कार्यकर्ता संगठन की रीढ़ की हड्डी- विधायक ज्ञान चंद गुप्ता

पंचकूला: आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पन्ना प्रमुखों की बैठक लेने यमुनानगर से विधायक घनश्याम दास अरोड़ा आज पंचकूला पहुँचे। यहाँ उन्होंने बरवाला मंडल एवं नाडा मंडल  के कार्यकर्ताओं से बात की। आप की मेहनत से जीती हरियाणा में 10 की 10 लोकसभा सीटें – अब विधानसभा में जीतेंगे 75 प्लस:पन्ना प्रमुखों की बैठक में बोले विधायक घनश्याम दास

पंचकूला 15 जुलाई :

आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आज पंचकूला जिला के बरवाला एवं नाडा मंडल के पन्ना प्रमुखों की बैठके हुई। बैठकों में यमुनानगर से विधायक  घनश्याम दास अरोड़ा बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने पहुंचे उनके साथ पंचकूला से विधायक एवं हरियाणा सरकार ने मुख्य सचेतक ज्ञान चंद गुप्ता एवं ज़िला अध्यक्ष भी उपस्थित रहे। आज पन्ना प्रमुखों की बैठक के दूसरे चरण में बरवाला मंडल एवं नाडा मंडल की बैठकें हुई।

बरवाला मंडल में बैठक में उपस्थित पन्ना प्रमुखों एवं अन्य कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यमुनानगर से विधायक घनश्यामदास अरोड़ा ने कहा की बीते लोकसभा चुनावों में जो जिम्मेवारी आप पन्ना प्रमुखों को दी गई उसे आप सभी ने बखूबी निभाया। जिसका नतीजा रहा की हम हरियाणा में 10 की 10 लोकसभा सीटें जीते।

 अब विधानसभा चुनाव सिर पर हैं कभी भी इसकी तारीख की घोषणा हो सकती है।आप सभी पन्ना प्रमुख एवं अन्य कार्यकर्ताओं ने इन चुनावों में पहले से भी अधिक जोर लगाना है ताकि भाजपा का प्रत्याशी अधिक से अधिक अंतर से विजय प्राप्त करें। आप सभी की अनथक मेहनत की बदौलत ही आज केंद्र में दोबारा पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार बनी है। इसी प्रकार हमने प्रदेश में भी पूर्ण बहुमत की दोबारा मनोहर सरकार बनानी है। 75 पार का जो लक्ष्य माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी ने हमें दिया है उसे पूरा करना है।

विधायक ज्ञान चंद गुप्ता ने उपस्थित कार्यकर्ताओं पर विश्वाश जताते हुए उनकी तारीफ़ में कहा हमें पूर्ण विश्वास है कि आप को संगठन द्वारा जो भी जिम्मेवारी दी जाती है उसे आप पूरी निष्ठा और लगन से पूरा करते हैं। आप सभी कार्यकर्ता संगठन की रीढ़ की हड्डी हो।आप ही  की बदौलत आज विश्व में भाजपा सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन बन पाया है। मुझे पूर्ण विश्वाश है संगठन द्वारा आप पन्ना प्रमुखों को और हम सभी कार्यकर्ता जो लक्ष्य दिया गया है उसे मिल कर पूरा करेंगे और प्रदेश में भाजपा का मिशन 75 पार को पूरा करेंगे।

आज इस मौके पर जिला महामंत्री हरेंद्र मलिक जिला उपाध्यक्ष उमेश सूट मार्केट कमेटी के चेयरमैन अशोक शर्मा मंडल अध्यक्ष सुशील सिंगला एवं राजेंद्र नोनीवाल युवा मोर्चा अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा एवं भारी संख्या में अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

अपने पालतू कुत्ते पर लगाम लगाएँ: केसनेनी

आंध्र प्रदेश में टीडीपी (तेलुगू देशम पार्टी) के दो नेताओं के बीच की जुबानी जंग निचले स्तर पर पहुंच गई.

अमरावती: आंध्र प्रदेश में टीडीपी (तेलुगू देशम पार्टी) के दो नेताओं के बीच की जुबानी जंग निचले स्तर पर पहुंच गई. विजयवाड़ा सांसद केसिनेनी नानी ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष एन.चंद्रबाबू नायडू को अपने ‘पेट डॉग’ को नियंत्रित करने को कहा. सांसद ने पूर्व मुख्यमंत्री से साफ तौर पर बताने को कहा कि क्या वह चाहते हैं कि वह तेदेपा में बने रहें या नहीं. नानी ने ट्वीट किया, “चंद्रबाबू यदि आप पार्टी में मेरे जैसे लोगों को नहीं चाहते हैं, तो आप मुझे बता सकते हैं. मैं संसद सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दूंगा और पार्टी की सदस्यता से भी.

अगर आप चाहते हैं कि मेरे जैसे लोग बने रहें तो कृपया अपने पेट डॉग को नियंत्रित करें.” इस ट्वीट का प्रत्यक्ष संदर्भ तेदेपा नेता और आंध्र प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बुद्धा वेंकन्ना से है. वेंकन्ना से नानी का माइक्रो ब्लागिग साइट पर जंग चल रही है. सांसद के हालिया ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए वेंकन्ना ने घोषणा की कि वह पार्टी व चंद्रबाबू नायडू के लिए ‘ट्विटर वार’ का अंत कर रहे हैं.

वेंकन्ना ने ट्वीट किया, “मैं समाज के कमजोर तबसे से आता हूं. चंद्रबाबू नायडू ने मुझे एमएलसी का पद दिया और मैं उनके प्रति वफादार हूं. इसके लिए आप मुझे जिस नाम से बुलाएं मुझे फर्क नहीं पड़ता.” दोनों नेता एक दूसरे पर सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने की योजना बनाने को लेकर आरोप लगा रहे हैं.

वेंकन्ना के वाईएसआरसीपी नेता विजय साई रेड्डी से हाल में मुलाकात को लेकर इन अफवाहों को बल मिला. नानी ने कहा कि एमएलसी, रेड्डी को दंडवत करने को तैयार हैं

कांग्रेस-जेडीएस विधायक ‘रिजॉर्ट स्टे’ से तंग आ चुके हैं

कर्नाटक विधानसभा सोमवार को दो दिनों के लिए स्थगित कर दी गई. अब 18 जुलाई को विधानसभा की बैठक होगी जिसमें मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को बचाए रखने के लिए विश्वास मत पेश करेंगे.

बेंगलुरू: 

कर्नाटक विधानसभा सोमवार को दो दिनों के लिए स्थगित कर दी गई. अब 18 जुलाई को विधानसभा की बैठक होगी जिसमें मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को बचाए रखने के लिए विश्वास मत पेश करेंगे. उधर, सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन सरकार के विधायक रिजॉर्ट स्टे से तंग आ चुके हैं. कांग्रेस-जेडीएस विधायक पिछले एक सप्ताह से रिजॉर्ट में हैं. 

एक कांग्रेस विधायक ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, “हम पिछले एक सप्ताह से अपने परिवार से दूर हैं. अब हमें फ्लोर टेस्ट तक यानी 3-4 दिन तक रिजॉर्ट में और रहना होगा. हम एक सप्ताह से रिजॉर्ट में रह-रहकर तंग आ चुके हैं. हम कुछ कर नहीं सकते क्योंकि हम पर नजर है.”  

कांग्रेस के लगभग 40 विधायक शहर के बाहर क्लार्क्स एक्सोटिका कन्वेंशन रिजॉर्ट में जबकि 60 अन्य विधायक ताज वियांता होटल में हैं ताकि वे बीजेपी के संपर्क में न आ सकें. इसी तरह से, जेडीएस के लगभग 30 विधायकों को 6 जुलाई को गोल्फशायर रिजॉर्ट में शिफ्ट किया गया है. 

एक जेडीएस विधायक ने अपना नाम न बताने की शर्त पर बताया, “अपने दोस्तों और परिवार से कई दिनों से रिजॉर्ट में रहना मुश्किल हो रहा है. हम पर हर वक्त नजर रखी जा रही है.”  

गठबंधन सरकार का संकट जस का तस
16 विधायकों के इस्तीफे से मुश्किल में फंसी कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस सरकार का संकट जस का तस बना हुआ है. गठबंधन को हालांकि सोमवार को बीजेपी द्वारा की गई बहुमत पेश करने की मांग से बचने का मौका जरूर मिल गया. सदन में कार्रवाई के दौरान मुख्यमंत्री ने मांग की कि बहुमत परीक्षण को गुरुवार तक के लिए टाल दिया जाए, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद सदन की कार्रवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी है. इसके साथ ही राज्य की वर्तमान सरकार को थोड़ा और वक्त मिल गया है ताकि वो अपने बागी विधायकों को मना ले.

गौरतलब है कि अध्यक्ष ने अभी तक बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं किए हैं, उन्होंने कहा कि उन्हें यह पता लगाने के लिए अध्ययन करने की आवश्यकता होगी कि वे उचित फॉर्मेट में हैं भी या नहीं. बता दें कि 16 बागियों में से 15 ने 10 जुलाई और 13 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में इस्तीफे स्वीकार करने में हो रही देरी के कारण विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश देने की गुहार लगाई थी. इस संबंध में शीर्ष अदालत मंगलवार को फिर से सुनवाई करेगी. 

225 सदस्यीय विधानसभा में, कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के पास बसपा व एक क्षेत्रीय पार्टी के एक-एक विधायक और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन के साथ अध्यक्ष सहित कुल 118 विधायक हैं. यह आवश्यक बहुमत के निशान से सिर्फ पांच ही अधिक है. अब अगर 16 बागी और दो निर्दलीय सहित सभी 18 विधायक सत्र में शामिल नहीं होते हैं, तो मतदान के लिए सदन की प्रभावी शक्ति 205 ही रह जाएगी, जिसमें भाजपा के 105 सदस्य होंगे. जबकि अध्यक्ष और नामित सदस्य को शामिल नहीं किया जाएगा.

सिद्धू जैसे लोग न घर के न घाट के: नायब सिंह सैनी

कुरुक्षेत्र लोकसभा से सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा है कि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू व पूर्व सांसद राजकुमार सैनी की महत्वकांक्षाएं बढ़ गई थी जिस कारण उन्होंने भाजपा को छोड़ दिया। ऐसे व्यक्ति न तो घर के रहते हैं और न ही घाट के। आज दोनों नेताओं के साथ वैसी ही स्थिति बनी हुई है।

कुरुक्षेत्र:

कुरुक्षेत्र लोकसभा से सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा है कि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू व पूर्व सांसद राजकुमार सैनी की महत्वकांक्षाएं बढ़ गई थी, जिस कारण उन्होंने भाजपा को छोड़ दिया। ऐसे व्यक्ति न तो घर के रहते हैं और न ही घाट के। आज दोनों नेताओं के साथ वैसी ही स्थिति बनी हुई है। वे अंबाला रोड स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। नायब सैनी ने कहा कि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू दो चेहरे वाले व्यक्ति हैं, एक चेहरे के पीछे दूसरा चेहरा छिपा हुआ है। ऐसे व्यक्ति कभी कामयाब नहीं होते। आज कांग्रेस की ऐसी भूमिका हो गई है कि जनता ने उन्हें विपक्ष की भूमिका निभाने योग्य भी नहीं छोड़ा।

संसद में दो बार मिला बोलने का मौका

नायब सैनी ने कहा कि अब तक उन्हें संसद में दो बार बोलने का समय मिला है। उसमें कुरुक्षेत्र के थानेसर एरिया में एलिवेटिड रेलवे ट्रेक बनाने की मांग उठाई। दूसरी बार जब उसे बोलने का समय मिला तो उसने कुरुक्षेत्र से पिहोवा, गुहला-चीका एवं पटियाला तक नई रेलवे लाइन बिछाने की मांग उठाई। उसने सभापति के नोटिस में लाते हुए बताया कि गुहला-चीका में मार्बल्स की बड़ी मार्केट है और यहां पर कई राज्यों से लोग मार्बल्स खरीदने आते हैं। अगर यह क्षेत्र रेलवे लाइन से जुड़ गया तो यहां तेजी से विकास होगा और लोगों को यहां पहुंचने में भी आसानी होगी। कुरुक्षेत्र से यमुनानगर तक नई रेलवे लाइन बिछाने एवं कुरुक्षेत्र से हरिद्वार तक ट्रेन चलाने की मांग उठाई। करनाल के बाद कुरुक्षेत्र का धान उगाने में दूसरा नंबर आता है। इसके अलावा यहां पर आलू एवं सूरजमुखी की खेती मुख्य तौर पर होती है। अगर यहां पर फुड प्रोसेसिग यूनिट लगाई जाती है तो कुरुक्षेत्र के अलावा आसपास के लाखों किसानों को लाभ होगा।

इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर, सुरेश गर्ग नौच, शकुंतला वजीरखेड़ा, पाला राम सैनी, राजेंद्र शर्मा स्लेटी, प्रयाग राज बालू, पार्षद ज्योति सैनी, कृष्ण सैनी, मोहित राठी, अशोक सैनी, पार्षद गोपाल, रामनाथ सैनी, लीलू सैनी, प्रवीण कौर, सरपंच रामफल सैनी, राजकुमार शर्मा,मौजूद थे।

सिद्धू का सामान्य ज्ञान सिफर: ब्रह्म महिंदरा

चंडीगढ़:

पूर्व क्रिकेटर और पंजाब के कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू कैप्‍टन अमरिंदर सिंह कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद चौतरफा घिर गए हैैं। विरोधी उनके इस्‍तीफे के अंदाज पर सवाल कर रहे हैं और उन पर तीखे हमले कर रहे हैं। विरोधियों के साथ कैबिनेट सहयोगियों ने भी उन पर निशाना साधा है। पंजाब के एक वरिष्‍ठ मंत्री ने तो यहां तक कह दिया कि सिद्धू इतने बुद्धू नहीं हैं कि उनको इस्‍तीफे को लेकर प्रोफाइल का पता नहीं हो। एक अन्‍य मंत्री ने भी इसी तरह का सवाल उठाया है। कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा व अन्‍य दलों के नेताओं ने भी सिद्धू पर निशाने साधे हैं। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी और पंजाब एकता पार्टी सिद्धू के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।

वरिष्‍ठ मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने कहा- नाट्यशास्त्र के राजा सिद्धू इतने बुद्धू कि उन्हें प्रोटोकाल का पता नहीं

राहुल गांधी को इस्तीफा भेजने पर कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने सिद्धू को नाट्यशास्त्र का महारथी करार दिया। बह्म मोहिंद्रा ने कहा, क्‍या नाट्यशास्‍त्र के राजा सिद्धू इतने बुद्धू हैं कि उन्हें प्रोटोकाल का पता नहीं है। सिद्धू को इस्तीफा सीधा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भेजना चाहिए था न कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को।

इस्‍तीफा सिद्धू की नाटकबाली, इसके लिए ट्विटर उचित मंच नहीं : चन्नी

ब्रह्म माहिंद्रा के साथ ही कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी ने भी सिद्धू के इस्तीफे को नाटकबाजी बताया। उन्‍होंने कहा कि सिद्धू पहले इस्तीफे को ट्विटर पर डालते हैं और बाद में कहते हैं कि वह मुख्यमंत्री को भी अपना इस्तीफा भेज रहे हैं। जब उन्होंने 10 जून को इस्तीफा दे दिया था तो फिर इसकी घोषणा करने में 34 दिन क्यों लगा दिए? इसके अलावा इस्‍तीफा देने के लिए ट्विटर उचित मंच नहीं है।

दोनों मंत्रियों ने कहा कि सिद्धू ने 40 दिनों तक बिजली विभाग न संभाल कर काम अधर में लटकाए रखा। उन्होंने इस तथ्य का भी संज्ञान नहीं लिया कि धान की बिजाई के लिए बिजली महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपने रवैये से होनेवाले दुष्प्रभाव की परवाह नहीं की। उन्हें केवल अपने लिए नहीं बल्कि राज्य और अपने लोगों के साथ-साथ उस पार्टी की तरफ भी सोचना चाहिए जिसने उन्हें इतना कुछ दिया था

इस्तीफा महज ड्रामेबाजी है : सुखबीर बादल

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष एवं फिरोजपुर से सांसद सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सिद्धू का इस्तीफा महज ड्रामेबाजी है। कांग्रेस प्रधान को इस्तीफा देने का मतलब नहीं। यह तो केवल औपचारिकता की गई है। इससे स्पष्ट हो गया है कि सिद्धू ने कांग्रेस को ब्लैकमेल करने तथा अपनी मर्जी के अनुसार झुकाने के लिए एक माह पहले इस्तीफे का यह ड्रामा किया था। इससे यह भी साबित होता है कि सिद्धू एक बहुत बड़ा अवसरवादी है, जो हमेशा अपने ही फायदे के बारे में सोचता है। 

इस्तीफा उसे दिया जिसने खुद इस्तीफा दिया हुआ है : चुग

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुग का कहना है कि नवजोत सिद्धू ने इस्तीफा भी उसे दिया जिसने खुद ही इस्तीफा दिया हुआ है। यह एक राजनीतिक ड्रामेबाजी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह अब तक सिद्धू का इस्तीफा आने का इंतजार क्यों कर रहे हैं, उन्हें तो सिद्धू को कैबिनेट से बर्खास्त कर देना चाहिए।

सिद्धू को बिजली माफिया को नंगा करना चाहिए था : आप

आम आदमी पार्टी विधायक दल के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सिद्धू को तुरंत भ्रष्ट कांग्रेस पार्टी छोड़ देनी चाहिए। दस सालों के माफिया राज समेत बेअदबियों के मामलों पर सिद्धू का बादलों के विरुद्ध बेबाकी के साथ बोलना मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को रास नहीं आ रहा था। सिद्धू के बढ़ते राजनैतिक कद को कैप्टन अपनी कुर्सी के लिए भी खतरा समझने लगे थे। बेहतर तो यह होता कि सिद्धू प्राइवेट थर्मल कंपनियों के साथ किए महंगे और नाजायज शर्तों वाले समझौते रद करते और बादलों के बिजली माफिया को नंगा करते।

सच उजागर करने की कीमत चुकाई : खैहरा

पंजाबी एकता पार्टी के अध्यक्ष सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन और बादलों के गठजोड़ का सच उजागर करने की कीमत चुकाई है। करतारपुर कॉरिडोर को लेकर सिद्धू की लोकप्रियता बढ़ रही थी जो कैप्टन अमरिंदर सिंह को नहीं भा रही थी।

सिद्धू की कोठी पर पसरा सन्नाटा

अमृतसर। दूसरी ओर, नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे का खुलासा हाेने के बाद उनकी कोठी पर सन्नाटा पसरा है। अंदर लगी सिद्धू परिवार और सिक्योरिटी की गाडिय़ों से कयास लगाए जाते रहे कि वह घर पर ही हैं, लेकिन इसकी पुष्टि किसी ने नहीं की।

सिद्धू निवास के बैक साइड पर उनका सियासी कार्यालय भी है, जहां विधानसभा हलका पूर्वी ही नहीं, बल्कि शहर भर से लोग अपना काम करवाने आते हैं। सिद्धू समर्थकों और करीबियों का भी जमावड़ा आफिस में लगा रहता है, लेकिन कोठी के सारे गेट सबके लिए बंद थे। सिक्योरिटी में तैनात मुलाजिम ही कुछ बोल रहे थे। इतना ही नहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या सिद्धू घर पर हैं, तो वह अंदर चले गए। सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर और उनके करीबियों के मोबाइल फोन या तो बंद मिले या फिर उन्होंने उठाया ही नहीं।

हताशा में सिद्धू खेमे के नेता

सिद्धू के कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनके साथ ही भाजपा में सक्रिय कई नेता कांग्रेस में आ गए थे। अब कांग्रेस द्वारा उन्हें हाशिये पर डाले जाने के बाद सिद्धू खेमा भी सियासी हताशा में हैं। करीबियों की सिद्धू के सियासी करियर पर निगाह है, क्योंकि उनका सियासी करियर उन पर ही निर्भर करता है।

‘ओवैसी साहब,आपको सुनने की आदत डालनी होगी.’ : अमित शाह

लोकसभा में सोमवार को एनआईए संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी के बीच नोकझोंक देखने को मिली. ओवैसी ने कहा कि आप गृह मंत्री हैं तो डराइए मत, जिस पर शाह ने कहा कि वह डरा नहीं रहे हैं, लेकिन अगर डर जेहन में है तो क्या किया जा सकता है.अमित शाह की बात वाजिब भी है की जब बात आतंकवाद निरोध की हो तो ओवैसी को डर क्यों लगता है?

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र में हंगामे और तीखी नोकझोंक के बाद सोमवार को लोकसभा में ‘एनआईए संशोधन विधेयक 2019’ को मंजूरी दे दी गई. इस विधेयक के अनुसार, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को भारत से बाहर किसी भी गंभीर अपराध के संबंध में मामले का पंजीकरण करने और जांच का निर्देश देने का प्रावधान किया गया है. गृह मंत्री अमित शाह ने ‘एनआईए संशोधन विधेयक 2019’ का समर्थन किया. वहीं, इस बिल पर चर्चा के दौरान शाह की एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से तीखी बहस भी हुई. 

गृह मंत्री ने ओवैसी से कहा, ‘जब कोई और बोलता है तो आप चुप रहकर सुनते हैं लेकिन जब सत्यपाल सिंह बोल रहे हैं तो आप लगातार बीच में बोल रहे हैं. आपको सुनने की आदत डालनी होगी.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एनआईए तेजी से मामलों को खत्म करती है और एजेंसी ने अपने 90 फीसदी केस समाप्त किए हैं, जो दुनियाभर की एजेंसियों की तुलना में अच्छा है. शाह ने एनआईए की तारीफ करते हुए कहा कि मजबूत एनआईए के साथ भारत आतंकवाद को खत्म करेगा.  

विपक्ष के द्वारा एजेंसी के गलत रूप से प्रयोग किए जाने के सवाल पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि सरकार कानून के नियमों से चलती है और सभी जांच एजेंसियां कानून द्वार स्थापित प्रक्रिया का ही पालन करती है. इसके साथ ही उन्होंने सरकार की आतंकवाद को लेकर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति की सराहना की. गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद को आतंकवाद के तौर पर ही देखा जाना चाहिए. आतंकवाद में राइट और लेफ्ट नहीं होता है. उन्होंने कहा कि आतंकवादी घटनाओं के अपराधियों को दंडित करने की जरूरत है और उन्हें दंडित किया जाएगा.

संस्कृत मृत और हिन्दी जड़हीन: वाइको

वाइको ने कहा कि अंग्रेजी की वजह से भारतीयों की कई समस्याओं का अंत हुआ है. अब वे हिंदी को थोप रहे हैं. इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरिसिम्हा राव और मनमोहन सिंह भी सदन को अंग्रेजी में संबोधित करते थे, उन्होंने कहा कि सिर्फ मोदी ही बार-बार हिंदी के प्रति प्यार जताते रहते हैं और उनकी नजर में हिंदी बोलने के पीछे प्रधानमंत्री की भावना ‘हिंदी, हिंदू, हिंदू राष्ट्र’ की है.

अब जब हिन्दी जड़ हीन है तो हिन्दी से वाइको को डर क्या है?

असल में वाइको डर, भय और नफरत की राजनीति करने वाले नेता हैं। इन्हें तमिल नाडू में हिन्दी एवं हिन्दू विरोध की राजनीति का अग्रदूत माना जाता है । पट्टालेखों पर जहां देवनागरी में सूचनाएँ प्रकाशित होतीं उन पर वाइको कालिख पोतने वाली राजनीति किया करते थे। अब तमिलनाडू में विधानसभा के चुनावों के मद्देनजर वाइको का यह चुनावी पैंतरा है जिसमें वह कामयाब होते दिखते हैं।

नई दिल्‍ली: तमिलनाडु की राजनीति में हिंदी विरोध हमेशा से ही बड़ा केंद्र रहा है. इन सबके बीच तमिलनाडु की क्षेत्रीय पार्टी एमडीएमके के महासचिव और सांसद वाइको ने हिंदी भाषा को लेकर एक विवादित बयान दिया है. दरअसल, एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में वाइको ने कहा कि हिंदी में दिए जाने वाले भाषणों की वजह से संसद में बहस का स्तर गिर गया है. उन्होंने कहा है कि संसद में अटल बिहारी वाजपेयी, मोरारजी देसाई ने अंग्रेजी में भाषण दिए. इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह भी सदन में अंग्रेजी में भाषण देते थे. इन सभी को हिंदी से प्रेम था.

वाइको ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ पीएम मोदी ही हिंदी के लिए अपनी दीवानगी जाहिर करते हैं. वह ‘हिंदी, हिंदू और हिंदू राष्ट्र’ स्थापित करना चाहते हैं. इसके साथ ही वाइको ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू एक अच्छे डेमोक्रेट थे, उन्होंने संसद का एक भी सत्र नहीं छोड़ा. वहीं, पीएम मोदी मुश्किल से ही संसद सत्र के दौरान मौजूद रहते हैं. उन्होंने नेहरू और पीएम मोदी की तुलना करते हुए कहा कि नेहरू अगर पहाड़ हैं तो पीएम मोदी उसका एक हिस्सा मात्र हैं. 

अखबार को दिए अपने इंटरव्यू में वाइको से पूछा गया था कि संसद में भाषण के गिरते स्तर के पीछे क्या वजह है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पहले संसद में विभिन्न विषयों पर गहरी जानकारी रखने वालों को भेजा जाता था. आज बहस का स्तर हिंदी की वजह से गिर गया है. वे बस हिंदी में चिल्लाते हैं. यहां तक की पीएम मोदी भी सदन को हिंदी में संबोधित कर रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि अंग्रेजी की वजह से भारतीयों की कई समस्याओं का अंत हुआ है. अब वे हिंदी को थोप रहे हैं. यही कारण है कि अन्ना ने कहा था कि 8वीं अनुसूची में सभी भारतीय भाषाओं को आधिकारिक भाषा बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर सभी भाषाओं को आधिकारिक भाषा बनाया जा सकता है तो अंग्रेजी को भी जगह दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी तो सभी के लिए सामान्य होनी चाहिए.

विधायक लतिका शर्मा ने 46 विद्यालयों के मेधावी विद्यार्थियों को किया सम्मानित

कालका, 15 जुलाई:

विधायक श्रीमती लतिका शर्मा ने आज अंबेडकर भवन एचएमटी पिंजौर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अपने क्षेत्र के 46 विद्यालयों के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में मोरनी, पिंजौर और रायपुररानी क्षेत्र से संबंधित राजकीय निजी विद्यालयों के ऐेसे विद्यार्थियों को सम्मानित किया है, जिन्होंने 10वी और 12वीं कक्षा में उल्लेखनीय स्थान हासिल किया है। 

उपस्थित विद्यार्थियों व अभिभावकों को संबोधित करते हुए श्रीमती शर्मा ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही व्यक्ति के जीवन की उन्नति का मार्ग खुलता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को प्रतिभागी परिक्षाओं के लिये वर्तमान समय के अनुरूप अच्छी शिक्षा सुविधा उपलब्ध करवाने के साथ साथ अध्यापक और अभिभावक अच्छे संस्कार भी उपलब्ध करवायें। उन्होंने कहा कि संस्कारों के बिना हासिल की गई शिक्षा अधूरी कही जाती है क्योंकि समाज में एक आदर्श नागरिक के लिये अच्छी शिक्षा के साथ साथ उसका व्यवहार कुशल होना भी जरूरी है।

विधायक ने कहा कि सरकार द्वारा गत लगभग 5 वर्ष के कार्यकाल में विकास और जनकल्याण के साथ साथ शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिये भी विशेष प्रयास किये है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों की भर्ती के अलावा स्कूलों में विद्यार्थियों के लिये मूलभूत सुविधायें उपलब्ध करवाई जा रही है। सक्षम योजना के तहत पढ़ाई में अपनी कक्षा के स्तर के मुताबिक ज्ञान न रखने वाले विद्यार्थियों के लिये विशेष कक्षाओं का प्रावधान करके उन्हें सक्षम बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंचकूला जिला के सभी ब्लाॅक सक्षम हो चुके है और अब सक्षम प्लस कार्यक्रम के तहत विद्याार्थियों के शिक्षा स्तर में आवश्यक सुधार किया जायेगा। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को प्रशंसा पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित करने का कार्यक्रम वर्तमान विधायक द्वारा ही आरंभ किया गया था और प्रतिवर्ष यह कार्यक्रम आयोजित करके बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिये प्रोत्साहित किया जाता है। 

कार्यक्रम में उपजिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती सुनीता नैन व महासिंह, भाजपा के मंडलाध्यक्ष सुनील धीमान, जिला उपाध्यक्षक संजीव कौशल, महिला मोर्चा की मंडलाध्यक्ष हरविंद्र कौर, प्रवीन चड्ढा, कमला श्रीवास्तव, किरन शर्म, प्रिंसीपल पीयूष कूंज, अनूप कुमार अनूप सिंह व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।   

मतदाता सूचियों के आवेदन एवं पुनर्निरीक्षण आरम्भ

पंचकूला, 15 जुलाई:

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदाता सूचियों का द्वितीय विशेष संक्षिप्त पूर्ननिरीक्षण कार्यक्रम आरंभ कर दिया गया है। इन निर्देशों के तहत पंचकूला जिला के दोनों विधानसभा क्षेत्रों 01 कालका और 02 पंचकूला में मतदाता सूचियों का संक्षिप्त पूर्ननिरीक्षण किया जायेगा।

  उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मुकेश कुमार अहुजा ने बताया कि 15 जुलाई को ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया गया है। इन मतदाता सूचियों में नये मतदाता अपने नाम दर्ज करवाने व अन्य किसी प्रकार की शुद्धि करवाने के लिये 30 जुलाई तक दावे व आपत्तियां दर्ज करवा सकते है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं की सुविधा के लिये इस कार्य के लिये 20 व 21 जुलाई तथा 27 व 28 जुलाई को शनिवार व रविवार अवकाश के दिनों में विशेष पूर्ननिरीक्षण अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने बताया कि ऐसे नागरिक जिनकी आयु 01 जनवरी 2019 को 18 वर्ष की हो चुकी है और उनका नाम अभी तक मतदाता सूची में दर्ज नहीं है वे अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज करवा सकते है। इसके लिये उन्हें फार्म नंबर 6 भरने के साथ साथ अपने आवास और आयु का प्रमाण तथा नवीनतम पासपोर्ट आकार की रंगीन फोटो इस फार्म के साथ संलग्न करनी होगी।

  उन्होंने बताया कि प्राप्त होने वाले दावे व आपत्तियों की जांच सुपरवाईजरों, सहायक निर्वाचक पंजीयन अधिकारियों और निवार्चक पंजीयन अधिकारियों द्वारा 5 अगस्त तक की जायेगी और 13 अगस्त तक इन दावे व आपत्तियों का निपटान किया जायेगा। उन्होंने बताया कि जिला निर्वाचक पंजीयन अधिकारी द्वारा 16 अगस्त तक इन दावे व आपत्तियों की अंतिम जांच की जायेगी और 19 अगस्त को मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन किया जायेगा। 

Orientation Programme, UIAMS, PU

Korel, Chandigarh July15, 2019

“The students were asked to constantly innovate and reinvent by acquiring new skills”, said Shri. Mandip S Brar, IAS, Deputy Commissioner (DC), Chandigarh, while addressing the MBA (Sectoral) Batch 2019-21 of  University Institute of Applied Management Sciences (UIAMS), Panjab University, Chandigarhat the Orientation Programme,here today. He stressed on the importance of written as well as oral communication skills in order to motivate or to influence people. He also added that listening of equally important to understand the perspective of the other side. She Brar further added that to be a good leader, one has to be a good follower.  He further urged the students to maintain high level of integrity and follow values and ethics, both in professional life as well as in personal conduct.

            Prof. Raj Kumar,Vice Chancellor, Panjab University, Chandigarh in his address appreciated UIAMS for its industry specific specialised courses. He advised the students to use these two years to equip themselves with the right skills. He encouraged the students towards the culture of innovation, start-ups and entrepreneurship. PU, VC encouraged the students to extend their interaction across other departments and build multi-disciplinary approach to innovations and problem solving. He urged them to work for Corporate linkages.

Shri. T.K. Ruby CEO Raymed Pharmaceutical Ltd. Chandigarh in his address said that the students are like waves of the sea and they should not and cannot be stopped. They have immense potential but they have to take up the responsibility for their own lives. He also shared his mantras of success with the students stating that physical fitness, mental alertness, goal clarity and proactiveness are absolutely essential.

The Director, UIAMS, Prof. Upasna Joshi welcomed the esteemed guests and the new students to the occasion. She briefed the students about the Institute, the teaching learning process at UIAMS and the various activities to be conducted in the next two years. The students were also briefed about the various curricular and co-curricular clubs in UIAMS that the students can be a part of. They were further briefed about the placement activities organised by the placement cell at UIAMS.