाते हैं। ताकि यात्रा सुगम और कम कष्‍टप्रद हो। कैलाश चोटि के नीचे एक बहुत बड़ा हिमाच्‍छादित मैदान है जिसको भगवान शिव के क्रीड़ास्‍थल ‘शिव का चौगान’ के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि यहीं पर भगवान शिव और देवी पार्वती क्रीड़ा करते हैं। वहीं झील के कुछ पहले जल का दो स्रोत है। इसको शिव क्रोत्रि और गौरि कुंड के नाम से जाना जाता है।

चौरसिया मंदिर, भरमौर

चौरसिया मंदिर का नाम इसके परिसर में स्थित 84 छोटे-छोटे मंदिरों के आधार पर रखा गया है। यह मंदिर भरमौर या ब्रह्मपुरा नामक स्‍थान में स्थित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार 84 योगियों ने ब्रह्मपुरा के राजा साहिल बर्मन के समय में इस जगह भ्रमण करते‍ हुए आए थे। राजा बर्मन के आवभगत से अभिभूत होकर योगियों ने उनको 10 पुत्र रत्‍न प्राप्ति का आशीर्वाद दिया। फलत: राजा बर्मन ने इन 84 योगियों की याद में 84 मंदिरों का निर्माण करा दिया। तभी से इसको चौरसिया मंदिर के नाम से जानते हैं। एक दूसरी धारणा के अनुसार एक बार भगवान शिव 84 योगियों के साथ जब मणिमहेश की यात्रा पर जा रहे थे तो कुछ देर के लिए ब्राह्मणी देवी की वाटिका में रुके। इससे देवी नाराज हो‍ गईं लेकिन भगवान शिव के अनुरोध पर उन्‍होंने योगियों के लिंग रूप में ठहरने की बात मान ली। कहा जाता है इसके बाद यहां पर इन योगियों की याद में चौरसिया मंदिर का निर्माण कराया गया। जबकि एक और मान्‍यता के अनुसार जब 84 योगियों ने देवी के प्रति सम्‍मान प्रकट नहीं किया तो उनको पत्‍थर में तब्‍दील कर दिया गया।

मणिमहेश्‍वर यात्रा मार्ग

मणिमहेश्‍वर 3950 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसकी चढ़ाई ज्‍यादा कठिन नहीं तो आसान भी नहीं है। इस मंदिर के दर्शन हेतु मई से अक्‍टूबर का महीना सबसे ज्‍यादा उपयुक्‍त है। लेकिन पहाड़ी चढ़ाई होने के कारण एक दिन में 4 से 5 घंटे तक की चढ़ाई ही संभव हो पाती है। मणिमहेश की यात्रा कम से कम सात दिनों की है। मोटे तौर पर मणिमहेश के लिए मार्ग है – नई दिल्‍ली – धर्मशाला – हर्दसार – दांचो – मणिमहेश झील – दंचो – धर्मशाला – नई दिल्‍ली.

पहला दिन

नई दिल्‍ली पहुंचकर धर्मशाला के लिए प्रस्‍थान।

दूसरा दिन

(धर्मशाला-हरसर-धन्छो, 2280 मीटर की ऊंचाई पर स्थित) हरसर से धन्छो जिसकी दूरी ४ कि॰मी॰ है, लेकिन जाने में 3 घंटे लग जाते हैं। यहाँ पर  रात गुजारने का अच्छा प्रबंध होता है !

तीसरा दिन

(धन्छो – मणीमहेश झील, 3950 मी. की ऊंचाई पर स्थित) धन्छो से मणीमहेश तक की चढ़ाई न केवल लंबी ही है, इस यात्रा का सबसे कठिनतम चरण भी है। इस मार्ग पर लगातार चढ़ाई करनी होती है। रात कैंप में ब्यतीत करनी होती है ।

चौथा दिन

(मणिमहेश झील-धन्छो) वापस आने की प्रक्रिया की शुरूआत। इसके तहत पहला दिन धन्छो में गुजारना होता है।

पांचवां दिन

(धन्छो-धर्मशाला)

छठा दिन

(धर्मशाला) यहां पहुंचने के उपरांत तीर्थयात्री अगर चाहें तो विभिन्‍न बौद्धमठों को देखने का लुत्‍फ उठा सकते हैं। इसके बाद शाम में पठानकोट पहुंचा जा सकता है। यहां से ट्रेन या सड़क मार्ग से दिल्‍ली के लिए प्रस्‍थान किया जा सकता है।

सातवां दिन

(आरक्षित दिन)

चम्बा बेस से जाने पर चढ़ाई कुछ आसान हो जाती है। तीर्थयात्री चाहें तो इस मार्ग का भी इस्‍तेमाल कर सकते हैं।

राष्ट्रीय हिन्दू शक्ति संगठन ने तुलसी वितरण समारोह किया आयोजित: 200 से अधिक तुलसी पौधों का किया वितरण

चंडीगढ़:(                )राष्ट्रीय हिन्दू शक्ति संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री श्री श्री स्वामी सत्येन्द्र नाथ महाराज जी के आशीर्वाद से राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन चंडीगढ़ अध्यक्ष डॉ हिमांशु पूनिया की अध्यक्षता में चंडीगढ़ महिला अध्यक्षा मोनिका भारद्वाज द्वारा श्रावण मास के चलते हुए सनातन धर्म मंदिर सेक्टर :23 में तुलसी वितरण के कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि भाजपा महिला मोर्चा चंडीगढ़ अध्यक्षा एवं क्षेत्र पार्षद श्रीमती सुनीता धवन जी एवं भाजपा महिला मोर्चा महामंत्री श्रीमती जसविंदर कौर जी रहीं।सुनिता धवन जी ने वहां एकत्रित जनता समूह को तुलसी का महत्व, उपयोगिता एवं हर घर में इसके स्थान के बारे में अवगत करवाया।इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय हिन्दू शक्ति संगठन चंडीगढ़ उपाध्यक्ष परमजीत कौर जी,पुष्पा जी,पूर्णिमा जी। शशि ठाकुर जी,मंडल प्रधान बीरबल जी,मनोज जी,सतपाल वर्मा जी,कल्याणी शक्ति एेन.जी.ओ अध्यक्ष पुष्पा राठौड़ जी,एवं अन्य आर.ऐच.ऐस.ऐस,भाजपा पदाधिकारियों ने इस कार्यक्रम में अपनी बहुमूल्य उपस्थिति दर्ज करवाई।

हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र आज से

–सदन के भीतर से आज निकलेंगे चुनावी मुद्दे–
हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र आज से
टुकड़ा-टुकड़ा विपक्ष ने सरकार की घेराबंदी को बनाई रणनीति
अवैध खनन, कर्मचारियों के मुद्दे, एसवाईएल, 
कुलदीप की रेड व हुड्डा से ईडी की पूछताछ पर कांग्रेस को चुप करवाने की तैयारी में भाजपा 

चंडीगढ़:

हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू होने जा रहा है। मौजूदा भाजपा सरकार के कार्यकाल का यह अंतिम सत्र होगा। इसके बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में यह सत्र बेहद छोटा लेकिन महत्वपूर्ण होगा। एक तरफ जहां विधानसभा सचिवालय ने सत्र की तैयारियां कर ली हैं वहीं विपक्षी राजनीतिक दलों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए रणनीति तैयार कर ली है। विपक्ष द्वारा राज्य में अवैध खनन, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, राजधानी चंडीगढ़ पर हरियाणा के अधिकार, अलग हाईकोर्ट तथा एसवाईएल जैसे मुद्दे इस सत्र में विपक्ष द्वारा उठाए जाएंगे, ताकि उन पर सरकार द्वारा दिए जाने वाले जवाब को चुनावी मुद्दा बनाया जा सके।
भले ही निवर्तमान विपक्षी दल इनेलो बिखराव की तरफ बढ़ रहा है लेकिन अभय चौटाला इस सत्र के दौरान अपने बल पर पार्टी की उपस्थिति दर्ज करवाने का पूरा-पूरा प्रयास करेंगे। हालांकि चौटाला का फोकस पुराने एसवाईएल के मुद्दे पर ही रहेगा लेकिन वह कर्मचारियों व किसानों के मुद्दे उठाकर ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने का पूरा प्रयास करेंगे। सत्र के दौरान अभय ऐसा कोई मुद्दा उठाने से बचेंगे जिसमें उन्हें साथी विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़े, क्योंकि इस समय इनेलो के साथ बैठने वाले चार विधायक जननायक जनता पार्टी के साथ और एक विधायक कांग्रेस के साथ है।
टुकड़ों में बंटी कांग्रेस की कमान इस बार सदन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा संभाल सकते हैं। अंतिम सत्र के दौरान हुड्डा जहां सदन के भीतर विधायकों के समर्थन हासिल होने का संदेश देने का प्रयास करेंगे वहीं हुड्डा कुछ ऐसे मुद्दे भी उठा सकते हैं जिसमें उन्हें अपने साथी विधायकों का समर्थन मिलेगा। कर्ण दलाल राजधानी चंडीगढ़ का मुद्दा भी उठाएंगे।
दूसरी तरफ सत्तारूढ़ भाजपा ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है। भाजपा के कुछ विधायक पूर्व में हुए सत्रों की तरह इस बार भी कुछ ऐसे मुद्दे उठाकर अपनी ही सरकार को असहज कर सकते हैं, जिसमें उन्हें विपक्ष का साथ मिलेगा। 
भाजपा विधायक असीम गोयल एसवाईएल और नरवाना नहर के टूटे किनारों की आज तक मरम्मत नहीं हो पाने का मुद्दा सदन में उठाएंगे। असीम गोयल को अपनी सरकार की घेराबंदी की वजह से विपक्ष के विधायकों का भरपूर साथ मिल सकता है।

कैसे चलेगी सदन की कार्यवाही

हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार को बाद दोपहर दो बजे शुरू होगा। तीन व चार अगस्त को अवकाश है। पांच अगस्त को फिर से सदन की कार्यवाही दोपहर के समय शुरू होगी। छह अगस्त को डबल सीटिंग किए जाने की संभावना है। जिसमें सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण बिल पास किए जाएंगे।

कांग्रेस विधायक जयतीर्थ दहिया ने दिया इस्तीफा

-हुड्डा समर्थक विधायक ने खेला बड़ा दाव–
कांग्रेस विधायक जयतीर्थ दहिया ने दिया इस्तीफा
मानसून सत्र से पहले गरमाई कांग्रेस की राजनीति
तंवर गाली-गलौच प्रकरण में हाईकमान ने नहीं की कार्रवाई
हुड्डा को कमान नहीं सौंपने से भी थे आहत

चंडीगढ़:

एक तरफ जहां शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है वहीं सत्र शुरू होने से एक दिन पहले राई से कांग्रेस विधायक जयतीरथ दहिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। दहिया ने अपना इस्तीफा खुद विधानसभा सचिवालय में पेश होकर दिया। दहिया दूसरी बार विधायक बने थे। जिनके इस्तीफे के पीछे कई राजनीतिक कारण हैं।
दहिया ने ऐसे समय में इस्तीफा दिया है जब हरियाणा में कांग्रेस की लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंची हुई है। हुड्डा और अशोक तंवर के बीच लंबे समय से चल रही खींचतान के बीच जय तीरथ दहिया अहम कड़ी रहे हैं। दहिया ने इस्तीफा देकर एक तीर से कई शिकार खेलने का प्रयास किया है।
जय तीरथ दहिया ने इस्तीफे के पीछे खुलकर कोई कारण तो नहीं बताया है लेकिन सूत्रों की मानें तो वह पार्टी में कई माह से अनदेखी की शिकार हो रहे थे। लोकसभा चुनाव में हार के बाद दिल्ली में जब पार्टी प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने बैठक बुलाई थी तो उस बैठक के बाद जयतीरथ दहिया ने अशोक तंवर पर सार्वजनिक रूप से जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गाली गलौच का आरोप लगाया था। दहिया ने इस मामले में पार्टी प्रभारी को शिकायत भी दी थी लेकिन उसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस मामले में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा किसी भी साथी विधायक ने दहिया का साथ नहीं दिया जबकि तंवर के विरूद्ध सभी लड़ाई लड़ रहे थे। इस्तीफे का दूसरा बड़ा कारण हाईकमान द्वारा हुड्डा को बागडोर नहीं सौंपना है। हुड्डा ने 18 अगस्त को रैली का आयोजन करके आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। ऐसे में दहिया के इस्तीफे को हाईकमान पर दबाव की दिशा में पहला प्रयास बताया जा रहा है। दहिया के बाद हुड्डा समर्थक एक और विधायक इस्तीफा देकर हुड्डा के समर्थन में कांग्रेस के विरूद्ध लड़ाई लड़ सकते हैं।

अशोक तंवर ने हुड्डा गुट पर किया पलटवार, कहा जिन्हें बताया महागठबंधन का चेहरा वहीं करें स्थिति स्पष्ट

न रोहतक रैली की सूचना, न महागठबंधन पर चर्चा
अशोक तंवर ने हुड्डा गुट पर किया पलटवार, कहा जिन्हें बताया महागठबंधन का चेहरा वहीं करें स्थिति स्पष्ट

चंडीगढ़:

एक तरफ जहां हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 18 अगस्त को रोहतक में महापरिवर्तन रैली के आयोजन का ऐलान कर दिया है वहीं कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने इससे पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि उन्हें अभी तक न तो रोहतक रैली की सूचना है और न ही चार अगस्त को होने वाली बैठक के बारे में पता है। कांग्रेस पार्टी की अधिकारिक बैठक पांच अगस्त को होगी जिसमें चुनावी रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में अशोक तंवर ने रोहतक में होने वाली रैली के बारे में उनके पास कोई अधिकारिक सूचना नहीं है। इसके बारे में केवल सोशल मीडिया से ही पता चला है। तंवर ने चार अगस्त को भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा बुलाई गई बैठक से भी अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा अधिकारिक रूप से बैठक का आयोजन किया जाएगा जिसमें चुनावी रणनीति को फाइनल रूप दिया जाएगा।
कांग्रेस विधायक कर्ण दलाल द्वारा महागठबंधन के मुद्दे पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अशोक तंवर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के प्लेटफार्म पर अभी तक महागठबंधन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। हुड्डा की परोक्ष रूप से इशारा करते हुए तंवर ने कहा कि जिन लोगों को महागठबंधन के नेता के रूप में प्रचारित किया जा रहा है इस बारे में वही स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं।
तंवर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने स्तर पर विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस पार्टी पूरी मजबूती के साथ प्रदेश की सभी 90 सीटों पर चुनाव लडऩे में सक्षम हैं। इसके बावजूद भविष्य में राजनीतिक गठबंधन अथवा महागठबंधन को लेकर कोई भी फैसला हाईकमान द्वारा किया जाएगा।

दहिया से ज्यादा मैं भी आहत हूं, मुझे भी लठ पड़े थे

कांग्रेस के विधायक जय तीरथ दहिया द्वारा आज अपने पद से इस्तीफा दिए जाने के मुद्दे पर भी अशोक तंवर ने बेहद स्पष्टता के साथ जवाब दिया। दहिया के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा तंवर ने कहा कि उन्होंने इस बारे में हाईकमान को शिकायत दी थी। जिसके बारे में फैसला हाईकमान द्वारा किया जाएगा। तंवर ने हुड्डा खेमे की तरफ इशारा करते हुए कहा कि दहिया से पहले वह भी आहत हैं। उनपर भी जानलेवा हमला किया गया था। मुझे सरेआम लाठियों से पीटा गया था। मुझ से ज्यादा कोई आहत नहीं हो सकता। कांग्रेस में सभी की सुनवाई होती है।

ईवीएम पर फिर उठाए सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने आज एक बार फिर से ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव आयोग इस मामले में पारदर्शिता नहीं अपना रहा है। उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक के दौरान सभी दलों ने ईवीएम पर सवाल उठाए थे। उस बैठक में आयोग द्वारा इस तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई थी जिसमें यह कहा गया हो कि आयोग द्वारा चुनाव से पहले ईवीएम की जांच करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों से आयोग द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के इंजीनियरों को बुलाकर ईवीएम की मरम्मत अथवा जांच करवाई जा रही है। यह पूरी तरह से गैरकानूनी है। कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करती है।

एकमात्र सिख विधायक रविंद्र बरियाला ने ऐनक उतारी, कमल थामा

मानसून सत्र से पहले अभय चौटाला को झटका
एकमात्र सिख विधायक रविंद्र बरियाला ने ऐनक उतारी, कमल थामा
अब अभय चौटाला के साथ बचे केवल तीन विधायक, पूर्व मंत्री जगदीश यादव ने भी भाजपा में जताई आस्था, भाजपा में शामिल होने से पहले दिया इस्तीफा

चंडीगढ़:

विधानसभा के मानसून सत्र से पहले गुरूवार को इंडियन नेशनल लोकदल को एक और झटका लगा है। पार्टी के एकमात्र सिख विधायक प्रो.रविंदर सिंह बरियाला ने इनेलो को अलविदा करते हुए भाजपा का दामन थाम लिया। बरियाला के साथ पूर्व मंत्री जगदीश यादव ने भी आज भाजपा का दामन थाम लिया। बरियाला के भाजपा में शामिल होने को लेकर कई दिनों से अटकलों का दौर चल रहा था। बरियाला के भाजपा में शामिल होने के बाद अब अभय सिंह चौटाला के साथ केवल तीन विधायक ही बचे हैं।
इनेलो में पिछले साल से बिखराव लगातार जारी है। अब तक इनेलो के चार विधायक जहां जननायक जनता पार्टी के समर्थन कर चुके हैं वहीं एक विधायक कांग्रेस के साथ तो चार विधायक भाजपा में शामिल हो चुके हैं। मौजूदा हालात में अभय चौटाला के साथ केवल मखन लाल सिंगला, वेद नारंग तथा ओमप्रकाश बड़वा ही बचे हैं।
बरियाला ने आज भाजपा में शामिल होने से पहले विधानसभा स्पीकर के समक्ष पेश होकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया। आज यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला व अन्य नेताओं की मौजूदगी में रतिया से विधायक प्रो.रविंदर सिंह बरियाला भी भाजपा में शामिल हो गए। बरियाला का भाजपा में शामिल होने पर स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा में उन्हें उचित मान सम्मान दिया जाएगा। प्रो.बरियाला के भाजपा में आने से पार्टी को सिरसा के क्षेत्र में और मजबूती मिलेगी।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग भी भाजपा में शामिल हो रहे हैं उनके साथ किसी तरह का राजनीतिक वादा नहीं किया जा रहा है। भाजपा में शामिल होने वाले इनेलो के निवर्तमान विधायक रविंद्र बरियाला ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान भाजपा द्वारा देश और प्रदेश में करवाए गए विकास कार्यों के कारण ही उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है। बरियाला ने कहा कि वह एक कार्यकर्ता की तरह भाजपा में रहकर काम करेंगे। पार्टी द्वारा जो भी डयूटी दी जाएगी उसे निभाने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर बोलते हुए भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि भाजपा का संगठन लगातार मजबूत हो रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हुए विकास कार्यों के बाद विपक्ष पहले ही मुद्दा विहीन हो चुका है और अब विपक्ष का पूरी तरह से सफाया हो रहा है।
इसी में बाक्स—
भाजपा सरकार ने एसएचई पर किया फोकस:सीएम
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दोनों वरिष्ठ नेताओं को भाजपा में शामिल करवाने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बीजेपी देश और दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक पार्टी है औऱ हम इसका विस्तार कर रहें हैंं। अन्य दलों में भी जो अच्छी सोच के लोग है उनको बीजेपी से जोड़ रहे हैं साथ ही सामाजिक स्तर पर सदस्यता अभियान से लोगों को जोड़ा जा रहा है। बीजेपी अपने लक्ष्य के मुताबिक लोगों की सेवा के लिए काम कर रही है। पूर्व में सरकारें सत्ता में आकर सुख भोगती थी लेकिन हम सेवा भाव को रखतें हैं। सरकारों ने रोटी कपड़ा और मकान की बात की लेकिन हमने एसएचई पर काम शुरू किया है। सेफ्टी, हेल्थ और एजुकेशन पर सरकार काम कर रही है।

बसपा व आप के साथ हमारी विचारधारा मेल खाती है : दुष्यंत चौटाला

महागठबंधन से परहेज, आप व बसपा से गठबंधन के विकल्प खुले:दुष्यंत
भाजपा सरकार में हुए घोटालों पर श्वेत पत्र जारी करें सीएम
छात्रवृत्ति घोटाले अभी कई परतें बाकि सीबीआइ जांच कराए सरकार 
जजपा नेताओं ने कई घोटालों पर सरकार को घेरा

चंडीगढ़:

हरियाणा में महागठबंधन की खबरों के बीच जननायक जनता पार्टी के संयोजक एवं पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी महागठबंधन का हिस्सा नहीं बनेंगी, अलबत्ता आगामी चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन के विकल्प खुले हैं।
आज यहां पत्रकारों से बातचीत में दुष्यंत चौटाला ने कहा कि बसपा व आप के साथ उनकी विचारधारा मेल खाती है। दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दों पर घेरते हुए श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। दुष्यंत चौटाला ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में मनोहर सरकार के करीब आधा दर्जन मंत्रियों को कटघरे में खड़ा कर दिया।
दुष्यंत चौटाला ने ताऊ देवीलाल के साथी रहे डॉ.महा सिंह को जननायक जनता पार्टी में भी शामिल करवाया। इस अवसर पर बोलते हुए दुष्यंत ने कहा कि प्रदेश का कोई कोना ऐसा नहीं बचा, जहां मंत्रियों ने घोटाले नहीं किए। दादरी में 150 करोड़ का ओवरलोडिंग घोटाला सरकार की नाक के नीचे हुआ है। साढ़े चार साल में यह राशि पांच हजार करोड़ रुपये बनती है। यमुनानगर, दादरी और भिवानी में अवैध खनन का काम सरकारी संरक्षण में चल रहा।  
दुष्यंत ने बिजली के मीटर खरीद में 110 करोड़ का घोटाला होने का दावा करते हुए कहा कि रोडवेज में प्राइवेट बसें हायर करने के लिए किलोमीटर स्कीम में करोड़ों रुपये के घपले को अंजाम दिया गया। सहकारिता विभाग में शीरा घोटाला और करनाल में फर्जी टिकट घोटाला किसी से छिपा नहीं है। समाज कल्याण विभाग में तीन जिलों में 26 करोड़ का घोटाला विजिलेंस पकड़ चुकी है। हर जिले में आठ करोड़ का घोटाला होने पर 22 जिलों में यह राशि 180 करोड़ रुपये से ऊपर बनती है। सरकार छात्रवृत्ति घोटाले की सीबीआइ जांच के तुरंत आदेश दे। इसके बावजूद मुख्यमंत्री मनोहर लाल इन घोटालों पर कार्रवाई करने की बजाए अपने मंत्रियों को बचाने का काम कर रहे हैं। दुष्यंत ने इन घोटालों पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग करते हुए कहा कि उन्हें जनता के बीच जाकर वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं है। लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल की सिफारिशों पर सरकार द्वारा संज्ञान नहीं लिए जाने पर भी कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि यदि सरकार संज्ञान नहीं लेती तो लोकायुक्त को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

अब विधायक दल के नेता पर जजपा की नजर

जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने आज इस बात के साफ संकेत दिए कि जजपा की नजर अब विधायक दल के नेता पद पर है। हालांकि व्यवहारिक रूप से यह संभव नहीं है क्योंकि मौजूदा सरकार का यह अंतिम सत्र है। इसके बावजूद दुष्यंत ने इनेलो विधायकों द्वारा लगातार पार्टी छोडऩे के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि गिनती के लिहाज से इनेलो के पास अब आठ विधायक हैं। इनमें चार विधायक जननायक जनता पार्टी के साथ हैं और चार विधायक इनेलो के हैं। ऐसे में यदि इनेलो का एक भी विधायक कम हुआ तो जजपा समर्थक विधायक नए नेता का चयन कर सकते हैं।

फिलहाल अभय सिंह चौटाला इनेलो विधायक दल के नेता हैं। विपक्ष के नेता का पद उनसे पहले ही जा चुका है। चार विधायक नैना सिंह चौटाला, पिरथी नंबरदार, अनूप धानक और राजदीप फौगाट जननायक जनता पार्टी के पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला के साथ हैं, जबकि तीन विधायक वेद नारंग, मक्खन लाल सिंगला और ओमप्रकाश बारवा इनेलो विधायक दल के नेता अभय सिंह चौटाला के साथ हैं। अभय को मिलाकर उनकी संख्या भी चार हो गई है।

ईडी ने कार्ति को जोरबाग वाला घर खाली करने को कहा

नोटिस में कहा गया है कि जोर बाग वाले घर की 50 फीसदी की हिस्सेदारी कार्ति की है, जिसे एजेंसी ने पिछले साल अक्टूबर में अटैच किया था और इसी साल 29 मार्च को इस अटैचमेंट को कनफर्म किया गया है. नोटिस में कहा गया है कि मकान को 10 दिनों के अंदर खाली कर दिया जाए. कार्ति चिदंबरम तमिलनाडु के शिवगंगा से लोकसभा सासंद है. कार्ति चिदंबरम को पिछले साल मार्च में CBI ने गिरफ्तार किया था और फिर ED ने भी पूछताछ की थी. फिलहाल कार्ति चिदंबरम जमानत पर बाहर है.

नई दिल्‍ली : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नोटिस जारी कर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को जोर बाग स्थित घर खाली करने के लिए कहा है. इस घर को ED ने पिछले साल अक्टूबर में INXMedia केस में अटैच किया था. ED ने ये नोटिस कार्ति को 31 जुलाई 2019 को जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि जोर बाग वाले घर की 50 फीसदी की हिस्सेदारी कार्ति की है, जिसे एजेंसी ने पिछले साल अक्टूबर में अटैच किया था और इसी साल 29 मार्च को इस अटैचमेंट को कनफर्म किया गया है. नोटिस में कहा गया है कि मकान को 10 दिनों के अंदर खाली कर दिया जाए.

दरअसल, कार्ति के जोर बाग वाले घर में 50 फीसदी हिस्सेदारी कार्ति की है और बाकी की 50 फीसदी कार्ति की मां नलिनी चिदंबरम की है. नोटिस में ED ने कहा है कि इस घर की 50 फीसदी हिस्सेदारी जिस पर एजेंसी का हक है उसे अगले आदेश तक अपने पास रखेंगे.

इस मामले में कार्ति ने INXMedia को 2007 में Foreign Investment Promotion Board (FIPB) से मंजूरी दिलवायी थी. आरोप है कि उसी दौरान कार्ति के पिता पी चिदंबरम भारत सरकार में वित्त मंत्री थे और उन्होने नियमों से बाहर जाकर इस विदेशी निवेश को मंजूरी दी थी. 

CBI ने सबसे पहले इस मामले में 15 मई 2017 को केस दर्ज जांच शुरु की थी, जिसमें INXMedia को 305 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश को FIPB से मंजूरी दिलवाई थी. इस मामले में इंद्राणी मुखर्जी वादा माफ गवाह भी बन चुकी है.

कार्ति चिदंबरम तमिलनाडु के शिवगंगा से लोकसभा सासंद है. कार्ति चिदंबरम को पिछले साल मार्च में CBI ने गिरफ्तार किया था और फिर ED ने भी पूछताछ की थी. फिलहाल कार्ति चिदंबरम जमानत पर बाहर है.

कार्ति ओर पी चिदम्बरम की गिरफ्तारी पर रोक 9 अगस्त तक बढ़ी

कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अब तक सरकारी अनुमति न लेने पर जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी को फटकार लगाई थी. इस अग्रिम जमानत का ईडी और सीबीआई विरोध कर रही है. ईडी और सीबीआई का कहना है कि उसे जांच आगे बढ़ाने और आरोपियों से पूछताछ करने के लिए हिरासत चाहिए ऐसे में आरोपियों की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाया जाए

नई दिल्लीः एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में दिल्ली की राॅउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर अब रोक 9 अगस्त तक बढ़ा दी है.गुरुवार को सुनवाई के दौरान चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि कार्ति को सीबीआई और ईडी जब भी पूछताछ के लिए बुलाएगी वो जाएंगे. पी चिदम्बरम और कार्ति चिदम्बरम दोनों सांसद है. दोनों के खिलाफ कभी भी साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ का मामला नहीं आया है.

आपको बता दें कि कोर्ट इस समय कार्ति और पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा है और इस अग्रिम जमानत का ईडी और सीबीआई विरोध कर रही है. ईडी और सीबीआई का कहना है कि उसे जांच आगे बढ़ाने और आरोपियों से पूछताछ करने के लिए हिरासत चाहिए ऐसे में आरोपियों की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाया जाए.

कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अब तक सरकारी अनुमति न लेने पर जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी को फटकार लगाई थी.कोर्ट ने जांच एजेंसियों को फटकार लगाते हुए कहा था कि अगर मामले की अगली सुनवाई तक चार्जशीट में दर्ज नामों के खिलाफ सरकार से कार्रवाई के लिए इजाज़त नहीं मिली तो अदालत जांच एजेंसियों की तरफ से दायर चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लेगी.पिछली सुनवाई में पी चिदंबरम पर मुकद्दमा चलाने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी थी.

पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ ईडी और सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीटपर पटियाला हाउस कोर्ट को संज्ञान लेना है. ईडी और सीबीआई ने कार्ति और पी चिदंबरम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

एयरसेल-मैक्सिम केस में दायर हुई थी चार्जशीट

एयरसेल-मैक्सिस मामले में सीबीआई ने पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी.चार्जशीट में कहा गया था कि पी. चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए अपनी पावर का गलत इस्तेमालकिया.उनकेखिलाफ आईपीसी की धारा 120B और पीसी एक्ट की धारा 7, 1213 (2) के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है.दरअसल, इस मामले में कुल 18 लोगों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी.जबकि ईडी ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

विधान सभा चुनावों के लिए काँग्रेस की चयन समिति से मिलने कोई भी दावेदार नहीं पहुंचा

मुंबई के महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस पार्टी के ऑफिस में इन दिनों विधानसभा की तैयारी के लिए अहम बैठकें बुलाई जा रही है. विधानसभा के लिए इच्छुक उम्मीदवारों का साक्षात्कार भी इसी ऑफिस में होना है. मुंबई में बुधवार को कांग्रेस के इच्छुक उम्मीदवारों का साक्षात्कार रखा गया था. लेकिन कोई भी मौजूदा विधायक इस साक्षात्कार के लिए नहीं आया. मुंबई के विधायक वर्षा गायकवाड, अमीन पटेल भी साक्षात्कार लिए नहीं पहुंचे. इस पूरे मामले पर अब कांग्रेस पार्टी पर्दा डालती नजर आ रही है.

मुंबईः लोकसभा चुनाव 2019 में महाराष्ट्र से सिर्फ एक सीट जीती कांग्रेस पार्टी की हालत काफी गंभीर मानी जा रही है. पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए उत्सुक उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया था. लेकिन मुंबई में कोई भी विधायक इस साक्षात्कार के लिए आया नहीं. जिससे इस बात का पता चलता है कि पार्टी की हालात कितने खस्ता है और पार्टी के विधायको में कितना असमंजस और निराशा फैली है.  

मुंबई के महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस पार्टी के ऑफिस में इन दिनों विधानसभा की तैयारी के लिए अहम बैठकें बुलाई जा रही है. विधानसभा के लिए इच्छुक उम्मीदवारों का साक्षात्कार भी इसी ऑफिस में होना है. हर बार जब चुनाव आते है तो पार्टी सभी चुनाव क्षेत्र के लिए इच्छुक उम्मीदवारों से अर्जी लेती है. जिसके बाद उनका साक्षात्कार होता है. जो फिलहाल विधायक चुनकर आए है वह भी इस साक्षात्कार के लिए आते है. लोकसभा की हार के बाद पार्टी में जो असमंजस की स्थिती तैयार हुई है. इसका असर दिखना अब शुरु हुआ है.

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मुंबई में बुधवार को कांग्रेस के इच्छुक उम्मीदवारों का साक्षात्कार रखा गया था. लेकिन कोई भी मौजूदा विधायक इस साक्षात्कार के लिए नहीं आया. मुंबई के विधायक वर्षा गायकवाड, अमीन पटेल भी साक्षात्कार लिए नहीं पहुंचे. इस पूरे मामले पर अब कांग्रेस पार्टी पर्दा डालती नजर आ रही है.

कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष बाळासाहेब थोरात ने कहां, ‘जो विद्यमान विधायक है उनको साक्षात्कार की जरुरत नहीं है. वह कभी भी आकर अपनी बात रख सकते है. हर चुनाव क्षेत्र में पार्टी की टिकट के लिए उत्सुक उम्मीदवारों की संख्या बढी है. हम हर जिलास्तर यह साक्षात्कार लेते है. फिलहाल जो विधायक है वह अगर इस सात्क्षात्कार के लिए नही आता तो इसका मतलब यह नही है की वह चुनाव लढने के लिए उत्सुक नही है.’

पार्टी सूत्रों की मानें तो फिलहाल पार्टी संक्रमण की स्थिती से गुजर रही है. यह कहां जा रहा है की मुंबई के मालाड से पार्टी के विधायक अस्लम शेख शिवसेना में जाने की तैयारी कर रहे है. कलिना विधानसभा से चुनाव लड़ने वाले कृपाशंकर सिंह ने अब तक चुनाव लड़ने के लिए तैयार होने की अर्जी भी पार्टी के पास नही भेजी है. वर्षा गायकवाड और अमीन पटेल ने भी साक्षात्कार के लिए ना आना इस बात को दर्शाता है की पार्टी में असमंजस और दुविधा बनी हुई है. 

सिर्फ मुंबई की बात करें तो इन दिनों पार्टी के पास कोई भी मुंबई अध्यक्ष नहीं है. फिलहाल पूर्व सांसद एकनाथ गायकवाड के पास मुंबई कार्यकारी अध्यक्ष पद का जिम्मा अस्थायी तौर पर दिया गया है. मिलिंद देवड़ा ने लोकसभा चुनाव के हार के बाद मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था.  यह हालत सिर्फ मुंबई की नहीं है. मुंबई के बाहर भी पार्टी के कई विधायकों ने फिर से चुनाव लड़ने की अपनी अर्जी नहीं भेजी है.