अश्लील फोटो दिखा कर बच्ची से करता था छेड़ छाड़ अब पुलिस हिरासत में

फोटो और ख़बर: कपिल नागपाल

पंचकूला के मोरनी में सैलुंन चालाने वाला 57 साल का आदमी 5 साल की बच्ची को अश्लील वीडियो दिखाकर करता था छेड़छाड़। बच्ची ने यह सारी हरकत अपने परिवार को बताई परिवार और गांव वालों ने पहले आदमी को पीटा बाद में पुलिस के हवाले कर दिया पुलिस ने देर रात युवक को महिला थाना पंचकूला लाई गई और किया गया मामला दर्ज।

आज किया जायेगा कोर्ट में पेश।

फोटो: कपिल नागपाल

खुले में नमाज़ – एक विश्लेषण

वाइज़ शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर, या वोह जगह दिखा दे जहां पर खुदा ना हो

Er. S. K. Jain

उत्तर प्रदेश के जिला नोएडा में एक पार्क में नमाज़ पढ़ने पर लोगों ने आपत्ति जगाई थी। नोएडा पुलिस ने नोटिस जारी कर इस पर रोक लगा दी थी। देश का एक बुद्धिजीवी वर्ग इसे धार्मिक असहनशीलता की नज़र से देखने लगा है। सोशल मीडिया पर इसे भड़काने की कोशिश हो रही है। यह विश्लेषण किसी एक धर्म या नमाज़ को ले कर नहीं बल्कि उस सोच पर है जिसके तहत लोग सड़कों पर प्रदर्शन करते हैं। धार्मिक भावनाओं की जगह अपने दिल में ओर अपने घर में होनी चाहिए, सड़कों या पार्कों में नहीं। किसी भी ऐसे कार्यक्र्म को जिससे लोगों को परेशानी हो, धार्मिक नहीं माना जा सकता है। धार्मिक कार्यक्रमों के लिए लाउडस्पीकर का प्रयोग ख़त्म कर देना चाहिए। इससे लोगों को परेशानी होती है और ध्वनि प्रदूषण भी फैलता है। लाउडस्पीकर का प्रयोग तो मद्धम आवाज़ में और जन कल्याण की घोषणाओं इत्यादि के लिए ही होना चाहिए।

विडम्बना यह है की हमारे देश में अल्पसंख्यकों के हितों की बातें करने को धर्मनिरपेक्षता माना जाता है और बहुसंख्यकों की बात करने को असहनशीलता से जोड़ दिया जाता है। किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना मेरा मकसद नहीं है।

यह सारा विवाद नोएडा के एक पार्क से शुरू हुयथा। जहां आस पास की बहुत सी कंपनियों में काम करने वाले मुस्लिम कर्मचारी इस पार्क में अक्सर नमाज़ पढ़ते हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक पहले नमाज़ पढ़ने वालों की संख्या कम होती थी बल्कि सिर्फ दफ्तरों में काम करने वाले ही आते थे, लेकिन अब तो आस पास के लोग भी जुडते गए और कारवां बढ़ता गया। अब तो 500 से 700 लोग हर जुम्मे को जुम्मा करने आने लगे हैं। इसके साथ बिरयानी और दूसरे व्यंजन बेचने वालों का भी जमावड़ा शुरू हो गया है।

यू॰पी॰ पुलिस ने उचित कार्यवाही करते हुए संबन्धित लोगों को नोएडा प्रकरण से एन॰ओ॰सी॰ ले कर अनुमति लेने को कहा गया है। सिटी मेजिस्ट्रेट के आदेशों के आभाव में उन्हे वहाँ नमाज़ पढ़ने से माना गया है। बिना आदेश के किसी भी धर्म के लोगों को सार्वजनिक स्थान पर कार्यक्र्म करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, एस एस॰एस॰पि डॉ। अजयपाल शर्मा का कहना है कंपनियों को कहा गया है कि अपने कर्मचारियों को बताएं कि पार्कों में नमाज़ पढ़ने न जाएँ, और अगर इसका उल्लंघन हुआ तो इसकी ज़िम्मेदारी इनहि कंपनियों कि होगी।

इसके बाद इस मुद्दे पर पूरे देश में चर्चा होने लगी, कि खुले में नमाज़ पढ़ना जायज है कि नहीं? हमारे देश में जीतने भी लोग अपने आप को धर्म निरपेक्ष या सेकुलर कहने वाले हैं वह खड़े हो गए और कहने लगे कि यह तो बे इंसाफ़ी है। इस मामले में कुछ शरारती तत्त्व भी माहौल बिगाड़ने में जुट गए हैं। पार्कों के अलावा लोग ट्रैफिक जाम करते हैं और सड़कों पीआर नमाज़ पढ्न शुरू कर देते हैं। लोग धर्म का मामला मान कर डर जाते हैं और आपत्ति करने से घबराते हैं। लेकिन इस्लाम के कई जानकार इसे ठीक नहीं मानते। उनका कहना है कि जिस कि जगह पर नमाज पढ़ने के लिए उनसे इजाज़त लेना ज़रूरी है। हमारा संविधान सभी को अपने धर्म कि उपासना करने कि इजाज़त देता है। संविधान के आर्टिकल 25 के अनुसार देश के हर व्यक्ति को अपनी इच्छा से किसी भी धर्म को मानने, उसकी उपासना करने का अधिकार है। सड़कों पर नमाज़ पढ़ने कि समस्या सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि कई और देशों में भी खड़ी हुई थी।

2011 में फ्रांस में ऐसे ही नज़ारे सामने आए। फ्रांस में अपना मुत्तल्ला बिछा कर सड़कों पर नमाज़ अता कि जाती थी। लोगों को बहुत परेशानी हुई और इसके बाद विरोध शुरू हुआ।  सितंबर 2011 में फ्रांस की सरकार ने सड़कों पर नमाज़ पढ़ने पर पाबंदी लगा दी। दुबई में पिछले साल अक्तूबर में सड़क के किनारे नमाज़ पढ़ते हुए लोगों पर एक कर जिसका टायर फट गया था, चढ़ गयी। इससे 2 लोगों की मृत्यु हो गयी। इसके बाद दुबई में सड़क किनारे नमाज़ पढ़ने वालों पर 1000 दरहम (लगभग 19,000/= रुपए) के जुर्माने का प्रावधान रखा गया। चीन के शिंजियांग प्रांत में सरकारी स्कूल, दफ्तरों ओर करप्रेत दफ्तरों में नमाज़ पढ़ने पर पाबंदी है।

इस्लाम के जान कार और लेखक ‘तारिक फतेह’ जो कि आजकल टोरंटो में रहते हैं ने कहा कि “नमाज़ मस्जिद में पढ़नी चाहिए, अगर मस्जिद नहीं है तो घर में जा कर पढ़ें। अगर घर से दूर हों तो आप जहां भी हों वहीं पर नमाज़ पढ़ सकते हैं, लेकिन आप किसी और कि जगह पर जा कर, कबजा कर नमाज़ पढ़ें या जुम्मा करें यह मुमकिन नहीं।“ आपकी नमाज़ से इसी और को नुकसान पँहुचे यह बिलकुल गैर इस्लामिक बात है। फ्रांस, लंदन, स्टोकहोम में भी यही सभी कुछ हुआ। उससे सिर्फ एक नियत नज़र आती है और वह है शरारत की। जैसा की आप भारत (नोएडा) की बात कर रहे हैं, यह कभी भी मान्य नहीं हो सकता।

हमारे देश में इन मुद्दों को बहुत संवेदनशील माना जाता है, और सरकारें भी जान बूझ कर इनसे दूरी बनाए रखतीन हैं। केंद्र और राजी सरकारे मानती हैं कि नमाज़ के बारे में हाथ डालेंगी तो उनके वोट बैंक खतरे में पड़ सकता है, इसीलिए तो इन सब चीजों को नज़रअंदाज़ करतीं हैं, जो कि आगे चल कर नासूर बन जातीं हैं। स्थानीय लोग शिकायत करते हैं ओर सरकारें इन्हे अनसुना कर देतीं हैं। लेकिन यह बात सिर्फ खुले में नमाज़ पर ही लागू नहीं होती, रोजाना हमारे शहर में गली, मुहल्ले या सड़क पर धार्मिक आयोजन, शादी ब्याह व्गैराह होते रहते हैं, बड़े बड़े लाउडस्पीकर बजते रहते हैं, शोर मचाया जाता है, पूरे सड़क,, गली या मोहल्ले को रोक दिया जाता है, औ यह सब बहुत ही भक्तिभाव से किया जाता है।

भारत में ध्वनि प्रदूषण के चले रात 10 बजे से सुयह 6 बजे तक लाउडस्पीकर य पी॰ए॰ सिस्टम का इस्तेमाल करना गैर कानूनी है। लेकिन इस कानून की हर दिन रात और शाम धज्जियां उड़ाई जातीं हैं। लोग इस बात से बी डरते हाँ कि पड़ौसी से दुश्मनी लेना शायद ठीक नहीं होगा।

सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक आयोजन (सभी तरह के) एवं नमाज़ वगैराह बंद कर देने चाहिये। असली पूजा व इबादत तो मन में उठने वाले विचारों से होती है उसके लिए दूसरों को परेशान करने कि ज़रूरत नहीं।

मौसमी चैटर्जी ने भाजपा की सदस्यता ली

फिल्म इंडस्ट्री में शादी के बाद करियर शुरू करना एक हीरोइन के लिए बड़ी चुनौती होती है लेकिन मौसमी ने इस काम को बखूबी किया

फिल्म अभिनेत्री मौसमी चटर्जी ने दिल्ली में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय मौजूद रहे. मौसमी चटर्जी का जन्म कलकत्ता में हुआ था. उनका करियर इसलिए खास है क्योंकि जयंत मुखर्जी से शादी के बाद उन्होंने फिल्मी करियर शुरू किया था.

फिल्म इंडस्ट्री में शादी के बाद करियर शुरू करना एक हीरोइन के लिए बड़ी चुनौती होती है लेकिन मौसमी ने इस काम को बखूबी किया. वह हिंदी और बंगाली सिनेमा की बड़ी अदाकारा रही हैं.

राजेश खन्ना, शशि कपूर, जितेंद्र, संजीव कुमार और विनोद मेहरा के साथ उन्होंने जो किरदार निभाए, वो काफी प्रसिद्ध हुए. वह हिंदी फिल्मों की छठवीं सबसे महंगी कलाकार थीं.

वह 2004 के बाद सक्रिय राजनीति में वापसी कर रही हैं. उन्होंने बंगाल कांग्रेस से चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गई थीं. बीजेपी में शामिल होने से पहले चटर्जी ने कई बड़े नेताओं से मुलाकात की थी.

आज का पंचांग

पंचांग 03 जनवरी 2019

विक्रमी संवत्ः 2075, 

शक संवत्ः 1940, 

मासः पौष़, 

पक्षःकृष्ण पक्ष,

तिथिः त्रयोदशी रात्रि 03.21 तक है, 

वारः गुरूवार, 

नक्षत्रः अनुराधा प्रातः 11.03 तक, 

योगः अतिगण्ड रात्रि 01.47 तक, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः धनु, 

चंद्र राशिः वृश्चिक, 

राहु कालःदोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.19, 

सूर्यास्तः 05.32 बजे।

विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

आज का राशिफल

03 जनवरी 2019: आज आपका स्वास्थ्य पहले की अपेक्षा अधिक सुखद होगा। जिससे आप अपने कामों को पहले से अधिक तत्परता के साथ कर सकेंगे। आप देखेंगे कि आज व्यवसाय को बढ़ाने के बढ़िया अवसर आ रहे है। प्रेम संबंधों में आज मधुर संवादों की स्थिति और तेज हो चली है। किन्तु समय के आभाव के चलते आप परेशान होगे।

03 जनवरी 2019: आज आप अपने काम-काज को लेकर कई बार स्थानीय बाजार में भाग-दौड़ करते हुए होगे। इस दौरान आपको अपने किसी मित्र व रिश्तेदार से भी सहयोग प्राप्त होगा। आज आपको अपनी जेब अधिक ढ़ीली करनी पड़ सकती है। वैसे स्वास्थ्य के लिहाज से आज का दिन कुछ परेशानी भरा होगा। जिसके लिए आपको दवा खानी होगी।

03 जनवरी 2019: आज आप अपनी आमदनी को और बढता हुए तो देखेंगे। किन्तु किसी पुराने लेन-देन को चुकाने में आपका अधिकांश धन खर्च होगा। वैसे आप कुछ अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए तत्पर होगे। प्रेम व चाहत के मामलों आज सुखद पल होगे। किन्तु बाहरी मामलों में आपको परेशानी होगी। निजी सबन्धो मे खुशी होगी।

03 जनवरी 2019: आज आपका स्वास्थ्य सामान्य होगा। जिससे आप कामों को पहले की ही तरह सामान्य रूप से करते रहे होगे। आज के दिन आप कुछ लोगों से सम्पर्क को बढ़ाने के लिए तैयार होगे। आज आपके घर-आंगन में खुशियों के पल होगे। प्रेम संबंधों को मधुर रखने के लिए आपको कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। 

03 जनवरी 2019: आप अपने कामों में पहले से अधिक तेजी लाने के लिए तत्पर होगे। आप देखेंगे कि आज का दिन वैसे आपको कुछ अवसर दे रहा है। जिससे आप अपने परिवार के साथ मेल-मिलाप को बढ़ाने में कामयाब होगे। सेहत सामान्य होगी। प्रेम संबंधों में वार्ताओं को जारी रखने की चुनौती होगी। आपके वाहन में खराबी हो सकती है।

03 जनवरी 2019: आज का दिन आपके लिए दिपचस्प होगा। आप देखेंगे कि कुछ कानूनी मामलों में आप चुपचाप बढ़त हासिल कर रहे है। यद्यपि विरोधी आपके पीछे लगा हुआ है। किन्तु आप सकिय्र रहते हुए उन्हें नाकाम कर देंगे। आज आपके धन के अधिक व्यय होने की स्थिति होगी। स्वास्थ्य में रक्तचाप से परेशानी हो सकती है।

03 जनवरी 2019: आज आप अपने शादी-शुदा जीवन में प्रसन्नता को बढ़ाने के लिए तैयार होगे। पत्नी व बच्चों के साथ आप कुछ अधिक उदार होते हुए उनके मन के मुताबिक वस्तुओं को दिलाना चाहेंगे। यदि आप व्यवसायी हैं, तो आज का दिन आपके लिए बेहतर होगा। वैसे स्वास्थ्य समान्य होगा। किन्तु प्रेम संबंधों में तनाव होगे।

03 जनवरी 2019: आज आप अपने कामों को और अधिक ऊर्जा के साथ करने के लिए तैयार होगे। आज आप अपने अधीन काम करने वालों को तय समय में कामों को निपटाने के लिए मुस्तैद कर देंगे। आप आज किसी यात्रा में जाने के लिए तैयार होगे। वैसे आज आपका धन अधिक व्यय होगा। प्रेम संबंधों में बातों का क्रम अवरूद्ध हो सकता है।

03 जनवरी 2019: आप आज अपने ज्ञान को और उच्च करने के लिए कुछ जरूरी किताबों की खरीद को अंजाम देना चाहेंगे। यदि आप विद्यार्थी है। तो आज आपके ग्रह अधिक शुभ हैं। जिससे आप अपने विषयों को सही ढंग से तैयार करने के लिए तत्पर होगे। स्वास्थ्य ठीक होगा। प्रेम संबंधों में मधुरता होगी। कोई जरूरी वस्तु भूल सकती है।

03 जनवरी 2019: आज आप जहाँ बेहतर स्वास्थ्य के स्वामी होगे। वहीं सांस, जुकाम व ज्वर जैसी पीड़ाएं समाप्त होगी। आप अपने व्यापार को उन्नत करने के लिए पूरी तरह सक्रिय होगे। यदि आप नौकरी करते है। तो आज आपको कुछ अतिरिक्त कामों को करने के लिए कहा जाएंगा। प्रेम संबंध मधुर होगे। धन संग्रह करने की चुनौती होगी। 

03 जनवरी 2019: आज आप अपने पराक्रम को और उच्च करने के लिए तत्पर होगे। यदि आप किसी परीक्षा की तैयारी कर हैं, तो आज आप अच्छा प्रदर्शन की स्थिति मे होगे। घर परिवार से भी आपको पूरा सहयोग प्राप्त होगा। प्रेम संबंधों में आज खुशी की स्थिति कुछ प्रयासों के बाद होगी। नौकरी के क्षेत्रों में कुछ तनाव जैसी स्थिति हो सकती है।

03 जनवरी 2019: आज आप किसी भूमि की खरीद के लिए उसकी कानूनी वैधता को सत्यापित करने के लिए इधर-उधर भाग-दौड़ करते होगे। आप अपने घर-परिवार के साथ तालमेल बिठाने में सफल होगे। धन के मामलों में आज ज्यादा व्यय की स्थिति होगी। स्वास्थ्य के मामलों में आज कुछ दवाई खानी पड़ सकती है।

राफेल से भागे तो किसानों में अटके राहुल

राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान के किसानों आपसे 3,50,000 करोड़ चोरी कर सबसे अमीर लोगों का कर्जा माफ किया

अब यह कुछ नया है, राहुल खुद तो असमंजस में हैं साथ ही दूसरों को भी भ्रम की स्थिति में बनाए रखना चाहते हैं।

राफेल डील पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि काफी समय से ये मुद्दा उठा रहे हैं. पर्रिकर जी की बेडरूम में क्या जानकारी है. क्या फाइलें हैं और इसका प्रभाव नरेंद्र मोदी पर क्या पड़ेगा. अब भाषण में जेटली जी ने बोला कि 1600 करोड़ रुपए का नंबर कहां से आता है. उन्होंने खुद कहा कि 58,000 करोड़ रुपए की डील है. अब इसे 36 से भाग करोगे तो 1600 करोड़ ही तो आता है. तो ये कीमत नहीं है. हमारा कोई नंबर नहीं है.

आज राहुल गांधी को लोक सभा में कई बार शर्मिंदगी उठानी पड़ी। वह पररीकर को लेकर एक अडियो टेप चलाने की मांग कर रहे थे बार बार उठाई जा रही मांग पर जब स्पीकर सुमित्रा महाजन ने पूछा की क्या राहुल उस टेप की प्रामाणिकता की गारंटी लेते हैं तो राहुल पलट गए और अनिल अंबानी का नाम लेने लगे, उन्हे किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने से रोका गया तो वह सदन पर ही तंज़ कसने लगे।

उन्होंने कहा कि डिफेंस मिनिस्टर ने साफ कहा है कि मुझे नए डील के बारे में कुछ नहीं पता है. सच्चाई को छुपाया नहीं जा सकता. जितने भी ये सच्चाई को छुपाने की कोशिश करते हैं. जेटली जी अपने भाषण में कहते हैं 1600 करोड़ का नंबर कहां से आया उन्होंने खुद ही जवाब दे दिया. तो युवा और हिंदुस्तान के किसानों आपसे 3,50,000 करोड़ चोरी कर सबसे अमीर लोगों का कर्जा माफ किया.

राहुल ने कहा कि संसद में डिफेंस मिनिस्टर नहीं खड़े हुए, प्राइम मिनिस्टर नहीं खड़े हुए, लेकिन अरुण जेटली प्रधानमंत्री के एक्शन का बचाव कर रहे हैं. देश जानता है कि नरेंद्र मोदी ने 30,000 करोड़ अपने दोस्त को दिया. ये देश जानता है और नरेंद्र मोदी छुप नहीं सकते.

जबकि आज अरुण जेटली ने संसद में साफ साफ बताया की पूरी दिल 58,000 करोड़ की है जिसमें से आधा ही यानि 29,000 करोड़ offset पार्टनर को मिलेगा जो कि तकरीबन 100 से अधिक ऑफसेट पार्टनर्स में काम के हिसाब से बँटेगा और अनिल अंबानी कि कंपनी को जो कि राफेल कि कंपनी कि पुरानी पार्टनर है को 800 करोड़ का काम दिया गया है, राहुल उस 800 करोड़ के काम को 30,000 करोड़ बता रहे हैं, यह तो केजी के बच्चे के सामान्य ज्ञान से भी कम कि बात है। जेटली ने यह भी कहा कि राहुल को तो पूरी ABCD से ही शुरू करना चाहिए ।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्राधानमंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, हम जेपीसी की मांग कर रहे हैं. दो लोगों का नाम इस घोटाले में सामने आया है- एक अनिल अंबानी और एक नरेंद्र मोदी.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इंटरव्यू में कहा कि मेरे बारे में कोई सवाल नहीं पूछ रहा. जनता आपसे ही सवाल पूछे जा रहे हैं. नरेंद्र मोदी जी को जवाब देना चाहिए. क्या डिफेंस मिनिस्ट्री ने नए कॉन्ट्रैकट के बारे में कोई ऑब्जेक्शन दी. 562 से 1600 तक बड़ा है वो किसका फैसला था. क्या वो नरेंद्र मोदी का निर्णय था. जेटली ने इस पर भी राहुल को खींचते हुए कहा कि एनडीए कार्यकाल में जिन जहाजों कि बेस प्राइस कि वह बात कर रहे हैं वह यूपीए के सौदे से प्रति विमान 9% कम है और जब यही विमान पूर्णतया हथियारों से लैस हो कर आएगा तो यूपीए के सौदे से 20% कम कीमत पर भारत को मिलेगा।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अनिल अंबानी ने जिंदगी में कभी हवाईजहाज नहीं बनाया है. HAL 70 साल से बना रही है. मिग हवाईजहाज, सुखोई हवाईजहाज जैसे एयरक्राफ्ट HAL ने बनाए हैं. जो एयरक्राफ्ट भारत में बनना था. वो निर्णय किसने एयरफोर्स ने लिया या नरेंद्र मोदी जी ने लिया.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मैं चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी इन सवालों के जवाब दें. हम सिर्फ सच्चाई ढूंढ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने राफेल में भ्रष्टाचार से नहीं मना किया और न ही कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की जांच नहीं होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम इसकी जांच नहीं करेंगे.

सर्वोच्च न्यायालय ने इन सभी मामलों में एनडीए सरकार को खरीद प्रक्रिया को, साफ सुथरा पाया यहाँ सर्वोच्च नयायालय ने केवल कीमतों को लेकर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया था। और राहुल इसे भी ले कर असमंजस में हैं।

‘राफेल को लेकर पिछले छह महीनों में जो भी कहा गया है, अभी इस हाउस में जो कहा गया है, वो सब झूठ है.’

2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अब सभी दल पूरी तैयारी में लग गए हैं. राफेल के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सरकार को राहत मिलने के बाद विपक्ष के हाथ से बड़ा मुद्दा निकल गया है.

नए साल में पहले दिन अवकाश के बाद जब संसद की कार्यवाही शुरू हुई तो लोकसभा में एक बार फिर राफेल सौदे का मुद्दा उठ गया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे में गड़बड़ी की बात दोहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार को सवालों के घेरे में ला दिया. उन्होंने राफेल सौदे का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने डेढ़ घंटे के इंटरव्यू में पांच मिनट भी राफेल सौदे पर बात नहीं की.

कांग्रेस अध्यक्ष ने एक बार फिर से राफेल सौदे में अपने पुराने आरोपों की झड़ी लगा दी. राहुल गांधी ने अपनी तरफ से फिर सवाल खडा किया कि जब भारत को तत्काल इन विमानों की जरूरत है तो भी अभी तक एक भी विमान भारत की जमीन पर क्यों नहीं उतरा है.

राहुल के आरोपों के बाद अब बारी अरुण जेटली की. लोकसभा में तो रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं, लेकिन, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देने के लिए मोर्चा संभाला वित्त मंत्री अरुण जेटली ने. जेटली ने एक-एक कर राहुल गांधी के सारे सवालों का जवाब भी दिया और कांग्रेस के साथ-साथ यूपीए सरकार के इतिहास के कार्यकाल में चर्चा में आए ‘घोटालों’ का जिक्र कर दिया.

जेटली ने राहुल की बातों का जवाब देते हुए लोकसभा में कहा, ‘राफेल को लेकर पिछले छह महीनों में जो भी कहा गया है, अभी इस हाउस में जो कहा गया है, वो सब झूठ है.’

जिस तथाकथित ऑडियो टेप का जिक्र कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा के भीतर कर रहे थे, उस पर भी जेटली ने कहा कि ‘गोवा के मंत्री विश्वजीत पी. राणे ने गोवा के सीएम को लेटर लिखकर कहा है कि राफेल पर कांग्रेस ने जो ऑडियो टेप जारी किया है, वह फर्जी है. इस मामले में जांच करनी चाहिए.’

राहुल गांधी की तरफ से एक बार फिर राफेल सौदे में विमान की कीमत को लेकर सवाल पूछा गया था. अरुण जेटली ने इस पर भी हमला बोलते हुए कहा कि ‘इस देश में कुछ परिवार हैं जिन्हें सिर्फ पैसे का तर्क समझ में आता है लेकिन देश की सुरक्षा का तर्क समझ में नहीं आता.’

जेटली ने जेम्स बॉन्ड फिल्म का जिक्र करते हुए कहा, ‘अगर कोई चीज एकबार होती है तो यह सामान्य है. दो बार कोई चीज होती है तो वह संयोग हो सकता है. लेकिन अगर कोई चीज तीन बार होती है तो यह षड्यंत्र है. कांग्रेस अपनी डील में बार-बार ऐसा करती है.’

जेटली को ठीक करने के उत्साह में राहुल को क्या कह गए डेरेक ओ ब्रायन

अरुण जेटली ने कहा कि करगिल युद्ध के दौरान हमारी सेना ने राफेल की मांग की थी. 2007 में जब राफेल के लिए बिड मंगाई गई तो दो लोगों को फाइनल किया गया. यह उनके कार्यकाल में हुआ. उस वक्त सबसे मिनिमम बिड राफेल की थी. राफेल की एयरक्राफ्ट 2012 में उस वक्त के डिफेंस मिनिस्टर की मेज पर गया. उन्होंने कहा, कांग्रेस डील को टालने के लिए मशहूर है. तब के रक्षा मंत्री को यह बात समझ में आई कि सेना इसकी मांग कर रही है.

वित्त मंत्री की तरफ से उस वक्त के एक कार्यक्रम का जिक्र करते हुए लोकसभा में जेटली ने कहा, बीबीसी पर एक कार्यक्रम आता था यस मिनिस्टर. इसमें कहा गया है कि सबसे नाकाबिल प्रशासन वह होता है जो फैसला ना ले पाए. तब के समय इकोनॉमिस्ट में लिखा था A prime minister in office but not in Power.

अरुण जेटली की तरफ से यूपीए सरकार के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रक्षा मंत्री ए के एंटनी पर तंज कसा गया. दरअसल, अरुण जेटली यह दिखाना चाह रहे थे कि कैसे तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एंटनी फाइल लेकर बैठे रह गए और राफेल सौदे में देरी हुई.

हालाकि जब जेटली लोकसभा में राहुल गांधी का जवाब दे रहे थे तो उस वक्त कांग्रेस के कुछ सांसदों की तरफ से सदन में कागज की प्लेन बनाकर उड़ा रहे थे. इसपर लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा, आप बच्चे हैं क्या जो ये कर रहे हैं. इस पर जेटली ने चुटकी लेते हुए कहा कि आपके कहने के बाद भी ये लोग प्लेन उड़ा रहे हैं. शायद ये बोफोर्स की याद में कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट के पैसले के बाद अब सरकार राहत की सांस ले रही है. एक बार फिर जेटली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी राफेल डील को ठीक ठहराया. 500 और 1600 की कोई तुलना नहीं है. एक दाम होता है एयरक्राफ्ट का. दूसरा दाम होता है हथियारों वाले एयरक्राफ्ट का. जेटली की तरफ से यह बताने की कोशिश की जा रही थी कि यूपीए सरकार के वक्त बिना हथियारों वाले सामान्य एयरक्राफ्ट का जिक्र था, लेकिन, एनडीए सरकार के वक्त हथियारों से लैस एयरक्राफ्ट का जिक्र है.

हालांकि एक बार फिर से उन्होंने साफ किया कि हथियारों वाले कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन होगा, अगर हम दाम बताएंगे. अरुण जेटली ने साफ किया कि बेसिक एयरक्राफ्ट का दाम 2016 में यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान तय किए गए दाम से 9 प्रतिशत कम था और हथियारों से लैस एयरक्राफ्ट का दाम 20 प्रतिशत तक कम था.अरुण जेटली ने अपने जवाब के दौरान बोफोर्स तोप सौदे का भी जिक्र कर कांग्रेस को उसी के हथियार से घेरने की पूरी कोशिश की.

2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अब सभी दल पूरी तैयारी में लग गए हैं. राफेल के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सरकार को राहत मिलने के बाद विपक्ष के हाथ से बड़ा मुद्दा निकल गया है. फिर भी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस मुद्दे को बार-बार सदन के अंदर औऱ बाहर उठाकर सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. कोशिश इस मुद्दे को 2019 के महासमर तक जिंदा रखने की है.

राहुल के सवाल पर ही राहुल घिर गए और विपक्ष के हाथों मज़ाक उड़वा बैठे

ऐसा पहली बार नहीं है जब ऑफसेट डील पर सवाल उठाए गए हैं. यह डील दुनिया में हर जगह विवादों में रही है

अरुण जेटली ने लोकसभा में राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि उनकी जानकारी KG के बच्चे जितनी है. उन्हें ‘ऑफसेट’ का मतलब नहीं मालूम है. जेटली ने कहा, ‘राहुल गांधी का मानना है कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस राफेल जेट की मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है. उन्हें पता होना चाहिए कि रिलायंस ग्रुप सिर्फ ऑफसेट पार्टनर है.’

जेटली ने यह भी कहा कि राहुल गांधी को पहले किसी मामले की पूरी जानकारी जुटानी चाहिए उसके बाद ही उसपर बोलना चाहिए. जेटली ने राहुल को तो घेर लिया लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऑफसेट डील क्या है और क्यों इस पर इतना विवाद हो रहा है.

क्या है ऑफसेट डील?

ऑफसेट एग्रीमेंट को अगर आसान शब्दों में कहें तो यह चाय में चीनी की तरह है. यानी सरकार जब किसी कंपनी के साथ डील करती है तो कुछ दूसरी कंपनियों के साथ साइड डील भी होती है. ये ही ऑफसेट डील होती हैं. वैसे तो यह डील खासतौर पर सरकार और किसी डिफेंस कंपनी के साथ ही होती है. लेकिन कई बार सिविल कंपनियों के साथ भी ऐसी डील हो सकती है.

जब भी किसी देश की सरकार किसी विदेशी कंपनी को ऑर्डर देती है तो ऑफसेट एग्रीमेंट की मांग करती है. सरकार ऑफसेट डील की मांग इसलिए करती है ताकि डील की रकम का कुछ फायदा घरेलू कंपनियों को भी हो. अगर हम ‘ऑफसेट डील’ को राफेल के जरिए समझे तो वो कुछ इस तरह होगा.

भारत सरकार ने एयरक्राफ्ट के लिए राफेल के साथ डील की. दोनों के बीच ऑफसेट एग्रीमेंट हुआ. राफेल की ऑफसेट पार्टनर बना अनिल अंबानी का रिलायंस ग्रुप. ऑफसेट डील के मुताबिक, राफेल भारत के लिए जो भी इक्विपमेंट बनाएगी, उसकी वेंडर कंपनी रिलायंस ग्रुप होगी. रिलायंस उसकी लोकल सप्लायर के तौर पर काम करेगी. इसके जरिए टोटल डील की रकम का कुछ हिस्सा रिलायंस ग्रुप के जरिए भारत आएगा. दूसरी तरफ यहां कि कंपनी को ऑर्डर मिलने से रोजगार के मौके बढ़ेंगे. ऑफसेट डील की वैल्यू 50 फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक हो सकती है. राफेल की टोटल डील 58000 करोड़ रुपए की है. इस डील की करीब 50 फीसदी रकम घरेलू कंपनी के पास आई है. 

विवादों में क्यों है ऑफसेट डील?

राफेल के साथ डील में जब से रिलायंस ग्रुप का नाम आया है तब से विवाद और बढ़ गया है. ऐसा पहली बार नहीं है जब ऑफसेट डील पर सवाल उठाए गए हैं. यह डील दुनिया में हर जगह विवादों में रही है.

इस डील का विरोध करने वाले ऑफसेट डील को रिश्वत की तरह मानते हैं. इसके खिलाफ यह दलील दी जाती है कि किसी भी देश की सरकार किसी खास कंपनी को फायदा देने के लिए यह डील करती है. यह भी माना जाता है कि इस डील के तहत सरकार कई बार ऐसे इक्विपमेंट की डील कर लेती है, जिसकी जरूरत नहीं होती है या फिर बेस्ट क्वालिटी या वैल्यू नहीं मिल पाती है.

जेटली को ठीक करने के उत्साह में राहुल को क्या कह गए डेरेक ओ ब्रायन

बुधवार को लोकसभा में राहुल गांधी पर हमला करते हुए जेटली ने जेम्स बॉन्ड फिल्म का मशहूर डायलोग बोला था

तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय ने बुधवार को लोकसभा में राफेल मामले पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री अरूण जेटली को घेरा. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने ‘जेम्स बॉन्ड’ फिल्म के एक मशहूर संवाद को गलत ढंग से बोला है. साथ ही तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन ने इस मामले में एक ट्वीट भी किया. ब्रायन जेटली की भूल सुधार करते करते कांग्रेस के राहुल गांधी को ही गलत ठहरा गए। किस्सा कुछ यूं हुआ की राहुल गांधी पर हमला करते हुए भी जेटली कुछ नरम रहे।

बुधवार को लोकसभा में राहुल गांधी पर हमला करते हुए जेटली ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष ने जेम्स बॉन्ड फिल्म जरूर देखी होगी, उसमें बॉन्ड कहता है कि- पहली बार आप करते हैं तो गलत होती है, दूसरी बार करते हैं तो संयोग होता है और अगर तीसरी बार करते हैं तो यह षडयंत्र होता है. कांग्रेस अध्यक्ष भी वही कर रहे हैं.’

यहाँ जेटली को ठीक करने के अतिउत्साह में ब्रायन ने राहुल गांधी के बारे में अप्रत्यक्ष क्या बोला जानें। इस बयान पर सौगत रॉय ने कहा कि जेटली ने संवाद गलत ढंग से बोला है. वहीं उन्ही की पार्टी के एक और सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने इस मसले पर ट्वीट किया और जेटली पर निशाना साधा.

Derek O’Brien | ডেরেক ও’ব্রায়েন@derekobrienmp

So FM @arunjaitley misquotes Ian Fleming James Bond in #Parliament to suit himself. Here is the correct quote : “Once is happenstance. Twice is coincidence. Three times is ENEMY ACTION” (How convenient )5112:59 PM – Jan 2, 2019Twitter Ads info and privacy247 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

उन्होंने कहा, ‘जेटली जी, आपकी याददाश्त कमजोर पड़ रही है. सही संवाद यह है- पहली बार आप करते हैं तो गलत होती है, दूसरी बार करते हैं तो संयोग होता है और अगर तीसरी बार करते हैं तो यह शत्रु की कार्रवाई होती है.’ रॉय ने यह भी आरोप लगाया कि वित्त मंत्री ने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के नाम भी सही उच्चारण नहीं किया. अर्थात आप राहुल गांधी को जो षड्यंत्रकारी कह रहे हैं वह गलत है असल में यह एक राष्ट्र के साथ शत्रुता की बात है।

देखें ब्रायन का ब्यान महागठबंधन में और कितनी रुकावट डालता है।

गहलोत ने दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीरें सरकारी संस्थानों और फाइलों में नहीं दिखेंगी

अशोक गहलोत के कैबिनेट ने निर्देश दिया है कि सभी सरकारी दस्तावेजों और लेटर पैड्स पर से दीन दयाल उपाध्याय की फोटो हटाई जाए

राजस्थान में सरकार बदलते ही पुरानी सरकार के फैसलों को बदलने का दौर भी शुरू हो गया है. राज्य के सीएम अशोक गहलोत के कैबिनेट ने निर्देश दिया है कि सभी सरकारी दस्तावेजों और लेटर पैड्स पर से दीन दयाल उपाध्याय की फोटो हटाई जाए. राज्य सरकार ने ये निर्देश सभी विभागों के लिए जारी किया है.

दीन दयाल उपाध्याय RSS विचारक हैं. इससे पहले वसुंधरा राजे की सरकार ने यह फैसला किया था कि सभी सरकारी लेटरपैड और दस्तावेजों पर उपाध्याय की फोटो लगाई जाएगी.

ANI@ANI

Rajasthan cabinet directs removal of photographs of Deen Dayal Upadhyay from Govt documents and from letter pads. The direction has been issued to all the state govt departments53110:48 PM – Jan 2, 2019Twitter Ads info and privacy363 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

राजस्थान की सरकार ने बुजुर्गों के लिए मंथली पेंशन बढ़ाने का भी ऐलान किया है. बुजुर्गों को अब 500 रुपए की जगह 750 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलेंगे. जिन्हें पहले ही 750 रुपए मासिक मिल रहे थे अब उन्हें इसके बदले 1,000 रुपए मिलेंगे.

मध्यप्रदेश में भी नया फरमान

इसके दूसरी तरफ मध्यप्रदेश सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर मीसाबंदियो को दी जाने वाली पेंशन इस महीने से अस्थाई तौर पर बंद कर दिया है और बैंकों को भी इस संबंध में निर्देश जारी कर दिये गए हैं. मीसाबंदी पेंशन को लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि के नाम से भी जाना जाता है. इस संबंध में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने गत 29 दिसंबर को सर्कुलर जारी कर मीसाबंदी पेंशन योजना की जांच के आदेश दिए. सरकार ने बैंकों को भी मीसाबंदी के तहत दी जाने वाली पेंशन जनवरी 2019 से रोकने के निर्देश जारी किए हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान साल 1975 से 1977 के बीच लगे आपातकाल में जेल में डाले गए लोगों को मीसाबंदी पेंशन योजना के तहत मध्य प्रदेश में करीब 4000 लोगों को 25,000 रुपए मासिक पेंशन दी जाती है.