आज का पांचांग

पंचांग 04 जनवरी 2019

विक्रमी संवत्ः 2075, 

शक संवत्ः 1940, 

मासः पौष़, 

पक्षःकृष्ण पक्ष, 

तिथिः चतुर्दशी रात्रि 04.58 तक है, 

वारः शुक्रवार, 

नक्षत्रः ज्येष्ठा दोपहर 12.53 तक, 

योगः वृद्धि रात्रि 01.50 तक, 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः धनु, 

चंद्र राशिः वृश्चिक, 

राहु कालःप्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.19, 

सूर्यास्तः 05.33 बजे।

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

आज का राशिफल

04 जनवरी 2019: आज आप किसी भूमि की खरीद का रूख करते होगे। किन्तु उसकी कानूनी वैधता को लेकर लोगों से पहले पूंछ-ताँछ को बढ़ाना चाहेंगे। स्वास्थ्य पहले की अपेक्षा कुछ पीड़ा से युक्त होगा। जिससे आपको किसी चिकित्सा केन्द्र तक जाना पड़ सकता है। धन निवेश के लिए अवसर होगे। प्रेम संबंधों में तनाव होगे।

04 जनवरी 2019: आज के दिन को आप अधिक शुभ व सकारात्मक पाएंगे। आप देखेंगे कि भौतिक सुख के साधनों को जुटाना जरूरी है। जिससे आपको किसी बाजार तक जाना पड़ सकता है। स्वास्थ्य पहले की तुलना में अच्छा होगा। पत्नी के साथ आप खुश होगे। व्यापारिक मामलें में प्रसन्नता  होगी। चाचा से तनाव हो सकते हैं।

04 जनवरी 2019: आज आप अपने बाहर के कामों को निपटाने में पूरी तरह लगे होगे। कुछ लोगों से सम्पर्क का फायदा होगा। जिससे आप कुछ और नया अपने व्यापार में जोड़ने के लिए तैयार होगे। आय को बढ़ाने का प्रयास तो करेंगे। किन्तु सफलता उस स्तर की नहीं होने से आप कुछ पेरशान से होगे। आज आपके पैसे कुछ अधिक खर्च होगे।

04 जनवरी 2019: आज आप कुछ काम में आने वाली वस्तुओं को खरीदेंगे ही। साथ ही आप कुछ धन को भी बचाने की फिराक में होगे। जिससे कुछ सफलता जरूर होगी। आज आपका ज्ञान अच्छा होगा। जिससे आप सही समय में सही निर्णय लेने में कामयाब होगे। प्रेम संबंधों में पहले के मुकाबले आज अधिक मधुरता होगी।

04 जनवरी 2019: आप अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सक्रिय होगे। आप अपने खान-पान को संतुलित करना चाहेंगे। जिससे आगामी समय तक शारीरिक समृद्धि होगी। व्यापार के क्षेत्रों में आप पहले की ही तरह अपने कामों को करते होगे। प्रेम संबंधों में पुनः साथी के साथ आप उपहारों को देने के लिए तैयार होगे। संतान के प्रति चिंता होगी। 

04 जनवरी 2019: आज का दिन आपके लिए बहुत ही अहम होगा। आप किसी धर्म स्थान में जहाँ भ्रमण के लिए जाना चाहेंगे। वहीं अपने कार्या पर पूरी तरह नज़र रखना चाहेंगे। इसके लिए आप सगे भाइयों व मित्रों से सहयोग माँग सकते हैं। स्वस्थ्य में सांस व रक्त चाप की स्थिति हो सकती है। जिसके लिए आपको कुछ परहेज करना पड़ सकता है।

04 जनवरी 2019: आज आप अपने कामों मे चाहते हुए भी उस स्तर की तेजी नहीं ला पाएंगे। आपका समय या तो यात्रा या फिर किसी विवाद में खराब हो सकता। यदि आप होशियारी दिखाते हुए विवाद से बच जाते है। तो आपको लाभ होगा। स्वास्थ्य में कुछ-कुछ पीड़ाएं आपको परेशान कर सकती है। जिसके लिए आपको दवा खानी पड़ सकती है।

04 जनवरी 2019: आज आप अपने बेहतर कल के लिए कुछ अधिक सोचेंगे। किन्तु योजनाओं को प्रत्यक्ष धरातल पर उतारने की कठिनाइयां बनी होगी। जिससे आप परेशान से होगे। पत्नी व बच्चों के साथ समांजस्य स्थापित होगा। पैसे की कमी से कोई काम नहीं रूकने वाले है। प्रेम संबंधों में आज मधुरता होगी। भूमि के विवादों में अधिक समय देना पड़ सकता है। 

04 जनवरी 2019: आप आज अपने किसी पुराने लेन-देन को पहले चुकाना चाहेंगे। जिससे बाज़ार व लोगों के मध्य आपकी साख बनी रहे। आजीविका के मामलों आज आपको कुछ कठिन परिश्रम कंरना होगा। प्रेम संबंधों में आप उपहार देने के लिए सोचेंगे। किन्तु समय के कमी के कारण आज इस काम को कभी और के लिए छोड़ देंगे

04 जनवरी 2019: आज आप अपने आमदनी को और पुख्ता करना चाहेंगे। वहीं बचत के कुछ नियमों को भी लागू करना चाहेंगे। बच्चों को भी धन संग्रह की नसीहत देंगे। किन्तु वह आपकी इस बात को बहुत हल्के मे लेगे। जिससे आप कुछ चिंतित होगे। प्रेम संबंधों में आज अनुकूल बातचीत होगी। विरोधी पक्ष परेशान कर सकते हैं। 

04 जनवरी 2019: आज आप अपने काम काज में कुछ नया जोड़ने का निर्णय लेंगे। जिससे लाभ को और बढाया जा सके। आज का दिन स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक होगा। आज आपके नौकरी पेशा के जीवन में कुछ अधिक सक्रियता होगी। जिसका लाभ आने वाले समय में होगा। प्रेमी जीवन को खुशहाल बनाने के लिए तैयार होगे।

04 जनवरी 2019: आज आप किसी समाजिक व पारिवारिक विवाद को अपनी दखल बढ़ाते हुए निपटाना चाहेंगे। आप देखेंगे कि आपके ताकत में बढ़त हो रही है। लोग भी आपके साथ खड़े है। किन्तु परिणाम उस स्तर के नहीं प्राप्त हुए जिसकी अपेक्षा थी। नौकरी के क्षेत्रों में आपको आज कुछ तनाव देखने पड़ सकते हैं। 

गणतंत्र दिवस को भव्य रुप से मनाने के लिये अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को समय पर पूरा करें- उपायुक्त मुकुल कुमार

गणतंत्र दिवस की तैयारियों को लेकर उपायुक्त मुकुल कुमार ने की बैठक।

पंचकूला, 3 जनवरी:

उपायुक्त श्री मुुकुल कुमार 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस को हर्षोल्लास  के साथ मनाने एवं इसके भव्य आयोजन की दिशा में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिये ताकि इस पर्व को गरिमापूर्ण तरीके से मनाया जा सके।

उपायुक्त ने जिला सचिवालय के सभागार में गणतंत्र दिवस को लेकर आयोजित बैठक में बताया कि यह कार्यक्रम सेक्टर-5 स्थित परेड ग्राउंड में आयोजित किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे अपने-अपने विभाग से संबंधित कार्यों को, जो उन्हें सौंपे गये है, निष्ठा, लग्न व ईमानदारी के साथ निर्वहन करें। उन्होंने गणतंत्र दिवस समारोह से जुड़े विभिन्न महत्वर्पूण बिंदुओं पर संबंधित अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की।

  उपायुक्त ने मार्च पास्ट, पीटी शो, सांस्कृतिक कार्यक्रम को लेकर भी संबंधित अधिकारियों की विशेषतौर पर कमेटियां बनाकर उनको पूर्व से ही इस दिशा में तैयारियां करने के निर्देश दिये। इसके साथ साथ साफ सफाई, पुरुषों एवं महिलाओं के लिये अस्थाई शौचालयों की व्यवस्था, पीने के पानी, बैठने की व्यवस्था, जलपान, साज सजा, वाहन पार्किंग व अन्य गतिविधियों के संबंध में संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिये। उन्होंने उपमंडल स्तर पर भी गणतंत्र दिवस आयोजित किया जाने की दिशा में, इसकी तैयारियों के लिये संबंधित अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारी सौंपी।

  उपायुक्त श्री मुकुल कुमार ने गणतंत्र दिवस पर निकाली जाने वाली झाकियों के बारे में भी विभिन्न अधिकारियों से बातचीत कर अपने-अपने विभाग से संबंधित झांकी निकालने के लिये विशेषतोर पर कहा। जिला पुलिस उपायुक्त श्री कमलदीप गोयल ने कार्यक्रम को सुचारु रुप से संपन्न करवाने व इसके भव्य आयोजन की दिशा में अधिकारियों से विस्तार से बातचीत की। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान कानून  एवं व्यवस्था बनाये रखने के संबंध में भी अधिकारियों से विशेषतौर पर चर्चा की।

  इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त श्री जगदीप ढांडा ने अधिकारियों को बताया कि खेल, शिक्षाजगत में उत्कृष्ठ स्थान प्राप्त करने वाले व समाज सेवा व अन्य गतिविधियों में सराहनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों की सूची सिफारिश सहित 18 जनवरी तक प्रशासन को देने के लिये विशेषतौर पर कहा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में बोलते हुए कहा कि 18 जनवरी के बाद किसी का नाम शामिल नहीं किया जायेगा। इसके साथ साथ उन्होंने बताया कि 21, 22 व 23 जनवरी को कार्यक्रम में आयोजित होने वाली गतिविधियों की रिहर्सल आयोजित की जायेगी। 24 जनवरी को फुल डे्रस रिहर्सल आयोजित की जायेगी।

  इस अवसर पर बैठक में उपमंडल अधिकारी नागरिक पंचकूला पंकज सेतिया, कालका रिचा राठी, नगराधीश ममता शर्मा, एसीपी विजय देसवाल, जिला राजस्व अधिकारी नीरज चहल, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी उत्तम ढालिया, जिला शिक्षा अधिकारी एचएस सैनी सहित विभिन्न शिक्षा संस्थानों के प्रतिनिधि एवं संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। 

मुश्किलों में घिरे आजम खान और उनका परिवार, दर्ज हुआ मुक़द्दमा

समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान के बेटे और स्वार सीट से सपा विधायक अब्दुल्ला के साथ आजम की पत्नी और राज्यसभा सांसद तजीन खान पर भी मामला दर्ज किया गया है.

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान के बेटे और स्वार सीट से सपा विधायक अब्दुल्ला आजम एकबार फिर से मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं. दरअसल, आजम खान के बेटे अबदुल्ला के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र रखने के मामले में उनपर मुकदमा दर्ज किया गया है. इसके साथ ही उनके पिता आजम खान पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है. यूपी पुलिस ने इस मामले में आजम की पत्नी और राज्यसभा सांसद तजीन खान पर भी मामला दर्ज किया गया है.

बता दें कि उन पर बीते विधानसभा चुनाव में उम्र छिपाने के लिए दो पैन कार्ड बनवाने और चुनाव आयोग के साथ-साथ आयकर विभाग से धोखाधड़ी करने का आरोप लगा था. यह आरोप इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष और टांडा के पूर्व विधायक शिव बहादुर सक्सेना के बेटे आकाश कुमार सक्सेना ने लगाए थे.

आकाश ने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला आजम ने चुनावी शपथ पत्र में गलत पैन नंबर फाइल किया है. उन्होंने कहा था, “आजम खान एक जालसाज और झूठे व्यक्ति हैं. उन्होंने धोखाधड़ी करते हुए अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के दो पैन कार्ड बनवाए, ताकि उनका बेटा चुनाव लड़ सके और विधायक बन सके. चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र में अब्दुल्ला आजम ने यह बात छिपाई और बेटे को विधायक बनाने के लिए आजम खान ने अबदुल्ला आजम की उम्र छिपाई और दूसरा पैन कार्ड बनवाया. इसलिए पिता आजम खान और पुत्र अब्दुल्ला आजम पर 420 का मुकदमा दर्ज होना चाहिए.” 

आकाश के अनुसार, एफिडेविट में अब्दुल्ला आजम ने पैन डीडब्ल्यूएपीके7513आर दिखाया. वहीं आईटीआर के दस्तावेजों में उन्होंने दूसरा पैन डीएफओपीके616के लिखा है. आकाश का आरोप था कि आजम खान ने बीते विधानसभा चुनाव में अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के नामांकन के दौरान झूठा शपथ पत्र दाखिल करवाया. इसके साथ ही आकाश ने अब्दुल्ला पर दो पैन कार्ड बनवाने, आयकर रिटर्न छिपाने और 25 वर्ष से अधिक आयु दर्शाने के आरोप लगाए. 

उन्होंने कहा था कि एक व्यक्ति दो पैन नहीं बनवा सकता. यह नियम विरुद्ध है. आकाश ने इस मामले की शिकायत मुख्य निर्वाचन अधिकारी और आयकर विभाग से की थी और आयोग से मांग की थी कि अब्दुल्ला आजम का चुनाव निरस्त करा जाए. उन्होंने कहा था, “यह सभी आरोप भारतीय निर्वाचन आयोग की नियम विरुद्ध और भारतीय संविधान के तहत अपराध की श्रेणी में आते हैं. इसलिए आजम खान और अब्दुल्ला आजम के खिलाफ कार्रवाई की जाए.” उन्होंने अब्दुल्ला आलम की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की थी.

अहमद पटेल के राज्यसभा चुनाव को लेकर करना होगा मुकदमे का सामना: सर्वोच्च न्यायालय

पीठ ने गुजरात हाई कोर्ट के 26 अक्टूबर, 2018 के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा, ‘सुनवाई होने दीजिए.’ 

हमें याद पड़ता है की वर्ष 2009 में इसी प्रकार के आरोपों का सामना पी। चिदम्बरम को भी करना पड़ा था, कन्नापन ने अपनी जून 25, 2009 की याचिका में चिदम्बरम और उनके कार्यकर्ताओं पर जोड़- तोड़ और चुनावी भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया था और मांग की थी की उनके सांसदिया क्षेत्र की खास कर अलगूनदी विधानसभा क्षेत्र की पुन: मतगणना की जाये। क्या बना?

फैसला आने से पहले चिदम्बरम ने न केवल अपना सांसद का गरिमापूर्ण पद बल्कि राष्ट्र के वित्त मंत्री का महत्त्व पूर्ण पद भी संभाला, और कन्नापन फैसले के इंतज़ार में समय काटते रहे।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से कहा कि वह 2017 में हुए राज्यसभा चुनाव में उनके निर्वाचन के संबंध में बीजेपी प्रत्याशी बलवंतसिंह राजपूत की चुनाव याचिका पर मुकदमे का सामना करें. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने गुजरात हाई कोर्ट के 26 अक्टूबर, 2018 के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा, ‘सुनवाई होने दीजिए.’ हाई कोर्ट ने कहा था कि राजपूत के आरोपों पर सुनवाई की आवश्यकता है.

अहमद पटेल ने हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें राजपूत की चुनाव याचिका की विचारणीयता पर सवाल उठाने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी. राजपूत ने राज्यसभा चुनाव में दो विद्रोही विधायकों के मतों को अवैध घोषित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को अपनी चुनाव याचिका में चुनौती दी है. उनका कहना था कि यदि इन दोनों मतों की गणना की गयी होती तो उन्होंने पटेल को हरा दिया होता. 

शीर्ष अदालत ने कहा कि पटेल की याचिका पर अगले महीने सुनवाई की जायेगी. न्यायालय ने पक्षकारों को इस दौरान अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की अनुमति भी दी. पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘चूंकि संबंधित पक्षकार पेश हुये हैं, औपचारिक नोटिस जारी करने की जरूरत नहीं. इस मामले को अंतिम सुनवाई के लिये फरवरी, 2019 में सूचीबद्ध किया जाए. इस दौरान, उच्च न्यायालय चुनाव याचिका पर सुनवाई की कार्यवाही करेगा.’  

कांग्रेस के विद्रोही विधायकों भोलाभाई गोहेल और राघवजी पटेल के मतों को अवैध घोषित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद चुनाव जीतने के लिये आवश्यक 45 मतों की संख्या घटकर 44 हो जाने पर पटेल को विजयी घोषित किया गया था. राजपूत ने अपनी चुनाव याचिका में पटेल पर कांग्रेस के विधायकों को चुनाव से पहले बेंगलुरू के एक रिजार्ट में ले जाने का आरोप लगाते हुये कहा था कि यह मतदाताओं को रिश्वत देने के समान ही है. 

उच्च न्यायालय ने पिछले साल अक्टूबर में दूसरी बार पटेल को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था. इससे पहले, न्यायालय ने 20 अप्रैल को पटेल का अनुरोध अस्वीकार कर दिया था. अहमद पटेल ने 20 अप्रैल, 2018 के हाई कोर्ट के आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. शीर्ष अदालत ने 26 सितंबर को हाई कोर्ट से कहा था कि पटेल की याचिका पर नए सिरे से फैसला किया जाए. उच्च न्यायालय ने अक्टूबर में पटेल की याचिका खारिज कर दी थी.

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को इस मामले में अहमद पटेल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी अधिवक्ता देवदत्त कामत के साथ पेश हुए जबकि राजपूत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिन्दर सिंह और सत्य पाल जैन पेश हुए. 

हम अपने देश की न्यायाइक प्रक्रिया की मानें तो यहाँ भी पटेल अपनी राज्य सभा की कुर्सी पर बैठे रहेंगे अगले चुनाव आने तक, हाँ यदि पटेल को कुर्सी से सशर्त ( मुक़द्दमा जीतो और कुर्सी संभालो) हटाया जाता है तो इस मुक़द्दमे के अगले चुनावों से कुछ पहले निबटने की संभावना है।

H S Phoolka to quit AAP

NEW DELHI: Senior advocate and Punjab-based leader HS Phoolka resigned from Aam Aadmi Party (AAP) on Thursday. He submitted his resignation to Delhi Chief Minister and AAP leader  Arvind Kejriwal, who asked him to reconsider his decision. 

Phoolka will hold a press conference on Friday to explain his decision to resign.

Taking to Twitter, the Supreme Court advocate wrote, “I have resigned from AAP & handed over resignation to Kejriwal ji today. Though he asked me not to resign but I insisted.  Will be briefing media tomorrow at 4 pm at Press Club, Raisina Rd, New Delhi to explain the Reason of leaving AAP & my further plans.”

Last year, Phoolka had resigned as a legislator from the Punjab Assembly, over the state government’s alleged failure to act against former CM Parkash Singh Badal.

The move comes amid speculation over possibility of an alliance between the Congress and the AAP for the 2019 Lok Sabha polls. The AAP has not denied alliance prospects with the Congress, saying its political affairs committee will take a call after considering opinion of its leaders and workers from Delhi, Punjab and Haryana. 

The 73-year-old lawyer is representing the victims in 1984 anti-Sikh riots cases, in which former Congress leader Sajjan Kumar was recently convicted.

कुछ भी खोकर गठबंधन नहीं होगा: अमित शाह

बीजेपी शायद ऐसा कोई दोस्त नहीं चाहती जो चुनावों में साथ रहते हुए माहौल बिगाड़ दे..
तीन राज्यों में मिली हार के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा चुनाव को लेकर मीटिंग लेने का सिलसिला शुरू कर दिया है. दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में हुई मीटिंग में उनके अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, रेल मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर, गृहराज्यमंत्री हंसराज अहीर, रक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष भामरे मौजूद थे.

रामराजे शिंदे, नई दिल्ली : बीजेपी ने आने वाले लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के सांसदों की मीटिंग दिल्ली में बुलाई थी. इस मीटिंग में शिवसेना के साथ गठबंधन होगा या नहीं इस सवाल पर अमित शाह ने अपनी भूमिका स्पष्ट कर दी है. उन्होंने साफ कहा, कुछ भी खोकर गठबंधन नहीं होगा. यह बात अमित शाह ने महाराष्ट्र के सांसदों के सामने रख दी है.

दरअसल तीन राज्यों में हारने के बाद बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा चुनाव को लेकर मीटिंग लेने का सिलसिला शुरू कर दिया है. दिल्ली के नए महाराष्ट्र सदन में हुई मीटिंग में उनके अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, रेल मंत्री पीयूष गोयल, कॉमर्स मिनिस्टर प्रकाश जावडेकर, गृह राज्यमंत्री हंसराज अहिर, रक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष भामरे मौजूद थे.

हमारे सूत्र ने बताया कि इस मीटिंग में महाराष्ट्र के अहमदनगर के सांसद दिलीप गांधी ने शिवसेना के साथ गठबंधन होगा या नहीं यह सवाल पुछा. इस पर अमित शाह की ओर से कहा गया कि आप सभी अपने-अपने चुनाव क्षेत्र में काम करो. विधानसभा में शिवसेना के साथ हमारा गठबंधन टूट गया. तब हमने तैयारी की और सबसे ज्यादा सीटें लेकर सत्ता में आ गए. ऐसी ही तैयारी इस बार करनी है. शिवसेना के साथ चर्चा चल रही है, लेकिन कुछ खोकर गठबंधन नही करेंगे’ यह स्पष्ट कर दिया. इसका मतलब शिवसेना ने ज्यादा सीटें मांगी तो उनके दबाव के झुकेंगे नहीं. खुद के बलबूते चुनाव लड़ने की तैयारी करने के लिए अमित शाह ने सभी सांसदों को संकेत दे दिए हैं.

मंत्रिमंडल में मनमुताबिक जगह न मिलना अखरा था…
दरअसल मौजूदा स्थिति में शिवसेना के पास 18 सांसद हैं. बीजेपी के पास 23 सांसद हैं. रामविलास पासवान के पार्टी के सांसद कम होने के बावजूद अच्छी मिनिस्ट्री दी गई है. शिवसेना के सांसद ज्यादा होने के बावजूद केंद्र सरकार में सिर्फ एक ही मिनिस्ट्री है. यही बात शिवसेना को खल गई है. उसके साथ ही 2014 में विधानसभा चुनाव के वक्त बीजेपी ने गठबंधन तोड़ा, लेकिन ठीकरा शिवसेना के माथे पर फोड़ दिया. तभी से शिवसेना और बीजेपी के रिश्तों में खटास आ गई. लेकिन अब 3 राज्यों के नतीजों के बाद शिवसेना बीजेपी पर हावी होने का प्रयास कर रही है.

इसलिए बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मीटिंग लेकर सभी सांसदों को प्रोग्राम दिया है. अपने चुनाव क्षेत्र के सभी कार्यकर्ताओं को भोजन पर बुलाकर उनकी समस्या क्या है यह जान लेने का आदेश अमित शाह ने दिया है. इसके लिए 25 जनवरी की डेडलाइन दी है. कार्यकर्ताओं की समस्या सुनकर उसपर काम करने का भी आदेश दिया गया है.

लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी तैयारी तो कर रही है, लेकिन शिवसेना साथ में नही होने का नुकसान बीजेपी के सांसदों में होगा. इसलिए बीजेपी सांसदों में भी नाराजगी दिखाई दे रही है. अमित शाह के बयान के बाद शिवसेना दो कदम पीछे जाएगी क्या और गठबंधन होगा क्या यह देखना दिलचस्प रहेगा.

प्रधान मंत्री मोदी ने पंजाब से फूँका चुनावी बिगुल

नए साल के तीसरे ही दिन पंजाब के गुरदासपुर में बड़ी रैली को संबोधित कर प्रधानमंत्री ने अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आने का संकेत दे दिया है. मोदी किसानों के गढ़ में थे, नए साल में उनकी रैली के लिए पंजाब को चुना जाना अपने-आप में इस बात का संकेत है कि बीजेपी और सरकार के एजेंडे में किसान सबसे ऊपर हैं. तीन राज्यों में सरकार बनाने के बाद कांग्रेस ने किसानों की कर्जमाफी का ऐलान कर बढ़त लेने की कोशिश की है. लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी ने इस कर्जमाफी को भी छलावा बता दिया है.

रैली को संबोधित करना अपने-आप में बड़ा संकेत है

नए साल के पहले दिन न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटर्व्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने पंजाब सरकार पर किसानों की कर्ज माफ़ी को लेकर सवाल खड़ा किया था. अब इस बयान के दो दिन बाद प्रधानमंत्री खुद पंजाब की धरती पर हैं तो जाहिर है इस पर सियासत तो गरमाएगी ही. लेकिन, उनका पंजाब पहुंचना और वहां रैली को संबोधित करना अपने-आप में बड़ा संकेत है.

दरअसल, करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास, 1984 के दंगों पर केंद्र सरकार की तरफ से बनाई गई एसआईटी और कई दूसरे फैसलों को लेकर अकाली दल औऱ बीजेपी की तरफ से धन्यवाद रैली का आयोजन किया गया है. चुनाव से पहले इन सभी मुद्दों पर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया जा सकता है जबकि, अकाली-बीजेपी गठबंधन इन सभी मुद्दों पर फायदा उठा सकता है. लिहाजा इस रैली का आयोजन किया गया है.

गुरदासपुर की रैली के पहले प्रधानमंत्री जालंधर में थे, जहां उन्होंने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अब ऐसा समय है जब हमें दुनिया का नेतृत्व करना चाहिए. हमें इस बात पर फोकस करना चाहिए कि कम कीमत में टेक्नालॉजी का प्रयोग खेती में कैसे किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि हमें केवल रिसर्च करने के लिए ही रिसर्च नहीं करनी है बल्कि ऐसी खोज करनी है जिससे पूरी दुनिया उसके पीछे चले.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 की लड़ाई के लिए अपने-आप को तैयार कर लिया है. उनकी तरफ से गुरदासपुर से ही 2019 का शंखनाद हो गया है. सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही मोदी देशभर में 20 राज्यों का दौरा कर लगभग 100 रैलियों या कई दूसरे कार्यक्रमों में शिरकत कर सकते हैं.

गुरदासपुर से हुई शुरुआत अब और रफ्तार पकड़ेगी. सूत्रों के मुताबिक, मोदी 3 जनवरी को जालंधर और गुरदासपुर के बाद 4 जनवरी को नॉर्थ-ईस्ट का दौरा करेंगे. इस दिन उनकी तरफ से मणिपुर और असम में दो रैलियों को संबोधित करने का कार्यक्रम है.

इसके बाद 5 जनवरी को झारखंड और ओडिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का कार्यक्रम है. झारखंड में पलामू जिले के मेदिनीनगर में बड़ी रैली का कार्यक्रम है. जबकि, इसी दिन ओडीशा में भी बारीपदा में प्रधानमंत्री की रैली होगी. इसी महीने की 16 तारीख को फिर प्रधानमंत्री की ओडिशा में एक और रैली होगी. सूत्रों के मुताबिक, इसके अगले ही दिन 6 जनवरी को पश्चिमी यूपी के आगरा में प्रधानमंत्री मोदी की रैली होगी.

प्रधानमंत्री कार्यालय से बातचीत के बाद ही फाइनल किया जाएगा

जनवरी महीने में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होंगे. सूत्रों के मुताबिक, 22 जनवरी को पीएम वाराणसी में रहेंगे. जबकि 24 जनवरी को प्रयागराज के कुंभ में वो शिरकत करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, दूसरी रैलियों और कार्यक्रमों की तारीखों का ऐलान पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व, राज्य के नेतृत्व और प्रधानमंत्री कार्यालय से बातचीत के बाद ही फाइनल किया जाएगा.

लेकिन, मोदी ने चुनावी साल के पहले दिन ही सबसे पहले हर मुद्दे पर इंटर्व्यू के जरिए अपनी बात सामने रखकर जनता के बीच अपने पक्ष में एक माहौल बनाने की कोशिश कर दी है. अब अपनी रैलियों के माध्यम से इसी कोशिश को आगे बढ़ाने की तैयारी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव के ऐलान से पहले ही होने वाली इन रैलियों और कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी सरकार की पांच साल की उपलब्धियों का बखान करते नजर आएंगे. प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के साथ ही मोदी ने पांच साल के काम के पाई-पाई का हिसाब देने की बात की थी, अब चुनावी साल में मोदी उसी हिसाब को देने की तैयारी कर रहे हैं.

हालांकि, पिछले कई महीनों से अपने कार्यक्रम के दौरान उनकी तरफ से अपनी सरकार के कार्यकाल में हुए कामों और पहले की यूपीए सरकार के कामों की तुलना कर यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा है कि इन पांच सालों में कितना बदलाव आया है, लेकिन अब चुनाव से ठीक पहले गुरदासपुर से ऐसी शुरुआत कर मोदी ने 2019 के महासमर का शंखनाद कर दिया है.

2019 चुनावों से पहले यदि राम मंदिर का निर्माण आरंभ नहीं हुआ तो बीजेपी- आरएसएस को लोगों से माफी मांगनी होगी: शिव सेना

सामना के संपादकीय में कहा गया कि मोदी सरकार ने गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की भव्य प्रतिमा बनाई है लेकिन राम मंदिर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सरदार’ वाला साहस नहीं दिखाया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए शिवसेना ने गुरुवार को कहा कि उसे इस बात पर ताज्जुब है कि अगर बीजेपी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं होगा तो कब होगा.

पार्टी ने कहा कि अगर राम मंदिर का निर्माण 2019 चुनावों से पहले नहीं हुआ तो यह देश के लोगों को धोखा देने जैसा होगा जिसके लिए बीजेपी और आरएसएस को उनसे माफी मांगनी होगी.

केंद्र और महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी शिवसेना ने हालिया इंटरव्यू में मोदी की टिप्पणी के लिए उनपर हमला बोला है. मोदी ने कहा था कि मंदिर निर्माण पर सरकार कोई भी कदम न्यायिक प्रक्रिया खत्म होने के बाद ही उठाएगी. इस इंटरव्यू को कई टीवी चैनलों ने प्रसारित किया था.

बहुमत वाली सरकार में मंदिर का निर्माण नहीं होगा तो कब होगा

शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा, ‘वह (मोदी) राम के नाम पर सत्ता में आए थे हालांकि उनके मुताबिक भगवान राम कानून से बड़े नहीं हैं. अब सवाल यह है कि अगर बहुमत वाली सरकार में मंदिर का निर्माण नहीं होगा तो कब बनेगा.’

संपादकीय में कहा गया कि मोदी सरकार ने गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की भव्य प्रतिमा बनाई है लेकिन राम मंदिर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सरदार’ वाला साहस नहीं दिखाया. साथ ही कहा कि यह इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा. इसमें बताया गया कि राम मंदिर के लिए आंदोलन 1991-92 में शुरू हुआ था और सैकड़ों ‘कारसेवकों’ ने अपनी जान गंवाई थी.

हिंदुओं के नरसंहार के लिए बीजेपी से माफी की मांग करते हैं

इसमें पूछा गया, ‘किसने यह नरसंहार किया और क्यों? एक ओर सैकड़ो हिंदू कारसेवक मारे गए, साथ ही मुंबई बम धमाकों में दोनों पक्ष (हिंदू एवं मुस्लिम समुदाय) के सैकड़ों लोग मारे गए. अगर फैसला सुप्रीम कोर्ट को ही करना था तो यह नरसंहार एवं खूनखराबा क्यों?’ उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने आगे पूछा कि क्या बीजेपी- आरएसएस इन हत्याओं और खूनखराबे की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है.

संपादकीय में कहा गया, ‘सिखों के नरसंहार (1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद) के लिए जिस तरह से कांग्रेस को माफी मांगनी पड़ी उसी प्रकार हमें भी उन लोगों की भावनाओं को समझना होगा जो हिंदुओं के नरसंहार के लिए (बीजेपी से) माफी की मांग करते हैं.’

जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान

ख़बर: नरेश शर्मा भारद्वाज

पंजाब में PM मोदी का नया नारा- जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान, ….
..पंजाब में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि विज्ञान ने देश के विकास में उल्‍लेखनीय योगदान दिया है। विज्ञान को सामान्‍य लोगों से जोड़ना होगा और देश के उन्‍नति के लिए सस्‍ते व कारगर तकनीक विकसित करनी होगी। उन्‍होेंने सस्‍ती तकनीक और कारगर इस्‍तेमाल का मंत्र दिया। इसके साथ ही उन्‍होंने देश के लिए नया नारा दिया- जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान’।……………

पीएम मोदी ने जालंधर में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू ) 106वीं इंडियन साइंस कांग्रेस का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री पहले आदमपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे और वहां से हेलीकाप्‍टर से एलपीयू पहुंचे। उनका यहां पहुंचने पर भव्‍य स्‍वागत किया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि साइंस को सामान्‍य लोगों से जाेड़ना होगा। हमें दुनिया की लीडरशिप लेने के लिए बहुत कुछ करना है। लोगों के जीवन के सभी पहलुओं को आसान बनाने के लिए काम करना होगा। विज्ञान का देश की प्रगति और लोगों के कल्‍याण में बहुत महत्‍व है। आज जरुरी है कि कम कीमत मेें कारगर तकनीक विकसित किए जाने की जरूरत है।