हार्दिक हो सकते कांग्रेस के जामनगर से प्रत्याशी

अन्ना आंदोलन से अराजक राजनीति की नींव रखने वाले अरविंद केजरीवाल अब कांग्रेस का साथ पाने को लालायित (रिरिया रहे हैं) हैं वहीं कांग्रेस ने उन्हे धता बता कर उनसे किनारा कर लिया है। वहीं उनही के पद चिन्हों पर चलते हुए घोर अराजक और तोडफोड की राजनीति करने वाले हार्दिक पटेल गुजरात के पटेल आंदोलन से उठे और कई बार राहुल गांधी से गुप्त मंत्रणाओं से चर्चा में आए अब कांग्रेस के पाले में स्थापित हो चुके हैं और “जामनगर” लोकसभा सीट से प्रत्याशी हो सकते हैं।

गुजरात के पाटीदार समुदाय के नेता हार्दिक पटेल जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं और राज्य के जामनगर लोकसभा क्षेत्र से उनके आम चुनाव लड़ने की भी संभावना है. पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने बीते बुधवार को इस बात की जानकारी दी. सूत्रों ने बताया- गुजरात में पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन की अगुवाई कर चुके हार्दिक पटेल के 12 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में पार्टी में शामिल होने की संभावना है.

फिलहाल जामनगर से भारतीय जनता पार्टी की नेता पूनमबेन मादम सांसद हैं. पटेल अहमदाबाद में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के समय पार्टी में शामिल होंगे . सूत्रों के अनुसार बैठक के बाद पार्टी के शीर्ष नेता वहां एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है और कांग्रेस प्रदेश पर पूरा ध्यान लगा रही है . पिछले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी को पार्टी ने यहां कड़ी टक्कर दी थी.

हालांकि 25 साल के हो चुके हार्दिक पटेल ने कुछ दिन पहले कहा था कि जब तक उनके पास जनता की समस्याओं का समाधान नहीं होगा तो पार्टी पॉलिटिक्स में जाने का कोई मतलब नहीं होगा. हार्दिक ने कहा कि वो पूरे देश में घूमेंगे और सत्ता की गलत नीतियों का विरोध करते रहेंगे. गुजरात चुनाव में सूरत के नतीजों पर सवाल खड़ा करने वाले हार्दिक पटेल ने यह भी कहा था कि भले ही कांग्रेस 3 राज्यों में जीत गई हो लेकिन ईवीएम से छेड़छाड़ का सवाल बना हुआ है. पटेल ने कहा था कि मध्यप्रदेश में काफी देर से आए नतीजे फिर से सवाल उठा रहे हैं.

इसी सप्ताह में हो सकती हैं लोक सभा चुनावों की घोषणा

चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर में लोकसभा के साथ साथ विधान सभा कुनव करवाये जाने की तैयारियों का जायजा ले लिया है और संभवत: इसी सप्ताह चुनावों की घोषणा की जा सकती है।

चुनाव आयोग अगले कुछ दिनों में लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर सकता है. सूत्रों के मुताबिक 7 मार्च से 10 मार्च के बीच चुनावों की घोषणा की जा सकती है. इसके साथ ही आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा चुनावों की घोषणा भी की जा सकती है.

जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव भी साथ ही कराए जा सकते हैं. इसके लिए चुनाव आयोग की तैयारियां पूरी कर ली हैं. पिछले कुछ चुनावों में भी तारीखों का ऐलान करने को लेकर आयोग लगातार विपक्षी दलों के निशाने पर रहा है. साल 2018 में पांच राज्यों के चुनाव में अधिसूचना जारी होने में देरी से खासतौर से कांग्रेस पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधती रही है.

उल्लेखनीय है कि साल 2014 में लोकसभा चुनाव 7 अप्रैल से 12 मई के बीच कुल 9 चरणों में कराए गए थे. 16 मई को चुनावी नतीजे घोषित हुए थे, जिसमें मोदी सरकार को बहुमत के साथ ही बड़ी जीत मिली थी.

प्रधानमंत्री मोदी ने 26 मई 2014 को शपथ ग्रहण किया था. पिछले चुनाव में अधिसूचना 5 मार्च को जारी की गई थी जो 7 अप्रैल को होने वाले पहले मतदान से 25 दिन पहले था. साल 2009 के लोकसभा चुनाव 16 अप्रैल से 13 मई के बीच पांच चरणों में हुए थे.

काश्मीर के बाद अब जम्मू में आतंकवादी सक्रिय

जम्मूः 

जम्मू में बस स्टैंड पर धमाके की खबर है. ऐसा बताया जा रहा है कि यहां ये ग्रेनेड हमला था. जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने पूरे इलाके को खाली करा लिया है. ऐसा बताया जा रहा है कि ये धमाका एक बस में हुआ है. इस धमाके में 28 लोगों के घायल होने की खबर है. घायलों के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. प्रत्यक्षदर्शियों ने समाचार एजेंसी को बताया कि इस हमले में कम से कम 12 लोग घायल हुए है. वहीं जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी एमके सिन्हा ने बताया, ‘ये एक ग्रेनेड ब्लास्ट था, जिसमें कम से कम 18 लोग घायल हुए है. सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है’
ऐसा बताया जा रहा है कि घायल हुए लोगों में से कुछ की हालत गंभीर है. सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और ग्रेनेड फेंकने वाले शख्स को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया है. इसके साथ ही पुलिस लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. पुलिस का कहना है कि ये ग्रेनेड एक बस के नीचे फटा.
जम्‍मू और कश्‍मीर में सुरक्षाबलों को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में बड़ी सफलता हाथ लगी है. यहां सुरक्षाबलों ने हंदवाड़ा के बांदरपेई इलाके में एनकाउंटर के दौरान एक आतंकी को गुरुवार सुबह मार गिराया है. साथ ही इलाके में एक और आतंकी के छिपे होने की आशंका पर सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है. यह मुठभेड़ बुधवार रात को 09:32 बजे शुरू हुई थी. यहां सुरक्षाबलों को आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. इसके बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया. इसी के बाद से आतंकियों और सुरक्षाबलों में मुठभेड़ शुरू हुई. सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर रखा है और साथ ही इलाके में एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. दोनों ओर से गोलीबारी जारी है.
जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिलों में नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान द्वारा पिछले 20 घंटे में संघर्षविराम का उल्लंघन करने की कोई खबर नहीं है जिसके कारण सीमा पर बेचैन करने वाली शांति पसरी हुई है. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस बीच, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने जम्मू का अपना निर्धारित दौरा रद्द कर दिया. वह साम्बा और अखनूर सेक्टरों में दो अहम पुलों के उद्घाटन के अलावा पिछले नौ दिनों से जारी गोलेबारी के मद्देनजर सीमा पर हालात का जायजा लेने के लिए यह दौरा करने वाली थीं.

एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि जम्मू, खासकर सर्वाधिक प्रभावित राजौरी और पुंछ जिलों में नियंत्रण रेखा पर बुधवार दोपहर से पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम का उल्लंघन किए जाने की कोई खबर नहीं मिली है. पाकिस्तान ने दोनों जिलों में असैन्य इलाकों को निशाना बनाने के लिए तोपों और लंबी दूरी के मोर्टारों का इस्तेमाल किया था जिसका सेना ने उचित और करारा जवाब दिया. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सेना नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अत्यधिक सतर्कता बरत रही है और हालात पर नजदीकी से नजर रखी जा रही है.’’ 

उल्लेखनीय है कि पुलवामा में 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के आतंकवादी शिविर पर हवाई हमला किया था. इसके बाद से पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ गयी थीं. पाकिस्तान ने राज्य में नियंत्रण रेखा के पास पिछले सप्ताह संघर्ष विराम उल्लंघन की 100 से अधिक घटनाओं में 80 से अधिक गांवों को निशाना बनाया जिसमें एक परिवार के तीन सदस्यों समेत चार आम नागरिकों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.

भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर आम नागरिकों को निशाना बनाए जाने को लेकर बुधवार को पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी और कहा था कि भड़कावे की इस प्रकार की भावी कार्रवाई या दुस्साहस का ‘‘गंभीर परिणाम’’ होगा. प्रवक्ता ने बताया कि रक्षा मंत्री का बीन पुल और ढोक पुल के उद्घाटन के लिए साम्बा और अखनूर सेक्टरों का निर्धारित दौरा रद्द कर दिया गया है. उन्होंने दौरा रद्द किए जाने का कोई कारण नहीं बताते हुए कहा, ‘‘दौरे की नई तारीख की बाद में जानकारी दी जाएगी.’’ 

कौन है समझौता ब्लास्ट को हिन्दू आतंकवाद से जोड़ने की खौफनाक साजिश के पीछे

Sarika Tiwari, Panchkula. 7th March 2017:

आगामी सप्ताह में सम्झौता ब्लास्ट मामले में फैसला सुना दिया जाएगा। अभी अदालत ने  यह फैसला अपने पास सुरक्शित रखा है। यह एक एतेहासिक मामला है जिसमें हिन्दू आतंकवाद जैसा शब्द निर्मित किया गया। 18 फरवरी 2007 में आधी रात के समय पानीपत में यह ब्लास्ट हुआ जिसमें स्वामी असीमानंद और साध्वी प्रज्ञा को आरोपित किया गया । लेकिन आधिकारिक खुलासों के अनुसार इस केस में पाकिस्तानी आतंकवादी पकड़ा गया था, उसने अपना गुनाह भी कबूल किया था लेकिन महज 14 दिनों में उसे चुपचाप छोड़ दिया।

18 फरवरी 2007 को समझौता एक्सप्रैस में ब्लास्ट हुआ था इसमें 68 लोग मारे गए। इस केस में दो पाकिस्तानी संदिग्ध पकड़े गए, इनमें से एक ने गुनाह कबूल किया लेकिन पुलिस ने सिर्फ 14 दिन में जांच पूरी करके उसे बेगुनाह करार दिया। अदालत में पाकिस्तानी संदिग्ध को केस से बरी करने की अपील की गई और अदालत ने पुलिस की बात पर यकीन किया और पाकिस्तानी संदिग्ध आजाद हो गया। फिर कहां गया ये किसी को नहीं मालूम….क्या ये सब इत्तेफाक था या फिर एक बड़ी राजनीतिक साजिश थी?

सूत्रों के अनुसार उस समय की सरकार को 2 पाकिस्तानी संदिग्ध को छोड़ने की इतनी जल्दी क्यों थी फिर अचानक इस केस में हिन्दु आतंकवाद कैसे आ गया।

इस केस के पहले इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर थे इंस्पेक्टर गुरदीप सिंह जो कि अब रिटायर हो चुके हैं। गुरदीप सिंह ने 9 जून 2017 को कोर्ट में अपना बयान रिकॉर्ड करवाया है। इस बयान में इंस्पेक्टर गुरदीप से ने कहा है, ‘ये सही है कि समझौता ब्लॉस्ट में पाकिस्तानी अजमत अली को गिरफ्तार किया गया था। वो बिना पासपोर्ट के, बिना लीगल ट्रैवल डाक्यूमेंटस के भारत आया था। दिल्ली, मुंबई समेत देश के कई शहरों में घूमा था। मैं अजमत अली के साथ उन शहरों में गया जहां वो गया था। उसने इलाहाबाद में जहां जाने की बात कही वो सही निकली लेकिन अपने सीनियर अधिकारियों, सुपिरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस भारती अरोड़ा और डीआईजी के निर्देष के मुताबिक मैने अजमत अली को कोर्ट से बरी करवाया।’ इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर ने कोर्ट को जो बयान दिया वो काफी हैरान करने वाला है

ऊपर से आदेश आयापाकिस्तानी संदिग्ध छोड़ा गया

पुलिस अधिकारी ऐसा तभी करते हैं जब उन पर ऊपर से दवाब आता है। आखिर इतने सीनियर अधिकारियों को पाकिस्तानी संदिग्ध को छोड़ने के लिए किसने दबाव बनाया? एक ब्लास्ट केस में सिर्फ 14 दिन में पुलिस ने ये कैसे तय कर लिया कि आरोपी बेगुनाह है और उसे छोड़ देना चाहिए?

अजमत अली है कौन?

कोर्ट में जमा डॉक्युमेंट्स के मुताबिक अजमत अली पाकिस्तानी नागरिक था। उसे भारत में अटारी बॉर्डर के पास से GRP ने अरेस्ट किया था। उसके पास न तो पासपोर्ट था, न वीजा था और ना ही कोई लीगल डॉक्यूमेंट। इस शख्स ने पूछताछ में कबूल किया कि वो पाकिस्तानी है और उसके पिता का नाम मेहम्मद शरीफ है। उसने अपने घर का पता बताय़ा था- हाउस नंबर 24, गली नंबर 51, हमाम स्ट्रीट जिला लाहौर, पाकिस्तान।

सबसे बड़ी बात ये कि ब्लास्ट के बाद दो प्रत्यक्षदर्शियों ने बम रखने वाले का जो हुलिया बताया था वो अजमत अली से मिलता जुलता था। प्रत्यक्षदर्शी के बताने पर स्केच तैयार किए गए थे, और उस स्केच के आधार पर ही अजमत अली और मोहम्मद उस्मान को इस केस में आरोपी बनाया गया था। इंस्पेक्टर गुरदीप ने भी कोर्ट को जो बयान दिया था उसमें कहा है कि ट्रेन में सफर कर रहे शौकत अली और रुखसाना के बताए हुलिए के आधार पर दोनो आरोपियों के स्केच बनाए गए थे।

समझौता ब्लास्ट 18 फरवरी 2007 को हुआ था। पुलिस ने अजमत अली को एक मार्च 2007 को अटारी बॉर्डर के पास से बिना लीगल डॉक्युमेंट्स के गिरफ्तार किया था। उस वक्त वो पाकिस्तान वापस लौटने की कोशिश कर रहा था। गिरफ्तारी के बाद अजमत अली को अमृतसर की सेंट्रल जेल में भेजा गया। वहीं से समझौता ब्लास्ट की जांच टीम को बताया गया था कि समझौता ब्लास्ट के जिन संदिग्धों के उन्होंने स्केच जारी किए हैं उनमें से एक का चेहरा अजमत अली से मिलता है। इसके बाद लोकल पुलिस ने अजमत अली को कोर्ट में समझौता पुलिस की जांच टीम को हैंडओवर कर दिया।

जांच टीम ने 6 मार्च 2007 को कोर्ट से अजमत अली की 14 दिन की रिमांड मांगी। हमारे पास वो ऐप्लिकेशन हैं, जो पुलिस ने कोर्ट में जमा की थी। इस एप्लिकेशन में जांच अधिकारी ने साफ साफ लिखा है कि समझौता ब्लास्ट मामले में गवाहों की याददाश्त के मुताबिक संदिग्धों के स्केचेज़ बनाकर टीवी और अखबारों को जारी किए गए थे। अटारी जीआरपी ने इस स्केच से मिलते जुलते संदिग्ध अजमत अली को गिरफ्तार किया। इसने पूछताछ में बताया कि वो तीन नवंबर 2006 को बिन पासपोर्ट और वीजा के भारत आया था। इसी आधार पर कोर्ट ने अजमत अली को 14 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया था।

अबतक की कहानी साफ है समझौता ट्रेन में ब्लास्ट हुआ, इस ब्लास्ट के दो आईविटनेसेज़ ने ट्रेन में बम रखने वालों का हुलिया बताया, उसके आधार पर दो लोगो के स्केच बने, उन्हें अटारी रेलवे पुलिस ने गिरफ्तार किया और फिर पूछताछ करने के बाद समझौता ब्लास्ट की जांच कर रही टीम को सौंप दिया। इस टीम ने भी उसका चेहरा स्केच से मिला कर देखा, चेहरा मिलता जुलता दिखा, तो उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया। कोर्ट ने इसे 14 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया। 14 दिन की पुलिस रिमांड में पूछताछ हुई।

पूछताछ और जांच के बाद उम्मीद थी कि कुछ कंक्रीट निकल कर सामने आएगा लेकिन 14 दिन बाद, 20 मार्च को जब पुलिस ने दुबारा अजमत अली को कोर्ट में पेश किया तब उम्मीद थी कि पुलिस दुबारा उसका रिमांड मांगेगी, लेकिन हुआ उल्टा। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि उनकी जांच पूरी हो गयी है, अजमत अली के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं, इसलिए उसे इस केस से डिस्चार्ज कर दिया जाए। कोर्ट ने पुलिस की दलील पर भरोसा किया और कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा कि अजमत अली की रिहाई की अर्जी पुलिस ने ये कहते हुए दी है कि कि मौजूदा केस की जांच में इसकी कोई जरूरत नहीं है। जब जांच टीम ने ही ये कह दिया कि तो कोर्ट ने अजमत अली को रिहा कर दिया।

करनाल में जांच अधिकारी गुरदीप सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच के बाद ही अजमत को छोड़ दिया गया था। उन बड़े अफसरों के बारे में भी बताया जो इस टीम का हिस्सा थे जिन्होंने इस केस की जांच की और पाकिस्तानी नागरिक को छोड़ा गया। अब यहां एक बड़ा सवाल तो ये है कि इतने सारे शहरों में पुलिस ने जांच सिर्फ 14 दिन में कैसे पूरी कर ली। अजमत अली का न तो नार्को टेस्ट हुआ, न ही पोलीग्राफी टेस्ट किया गया। सिर्फ 14 दिन की पूछताछ के बाद पुलिस ने ये मान लिया कि समझौता ब्लास्ट में अजमत अली का हाथ नहीं है…ये शक तो पैदा करता है।

अजमत अली को छोड़ देना तो एक बड़ा मोड था लेकिन इससे भी बड़ा ट्विस्ट इस केस की शुरुआती जांच में आया था। शुरुआत में उस वक्त की मनमोहन सरकार ने कहा था कि समझौता ब्लास्ट के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है लेकिन जांच बढ़ने के कुछ ही दिन बाद इस केस में भगवा आतंकवाद का नाम आया।

इस केस में शुरुआत में जांच में जल्दी-जल्दी ट्विस्ट आए इसपर हमारे कुछ सवाल हैं…

क्या एक पाकिस्तानी नागरिक जो बम धमाके का आरोपी हो उसे इतनी आसानी से छोड़ा जा सकता है? अक्सर छोटे क्राइम में भी पकड़े गए पाकिस्तानी नागरिक की जांच में भी ऐसी जल्दीबाजी नहीं होती उससे पूछताछ होती है, उसकी बातों को वैरीफाई किया जाता है लेकिन समझौता ब्लास्ट के केस में अजमत अली को तुरंत छोड़ दिया गया।

आखिर सरकार की तरफ से अजमत को छोड़ने की ऐसी जल्दबाजी क्यों की गयी? क्या पुलिस को अजमत अली का नार्को या पोलीग्राफी टेस्ट करके सच निकलवाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए थी? पहले जब इंटेलिजेंस और जांच एजेंसियों ने इस धमाके को लश्कर का मॉड्यूल बताया तो फिर एकाएक इसे हिंदू टेरर का नाम कैसे दिया गया?

हम आपको बताते है कि हिंदू टेरर का नाम कैसे आया, इसका जवाब भी पुलिस अधिकारियों की एक मीटिंग की नोटिंग में मिला। 21 जुलाई 2010 को बंद कमरे में कुछ अधिकारियों की मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग ये तय हुआ था कि हरियाणा पुलिस समझौता एक्सप्रैस ब्लास्ट की जांच में किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही है इसलिए इसे नेशनल इनवेस्टिगेटिव एजेंसी को सौंप देना चाहिए। इसी मीटिंग में ये बात भी हुई थी कि इस केस की जांच हिंदू ग्रुप के इन्वॉल्वमेंट पर भी होना चाहिए। नोटिंग में लिखा है कि एसएस (आईएस) को याद होगा, उनके चेंबर में इस बात पर डिस्कशन हुआ था, कि इसकी जांच हिंदू ग्रुप के ब्लास्ट में शामिल होने की संभावना पर भी होनी चाहिए।

पुलिस की नोटिंग से सवाल ये उठता है कि  किसके कहने पर हिंदू टेरर ग्रुप का नाम इस धमाके से जोड़ने का आइडिया आया? बंद कमरे में वो कौन-कौन ऑफिसर थे जिन्होंने इस धमाके को हिंदू टेरर का एंगल देने की कोशिश की? इन अफसरों के नाम सामने आना जरूरी हैं, उनसे पूछताछ होगी, तभी पता चलेगा कि उनपर किसका दबाव था… बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि ये देश के साथ विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि सिर्फ हिंदू आतंकवाद का नाम देने के लिए ये पूरी साजिश रची गयी थी।

बता दें कि तत्कालीन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने AICC की मीटिंग में भगवा आतंकवाद की बात करके सबको चौंका दिया था बाद में पी चिदंबरम ने और दिग्विजय सिंह ने बार-बार बीजेपी को बैकफुट पर लाने के लिए इस जुमले का इस्तेमाल किया। समझौता ब्लास्ट के केस में जिस तरह से पहले लश्कर ए तैयबा का नाम आया फिर उस वक्त की सरकार ने पाकिस्तानियों को छोड़ दिया और स्वामी असीमानंद को आरोपी बनाकर इस केस को पूरी तरह पलट दिया….इसके पीछे एक सोची समझी साजिश थी।

अब ये साफ है कि भगवा आतंकवाद का जुमला क्वाइन करने के लिए, हिन्दू आतंकवाद का हब्बा खड़ा करने के लिए इस केस में पाकिस्तानियों को बचाया गया और भारतीय हिंदुओं को फंसाया गया। अब सवाल सिर्फ इतना है कि इस साजिश के पीछे किसका शातिर दिमाग था।

फैसला चाहे जो आए लेकिन साजिश कर्ताओं  का पर्दा फ़ाश होना अति आवश्यक है।

नकली आधार बनवा कर की लाखों की ठगी, धर दबोचा

ख़बर और फोटो कपिल नागपाल

पंचकूला बिग ब्रेकिंग पंचकूला के सेक्टर 8 के 813 में फ्रॉड मामले में मकान के नकली मालिक बनकर आधार कार्ड से नकली आधार कार्ड तैयार करके 85 लाख रुपए का बयाना ले लिया और हुडा विभाग से और ट्रांसफर परमिशन ले ली और 813 मकान नंबर के के मालिक का दूसरा प्लाट सेक्टर 4 पंचकूला में है उसके भी डुप्लीकेट पेपर लेने के लिए हुडा विभाग में अर्जी लगाई इसके बाद हुडा विभाग में असल मालिक को एक पत्र लिखा जो वह असल मालिक हुडा विभाग में आ गया उसने कहा कि कि उसने डुप्लीकेट पेपर के लिए अप्लाई नहीं किया और यह आधार कार्ड है वह उसका नहीं है जिसमें हुड्डा ने ट्रांसफर परमिशन कैंसल कर दी और एफ आई आर दर्ज करवा दी और पुलिस ने रेड कर के नकली बंटा ऑफ राजकमल को को पंचकूला सेक्टर 5 पुलिस स्टेशन ने गिरफ्तार किया है और आज किया कोर्ट में पेश 4 दिन का मेला पुलिस रिमांड बाकी आरोपियों की तलाश में रेड जारी है जाली आधार कार्ड जो दिल्ली से बनाया है वहां पर भी रेट करने गई है पुलिस।

आज का राशिफल

Aries

07 मार्च 2019: आज अपने अध्ययन में और तेजी से तत्पर होगे। जिसका आपको लाभ विषयों की तैयारियों में होगा। आज प्रेम संबंधों में आप खुशियों को बढ़ाने के लिए तैयार होगे। आप देखेंगे कि आज आय के साधनों से अच्छा लाभ हो रहा है। जिससे आपके काम करने के हौसले बढ़ रहे है। हालांकि कानूनी मामलो में चुनौती होगी।

Taurus

07 मार्च 2019: आज के दिन आप अपने भौतिक सुख के साधनों को जुटाने में अधिक तीव्रता से सक्रिय होगे। आज आप कुछ ऐसे लोगों को काम में पीछे छोड़ने के लिए तैयार होगे। जो कि आपको कमतर आंकते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से आज का दिन अच्छा होगा। आज आप अपने भौतिक सुख के साधनों को जुटाने में लगे होगे।

Gemini

07 मार्च 2019:  आज आप अपने बढ़ते हुए कदमों को रोकने के मूड़ में नहीं होगे। जिससे आप कुछ कामों को पूरा करने के लिए यात्राओं में जाने का रूख कर सकते है। आज आपकी इच्छा किसी के साथ तीर्थ स्थान में जाने की होगी। किन्तु नौकरी के क्षेत्रों में आज तनाव की स्थिति होने से आप परेशान होगे। धैर्य जरूरी है।

Cancer

07 मार्च 2019:  आज आप अपने भूमि संबंधी विवादों को निपटाने के लिए कुछ लोगों से सम्पर्क बढ़ाने के मूड़ होगे। हालांकि आज कुछ अंतिम निर्णय लेने के लिए आप आक्रामक बने होगे। जिसका लाभ भी आपको होगा। सेहत के लिए आज का दिन कुछ प्रतिकूल होगा। जिससे आपको कुछ दवाइयों का सेवन करना पड़ सकता है।

Leo

07 मार्च 2019:  आप आज अपने स्वास्थ्य में अधिक बल का एहसास करते होगे। आज अपने नौकरी पेशा के जीवन में सामान्य रूप से सक्रिय होगे। किन्तु व्यवसाय के मामलों में आज विशेष रूप से सक्रियता होगी। जिसके लिए आपको कमर तोड़ मेहनत करनी होगा। निजी संबंध अच्छे होगे। परिवार में खुशी होगी। किन्तु कानून के विषय में चिंता होगी।

Virgo

07 मार्च 2019: आज आप अपने भौतिक सुख के साधनों को और बढ़ाने के लिए तैयार होगे। आज आप धन निवेश व विदेश के मामलों में बढ़त की ओर होगे। जिसका आपको फायदा होगा। आज आप देखेंगे कि काम-काजी जीवन में कुछ विपरीति स्थितियां हो रही है। जिससे आप परेशान होगे। निजी संबंधों में भी तनाव होगे।

07 मार्च 2019: आज आप अपने अर्थ लाभ को और उच्च करने के लिए तैयार होगे। जिसका आपको फायदा होगा। आप देखेंगे कि आपके पिछले व्यवसायिक प्रयास सफलता में बदल रहे हैं। आज आपको कुछ लोगों से सम्पर्क का लाभ होगा। निजी संबंधों में आज आप पहले से अधिक सक्रिय होगे। किसी सगे रिश्तेदार से तनाव होगे।

Scorpio

07 मार्च 2019: आज आप अपने आजीविका के साधनों को और उच्च करने के लिए कुछ नई योजनाओं को लांच करना चाहेंगे। हालांकि इस काम में कुछ लोगों का सहयोग होगा। और कुछ लोग आपके विरोध में होगे। जिससे आप परेशान होगे। प्रेम संबंधों की मधुरता को बनाने के लिए आप तैयार होगे। किन्तु संतान से तनाव होगे। 

Sagittarius

07 मार्च 2019: आज आप अपने व्यवसाय को विस्तारित करने के लिए कुछ जरूरी निर्णयों को लेने के लिए तैयार होगे। जिससे में आपको सफलता भी होगी। आप देखेंगे कि आज समाजिक जीवन के कामों में ख्याति अर्जित हो रही है। किन्तु नौकरी के क्षेत्रों में परेशानी बढ़ गई है। कुछ लोग आपको पीछे धकेलने में लगे हुए हैं। 

Capricorn

07 मार्च 2019:  आज आप आजीविका के संबंधों में जहाँ कुछ लोगों से सम्पर्क बढ़ाने के लिए तैयार होगे। वहीं धन निवेश व विदेश के मामलों में भी बढ़त अर्जित करने की कोशिशे होगी। आज आप अपने तन की सबलता व मन की प्रसन्नता को खोजने में लगे होगे। निजी रिश्तों में आज तनाव पूर्ण स्थिति होगी। जिससे आप परेशान होगे।

Aquarius

07 मार्च 2019: आज आप कुछ जरूरी निर्णयों को लागू करने में लगे होगे। जिससे रूकी हुई योजनाओं को तय समय में पूरा करने में सहायता प्राप्त होगी। ऐसे युवक व युवतियों को आज जीवन साथी को चुनने में सहायता होगी । जो कि विवाह के योग्य हैं। भौतिक सुख के साधनों को जुटाने में आपको रूकावटें होगी।

Pisces

07 मार्च 2019: आज आप अपने किसी सगे रिश्तेदारी के आमंत्रण में जाने के लिए तैयार होगे। हालांकि आपको आज कई कामों को संभालने की जिम्मेदारी होगी। जिससे आपको अधिक धन व समय देना पड़ सकता हैं। आप देखेंगे कि आज आपको सिर, आंख, दांत व कंधे दर्दो से परेशानी हो रही है। जिससे आप परेशान है।

आज का पांचांग

पंचांग 07 मार्च 2019

विक्रमी संवत्ः 2075, 

शक संवत्ः 1940, 

मासः फाल्गुऩ, 

पक्षःशुक्ल पक्ष, 

तिथिः प्रतिपदा रात्रि 11.44 तक, 

वारः गुरूवार, 

नक्षत्रः पूर्वाभाद्रपद रात्रि 08.54 तक, 

योगः साध्य सांयः 04.02 तक, 

करणः किंस्तुघ्न, 

सूर्य राशिः कुम्भ, 

चंद्र राशिः कुम्भ, 

राहुकालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.44, 

सूर्यास्तः 06.21 बजे।

विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

तथागत सत्पथेय: राजनीति से पत्रकारिता की ओर

तथागत सत्पथी (Tathagata Satpathy): जिस दौर में पत्रकारिता को सीढ़ी बनाकर तमाम लोग विधायक-सांसद और मंत्री बनकर सत्ता का सुख लेने की कोशिश करते हैं, जिसके ढेरों उदाहरण भी हैं, उस दौर में इस सांसद ने पत्रकारिता के लिए राजनीति से संन्यास लेकर नजीर पेश की है.

तथागत सत्पथी ने पत्रकारिता करने के लिए राजनीति से लिया संन्यास
बीजद से चार बार के सांसद हैं तथागत सत्पथी
जब पत्रकार से लोग नेता बनते हैं, तब सांसद ने रची मिसाल

मिलिए ऐसे सांसद से, जिन्होंने पत्रकारिता के लिए राजनीति से संन्यास लेकर चौंकाया
तथागत सत्पति (Tathagata Satpathy), ओडिशा के BJD सांसद, ने पत्रकारिता के लिए राजनीति से लिया संन्यास…
खास बातें

नई दिल्ली: तथागत सत्पति (Tathagata Satpathy) ऐसा नाम है, जिन्होंने विरला ही काम कर दिखाया है. दरअसल, देश में पत्रकार से नेता बनने के अतीत और वर्तमान में बहुत से उदाहरण हैं. मगर कोई नेता अगर पत्रकारिता में आने के लिए राजनीति से तौबा कर ले, तो बात मायने रखती है. यह बात, तब और भी खास हो जाती है, जब ऐसा फैसला लेने वाला शख्स कोई हाशिये पर पहुंचा नेता होने की जगह पार्टी और इलाके का एक सक्रिय सांसद हो और पूर्व मुख्यमंत्री का बेटा भी. 80 और 90 साल की उम्र में भी जब कई नेता राजनीति से संन्यास नहीं लेते, तब 62 साल की उम्र मे ही इस सांसद ने राजनीति को अलविदा कह दिया है. बात हो रही है ओडिशा के सत्ताधारी BJD के सांसद की. चार बार के सांसद तथागत सत्पति (Tathagata Satpathy) ने पत्रकारिता की दुनिया में फिर लौटने के लिए राजनीति से संन्यास लेने का मंगलवार को ऐलान कर सबको चौंका दिया है.

काबिलेगौर है कि सांसद तथागत सत्पति (Tathagata Satpathy) की मां नंदिनी सत्पथी प्रख्यात लेखिका के साथ ओडिशा की मुख्यमंत्री रह चुकीं हैं. वे 14 जून, 1972 से 16 दिसम्बर, 1976 तक राज्य की मुख्यमंत्री रहीं. चार अगस्त 2006 को भुवनेश्वर में नंदिनी का निधन हो गया था. तथागत सूबे के ढेंकनाल निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद हैं. उन्होंने टि्वटर पर कहा, ‘‘अब पत्रकारिता में और निडर आवाजों की जरुरत है. पत्रकारिता पर फिर से ध्यान केंद्रित करने के लिए अपने आप को राजनीति से दूर कर रहा हूं. इतने वर्षों में सहयोग के लिए अपने नेता नवीन पटनायक का आभारी हूं. यह अहसास हुआ कि लोगों की सेवा करने के लिए राजनीति एकमात्र जरिया नहीं है.’

एक अन्य ट्वीट में तथागत ने अपने उन वोटर्स का भी आभार जताया, जिन्होंने उन्हें हमेशा समर्थन और प्यार दिया. उन्होंने कहा कि देश में सामाजिक नेतृत्व का अभाव है और यह समय है युवा नेतृत्व को भी मौका देने का.