Police File

DATED 12.02.2019 :

One arrested for consuming liquor at public place

             One case U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC have been registered in PS-3, Chandigarh against one person who was arrested while consuming liquor at public place on 11.02.2019. This drive will be continuing in future, the general public is requested for not breaking the law.

One arrested for Theft

Chirag Pahwa R/o # 3265, Sector-45/D, Chandigarh alleged that Sanjay R/o # 2766, Ward No.1, Near Bus Stand, Shastri Mandi Bhuna, Distt.-Fatehabad, Haryana who was caught while he stolen complainant’s motor cycle No. PB-13AG-8163 from near his residence on 10.02.2019. A case FIR No. 48, U/S 379, 34, 411 IPC has been registered in PS-34, Chandigarh. Accused person arrested has been arrested in this case. Investigation of the case is in progress.

Abducted/missing

A lady resident of Mauli Jagran, Chandigarh reported that complainant’s daughter aged about 17 years has been abducted/missing from her residence since 11.02.2019. A case FIR No. 31, U/S 363, 366 IPC has been registered in PS-Mauli Jagran, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Burglary

Charanjit Singh R/o # 2089, Sector-44/C, Chandigarh reported that unknown person stolen away donation box containing cash Rs. 60/70 thousand from Gurudwara Singh Sabha, Phase-II, Industrial Area, Chandigarh after breaking locks on night intervening 10/11.02.2019. A case FIR No. 53, U/S 380, 457 IPC has been registered in PS-31, Chandigarh. Investigation of the case is in progress. 

MV Theft

Ajay Bhardwaj R/o # 3091, Sector-41/D, Chandigarh reported that unknown person stolen away complainant’s bullet motor cycle No. CH-01BL-5526 while parked near his residence on night intervening 25/26.01.2019. A case FIR No. 29, U/S 379 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

धरने ने बदले कई रंग

राजकुमार, पंचकुला:

फोटो: राजकुमार

शहर में नगर निगम के घोटालों को लेकर मुखर रहने वाले बजरंग दास गर्ग ने व्यापार मण्डल के साथ धरणे का आयोजन किया।


फोटो: राजकुमार

पहले चरण में यह धरना बजरंग दास गर्ग की अध्यक्षता में लगा,फिर एकाएक कांग्रेस नेत्री दर्जनो समर्थको संग पहुंची, ऐसा लगा मानो कार्यक्रम capture कर लिया हो, फिर पूर्व विधायक स्वर्गीय डी के बंसल के नज़्दीकी व उनके osd (चटठा)जी का आगमन, उसके तुरंत बाद सेठी ढ़ाबा संचालक पेड लगाओ अभियान जागरूकता अभियान के साथ वहा पहुंचे |

फोटो: राजकुमार

एक दूसरे को फूल मालाए पहनाय गई | एक पल के लिए यह दृश्य व्यापार मंडल का ना होकर राजनीतिक लगा | लेकिन इस शुरुआती कार्यक्रम में एक कमी दिखाई पड रही है वो है सैक्टर 7 मार्किट के व्यापारी वर्ग का ना होना | कार्यकम में व्यापारी वर्ग की बेहद कमी के चलते आसपास खडे लोगो का यही कहना था कि धरना देने का बीड़ा जिसने भी उठाया तारीफ योग्य है लेकिन क्या इस धरने की आवाज सरकार तक या सरकारी तंत्र के कानो तक कोई असर करेगी

अगर सरकार नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ नहीं करती तो जनता आगामी लोकसभा चुनाव में वोट की चोट मारकर जबाब देगी – बजरंग गर्ग

ख़बर और फोटो: राज कुमार


Photo: Raj Kumar

 पंचकूला – नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारी द्वारा करोड़ों रुपए के घोटाले पर घोटाले करने के विरोध में आज सेक्टर 7 की मेन मार्केट में शहर के प्रतिनिधियों द्वारा हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग की अध्यक्षता में धरना देकर जोरदार प्रदर्शन किया। इस धरने में लोग हितकारी सोसाइटी के प्रधान राकेश अग्रवाल, हुमन राइट्स के महासचिव नरेन्द्र सिंह, जिला पंचकुला विकास ट्रस्ट के सरंक्षक राम चरण सिंगला व व्यापार मंडल के प्रदेश संगठन सचिव कृष्ण गोयल चार प्रतिनिधियों को माला पहनाकर प्रान्तीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने भूख हड़ताल पर बैठाने का शुभआरंभ किया।

व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने धरने पर उपस्थित प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर सरकार ने नगर निगम में घोटाला करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की तो पंचकूला जिला की जनता आगामी लोकसभा चुनाव में वोट की चोट मारकर सरकार को जगाने का काम करेगी और आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव में नगर निगम में हो रहे घोटाले पर घोटाले का मुख्य मुद्दा रहेगा। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि जिस प्रकार नगर निगम के अधिकारियों ने पंचकूला के विकास की आड़ में सरकारी धन को लूटने का खेल खेला जा रहा है। जिसके लिए नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ करोडों रुपए घोटाले करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए थी। मगर हरियाणा सरकार प्रभावशाली नेताओं के दबाब में उन पर कार्यवाही करने की बजाय और ज्यादा घोटाले पर घोटाले करने के लिए नगर निगम के अधिकारियों को सहयोग कर रही है।


Byte: Raj Kumar

प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा नगर निगम में खाली चौकों के निर्माण में घोटाला नहीं नगर निगम ने एक साल में लगभग 300 करोड रुपए पंचकूला निर्माण में खर्च किए हैं। सरकार को कम से कम एक साल में जो भी निर्माण कार्य नगर निगम के अधिकारियों ने अपने चहेते ठेकेदारों से करवाए हैं उनकी उच्च स्तरीय जांच करवाकर जिन भी अधिकारियों ने पैसे हड़पने का काम किया है। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कारवाई करनी चाहिए।

Photo: Raj Kumar

युवा जिला प्रधान बॉबी सिंह ने कहा कि जबकि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सरकार कार्रवाई नहीं करती तबतक पंचकुला जनता का आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर युवा व्यापार मंडल के जिला प्रधान बॉबी सिंह, भजन लाल फाउंडेशन के संस्थापक सिद्धार्थ बिश्नोई, कांग्रेस कंवीनर रंजीता मेहत्ता, पूर्व पार्षद रवि कान्त स्वामी, प्रेम मलिक, व्यापार मंडल के बरवाला इकाई प्रधान अश्वनी सिंगला, प्रदेश संगठन संचिव दर्शन बंसल, पिजौर प्रधान ललीत अग्रवाल, सैक्टर 25 आनन्द अग्रवाल, उपप्रधान बरवाला भूषण राणा, दीपक छाबड़ा, राकेश मंगला, नरेश जैन, नगर सुधार समिति प्रधान ओम प्रकाश गोयल, जिला महासचिव बीडी गर्ग, आप पार्टी संगठन मंत्री अजय गौतम, सैक्टरी विजय पेठा, पूर्व जिला प्रधान सतनाम सिंह चठ्ठा, मलवीन्द्र सिंह बेदी, पूनम सेहगल, युवा कांग्रेस जिला प्रधान मुकेश सिरसवाल, कांग्रेस युवा जिला उपप्रधान अंकुर गुलाटी, लिगल सिंल प्रधान उदीत मंेदीरत्ता, शहरी प्रधान युवा सौरभ गर्ग, महासचिव राज कुमार नारंग, संजीव कपूर, प्रमोद डाबला, अनिल चौहान, सर्राफा एसो के प्रधान दीपकृष्ण चौहान, सैक्टर 19 प्रधान नरेश नारंग, रेडी फेडी प्रधान महावीर राणा, कृष्ण गुप्ता, सुमीत अग्रवाल, प्रिस शर्मा, पंकज शर्मा, के एस चौधरी, विजय बराड़ भारी संख्या में मौजूद थे। 

बसंत पंचमी को याद आए वीर बालक हकीकत राय

कुछ नाम अपने से पहले किसी ना किसी उपाधि से सँवारे जाते हैं, महात्मा गांधी, गुरुदेव रबीन्द्र नाथ, उसी प्रकार जब हम वीर बालक की बात करते हैं या उच्चारते हैं तो एक ही नाम मस्तिष्क में आता है “वीर बालक हकीकत राय”.। हकीकत राय कए नाम के आगे वीर बालक ना लगाना एक सामाजिक, धार्मिक अनुबंध है। इस बालक के बलिदान ई कथा ना केवल पंजाब की पुण्य भूमि पर गाया जाता है अपितु सम्पूर्ण उत्तरपथ में इस वीर बालक को पूजा जाता है। बसंत पंचमी और वीर बालक हकीकत राय एक दूसरे के पूरक हैं।

राजवीरेन्द्र वसिष्ठ, धर्म/संसकृति डेस्क, चंडीगढ़ :

वीर बालक हकीकत राय का जन्म 1728 में सियालकोट में लाला बागमल पुरी के यहाँ हुआ था। इनकी माता का नाम कोरा था। लाला बागमल सियालकोट के तब के प्रसिद्ध सम्पन्न हिंदु व्यापारी थे। वीर हकीकत राय उनकी एकमात्र सन्तान थी। उस समय देश में बाल विवाह प्रथा प्रचलित थी, क्योकि हिन्दुओ को भय रहता था कि कहीं मुसलमान उनकी बेटियो को उठा कर न ले जाये। जैसे आज भी पाकिस्तान और बांग्लादेश से समाचार आते रहते है। इसी कारण से वीर हकीकत राय का विवाह बटाला के निवासी कृषण सिंह की बेटी लक्ष्मी देवी से बारह वर्ष की आयु में कर दिया गया था।

उस समय देश में मुसलमानो का राज था।जिन्होंने देश के सभी राजनितिक और प्रशासिनक कार्यो के लिये फ़ारसी भाषा लागु कर रखी थे।देश में सभी काम फ़ारसी में होते थे। इसी से यह कहावत भी बन गई कि ,“हाथ कंगन को आरसी क्या, और पढ़े लिखे को फ़ारसी क्या”

इसी कारण से बागमल पुरी ने अपने पुत्र को फ़ारसी सिखने के लिये मोलवी के पास उसके मदरसे में पढ़ने के लिये भेजा। कहते है और जो बाद में सिद्ध भी हो गया कि वो पढ़ाई में अपने अन्य सहपाठियों से अधिक तेज था, जिसके चलते मुसलमान बालक हकीकत राय से ईर्ष्या करने लगे।

एक बार हकीकत राय का अपने मुसलमान सहपाठियों के साथ झगड़ा हो गया। उन्होंने माता दुर्गा के प्रति अपशब्द कहे, जिसका हकीकत ने विरोध करते हुए कहा,”क्या यह आप को अच्छा लगेगा यदि यही शब्द मै आपकी बीबी फातिमा (मोहम्द की पुत्री) के सम्बन्ध में कहुँ? इसलिये आप को भी अन्य के प्रति ऐसे शब्द नही कहने चाहिये।” इस पर मुस्लिम बच्चों ने शोर मचा दिया की इसने बीबी फातिमा को गालिया निकाल कर इस्लाम और मोहम्मद का अपमान किया है। साथ ही उन्होंने हकीकत को मारना पीटना शुरू कर दिया। मदरसे के मौलवी ने भी मुस्लिम बच्चों का ही पक्ष लिया। शीघ्र ही यह बात सारे स्यालकोट में फैल गई। लोगों ने हकीकत को पकड़ कर मारते-पीटते स्थानीय हाकिम आदिल बेग के समक्ष पेश किया। वो समझ गया की यह बच्चों का झगड़ा है, मगर मुस्लिम लोग उसे मृत्यु-दण्ड की मांग करने लगे। हकीकत राए के माता पिता ने भी दया की याचना की। तब आदिल बेग ने कहा,”मै मजबूर हूँ।परन्तु यदि हकीकत इस्लाम कबूल कर ले तो उसकी जान बख्श दी जायेगी।” किन्तु वो 14 वर्ष का बालक हकीकत राय ने धर्म परिवर्तन से इंकार कर दिया। अब तो काजी, मौलवी और सारे मुसलमान उसे मारने को तैयार हो गए। ऐसे में बागमल के मित्रो ने कहा कि स्याकोट का वातावरण बहुत बिगड़ा हुआ है, यहाँ हकीकत के बचने की कोई आशा नही है। ऐसे में तुम्हे पंजाब के नवाब ज़करिया खान के पास लाहौर में फरियाद करनी चाहिये। बागमल ने रिश्वत देकर अपने बेटे का मुकदमा लाहौर भेजने की फरियाद की जो मंजूर कर ली गई।

सयालकोट से मुगल घुड़सवार हकीकत को लेकर लाहौर के लिये रवाना हो गये। हकीकत राय को यह सारी यात्रा पैदल चल कर पूरी करनी थी। उसके साथ बागमल अपनी पत्नी कोरा और अन्य मित्रो के संग पैदल चल पड़ा। उन्होने हकीकत की पत्नी को बटाला उसके पिता के पास भिजवा दिया। कहते है कि लक्ष्मी से यह सारी बाते गुप्त रखी गई थी। परन्तु मार्ग में उसकी डोली और बन्दी बने हकीकत का मेल हो गया। जिससे लक्ष्मी को सारे घटनाक्रम का पता चला।फिर। भी उसे समझा-बुझा कर बटाला भेज दिया गया।

दूसरी तरफ स्यालकोट के मुसलमान भी स्थानीय मौलवियो और काजियों को लेकर हकीकत को सजा दिलाने हेतु दल बना कर पीछे पीछे चल पड़े। सारे रास्ते वो हकीकत राय को डराते धमकाते, तरह तरह के लालच देते और गालिया निकलते चलते रहे। अगर किसी हिन्दू ने उसे सवारी या घोड़े पर बिठाना चाहा भी तो साथ चल रहे सैनिको ने मना कर दिया। मार्ग में जहाँ से भी हकीकत राय गुजरा, लोग साथ होते गये।

आखिर दो दिनों की यात्रा के बाद हकीकत राय को बन्दी बनाकर लानेवाले सेनिक लाहौर पहुंचे।अगले दिन उसे पंजाब के तत्कालिक सूबेदार ज़करिया खान के समक्ष पेश किया गया। यहाँ भी हकीकत के स्यालकोट से आये मुस्लिम सहपाठियों, मुल्लाओं और काजियों ने हकीकत राय को
मौत की सज़ा देने की मांग की। उन्हें लाहौर के मुस्लिम उलेमा का भी समर्थन मिल गया। नवाब ज़करिया खान समझ तो गया की यह बच्चों का झगड़ा है, मगर मुस्लिम उलेमा हकीकत की मृतयु या मुसलमान बनने से कम पर तैयार न थे। वास्तव में यह इस्लाम फेलाने का एक ढंग था। सिक्खों के पांचवे गुरु श्री गुरु अर्जुनदेव और नोवै गुरु श्री गुरु तेगबहादुर जी को भी इस्लाम कबूलने अथवा शहीदी देने की शर्त रखी गयी थी।

परन्तु यहाँ भी हकीकत राय ने अपना धर्म छोड़ने से मना कर दिया।उसने पूछा,”क्या यदि मै मुसलमान बन जाऊ तो मुझे मौत नही आएगी? क्या मुसलमानो को मौत नही आती?” तो उलिमायो ने कहा,”मौत तो सभी को आती है।” तब हकीकत राय ने कहा,”तो फिर मै अपना धर्म क्यों छोड़ू ,जो सभी को ईश्वर की सन्तान मानता है और क्यों इस्लाम कबुलूँ जो मेरे मुसलमान सहपाठियों के मेरी माता भगवती को कहे अपशब्दों को सही ठहराता है, मगर मेरे न कहने पर भी उन्ही शब्दों के लिये मुझसे जीवित रहने का भी अधिकार छिन लेता है। जो दीन दूसरे धर्म के लोगो को गालिया निकलना, उन्हें लूटना, उन्हें मारना और उन्हें पग पग पर अपमानित करना अल्ला का हुक्म मानता हो,मै ऐसे धर्म को दूर से ही सलाम करता हूं।”

इस प्रकार सारा दिन लाहौर दरबार में शास्त्रार्थ होता रहा,मगर हकीकत राय इस्लाम कबूलने को तैयार ना हुआ। जैसे जैसे हकीकत की विद्वता, साहस और बुद्धिमता प्रगट होती रही, वैसे वैसे मुसलमानो में उसे दीन मनाने का उतसाह भी बढ़ता जा रहा था। परन्तु कोई स्वार्थ,कोई लालच और न ही कोई भय उस 14 वर्ष के बालक हकीकत को डिगाने में सफल रहा।

आखिरकार हकीकत राय के माता पिता ने एक रात का समय माँगा, जिससे वो हकीकत राय को समझा सके। उन्हें समय दे दिया गया।रात को हकीकत राय के माता पिता उसे जेल में मिलने गए। उन्होंने भी हकीकत राय को मुसलमान बन जाने के लिये तरह तरह से समझाया। माँ ने अपने बाल नोचे, रोइ, दूध का वास्ता दिया, मगर हकीकत ने कहा,”माँ! यह तुम क्या कर रही हो।तुम्हारी ही दी शिक्षा ने तो मुझे ये सब सहन करने की शक्ति दी है। मै कैसे तेरी दी शिक्षाओं का अपमान करूँ। आप ही ने सिखाया था कि धर्म से बढ़ के इस संसार में कुछ भी नही है। आत्मा अमर है।”

अगले दिन वीर बालक हकीकत राय को दोबारा लाहौर के सूबेदार के समक्ष पेश किया गया। सभी को विश्वास था कि हकीकत आज अवश्य इस्लाम कबूल कर लेगा। उससे आखरी बार पूछा गया कि क्या वो मुसलमान बनने को तैयार है।परन्तु हकीकत ने तुरन्त इससे इंकार कर दिया। अब मुस्लिम उलेमा हकीकत के लिये सजाये मौत मांगने लगे। ज़करिया खान ने इस पर कहा,” मै इसे मृत्यु दण्ड कैसे दे सकता हु। यह राष्ट्रद्रोही नही है और ना ही इसने हकुमत का कोई कानून तोड़ा है?” तब लाहौर के काजियों ने कहा कि यह इस्लाम का मुजरिम है। इसे आप हमे सौंप दे। हम इसे इस्लामिक कानून(शरिया) के मुताबिक सजा देगें। दरबार में मौजूद दरबारियों ने भी काजी की हाँ में हाँ मिला दी। अत: नवाब ने हकीकत राय को काजियों को सौंप दिया कि उनका निर्णय ही आगे मान्य होगा।

अब लाहौर के उलेमाओं न मुस्लिम शरिया के मुताबिक हकीकत की सजा तय करने के लिये बैठक की। इस्लाम के मुताबिक कोई भी व्यक्ति इस्लाम, उसके पैगम्बर और कुरान की सर्वोच्चता को चुनोती नही दे सकता। और यदि कोई ऐसा करता है तो वो ‘शैतान’ है। शैतान के लिये इस्लाम में एक ही सजा है कि उसे पत्थर मार मार कर मार दिया जाये। आज भी जो मुसलमान हज पर जाते है,उनका हज तब तक पूरा नही माना जाता जब तक कि वो वहाँ शैतान के प्रतीकों को पत्थर नही मारते। कई मुस्लिम देशो में आज भी यह प्रथा प्रचलित है।लाहौर के मुस्लिम उलिमियो ने हकीकत राय के लिये भी इसी सजा का फतवा दे डाला।

1849 में गणेशदास रचित पुस्तक,‘चार-बागे पंजाब’ के मुताबिक इसकेलिय लाहौर में बकायदा मुनादी करवाई गई कि अगले दिन हकीकत नाम के शैतान को (संग-सार) अर्थात पत्थरो से मारा जायेगा और जो जो मुसलमान इस मौके पर सबाब(पुण्य) कमाना चाहे आ जाये।

अगले दिन बसन्त पंचमी का दिन था जो तब भी और आज भी लाहौर में भी भरी धूमधाम से मनाया जाता है। वीर हकीकत राय को लाहौर की कोतवाली से निकाल कर उसी के सामने गड्ढा खोद कर कमर तक उसमे गाड़ दिया गया। लाहौर के मुसलमान शैतान को पत्थर मारने का पूण्य कमाने हेतु उसे चारो तरफ से घेर कर खड़े हो गए। हकीकत राय से अंतिम बार मुसलमान बनने के बारे में पूछा गया। हकीकत ने अपना निर्णय दोहरा दिया कि मुझे मरना कबूल है पर इस्लाम नही।इस ने लाहौर के काजियों ने हकीकत राय को संग-सार करने का आदेश सुना दिया। आदेश मिलते ही उस 14 वर्ष के बालक पर हर तरफ से पत्थरो की बारिश होने लगी। हजारो लोग “अल्लाहू-अकबर, अल्लाहू -अकबर” चिल्लाते हुये उस बालक पर पत्थर बरसा रहे थे, जबकि हकीकत ‘राम-राम’ का जाप कर रहा था। शीघ्र ही उसका सारा शरीर पत्थरो की मार से लहूलुहान हो गया और वो बेहोश हो गया। अब पास खड़े जल्लाद को उस बालक पर दया आ गयी की कब तक यह बालक यूँ ही पत्थर खाता रहेगा। इससे यही उचित है की मैं ही इसे मार दूँ। इतना सोच कर उसने अपनी तलवार से हकीकत राय का सिर काट दिया। रक्त की धरायेँ बह निकली और वीर हकीकत राय 1742 में बसन्त पंचमी के दिन अपने धर्म पर बलिदान हो गया।

दोपहर बाद हिन्दुओ को हकीकत राय के शव के वैदिक रीती से संस्कार की अनुमति मिल गई।हकीकत राय के धड़ को गड्ढे से निकाला गया। उसके शव को गंगाजल से नहलाया गया। उसकी शव यात्रा में सारे लाहौर के हिन्दू आ जुटे। सारे रास्ते उस के शव पर फूलों की वर्षा होती रही।इतिहास की पुस्तको में दर्ज है कि लाहौर में ऐसा कोई फूल नही बचा था जो हिन्दुओ ने खरीद कर उस धर्म-वीर के शव पर न चढ़ाया हो। कहते है कि किसी माली की टोकरी में एक ही फूलो का हार बचा था जो वो स्वयं चढ़ाना चाहता था, मगर भीढ़ में से एक औरत अपने कान का गहना नोच कर उसकी टोकरी में डाल के हार झपट कर ले गई। 1 पाई में बिकने वाला वो हार उस दिन 15 रुपये में बिका। यह उस आभूषण का मूल्य था। हकीकत राय का अंतिम संस्कार रावी नदी के तट पर कर दिया गया।

जब हकीकत के शव का लाहौर में संस्कार हो रहा था,ठीक उसी समय। बटाला में उसकी 12 वर्ष की पत्नी लक्ष्मी देवी अपने मायके बटाला (अमृतसर से 45 किलोमीटर दूर) में थी। हकीकत राय के बलिदान के पश्चात उसने अपने पति की याद में कुँआ खुदवाया और अपना समस्त जीवन इसी कुएं पर लोगों को जल पिलाते हुये गुजार दिया। बटाला में लक्ष्मी देवी की समाधि और कुँआ आज भी मौजूद है। यहाँ हर वर्ष बसन्त पंचमी को मेला लगता है और दोनों के बलिदान को नमन किया जाता है। लाहौर में हकीकत राय की दो समाधिया बनाई गई। पहली जहाँ उन्हें शहीद किया गया और दूसरी जहाँ उनका संस्कार किया गया। महाराजा रणजीत सिंह के समय से ही हकीकत राय की समाधियों पर बसन्त पंचमी पर मेले लगते रहे जो 1947 के विभाजन तक मनाया जाता रहा।1947 में हकीकत राय की मुख्य समाधि नष्ट कर दी गई। रावी नदी के तट पर जहाँ हकीकत राय का संस्कार हुआ था,वहाँ लाहौर निवासी कालूराम ने रणजीत सिंह के समय में पुनुरुद्धार करवाया था, इससे वो कालूराम के मन्दिर से ही जाने जाना लगा। इसी से वो बच गया और आज भी लाहौर में वो समाधि मौजूद है

हकीकत राय के गृहनगर स्यालकोट में उसके घर में भी उसकी याद में समाधि बनाई गई, वो भी 1947 में नष्ट कर दी गई।

इस धर्म वीर के माता पिता अपने पुत्र की अस्थिया लेकर हरिद्वार गए, मगर फिर कभी लौट के नही आये।

वीर हकीकत राय के बारे में पंजाब में वीर गाथाये लिखी और गायी जाती रही। सर्वप्रथम अगरे ने 1772 में हकीकत की गाथा काव्य शैली में लिखी। इसके अतिरिक्त सोहन लाल सूरी, गणेशदास वढेरा, गोकुलचन्द नारंग, स्वामी श्रदां नंद, गण्डा सिंह और अन्य सिख इतिहासकारो ने भी हकीकत राय पर लिखा है।

हकीकत राय के बलिदान का पभाव

हकीकत राय का बलिदान से पंजाब में एक नए युग का सूत्रपात हुया। इस बलिदान से हिंदुयों और सिखों में रोष फैल गया। अहमदशाह अब्दाली के काल मेंसिखों ने सियालकोट पर आक्रमण कर इसके8 इट से ईंट बजा दी। उन्होंने सारे स्यालकोट को जला कर राख कर डाला। 1748 में जम्मू के राजा रंजीतदेव ने इसे अपने अधिकार में ले लिया।परन्तु इसके बाद भी यह शहर न बस सका।1849 में अंग्रेजी राज्य स्थापित होने पर ही स्यालकोट पुन: बसना आरम्भ हुया। पुराने समय की स्यालकोट में केवल हकीकत राय की समाधि ही शेष थी। शेष सारा नगर दोबारा बसाया गया।

वीर हकीकत राय ने भले ही लंबी आयु न भोगी, छोटी आयु में ही उसका बलिदान हो गया, परन्तु उसका बलिदानी रक्त आज तक भी प्रति वर्ष बसन्त के पवित्र पर्व पर हिदू जाति में अमृत्व की भावना का संचार कर रहा है और युगों युगों तक करता रहेगा। बसन्तपंचमि के शुभ अवसर पर इस धर्म वीर अमर बलिदानी वीर हकीकत राय और उनकी पत्नी श्री लक्ष्मी देवी को उनके बलिदान दिवस पर शत शत नमन करते है। हमारा सभी का यह परम कर्तव्य है कि हम बालक हकीकत के जीवन चरित्र को अधिक से अधिक लोगो तक पहुंचाए, जिससे हम अभय होकर आगे बढ़ें। जीवन भले ही छोटा हो, परन्तु हकीकत के जीवन सा यशस्वी हो।

आज का राशिफल

Aries

12 फरवरी 2019: आज आपका अधिकांश समय वस्तुओं को व्यवस्थिति करने मे खर्च होगा। जिससे आप कुछ परेशान होगे। आपको स्थानान्तरित होकर कही आजीविका की सेवाएं देने जाना होगा। आज देखेंगे कि वस्त्राभूषणों व स्वाष्टि व्यंजनों का लाभ होगा। किन्तु सेहत थकी हुई होगी। प्रेम संबंधों में संवादों का क्रम थमा होगा।

Taurus

12 फरवरी 2019:  आज का दिन आपके मन मष्तिष्क को तरोताजा बनाने वाला होगा। आप कुछ रचनात्मक कार्यों को अंतिम रूप देने में व्यस्त होगे। हालांकि कुछ पुरानी सेवाओं को पुनः प्राप्त करने के लिए आपको लोगों से सम्पर्क बढ़ाना होगा। पत्नी व बच्चों के साथ आप प्रसन्न होगे। उन्हें किसी वांछित स्थान में भ्रमण हेतु ले जाएंगे।

Gemini

12 फरवरी 2019:  आज आप अपने भौतिक सुख के साधनों विस्तारित करने की अपेक्षा धन को ऐसी जगह लगाना चाहेंगे। जहाँ से आपको लाभ अर्जित हो। आप देखेंगे कि आज किसी रिश्तेदारी से आए हुए आमंत्रण में जाना जरूरी है। निजी संबंधों में साथी के साथ कुछ तनाव होगे। स्वास्थ्य इस दौरान पीड़ित सा होगा।

Cancer

12 फरवरी 2019:  आज का दिन आपके ज्ञान को और प्रखर करने वाला होगा। जिससे आप प्रसन्न होगे। आप देखेंगे कि भौतिक सुख के साधनों को जुटाना आज जरूरी है। यदि आप पढ़ने वाले छात्र है। तो आपको आज विषयों को तैयार करने में रूचि होगी। निजी संबंधों में चाहत की स्थिति आज बनी हुई होगी। जिससे आप प्रसन्न होगे। 

Leo

12 फरवरी 2019:  आज का दिन आपके सेहत के लिहाज से बढ़िया होगा। आप काम के साथ आराम को भी तब्जों देने में व्यस्त होगे। आज भौतिक सुख के साधनों को जुटाने मे महती प्रगति की स्थिति होगी। सर्विस/पेशा के मामलों में आपको बढ़त अर्जित होगी। किन्तु आय को उच्च करने में कुछ परेशानी की स्थिति बनी हुई होगी।

Virgo

12 फरवरी 2019: आज आप घर परिवार की उन्नति के लिए जागरूक होगे। ऐसे कामों को प्राथमिकता होगी। जो बाहर के है। आप आज कुछ धर्म के कामों को पहले करने के विचार में होगे। किसी ज्येष्ठ व्यक्ति से अनुभव का लाभ होगा। किन्तु नौकरी के क्षेत्रों में आज आपको तनाव से गुजरना पड़ सकता है। जिससे परेशानी होगी।

12 फरवरी 2019: आज आप जहाँ आजीविका के क्षेत्रों को विस्तारित करने के लिए सोचेंगे। वहीं किसी प्रतियोगी क्षेत्रों में अपना स्थान प्राप्त करने के लिए लगे होगे। आप अपने तकनीक ज्ञान को विस्तारित करने के लिए कुछ लोगों से सम्पर्क मे होगे। सेहत के लिहाज से आज का दिन ज्यादा अनुकूल नहीं होगा। उपचार लेना होगा।

Scorpio

12 फरवरी 2019:  आज आपकी कार्मिक योग्यताओं व क्षमताओं को देखते हुए आपके अधिकार क्षेत्रों को विस्तारित किए जाने पर जोर होगा। आप बढ़ते हुए काम को दवाब की तरह नहीं, बल्कि एक अवसर की तरह लेना चाहेंगे। स्वास्थ्य सुखद व सुन्दर होगा। निजी संबंधों में मधुरता की स्थिति मन को  प्रसन्नता देने वाली होगी।

Sagittarius

12 फरवरी 2019:  आज आपकी कार्मिक योग्यताओं व क्षमताओं को देखते हुए आपके अधिकार क्षेत्रों को विस्तारित किए जाने पर जोर होगा। आप बढ़ते हुए काम को दवाब की तरह नहीं, बल्कि एक अवसर की तरह लेना चाहेंगे। स्वास्थ्य सुखद व सुन्दर होगा। निजी संबंधों में मधुरता की स्थिति मन को  प्रसन्नता देने वाली होगी।

Capricorn

12 फरवरी 2019:  आज आप लगातार अपने प्रर्दशन को उम्दा रखने में लगे होगे। आप देखेंगे कि लोगों का बढ़िया सहयोग आपको प्राप्त हो रहा है। जिससे आप प्रसन्न हो रहे हैं। आपके द्वारा लिए गए निर्णय  अर्थ लाभ की स्थिति को मजबूत बना रहे हैं। प्रेम संबंधों में साथी को उनकी रूचि के अनुसार उपहार देने की इच्छा होगी।

Aquarius

12 फरवरी 2019:  आज का दिन आपके स्वास्थ्य को सुखद व अनुकूल बनाने वाला होगा। जिससे आप अपने कामों को सामान्य रूप से करते हुए होगे। आप देखेंगे कि भौतिक सुख के साधनों का बढ़िया लाभ होगा। आज आपके घर में शुभ व सकारात्मक माहौल होगा। जिससे आप प्रसन्न होगे। किन्तु संतान पक्ष को लेकर चिंता होगी।

Pisces

12 फरवरी 2019: आज आप अपने व्यापारिक दायरे को और बढ़ाने में व्यस्त होगे। आप देखेंगे कि आज आपको कोई जरूरी सूचना प्राप्त होने के आसार होगे। समाजिक जीवन में सुख-शांति का विस्तार होगा। आज आप अपने सगे भाई के साथ समांजस्य स्थापित करने में सफल होगे। किन्तु घर के जरूरी उपकरणों को जुटाने में समय देना होगा।

आज का पांचांग

पंचांग 12 फरवरी 2019

विक्रमी संवत्ः 2075, 

शक संवत्ः 1940, 

मासः माघ़, 

पक्षःशुक्ल पक्ष, 

तिथिः सप्तमी अपराहन 03.55 तक, 

वारःमंगलवार, 

नक्षत्रः भरणी, रात्रि 10.11 तक, 

योगः शुक्ल प्रातः 11.28 तक, 

करणः वणिज, 

सूर्य राशिः मकर, 

चंद्र राशिः मेष, 

राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक, 

र्योदयः 07.06, 

सूर्यास्तः 06.05 बजे।

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन, मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।